स्वस्थ्य समाज के निर्माण में हेल्थ पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका
गुरुग्राम। स्वस्थ्य समाज के निर्माण में हेल्थ पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय लड़ाई में चिकित्सा विज्ञान पर आधारित शोधपूर्ण, विश्लेषणात्मक और खोजपूर्ण पत्रकारिता समय की ज़रूरत है। जन-जागरूकता और सामाजिक चेतना के सहारे किसी भी संकट से बाहर निकला जा सकता है।
आज गुरुग्राम स्थिर द्रोणाचार्य कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग द्वारा ‘मीडिया और संचार: कोविड -19 और उससे आगे’ विषयक राष्ट्रीय वेबिनार वक्ताओं ने उपरोक्त बातें कहीं। इस कार्यक्रम में पंजाब, हिमाचल, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा सहित अन्य राज्यों छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. पूजा खुल्लर ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा खंभा है।कोरोना संकट के इस दौर में सरकार ने सराहनीय कार्य किए हैं। मीडिया की भी भूमिका सकारात्मक और सराहनीय रही है।
प्रोफ़ेसर के.एस. चौहान ने कहा कि मुख्यधारा का मीडिया राष्ट्रीय आपदा के इस घड़ी में लोकप्रिय रिपोर्टिंग करने में असफल रहा है। भूखे-प्यासे मज़दूर और श्रमिकों का सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने की जितनी रिपोर्टिंग सोशल मीडिया द्वारा की गयी, उतनी मुख्यधारा के मीडिया द्वारा नहीं की गयी।
डॉ भार्गवी ने कहा कि मीडिया की भूमिका बहुत सराहनीय नहीं रही है। मुठ्ठीभर पत्रकार ही ज़मीनी रिपोर्टिंग कर रहे हैं। कई पत्रकारों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ नागरिक संस्थानों के साथ जुड़कर छात्र और शिक्षक लोगों का सहयोग कर रहे हैं।
इग्नू के प्रो.प्रमोद कुमार मेहरा ने कहा कि कोरोनावायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। हमें इस संकट में संतुलन बनाए रखना चाहिए। एक दिन हम ज़रूर इससे बाहर निकल आयेंगे।
इग्नू स्थित पत्रकारिता विद्यापीठ के शिक्षक डॉ. रमेश यादव ने कहा कि मीडिया का मुख्य कार्य जनता को सूचित और शिक्षित करना है। उपरोक्त दोनों मोर्चे पर मुख्यधारा का मीडिया ईमानदारी से अपनी भूमिका का निर्वाह करने में कमजोर दिखा। कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सा विज्ञान पर केन्द्रित सटीक,, शोधपूर्ण, विश्लेषणात्मक और खोजपूर्ण रिपोर्टिंग की बहुत ज़रूरत है।
सहायक प्रोफ़ेसर डॉ सचिन ने ग्रामीण पत्रकारिता की प्रासंगिकता पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भूप सिंह गोड़ ने सर्वप्रथम वक्ताओं, शिक्षकों और छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोनावायरस के रोकथाम में हरियाणा सरकार ने शिक्षकों और छात्रों का काफ़ी सहयोग लिया।उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षकों, वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर नीति निर्माण करना चाहिए।
अंत में हुई परिचर्चा प्रो.ओपी मोगा, डॉ महिन्द्रर, डॉ. जयिता चक्रवर्ती, डॉ. दिनेश, डॉ. संजय जोशी, डॉ. हनी कुमार, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. बलविन्दर, डॉ. मीनाक्षी पांडे और कॉलेज के अन्य शिक्षकों ने सक्रिय तौर पर भाग लिया।