शनिवार, 16 मई 2020

2 अजन्मे सहित 3 ने अभाव में दम तोड़ा

तड़पते हुए गर्भवती व दो अजन्मों ने दम तोड़ा
गरौठा विधायक के हस्तक्षेप पर बनी जांच कमेटी, कार्रवाई की मांग


झांसी। प्रदेश सरकार भले ही लाक डाउन के चलते किसी भी तरह की बीमारी से ग्रस्त को इलाज सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया जाता रहे पर हकीकत इसके विपरीत है। कोरोना के डर से झांसी महानगर में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं। महानगर में निजी अस्पताल खुल नहीं रहे, सरकारी अस्पताल मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे हैं।गर्भवती, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर व अन्य बीमारियों के शिकार मरीजों को भी समय से उपचार नहीं मिल रहा। बुंदेलखंड के प्रमुख एम एल वी मेडिकल कॉलेज में बीमार इलाज के लिए तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं, किंतु चिकित्सकों द्वारा अन्य रोगों से ग्रस्त मरीजों को भी कोरोना संक्रमित होने के संदेह के डर से इलाज नहीं कर अपने हाल पर छोड़ दिया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर मरीजों को पहले कोविड वार्ड भेजा रहा है, किंतु वहां इलाज के लिए तड़पते रहते हैं, इस हालत के चलते शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में चार मरीजों का जिंदगी ने साथ छोड़ दिया। इसमें एक ऐसी गर्भवती भी थी जिसके गर्भ में आठ माह के जुड़वां बच्चे थे। इस प्रकरण में गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत के हस्तक्षेप के बाद जांच समिति का गठन कर दिया गया है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन महिला की मौत से पल्ला झाड़ लिया है।


दरसल, थाना समथर के कडूरा गांव निवासी अजीत सिंह राजपूत की पत्नी दीपिका (26) आठ महीने की गर्भवती थी। बृहस्पतिवार को दीपिका प्रसव वेदना से तड़पने लगी। हालत बिगड़ी तो उसे झांसी के एक निजी अस्पताल लाया गया, किंतु वहां डॉक्टर नहीं होने के कारण स्टाफ ने उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया। इसके बाद परिजन गर्भवती को लेकर रात लगभग 11 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंच गए, किंतु डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती नहीं किया। इलाज नहीं मिलने से दीपिका की तबीयत बिगड़ती चली गई और उसे पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। बार-बार कहने पर दीपिका को एक इंजेक्शन लगा दिया और स्टाफ ने परिजनों से कहा कि सुबह आठ बजे डॉक्टर आएंगी वो देखकर ही भर्ती करेंगी। शुक्रवार की सुबह सात बजे दीपिका ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इससे परिवार में कोहराम मच गया। मामले की सूचना मिलने पर गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने तत्परता दिखाते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन व जिलाधिकारी से फोन पर सम्पर्क कर चिकित्सकों द्वारा इलाज में भर्ती गई लापरवाही पर रोष व्यक्त करते हुए कार्रवाई करने के लिए कहा। इसके बाद मामले की जांच के लिए कॉलेज प्रशासन ने तीन सदस्यीय समिति का गठन तो कर दिया, किंतु सफाई देने में समय नहीं लगाया। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि डॉक्टर पीपीई किट पहनकर लगातार डिलीवरी करा रही थीं। जैसे ही एक डॉक्टर डिलीवरी के बाद फ्री हुईं तो उन्होंने मरीज को बुलाया तब तक गर्भवती और उसके परिजन चिकित्सालय में नहीं थे।


विधायक के कड़े रुख को देखते हुए बेकफुट पर आए प्रशासन ने गर्भवती के शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया।पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे गरौठा विधायक से परिजनों इलाज न करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विधायक ने उन्हें कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है। इस मामले में मृतका के पति अजीत ने नवाबाद थाने में तहरीर देते हुए बताया कि उसकी पत्नी के पेट में दो बच्चे थे। ऐसे में तीनों की मौत नहीं बल्कि हत्या की गई है। इसके सीधे जिम्मेदार कॉलेज प्रशासन, डॉक्टर और स्टाफ है। विधायक ने भी इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को ही एक और बीमार ने इलाज नहीं मिलने पर दम तोड़ दिया जब कि उसका पुत्र चिकित्सकों को पुकारता रहा, किंतु किसी ने उसकी गुहार नहीं सुनी और पुत्र के सामने पिता की सांसें थम गई।


महाराष्ट्र में 21 हजार से ज्यादा मामले

मुंबई। महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस (COVID-19) के 1576 नए मामले सामने आए और 46 लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार राज्य में 21 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। 6500 से ज्यादा लोग ठीक हो गए हैं। मंबई में 17 हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हो गई है। भारत में अभी तक 81,970 मामले सामने आ गए हैं। इनमें 51,401 एक्टिव केस है। 27,919 लोग ठीक हो गए हैं और 2649 लोगों की मौत हो गई।


योग जागृति से संक्रमण पर रोक

समाजसेवी इन दिनों लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव हेतु योग के जरिए कर रहे हैं जागरूक


 नीरज(मोनू)पाल कि रिपोर्ट


जहानाबाद/फतेहपुर।  जनपद के अंतर्गत जहानाबाद क्षेत्र में कस्बा जहानाबाद स्थित मेडिकल स्टोर संचालक समाजसेवी कर्मयोगी *ओम प्रकाश पाल* अपने साथियों के साथ विश्व में चल रही करोना वायरस संक्रमण की महामारी के बीच लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें योग्य के प्रति प्रेरित करते हुए नजर आ रहे हैं। डॉ ओम प्रकाश पाल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कोरोनावायरस संक्रमण से दूर रहने के लिए सभी को योग के प्रति स्वाबलंबी होना चाहिए जिसके चलते लोग महफूज रह सके उन्होंने कहा योग से असाध्य रोगों को भी नष्ट किया जाता है,विश्व की प्राचीन मान्यता को विज्ञान ने माना है साधारण से लगाकर असाध्य रोग भी योग के माध्यम से खत्म किए जा सकते हैं।उन्होंने कहा आज डायबिटीज जैसी बीमारी आम हो गई है जिसे योग के रास्ते खत्म की जा सकती है उन्होंने कहा कोरोना वायरस संक्रमण को दूर रखने हेतु सामजिक दूरी के साथ-साथ सभी को योग से जोड़कर संक्रमण से लड़ने की क्षमता योग प्रदान करता है। इस मौके में दिवाकर अवस्थी उर्फ ललन अवस्थी, राम सजीवन कुशवाहा, कन्हैयालाल बाजपेयी ,कमल दीक्षित आदि लोग आम जनमानस को जागरूक करने के लिए लोगों को योग के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।


पीएम की संवेदना, योगी ने संज्ञान लिया

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के औरैया में भीषण सड़क दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। दरअसल शनिवार को औरैया जिले में एक ट्रक और डीसीएम की टक्कर हो गई। इस हादसे में 23 मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 15 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए है। इस घटना पर पीएम मोदी ने ट्वीट करके लिखा कि उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद ही दुखद है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।


यूपी सीएम योगी ने लिया संज्ञान :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया में हुए हादसे का संज्ञान लेते हुए जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने कमिश्नर और आईजी कानपुर को घटनास्थल का दौरा कर दुर्घटना के कारणों की तत्काल रिपोर्ट देने को कहा है।
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख की घोषणा :
इसके अलावा घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक परिवार को 2-2 लाख रुपए एवं घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।


राजस्थान में संक्रमितो में हुआ इजाफा

नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर जारी है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 4 हजार से अधिक हो गई है। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में आज यानी शनिवार सुबह नौ बजे तक कोरोना पॉजिटिव के 91 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 4838 हो गई है। इसमें से 1941 सक्रिय हैं और 125 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। आज भी वहां 55 नए केस मिले हैं। इसके बाद जिले में कोरोना मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1440 हो गई है। 


स्वास्थय विभाग के अनुसार शनिवार को भीलवाड़ा में एक, डूंगरपुर में 21, जयपुर में 55, झुनझुनु में एक, उदयपुर में 9 और सिरोही में दो, कोटा और अजमेर में एक-एक नए केस मिले हैं। जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 63 हो गया है जबकि जोधपुर में 17 और कोटा में 10 रोगियों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में रोगी किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ साथ 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।


अगले आदेश तक एनपीआर पर रोक

कोरोना की वजह से यूपी में NPR पर रोक
राज्य ने जिलाधिकारियों को काम रोकने को कहा
कोरोना की जद में उत्तर प्रदेश के सभी जिले
लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से उत्तरप्रदेश सरकार ने एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। राज्य के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार को एनपीआर पर रोक का आदेश जारी किया है।


यूपी में एनपीआर पर रोकः सरकारी आदेश के मुताबिक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2021 के पहले चरण के लिए चल रहे काम को रोक दिया गया है। इस बाबत सभी जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को आदेश की कॉपी भेज दी गई है। आदेश के मुताबिक अग्रिम आदेश तक उत्तर प्रदेश में एनपीआर की प्रक्रिया से जुड़े सभी काम स्थगित रहेंगे । नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में राजनीतिक जंग की एक बड़ी वजह बनी हुई है। विपक्ष समेत कई मुस्लिम संगठन एनपीआर का लगातार विरोध कर रहे हैं।


क्या है एनपीआरः सरकार के मुताबिक एनपीआर का उद्देश्य देश के सभी निवासियों के व्यक्तिगत ब्योरे हासिल करना है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में देश के सभी ‘सामान्य निवासियों’ का विवरण शामिल किया जाएगा, चाहे वे नागरिक हों या गैर नागरिक। इस रजिस्टर में व्यक्ति का नाम, परिवार के मुखिया से उसका संबंध, सामान्य निवास का वर्तमान पता, वर्तमान पते पर रहने की अवधि, स्थायी निवास जैसी जानकारी इक्टठा की जाएगी।


कोरोना की जद में यूपी के सभी जिले


बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को हापुड़ में 10, मेरठ में नौ, प्रयागराज में 7 नए मरीज मिले हैं, जिसके बाद यूपी में संक्रमितों की संख्या 4057 हो गई है। प्रदेश के सभी 75 जिले अब कोरोना की जद में आ चुके हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में 159 नए मरीज सामने आए हैं।


भारत में संक्रमण ने चीन को पछाड़ा

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत ने पिछले 24 घंटों में कोरोना के संक्रमण के मामले में चीन को पछाड़ दिया है। भारत में अब तक कोरोना के 85 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कुल 2700 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय(Ministry of Health & Family Welfare) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में 3970 मामले सामने आए हैं। इस दौरान कुल 103 लोगों की मौत हो चुकी है।


स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में शनिवार(16 मई) सुबह 8 बजे तक कुल 85,940 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 53,035 मरीजों का फिलहाल अस्पतालों में इलाज चल रहा है, वहीं 30,153 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं देश में 2752 मरीजों की कोरोना से अब तक मौत हो चुकी है।


महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित


देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के अब तक कुल 29,100 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में कोरोना से अब तक 6524 मरीज ठीक हो चुके हैं, वहीं 1068 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर है। यहां अब तक कुल 10,108 मामले सामने आ चुके हैं। 2599 मरीज ठीक हो चुके हैं, वहीं राज्य में 71 मरीजों की मौत हो चुकी है।


यूपी सड़क दुर्घटना में 24 लोगों की मौत

औरैया। घटना शनिवार तड़के 3.30 तीन बजे की है। 24 मजदूरों की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। घटना के वक्त अंधेरा था, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी दिक्कत आई। प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने मदद की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।


नींद में था ट्रक ड्राइवर, डीसीएम में मारी टक्करघटनास्थल पर ही हुई 24 की मौत, कई लोग जख्मी
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में प्रवासी मजदूरों से भरी डीसीएम में ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे 24 मजदूरों की मौत हो गई. इस घटना में 15 लोग घायल हैं। घायलों को जिला अस्पताल व सैफ़ई पीजीआई भेजा गया है। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को रेस्क्यू कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, मजदूरों को लेकर आ रही डीसीएम में ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग लोग घायल हैं। सभी घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। डीसीएम सड़क पर खड़ी थी तभी ट्रक ने उसमें टक्कर मार दी। औरेया की एसपी सुनीति सिंह और कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद है। पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी है। जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं उनको कानपुर के हैलट अस्पताल में रेफर किया गया है। घटना को देखते हुए मृतकों की संख्या में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है।


घटना शनिवार तड़के 3.30 तीन बजे की है. 24 मजदूरों की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। घटना के वक्त अंधेरा था, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी दिक्कत आई। प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने मदद की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने सभी घायलों को फौरन उचित इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कानपुर के कमिश्नर और आईजी को निर्देश दिया के वे घटनास्थल का दौरा करें और जल्द से जल्द घटना के कारणों की रिपोर्ट दें। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


हाल के दिनों में घटनाएं बढ़ीं


हाल के दिनों में पैदल घर के लिए निकले मजदूरों के साथ कई घटनाएं हुई हैं। दो दिन पहले यूपी के मुजफ्फरनगर और मध्य प्रदेश के गुना में ऐसी ही घटनाएं हुईं जिसमें कई मजदूर मौत के शिकार हुए और कई घायल हुए। शुक्रवार को एक घटना महोबा में सामने आई। महोबा जिले के झांसी-मिर्जापुर हाइवे पर शुक्रवार को गुजरात से झारखंड जा रहा मजदूरों से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर हाइवे किनारे पलट गया। इस दुर्घटना में ट्रक पर सवार झारखंड के सभी 67 मजदूर बाल-बाल बच गए। तीन मजदूरों को मामूली चोटें आईं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।


इससे पहले मुजफ्फरनगर में बुधवार देर रात 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। मजदूरों को कुचलने वाले रोडवेज बस के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में पता चला है कि ड्राइवर नशे में था। फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बुधवार रात करीब 22.30 बजे रोहना टोल की तरफ आ रही रोडवेज बस आ रही थी। बस का ड्राइवर नशे में था और बस को तेजी व लापरवाही से चला रहा था। उसने पैदल घर जा रहे मजदूरों को रौंद दिया। इस हादसे में 6 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 4 मजदूर घायल हो गए हैं. दो की हालत गंभीर है। ऐसा ही एक हादसा आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में हुआ। यहां पर 30 मजदूरों को ले जा रहा एक ट्रैक्टर हाई टेंशन पोल की चपेट में आ गया। इस हादसे में 9 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि कई घायल बताए हैं। घायलों को इलाज के लिए पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 17, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-280 (साल-01)
2. रविवार, मई 17, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:05।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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शुक्रवार, 15 मई 2020

2649 की मौतें, संक्रमित-81,970

शुक्रवार को कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 81 हजार, 970 पहुंच गई है।
देश में कोरोना से अबतक 27 हजार, 919 लोग ठीक हो गए हैं।


नई दिल्ली। देश में कोरोना पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन किया गया है। इसके बावजूद भी संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 81 हजार, 970 पहुंच गई है। हालांकि राहत की बात यह है कि 27 हजार, 919 लोग ठीक हो गए हैं। इस समया कोरोना के 51 हजार, 401 मामले सक्रीय हैं। वहीं, अबतक 2649 लोगों की मौत हो गई है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है।  संक्रमित संख्या 80 हजार के पार हो गई है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना से पिछले 24 घंटों के दौरान 100 लोगों की मौत हुई है, जबकि 3967 नए मामले आए सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 51401 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि अब तक 27919 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और एक मरीज देश से बाहर जा चुका है। अब तक 33.63 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।


आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक 1019, गुजरात में 586, मध्य प्रदेश में 237, पश्चिम बंगाल में 215, राजस्थान में 125, दिल्ली में 115, उत्तर प्रदेश में 88, तमिलनाडु में 66 और आंध्र प्रदेश में 48 लोगों की मौत हुई। तेलंगाना में 34, कर्नाटक में 35, पंजाब में 32, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 11-11 तथा बिहार में सात और केरल में 4 लोगों की मौत हुई। 


मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार झारखं और ओडिशा में कोविड-19 से तीन-तीन लोगों की मौत हुई। वहीं हिमाचल प्रदेश और असम में दो-दो लोगों की मौत हुई। मेघालय, उत्तराखंड और पुडुचेरी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। 


इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिये भविष्य की तैयारियों, प्रतिक्रियाओं और नयी परिस्थितियों के अनुकूल ढालने के लिए विकासशील देशों की मुख्य क्षमताओं का निर्माण और उन्हें मजबूत बनाना जरूरी है। हर्षवर्धन ने वीडियो लिंक के जरिये राष्ट्रमंडल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की 32वीं बैठक में सभी मौजूदा और नए चिकित्सा उत्पादों तथा प्रौद्योगिकियों तक सार्वभौमिक और किफायती पहुंच पर जोर दिया है। 


एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है, कोरोना वायरस से निपटने के लिये निष्पक्ष और न्यायसंगत ढंग से इनकी उपलब्धता होनी चाहिये।'' इस बैठक का विषय 'कोविड-19 को राष्ट्रमंडल देशों की प्रतिक्रिया' था। हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक सरकार के सक्रिय समर्थन से टीके, दवाओं, नैदानिक किट और विभिन्न जीवन रक्षक उपकरण विकसित कर रहे हैं। भविष्य की तैयारियों, प्रतिक्रिया और नयी परिस्थितियों के अनुकूल ढालने के लिए विकासशील देशों की मुख्य क्षमताओं का निर्माण और उन्हें मजबूत करना जरूरी है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन को लागू किया गया। इसका उद्देश्य बीमारी के विस्फोटक प्रसार को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था श्वास संबंधी दिक्कतों के मामलों में तेजी से वृद्धि का सामना करने में सक्षम हो।


'राष्ट्रपति' वेतन का 30% दान करेंगे

नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कोविड-19 संकट के मद्देनजर एक वर्ष तक अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा दान करेंगे। आत्मनिर्भर भारत मुहीम का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति भवन द्वारा कहा गया है कि वो अपने संसाधनों के इस्तेमाल में कटौती करेगा और कोविड-19 को लेकर मदद करने में अपना योगदान देगा।


राष्ट्रपति ने खर्च को कम करने, संसाधनों का बचाकर उपयोग करने, कोविड-19 का मुकाबला और लोगों की आर्थिक दुर्दशा को कम करने के लिए निर्देश दिए हैं। राष्ट्रपति के अनुमान में, यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की दृष्टि को साकार करने के लिए एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण योगदान होगा और देश को महामारी से लड़ने और विकास और समृद्धि की हमारी यात्रा को एक साथ जारी रखने के लिए सक्रिय करेगा।


राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों से खर्चें कम करने और बचे हुए पैसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देने को कहा है। राष्ट्रपति भवन अपने खर्च को कम करने के लिए कई उपाय करेगा। जिसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में कोई नया पूंजीगत कार्य नहीं किया जाएगा। केवल पहले से चल रहे कामों को ही पूरा किया जाएगा। मरम्मत और रखरखाव का काम केवल संपत्ति के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।


कार्यालय उपभोग्य सामग्रियों के उपयोग में पर्याप्त कमी होगी। उदाहरण के लिए, राष्ट्रपति भवन अपव्यय से बचने और कार्यालय को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए कागज के उपयोग में कटौती करने के लिए ई-तकनीक का उपयोग करेगा। उनके उपयोग को तर्कसंगत बनाकर ऊर्जा और ईंधन की बचत के प्रयास किए जाएंगे। राष्ट्रपति ने लिमोजीन की खरीद को स्थगित करने का फैसला किया है जो कि औपचारिक अवसरों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. राष्ट्रपति भवन और सरकार के मौजूदा संसाधनों को ऐसे अवसरों के लिए उपयोग किया जाएगा।


राष्ट्रपति का 1 ओर 'सराहनीय कदम'

पालमपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से कोरोना संकट के समय एक बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने पूरे देश को रास्ता दिखाने की कोशिश की है। पूरे देश को उनकी इस सराहनीय पहल को अपने-अपने स्थान पर लागू करना चाहिए। कोरोना संकट के कारण पूरे देश में प्रत्येक वर्ग पर आर्थिक मंदी की सबसे बड़ी समस्या होगी। कोरोना संकट लंबा चलेगा। हर परिवार, समाज और सरकारों को आर्थिक मंदी का मुकाबला करने के लिए बचत के सुनहरी असूलों को अपनाना होगा। सबके लिए सबसे जरूरी यह मंत्र है कि अब केवल जरूरत और आवश्यकता के अनुसार ही खर्च करना होगा। न सुविधा, न आराम और शानो शाैकत तो अब एक बहुत बड़ा अपराध और पाप हो जाएगा।


राष्ट्रपति ने 30 प्रतिशत अपने वेतन की कटौती के साथ राष्ट्रपति भवन के खर्च में 20 फीसद की कटौती का निर्णय किया है, इससे 45 करोड़ रुपये की बचत होगी। वह अपने लंबे अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि सभी सरकारों में सभी जगह भयंकर फिजूलखर्ची होती है। भयंकर शब्द का प्रयोग जानबूझ कर किया है। अति गरीब देश की सरकारें कर्इ बार नवाबी तरीकों से खर्च करती हैं। शांता कुमार ने कहा मैं विस्तार में नहीं जाना चाहता। 1977 में सब प्रकार की बचत करके छोटे से हिमाचल में दो साल में 50 करोड़ रुपये की बचत की थी। इस प्रकार कर्इ लाख करोड़ रुपये बचेंगे। भारत सरकार का कुल बजट करीब 30 लाख करोड़ रुपये का है। गैर योजना 25 लाख करोड़ का। यदि इसमें 20 प्रतिशत की बचत की जाए तो भारत सरकार ही 5 लाख करोड़ की बचत कर सकती है।


हिमााचल सरकार का वार्षिक बजट लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का है, उसमें गैर योजना 40 हजार करोड़ रुपये है। यदि हिमाचल 20 प्रतिशत की बचत करे तो छोटे से हिमाचल की बचत ही 8 हजार करोड़ रुपये हो जाएगी। इसी तरह पूरे देश की सभी राज्य सरकारें 20 प्रतिशत बचत कर सकती हैं। उन्होंने केंद्र समेत प्रदेश की सरकारों से आग्रह किया है कि वे अपने गैर योजना बजट में कम से कम 20 प्रतिशत की कटौती का निर्णय अति शीघ्र करें। इस कदम से देशवासियों को एक बहुत अच्छा संदेश जाएगा।


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