मुंबई। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने उद्धव ठाकरे को विधान परीषद में मनोनीत करने की दूसरी बार सिफारिश की थी और इसी सिलसिले में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सदस्य मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मिले थे, जिसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा बयान दिया है, फडणवीस ने कहा कि भाजपा पीछे के दरवाजे से घुसकर राजनीति करने में कोई रुचि नहीं रखती है।
मैं बस यह कहना चाहूंगा कि राज्यपाल जो भी फैसला लेंगे वो संवैधानिक नियमों के अनुरूप और उचित होगा, उद्धव ठाकरे को परिषद में मनोनीत करने और सीएम के रूप में जारी रखने के लिए भाजपा बहुत खुश होगी क्योंकि बीजेपी राज्य में अस्थिरता नहीं चाहती है। मालूम हो कि ऐसी खबर है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है, दरअसल उद्धव ठाकरे के विधान परिषद में राज्यपाल नामित सदस्य के तौर पर नियुक्ति का निर्णय फिलहाल राजभवन में लंबित है, ठाकरे ने पीएम मोदी से इस बारे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से बात कर अपना रास्ता साफ कराने का आग्रह किया है।
‘राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिशें की जा रही है’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से फोन पर बात कर उन्हें बताया कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिशें की जा रही है। कोरोना संकट के चलते राज्य में विधानसभा या विधान परिषद का उप-चुनाव अभी संभव नहीं है। ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वह अपने कोटे से मुख्यमंत्री को विधान परिषद के लिए मनोनीत करें, दरअसल राज्यपाल के पास विधान परिषद में दो सदस्यों करने को मनोनीत करने का अधिकार है। हालांकि, राज्यपाल ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। अगर राज्यपाल एक महीने के भीतर ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत नहीं करते हैं, तो उनका मुख्यमंत्री बने रहना संभव नहीं होगा और इस्तीफा देना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि उद्धव की बातें सुनकर पीएम मोदी ने उन्हें मामले को जल्द देखने की बात कही है।