बुधवार, 29 अप्रैल 2020

जल्दी आत्मनिर्भर होंगे हमः हर्षवर्धन

नई दिल्ली। पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और उसके स्वायत्त संस्थानों (एआई और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) बीआईआरएसी तथा बीआईबीसीओएल द्वारा कोविड संकट से निपटने के लिए विशेष रूप से वैक्सीन, तथा स्वेदशी रैपिड टेस्ट और आरटी पीसीआर नैदानिक किट विकसित करने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि स्वदेशी रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीएस डायग्नोस्टिक किट बनाने के मामले में मई 2020 तक हमारा देश आत्मनिर्भर हो जाएगा। इस दौरान आनुवांशिक अनुक्रमण के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ये अनुवांशिक अनुक्रमण के प्रयास मुझे 26 साल पहले के पोलियो उन्मूलन अभियान की याद दिलाती है। उस समय भी, पोलियो वायरस के संक्रमण की अवस्थाओं को उजागर करने के लिए आनुवांशिक अनुक्रमण का उपयोग किया गया था, जिसने अंततः पोलियो के उन्मूलन में मदद की।


डॉ. हर्षवर्धन ने 150 स्टार्ट अप्स को दी जा रही मदद के लिए बीआईआरएसी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस मौके पर बीआईबीसीओएल के एक सार्वजनिक उपक्रम द्वारा बनाया गया हैंडसैनिटाइजर भी जारी किया डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "इस सैनिटाइजर की प्रत्येक बोतल की  बिक्री  से मिलने वाली रकम में से एक रुपया पीएम केयर्स कोष में जाएगा"। वहीं डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि डीबीटी ने कोविड से निपटने के लिए तत्काल समाधान के साथ ही साथ दीर्घकालिक तैयारियों के लिए एक बहु-आयामी अनुसंधान रणनीति और कार्य योजना तैयार की है। इस बहुपक्षीय प्रयासों में कोविड के लिए फ्लू जैसा टीका विकसित करने के साथ ही होस्ट और पैथोजन पर स्वदेशी डायग्नोस्टिक्स जीनोमिक अध्ययन शामिल है। जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने डायग्नोस्टिक्स, टीके, नोवेल थैरेप्यूटिक्स, तथा दवाओं को अन्य तरह से इस्तेमाल या किसी और तरह के उपाय अपनाए जाने के लिए एक कोविड अनुसंधान  कंसोर्टियम बनाए जाने की बात कही है।वीडियो कान्फ्रेंसिंग में डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप,कई वरिष्ठ अधिकारी ,वैज्ञानिक तथा बीआईआरएसी और बीआईबीसीओएल के भी कई बड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
सात दिन, 80 जिले, कोई नया मरीज नहीं


इससे पहले डॉ हर्षवर्धन ने एक राहत की खबर दी। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के दौरान देश के 80 जिलों में एक भी नया केस नहीं आया है। 47 जिले ऐसे हैं, जहां बीते 14 दिन में कोई मामला नहीं मिला है। उन्होंने आगे बताया कि 39 जिलों में 21 दिन से कोई मामला नहीं मिला है। वहीं, बीते 24 घंटे में 16 जिलों में कोई नया केस नहीं आया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया, देश के 300 जिले हॉटस्पॉट नहीं है, जबकि 129 जिले कोरोना के मरीज मिलने के बाद हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं।


प्रेगनेंसी में लाभदायक भ्रामरी प्राणायाम

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है. मॉर्निंग सिकनेस, ब्लड प्रेशर का कम होना, कभी ब्लड प्रेशर का ज्यादा होना, खून की कमी, रात को नींद न आना, चक्कर जैसी समस्याएं प्रेग्नेंसी में बहुत ही आम मानी जाती है. इन समस्याओं के अलावा प्रेग्नेंसी में महिलाएं स्ट्रेस का शिकार हो जाती हैं. गर्भ में पलने वाले बच्चे को हेल्दी रखने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है प्रेग्नेंट मां को हेल्दी रखना.
बढ़ सकता है गर्भपात का खतरा
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा तनाव लेने वाली महिलाओं को गर्भपात का खतरा हो सकता है. डॉक्टर्स का भी मानना है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए. मां द्वारा लिया जाने वाला स्ट्रेस बच्चे पर गहरा असर डाल सकता है. प्रेग्नेंसी में तनाव को कम करने के लिए महिलाएं हेल्दी फूड, हेल्दी ड्रिंक्स और कई चीजों का सहारा लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाएं भ्रामरी प्राणायाम करें तो भी शरीर को स्ट्रेस फ्री रखा जा सकता है. आइए जानते हैं उस प्राणायाम के बारे में…
कब करें भ्रामरी प्राणायाम
के मुताबिक, प्रेग्नेंट महिलाएं यह प्राणायाम सुबह और शाम दोनों ही वक्त कर सकती हैं. प्राणायाम को करते वक्त ध्यान रहे कि आसपास का वातावरण शांत हो.
कैसे करें भ्रामरी प्राणायाम


भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं. इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर कानों तक ले जाएं और अंगूठे के सहारे से कानों को बंद कर लें.


कानों को बंद करने के बाद हाथों की तर्जनी उंगली और मध्यमा, कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर ऐसे रखें जिससे पूरा चेहरा कवर हो जाए. इसके बाद मुंह को बंद करके नाक से हल्की-हल्की सांस को अंदर और बाहर छोड़े.


15 सेकेंड तक ये आसान करने के बाद वापस से नॉर्मल स्थिति में आ जाएं. इस प्राणयाम को 10 से 20 बार दोहराएं. आप चाहे तो शुरुआत में इसे 5 से 10 भी कर सकती हैं.
योग के जानकरों से लीजिए सलाह
प्रेग्नेंसी में प्राणायाम को करने से पहले योग के जानकर या फिर योग गुरू से सलाह अवश्य लें. अगर, आपको किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या है या फिर हाथ पैर पूरी तरह से खींच नहीं रहे हैं तो इस प्राणायाम को करने से बचें.


तबलीगी जमात के नोट 'विशेष'

तबलीगी जमात के "नोट" और ईद की खरीददारी


मैं बुरखे में मुँह छिपाकर किसी को बिना बताये घर के पास वाले बाज़ार से ईद के लिये एक सूट लेने के इरादे से निकली ही थी तो घर से थोड़ी दूर एक बुर्खा नशीन खातून मेरे पास आकर मुझे सलाम करके धीरे से बोली बहन दो दिन से घर में किसी ने खाना नही खाया मेरे शोहर मिनी बस ड्रायवर हैं अभी काम बंद है हम लोग तो अच्छे से खाते पीते थे, खर्च करते थे, ये लाक डाऊन हुआ तो कुछ दिन तो जैसे तैसे गुज़र गये पर अब कुछ भी नही बचा और मांगने में बेहद शर्म आती है, करें तो क्या करें(इतना कह कर वो रोने लगी)मैने महसूस किया की वो अपनी बात कहने में बेहद झिझक और शरमा रही थी और जब वो रोई तो उसके रोने में बेइंतेहा शर्म थी,वो तो उसका दर्द रो दिया और वो रोक न सकी,खैर मैने उसे जल्दी से पर्स में से निकालकर 50 रु दिये और  चल दी बाज़ार अपना ईद का जोड़ा लेने।
  बाज़ार में दुकानदार अपने पड़ोसी दुकानदार से बातों में मशगूल था मैने दुकान के लड़के से ईद के लिये एक अच्छा सा सूट निकालने को कहा, लड़का सूट निकाल रहा था तभी मेरे कानों में दुकानदार की आवाज़ पड़ी तो मेरा सारा शोक, शरम से मर गया मेरा ज़मीर मुझ पर लानत मलामत करने लगा। वो दुकानदार अपने पड़ोसी दुकानदार से कह रहा था।
*भाई साहब भारत में तो कोरोना फैलता ही नही वो तो ये तबलीगी जमात ने फैला दिया,मैने खुद देखा है टी.वी.पर खूब दिखाया हर चेनल ने*
यह सुनकर मेरे दिल,दिमाग़ में बहुत से तूफान उठने लगे, मैं उस दुकानदार से कई सवाल करना चाहती थी, लेकिन कर न सकी?
एक खूबसूरत सूट मुझे पसंद आया था लड़के ने 2200 रु बताए लेकिन उसने खुद ही 2000रु कर दिये और बोला आप तो हमेशा के ग्राहक हो आप के लिये रेट अलग ही रहते हैं।
मैने उसके सेठ यानी दुकानदार से पूछा भाई यह 2000रु. बोल रहा है इसके आप सही लगा दो, बहन जी आपसे कभी ज्यादा ले सकते हैं क्या, रेट बिल्कुल सही लगाया लड़के ने 2000रु.।
*मैने बोला ठीक है मेरे पास जो नोट हैं वो तबलीगी जमात वाले नोट हैं, चलेंगे ना आपको कोई एतराज़ तो नही?*
क्या बहन जी नोट तो नोट हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट,भारत सरकार के नोट?
नही भाई मेरे नोट तबलीगी जमात के ही हैं क्योंकी मेरे शोहर तबलीगी हैं, जमात में गये थे दिल्ली में मर्क़ज़ में ही थे जब लाक डाऊन हुआ तब?
तो ये नोट तबलीगी जमात के ही हुए न? भाई मुझे अभी अभी यह एहसास हुआ की यह नोट मुझे आपको नही देना चाहिये क्योंकि यह नोट तो तबलीगी नोट हैं।
सॉरी भाई माफ करना मैं बाद में फिर कभी आऊंगी, इतना कहकर मैं वहाँ से चल दी, अब मेरी आँखें पूरे रास्ते उस खातून को ढूंढ रहीं थी जिसने मुझसे मदद मांगी थी लेकिन वो कहीं नही दिखी।
मैं बेजान सी अपने घर में दाखिल हुई तो देखा मेरे बच्चे उस खातून को खाना खिला रहे हैं।मुझे देखते ही बच्चे बोले अम्मा यह अब्बा के पहचान वालो की एहलिया हैं, अब्बा इनके लिये खाने पीने का समान लेने गये हैं।
ओह....मैनें रब का शुक्र अदा किया-ऐ अल्लाह तूने मेरी सुन ली, नही तो मैं जिंदगी भर खुद को माफ न कर पाती।
इतने में मेरे शोहर आ गये उन्होने सामान की थैली उस खातून को दी और मुझसे मुखातिब होते हुए बोले यह जावेद की एहलिया हैं वही जावेद जो एक साल पहले मेरे साथ जमात में गये थे।
वो खातून दुआएं देती हुई चली गई तो मैने अपने शोहर से पूछा आप सामान कितने का लाये?
2000रु का, क्यों तुम क्यों पूछ रही हो।
मैने उन्हे 2000रु देते हुए कहा इतना ही सामान और ले आइएगा किसी और जावेद के काम आएगा।
मेरे शोहर बोले जब "जावेद"इतना परेशान हाल है तो उसका क्लीनर "शहाब" किस हाल में होगा वो भी हमारा जमात का साथी था।इतना कहकर वो "शहाब" को फोन लगाने लगे और मैं चल दी शुकराने की नमाज़ पढ़ने।


कोरोना योद्धाओं पर हमला, गैर जमानती

लखनऊ। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से कोरोना वारियर्स पर हमले की लगातार आ रही ख़बरों के बीच सूबे की योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में (Epidemic Act 1867) बदलाव किया है। अब यूपी में भी डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर हमला गैर जमानती अपराध होगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की तरह ही यूपी सरकार ने भी कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं।


एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में बदलाव के बाद अब इसे यूपी महामारी कोविड-19 (प्रथम संशोधन) विनियमावली 2020 कहा जाएगा। प्रदेश सरकार के अनुसार एक्ट में शामिल विनियम 15 में संशोधन किया गया है। अब डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर हमला करने वालों को 7 से 5 साल की कैद व 50 हजार से दो लाख तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। साथ ही गिरफ़्तारी के बाद 6 महीने तक जमानत भी नहीं होगी।


प्रमुख सचिव स्वास्थ्य मोहन प्रसाद ने बताया कि अब इसे यूपी महामारी कोविड-19 (प्रथम संशोधन) विनियमावली 2020 कहा जाएगा। इस विनियमावली को 30 जून तक या अग्रिम आदेश तक लागू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस विनियमावली की किसी भी उपबंध का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, संगठन आईपीसी (अधिनियम संख्या-45 1860) की धरा 188 के अधीन दंडनीय अपराध माना जायेगा। सक्षम प्राधिकारी ऐसे व्यक्ति संस्था व संगठन को दण्डित कर सकता है।


केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है बदलाव


केंद्र सरकार पहले ही यह बदलाव कर चुकी है। इसके लिए 123 साल पुराने महामारी कानून में बड़ा बदलाव कर हिंसा के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बारे में कहा है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई जिस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद उसे कानून में बदल दिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


विधि-विधान से खुले केदारनाथ के पट

नई दिल्ली। कोरोना संकट और देश में लॉक डॉउन के बीच बुधवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गए। हालांकि लॉकडाउन के चलते मंदिर में फिलहाल श्रद्धालुओं की एंट्री पर बैन है। बता दें कि मंदिर में 15 से 16 पंडितों के बीच ही विधि-विधान से पूजा करके पट खोले गए।


 ऐसा पहली बार हुआ होगा जब मंदिर कपाट खुलने के दौरान यहां भक्तों की लाइन नहीं थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चार में से तीन धामों के कपाट खुल गये है। श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके है जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।


पेट के संक्रमण से इरफान का निधन

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का निधन बुधवार को हो गया। अभिनेता इरफान खान को मंगलवार को पेट के संक्रमण के बाद शहर के एक अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनके प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया था कि 53 वर्षीय अभिनेता को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


बॉलीवुड के टैलेंटेड अभिनाताओं में शामिल इरफान खान के यूं अचानक चले जाने से उनके फैंस और बॉलीवुड सेलेब्स सदमे में हैं। दो साल पहले मार्च 2018 में इरफान को न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी का पता चला था। विदेश में इस बीमारी का इलाज कराकर इरफान खान ठीक हो गए थे। बता देकि  2018 में इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था। लंदन में उनका इलाज चल रहा था। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद वह भारत वापस आ गए थे। बीते दिनों उनकी मां का निधन हो गया था। लॉकडाउन के चलते वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे।


जुलाई तक घर से काम करें आईटी क्षेत्र

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों से कहा कि निवेश को बढ़ावा देने वाली पहलों के जरिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में भारत के सामने अपार संभावनाएं हैं और राज्यों को इसका फायदा उठाना चाहिए।


कोरोना वायरस महामारी की पृष्ठभूमि में प्रसाद ने राज्यों के आईटी मंत्रियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही। इस बातचीत के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घर से काम करने की सुविधा के लिए कनेक्टिविटी के नियमों में ढील दी गई है। ये छूट 30 अप्रैल को खत्म होने वाली थी, जिसे अब 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। प्रसाद ने कहा कि राज्यों ने आरोग्य सेतु एप की अत्यधिक सराहना की और उन्होंने भरोसा दिया कि फीचर फोन के लिए इसी तरह के समाधान का विकास होगा और उसे जल्द लॉन्च किया जाएगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार फेक न्यूज की निगरानी कर रहा है और उनसे सख्ती से निपटा जा रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 30, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-263 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 30, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

मान लेते, हालात इतने नहीं बिगड़ते

जिनेवा/नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि अगर दुनिया भर के देशों ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ को लेकर जनवरी में ही उसकी सलाह मानी होती तो इस समय स्थिति इतनी खराब नहीं होती।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने सोमवार को कोविड-19 पर नियमित प्रेस वार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि संगठन ने 30 जनवरी को ही वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जब चीन से बाहर कोरोना वायरस के सिर्फ 82 मामले थे और एक भी मौत नहीं हुई थी। जिन देशों ने उस समय डब्ल्यूएचओ की सलाह मानी, वे आज बेहतर स्थिति में हैं।


उन्होंने कहा, “हम सर्वश्रेष्ठ विज्ञान और साक्ष्यों के आधार पर सलाह देते हैं। कोविड-19 को लेकर हमने 30 जनवरी को सर्वोच्च स्तर के वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी। उस समय दुनिया को डब्ल्यूएचओ की बात ध्यान से सुननी चाहिए थी, क्योंकि सर्वोच्च स्तर का स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया था। आप स्वयं देख सकते हैं कि जिन देशों ने हमारी सलाह मानी आज उनकी स्थिति कहीं बेहतर है। यह सच्चाई है।”


937 लोगों की मौत, 29,975 संक्रमित

937 लोगों की मौत, 29 975 संक्रमित 


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली विश्व में कोरोना वायरस कोविड-19 का कहर लगातार जारी है। अधिकृत आंकड़ों के अनुसार विश्व में अभी तक कुल 2,12,996 मौतें हो चुकी है। विश्व में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 30,89,948 पहुंच गई है। जिन में इजाफा निरंतर जारी है। वहीं भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में अब तक कुल 937 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 29, 975 से अधिक लोग संक्रमित हैं।


वही, राहत की बात यह है कि 7000 से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। देश में वायरस का दुष्प्रभाव सबसे अधिक महाराष्ट्र में पड़ रहा है। महाराष्ट्र में 8590 से अधिक संक्रमित हो चुके है। अकेले मुंबई में 3756 से अधिक संक्रमित है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सीआरपीएफ के 40 जवान संक्रमित हो गए हैं। जिसके चलते दिल्ली में एक नए हॉट स्पॉट बनाने के साथ हॉट स्पॉट की संख्या 100 हो गई हैं। गुजरात में 181 लोगों की मौत से हड़कंप मचा है। संक्रमितो में इजाफा होकर 3734 मामले प्रकाश में आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार 80 जिले में सात दिन से कोई मामला नहीं आया है। 


अंतरराज्यीय परिवहन में सुधार करें

नई दिल्ली। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यों को अंतरराज्यीय परिवहन तेज करने को कहा है, ताकि जरूरी सामानों की आपूर्ति तेज गति से हो पाए। राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ मंगलवार को एक बैठक में गडकरी ने कहा कि अपने-अपने राज्यों में ट्रकों और लॉरियो की आवाजाही को सुधारें, राज्यों की सीमा पर ब्लॉकेज को तुरंत क्लियर करे, और ट्रकों और लॉरियों की आवाजाही को सुनिश्चित करें। 
गडकरी ने राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि देश मे आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए और कोरोना संकट से पार पाने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है। उन्होंने राज्यों से यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएं, क्योंकि अबतक 25 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि अगर भारत को पॉ ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था बनाना है तो सड़क निर्माण पर जोर देना होगा, क्योंकि सड़क निर्माण ही विकास की धुरी है। गडकरी ने राज्यों से अपील की कि कल कारखानों तक श्रमिकों को ले जाने की व्यवस्था की जाए, लेकिन उसमें मेडिकल प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए। उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में उनका मंत्रालय एक हेल्पलाइन जल्द ही जारी करेगा, जिससे इस तरह की समस्याओं का निदान हो सके।”


उन्होंने कहा, “मोदी सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़क निर्माण पर विशेष जोर दे रही है। हमारा लक्ष्य मौजूदा सड़क निर्माण की गति को अगले दो वर्षो में दोगुना या तीन गुना करने का है।” गडकरी ने राज्यों से कहा कि बेहतर पर्यावरण के लिए सार्वजनिक परिवहन को एलएनजी , सीएनजी और ई-व्हिकल में तब्दील करें। उन्होंने इस दौरान राज्यों से अपील की कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एप आधारित दोपहिया वाहन सेवा शुरू की जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्र शहरों के साथ तेजी से जुड़ जाएं। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, इस बैठक में सभी राज्यों के परिवहन मंत्रियों के अलावा सड़क परिवहन राज्य मंत्री वी. के. सिंह, और मिजोरम, हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया।


 


रक्षा क्षेत्र के कार्य प्रारंभ की योजना

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और आयुध कारखानों से कोरोना महामारी के कारण लागू पूर्णबंदी समाप्त होने के बाद संचालन और अन्य गतिविधियों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए जरूरी योजना बनाने को कहा है। राजनाथ सिंह ने आज इन उपक्रमों और कारखानों के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेन्स से बैठक की और कोरोना महामारी से लड़ने की रणनीति के साथ साथ उनकी संचालन योजनाओं की समीक्षा की।


रक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्णबंदी के कारण रक्षा उपक्रमों की गतिविधियां और संचालन प्रभावित हुआ है और इस महामारी से उबरने के बाद इन गतिविधियों को शुरू करने की योजना बनायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोशिश होनी चाहिए कि पूर्णबंदी के कारण जितने समय की बर्बादी हुई है, उत्पादन बढ़ाकर उसकी भरपायी की जाये। पूर्णबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा उपक्रम और आयुध कारखाने निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियों के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।


 


शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  शामली। प्रदेश सरकार के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम संपूर्ण समाधान दिवस का आय...