शनिवार, 25 अप्रैल 2020

आपदा से ग्रस्त फसल बीमा-योजना

नई दिल्ली। वर्ष 2019-20 के खरीफ फसल प्राकृतिक कारणों से नुकसान होने के कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति से किसानो को बचाने के लिए ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई थी। कोरोना वायरस लॉक डाउन के चलते देश में सभी को काफी नुकसानी का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में सर्कार किसानों को इस नुकसानी से बचाने के लिए किसानों को जल्द ही फसल बीमा योजना की सहयता दे रही है। इस फसल क्षतिपूर्ति की भरपाई के तहत फसल बीमा कंपनियां किसानों को बीमा राशि दे रही है।


कुछ राज्यों में राज्य सरकार के तरफ से राज्यांश प्रीमियम नहीं देने के कारण किसानों को फसल बीमा राशि अभी तक नहीं दी गई थी। राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019 के खरीफ फसल की राज्यांश प्रीमियम राशी पिछले माह जमा कर दी थी, जिसके बाद राजस्थान राज्य के 9 जिलों के किसानों को 1240 करोड़ रूपये की बीमा राशी दे दी गई है। शेष किसानों को 1044करोड़ रूपये की बीमा राशी दिया जा रहा है। किसान समाधान फसल बीमा राशी की पूरी जानकारी लेकर आया है।


बाहर का खाना, सेहत खराब

हमारी सेहत ही नहीं बल्कि हमारी सोच, नजरिया और निर्णय लेने की क्षमता कैसी होगी यह सब भी हमारी डायट पर निर्भर करता है। क्योंकि हमारा खाना हमारे ब्रेन की हेल्थ पर सीधा असर डालता है। यहां जानें कि किस तरह की चीजें खाना हमारे दिमाग की सेहत को खराब कर सकता है....
हानिकारक हैं।


जिन ड्रिंक्स को हम एनर्जी ड्रिंक्स और स्पॉर्ट्स ड्रिंक के नाम पर दिन में कई बार लेते हैं वे हमें कितनी एनर्जी देती हैं, इस बारे में तो ठीक-ठीक कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन यह बात जरूर साफ है कि ये ड्रिंक्स हमारे ब्रेन की सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। सोडा, फ्रूट्स ड्रिंक आदि में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। इससे ना केवल वेट बढ़ने के चांस होते हैं बल्कि डायबिटीज टाइप-2 होने का खतरा भी बढ़ जाता है। टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों में या जिन लोगों के ब्लड में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है, उनमें डिमेंशिया यानी याददाश्त कम होना और अल्जाइमर होने के चांस बढ़ जाते हैं।


मलेशिया में स्टार्ट, कार्गो का परिचालन

नई दिल्ली/ कुआलालंपुर। विमानन क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों को केंद्र की ओर से यात्री सेवाओं की शुरुआत करने की घोषणा का इंतजार है। इस बीच इंडिगो ने अपने अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू कार्गो परिचालन का विस्तार करने की योजना बनाई है। इंडिगो की योजना निकट भविष्य में चीन, सिंगापुर और मलेशिया में कार्गो परिचालन शुरू करने की है।


एयरलाइन का बड़े पैमाने पर घरेलू नेटवर्क और भारत में सबसे बड़े विमान बेड़े के रूप में अब कार्गो क्षेत्र में और अधिक विस्तार करने का कदम महत्व रखता है। हालांकि इनमें से अधिकांश उड़ानें चिकित्सा उपकरणों और अन्य आवश्यक सामानों के लिए मुफ्त (फ्री-ऑफ-कॉस्ट) आधार पर संचालित की गई हैं। एयरलाइन के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) विलियम बौल्टर ने आईएएनएस को बताया, कार्गो हमारे लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, क्योंकि यात्री सेवाएं सक्रिय नहीं हैं। हम इस सेगमेंट में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह की कार्गो सेवाओं का संचालन किया है, जो चिकित्सा संबंधी आवश्यक वस्तुओं और अन्य दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं का परिवहन करती हैं। अबू धाबी और मस्कट के लिए हमारी उड़ानों ने भारत की ताजा सब्जियों को वहां के एक प्रमुख खाद्य भंडार के लिए उपलब्ध कराया है। हम इसी तरह के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। एयरलाइन ने पिछले सप्ताह दक्षिण भारत के कोच्चि से मस्कट और अबू धाबी के लिए पहली कार्गो उड़ान सेवा संचालित की थी। इंडिगो ने 18 अप्रैल को पहली बार कोच्चि और अबू धाबी के बीच उड़ान पर कार्गो लदान के लिए विमान के केबिन स्थान का उपयोग किया। खाड़ी देशों के अलावा एयरलाइन की निकट भविष्य में चीन, सिंगापुर और मलेशिया में भी माल ढुलाई की योजना है।बौल्टर ने कहा, अब कार्गो सेवा शुरू करने के लिए मलेशिया, सिंगापुर और चीन हमारी निगाह में हैं। उन्होंने कहा, घरेलू क्षेत्र में भी कार्गो सेगमेंट में हमारी उपस्थिति बढ़ेगी। केंद्र की लाइफलाइन उडान स्कीम के तहत इंडिगो ने अब तक तीन से 22 अप्रैल के बीच 84 टन माल लेकर 35 कार्गो उड़ानें संचालित की हैं। इससे इतर बौल्टर ने कहा कि एयरलाइन केंद्र के साथ लगातार संपर्क में है और यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए सरकार द्वारा सुझाए गए किसी भी स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संबंधी उपायों को लागू करने के लिए तैयार है। वर्तमान में इंडिगो से लेकर पूरा विमानन क्षेत्र ही राष्ट्रव्यापी बंद के बाद बुरे दौर से गुजर रहा है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने सभी तरह की यात्री सेवाओं को निलंबित किया हुआ है। इंडिगो ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को छोड़कर अप्रैल के महीने के लिए किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं काटने का फैसला लिया है।


अमेरिकाः 30-45 साल के बीच की मौतें

वाशिंगटन। अमेरिका के डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस की वजह से 30 से 49 साल के कई लोगों की अचानक मौतें हो रही हैं। इनमें कई लोग ऐसे होते हैं जो बिल्कुल भी बीमार नहीं दिखते और उनमें कोई लक्षण नहीं होता। लेकिन अचानक आए स्ट्रोक्स की वजह से लोगों की मौतें हो रही हैं। न्यूयॉर्क में कई लोगों की मौतें उनके घर में ही हो गईं। अमेरिका: कोरोना के लक्षण नहीं, 30 से 49 साल के लोगों की अचानक हो रहीं मौतें।


वाशिंगटन की रिपोर्ट के मुताबिक, मैनहटन के MSBI हॉस्पिटल के डॉक्टर थॉमस ऑक्सली ने बताया कि उनके एक मरीज ने कोई दवा नहीं ली थी, पहले से कोई दिक्कत नहीं थी। बाकी लोगों की तरह वह मरीज लॉकडाउन में घर में था। अचानक उसे बात करने में दिक्कत महसूस हुई।
अमेरिका: कोरोना के लक्षण नहीं, 30 से 49 साल के लोगों की अचानक हो रहीं मौतें। जांच में पता चला कि वे स्ट्रोक्स के शिकार हुए हैं और उनके सिर में काफी बड़ा ब्लॉकेज हो गया है। जांच में वे कोरोना से भी संक्रमित पाए गए। मरीज की उम्र सिर्फ 44 साल थी।हालांकि, इस तरह के गंभीर स्ट्रोक्स के शिकार होने वाले लोगों की औसत उम्र अब तक 74 साल रही है। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से कम उम्र के लोगों की जान स्ट्रोक्स की वजह से जा रही है।


अमेरिकाः 24 घंटों में 3,176 की मौत

ब्रासीलिया/ वाशिंगटन। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो कोरोना वायरस को हल्की सर्दी-खांसी बोलकर उसके खतरे को कम कर आंक रहे थे और अब हालत यह है कि यहां मनौस के एक अस्पताल के रेफ्रिजरेटर ट्रक में शवों के ऊपर शव रखे हैं और बुलडोजरों को सामूहिक कब्र बनाने में लगा दिया गया है। यहां दैनिक मौतों का आंकड़ा 20 से बढ़कर 100 हो गया है। देश में 2,900 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 45,000 की संख्या को पार कर चुका है। उधर, लॉकडाउन हटाने को लेकर देश में जारी प्रदर्शनों को राष्ट्रपति भी समर्थन दे रहे हैं।


सबसे ताकतवर देश पर दोहरी मार...बेरोजगार हो सकते हैं 4 करोड़। अमेरिका में 24 घंटों में 3,176 लोगों की मौत के साथ कुल मृतक आंकड़ा पिछले 10 दिन के अंदर दोगुना होकर 50 हजार के पार पहुंच गया है। देश में रोजाना 2000 लोगों की औसतन मौत हो रही है। दुनिया में कोरोना से जान गंवा चुके 1.95+ लाख से अधिक लोगों में यह सर्वाधिक संख्या है। अमेरिका में मौत का असली आंकड़ा माना जा रहा है कि 50 हजार से भी कहीं ज्यादा है, क्योंकि ज्यादातर राज्य केवल अस्पतालों में मरने वाली संख्या को ही रिपोर्ट कर रहे हैं और घरों में मरने वालों का आंकड़ा इसमें नहीं जोड़ा जा रहा है।सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, देश में हर साल फैलने वाले सीजनल फ्लू से पिछले 9 सीजन में से 7 को मिलाकर भी कोरोना वायरस के बराबर मौत नहीं हुई हैं। फ्लू से 2011-12 में सबसे कम 12 हजार और 2017-18 में सबसे ज्यादा 61 हजार मौत दर्ज की गई थी। हालांकि कोरोना वायरस का आंकड़ा साल 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के कहर से बहुत पीछे है, जिसने 6.75 लाख अमेरिकी नागरिकों की जान ली थी। कोरोना वायरस के आंकड़े ने 1950-53 के बीच हुए कोरियाई युद्ध में मारे गए 36,516 अमेरिकियों की संख्या को भी बहुत ज्यादा पीछे छोड़ दिया है।  इस बीच, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में शुक्रवार सुबह तक 8,67,459 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 50,243 लोग जान गंवा चुके हैं।


उत्तर-कोरिया की मदद के लिए 'चीन'

प्योंगयांग। तानाशाह किम जोंग के स्वास्थ को लेकर सलाह के लिए चीन ने मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम उत्तर कोरिया भेजी है। उत्तर कोरियाई नेता के स्वास्थ्य के बारे में पर खबरों के बीच चीनी डॉक्टर और अधिकारी वहां पहुंच रहे हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय संपर्क विभाग के एक वरिष्ठ सदस्य के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को उत्तर कोरिया के लिए निकला। विभाग पड़ोसी उत्तर कोरिया के साथ काम करने वाला मुख्य चीनी निकाय है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्रोतों ने पहचान करने से इनकार कर दिया गया।


नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन गंभीर रूप से बीमार हैं और उनकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। दक्षिण कोरिया के लोकल मीडिया की खबर के अनुसार किम का इलाज उस अस्पताल में हो रहा है जो खास उनके परिवार के लिए बनाया गया है। डेली एनके के अनुसार हयांग सैन अस्पताल को लंबे समय से हृदय संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए विशेष सुविधा के रूप में रखा गया है।


फ्रांसः मृतक-38, संक्रमण-22,245

पेरिस। फ्रांस में कोरोनोवायरस के कारण और 389 मौतें दर्ज की गई हैं। इन आंकड़ों के साथ देश में इस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 22,245 हो गई है, जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली और स्पेन के बाद दुनिया का चौथा सर्वाधिक आंकड़ा है। यह जानकारी डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ जेरोम सालोमोन ने महामारी को लेकर होने वाले प्रतिदिन के कांफ्रेंस में दी।


समाचार एजेंसी सिन्हुआ की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के बढ़ते मामलों में दैनिक आधार पर 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो गुरुवार के 2.4 प्रतिशत के मुकाबले और बुधवार को 2.6 प्रतिशत के मुकाबले कम है। अस्पताल में भर्ती होने के आंकड़ों ने धीमी और स्थिर गिरावट की सूचना दी है, जिससे देखभाल करने वालों को राहत मिली है। आईसीयू में मरीजों की संख्या 4870 से गिर अब 183 रह गई है, जो कि देश के मूल 5000 बेड की क्षमता के हिसाब से काफी कम है। उत्साहजनक संकेतों के बावजूद सालोमोन ने चेतावनी देते हुए कहा, वायरस का संक्रमण अभी उच्च स्तर पर बना हुआ है। उन्होंने कहा, हमें 11 मई तक वायरस के प्रसार को न्यूनतम स्तर तक पहुंचाने के लिए अपने सामूहिक प्रयासों को जारी रखना है। डी-कनफिनमेंट को सफल करने के लिए हमें प्रतिबंधों और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करते हुए एक साथ सफल होना होगा। फ्रेंच स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (ईएचईएसपी) द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि लॉकडाउन के एहतियात से फ्रांस में 60,000 लोगों की मौतों को रोका जा सकता है


शनि की चाल बदलने से पड़ेगा 'प्रभाव'

नई दिल्ली। सोमवार 11 मई, 2020 को शनि मार्गी से वक्री होने जा रहे हैं। शनि 142 दिनों यानी 29 सितंबर तक वक्री रहेंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि के मार्गी से वक्री हो जाने से सभी राशियों पर इसका शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा। आइए, आज जानते हैं शनि की चाल बदलने से सभी राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
 
मेष राशिः शनि के वक्री होने से मेष राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। आपके कार्यों में रुकावटें आने की संभावना है। आय से अधिक धन खर्च भी हो सकता है। स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है। त्वचा से संबंधित रोग आपको परेशान कर सकते हैं। वृष राशिः वृष राशि के जातकों को इस समय किसी तरह का नुकसान भी हो सकता है। पारिवारिक कलेश हो सकते हैं। कार्यस्थल पर मेहनत करने के बाद भी लाभ कम ही मिलेगा। यह समय संयम रख आगे बढ़ने का है, इस समय में किसी भी वाद-विवाद में न उलझें।


हरियणाः 468084 परिवारों का सर्वेक्षण

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कोरोनावायरस के चलते प्रदेश के 46 लाख 8 हजार 84 परिवारों का सर्वे करवाया है। इन घरों में स्वास्थ्यकर्मियों और आशा वर्कर ने जाकर स्क्रीनिंग की है। इन परिवारों में से 9 हजार 977 लोगों में सांस और निमोनिया के लक्षण मिले हैं। इन लोगों का अब कोरोना टेस्ट करवाया जाएगा। इसकी पुष्टि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने की है। वहीं हरियाणा में लगातार ठीक हो रहे मरीजों की रिकवरी रेट पर केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार की सराहना की है।


स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग को साथ ही यह भी हिदायत दी है कि यदि स्क्रीनिंग करने वाली टीम के सदस्यों में किसी तरह के लक्षण सामने आते हैं तो उनका भी कोरोना टेस्ट किए जाए। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे सभी लोगों के टेस्ट करने के फरमान पहले ही जारी किए जा चुके हैं लेकिन मंत्री ने बताया कि टीम के जो सदस्य घर-घर जाकर लोगों से बात कर रहे है, उनमें ज्यादा खतरे की आशंका रहती है। वहीं केंद्र सरकार ने हरियाणा में कोरोना की रोकथाम के लिए चल रहे प्रयासों को सराहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बैठक की है। बैठक में सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए। इस दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर सभी राज्यों की ओर से अपने-अपने यहां पर कोरोना संक्रमण नियंत्रण के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में बताया।


बस्ती को सील करने की खबर झूठी

आजमगढ़। बरदह थाना क्षेत्र के ग्राम सभा छत्तरपुर कोरोना प्रकरण में बस्ती को सील करने की ख़बर निकली झूठी। विगत 22 अप्रैल को पता चला की विवाहित जोड़े राजस्थान के हनुमान गढ़ी में कोरोना पाज़िटिव पाए गए है। जानकारी के अनुसार दुल्हन के माता और भाई बहन को जाँच के लिए मेडिकल टीम के द्वारा मिनी PGI भेज दिया गया, छत्तरपुर बस्ती को साफ़ सफ़ाई और सेनिटाइज किया जा रहा है। इधर पत्रकरो के द्वारा यह बताया गया की छत्तरपुर गाँव को सील कर दिया गया है। जिससे ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जब की हमारे संवाददाता उप जिलाधिकारी लालगंज कार्यालय पहुँचे,उपजिलाधिकारी द्वारा कोई पुष्टी नहीं की गई। क्षेत्र अधिकारी लालगंज ने कहा यह सब अफ़वाह है ऐसी कोई बात नहीं है। पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़ के जनसंपर्क अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है। बरदह थाना क्षेत्र के ग्राम सभा छत्तरपुर बस्ती को सील नहीं किया गया है। इधर गोड़हरा बाज़ार में ग्रामीणों को दुकानदार समान देने को तैयार नहीं, इस तरह से ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।


कोई भूखा रहे यह स्वीकार नहींः विधायक

परिवार का कोई भी सदस्य भूखा रहे यह स्वीकार नहीं है-बिधायक


देवदूत बनकर उभरे विधायक चायल संजय गुप्ता


कौशाम्बी। विधायक चायल संजय कुमार गुप्ता चायल वासियों के लिए देवदूत बनकर उभर आए हैं। इस जनपद में सेवा का कार्य भोजन द्वारा राशन किट उनकी टीम द्वारा सर्वप्रथम शुरुआत किया गया। सबसे अनूठी पहल उन्होंने शुरू किया कि जो चायल के निवासी देश के विभिन्न प्रांतों में लॉक डाउन के कारण फंसे हुए हैं। जहां पर श्रमिकों को भोजन की समस्या हो रही है मुंबई में बड़ी संख्या में चायल के श्रमिकों का दर्द उभर कर आया जहां पर भोजन के नाम पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सिर्फ एक टाइम का बहुत कम मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे वह बेचारी भूखे ही रह जाते थे।


जिन कारखाना में वह सब श्रमिक काम करते थे उनके मालिकानो ने भी श्रमिको को सहायता देना बंद करते हुए अपना मोबाइल बंद कर लिया। जब चायल के श्रमिकों ने अपनी पीड़ा विधायक चायल संजय गुप्ता को बताई तो वह सुनकर द्रवित हो गए और उन्होंने यह संकल्प लिया कि चायल के श्रमिकों को देश के किसी भी कोने में भूखा नहीं रहने देंगे तत्काल उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर जारी करते हुए श्रमिकों का छोटी छोटी संख्या में ग्रुप गठित कराया। एक ग्रुप में 10 से 30 लोगों की संख्या निर्धारित की गई। प्रत्येक ग्रुप से एक ग्रुप लीडर बना कर उसके खाते में 500 रुपया प्रति व्यक्ति के हिसाब से धनराशि भेजकर उनके माध्यम से सभी को राशन उपलब्ध करवाया अभी तक 70 से भी ज्यादा ग्रुपो में धनराशि बिधायक द्वारा ट्रांसफर कर दी गई है। बाकी आगे भी ग्रुप तैयार करके धनराशि भेजी जाएगी।


विधायक चायल संजय कुमार गुप्ता ने हमारे संवाददाता से वार्ता किया तो उन्होंने बताया मेरी विधानसभा मेरा परिवार है परिवार का कोई भी सदस्य भूखा रहे यह स्वीकार नहीं है। संकट की इस घड़ी में ईश्वर मेरी चाहे जितनी भी परीक्षा ले जहां तक मेरा सामर्थ होगी मैं पीछे नहीं हटुगां। हमारे संवाददाता ने जब कुछ ग्रुप लीडरों से वार्ता किया तब उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कहा विधायक द्वारा हमारे खाते में धनराशि भेजी गई है। उसी धनराशि से हम लोग भोजन करते भी हैं और दूसरों को भी करा रहे हैं। हमारे चायल विधायक  किसी भी भगवान से कम नहीं है।


 ज़ैगम अब्बास


पाक़ रमजान, जरूरी एहतियात बरतें

प्रेम शंकर


मेरठ। रमज़ान का पावन महिना शुरू हो गया है और आज यानी शनिवार को पहला रोज़ा है। रोज़ा रखने के दौरान सभी मुस्लिम भाईयों से सामाजिक कार्यकर्ता नफीस खान ने की अपील। उन्होंने कहा है कि वह किस तरह से रोज़े रखने के दौरान घरों में रहते हुए सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन करें, नमाज अदा करने के दौरान किन बातों का ध्यान रखें और मुसीबत की इस घड़ी में देश की जनता को कोरोना संकट से दूर रखने के लिए परवरदिगार से दुआ करें। कहते हैं रमज़ान के इस पाक महीने में ऊपर वाले से मांगी गई हर दुआ कबूल होती है।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...