गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

दिल्लीः 1 परिवार के 11 लोग संक्रमित

जामा मस्जिद इलाके में एक ही परिवार के 11 लोग कोरोना पॉजिटिव
कविता गर्ग


नई दिल्ली। दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में एक ही परिवार के 11 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये जामा मस्जिद के गली चूड़ी वालान का मामला है। बताया जा रहा है कि परिवार का एक सदस्य विदेश से लौटा था। उसके बाद परिवार के सदस्यों में संक्रमण फैला। टेस्ट के बाद परिवार के 18 में से 11 सदस्य पॉजिटिव पाए गए हैं।


दरअसल, गली चूड़ी वालान में तीन भाइयों की ज्वाइंट फैमिली रहती है, जिसमें 18 सदस्य हैं। परिवार का एक सदस्य विदेश से लौटा था। उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और उसका इलाज मैक्स अस्पताल में चल रहा है। इसके बाद सबने प्राइवेट लैब में अपना कोरोना का टेस्ट कराया था, जिसके बाद 11 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमित मिले 11 लोगों में एक डेढ़ महीने का और एक 12 साल का बच्चा शामिल है। तीन की हालत गंभीर है, जिन्हें दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि जब परिवार के कुछ सदस्यों की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो वो खुद ही भर्ती होने के लिए अस्पताल पहुंचे। परिवार की शिकायत है कि इलाके के एसएचओ को जानकारी देने का बावजूद किसी ने उनकी मदद नहीं की। सीएमओ ने कहा कि 3 लोगों को एलएनजेपी में दाखिल कर लिया गया है, बाकी को क्वारनटीन किया गया है। डीएसओ को इनकी जिम्मेदारी दी गई है। बाकी मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा जाएगा।


कर्मचारी महंगाई भत्ते पर लगी रोक

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) पर बड़ा फैसला लिया है। कोरोना संकट के चलते केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगाई है। इससे सरकार को 14000 करोड़ रुपए बचेंगे। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और केंद्रीय सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) की देय किस्त 1 जनवरी 2020 से नहीं दी जाएगी। एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 डीए और डीआर की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।  केंद्रीय कैबिनेट ने मार्च महीने में  डीए में 4 प्रतिशत बढ़ाने की मंजू्री दी थी।


बढ़ोतरी के बाद यह 21 प्रतिशत तक पहुंच जाता। कोविड-19 लॉक डाउन की वजह से सरकार के टैक्स राजस्व में गिरावट आई है, जबकि कमजोर तबकों को आर्थिक मदद देने के कारण खर्चों में वृद्धि हुई है। इससे करीब 49.26 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 61.17 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे। बता दें कि सरकार ने पहले मंत्रियों, पीएम, राष्ट्रपति और संसद सदस्यों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती की थी। इसके अलावा, कोरोनो वायरस महामारी से लड़ने के लिए अधिक धनराशि प्रदान करने के लिए एमपीलैड्स योजना को भी दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।


यूपी के 10 जनपद हुए कोरोना मुक्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हाथरस, बरेली, प्रयागराज, शाहजहांपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, हरदोई और कौशांबी में बुधवार को कोरोना मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। राज्य के प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन जिलों में कोरोना का अब एक भी सक्रिय केस नहीं है।


लॉकडाउन के सख्ती से पालन के निर्देश


उधर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि सीएम योगी ने टीम-11 की बैठक कर लॉकडाउन की समीक्षा की है। उन्होंने 10 से अधिक मरीज वाले जिलों में सख्ती लॉकडाउन के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सप्लाई चेन में लगे लोगो की भी जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही टेस्टिंग लैब की क्षमता और अधिक तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।


देश में संक्रमितों की संख्या 19984 पहुंची


उल्लेखनीय है कि देशभर में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई है। बुधवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कोरोना के 19 हजार 984 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 3870 लोग ठीक हो चुके हैं। इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर अब तक 640 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में संक्रमण से मरने वाले लोगों में 11 राजस्थान में, 10 गुजरात में, 9 महाराष्ट्र में, 3 उत्तर प्रदेश में और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश एवं तमिलनाडु में दो-दो तथा कर्नाटक में एक मरीज की मौत हुई है।


यूपीः 42192 की जांच, 1449 संक्रमित

लखनऊ। यूपी में कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को 112 नए मरीज और मिलने के साथ अब तक प्रदेश में 1449 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 1584 संदिग्ध मरीजों को प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। वहीं दूसरी ओर प्रतापगढ़ को भी कोरोना मुक्त जिला घोषित किया गया।


राज्य सरकार अब तक 11 जिलों को कोरोना मुक्त होने का दावा कर चुकी है। ऐसे में अभी 42 जिलों में कोरोना पाजिटिव मरीज हैं। उधर 11 मरीज और स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से घर भेजे गए। अब तक कुल 173 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं अभी भी सर्वाधिक 324 मरीज आगरा में और दूसरे नंबर पर 182 मरीज लखनऊ में हैं। प्रदेश में अब तक 21 लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो चुकी है। संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को जो 112 नए मरीज मिले उनमें 26 सहारनपुर, 21 मुरादाबाद, 18 आगरा, लखनऊ में एक, गाजियाबाद में दो, नोएडा में एक, कानपुर में छह, वाराणसी में तीन, मेरठ में एक, बस्ती में एक, हापुड़ में एक, फिरोजाबाद में छह, रायबरेली में आठ, मथुरा में एक, मुजफ्फरनगर में सात, अमरोहा में पांच, सुल्तानपुर में एक और अलीगढ़ में तीन मरीज पाए गए।


इस तरह यूपी में कोरोना पाजिटिव मरीजों का आंकड़ा 1449 पहुंच गया है। आगरा व लखनऊ के बाद अधिक मरीज जिन जिलों में हैं उनमें नोएडा में 103, सहारनपुर में 98 और मुरादाबाद में 94 मरीज अब तक पाए जा चुके हैं। दूसरी ओर अब तक जो 11 जिले कोरोना मुक्त घोषित किए गए हैं उनमें प्रतापगढ़, पीलीभीत, हाथरस, प्रयागराज, महाराजगंज, बरेली, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, शाहजहांपुर, हरदोई और कौशांबी शामिल है।


40263 की रिपोर्ट आई निगेटिव, 480 की आना बाकी


यूपी में 42192 लोगों के नमूने जांच के लिए लैब में भेजे जा चुके हैं और इसमें से 40263 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं 480 मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।


इफ्तारी पर भीड़ इकट्ठा ना करेंः योगी

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया अपील का समर्थन


लखनऊ। लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रमजान के महीने में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ ही सहरी व इफ्तार के समय कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने देने के कड़े निर्देश दिए हैं। योगी ने लोगों से शहरी व इफ्तार घर पर ही करने की अपील की है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुख्यमंत्री की अपील का समर्थन किया है।


मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने रमजान के दौरान कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने भी लोगों से रमजान में घरों पर ही नमाज पढऩे और शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखने की अपील की है। कहा है कि कहीं भी भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी। डीजीपी ने सभी एडीजी जोन, आइजी व डीआइजी रेंज, एसएसपी व एसपी को रमजान के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। कहा है कि इस दौरान सभी संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी कराई जाए। पुलिस अधिकारी धर्मगुरुओं से अपील कराएं कि लोग कहीं कोई जुलूस न निकालें। सामूहिक रूप से एक स्थान पर एकत्रित होकर कोई धार्मिक कार्यक्रम न करें और घरों पर ही नमाज पढ़ें।


डीजीपी ने कहा कि पुलिस के वाहनों पर लाउड स्पीकर लगाकर लॉकडाउन का पालन करने तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने समकक्षीय मजिस्ट्रेट के साथ लगातार भ्रमण करें और लॉकडाउन का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित कराएं। कहीं किसी भी दशा में भीड़ इकट्ठा न होने पाए। डीजीपी ने सोशल मीडिया पर झूठी व भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके अलावा थानावार तथा खुफिया सूचना के आधार पर सांप्रदायिक व शरारती तत्वों को चिह्नित कर उन पर कड़ी नजर रखी जाए। सभी संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता व पुलिस गश्त के निर्देश भी दिए गए हैं।


 


अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला निरस्त

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते अमरनाथ श्राइन बोर्ड पूरी तरह से असमजंस की स्थिति में हैं। बुधवार शाम में 2020 में होने वाली अमरनाथ यात्रा रद कर दी गई थी जिसके तुरंत बाद ही इस फैसले को वापस ले लिया गया। जम्मू कश्मीर सूचना निदेशालय ने प्रेस नोट को वापस ले लिया है, जिसमें अमरनाथ यात्रा 2020 को रद्द करने की जानकारी दी गई थी। अमरनाथ यात्रा को लेकर राजभवन में आज बुलाई गई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 38वीं बैठक में यात्रा के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सभी सदस्यों ने आम राय बनाते हुए वार्षिक अमरनाथ यात्रा को कोरोना प्रकोप को देखते हुए रद करने का निर्णय लिया था। बैठक के बाद इस फैसले के अधिकारितक तौर पर घोषणा भी कर दी गई परंतु कुछ ही घंटों बाद यात्रा रद करने के फैसले को वापस लेते हुए सरकार ने इस संबंध में पहले जारी किए गए आदेश को रद करने का एलान कर दिया।


अनुच्छेद 370 हटने के बाद बीच में ही रोक दी गई थी यात्रा


मालूम हो कि 2000 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड बनाया गया था। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल इसके चेयरमैन होते हैं। इससे पहले पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के ठीक 3 दिन पहले सुरक्षा का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी थी। यात्रा रोके जाने तक साढ़े तीन लाख लोग पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके थे।


गौरतलब है कि तय कार्यक्रम के तहत इस यात्रा के लिए एक अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होने थे। देशभर में कोरोना के चलते लॉकडाउन किया गया है। जम्मू में जिस यात्री निवास को अमरनाथ यात्रियों का बेस कैम्प बनाया जाता था, वह इन दिनों क्वारैंटाइन सेंटर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर की सीमा को सील किया हुआ है और जरूरी सामान के अलावा किसी भी गाड़ी के आनेजाने की मनाही है।


दिल्ली में थूकने पर 84 चालान काटेंं

नई दिल्ली। कोरोना के प्रकोप के कारण तीनों नगर निगमों ने खुले में थूकने व शौच करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसा करने पर निगम द्वारा एक हजार रुपये का चालान काटा जा रहा है। इस कड़ी में बुधवार को तीनों नगर निगमों ने 84 चालान काटे। सबसे अधिक 75 चालान उत्तरी दिल्ली निगम द्वारा काटे गए। इसके अलावा पूर्वी दिल्ली में तीन व दक्षिणी दिल्ली में छह चालान काटे गए।
गौरतलब है कि निगम और प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर साफ-सफाई को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है। इसी क्रम में खुले में शौच करने वालों या थूकने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। इसीलिए दिल्ली में लगातार ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनका चालान किया जा रहा है जो सरकारी आदेश और चेतावनियों को नजरअंदाज कर रहे हैं।


स्पेशल सेल के 71 पुलिसकर्मी क्वारंटाइन
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हवलदार के कोरोना पीड़ित होने के बाद बड़ा कदम उठाया है। स्पेशल सेल के 71 पुलिस वालों को क्वारंटीन कर दिया गया है। इन्हें दो होटलों में रखा गया है। साथ ही सेल में कार्यरत 123 अफसरों व पुलिसकर्मियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट 72 घंटे बाद आने की बात कही जा रही है। इस बात की जांच कर की जा रही है कि कोरोना संक्रमित हवलदार कहां-कहां गया था और किन-किन लोगों के संपर्क में आया था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के लोधी कॉलोनी स्थित कार्यालय में तैनात हवलदार अरुण चौधरी की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट सोमवार को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि हवलदार अरुण सेल में तैनात 30 पुलिस कर्मियों के सीधे संपर्क में आया था। बाकी पुलिसकर्मी इन 30 पुलिस वालों के संपर्क में आए थे। पूरी जांच के बाद सेल में कार्यरत 71 पुलिसकर्मियों को क्वारंटीन किया गया।


एशिया का सबसे अमीर आदमी 'मुकेश'

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी फिर से एशिया के सबसे अमीर आदमी बन गए है। फेसबुक और रिलायंस जियो के बीच हुई करीब 44 हजार करोड़ की डील के बाद अंबानी एशिया के सबसे रईस शख्स बन गए हैं। दुनियाभर के अरबपतियों की लिस्ट में अब  मुकेश अंबानी 16वें स्थान पर हैं, जबकि इंडेक्स में जैक मा 20वें स्थान पर हैं। अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस अभी भी 14300 करोड़ डॉलर के साथ पहले नंबर पर हैं। बता दें कि फेसबुक के साथ 43,574 करोड़ रुपए की डील से मुकेश अंबानी एशिया के सबसे बड़े अमीर हो गए हैं। इस डील के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी की दौलत में बड़ा इजाफा हुआ है। उन्होंने जैकमा को इस मामले में पीछे कर दिया है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अंबानी की नेटवर्थ में एक दिन में 469 करोड़ डॉलर या करीब 34 हजार करोड़ का इजाफा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार मुकेश अंबानी के पास कुल 4920 करोड़ डॉलर यानी 3.71 लाख करोड़ की दौलत थी, वहीं एक दिन में उनकी दौलत में 469 करोड़ डॉलर यानी करीब 22975 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ।
Ad
वहीं, जैक मा के पास इस दौरान कुल 4600 करोड़ डॉलर यानी करीब 3.47 लाख करोड़ की दौलत थी। इस साल कोरोना वायरस के कारण मुकेश अंबानी की दौलत अबतक 937 करोड़ डॉलर यानी करीब 70744 करोड़ रुपए घट गई है। पिछले दिनों रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में कोरोना संकट के चलते जमकर गिरावट आई थी और शेयर 900 रुपए के नीचे चला गया। वहीं जैक मा की बात करें तो उनकी दौलत में इस साल सिर्फ 4455 करोड़ रुपए कह कमी आई है। बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने बुधवार सुबह रिलायंस जियो में बड़ा निवेश का ऐलान किया कि कंपनी जियो में 5.7 बिलियन डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इस तरह फेसबुक रिलायंस जियो की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है।


अमेरिका पर हमला हुआ, सामना करें

वाशिंगटन डीसी। दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। अमेरिका जैसे महाशक्ति शाली देश भी इस महामारी के आगे बेबस दिखाई दे रहा है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर कहा है कि उनके देश पर हमला किया गया है। कोविड-19 के कारण देश में आए संकट से निपटने की कोशिश कर रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि देश पर हमला हुआ था। अमेरिका में कोराना वायरस से 47,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है ओर 8,52,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में दैनिक संवाददाता सम्मलेन में कहा, ‘‘ हम पर हमला हुआ। यह हमला था। यह कोई फ्लू नहीं था। कभी किसी ने ऐसा कुछ नहीं देखा, 1917 में ऐसा आखिरी बार हुआ था। राष्‍ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन वैश्विक महामारी से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए लोगों और उद्योगों की मदद के लिए सामने आया है। उन्होंने कहा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। क्या है? मुझे हमेशा हर चीज की चिंता रहती है। हमें इस समस्या से पार पाना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘विश्व के इतिहास में हमारी अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी रही है। चीन से बेहतर, किसी भी अन्य देश से बेहतर।


उन्होंने कहा हमने पिछले तीन साल में इसे खड़ा किया और फिर अचानक एक दिन उन्होंने कहा कि तुम्हें इसे बंद करना होगा। अब, हम इसे दोबारा खोल रहे है और हम बेहद मजबूत होगें लेकिन दोबारा खोलने के लिए आपको उस पर कुछ धन लगाना होगा। उन्होंने कहा हमनें अपनी एयरलाइन्स बचा लीं। हमनें कई कम्पनियां बचा लीं, जो बड़ी कम्पनियां हैं और दो महीने पहले उनका बेहतरीन साल चल रहा था और फिर अचानक से बाजार से बाहर हो गईं। ट्रंप ने कहा कि देश में नए मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा हाल ही में सबसे प्रभावित इलाके बनकर उभरे स्थान अब स्थिर हैं। वे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बॉस्टन इलाके में मामलों में गिरावट आई है। शिकागों में मामले स्थिर बने है। डेट्रायट में सबसे खराब समय निकल गया है। उन्होंने कहा यह दिखाता है कि वायरस से निपटने की अक्रामक रणनीति रंग ला रही है और कई राज्य धीरे-धीरे दोबारा खुलने की स्थिति में होंगें।


पोस्टमार्टम छोड़ भाग गये चिकित्सक

अलीगढ । 25 वर्षीय युवक की निजी अस्पताल में मौत के बाद बुधवार को शव का पोस्टमार्टम शुरू किया गया तो चिकित्सकों को उसमें कोरोना के लक्षण दिखायी दिये। कोरोना के खौफ से चिकित्सक व अन्य स्टाफ ने पोस्टमार्टम बीच में ही छोड़ दिया और वहां से भाग खड़े हुए। मामले की जानकारी पुलिस व स्वास्थ्य महकमें को दी गई। जिसके बाद शव का सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेजा गया। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। शव को डीफ फ्रिजर में रखा गया है। मृतक में कोरोना की पुष्टि हुई तो उसको कोरोना नियम के अनुसार ही शव परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा।


पुलिस के अनुसार हाथरस के कस्बा सिकंदराराऊ के गांव गत्री शाहपुर निवासी किशनवीर (25) पुत्र तेजपाल फरीदाबाद की एक निजी कंपनी में नौकरी करता है। कुछ दिन पूर्व उसकी तबियत खराब हुई तो अलीगढ़ के गंगीरी स्थित गांव बढ़ारी में अपने ननिहाल आ गया। परिवार के लोगों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। भर्ती होने के बाद तबियत ज्यादा बिगड़ गई और 20 अप्रैल की रात्रि में उसने दम तोड़ दिया। युवक की मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा तो शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बुधवार को पोस्टमार्टम हाउस में युवक का पीएम करने के लिए चिकित्सकों की टीम पहुंची। पोस्टमार्टम शुरू कर दिया गया था। कुछ ही समय हुआ था कि चिकित्सकों ने देखा कि युवक की मौत कोरोना के लक्षण के चलते हुई है। ऐसे में चिकित्सकों ने अपना बचाव करते हुए पीएम बीच में ही छोड़ दिया और उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए वहां से भाग खड़े हुए। युवक की मौत फेफडे में अचानक उत्पन्न हुई समस्या के कारण होना बतायी जा रही है।


बिहार में 4 नए मरीज, आंकड़ा 147

अजयदीप चौहान


पटना।  इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां 4 नए मामले की पुष्टि हुई है। मुंगेर से ये सभी मामले पॉजिटिव सामने आये हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 3 महिलाएं शामिल हैं। जिनकी उम्र 68,61 और 60 साल बताई जा रही है। एक पुरुष भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिनकी उम्र 30 साल बताई जा रही है।


बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी मरीज मुंगेर जिले के सदर बाजार इलाके के रहने वाले हैं। जो जलमालपुर के मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। बिहार में एक हफ्ते के अंदर हालात काफी तेजी से बदले हैं। एक हफ्ते में 71 मरीज सामने आये थे। लेकिन आज का नया मामला सामने आने के बाद यह आंकड़ा 75 हो गया है। यानी कि बिहार में कुल 147 मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज सुबह जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक बिहार में 2 लोगों की मौत हुई है, जबकि 42 लोगों ने कोरोना को हराकर एक नई जिंदगी हासिल की है। 


पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 32 नये मामले सामने आने के साथ ही राज्य में इस महामारी के सक्रिय मामले बढ़कर 300 हो गये। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने आज यह जानकारी दी। दिल्ली में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 2248 हो गई है। पिछले चौबीस घंटों में 92 नए मामले सामने आए हैं। पिछले चौबीस घंटों में 113 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। अब तक कुल 724 लोग ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में एक मौत हुई है, मौत का कुल आंकड़ा 48 है। केरल में 11 और मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के साथ ही आज प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ कर 437 हो गयी है। कोझीकोड़ मेडिकल कालेज के दो हाउस सर्जनों के संक्रमित होने की पुष्टि हुयी है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।


सरकार की तैयारियों पर उठे सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार पीपीई किट की कमी और खराब गुणवत्ता का सवाल उठाया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब क्वालिटी पर चिंता जाहिर की और साथ ही कहा कि देश में कोरोना टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह काफी चिंता की बात है।


किसानों का मसला उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के कारण सबसे अधिक परेशान हैं। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों ने किसानों को बेहाल कर दिया है। उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।


राहुल गाँधी ने कहा- तीन हफ्ते पहले हमारी मुलाकात के बाद से, महामारी ने अशांति बढ़ाई है – दोनों प्रसार और गति में। लॉकडाउन जारी है और हमारे समाज के सभी वर्गों को तीव्र कठिनाई और संकट का सामना करना पड़ रहा है – विशेष रूप से हमारे किसान और खेत मज़दूर, प्रवासी श्रमिक, निर्माण श्रमिक और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक। व्यापार, वाणिज्य और उद्योग एक आभासी पड़ाव पर आ गए हैं और करोड़ों जीविकाएँ नष्ट हो गई हैं। 3 मई के बाद की स्थिति को कैसे प्रबंधित किया जाएगा, इस बारे में केंद्र सरकार को स्पष्ट जानकारी नहीं है। उस तिथि के बाद वर्तमान प्रकृति का एक लॉकडाउन और भी विनाशकारी होगा। 23 मार्च को तालाबंदी शुरू होने के बाद से, मेरे पास, जैसा कि आप सभी जानते हैं, प्रधानमंत्री को कई बार लिखा गया है। मैंने अपने रचनात्मक सहयोग की पेशकश की और ग्रामीण और शहरी दोनों परिवारों की पीड़ा को कम करने के लिए कई सुझाव भी दिए। ये सुझाव हमारे मुख्यमंत्रियों सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार किए गए थे। दुर्भाग्य से, उन पर केवल आंशिक और बुरी तरह से कार्रवाई की गई है। केंद्र सरकार की ओर से आने वाली करुणा, बड़े दिल और अलौकिकता उसकी अनुपस्थिति से विशिष्ट है। हमारा ध्यान स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आजीविका के मुद्दों से सफलतापूर्वक जुड़ने पर होना चाहिए।


हमने प्रधानमंत्री से बार-बार आग्रह किया है कि परीक्षण, ट्रेस और संगरोध कार्यक्रम का कोई विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य से, परीक्षण अभी भी कम है और परीक्षण किट अभी भी कम आपूर्ति और खराब गुणवत्ता की हैं। पीपीई किट हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रदान की जा रही हैं लेकिन संख्या और गुणवत्ता खराब है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न का प्रवेश अभी तक लाभार्थियों तक नहीं पहुंचा है। 11 करोड़ लोग जिन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की जरूरत है, वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बाहर हैं। इस संकट की घड़ी में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलोग्राम अनाज, 1 किलो दाल और आधा किलोग्राम चीनी हर महीने उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए। तालाबंदी के पहले चरण में 12 करोड़ नौकरियां चली गईं। बेरोजगारी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधि एक ठहराव पर बनी हुई है। इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7,500 रुपये प्रदान करना अनिवार्य है।


प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। उन्हें सबसे कठिन मारा गया है। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा का जाल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। किसानों को भी गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों और बाधित आपूर्ति श्रृंखलाओं के मुद्दों को बिना देरी के संबोधित करने की आवश्यकता है। आगामी 2 महीनों में शुरू होने वाली खरीफ फसलों के अगले दौर के लिए किसानों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आज लगभग 11 करोड़ कर्मियों को नियुक्त करते हैं। वे जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा बनाते हैं। यदि उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है, तो यह जरूरी है कि उनके जीवित रहने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए। दोस्तों, राज्य और स्थानीय सरकारें COVID-19 के खिलाफ लड़ाई की अग्रिम पंक्ति हैं। हमारे राज्यों को वैध रूप से दिए गए फंड को वापस आयोजित किया गया है। मुझे यकीन है कि हमारे मुख्यमंत्री हमें उन कठिनाइयों के बारे में बताएंगे जो वे सामना कर रहे हैं।


मुझे भी आपके साथ कुछ ऐसा साझा करना चाहिए जो हममें से प्रत्येक भारतीय को चिंतित करे। जब हमें कोरोना वायरस से एकजुट रूप से निपटना चाहिए, तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और घृणा के वायरस को फैलाना जारी रखती है। हमारे सामाजिक समरसता के लिए गंभीर क्षति हो रही है। हमारी पार्टी, हमें उस क्षति की मरम्मत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। कुछ सफलता की कहानियाँ हैं और हमें उनकी सराहना करनी चाहिए। सबसे अधिक हमें प्रत्येक व्यक्तिगत भारतीय को COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए, जो पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की अनुपस्थिति के बावजूद होता है। डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वच्छता कार्यकर्ता और अन्य सभी आवश्यक सेवा प्रदाता, एनजीओ और लाखों नागरिक पूरे भारत में सबसे अधिक जरूरतमंदों को राहत प्रदान करते हैं। उनका समर्पण और दृढ़ संकल्प वास्तव में हम सभी को प्रेरित करता है। मुझे न केवल कांग्रेस राज्य सरकारों बल्कि देशभर में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के अथक और अथक प्रयासों को भी स्वीकार करना चाहिए। मैं एक बार फिर सरकार के प्रति अपने रचनात्मक समर्थन को बढ़ाने के लिए हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...