शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

दंगे की उच्च स्तरीय जांच की मांग

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिल्ली दंगे की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली मामले में भाजपा और इनकी सरकार अपनी कानूनी और संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने में काफी हद तक विफल रही है। दंगा पीड़ितों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देशित करने की मांग भी की है।
मायावती ने लिखा है कि दिल्ली दंगों के पीछे पुलिस व प्रशासन की कोताही व विफलता जगजाहिर है। इंसाफ का तकाजा और सुशासन की मांग है कि दिल्ली के दामन पर सिख दंगों की तरह लगे बदनुमा धब्बे को थोड़ा धोने के लिए इन घटनाओं की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो। यह जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए ताकि जांच के कुछ मायने निकल सकें व लोगों को हमेशा की तरह यह केवल लीपापोती व खानापूर्ति ना लगे।
उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में अब तक करीब तीन दर्जन लोगों की जानें चली गई हैं। करीब 200 लोग घायल हुए हैं। मंहगाई, गरीबी और बेरोजगारी के दौर में लाखों कारोबार ध्वस्त हुए जिनमें ज्यादातर मेहनतकश निम्नवर्गीय लोग हैं। देश की राजधानी दिल्ली 1984 के सिख दंगे की तरह एक बार फिर से घातक दंगे से दहल गया है। यह पूरे देश के लिए अति गंभीर, अति दुखद और अति चिंता की बात है। इसने देश व दुनिया का ध्यान खींचा है। लगातार निगेटिव चर्चा का विषय बना हुआ है।
उन्होंने लिखा है कि खासकर बीजेपी व इनकी केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह ना तो खुद कोई ऐसा काम करें जिससे देश की प्रतिष्ठा पर कोई आंच आए और ना ही अपनी पार्टी के लोगों के उग्र बयानबाजी को सहन करे। जिसकी वजह से हिंसा और अराजकता फैले और अंतरराष्ट्रीय हेडलाइंस बनकर देश की बदनामी हो।


भीम आर्मी के भारत बंद से बड़ा बवाल

नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा की चिंगारी कथित तौर पर भीम आर्मी और सीएए समर्थकों के बीच पथराव से भड़की थी। हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, दो पुलिस अधिकारियों ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में बवाल शनिवार रात भीम आर्मी समर्थकों और सीएए समर्थकों के बीच पथराव से शुरू हुआ, जिसने बाद में सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया।
एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। मौजूदा पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक शनिवार को रिटायर होंगे और शनिवार को ही एसएन श्रीवास्तव अपनी नई जिम्मेदारी संभाल लेंगे। गौरतलब है कि एसएन श्रीवास्तव को कुछ दिन पहले ही स्पेशल कमिश्नर (कानून व्यवस्था) नियुक्त किया गया था। नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा को रोकने के लिए उन्हें दिल्ली पुलिस में तैनाती दी गई थी। इससे पहले वह सीआरपीएफ में तैनात थे।
दिल्ली दंगे की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की गई है, जो हिंसा की जांच में जुट गई है। एडिश्नल एसपी बीके सिंह इसका नेतृत्व करेंगे। जांच के तहत एसआईटी ने हिंसा प्रभावित दिल्ली में कई लोकेशन पर छापेमारी शुरू कर दी है। एसआईटी एक हजार से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। हिंसा के मामले में अभी तक 48 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 106 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।


पीएफआई को प्रतिबंधित करने की तैयारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार सीएए के खिलाफ हिंसा में कई जगहों पर पीएफआई का नाम आने के बाद संगठन को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही सरकार इसके बैनर तले काम कर रहे प्रमुख लोगों के खिलाफ यूएपीए ऐक्ट के तहत कार्रवाई कार्रवाई कर सकती है। एक अधिकारी ने कहा कि संगठन को प्रतिबंधित करने पर नाम बदलकर गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। लिहाजा हम संगठन के मुखिया सहित ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर सकते हैं, जो देश में हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं।
अधिकारी ने कहा कि दिल्ली हिंसा में भी पीएफआई की भूमिका की जांच एजेंसियां करेंगी। फिलहाल यूपी के कई हिस्सों में इस संगठन से जुड़े लोगों की भूमिका पर सरकार के पास रिपोर्ट है। अन्य तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं। सरकार कानूनी पहलुओं को भी खंगाल रही है। जिससे कार्रवाई पर सवाल न उठाया जा सके।
गौरतलब है कि यूएपीए के तहत व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार एजेंसियों को दिया गया है। पहले संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाता था, लेकिन कानून में संशोधन के बाद यह रास्ता साफ हो गया है कि अगर कोई व्यक्ति देश को नुकसान पहुंचाने के लिए उग्रवादी या आतंकी गतिविधियों में शामिल है तो उसे आतंकी घोषित करके उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। ऐसे व्यक्तियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार भी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पास है।
अभी तक यूएपीए संशोधन का केवल विदेशी आतंकियों के खिलाफ उपयोग किया गया है। मसूद अजहर, हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम को संशोधित कानून के तहत आतंकी घोषित किया गया था। सूत्रों ने कहा कि मामला पेचीदा है, इसलिए कार्रवाई में देरी हो रही है। एजेंसियों को कहा गया है कि वे व्यक्तिगत गतिवधियों पर पूरी रिपोर्ट तैयार करें, जिससे देश के अलग अलग हिस्सों में पीएफआई व अन्य नामों से अस्थिरता फैलाने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जा सके। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि गृहमंत्रालय के पास पीएफआई और इससे जुड़े कुछ लोगों के बारे में रिपोर्ट आई है इस पर गौर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि ईडी ने पिछले दिनों गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि पीएफआई ने अपने बैंक खाते से सीएए विरोधी प्रदर्शनों में संलिप्त कई लोगों को रुपए भेजे गए। पश्चिमी यूपी में ऐसे 73 बैंक खातों को चिन्हित किया गया था। ईडी रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रमुख लेनदेन पीएफआई के दिल्ली स्थित मुख्य खाते से हुए। सूत्रों ने कहा कि एजेंसियां दिल्ली में पीएफआई मुख्यालय की गतिविधियों और उसके प्रदेश अध्यक्ष परवेज मुहम्मद की गतिविधियों को भी खंगाल रही हैं।


दिल्ली के बाद यूपी में हिंसा की तैयारी

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पत्थर हटवाए


दिल्ली के बाद यूपी में हिंसा की तैयारी! ड्रोन से मॉनिटरिंग में लोगों की छत से मिले पत्थर


 
नई दिल्ली/बिजनौर। देश की राजधानी दिल्ली में हुई भयावह हिंसा के बाद अब उत्तर प्रदेश में कुछ इसी तरह की हिंसा होने का अंदेशा मालूम पड़ता है। दरअसल प्रदेश के बिजनौर  जिले के चहशीरी इलाके में कई घरों की छत पर बोरो में पत्थर (Stones) भरे हुए मिले हैं। बताया गया कि ड्रोन से मॉनिटरिंग के दौरान भारी मात्र में लोगों की छतों पर देखे गए। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर उन पत्थरों को हटवाया। इस दौरान पुलिस ने लोगों से इस बात की अपील भी कि वे किसी भी तरह की अफवाह ना फैलाएं।


वहीं सूबे के अलीगढ़ जिले में हुई हिंसा के बाद से ही पुलिस अलर्ट पर है। ऐसे में पुलिस सतर्कता बरतते हुए बिजनौर के साथ दिल्ली से सटे मेरठ, (Merrut) गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बागपत जैसे जिलों में सुरक्षा बढ़ दी है। हर जगह ड्रोन (Drone) से निगरानी कर रही है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के अलावा अलीगढ़ में हिंसा भड़क गई थी। जिसके कारण वहां की इंटरनेट सेवा को बंद करना पड़ा था। रिपोर्ट्स के अनुसार बिजनौर, मेरठ और सहारनपुर के सभी धार्मिक स्थलों के आसपास व संवेदनशील क्षेत्रों में भारी फोर्स को तैनात किया गया है।


ग्रह कलेश के चलते सामूहिक आत्महत्या

गृहकलेश के चलते एक परिवार खत्म


पत्नी समेत बच्चों की हत्या कर की आत्महत्या
धनसिंह
गाजियाबाद। थाना साहिबाबाद क्षेत्र अन्तर्गत संजयनगर, अ​र्थला में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर स्वयं आत्म हत्या कर ली!


सूत्रों की माने तो अर्थला क्षेत्र में संजय नगर कॉलोनी में धीरज त्यागी अपने परिवार के साथ रहता था। उसके साथ उसकी पत्नी काजल व दो बच्चों थे। जो कि शुक्रवार सुबह अपने कमरे में मृत अवस्था में मिले। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने कार्यवाही शुरू कर दी। 


एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्र ने घटना की जांच कर बताया


घटना स्थल पर पहुंचे एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्र ने घटना की जांच करने के पश्चात बताया कि उक्त मामला पारिवारिक कलह का लगता हैं। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति का नाम धीरज त्यागी है। कमरे की दीवार पर हत्या व आत्महत्या को लेकर कुछ लिखा गया है। जिससे प्रतीत हो रहा है कि धीरज त्यागी ने ही अपने पत्नी और बच्चों की हत्या कर स्वयं आत्महत्या की है। स्थानीय लोगों से पता चला है कि दीवार पर लिखी लिखाई धीरज त्यागी की है। एसपी सिटी ने आगे बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।


सैकड़ों आप कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल

आशीष अवस्थी


जौनपुर, गाज़ीपुर, वाराणसी, भदोही, सोनभद्र, मिर्ज़ापुर के सैकड़ों आप कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल


लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पर्वेक्षक और पूर्वांचल के संयोजक रहे संजीव कुमार सिंह ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व सांसद राजेश मिश्रा की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया कि संजीव कुमार सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति शुरू की। छात्र राजनीति के साथ ही साथ वे समाजसेवा से भी जुड़े रहे। आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे संजीव कुमार सिंह पूर्वांचल के कई आंदोलनों की अगुवाई किये हैं। 


आम आदमी पार्टी के नेता संजीव कुमार सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पूरे प्रदेश में योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते जनता परेशान है। अपराध और भ्रष्टाचार अपने चरम है। कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी के नेतृत्व में भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है, संजीव कुमार सिंह जैसे युवा और जुझारू नेताओं के कांग्रेस में आने से हमारे संघर्ष को मजबूती मिलेगी। पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने कहा कि संजीव कुमार के काँग्रेस पार्टी में आने से पार्टी को पूर्वांचल में मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अराजकता की स्थिति है। देश की संस्कृति और संविधान के खिलाफ भाजपा साजिश रच रही है। आज जरूरी है कि युवाओं को पार्टी से जोड़कर संविधान विरोधी भाजपा के चेहरे को बेनकाब किया जाए।



संजीव कुमार सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की नीतियों और विचारधारा से प्रभावित हो कर उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया है। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में सड़कों पर एक बेहतर समाज और देश बनाने और हर अन्याय और नाइंसाफी के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने स्वराज और आंतरिक लोकतंत्र के विचार को त्याग चुकी है। दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी बेहद खतरनाक है।


बिना कनेक्शन आया बिल, वसूली नोटिस

सरकारी तंत्र की कारगुजारी, बिना कनेक्शन थमाया विधुत बिल, दिया वसूली नोटिस


लखीमपुर खीरी/महेवागंज। विद्युत कनेक्शन दिए बगैर विभाग द्वारा भारी भरकम बिजली बिल वसूली का नोटिस भेज देने का मामला सामने आया है। भुक्तभोगी ग्रामीण ने अधिकारियों को इसकी शिकायत भेजी है। 
फूलबेहड़ के गुरदीनपुरवा निवासी नसीर अहमद ने अधिशाषी अधिकारी को बताया कि उसने 2018 में घर मे बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। पर कोई न कोई कमी बताकर कनेक्शन नही जोड़ा। जबकि 27 दिसम्बर 2019 को बिजली विभाग ने उसे करीब 20 हजार रुपये बिजली बिल बकाया का नोटिस भेज दिया। बताया कि उसके घर मे न तार खिंचे है और न मीटर लगा है।


संस्था के द्वारा बेसहारा गोवंश की सेवा

बेसहारा घुमन्तु गोवंश को हरा चारा खिलाकर निरन्तर कि जा रही है सेवा 


बागपत/बड़ौत। कल्याण भारती सेवा संस्थान के तत्वावधान में संस्थान के कार्यालय आजाद नगर बड़ौत से करीब शाम 7 बजे से नगर के बेसहारा घुमन्तु गोवंश को हरा चारा खिलाने हेतु एक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 
संस्थान द्वारा इस सेवा के माध्यम से नगर की सड़कों व बाजार एवं कुड़ास्थलों पर खाने की तलाश में भूखे घूमते गोवंश को हरा चारा खिला कर उनकी सेवा करने का प्रयास एक प्रयास है।


सेवा कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के प्रबन्ध निदेशक गोपी चन्द सैनी के नेतृत्व में किया गया जिसमे श्रीमन मनोज जैन, डॉ0 रामफल, महावीर सिंह, विनोद कुमार, गुड्डू, विक्की, संदीप व प्रमोद कुमार, गोविंद, छोटू व अन्य ने भाग लिया।


विकास को तरसती गंगनहर झाल

साधन हैं पर विकास को तरसती गंगनहर झाल


अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ के दौरान गुजरेंगे लाखों श्रद्धालु


काज़ी अमजद अली
भोपा/मुजफ्फरनगर। पर्यटन उद्योग को बढावा देकर रोजगार के अवसर प्रदान करने के अधूरे प्रयासों के कारण ब्रिटिशकालीन 1842 से 1854 के मध्य बनी गंगनहर झाल उपेक्षा का शिकार है। कृत्रिम झरने व पानी की उपलब्धता के बावजूद नहर झाल को विकास की दरकार है।


गंगनहर पर ब्रिटिशकाल में बनी झाल आज पर्यटन का केन्द्र बन सकती है। कृत्रिम झरनों से गिरता दूधिया जल व शानदार वास्तुकला पर आधारित पुरानी इमारतें बरबस ही राहगीरों को अपनी ओकर आकर्षित करती हैं। पुराने जमाने की तकनीक पर आधारित जल शक्ति से टरबाईन का संचालन बराबर में ऊँचाई से गिरता हजारों क्यूसेक पानी 150 वर्ष बीतने के बाद भी अद्भुत छटा को प्रस्तुत करता है। घने वृक्षों की छांव में बीच बनी पनचक्की की छोटी झाल भी मनोरम व सुखदायी दृश्य प्रस्तुती करती है। भोपा क्षेत्र की निरगाजनी गंगनहर झाल को आवश्यकता है। केवल विकास की,थोडे से निवेश व साधनों को विकसित कर नहर झाल को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है। नौकायान की सुविधा के  साथ रेस्त्रां आदि को स्थापित कर क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित कर रोजगार के अवसर प्रदान किये जा सकते हैं। जिससे क्षेत्र में रोजगार बढने के साथ साथ प्राचीन धरोहर को सुरक्षित रखने को भी मजबूती मिलेगी। प्रथम चरण में केवल साफ सफाई पर ध्यान दिया जाये तो आगामी गर्मी के मौसम में दिल्ली-हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को इस ओर आकर्षित करने में देर न लगेगी अगले वर्ष हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ के दौरान जहां लाखों श्रद्धालु के गंगनहर पटरी से गुजरने की आशा हैए ऐसे में समय रहते इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
राजधानी दिल्ली से मुरादनगर होते हुवे यात्री गंग नहर पटरी द्वारा हरिद्वार पहुँचते हैं। लगभग 114 km लम्बी गंग नहर पटरी मार्ग पर जनपद गाज़ियाबाद की 12.35 मेरठ की 42.03 मुज़फ्फरनगर जनपद की सीमा 59.57 पड़ती है। मार्ग पर बनी भोला की झाल,सलावा की झाल,चितौडा की झाल,निरगाजनी झाल,मोहम्मदपुर की झाल यात्रियों को सुखद अहसास कराती हैं। शासन प्रशासन अगर इस ओर ध्यान दे तो गंग नहर पटरी पर बनी झाल यात्रियों को अवश्य ही अपनी ओर आकर्षित करेगीं।


एकता पर चोट (समसामयिक)

गंगा जमुनी एकता पर चोट हो रही थी!और देश के जिम्मेदार शायद सो रहे थे!


राजनेताओं की राजनीतिक रोटियां!उनका क्या होगा जिनके चूल्हे हमेशा के लिए बुझ गए?


पिछले चार पांच दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में जंगलराज का-सा माहौल बना हुआ था, गंगाजमुनी एकता पर चोट हो रही थी और देश के जिम्मेदार शायद सो रहे थे। आज सब के सब कठघरे में हैं। ऐसे हालात पर सवाल उठना लाजमी है कि इसमें कोई षड्यंत्र तो नहीं? आखिर यह किसकी शह पर तांडव हुआ?वह भी तब जब दिल्ली हाई अलर्ट पर थी, क्योंकि दुनिया का शक्तिशाली व्यक्ति कहा जाने वाला व्यक्ति यानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प भारत के दौरे पर थे, बल्कि उस दिन वे दिल्ली में मौजूद थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि 1984 के दंगों से भी बड़ी यह घटना हुई है।
यह कानून व्यवस्था का मजाक ही है कि अगर राजधानी सुरक्षित नहीं है तो सरकार देश की अन्य जगहों पर ऐसी घटनाओं से भला क्या सुरक्षा देगी। जिस शहर में दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति मौजूद हो, देश के गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति की उपस्थिति हो, वहां ऐसा तांडव! तो सवाल उठना लाजमी है। जहां पर पुलिस मूक दर्शक दिखी और उत्पातियों ने खुल कर तांडव किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिनका उदय धरने से हुआ और वे धरने का दूसरा रूप माने जाते हैं, उनकी खामोशी भी हलक से नीचे नहीं उतर रही है। अगर समय रहते वे सड़क पर उतरे होते तो शायद जिनकी जान गई आज वे जिंदा होते और जनसंहार रुक सकता था। ऐसा करने पर उनकी गांधीगीरी को सत्य माना जा सकता था। मगर उन्होंने भी दिल्ली लूटने के बाद आम राजनीतिक की तरह अपनी भूमिका निभाई।अचरज की बात एक और हुई कि जिस हाई कोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने पुलिस कार्यवाही का संज्ञान लिया उनके तबादले का फरमान जारी हो गया। यह भी संविधान से खिलवाड़ ही कहा जा सकता है। इसी तरह के फैसले पहले भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दौरान देश ने देखा हैं, चौरासी के दंगों की तरह दिल्ली मे राजनीतिक पार्टियों को एक और मुद्दा मिल गया, अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का। मगर उनका क्या होगा, जिनके चूल्हे हमेशा के लिए बुझ गए?


गाय ने दिया अद्भुत बछड़े को जन्म

पंकज राघव


संभल। इसे कुदरत का करिश्मा कहे या चमत्कार ,आमतौर पर गाये एक ही बच्चे को जन्म देती है और सब बच्चो के चार पैर और एक सिर होता है| लेकिन कुदरत के इस खेल के बिलकुल विपरीत एक वाक्या सामने आया है संभल के थाना रजपुरा क्षेत्र के गांव कन्हुआ में जहा गाय ने एक बच्चे को जन्म दिया है | यहाँ पर गाय ने ऐसे चमत्कारी बच्चे को जन्म दिया है जसके दो मुंह और 8 पैर है| यह आप तस्वीर में साफ़-साफ़ देख सकते है | गांव वालो का कहना है| कि हमें ऐसा चमत्कार पहली बार देखने को मिला है| आपको बता दे कि इस अद्भुत चमत्कार कि खबर जब लोगो तक पहुंची तो आसपास के ग्रामीण देखने पहुंचे वह देखने वालों का तांता लगा हुआ है|


सीतापुर कारागार पहुंचे पूर्व यूपी सीएम

सीतापुर। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव धोखाधड़ी के मामले में पत्नी तथा बेटे के साथ सीतापुर जेल में बंद सांसद आजम खां से भेंट करने लखनऊ से पहुंचे। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां राजनीतिक षड्यंत्र के शिकार हुए हैं। दंगा ही भाजपा का गुजरात मॉडल है। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव के साथ नौ लोगों को जेल के अंदर आजम खां से भेंट करने की अनुमति दी गई है।


अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां को न्यायालय से इंसाफ मिलेगा। यह तो सभी को दिख रहा है कि आजम खां के खिलाफ यह राजनीतिक षड्यंत्र है, जिसके तहत उनको जेल में रहना पड़ रहा है। अखिलेश ने कहा कि किसी के खिलाफ भी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने आजम खां की गिरफ्तारी के मामले को भाजपा का षडयंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, उन (आजम खां) पर मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। उनको साजिश के तहत फंसाया गया है। भाजपा के नेता ने शिकायत की। उनका कहना था कि क्या जिसने शिकायत की वो भाजपा का नहीं है। सरकार पर निशाना साधते हुए बोले कि किसी से बदले की भावना से काम नहीं होना चाहिए, लेकिन बीजेपी से क्या उम्मीद करेंगे आप। सीतापुर जेल में शिफ्टिंग को अखिलेश यादव ने सरकार का फैसला बताया और चुटकी लेते हुए कहा कि हमें रामपुर नहीं जाना पड़ा। सीतापुर नजदीक है, यहीं आ गए। अखिलेश ने कहा कि, जो राष्ट्र के नाम पर वोट लेकर आए थे, आज हमें राष्ट्र उन्हीं से बचाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाना और देश में आग लगाना ही गुजरात मॉडल है।


दिल्ली में हिंसा पर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार दिल्ली के दंगे नहीं रोक सकी। भारतीय जनता पार्टी तो समाज को बांटकर राजनीति करती है। सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब सदन में मुख्यमंत्री की भाषा को मर्यादित नहीं कहा जा सकता तो बाहर हम उनसे कया उम्मीद करें।


सांसद आजम खां को रामपुर से सीतापुर जेल में गुरुवार को शिफ्ट करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ से सीतापुर जिला कारागार पहुंचे। अखिलेश यादव के साथ एमएलसी आनंद भदौरिया, विधायक महमूदाबाद नरेंद्र वर्मा व पूर्व विधायक अनूप गुप्ता तथा राधेश्याम जायसवाल समेत कई जनप्रतिनिधि भी हैं। अखिलेश यादव ने सीतापुर जेल में जाकर रामपुर के सपा सांसद आजम आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी व सपा विधायक तजीन फातमा से मुलाकात की। आजम खां के साथ बुधवार को उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी और सपा विधायक तजीन फातमा को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में जेल भेज दिया गया।


जेल में अखिलेश यादव को सपा सांसद आजम खां की बैरक में भेजा गया। वहां पर दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक वार्ता हुई। इस दौरान जेल के बाहर बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एकत्र थे। योगी आदित्यनाथ सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आजम खां को फर्जी दस्तावेज के मामले में कोर्ट ने जेल भेजा है। सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब समाजवादी पार्टी के लोग राजनीतिक रंग देने की कोशिश न करे। यह तो कोर्ट कोर्ट का फैसला है, न कि हमारी सरकार या पार्टी का। प्रदेश में कानून का राज है, अगर कोई कानून का उल्लंघन करेगा, तो कानून सख्ती के साथ अपना काम करेगा। पहले की सरकारों ने राजनैतिक दबाव में कानून का सही से पालन नही किया। हमारी सरकार में अगर किसी ने भी अपराध, भ्रष्टाचार या फर्जीवाड़ा किया है, तो उसे बख्शा नहीं जायेगा। समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में कुछ लोगों ने सरकार को अपनी जागीर समझा और नियम-कानून को ताक में रखकर फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार किया।


राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अहम फैसले के अंतर...