शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

उत्तराखंड कैबिनेट में 14 प्रस्ताव पास

उत्तराखंड कैबिनेट की 14 अहम प्रस्तावों पर मुहर


पंकज कपूर


देहरादून। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।


● उत्तराखंड में भारत सरकार के द्वारा साइंस सिटी में सलाहकार पद की स्वीकृती। जीएस रौतेला को बनाया सलाहकार। वह राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद में भी काम कर चुके हैं। तीन वर्ष की होगी नियुक्ति।


● उत्तराखंड कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 2011 की जगह पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कृषि उपज एवं पशुधन विपणन अधिनियम 2017 प्रदेश में होगा लागू। किसानों के लिए मंडी में फसल पहुंचाने के लिए होगी अनिवार्यता खत्म। किसान अपने दामों पर कहीं भी बेच सकेंगे फसल। मंडी परिषद के अध्यक्ष सरकार द्वारा नियुक्त नहीं हो पाएंगे। अब होगा मंडी परिषद के अध्यक्ष के लिए चुनाव।


● मेगा इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट नीति 2015 में संसोधन किया। निगेटिव लिस्ट में शामिल उत्पादों पर नहीं मिल सकेगी अब छूट। तंबाकू पान मसाला, सीमेंट, पॉलीथीन आदि पर अब छूट नहीं। हालांकि पहले से ही स्थापित उत्पादों पर मिलती रहेगी पांच साल तक छूट।


● स्टार्टअप नीति 2018 में संशोधन।


● पीडब्ल्यूडी अब बना सकेगा नई सड़क 500 मीटर लंबी और तीन मीटर चौड़ी।


● मेगा टैक्सटाइल पार्क पॉलिसी धारा नौ में संशोधन। 2021 की बजाय अब 2023 तक पॉलिसी बढ़ाई।


● अटल आयुष्मान योजना में बदलाव। सरकारी अस्पताल के रेफरल प्रक्रिया खत्म। स्टेट हेल्थ एजेंसी की जगह स्टेट हेल्थ अथॉरिटी नामित। कॉल सेंटर का होगा गठन। प्रदेश में बनेंगे 10 कॉल सेंटर। आयुष्मान योजना में दिक्कतों को लेकर कॉल सेंटर के माध्यम से जानकारी ली जाएगी। राज्य कर्मचारियों को मिलेगा अटल आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज। कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा के तहत ग्रेड पे के हिसाब से महीने में सरकार प्रीमियम लेगी। वेतमान के हिसाब से 250, 450, 650, 1000 प्रीमियम सरकार लेगी।.


● उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को मंजूरी। प्रदेश में अब गवाहों को सुरक्षा मिलेगी। मृत्यु दंड समेत बड़े अपराधों के गवाहों को सुरक्षा मिलेगी।


● पंचायतीराज एक्ट 2016 में संशोधन। धारा दो में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत को परिभाषित किया गया।


● संविदा कृषि अधिनियम 2018 को राज्य में लागू किये जाने पर लगी मुहर। किसानों के साथ कॉन्ट्रेक्ट कर अधिनयम के तहत की जाएगी खेती।


● एसडीआरएफ में पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति पांच से बढ़ाकर सात साल।


● आदि बद्री से लगी जमीन को पार्किंग के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग को सरकार द्वारा नि:शुल्क दी जाएगी।


● 162 कब्रिस्तान की चहारदीवारी करने के लिए एक साल समय बढ़ा।


● उत्तराखंड उपकर अधिनियम 2015 के अंतर्गत विक्रय कीमत में संसोधन।


मृतकों का आंकड़ा 42, श्रीवास्तव नए कमिश्नर

नई दिल्ली। देश कि राजधानी दिल्ली में रविवार से शुरू हुई हिंसा का कहर आज भी जारी है। आज यानी शुक्रवार को मरने वालों की गिनती में फिर बढ़ोतरी हुई है। दंगे में मरने वालों का आंकड़ा 42 हो गया है। इनमें से 38 लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ा है। वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा हर तरह की स्थिति से निपटने की लगातार कोशिश की जा रही है। इस बीच खबर आई है कि हिंसा शुरू होने के बाद दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) बनाए गए एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली का नया पुलिस कमिश्नर (Police commissioner)बना दिया गया है। गृह मंत्रालय के आदेश पर एसएन श्रीवास्तव को यह कार्यभार सौंपा गया है।


दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस की तरफ से कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 22 फरवरी से 26 फरवरी के बीच कुल 48 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें 41 दंगा भड़काने, 4 हत्या, 1 गैर इरादतन हत्या, 2 हत्या की कोशिश का केस है। अब तक जितने लोगों की जान गई है, उसमें 13 की मौत गोली लगने और 22 लोगों की अलग-अलग चोट लगने के कारणों से हुई है। पुलिस की तरफ से 24 घंटे सुरक्षा के लिए स्पेशल सीपी (कानून) की अगुवाई में 3 स्पेशल सीपी, 6 ज्वाइंट सीपी, 1 एडिशनल सीपी, 22 DCP, 20 ACP, 60 इंस्पेक्टर, 600 जवान, 100 महिला जवानों को तैनात किया गया है। साथ ही 60 अर्धसैनिक बलों की कंपनियां भी तैनात हैं। वहीं हिंसा के दौरान मारे गए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी आम आदमी पार्टी ने सस्पेंड किए गए पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ताहिर हुसैन के घर पहुंची है। डीसीपी क्राइम की अगुवाई में फॉरेंसिक की टीम ताहिर हुसैन के घर पहुंची है।


पोर्न स्टार लैना रोड्स ने किया हैरान

न्यूयॉर्क। अमेरिकी पोर्न स्टार लैना रोड्स ने एक विडियो में दावा किया है कि एक बड़ा फुटबॉलर उन्हें पर्सनल मेसेज भेजता है। उन्होंने बताया कि उस फुटबॉलर के इंस्टाग्राम पर 4.3 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। 23 साल की पोर्न स्टार लैना रोड्स ने सोशल मीडिया पर एक विडियो में ऐसा दावा किया। उन्होंने इस विडियो में कहा कि एक फुटबॉलर उन्हें निजी मेसेज भेजता है। उन्होंने आगे कहा कि उस फुटबॉलर के इंस्टाग्राम पर 4.3 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और वह सालाना करीब 5.74 रुपये कमाता है।


लैना रोड्स का यह विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे उनके दोस्त माइक मैलक ने शेयर किया है। बता दें कि लैना के इंस्टाग्राम पर 77 लाख फॉलोअर्स हैं। लैना का जवाब सुनते ही उनकी दोस्त हैरान रह गईं। लैना रोड्स ने फिर आगे कहा कि उस फुटबॉलर के इंस्टाग्राम पर 43 मिलियन (4.3 करोड़) फॉलोअर्स भी हैं। जब उनकी दोस्त फुटबॉलर का नाम पूछती हैं तो लैना कोई जवाब नहीं देतीं।


खननः अखिलेश सीबीआई के रडार पर

उत्तर प्रदेश खनन घोटालाः अखिलेश यादव सीबीआई के रडार पर, विधि सलाहकार से पूछताछ
जेपी मिश्रा।
लखनऊ। खनन घोटाला की फाइनल जांच कर रही सीबीआई टीम  हमीरपुर पहुंच चुकी है। उसने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी को तलब कर दो घंटे तक पूछताछ की। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के पिता और दो चाचा समेत छह लोगों से भी अवैध खनन के नेटवर्क के बारे में पूछताछ की गई है। सूत्रों की माने तो विधि सलाहकार से अहम जानकारी जुटाने के बाद अब सीबीआई अखिलेश यादव के यहां पूछताछ के लिये दस्तक दे सकती है। सीबीआई की दो सदस्यीय टीम पिछले चार दिनों से हमीरपुर स्थित मौदहा बांध निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में कैम्प कर खनन घोटाले की परतें खोलने में जुटी है। अखिलेश यादव की सरकार में महोबा जिले के सूपा निवासी मनोज त्रिवेदी विधि सलाहकार थे। हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुये 14 मौरंग के पट्टों को मंजूरी दी थी। इसके बाद खनन मंत्रालय गायत्री प्रजापति के हाथ में आने के बाद 49 मौरंग के पट्टे जारी किये गये थे। इन सभी मौरंग के पट्टे जारी करने में नियमों और उच्च न्यायालय के निर्देशों को ताक पर रखा गया था।


हाईकोर्ट के आदेश पर अगस्त 2016 से सीबीआई अवैध खनन की लगातार जांच कर रही है। गुरुवार को सीबीआई के अधिकारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी को कैम्प आफिस में तलब कर उनसे पूछताछ की। सूत्र बताते है कि सीबीआई ने उनसे सवाल किया कि मौरंग के पट्टे स्वीकृत होने में विधि सलाह दी गयी या नहीं। पूछताछ के बाद इनके हस्ताक्षर भी कराये गए।


सीबीआई की नोटिस पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के पिता सत्यदेव दीक्षित, उनके चाचा राकेश दीक्षित व देव नारायण दीक्षित भी कैम्प आफिस तलब हुए और करीब दो घंटे तक इन सभी से लम्बी पूछताछ की गयी है। बयान लेने के बाद इन सभी से साइन लिये गये हैं। इसके अलावा एक महिला और दो अन्य कारोबारियों से भी पूछताछ की गयी है। कैम्प आफिस से बाहर निकलते ही मौरंग कारोबारी बेचैन नजर आये। सीबीआई की एफआईआर में यहां की तत्कालीन आईएएस बी.चन्द्रकला, खनन अधिकारी मुईनुद्दीन, एमएलसी रमेश मिश्रा, दिनेश मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित, रिटायर्ड खनिज लिपिक रामआसरे प्रजापति व लोनिवि का रिटायर्ड बाबू रामऔतार समेत ग्यारह लोग आरोपित हैं। इन सभी के खिलाफ ईडी को भी पत्र लिखा जा चुका है।


तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब सीबीआई के रडार पर आ चुके है क्योंकि उन तक पहुंचने के लिये विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी से पूछताछ कर सीबीआई ने अहम जानकारी जुटा ली है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर 16 अक्टूबर 2015 को जारी मौरंग के 49 पट्टे निरस्त कर जांच कमेटी बनाकर जिम्मेदार अधिकारियों व पट्टा धारकों के खिलाफ कार्यवाही भी करने के आदेश दिये गये थे। पूर्व में चौदह पट्टे भी निरस्त हुये थे। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने अब यहां अवैध खनन की जांच करने के साथ ही अखिलेश सरकार में तैनात रहे प्रशासन व खनिज विभाग के अधिकारियों का ब्यौरा भी अपने हाथ में ले लिया है।


याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
याचिकाकर्ता याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अपनी जान का खतरा बताते हुये सुरक्षा मांगी है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन की सीबीआई जांच अंतिम दौर पर है। ऐसे में खनन माफिया उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश कर रहे हैं। लगातार परिवार समेत जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। हाल में ही जजी परिसर में दो बार खनन माफियाओं ने हमला किया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी जांच में फंसने वाले आरोपित सपा और बसपा सरकार के राजनेता हैं जो उनकी हत्या करा सकते हैं। याचिकाकर्ता ने उच्च सुरक्षा की मांग करते हुये गृह सचिव और सीबीआई को पत्र दिया है।


दुधवा की 'लाइफ लाइन' का वजूद खत्म

दुधवा की लाइफ लाइन सुहेली नदी का वजूद हुआ खत्म, जिम्मेदार है मौन
फारुख हुसैन


लखीमपुर खीरी। ज्यों-ज्यो मौसम में तब्दीली होना शुरू हो गयी है और एक बार फिर गर्मी और तेज चिलचिलाती धूप से मनुष्य तो मनुष्य जीव ज॔तु भी बेहाल होने वाले हैं और इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली शदीद प्यास सभी को बेहाल करने वाली है। हालाकि मुनष्यो को तो इस मौसम से खाश परेशानी नहीं होने वाली है क्योकि उनके पास तो अपनी प्यास बुझाने के कई साधन मौजद है जहां वो ठंडे और स्वच्छ पानी से अपनी प्यास बुझाकर तरोताजा हो जाया करेगें।


परंतु उन वन्यजीव जो कि केवल प्राक्रतिक की बनाई हुई नदी और तालाब में भरे पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं और सबसे बड़ी और सोचनीय बात की उनके लिये मौजूद नदी या फिर तालाब वो भी देखभाल के अभाव के कारण अब सूखते जा रहें हैं। जिसके कारण वन्यजीवों को अपनी प्यास बुझाने के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है। जिससे वन्यजीव प्रमियों को इस बात की चिंता सताने लगी है। बता दे कि इसी का एक जीता जागता उदाहरण दुधवा टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन कही जाने वाली सुहेली नदी जिम्मेदारों के गैर जिम्मेदाराना रवैए के चलते अब अपना वजूद पूरी तरह से खो चुकी है। जिसके चलते बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी वन्य जीवों को प्यास बुझाने के लिये दर दर भटकना पड़ेगा।


दरअसल दुधवा की सुहेली नदी की सिल्ट सफाई न होने से सुहेली पुल से पर्वतिया घाट तक कई किलोमीटर में नदी ने रेत का टीला बना दिया है और नदी अपना रुख मोड़ कर नकउवा नाले को चली गई है। जिसके कारण वन्यजीवों को पूरी तरह से पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है। सर्दी और बरिश के मौसम में तो इस बात से कोई खाश प्रभाव नहीं पड़ता दिखाई देता है लेकिन गर्मी के मौसम में सुहेली नदी को वजूद खत्म होना काफी चिंता का विषय माना जा रहा है। गर्मी के मौसम में सुहेली नदी का नकउवा नदी की ओर रुख कर लेने से कई गांवों के खेतीहर इलाके भी बंजर होने की कगार पर पहुंच गये हैं क्योंकि जिस तरह से यहां भयानक सिल्ट फेंक रही है। तो कहीं न कहीं खेतीहर जमीनों में इसका जमावड़ा भी लग रहा है। तो आज नहीं कल यहां जमीनों के बंजर होने की आशंका लगातार बढ़ती दिखाई दे रही है।


उल्लेखनीय है कि दुधवा टाइगर रिजर्व में सैकड़ों सालों से बह रही सुहेली नदी को दुधवा की लाइफ लाइन कहा जाता है क्यों कि नदी पूरी तरह से दुधवा को छूती हुई गुजरती है और इसका पानी दुधवा के जंगल में स्वच्छंद विचरण करने वाले करीब 50 प्रतिशत वन्यजीव यहां पानी पीते थे। लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल चुकें हैं ।क्योंकि पलिया दुधवा मार्ग पर बने पुल से करीब पांच किलोमीटर पहले नदी ने मुख्य धारा में सिल्टिंग शुरू कर उसे पाट दिया और एक मोड़ लेकर नकउवा नाले में जा पहुंची। नाले का इतना बड़ा स्वरूप नहीं है कि वह अपने ऊपर से एक नदी को गुजार सके।


आलम यह हुआ कि नदी ने अपनी जगह बनाते हुए कई गांवों के खेती वाले इलाके को अपनी बालू से पाटना शुरू कर दिया है। इससे हजारो एकड़ कृषि भूमि बंजर होने के कागार पर भी आ खड़ी हुई है। जहां किसान इससे भूमि हीन हो रहे हैं वहीं वन्यजीवों की प्यास पर भी ग्रहण लग गया है। सुहेली नदी का वजूद एक दम या फिर अचानक नहीं खत्म हुआ है बल्कि यह सब धीरे धीरे हो पाया है लेकिन जिम्मेदारों ने इस पर गौर करना मुनासिब ही नहीं समझा और सबकुछ जानने और समझने के बावजूद वह खामोश रहे और उन्होने कुछ भी नहीं किया।


सबसे बड़ा सवाल यह सामने आ रहा है कि इसके लिए सालों पहले बजट भी मिला था लेकिन कागजों पर काम दिखाकर जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली ।दूसरी और जहां दुधवा टाइगर रिजर्व विश्व में अपनी अलग पहचान रखने वाला जहां न जाने कितने ही दुलर्भ वन्यजीवों की भरमार है और उनके संरक्षण के लिये करोड़ो रुपया व्यय किया जा रहा है लेकिन वही वन्यजीवों को प्यास से व्याकुल होकर पानी की तलाश में दर दर भटकना अपनी अलग कहानी भी बया कर रहा हैं और वह एक शर्मनाम बात भी है जिस पर गौर करना लाजमी बन चुका है।


वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिये बनाये जाते है वाटर हाल देखा जाये तो हमारा पार्क प्रशासन अपनी बड़ी कमियों को नजर अंदाज कर छोटी चीजों को ज्यादा ध्यान भी रखता है जिससे कि लोग उन पर किसी तरह की उंगली न उठा सके। दरअसल गर्मी में वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए कुछ जगहों पर वाटर हाल बनाकर पानी की पूर्ती की जाती है लेकिन वह बस कुछ समय के लिये ही नजर आती होगी क्योंकि तेज धूप और गर्मी के चलते वहां पानी ज्यादा समय तक रूकना अंसभव सा ही लगता है। देखा जाये तो इन छोटे छोटे कार्यों को न कर यदि नदियों पर ध्यान दिया जाये तो बेहतर होगा।


नदी के समीपवर्ती इलाकों से बाहर निकलने पर मजबूर होगें दुलर्भ वन्य जीव सुहेली नदी में पानी नहीं होने से वहां के समीपवर्ती जंगल में रहने वाले वन्यजीव पानी की तलाश में बाहर आने के लिये मजबूर होगे और उनके ऐसा करने से उनके जीवन पर भी संकट के बादल मंडराते रहते हैं क्योंकि जंगल से बाहर आने के बाद वह बाहर ही रह जाते हैं और उनका यहां रहना वन्यजीव मानव संघर्ष को बढ़ा रहा है। जिसमें हिलन चीतल पाढ़ा आदि तो बाहर आना आम बात हो जाती है।


सुहेली नदी के वजूद मिटने पर वन्यजीव प्रमियों में ख़ासा रोष उधर सुहेली नदी के वजूद मिटने पर वन्यजीव प्रमियों में पारक प्रशासन के खिलाफ खाशा रोष दिखाई देने लगा है उनका कहना है यदि सुहेली नदी की सिल्ट सफाई होने पर ध्यान दिया जाता तो आज नदी का वजूद नहीं मिटता और वन्यजीवों को प्यास बुझाने के लिये दर दर नहीं भटकना पड़ता।


जब दिल्ली जली, गृहमंत्री कहाँ थे ?

नई दिल्ली। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली हिंसा को लेकर शिवसेना ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। पार्टी ने गृहमंत्री से सवाल पूछा है कि जब दिल्ली जल रही थी, लोग जब आक्रोश व्यक्त कर रहे थे तब गृहमंत्री अमित शाह कहां थे? क्या कर रहे थे? शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' के जरिए कहा कि दिल्ली के दंगों में अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है और सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। मान लें केंद्र में कांग्रेस अथवा दूसरे गठबंधन की सरकार होती और विरोधी सीट पर भारतीय जनता पार्टी का महामंडल होता तो दंगों के लिए गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा गया होता।


शिवसेना ने कहा कि गृहमंत्री के इस्तीफे के लिए दिल्ली में मोर्चा व घेराव का आयोजन किया गया होता। राष्ट्रपति भवन पर धावा बोला गया होता। गृहमंत्री को नाकाम ठहराकर ‘इस्तीफा चाहिए!’ ऐसी मांग की गई होती। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भाजपा सत्ता में है और विपक्ष कमजोर है। फिर भी सोनिया गांधी ने गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा है। देश की राजधानी में 39 लोग मारे गए उनमें पुलिसकर्मी भी हैं और केंद्र का आधा मंत्रिमंडल उस समय अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को सिर्फ ‘नमस्ते, नमस्ते साहेब!’ कहने के लिए गया था। केंद्रीय गृहमंत्री व उनके सहयोगी अहमदाबाद में थे, उसी समय गृहविभाग के एक गुप्तचर अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या दंगों में हो गई। लगभग 3 दिनों बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोबाल चौथे दिन अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली की सड़कों पर लोगों से चर्चा करते दिखे, इससे क्या होगा? जो होना था वो नुकसान पहले ही हो चुका है। सवाल ये है कि इस दौर में हमारे गृहमंत्री का दर्शन क्यों नहीं हुआ? देश को मजबूत गृहमंत्री मिला है लेकिन वे दिखे नहीं, इस पर हैरानी होती है।


कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला दिया

नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी ने अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सरकार से किस्तों में भुगतान, लेवीज में कटौती और संकट में फंसे क्षेत्र के लिए फ्लोर प्राइस लागू करने की भी मांग की है। मुश्किलों से जूझ रही वोडाफोन आइडिया ने कहा कि सरकार की मदद के बिना वह समायोजित सकल राजस्व का पूरा बकाया चुकाने में असमर्थ है। वोडाफोन आइडिया ने इस संबंध में दूरसंचार विभाग और दूरसंचार मंत्रालय को पत्र भेजा है। कंपनी का यह कदम इसलिए भी अहम है, क्योंकि उसे दूरसंचार विभाग को 53 हजार करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है। इसमें से वह अभी तक महज सात फीसदी का ही भुगतान कर सकी है। वोडाफोन आइडिया ने कहा, उसकी वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। कंपनी उसी स्थिति में अपनी देनदारियां चुका पाएगी, यदि उसे ब्याज, जुर्माने सहित बाकी का भुगतान किस्तों में करने की अनुमति दी जाए। कंपनी ने सरकार से जीएसटी क्रेडिट के समायोजन की भी मांग की, इससे एजीआर का भुगतान करने में मदद मिल सकती है। पिछले कुछ साल में हुए घाटे का हवाला देते हुए कंपनी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र का वित्तीय संकट किसी से छिपा हुआ नहीं है। कंपनी ने अपने मौजूदा 30 करोड़ ग्राहकों और 10 हजार कर्मचारियों का उल्लेख करते हुए सरकार की तरफ से तुरंत सहयोग की भी गुहार लगाई। वोडाफोन आइडिया ने कहा कि वह अपने आकलन वाले मूल धन का निबटारा कर सकती है, यदि केंद्र की ओर से उसे जीएसटी क्रेडिट के मद में सरकार के पास पड़े 8,000 करोड़ रुपये को इसमें शामिल करने की अनुमति दी जाए।


हिंसा में 38 की मौत, 200 लोग घायल

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे को लेकर हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। इसमें गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 34 लोगों की लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में तीन तथा एक व्यक्ति की जग प्रवेश चंद अस्पताल में मौत हो गई। इस इलाके में तीन दिनों तक हुई हिंसक वारदातों में लगभग 200 लोग घायल हुए हैं, जिसमें से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। फिलहाल हालात नियंत्रण में है और जांच के लिए क्राइम ब्रांच के अंतर्गत एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि हिंसाग्रस्त इलाकों में समुचित संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने के बाद हालात नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि 48 प्राथमिकी अब तक दर्ज की जा चुकी है और तथ्यों की जांच करने के बाद और मामले दर्ज किये जाएंगे। एक हजार से अधिक सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है। अब तक 106 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए दिन-रात चौकसी बरती जा रही है।


आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण

लखनऊ। यूपी विधानसभा में उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020 पारित हो गया। इससे आयोग की ओर से की जाने वाली भर्तियों में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।


विधानसभा में गुरुवार को तीन विधेयक पारित किए गए। इसमें राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक 2020, उप्र लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020 और उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2020 शामिल हैं। राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक 2020 के पास होने से प्रदेश सरकार के विभिन्न उपक्रमों, निगमों के उपाध्यक्ष, सलाहकार और सदस्यों को राजधानी स्थित राज्य संपत्ति विभाग की ओसीआर बिल्डिंग में आवास आवंटित किया जा सकेगा।


वहीं, उप्र लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020 के पास होने से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से की जाने वाली भर्तियों में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
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'टैक्स छूट का दायरा 20 लाख से बढ़कर 40 लाख हो गया'
इसके अलावा उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2020 के पारित होने से व्यापारियों को टैक्स छूट का दायरा 20 लाख से बढ़कर 40 लाख हो गया है।औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि कम्पोजिट स्कीम में हर तीन महीने में रिटर्न भरने की बाध्यता समाप्त की जा रही है। अब केवल साल में एक बार रिटर्न भरना होगा और तिमाही पर टैक्स जमा क रना होगा।


वित्तमंत्री 'मनप्रीत बादल' का बड़ा ऐलान

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल विधानसभा में राज्य का 2020-21 का बजट पेश कर रहे हैं। अमरिंदर सरकार ने राज्य कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से घटाकर 58 साल करने की घोषणा की है। साथ ही, नई भर्ती भी तुरंत शुरू करने की बात कही है। राज्य सरकार ने पे-कमीशन की रिपोर्ट भी इसी साल लागू करने की बात कही है। इससे पहले मनप्रीत बादल के आवास के बाहर शिअद विधायकों ने घेरा डाला और इस कारण उनको विधानसभा पहुंचने में देरी हुई। इस दौरान बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार भी किया गया।


बजट पेश करते समय वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र घटाने से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वित्‍तमंत्री ने कर्मचारियों को इसके साथ ही राहत देने की भी घोषणा की। उन्‍होंने सरकारी कर्मियों को महंगाई भत्‍ते की बकाया किस्‍त 31 मार्च तक देने की घोषणा की। बजट में वित्‍तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने किसानों के लिए भी कई घोषणाएं कीं। मनप्रीत ने बजट ने कई लोकलुभावन घोषणाएं की हैं। सरकारी प्राथमिक स्‍कूलों में मुफ्त परिवहन सुविधा देने का भी ऐलान किया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि पंजाब के वेतन व्यय 25449 करोड़ रुपये से बढ़ कर 27639 करोड़ और पेंशन 10213 से बढ़ कर 12267 करोड़ रुपये हो जाएगा।


वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि पंजाब का बजट पिछली बार से ज्यादा है। इस बार बजट 154805 के करोड़ रुपये का है। विभिन्‍न क्षेत्रों के लिए राशियों का प्रावधान किए हैं।


एशियाई बाजारों के साथ सेंसेक्स-निफ्टी गिरा

कोरोना ने मचाया कोहराम, एशियाई बाजारों के साथ सेंसेक्स और निफ्टी भी गिरा

मुम्बई। कोरोना का कहर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर भारी पड़ रहा है। हफ्ते के अंतिम दिन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1000 से ज्यादा अंक टूट गया है। सेंसेक्स में कारोबार की शुरुआत 658 अंक की गिरावट के साथ हुई थी। सुबह 9.39 बजे तक सेंसेक्स 1130 अंक टूटकर 38615 तक पहुंच गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 251 अंक टूटकर 11,382.00 पर खुला है। दुनिया भर के बाजारों में कोरोना वायरस के प्रकोप का डर कायम है। शुक्रवार को चीन, जापान, दक्षणि कोरिया सहित कई एशियाई देशों के शेयर बाजारों को भारी नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कोरोना की वजह से दुनिया में आर्थिक मंदी आने की चेतावनी दी है। इस हफ्ते दुनिया भर के शेयर बाजारों में 2008 की मंदी के साथ सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान में दिख रहे हैं। गिरने वाले प्रमुख शेयरों में टाटा मोटर्स, हिंडाल्को, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, यस बैंक, गेल और एमऐंडएम शामिल रहे।


 


कहर बरपा रही है विदेशी मॉडल

नई दिल्ली। ब्रिटिश मॉडल व एक्ट्रेस डेमी रोज इन दिनों अपनी कुछ तस्वीरों के कारण छाई हुई हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनोंउनकी बोहद बोल्ड तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। वैस तो रोज हमेशा ही अपनी बोल्ड एंड हॉट तस्वीरों के कारण सुर्खियों में रहती हैं। सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की कमी नहीं है या यह कह लें कि सोशल मीडिया पर उनके फैंस की संख्या लगातार ही बढ़ती जा रही हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर उन्होंने एक करोड़ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। रोज इंस्टा पर हमेशा एक्टिव रहती हैं और आए दिन अपनी तस्वीरें यहां शेयर करती रहती हैं। इसी क्रम में उन्होंने हाल ही में इंस्टा पर अपनी कुछ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। बता दें, रोज के इंस्टाग्राम पर कई तस्वीरों के साथ, फैंस उनकी मॉडलिंग के बारे में जानना पसंद करते हैं और उनके लुक की सराहना भी करते हैं। रोज के 12.6 मिलियन से अधिक इंस्टाग्राम फॉलोअर्स हैं, जो उनकी हर पोस्ट पर लाइक्स, शेयर और कमेंट तो करते ही हैं, साथ ही साथ रोज से बात भी करना भी चाहते हैं। तो आइए, अब आपको दिखाते हैं रोज की वे 30 हॉट तस्वीरें, जिसमें उनका अंदाज देखते ही बन रहा है।



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राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अहम फैसले के अंतर...