शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

दुनिया के प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद

एकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2019 के मुताबिक दुनिया के सर्वाधिक 30 प्रदूषित शहरों में से 21 भारत के हैं। वहीं टॉप 10 शहरों में भी भारत के 6 शहर शामिल हैं। गाजियाबाद दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। यह रिपोर्ट वायु प्रदूषण के संबंध में है। साल 2019 में गाजियाबाद की औसत वायु गुणवत्ता 110.2 रही। अमेरिका की पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी के स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप यह बेहद चिंताजनक है।
वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2019 का यह डेटा आईक्यूएआईआर के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है। यह रिपोर्ट हर साल तैयार होती है। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2018 की रिपोर्ट में दुनिया के टॉप-30 प्रदूषित शहरों में भारत के 22 शहर शामिल थे। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2019 के मुताबिक दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राष्ट्रीय राजधानी है। साल 2019 में दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता 98.6 दर्ज की गई। भारत की राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में नवंबर 2019 में वायु गुणवत्ता सूचकांक 800 के पार चला गया था। यानी वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक से भी तीन गुना ज्यादा था।


प्रशासन की सजग-सतर्कता आई काम

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जनपद की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन स्तर पर किसी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। किसी भी कीमत पर किसी भी हाल में संप्रदायिकता नहीं फैलने दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन संकल्प बंद है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए संवेदनशील लोनी तहसील क्षेत्र में शांति सभा का आयोजन किया गया। जिसका नेतृत्व उप जिला अधिकारी खालिद अंजुम के द्वारा किया गया। उन्होंने सभी जिम्मेदार नागरिकों से अपील करते हुए कहा किसी भी कीमत पर अपने सामाजिक सौहार्द को न बिगड़ने दे। जो लोग संप्रदायिकता के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।


गौरतलब हो जनपद को 16 जॉन मे बांटते हुए 59 सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के द्वारा दिल्ली के सीमावर्ती लोनी का निरीक्षण किया एवं अधीनस्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। वही क्षेत्राधिकारी एवं तीनों थानों के प्रभारी क्षेत्रों में मुस्तैदी से पुलिस बल के साथ गश्त कर रहे हैं।


मंदिर में प्रयोग शीलाओं की आयु हजार साल

राम मंदिर को स्वरुप देने वाली शिलाओं की आयु होगी एक हजार साल


सौरभ दुबे
अयोध्या। राममंदिर को लेकर लोगों में बहुत ही जादा उत्सुकता है। वहीं विहिप से जुड़े जानकारों की ओर से दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर को स्वरूप देने वाली शिलाओं की आयु एक हजार वर्ष से अधिक रहेगी।
श्रीरामजन्मभूमि न्यास की ओर से मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर से विशेष किस्म के पिंक सैंड स्टोर को मंगा कर कार्यशाला में उनकी तराशी कराई गई है। गुलाबी रंग का यह पत्थर दिखने में ही काफी मोहक है। मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशी का कार्य 65 फीसद हो चुका है, लेकिन अभी भी मंदिर की ऊपरी छत और शिखर आदि हिस्सों के लिए पत्थरों की तराशी होना बाकी है। इसके लिए एक लाख घन फीट पत्थरों की और जरूरत है। विहिप से जुड़े जानकारों के मुताबिक चार साल पहले संगठन की ओर से पत्थरों के बारे में अधिक से अधिक तथ्य प्राप्त करने के लिए इनकी लैब टेस्टिंग कराई गई थी, जिसके बाद यह बात सामने आई थी। न्यास कार्यशाला में अब तक एक लाख घन फीट पत्थरों की तराशी हो चुकी है, जबकि इससे अधिक पत्थरों को अभी तराशा जाना है।
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक, राम मंदिर का निर्माण न्यास के मॉडल के अनुरुप ही रहेगा। राममंदिर निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पत्थरों की आयु को लेकर कुछ साल पहले टेस्टिंग कराई गई थी। जिसमें पत्थरों की आयु एक हजार साल है ऐसी बात सामने आई थी।


बांग्लादेशी विद्यार्थी को 'भारत छोड़ो' नोटिस

कोलकाता। विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय, कोलकाता ने “भारत सरकार विरोधी गतिविधियों में संलग्न” होने के आरोपों में, विश्व भारती विश्वविद्यालय के एक छात्र, बांग्लादेश राष्ट्रीयता अफसरा ए मीम को भारत छोड़ने का “लीव इंडिया” नोटिस दिया है। उन्हें फरवरी 29 तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया है; अफसरा ए मीम पर आरोप है कि 8 फरवरी को CAA के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था।


एमपी बनेगा देश का हॉर्टिकल्चर कैपिटल

भोपाल। मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश को देश का हार्टिकल्चर कैपिटल बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी किसानों की समृद्धि के द्वार खोलने वाला क्षेत्र है। यही कृषि का भविष्य भी है। श्री कमल नाथ ने कहा कि नाबार्ड को हार्टिकल्चर के क्षेत्र में ऋण देने का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़ी मात्रा में अनुपयोगी पड़ी राजस्व भूमि का उपयोग उद्यानिकी क्षेत्र के विस्तार में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री मंत्रालय में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी 2020-21 में स्टेट फोकस पेपर का विमोचन कर रहे थे। नाबार्ड ने प्रदेश के लिये 1,98, 786 करोड रूपये के ऋण का आकलन किया है। यह पिछले साल से 13 प्रतिशत ज्यादा है।


 
कृषि में भी नई सोच से काम करने की आवश्यकता


मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कृषि क्षेत्र में भी नई दृष्टि और नई सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है। पूरा दृश्य बदल रहा है। पहले छोटे दानों जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था। आज इन फसलों की प्राथमिकता है। पहले यह गरीबों की खाद्य सामग्री मानी जाती थी। अब ये फसलें पोषक तत्वों के कारण सर्वाधिक उपयोगी साबित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के पास वर्षों का संचित अनुभव और बौद्धिक क्षमता है । इसका उपयोग भविष्य में निर्मित होने वाले परिदृश्य में ज्यादा कारगर होगा। उन्होने कहा कि नाबार्ड को न सिर्फ वर्तमान बल्कि 2024-25 की योजना भी अभी से तैयार करना पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो स्थितियाँ हैं, वो पाँच साल बाद बदल जाएंगी। आज तय किए गए लक्ष्य आसानी से पूरे हो जाएंगे लेकिन भविष्य की दृष्टि से नए लक्ष्यों की चुनौती को भी स्वीकार करना होगा। उन्होने कहा कि नाबार्ड ने मध्यप्रदेश और देश के कृषि अधोसंरचना निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है। नाबार्ड ने जो ज्ञान अर्जित किया है, उसका उपयोग हमें भविष्य में अपनी सोच को विस्तार देने में करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए जो प्लान बनाये हैं, वे देश के लिए भी उपयोगी होंगे।
कृषि को बनाना होगा आधुनिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती युवाओं की बेरोजगारी है क्योंकि वे शहरों और गांवों के बीच भटक रहे हैं। उनहोने कहा कि युवाओं को नई तकनीक और तकनीकी कौशल से जोड़ना होगा। प्रदेश की कृषि को आधुनिक बनाना होगा।
कृषि क्षेत्र के उभरते बाजार पर पैनी नजर
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड को अब फसलों के निर्यात पर भी ध्यान देना होगा। कृषि क्षेत्र के भीतर उभरते बाजार पर भी पैनी नजर रखना होगी। उन्होंने कहा कि नाबार्ड अपनी विशेषता को सामान्य रूप से किए जाने वाले कार्यों में उपयोग न करें बल्कि खेती की नई तकनीकों पर ध्यान दे। वेयर हाऊस निर्माण और उपार्जन की अधोसंचानाओं के निर्माण पर भी ध्यान दे। इसके अलावा, यह भी विचार करे कि कौन सी उपयोगी अधोसंरचनाएं बन सकती हैं और बनना चाहिए । उन्होंने कहा कि एक-दो दशक पहले नाबार्ड की भूमिका सिर्फ रि-फाईनेंसिंग तक सीमित थी। आज इसे अपनी भूमिका को भी विस्तार देने की आवश्यकता है।
नाबार्ड ने मध्यप्रदेश में वर्ष 2020-21 के लिए 1,98,786 करोड़ रूपए की ऋण की संभावना का आकलन किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल यह राशि 1,74, 970 करोड़ थी। इस ऋण अनुमान में फसलीय ऋण पर 1,03,005 करोड़ रूपए और टर्म लोन पर 44,982 करोड़ रूपए ऋण अनुमान है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के लिए लगभग 32,001 करोड़ और प्राथमिकता क्षेत्र जैसे निर्यात ऋण, शिक्षा, आवास, नवकरणीय ऊर्जा और अन्य सामाजिक बुनियादी ढ़ाँचे पर 18,797 करोड़ रूपए ऋण देने का अनुमान है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक  एस के बंसल ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास की संभावना पर प्रकाश डालते हुए बैंकों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रदेश के 100% किसानों तक केसीसी कवरेज बढ़ाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश और कृषि उत्पादक समूहों के वित्त पोषण के प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) और दीर्घकालिक संचय निधि ( एलटीआईफ) के तहत राज्य सरकार को दिए गए रु 26000 करोड़ के ऋण और इससे होने वाले लाभ की भी चर्चा की। प्रदेश के 21 जिलों में स्व- सहायता समूहों के लिये ई-शक्ति परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इससे प्रदेश के 25000 समूहों के लगभग ढाई लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसान उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्य शासन और नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी एवं लीड बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


यूपी बोर्डः मोबाइल ना लांए परीक्षार्थी

लखनऊ। यूपी के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी जिलों को चेताया है कि 29 फरवरी को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की विज्ञान व गणित की परीक्षा है लिहाजा सतर्क रहे। अधिकारी सचेत रहे और मॉनिटरिंग दुरुस्त रखें। परीक्षा खत्म होने से आधे घण्टे पहले भी यदि पर्चा वायरल हुआ तो उसे पेपर आउट होने की श्रेणी में रखा जाएगा। मुख्य सचिव ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी जिलाधिकारियों के साथ यूपी बोर्ड परीक्षाओं की समीक्षा करते हुए ये निर्देश दिए। 


मऊ, बलिया, कौशांबी, गाजीपुर, बस्ती से नकल, पेपर वायरल आदि की घटनाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव ने इनके समेत शाहजहांपुर, बलिया, मथुरा, प्रयागराज, देवरिया आदि के जिलाधिकारियों से अलग-अलग बात की। उन्होंने कार्रवाइयों और एफआईआर का ब्यौरा पूछा। देवरिया के डीएम द्वारा यह कहने पर कि वहां कोई नकल की घटना नहीं हुई तो उस पर मुख्य सचिव ने बताया कि बलिया में जो पेपर व्हाट्सऐप पर वायरल (आउट) हुआ, उसका स्रोत देवरिया में है। इसकी जांच कराएं। बलिया में भौतिक विज्ञान इंटरमीडिएट का पेपर वायरल हो गया, वहीं अंग्रेजी की परीक्षा के दिन लिखी हुईं कॉपियां परीक्षा शुरू होते ही वायरल हो गईं। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्र पर पर्चा शुरू होने से एक घण्टा पहले से लेकर पर्चा खत्म होने के आधा घण्टा बाद तक मोबाइल बंद रखा जाए। केन्द्र के अंदर कोई भी स्मार्ट फोन लेकर न जाए। 


विभागीय प्रमुख सचिव अराधना शुक्ला ने कहा कि परीक्षा केन्द्रों के सीसीटीवी के साथ वॉयस रिकार्डर भी काम करें, ये जरूर चेक करें।  जांच के समय यह भी देखा जाये कि स्ट्रांग रूम में लगे कैमरे की दिशा स्ट्रांगरूम व अलमारी की ओर हो।



क्रैनबेरिज खाने के 10 फायदे

सेब, केला, संतरा, अनार, पपीता- ये कुछ ऐसे फल हैं जिन्हें आप हर सीजन में खाते हैं और इन्हें खाने के फायदों के बारे में तो हम सब जानते हैं। लेकिन हम आपको बता रहे हैं उन फ्रूट्स के बारे में जिनके बारे में कम लोग जानते हैं लेकिन अपने औषधीय गुणों की वजह से सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। ऐसा ही एक फल है क्रैनबेरी। लाल रंग का ये बेहद छोटा लेकिन टेस्टी फल क्रैनबेरीज, न्यूट्रिएंट्स का पावरहाउस है। आपने क्रैनबेरी का जूस तो जरूर पिया होगा और शायद सॉस भी खाया हो लेकिन अब क्रैनबेरी को फल के तौर पर अपने डेली डायट में शामिल करने का समय आ गया है। इस फल को खाने के कितने फायदे हैं, यहां जानें। 
यूटीआई की समस्या दूर करती है क्रैनबेरी
यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या दूर करने में फायदेमंद मानी जाती है क्रैनबेरीज और महिलाओं सालों से इसका इस्तेमाल करती आ रही हैं। इस बार में अब तक हो चुकी बहुत सी रिसर्च में यह बात साबित भी हो चुकी है कि हर दिन क्रैनबेरीज खाने या इसका जूस पीने से यूरिन इंफेक्शन की समस्या को दूर किया जा सकता है। क्रैनबेरीज में पीएसी नाम का तत्व पाया जाता है तो बैक्टीरिया को यूरिनरी ट्रैक्ट में चिपकर इंफेक्शन फैलने से रोकता है।
कैंसर सेल के विकास को रोकता है
रिसर्च में यह बात भी साबित हो चुकी है कि क्रैनबेरीज में मौजूद फाइटोकेमिकल्स ट्यूमर या कैंसर के सेल्स को बढऩे से रोकता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर, लंग कैंसर जैसी बीमारियों को बढऩे से रोका जा सकता है। इतना ही नहीं, क्रैनबेरीज को अपनी डेली डायट में शामिल करने से बहुत तरह के कैंसर को होने से भी रोका जा सकता है। क्रैनबेरी में ऐंटी-कार्सिनोजेनिक कम्पाउंड पाया जाता है जो शरीर में कैंसर के सेल्स को बढऩे से रोकता है। 
आंतों को हेल्दी बनाने में मददगार
गट यानी आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने और हानिकारक बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करती है क्रैनबेरीज। शरीर में मौजूद गट बैक्टीरिया का बैलेंस बना रहना जरूरी है ताकि भोजन में मौजूद फायदेमंद कंपाउंड को निकालकर शरीर तक पहुंचाया जा सके और पेट खराब होने से बच जाए। साथ ही साथ क्रैनबेरीज में मौजूद पीएसी एक और तरह के बैक्टीरिया को दबाने में मदद करता है जो पेट में अल्सर के लिए जिम्मेदार होता है। 
किडनी स्टोन की समस्या होगी दूर
क्रैनबेरीज में क्वीनिक ऐसिड के साथ-साथ कई दूसरे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो किडनी में स्टोन होने की समस्या से रोकता है। साथ ही किडनी को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है ताकि किडनी की सही तरीके से सफाई हो पाए।
मुंह की बीमारियां रहें दूर
अगर आप चाहते हैं कि आप हर तरह के डेंटल प्रॉब्लम से दूर रहें आपकी सांस हमेशा ताजी बनी रहे और मुंह या सांस से बदबू की समस्या का सामना न करना पड़े तो क्रैनबेरीज खाना शुरू कर दें। क्रैनबेरी में प्रोऐन्थोसाइनिडिन पाया जाता है जो मुंह में प्लाक, कैविटीज और मसूड़ों से जुड़ी बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है। 
दिल से जुड़ी बीमारियां नहीं होती
क्रैनबेरीज में पॉलिफेनॉल्स भी पाया जाता है और यह एक ऐसा तत्व है तो कार्डियोवस्कुलर डिजीज यानी दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है। 2019 में हुई एक स्टडी में यह बात साबित हो चुकी है कि अगर डायट में क्रैनबेरीज को शामिल किया जाए तो दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। साथ ही साथ ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।
कलेस्ट्रॉल की समस्या होगी दूर
क्रैनबेरीज का सेवन करने से शरीर का बीएमआई भी कम होता जिससे शरीर में गुड कलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है और बैड कलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही साथ ब्लड शुगर का लेवल भी कंट्रोल में रहता है। आप चाहें तो क्रैनबेरीज का जूस या पाउडर का सेवन भी कर सकते हैं। 
इन्फ्लेमेशन की समस्या होगी दूर
इन्फ्लेमेशन यानी सूजन-जलन बहुत सी बीमारियों की मुख्य वजह होती है। कैंसर, आर्थराइटिस, डायबीटीज ये सब शरीर में इन्फ्लेमेशन होने की वजह से ही होता है। ऐसे में ऐंटी इन्फ्लेमेट्री फूड खाने से इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद मिलती है और क्रैनबेरी ऐसा ही एक फूड है जिसमें पॉलिफेनॉलिक कम्पाउंड पाया जाता है जो कैंसर और हार्ट डिजीज समेत कई बीमारियों को रोकने में मदद करता है। 
वेट लॉस में मददगार
क्रैनबेरीज में ऐंटिऑक्सिडेंट्स की मात्रा भी भरपूर होती है और इस वजह से शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है। साथ ही साथ फैट भी कम होने लगता है जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है। साथ ही क्रैनबेरीज में ढेर सारा फाइबर भी होता है इसलिए इसे खाने के बाद लंबे समय तक आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है और आपको भूख भी नहीं लगती।


थकान 15 मिनट में हो जाएगी छूमंतर

दिनभर की थकान दूर करने के लिए हम ऐसा क्या करें कि तुरंत मानसिक और शारीरिक थकान से मुक्ति पा सकें? इस सवाल के जवाब में हेल्थ और फिटनेस एक्सपर्ट गौतम कहते हैं – शवासन कीजिए। सबसे आसान और बेहद असरदार है शवासन योग। 
मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाए
आज लगभग सभी लोग प्रेशर वाली लाइफ जी रहे हैं और मान चुके हैं कि असली जिंदगी यही है। लोग दिन-रात अपने सपनों के पीछे भाग रहे हैं और सपनों को जीने की चाह में जिंदगी जीना भूल रहे हैं। यहीं से हमारे जीवन में मानसिक तनाव हावी होने लगता है।
अटक गया है हमारा ब्रेन
हमारा ब्रेन हर समय ज्यादा से ज्यादा पाने में अटका रहता है। हम हर समय गैजेट्स में उलझे रहते हैं। घर की जरूरतों से लेकर ऑफिस का काम तक सब कुछ टेक्नॉलजी पर निर्भर हो गया है। किसी भी चीज का उपयोग यदि अति में करते हैं तो उसके नकारात्मक प्रभाव भी हमें देखने को मिलते हैं। यही वजह है कि आज गैजेट्स और टेक्नॉलजी हमें मानसिक रूप से बीमार बना रहे हैं।
फोकस की कमी दूर करे
सिटिंग और कंप्यूटर बेस्ड जब होने के कारण हमें मेंटल रेस्ट नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि हम विचलित रहते हैं, किसी भी एक काम पर फोकस नहीं रह पाते, ऐंग्जाइटी बढ़ रही है। इन सभी तरह की दिक्कतों से निजात दिलाने में शवासन बहुत अधिक मददगार है।
लाइफ में बैलंस बढ़ाता है
मानसिक रूप से थके और बेचैन रहने के कारण हम अपनी लाइफ को बैलंस नहीं कर पाते हैं। लेकिन जिंदगी को बैलंस करना जरूरी है ताकि स्ट्रेस से बचे रहें। इसमें शवासन हमारी बॉडी के लिए बहुत अधिक लाभकारी रहता है। क्योंकि शवासन की मुद्रा में हमारा पूरा फोकस अपनी श्वास पर होता है, जिस कारण हमें मानसिक शांति मिलती है।
प्राकृतिक योग है शवासन
मेंटल फिजिकल और इमोशनल लेवल पर बैलंस के लिए योग बहुत अधिक आसान और इफेक्टिव तरीका है। खासतौर पर शवासन। शवासन की उत्पत्ति ही इसलिए हुई ताकि हमें रेस्ट मिल सके। प्राकृतिक रूप से हम सोते हुए भी इस अवस्था में ही होते हैं। यह मुद्रा हमारे शरीर की हर नर्व और सेल को प्रभावित करती है।
शरीर को रिलैक्स करे
शरीर को रिलैक्स करने के लिए शवासन इसलिए जरूरी है क्योंकि यह एक ऑटो सजेशन प्रॉसेस है, जब हम अपने आपको निर्देश देते हैं कि हमें शांत होना है। ऑटो सजेशन एक पॉवरफुल प्रॉसेस है जो बिल्कुल मेडिटेशन की तरह काम करती है। शवासन हमारी शारीरिक थकान उतारता है। गर्दन दर्द, सिरदर्द, ऐंग्जाइटी, कमर दर्द में राहत देता है।
शवासन करने का तरीका
शवासन करने के लिए आप किसी शांत जगह पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। इस दौरान आपके पैरों और हाथों को शरीर से उतनी दूरी पर रखें, जितनी दूरी पर आप सहज महसूस करें। आपकी हथेलियां आसमान की तरफ खुली हुई और आंखें बंद होनी चाहिए। 
श्वांस पर रहे ध्यान केंद्रित
शवासन के दौरान हमें सबसे अधिक लाभ तभी मिलता है, जब हम श्वांस को सहज बनाए रखते हैं। शवासन के दौरान धीरे-धीरे गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। आपका ध्यान पूरी तरह अपनी श्वांस पर होना चाहिए। इस दौरान अपने शरीर को एकदम ढीला छोड़कर रखें।
हर रोज कितनी देर करें
हर रोज 10 से 15 मिनट किसी भी वक्त हम शवासन कर सकते हैं। यह कहिए कि जब भी आपको थकान महसूस हो आप इस योग मुद्रा को 10 से 15 मिनट के लिए कर लीजिए आपकी मानसिक और शारीरिक थकान तुरंत उतर जाएगी।
कैसे करता है काम?
शवासन हमारे शरीर की सभी मसल्स को शांत करता है। इस दौरान हम सहज अवस्था में होते हैं, जिससे पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। गहरी सांस लेने से बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक पहुंचती है, जिससे ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और ब्रेन सहित पूरी बॉडी तनाव मुक्त होती है।
फिजिकल लेवल पर इसके फायदे
जब भी बहुत अधिक थकान महसूस होती है तो हम चाय पीने या स्मोक करने चले जाते हैं। यह हमें नुकसान पहुंचाता है। अगर उस वक्त हम शवासन करें तो हमें बहुत अधिक फायदा मिलेगा। अगर आपके ऑफिस में ऐसी कोई जगह नही है जहां आप इस आसन को कर सकें तो खुली और शांत जगह में बैठकर गहरी सांसें लें।


रोहित-अजय की सिंघम-3 की तैयारी

मुंबई। अजय देवगन के साथ सिंघम और रणवीर सिंह के साथ सिंबा जैसी हिट फिल्म देने के बाद रोहित शेट्टी इस फ्रैंचाइज़ी की तीसरी फिल्म सूर्यवंशी लेकर हाजिर हो रहे हैं, जिसमें लीड रोल में अक्षय कुमार नजर आनेवाले हैं। यह फिल्म अभी रिलीज़ भी नहीं हुई है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि रोहित के दिमाग में इस फिल्म के बाद की प्लानिंग शुरू हो चुकी है।


हाल ही में रोहित शेट्टी से जब यह सवाल किया गया कि सूर्यवंशी के बाद उनकी कौन सी फिल्म होगी, जो पुलिस की दुनिया से जुड़ी होगी तो उन्होंने झट से जबाव देते हुए कहा कि अक्षय और कटरीना की इस फिल्म के बाद सिंघम का तीसरा इंस्टॉलमेंट लेकर आएंगे वह।
याद दिला दें कि साल 2011 की हिट फिल्म सिंघम में अजय देवगन नजर आए थे और यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इसकी सफलता को देखते हुए इसका सीच्ल भी रेडी हुआ और यह भी बॉ़क्स ऑफिस पर उतनी ही शानदार रही। सिंघम में एक ऐसे पुलिस ऑफिसर की कहानी दिखाई गई है, जो अपनी ईमानदारी का साथ कभी नहीं छोड़ता। इसके बाद आई साल 2014 में सिंघम 2, जिसका पंच लाइन आता माझा सटकली खूब पॉप्युलर भी हुआ।
अब जबकि रोहित की अगली फिल्म सूर्यवंशी अगले महीने रिलीज़ हो रही है और अजय देवगन की हालिया फिल्म तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा चुकी है तो ऐसे में इस हिट ऐक्टर और डायरेक्टर की जोड़ी को बॉक्स ऑफिस पर रोक पाना बेहद मुश्किल है। हमें इस फिल्म को लेकर ऑफिशल अनाउंसमेंट का बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार है।


सिद्धार्थ-आलिया के अफेयर की अफवाह

मुंबई। ऐक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा और ऐक्ट्रेस आलिया भट्ट ने 2012 में फिल्म स्टूडेंट ऑफ द इयर से अपने ऐक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। इस दौरान दोनों ऐक्टर्स के अफेयर की अफवाह सुर्खियों में रहे थे। एक बार फिर से दोनों के फिल्म आशिकी 3 में रोमांस करने की खबरें आईं। वहीं, अब फिल्म डायरेक्टर मोहित सूरी ने फिल्म को लेकर बयान दिया है।
मोहित सूरी ने हाल ही में आशिकी 3 पर बात करते हुए कहा कि सिद्धार्थ मल्होत्रा उनके दोस्त हैं, लेकिन अभी फिल्म की कास्ट कन्फर्म नहीं की गई है। डायरेक्टर ने आगे कहा कि वह स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं और इस पर काम शुरू करने से पहले इसे ठीक करने की जरुरत है। बता दें कि आलिया भट्ट के पिता महेश भट्ट आशिकी 2 के प्रड्यूसर्स में से एक थे और ऐसी चर्चा थी की ऐक्ट्रेस इस रोमांटिक फिल्म के थर्ड पार्ट में नजर आएंगी।


आलिया भट्ट इस समय रणबीर कपूर के साथ रोमांस को लेकर सुर्खियों में हैं। दोनों ऐक्टर्स अयान मुखर्जी की फिल्म ब्रह्मास्त्र में नजर आएंगे। वहीं चर्चा है कि इस फिल्म की दिसंबर में रिलीज के बाद दोनों शादी कर लेंगे। रणबीर कपूर आलिया भट्ट को अक्सर एक साथ देखा जाता है। हाल ही में दोनों स्टार्स अरमान जैन की शादी में एक साथ नजर आए थे। 
सिद्धार्थ मल्होत्रा इस समय अपनी अपकमिंग फिल्म शेरशाह में बिजी हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ फिल्म में कियारा आडवाणी और जावेद जाफरी दिखाई देंगे। विष्णुवर्धन के डायरेक्शन में बन रही यह फिल्म 3 जुलाई 2020 को रिलीज होगी। बताते चलें कि सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी के अफेयर की भी खबरें आती रहती हैं।


आप पार्षद ताहिर पर हत्या का केस दर्ज

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा के बाद आप पार्षद ताहिर हुसैन पर शिकंजा कसता जा रहा है। ताहिर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर दयालपुर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 के तहत दर्ज की गई है। आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा (26) के परिवार ने ताहिर हुसैन पर हत्या का आरोप लगाया है।
इससे पहले ताहिर हुसैन पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी फैक्ट्री को सील कर दिया था। यह फैक्ट्री दिल्ली के खजूरी खास इलाके में थी। बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ताहिर का नाम सामने आया था। उनपर आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोप के अलावा हिंसा फैलाने का भी आरोप लगा था। एक वीडियो में ताहिर हुसैन के घर की छत पर पेट्रोल बम,ऐसिड बम,गुलेल, पत्थर आदि दिखाई दिए थे।
आप पार्षद ने दंगों में और आईबी के कर्मचारी की हत्या में अपनी संलिप्तता से गुरुवार को इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि मुझे खबरों से पता चला कि एक व्यक्ति की हत्या का इल्जाम मुझ पर लगाया जा रहा है। ये झूठे और निराधार आरोप हैं। सुरक्षा की दृष्टि से मेरा परिवार और मैं पुलिस की मौजूदगी में सोमवार को ही अपने घर से चले गए थे।
वहीं, आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर दंगों में संलिप्त होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने गुरुवार दोपहर कहा कि अगर दंगों में शामिल लोग आप से जुड़े पाए जाते हैं तो उन्हें दोगुनी सजा दी जाए। केजरीवाल ने कहा, ‘मेरे पास पुलिस नहीं है। इस तरह के दंगे होते हैं तो उसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। चाहे बीजेपी, कांग्रेस या आप का नेता ही क्यों ना हो। चाहे मंत्रिमंडल में क्यों ना हो, सजा मिलनी चाहिए। उठाकर जेल में डालों चाहे हमारे वाले हों या उनके वाले हों। देश के साथ राजनीति करना बंद करो।’
दिल्ली हिंसा में मृतकों की संख्या और बढ़ी।
दिल्ली हिंसा में मृतकों की संख्या में गुरुवार को और इजाफा हुआ। मृतक संख्या गुरुवार को 38 पहुंच गई। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों ने तीन दशक से अधिक समय में राजधानी में हुए सबसे भयावह दंगों के बाद अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने के प्रयास तेज कर दिए। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्व दिल्ली में रविवार से भड़के सांप्रदायिक संघर्ष का अंजाम इतना बुरा हुआ कि अब सड़कों पर चारों तरफ ईंट-पत्थर बिखरे हुए हैं, मकान, दुकानें जला दिये गये, लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया गया।


सीएए पर पीछे नहीं हटेगी सरकार

देहरादन। नागारिकता संशोधन कानून (सीएए) पर दिल्ली में भड़की हिंसा पर केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार हर स्तर पर बातचीत कर रही है। भाजपा सरकार किसी भी गंभीर मसले का हल प्रेम से निकालने में यकीन करती है। सरकार सोए हुए लोगों को भी जगा सकती है, मगर सीएए पर जागकर भी सोने का स्वांग करने वालों का कुछ नहीं हो सकता।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद दून में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल की सर्किट बेंच का उद्घाटन करने देहरादून पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं। कांग्रेस कह रही है कि दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस मुरलीधर ने सीएए को लेकर दिए जा रहे भाजपा नेताओं के भड़काऊ भाषण का संज्ञान लिया था।
लिहाजा, उन्हें बुधवार को आधी रात को आदेश कर हटा दिया गया। यह आरोप बेबुनियाद है और सच्चाई यह है कि सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने न्यायाधीश मुरलीधर के स्थानांतरण पर 12 फरवरी को ही अनुशंसा कर दी थी। अकेले मुरलीधर ही नहीं, बल्कि तीन और न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बार-बार की हार से कांग्रेस पार्टी का आचरण बन गया है कि सभी संस्थाओं पर हमले किए जाएं। कोर्ट के फैसले उनकी इच्छा के अनुकूल हैं तो ठीक है, नहीं तो उन पर सवाल खड़े करो। कांग्रेस की आदत बन गया है कि सीएजी, सीवीसी, आर्म फोर्सेस, इलेक्शन कमीशन पर बेबुनियाद टिप्पणी की जाए। भाजपा देश की न्यायपालिका की आजादी में विश्वास रखती है। कांग्रेस वह पार्टी है, जिसने इमरजेंसी के समय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के भी अधिकारों का हनन किया था। तब आजादी के पक्ष में आदेश देने वाले एक विद्वान न्यायाधीश को कई महीनों तक मुख्य न्यायाधीश नहीं बनने दिया था। कांग्रेस को चाहिए कि वह न्यायपालिका से संबंधित संवेदनशील मामलों में टिप्पणी करना बंद करे।


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