गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

जो मरना चाहता है उसे कौन बचाएगा

CAA हिंसा पर बोले योगी आदित्यनाथ- कोई मरने के लिए आ ही रहा है तो जिंदा कहां से हो जाएगा


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। सीएम का बयान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिसंबर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में हुई मौतों पर है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई मरने के लिए आ ही रहा है तो वो जिंदा कहां से हो जाएगा।
 इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सीएए विरोधी हिंसा में पुलिस की गोली से उत्तर प्रदेश में किसी की मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा सीएए विरोधी हिंसा के दौरान राज्य में कुल 20 लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए यह बातें कही।
इस दौरान आदित्यनाथ ने उन लोगों पर भी निशाना साधा, जो पिछले एक महीने में राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रहे हैं। लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में इस कानून के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा ‘आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं। कौनसी आजादी’? क्या हमें जिन्ना (मोहम्मद अली जिन्ना) के सपने के लिए काम करना है या क्या हमें गांधी के सपनों की दिशा में काम करना है?
पुलिस को दिसंबर की हिंसा के बाद उनके काम की प्रशंसा की जानी चाहिए। क्योंकि राज्य में कोई दंगे नहीं हुए। हम लोकतांत्रित तरीके के जरिए किए जाने वाले प्रदर्शनों का समर्थन करते हैं लेकिन जहां हिंसा होगी वहां पर जो जिस भाषा में समझेगा उसी में समझाएंगे।’


'दिल्ली पुलिस वीक' बच्चों को दिया सम्मान

दिल्ली पुलिस वीक 2020" के अवसर पर पेंटिंग प्रतियोगिता और सड़क सुरक्षा अभियान पर कमिश्नर,ने बच्चों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया


नरेन्द्र कुमार


नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस वीक 2020 समारोहों के रूप में "दिल्ली ट्रैफिक पुलिस" ने इंडिया गेट C-HEXAGON,लॉन में सड़क सुरक्षा क्लब की एक 'ऑन-द-स्पॉट' पेंटिंग प्रतियोगिता और स्मारक समारोह का आयोजन किया।
 
दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की  और वरिष्ट पुलिस अधिकारी ताज हसन, स्पेशल सीपी, ट्रैफिक और आर एस  कृष्णिया, स्पेशल CP/L & O (दक्षिण) इस अवसर पर सम्मानित अतिथि थे। पुलिस वीक समारोहों के इस अवसर पर बोलते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने युवाओं और बच्चों के दिमाग में सही सड़क उपयोगकर्ता व्यवहार को विकसित करने के महत्व पर जोर दिया ताकि जब वे बड़े हो जाएं तो वे अच्छे सड़क सुरक्षा मूल्यों को आत्मसार करें उन्होंने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस विशेषकर सड़क सुरक्षा सेफ्टी की ओर से आम जनता के साथ-साथ स्कूली बच्चों में सड़क सुरक्षा जागरूकता फैलाने के प्रयासों की बहुत बहुत सराहना की गई। जो कि वर्ष 2019 में दिल्ली की सड़कों पर होने वाले जानलेवा हादसों को कम करने में एक लंबा रास्ता तय किया है।
 
पुलिस आयुक्त ने कहा कि पिछले वर्ष (2018) 1690 और वर्ष 2019 में घातक दुर्घटनाओं की संख्या में 1463 की गिरावट आई है, यह इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि 224 मौतों में भारी कमी आई है अर्थात सड़क में 14 प्रतिशत कमी आई है। दुर्घटनाओं और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस 30 साल की अवधि के बाद इस उपलब्धि को हासिल करने में सफल रही है। इसी प्रकार, वर्ष 2019 में दिल्ली में दुर्घटनाओं की संख्या में 905 (-14%) की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2019 में दुर्घटना का आंकड़ा 5610 था, जबकि 2018 में दिल्ली में दुर्घटनाओं की कुल संख्या 6515 थी।


दिल्ली में प्राथमिक, मध्य और वरिष्ठ वर्ग के 20 से अधिक स्कूलों के लगभग 800 छात्रों ने सड़क सुरक्षा से संबंधित विषयों पर आधारित "ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता" में भाग लिया।  दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स, तिलक मार्ग के संकाय सदस्यों की एक टीम;  विभाग। आर्ट्स, जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और कैपिटल कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स, रोहिणी ने प्रत्येक श्रेणी के लिए चित्रों का आकलन किया और प्रत्येक श्रेणी में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। प्रत्येक श्रेणी में विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
 
मौके पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के लिए भी पुरस्कार दिए गए अक्टूबर 2019 में योग्य सीपी दिल्ली द्वारा शुरू की गई स्कूल रोड सेफ्टी अवेयरनेस कैंपेन 2019-20 के संबंध में आयोजित सड़क सुरक्षा से संबंधित विषयों पर अंतिम प्रतियोगिताओं के निबंधों, निबंध लेखन, एक्सपेम्पोर भाषण और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं के विजेता।
 
इसके अलावा, सड़क सुरक्षा रोलिंग ट्रॉफी के साथ 15,000 रुपये को ज्ञान मंदिर पब्लिक स्कूल, नारायण विहार से सम्मानित किया गया, जिसे सर्वश्रेष्ठ स्कूल घोषित किया गया था जिसने छात्रों और स्कूलों को शामिल करते हुए अभिनव जागरूकता अभियान आयोजित करके आम जनता के बीच सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिकतम योगदान दिया था।  टीनू पब्लिक स्कूल, संगम विहार को रनर अप स्कूल घोषित किया गया और इस अवसर पर दस हजार रुपये के साथ सम्मानित किया गया। और एक प्रशंसा प्रमाण पत्र। सभी पुरस्कार और नकद पुरस्कार सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा प्रायोजित किए गए थे।


शिक्षिका ने मुंडवाया सिर, राहुल को भेजे बाल

 भोपाल। बीते 72 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों के लिए बुधवार का दिन बेहद भावुक करने वाला रहा। बुधवार दोपहर को धरना दे रही एक महिला अतिथि विद्वान ने अपने केश त्यागते हुए सार्वजनिक रूप से खुद का मुंडन करवा लिया. मुंडन करवाने वाली महिला अतिथि विद्वान का नाम डॉक्टर शाहीन खान है।


मुंडन करवाने के बाद भावुक हो गईं और कहा कि चुनाव के बाद अतिथि विद्वानों से कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर हमारी मांगों को पूरा किया जाएगा। हमने साल भर तक इंतजार किया और उसके बाद ही हमने जब आंदोलन शुरू किया तो अतिथि विद्वानों को फालेन आउट नोटिस मिलना शुरू हो गए। हम यहां दो महीने से ठंड में धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली. हमने बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य बनाया लेकिन अब खुद हमारा भविष्य अंधकारमय है इसलिए यहां से लिखित आर्डर मिलने तक हम नहीं उठेंगे।



वहीं, अतिथि विद्वान नियमतिकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवराज सिंह ने कहा कि इससे दुखदाई दिन अतिथि विद्वानों के लिए नहीं हो सकता, क्योंकि एक महिला ने अपने केश त्याग दिए। डॉक्टर शाहीन ने जो बाल मुंडवाए हैं उसे हम राहुल गांधी के पास भेजेंगे ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके दिए गए वचन का यहां पालन नहीं हो रहा है।  


वहीं, महिला अतिथि विद्वान के मुंडन करवाने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर ट्वीट कर निशाना साधा है। शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ का फरवरी 2018 का एक पुराना ट्वीट शेयर करते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री जी, आज भी केश नारी के सम्मान का प्रतीक है। अतिथि विद्वान बहनों ने आपकी सोती हुई सरकार को नींद से जगाने के लिए अपने केश त्यागे, क्या आज आपको उनकी पीड़ा का अंदाज़ा है? क्या आपकी नज़र में आज प्रदेश शर्मसार हुआ? क्या उनकी भलाई के लिए आप कोई कदम उठाएंगे?


दरअसल, जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे तब कमलनाथ ने महिला अतिथि विद्वान के मुंडन कराने पर शिवराज को घेरते हुए इसे दिल को झकझोरने वाली घटना कहा था। बता दें कि अपने नियमतिकरण की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वान 2 दिसंबर 2019 से आंदोलन कर रहे हैं जो अबतक जारी है।


देहरादून, प्रयागराज, भोपाल के लिए विमान

प्रयागराज। प्रयागराज से अगले महीने पुणे की सीधी फ्लाइट शुरू होने के बाद देहरादून और भोपाल की भी सीधी फ्लाइट शुरू होगी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने प्रयागराज से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सीधी फ्लाइट संचालन की मंजूरी दे दी है। इन दोनों ही शहरों के लिए निजी विमानन कंपनी इंडिगो द्वारा फ्लाइट शुरू की जाएगी। इसके लिए डीजीसीए ने 29 मार्च 2020 से लागू हो रहे समर शेड्यूल में भी इसका स्लॉट आवंटित कर दिया है।वर्तमान समय प्रयागराज से दिल्ली के लिए दो और मुंबई, कोलकाता, रायपुर, बंगलूरू एवं गोरखपुर के लिए सीधी हवाई सेवा है। पांच मार्च से विमानन कंपनी इंडिगो पुणे के लिए भी सीधी फ्लाइट शुरू कर रहा है। इस सेवा के शुरू होने के बाद इंडिगो को देहरादून और भोपाल का भी 29 मार्च से डीजीसीए ने स्लॉट आवंटित किया है। हालांकि इंडिगो की ओर से अभी देहरादून और भोपाल की बुकिंग शुरू नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि इन दोनों शहरों के लिए इंडिगो 72 सीट वाला एटीआर श्रेणी का विमान चलाएगा।पाल से यह विमान प्रयागराज के लिए सुबह के वक्त उड़ान भरेगा। प्रयागराज आने के बाद यही विमान यहां से देहरादून रवाना होगा। वहां 30 मिनट रुकने के बाद वापस यही विमान प्रयागराज आएगा और भोपाल के लिए उड़ान भरेगा। बृजेश केसरवानी


मातम में बदली खुशी, तीन की मौत

बलरामपुर।  बलरामपुर के चांदो मोड़ में शादी  खुशी का माहौल उस समय गम में बदल गया जब एक बाराती गाड़ी एक्सीडेंट हो गई। इस वाहन में सवार तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार मृतकों में राहुल रजक, विष्णु संबल और सूरज प्रजापति हैं। इस घटना में संजीप सिंह चालाक बुरी तरह जख्मी हो गया है। बारात ओबरी से अमडंडा जा रही थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हादसे में जख्मी एक व्यक्ति को अस्पताल एडमिट करवाया है।


जानकारी के अनुसार बारात की कई गाड़ियां थी जिनमें से दुर्घटनाग्रस्त हुई स्कार्पियो काफी पीछे चल रही थी, इसी दौरान हादसा हुआ। लोगों के अनुसार वाहन तेज रफ्तार में थी हादसे की वजह यहीं बताई जा रही है। घटना की सूचना के बाद शादी की खुशियां गम में बदल गई। बेहद ही सादे समारोह में किसी तरह से आयोजन कर लड़की को विदा किया गया।


भारत ने दूसरा गोल्ड मेडल जीता

नई दिल्ली। एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप का गुरुवार को तीसरा दिन है। भारत ने तीसरे दिन में स्वर्णिम शुरुआत की है। भारत की महिला पहलवान दिव्या काकरान ने 68 किग्रा भार वर्ग में जापानी खिलाड़ी नारुहा मत्सुयुकी को हराकर गोल्ड अपने नाम कर ली है। नई दिल्ली के केडी जाधव स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में दिव्या ने शानदार प्रदर्शन किया और भारत के लिए टूर्नामेंट का दूसरा गोल्ड मेडल जीता। इसी के साथ भारत के नाम में अब दो गोल्ड सहित कुल छह पदक हो चुके हैं।


काशी महाकाल एक्सप्रेस का सफर शुरू

नई दिल्ली। काशी महाकाल एक्सप्रेस का आधिकारिक सफर गुरुवार से शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को चंदौली के पड़ाव से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। ये ट्रेन वाराणसी से इंदौर के बीच चलेगी, जो तीन ज्योतिर्लिंगों (श्री ओम्कारेश्वर, श्री महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ) को आपस में जोड़ेगी। आईआरसीटीसी काशी महाकाल एक्सप्रेस का शुभारंभ महाशिवरात्रि के एक दिन पहले यानी 20 फरवरी से शुरू हो रहा है। देश की तीसरी कॉरपोरेट ट्रेन कैंट रेलवे स्टेशन से दोपहर 2.45 बजे इंदौर के लिए रवाना होगी और दूसरे दिन सुबह 9.40 बजे इंदौर पहुंच जाएगी। महाकाल के पहले यात्रियों को आईआरसीटीसी की ओर से आकर्षक उपहार भी दिए जाएंगे।


कैरियर को लेकर कोई प्लानिंग नहीं

मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। ड्रामा से लेकर ऐक्शन फिल्मों में अपनी ऐक्टिंग से लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाले ऐक्टर विकी कौशल इस साल की शुरुआत हॉरर फिल्म ‘भूत- द हॉन्टेड शिप’ से करने जा रहे हैं। 2018 में विकी कौशल ने ‘राजी’,’संजू’ और ‘मनमर्जियां’ जैसी फेमस फिल्मों में काम किया था और 2019 में आई फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए उन्हें नैशनल अवॉर्ड भी मिला। विकी कौशल कहा कि मैं अपने करियर के लिए कोई योजना नहीं बनाता। मैं अगर ऐसा करूंगा तो अपने काम के साथ न्याय नहीं कर पाउंगा।


वह मुझे एक ऐक्टर के तौर पर जटिल बना देगा। मेरे लिए अच्छे फिल्मकारों द्वारा बनाई बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा होना जरूरी है क्योंकि लोग अच्छी कहानियां देखना चाहते हैं। विकी कौशल का मानना है कि वह जब तक अलग-अलग तरह की फिल्में करते रहेंगे ऐक्टर के तौर पर उनका विकास होता रहेगा। उन्होंने कहा कि मैंने फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ से पहले कोई ऐक्शन फिल्म नहीं की थी इसलिए मुझमें वह करने की ललक थी। फिल्म ‘भूत- द हॉन्टेड शिप’ मेरी पहली हॉरर फिल्म है, इसलिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी। मैं संतुष्ट होना चाहता था कि अब में इसमें रम गया हूं। फिल्म ‘भूत- द हॉन्टेड शिप’ का निर्देशन भानू प्रताप सिंह ने किया है। फिल्म 21 फरवरी को बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। इस फिल्म के अलावा विकी कौशल डायरेक्टर शूजीत सरकार की क्रांतिकारी उधम सिंह की बायॉपिक में नजर आएंगे। वह करण जौहर की फिल्म ‘तख्त’ में भी हैं।


फर्स्ट ड्रिंक में दूध या जूस बेहतर

यह बात न सिर्फ हमारे बड़े बुजुर्ग कहते आ रहे हैं बल्कि अब तो यह बात पूरी तरह से साबित भी हो चुकी है कि ब्रेकफस्ट हमारे दिन का सबसे अहम मील है और किसी भी हाल में ब्रेकफस्ट को स्किप नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं, आप ब्रेकफस्ट में क्या खाते हैं इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। रात के डिनर के बाद जब हम सोते हैं तो कम से कम 8-9 घंटे की फास्टिंग हो जाती है और ऐसे में सुबह-सुबह शरीर को फिर से एनर्जी पाने के लिए ब्रेकफस्ट की जरूरत होती है। लिहाजा पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को ब्रेकफस्ट में शामिल करना चाहिए। 
ब्रेकफस्ट में दूध या जूस?
लेकिन एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में आता है कि- ब्रेकफस्ट में दूध पीना चाहिए या जूस? बहुत से लोग ब्रेकफस्ट में कैल्शियम से भरपूर 1 गिलास दूध पीना पसंद करते हैं तो वहीं कुछ लोगों को सुबह-सुबह नाश्ते में ब्रेड-टोस्ट या ऑमलेट के साथ विटमिन सी से भरपूर 1 गिलास ऑरेंज जूस पीना पसंद होता है। लेकिन सुबह की पहली ड्रिंक के लिहाज से दूध या जूस क्या है बेहतर, यहां जानें दोनों के फायदे और नुकसान। 
दूध पीने के हैं इतने फायदे
दूध कैल्शियम का तो बेस्ट सोर्स है ही, साथ ही दूध में प्रोटीन, विटमिन बी 12, हेल्दी फैट्स आदि भी भरपूर मात्रा में होते हैं। सदियों से दूध को एक कम्प्लीट मील के तौर पर देखा जाता रहा है। दूध के तमाम फायदों की वजह से ही शरीर को हेल्दी और ऐक्टिव रखने के लिए बड़ी संख्या में लोग दूध का सेवन करते हैं। ऐसे में देखा जाए तो सुबह ब्रेकफस्ट में दूध पीना फायदेमंद हो सकता है। 
दूध के कुछ नुकसान भी हैं
दूध में सैच्युरेटेड फैट होता है जिससे मोटापा और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा हो सकता है। साथ ही इन दिनों दूध देने वाले जानवरों को इंजेक्शन भी लगाया जाता है ताकि वे ज्यादा दूध दे सकें और इस इंजेक्शन का भी हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में जब तक आप दूध की क्वॉलिटी को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त न हों सुबह-सुबह दूध पीने से बचें। बहुत से लोगों में लैक्टोज इनटॉलरेंस की भी दिक्कत होती है और ऐसे लोगों को भी दूध से बचना चाहिए। कई बार ज्यादा दूध पीने से डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें भी हो जाती हैं। हालांकि आप चाहें तो डेयरी मिल्क की जगह सोया मिल्क का सेवन कर सकते हैं। 
विटमिन सी से भरपूर ऑरेंज जूस के फायदे
विटमिन सी और ऐंटिऑक्सिडेंट्स से भरपूर ऑरेंज जूस हमारी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर हमें बीमारियों से दूर, फिट और हेल्दी रहने में मदद करता है। विटमिन सी शरीर को वातावरण से जुड़ी दिक्कतें जैसे- पलूशन, सूर्य की हानिकारक यूवी किरणें आदि से भी बचाता है। सुबह ब्रेकफस्ट में अगर आप 1 गिलास ऑरेंज जूस पी लें तो आपके दिनभर की विटमिन सी की जरूरत पूरी हो जाती है। 
ऑरेंज जूस के नुकसान
हालांकि अगर आप घर में खुद ऑरेंज का जूस निकालकर फ्रेश जूस पी रहे हैं तभी वो फायदेमंद होगा। डिब्बाबंद या पैकेज्ड ऑरेंज जूस में चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है और वो फ्रेश नहीं होता, काफी पुराना होता है, उसमें जूस का टेस्ट बढ़ाने के लिए केमिकल्स भी मिले होते हैं। फ्रेश ऑरेंज जूस के साथ भी एक दिक्कत ये है कि जब आप फल का जूस निकालते हैं तो उसके ज्यादातर पोषक तत्व बाहर निकल जाते हैं और जूस में सिर्फ पानी ही रह जाता है। 
ऑरेंज जूस नहीं दूध है बेहतर
जूस और दूध की इस जंग में दूध बाजी मारता नजर आ रहा है क्योंकि दूध में कैल्शियम होता है जो हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है जबकी ऑरेंज जूस दांतों के इनैमल को नुकसान पहुंचा सकता है। दूसरी बात ये है कि 1 गिलास दूध पीने से आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है और आपको देर तक भूख नहीं लगती जबकी 1 गिलास जूस पीने के बाद आपको पेट भरने वाली फीलिंग नहीं आती। दूध में हेल्दी प्रोटीन होता है जिससे आप दिनभर अनहेल्दी स्नैकिंग करने से बच सकते हैं। लिहाजा डिनर और ब्रेकफस्ट के बीच के 8-9 घंटे की फास्टिंग को तोडऩे के लिए जूस से बेहतर ऑप्शन है दूध।


हंसना-रोना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि रोना कमजोरी की निशानी है और शायद यही वजह है कि पुरुष तकलीफ होने पर भी आंसू बहाने और रोने से परहेज करते हैं। लेकिन साइंस की मानें तो रोने के ढेर सारे फायदे हैं। जिस तरह खुलकर हंसना सेहत के लिए फायदेमंद है, ठीक उसी तरह फूट फूट कर रोना भी बेहद जरूरी है। रोना भी आपकी सेहत को उतना ही फायदा देता है, जितना हंसना। लेकिन आखिर आप और हम रोते क्यों है? रोने और आंसू आने के पीछे की वजह क्या है? रोने के क्या-क्या फायदे हैं, यहां जानें।
शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद
रोना एक सामान्य ह्यूमन ऐक्शन है जो हमारे अलग-अलग इमोशन्स की वजह से ट्रिगर होता है। जब हम दुखी होते हैं, उदास होते हैं, किसी बात को लेकर टेंशन या स्ट्रेस में होते हैं तो इन अलग-अलग भावनाओं की वजह से रोना आ जाता है। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तों रोना आपके तन के साथ-साथ मन के लिए भी फायदेमंद है और इसकी शुरुआत तभी से हो जाती है जब बच्चा जन्म लेते वक्त पहली बार रोता है। 
आंसूओं के जरिए टॉक्सिन्स निकलते हैं बाहर
एक स्टडी के मुताबिक, जिस तरह से पसीना और यूरिन जब शरीर के बाहर निकलते हैं तो शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं, वैसे ही आंसू आने पर भी आंखों की सफाई हो जाती है। आपको बता दें कि आंसू 3 तरह के होते हैं। 
अनैच्छिक आंसू तब निकलता है जब आंखों में कोई कचरा, धूल के कण या धुंआ चला जाए तो आंखों से पानी आने लगता है। 
बुनियादी आंसू जिसमें 98 प्रतिशत पानी होता है, यह आंखों को लुब्रिकेट रखता है और इंफेक्शन से बचाता है।
भावनात्मक आंसू जिसमें स्ट्रेस हॉर्मोन्स और टॉक्सिन्स की मात्रा सबसे अधिक होती है और इनका बह जाना फायेदमंद होता है।
रोने से खुद को शांत करने में मिलती है मदद
खुद को सांत्वना देने और शांत करने का बेस्ट तरीका है रोना। 2014 में हुई एक स्टडी से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो रोने से हमारे शरीर में पैरासिम्प्थेटिक नर्वस सिस्टम (पीएनएस) उत्तेजित हो जाता है और इसी पीएनएस की वजह से शरीर को आराम करने और डाइजेशन में मदद मिलती है। रोने के फायदे आपको तुरंत नजर नहीं आएंगे। लेकिन अगर आप कुछ देर तक आंसू बहाएं तो आपको खुद में रोने के फायदे नजर आएंगे। 
रोने से दर्द होता है कम
लंबे वक्त तक रोने से ऑक्सिटोसिन और इन्डॉर्फिन जैसे केमिकल्स रिलीज होते हैं। ये फील गुड केमिकल हैं जिससे शारीरिक और भावनात्मक दोनों ही तरह के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। एक बार जब ये केमिकल्स रिलीज हो जाते हैं तो ऐसा लगता है मानो शरीर सुन्न की अवस्था में पहुंच जाता है। ऑक्सिटोसिन हमें राहत का अहसास कराता है और इसी वजह से रोने के बाद हमारा मन शांत हो जाता है। 
मूड होता है बेहतर
दर्द दूर करने के साथ-साथ रोने से आपका मूड भी बेहतर होता है और आपको बेहतर महसूस होता है। जब आप रोते हैं या सिसकियां लेते हैं तो ठंडी हवा के कुछ झोंके शरीर के अंदर जाते हैं जिससे ब्रेन का तापमान कम होता है और शरीर का तापमान भी रेग्युलेट होने लगता है। जब आपका दिमाग ठंडा हो जाता है तो आपका मूड भी बेहतर हो जाता है। 
रोने से स्ट्रेस कम होता है
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया जब आप किसी इमोशनल वजह से रोते हैं तो आपके आंसूओं में स्ट्रेस हॉर्मोन्स और दूसरे केमिकल्स की मात्रा सबसे अधिक होती है। ऐसे में रोने से शरीर में इन केमिकल्स की मात्रा कम होती है क्योंकि ये केमिकल्स आंसूओं के जरिए आंखों से बह जाते हैं जिससे आपका स्ट्रेस कम होता है। 
आंखों की रोशनी बनी रहती है
आंसू आंखों में मेमब्रेन को सूखने नहीं देते। इसके सूखने की वजह से आंखों की रोशनी में फर्क पड़ता है, जिस वजह से लोगों को कम दिखना शुरू हो जाता है। मेमब्रेन सही बना रहता है, तो आंखों की रोशनी लंबे समय तक ठीक बनी रहती है।


शूटिंग के दौरान गिरी क्रेन, तीन की मौत

मनीष शर्मा
मुम्बई। फ़िल्म कमल हासन की फिल्म ‘इंडियन-2’ की शूटिंग के दौरान जहां क्रेन गिरने से 3 लोगों की मौत हुई वहीं 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घायलों को इलाज चल रहा है। कमल हासन हादसे के दौरान सेट पर ही मौजूद थे। वह घायलों के साथ अस्पताल में मौजूद हैं।


जानकारी के अनुसार ये शूटिंग चेन्नई के ईवीपी स्टूडियो में चल रही थी।इस हादसे में मधु (29), चंद्रन (60) और कृष्णा (34) की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- ये हादसा रात करीब 9.30 बजे हुआ। इस फिल्म की बात करें तो इसे एस शंकर डायरेक्ट कर रहे हैं। कुछ ही समय पहले इसका पहला पोस्टर रिलीज हुआ, जिसमें कमल अपनी पिछली फिल्म ‘हिन्दुस्तानी’ वाले बुजुर्ग की तरह ही दिखाई दिए थे। ये फिल्म 1996 में आई हिन्दुस्तानी का ही सीक्वल है। इसमें सिद्धार्थ और काजल अग्रवाल भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।


गुजरात में दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम

नई दिल्ली। गुजरात के अहमदाबाद के मोटेरा में दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम बनकर लगभग तैयार है। इसका उद्घाटन 24 फरवरी को दुनिया के दो दिग्गज नेता करने वाले हैं। गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटेरा के सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे, जिसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने भी कमर कस ली है। उधर, बीसीसीआइ के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली भी खुश हैं। एक लाख 10 हजार की दर्शक क्षमता वाले इस स्टेडियम को बनाने में बीसीसीआई का भी बहुता सारा पैसा लगाा है। ऐसे में बीसीसीआई इसके उद्घाटन समारोह में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।


गांगुली ने लिखा- देखकर अच्छा लग रहा है


बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मंगलवार और बुधवार को दो एरियल व्यू वाली तस्वीरें इस स्टेडियम की शेयर की है। इसी एक तस्वीर को रिट्वीट करते हुए बीसीसीआइ बॉस सौरव गांगुली ने लिखा है, “इस विशाल और खूबसूरत स्टेडियम को देखकर अच्छा लग रहा है। अहमदाबाद से जुड़ी मेरी बतौर खिलाड़ी और कप्तान बहुत सी यादें हैं। एक लाख की दर्शक क्षमता वाले ईडन में पला बढ़ा हूं मैं, लेकिन वो नहीं रहेगा(भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम) 24 फरवरी को यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता।”


कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिले के सभी तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया ग...