नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी का दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी ने वाराणसी से काशी महाकाल एक्सप्रेस को रवाना किया। बता दें कि यह एक्सप्रेस ट्रेन दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा कराएगी। इस ट्रेन में एक सीट भगवान शिव के लिए भी आरक्षित रखी गई है। इस फैसले पर हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए है और प्रधानमंत्री कार्यालय को एक ट्वीट किया है।
काशी महाकाल एक्सप्रेस में एक सीट को भगवान शिव के लिए आरक्षित करने और उसे मंदिर का रूप देने पर राजनीति शुरू हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी ने महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। ओवैसी ने ट्वीट कर पीएम मोदी को भारतीय संविधान के प्रस्तावना की याद दिलाई है। एआईएमआईएम चीफ ने पीएम मोदी को यह बताने की कोशिश की कि संविधान इस बात की घोषणा करता है कि भारत एक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राष्ट्र है। रेलवे का यह कदम 'संविधान की आत्मा' कहे जाने वाले प्रस्तावना के खिलाफ है। दरअसल, वाराणसी से इंदौर के बीच शुरू हुई काशी महाकाल एक्सप्रेस की एक सीट को मंदिर का रूप दे दिया गया है। मंदिर में शिव की मूर्ति लगाई गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने वाराणसी दौरे के दौरान इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। ट्रेन के कोच बी5 की सीट नंबर 64 को शिव का मंदिर बनाया गया है। यह ट्रेन 20 फरवरी से शुरू होगी।