शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

एक ही परिवार के 4 लोगों की आत्महत्या

प्रशांत कुमार


वाराणसी। जनपद के आदमपुर थाना क्षेत्र के मुकीमगंज में आज अल सुबह दो कमरे में शव मिलने से हङकम्प मच गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे मे लेते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गई।


मिली जानकारी के अनुसार व्यापारी ने परिवार सहित किया आत्महत्या। बताया यह भी जा रहा है कि आर्थिक तंगी ने 4 लोगों की जान ली। 2 बच्चों सहित दंपति ने आत्महत्या किया। सूत्रों के अनुसार मौत से पहले 112 नम्बर पर फोन किया था। जब तक पुलिस के पहुंचती तब तक चारों ने जान दे दी थी। एक कमरे से दोनों बच्चों के शव मिले और दूसरे कमरे में दंपति के लटके मिले शव।


नंबर वन टीम की तरह खेलना हमारा लक्ष्य

मुंबई (एजेंसी)। न्यू जीलैंड दौरे पर गई भारतीय टीम ने भले ही 0-3 से वनडे सीरीज गंवा दी हो। लेकिन भारतीय टीम इसे लेकर अधिक चिंतित नहीं है और उसका फोकस अब आगामी टेस्ट सीरीज पर है। इस दो टेस्ट मैच की सीरीज शुरू होने से पहले कोच रवि शास्त्री ने कहा, ’50 ओवर क्रिकेट का फिलहाल अभी कोई औचित्य नहीं है। इस समय टी20 सीरीज मायने रखती है, जो हमने 5-0 से जीती है और आगामी टेस्ट सीरीज के मायने हैं, जिसके मैच वेलिंग्टन और क्राइस्टचर्च में खेले जाएंगे।’


वेलिंग्टन से हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए शास्त्री ने कहा, ‘ हमें लॉर्ड्स (वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल) में खेलने के लिए अभी 100 पॉइंट की और दरकार है। अगर हम 6 विदेशी टेस्ट में से 2 में जीत दर्ज करते हैं तो हम अच्छी स्थिति में रहेंगे। इस साल हम विदेशों में 6 टेस्ट खेलेंगे (2 न्यू जीलैंड में और 4 ऑस्ट्रेलिया में)। तो, हमारा यही लक्ष्य है कि हम नंबर 1 टेस्ट टीम की तरह यहां खेलें, क्योंकि हमारी टीम किसी और चीज से ज्यादा इस में भरोसा करती है और टेस्ट में हम इसी आधार पर खेल रहे हैं।’


युवा खिलाड़ियों के टीम में आने से मुख्य कोच बेहद उत्साहित हैं। पृथ्वी साव टेस्ट टीम में वापसी कर रहे हैं और शुभमन गिल को लेकर अटकलें हैं कि शायद उन्हें यहां डेब्यू का मौका मिल जाए। शास्त्री ने इन दोनों खिलाड़ियों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘दोनों खिलाड़ी सर्वोच्च प्रतिभा के धनी हैं। यह खास नहीं है कि वेलिंग्टन में इन दोनों में कौन प्लेइंग XI में होगा, खास यह है कि वे दोनों यहां हैं और भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं।’


शुभमन की तारीफ में शास्त्री ने कहा, ‘उनमें असाधारण प्रतिभा है। वह जब बैटिंग करते हैं तो उनका पॉजिटिव माइंडसेट साफ झलकता है। 20-21 साल के लड़के में यह देखकर अलग ही उत्साह महसूस होता है।’ उम्मीद की जा रही है कि इस टेस्ट सीरीज में चोटिल रोहित शर्मा के न होने से मयंक अग्रवाल के साथ पृथ्वी साव या शुभमन गिल को ओपनिंग का मौका मिल सकता है।


इस पर शास्त्री से जब बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘वे सभी एक ही स्कूल के छात्र है, जो नई गेंद का सामना करना पसंद करते हैं, वे चुनौतियों का लुत्फ लेते हैं। दुर्भाग्य से रोहित चोटिल हैं तो इसके चलते शुभमन और पृथ्वी में से किसी एक के ओपनिंग को लेकर क्यास लगाए जा रहे हैं। टीम में ऐसी प्रतिस्पर्धा का होना जरूरी है और इसी आधार 15 खिलाड़ियों की टीम तैयार होती है, जो हमेशा मजबूत और स्थिर दिखती है।’


चोट ने इस टीम पर बड़ा असर डाला है। शिखर धवन, हार्दिक पंड्या, भुवनेश्वर कुमार और इशांत शर्मा टीम में इसी वजह से नहीं हैं। लगातार क्रिकेट के दबाव ने भी इसमें भूमिका निभाई है। शास्त्री ने इस पर कहा, ‘हमारी कोर टीम के चार से पांच खिलाड़ी चोट के कारण बाहर हैं। भुवी यहां की परिस्थितियों में बेहद उपयोगी हो सकते हैं। इसलिए मैंने कहा कि उपलब्ध विकल्प हमेशा टीम के फायदे में होते हैं।’


तेज गेंदबाज इशांत शर्मा अभी तक पूरी फिटनेस हासिल नहीं कर सके हैं और पहले टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। भुवनेश्वर भी बाहर हैं, ऐसे में जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के कंधों पर पड़ेगी। कोच ने कहा, ‘यह अहम है कि वे अभी अपने वर्कलोड को कैसे मैनेज कर रहे हैं। टी20 खेलने जरूरी थे क्योंकि यह फॉर्मेट इस साल और अगले साल भी (टी 20 वर्ल्ड कप के कारण) महत्वपूर्ण है। टेस्ट क्रिकेट हमेशा सर्वोपरि होता है। हम केवल आशा कर सकते हैं कि बाकी खिलाड़ी जल्द से जल्द पूरी तरह से फिट हो जाएं।’


न्यू जीलैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज 5-0 से जीतने वाली टीम काफी उत्साहित थी लेकिन शास्त्री के अनुसार, अभी काफी काम किया जाना है। उन्होंने कहा, ‘5-0 से जीत 3-2, 4-1 हो सकती थी। जैसा कि हम स्वीकार करते हैं, अंतिम परिणाम ही मायने रखता है। सीरीज हमारी थी, इसमें कोई संदेह पहले से नहीं था लेकिन 5-0 से क्लीन स्वीप एक मिठाई की तरह थी।’


शास्त्री ने कहा, ‘अब, जरूरी यह है कि हम किस तरह से मैच जितवा सकते हैं। नई चीजों को आजमाने, मिश्रण करने, कुछ नए चेहरों को उतारने के लिए द्विपक्षीय सीरीज सही होती हैं। वही हम कर रहे हैं। टीम में अभी चार से पांच खिलाड़ी 22 साल से कम उम्र के हैं। यह उन पर निर्भर है कि वे इन अवसरों का लाभ कैसे उठाते हैं।’


लोकेश राहुल ने विकेटकीपिंग की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली, वह शानदार बल्लेबाजी भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह लगभग वैसा ही है जैसे वह अतिरिक्त जिम्मेदारी के कारण खुद को मैच में ज्यादा शामिल कर पाते हैं।’


कोरोना वायरस ने ली 1367 जान

पेइचिंग (एजेंसी)। जानलेवा करॉना वायरस का आतंक जारी है और अब तक चीन में इसने 1,367 लोगों की जान ले ली है। चीन में अब इस वायरस के चलते राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जनता के गुस्से से बचने के लिए शीर्ष अधिकारियों का तबादला कर दिया है। गुरुवार को चीन के हुबेई प्रांत और इसकी राजधानी वुहान में टॉप अधिकारियों को बदल दिया। बता दें कि नॉवल करॉना की शुरुआत वुहान से हुई थी और अभी तक दुनियाभर में 45,000 लोगों से ज्यादा इस वायरस संक्रमित हो चुके हैं।


चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शंघाई के पूर्व मेयर यिंग यॉन्ग की जगह अब जियांग चाउलिंग वुहान में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखिया के तौर पर काम करेंगे। वुहान में वांग झॉन्गलिन अब मा गुओक्यांग की जगह पार्टी सचिव का पद संभालेंगे। स्थानीय मीडिया ने ययह भी बताया कि वायरस से जुड़े दूसरी कई बातों के लिए पार्टी के कई और नेताओं को भी निकाला गया है।


करॉना से 60,000 से संक्रमित!
हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी वुहान करॉना वायरस का केंद्र है। सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुखों को इसलिए भी निकाला गया क्योंकि अधिकारियों ने इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या की जब दोबारा गिनती की तो यह आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ा और 14,840 से करीब 60,000 पहुंच गया।


अभी तक हुबेई में इस वायरस के इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए सिर्फ RNA टेस्ट किया जा रहा था, जिसमें कई दिन लगते हैं। RNA यानी रिबॉन्यूसेलिक एसिड में जेनेटिक इन्फर्मेशन मिलती है जिससे वायरस की पहचान होती है। अब कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (CT) स्कैन भी शुरू कर दिया है जिससे फेफड़ों को देखा जा सकता है। हुबेई स्वास्थ्य आयोग का कहना है कि इस टेस्ट से करॉना संक्रमण का पता जल्दी चलता है।


जापान में करॉना से पहली मौत
इस बीच जापान ने करॉना वायरस से पहली मौत की पुष्टि कर दी है। तोक्यो के पास कानागावा में करीब 80 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। बता दें कि इससे पहले हॉन्ग कॉन्ग और फिलीपींस में एक-एक मौत हो चुकी है। चीन के बाद करॉना से संक्रमित सबसे ज्यादा जापान है। वहीं करीब दो दर्जन से ज्यादा दूसरे देशों में भी करॉना के रोगी मिल चुके हैं।


जापान के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, जनवरी में जापानी महिला बीमार हुई थीं। उस समय सिर्फ निमोनिया के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मौत के बाद के बाद ही महिला में करॉना वायरस की पुष्टि हुई और अब इसकी जांच हो रही है। चीन के बाहर करॉना के सबसे ज्यादा मामले क्रूज शिप डायमंड प्रिंसेज पर मिले हैं जो जापान के पोर्ट पर खड़ा है। इस शिप पर अब तक 219 से ज्यादा लोग करॉना की चपेट में आ चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि कुछ बुजुर्ग लोगों को शुक्रवार को जहाज से उतरने की अनुमति दे दी जाएगी।


14 को क्यों मनाते हैं 'वैलेंटाइन डे'

 वैलेंटाइन डे, हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, जिसे लोग प्यार का त्यौहार मानकर सेलिब्रेट करते हैं। भारत में भी कपल्स अपने पार्टनर को तोहफे, चॉकलेट आदि देकर प्यार का जश्न मनाते हैं। लेकिन, ऐसे ही ये दिन नहीं मनाया जाने लगा, इसका अपना एक खूबसूरत इतिहास है।


रोम के पादरी के नाम पर जश्न
रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ नाम की पुस्तक में वैलेंटाइन का जिक्र है। यह डे एक रोम के एक पादरी संत वैलेंटाइन के नाम पर मनाया जाता है।बताया जाता है कि संत वैलेंटाइन दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में विश्वास रखते थे, लेकिन रोम में एक राजा को उनकी ये बात पंसद नहीं थी और वह प्रेम विवाह के खिलाफ थे। वह प्रेम विवाह को गलत मानते थे।


पादरी को दे दी फांसी
सम्राट क्लाउडियस को लगता था कि रोम के लोग अपनी पत्नी और परिवारों के साथ मजबूत लगाव होने की वजह से सेना में भर्ती नहीं हो रहे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए क्लाउडियस ने रोम में शादी और सगाई पर पाबंदी लगा दी। पादरी वैलेंटाइन ने सम्राट के आदेश को लोगों के साथ नाइंसाफी के तौर पर महसूस किया। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कई अधिकारियों और सैनिकों की शादियां भी कराई। इसके बाद उन्हें 14 फरवरी को फांसी पर चढ़ा दिया गय।


जेलर की बेटी को लिखा था खत
उस दिन से हर साल इसी दिन को ‘प्यार के दिन’ के तौर पर मनाया जाता है। कई रिपोर्ट्स में सामने आता है कि संत वैलेंटाइन ने जेल में रहते हुए जेलर की बेटी को खत लिखा था, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था “तुम्हारा वैलेंटाइन।”


पूरी दुनिया में यह पर्व मनाया जाता है और इसे अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है। हालांकि कई देशों में इसे संस्कृति के खिलाफ मानकर इसके सेलिब्रेशन पर रोक लगा दी जाती है।


मधुरिम की फोटो ने मचाया बवाल

मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। बिगबॉस 13 की पूर्व प्रतिभागी और अभिनेत्री मधुरिमा तुली ने हाल ही में कुछ तस्वीरें साझा की है, जिसमें वह काफी आकर्षक नजर आ रही हैं। मल्टी कलर ड्रेस और टेसेल इयररिंग में मधुरिमा काफी शानदार दिख रही हैं। अपने लुक को उन्होंने खुले बाल और हल्के मेकअप से पूरा किया है।
अभिनेत्री बिगबॉस 13 की उन प्रतिभागियों में शामिल रही हैं, जिन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी हैं।
वहीं जनवरी में उन्हें अपने पूर्व बॉयफ्रेंड और शो के प्रतिभागी विशाल आदित्य सिंह को बुरी तरह से पीटने पर शो से जाने के लिए कहा गया था। अभिनेत्री ने विशाल पर फ्राइंग पैन से हमला किया था। अभिनेत्री ने ऐसा तब किया था, जब विशाल ने उनके चेहरे पर पानी फेंक कर उन्हें गुस्सा दिलाया था।


मौजों की बदबू और उसका समाधान

जैसे ही कुछ लोग अपने शूज उतारते हैं तो आस-पास बैठे लोग दूर भाग जाते हैं…या तिरछी नजरों से उनकी तरफ देखने लगते हैं, इसका कारण होता है उनके पैरों से आ रही दुर्गंध। जिन लोगों के साथ यह समस्या होती है वे खुद इस दिक्कत के चलते कई बार पब्लिक प्लेस पर या किसी इवेंट में हंसी का पात्र बन जाते हैं। अक्सर ये लोग समझ नहीं पाते कि आखिर बहुत साफ-सफाई का ध्यान रखने के बाद भी इनके पैरों से बदबू आ क्यों रही है? यहां जाने इस परेशानी की वजह और इसका समाधान…
इसलिए आती है पैरों से दुर्गंध
पैरों से स्मेल आने की वजह होती है पैरों में पसेब का आना। आप पसेब को पैरों में होनेवाली स्वेटिंग की तरह समझ सकते हैं लेकिन वास्तव में पसीने और पसेब में टेक्निकल डिफरेंस होता है। दरअसल, पसीना हमारे उन बॉडी पार्ट्स में आता है जहां स्किन में रोम छिद्र या पोर्स होते हैं, स्किन पर बाल होते हैं। लेकिन पसेब हथेली और तलुओं पर ही आता है और यहां की त्वचा पर रोए या महीन बाल नहीं होते हैं। 
पसीना नैचरल प्रॉसेस लेकिन…
पसीना आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। प्राकृति तौर पर जो पसीना आता है वो हमें रोम छिद्रों से आता है। जब यह नैचरल प्रॉसेस से आता है तो यह सेहत के लिए अच्छा होता है। यहां नैचरल प्रॉसेस से मतलब उन स्थितियों से है जब आप घबराहट या तनाव में नहीं होते हैं। गर्म मौसम के कारण पसीना आना या एक्सर्साइज के बाद पसीना आना सामान्य होता है।
पसेब है अलार्मिंग साइन
पैर के तलुओं या हथेलियों में पसेब आने की दिक्कत आमतौर पर उन लोगों को होती है जो चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। वैद्य सुरेंद्र सिंह राजपूत के अनुसार, हथेलियों और पैर के तलुओं में पसेब आना इस कई बार बदलते मौसम के कारण होता है तो कई बार यह इस बात का इशारा होता है कि आप किसी तरह के मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं।
मेंटल हेल्थ की सुरक्षा का संदेश
जब लंबे समय तक कोई टेंशन या स्ट्रेस हमारे दिमाग पर हावी रहता है तो हमारे शरीर पर इसके कई नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। हम वक्त रहते अपने आप को इन परेशानियों से दूर करने के लिए जरूरी प्रयास करें, पैरों और हथेलियों का पसेब मेंटल हेल्थ की दिशा में इस तरह का संदेश देने का काम करता है।
बचाता है ऐंग्जाइटी और डिप्रेशन से
अगर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखने, सही डायट लेने और प्रॉपर केयर के बाद भी पैरों से और हथेलियों से पसेब आ रहा है तो आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। क्योंकि यह दिमगा के द्वारा अपनी सेफ्टी के लिए दिया जानेवाला एक तरह का संकेत है कि अगर आपने अभी अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया तो आप ऐंग्जाइटी और स्ट्रेस की तरफ बढ़ सकते हैं।
इन लोगों में होती है यह समस्या
आयुर्वेद के अनुसार, पैरों और हथेलियों में पसेब आने की समस्या ज्यादातर उन लोगों के साथ होती है, जो चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। ये लोग सोचते अधिक हैं लेकिन जितना सोचते हैं उसकी तुलना में परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। साथ ही इनके दिमाग में हर समय कोई ना कोई थॉट प्रॉसेस चलता रहता है। 
इस तरह चलता है प्रॉसेस
लगातार सोच-विचार में उलझे रहने के कारण ये लोग अपने काम को उतने अच्छे तरीके से अंजाम नहीं दे पाते, जैसा देने की चाहत रखते हैं। इस कारण इन्हें अपनी इच्छा के अनुरूप रिजल्ट भी नहीं मिल पाता। इससे ये और अधिक तनाव में आ जाते हैं। इस दौरान पैर के तलुओं और हथेलियों में पसेब की समस्या बढ़ जाती है। क्योंकि पैर अक्सर शूज में बंद रहते हैं इस कारण पैरों में तेज स्मेल आने लगती है। 
एक के बाद एक ऐसे बढ़ती हैं समस्याएं
हर समय चिंता में रहने के कारण हमारे पाचनतंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इस कारण हमारा मेटाबॉलिज़म स्लो हो जाता है। खाना ठीक से डायजेस्ट नहीं होता, कब्ज रहने लगता है, शारीरिक और मानसिक थकान बनी रहती है। इसका सीधा असर हमारी परफॉर्मेंस पर पड़ता है और फिर वही सर्कल घूमने लगता है कि हम परफॉर्म नहीं कर पाते तो स्ट्रेस बढऩे लगता है।
पैरों की दुर्गंध दूर करने के आसान टिप्स
-पैरों की बदबू से निजात पाने के लिए आप सबसे पहले टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें। अपने काम तय समय पर करना शुरू करें ताकि आपके दिमाग का बोझ कम हो और खुद को खुश और लाइट फील कर सकें।


एक्सर्साइज या वॉक जरूर करें। इन्हें करने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और ब्रेन तक जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है। इससे तनाव कम करने में मदद मिलती है।


सही डायट यानी डीप फ्राइड चीजों का कम से कम सेवन, मौसमी फलों का उपयोग, सात्विक भोजन खाने और योग या एक्सर्साइज से हमारे ब्रेन को हैपी हॉर्मोन्स प्रड्यूस करने में मदद मिलती है। जब हम खुश रहते हैं तो तनाव कम होता है और ब्रेन ठीक से काम करता है पैरों से बदबू की समस्या दूर हो जाती है।
अगर ना मिले आराम
अगर हेल्दी डायट और फिजिकली ऐक्टिव रहने के बाद भी आपको पैरों की दुर्गंध और हथेलियों में पसेब आनी की समस्या बनी हुई तो ऐसी स्थिति में आप चिकित्सक से परामर्श करें। बहुत कम समय के ट्रीटमेंट से ही आप इस परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं और लोगों की घृणा या मजाक का विषय बनने से बच सकते हैं।


जाने, लेमन टी के फायदे

आपमें से कई लोग ऐसे होंगे जो अपने दिन की शुरुआत चाय के साथ करते होंगे। चाय पीने से दरअसल हम एक्टिव फील करते हैं और चुस्त तंदुरुस्त भी बने रहते हैं। इसलिए हमारे आसपास आज कई तरह की चाय मौजूद है जिनमें से एक लेमन टी भी है। 
लेमन टी में साइट्रिक एसिड की मात्रा होने के कारण यह वजन घटाने में सहायक होने के साथ – साथ आपके स्वास्थ्य के लिए कई भी कई प्रकार से लाभदायक है। बदलते मौसम में लेमन टी पीना बेहद फायदेमंद हो सकता है। यहां जानें नींबू से बनी यह चाय आपके शरीर पर और कौन कौन से कमाल दिखा सकती हैज् 
वजन घटाने में है सहायक 
वैसे तो ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि नींबू पानी पीने से वजन घटता है लेकिन लेमन टी पीने से भी वजन को नियंत्रित करने में और उसे घटाने में मदद मिल सकती है। दरअसल नींबू में कैलोरी की बहुत कम मात्रा पाई जाती है। यही वजह है कि लेमन टी का उपयोग वजन घटाने में मदद करता है। 
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में करता है मदद 
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीडि़त लोगों के लिए भी लेमन टी फायदेमंद है। लेमन टी पीने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या खत्म हो जाती है। इसमें पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है। यह ब्लड प्रेशर को सामान्य रूप से बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए ब्लड प्रेशर की समस्या से पीडि़त लोगों के लिए लेमन टी एक बढिय़ा विकल्प है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में है मददगार 
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी लेमन टी पीने के फायदे शामिल हैं। लेमन टी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का गुण पाया जाता है। इस कारण अगर आप लेमन टी पीते हैं तो आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहेगी और आप कई प्रकार की बीमारियों से भी बचे रहेंगे। 
बढ़ती उम्र के प्रभाव के लिए है कारगर चाय 
लेमन टी पीने से आप स्लो एजिंग की समस्या से बचे रहते हैं। दरअसल इसमें एंटी ऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जो स्लो एजिंग यानी कि बढ़ती उम्र की प्रक्रिया से होने वाले प्रभाव को कम कर देता है और आपकी त्वचा निखरी हुई लगती है। अपनी दिनचर्या में लेमन टी को शामिल करने के बाद आप खुद ब खुद इस फायदे को देख सकेंगे।
कैंसर के जोखिम को कम करने में करता है मदद 
लेमन टी पीने के फायदे में कैंसर के जोखिम को कम करना भी शामिल है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि लेमन टी में एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी पाई जाती है। यह एक्टिविटी कैंसर के लिए जोखिम बनने वाली कोशिकाओं को पनपने से रोकता है। इसलिए आप लेमन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करके कैंसर के जोखिम से बचे रहेंगे।


एजीआर पर एससी ने अपनाया कड़ा रुख

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये का भुगतान करने के आदेश का अनुपालन न करने पर शुक्रवार को दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाई। कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 17 मार्च तक बकाया जमा करने का आदेश भी दिया है। उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के आदेश पर अफसोस जताया। आदेश में एजीआर मामले में दिए गए फैसले के अनुपालन पर रोक लगाई गई थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से पूछा कि एजीआर बकाए के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। इस संदर्भ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर एक डेस्क अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की धृष्टता करता है, तो उच्चतम न्यायालय को बंद कर दीजिए। कोर्ट ने कहा कि, 'हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, इसके बावजूद पैसा जमा नहीं किया गया। न्यायालय ने कहा कि देश में जिस तरह से चीजें हो रही हैं, इससे हमारी अंतरआत्मा हिल गई है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने एजीआर बकाये को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों और कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी।


जानें क्या है एजीआर?


दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का तीन फीसदी स्पेक्ट्रम फीस और आठ फीसदी लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियां एजीआर की गणना दूरसंचार ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले के आधार पर करती थीं। ट्रिब्यूनल ने उस वक्त कहा था कि किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ, डिविडेंड और ब्याज जैसे गैर प्रमुख स्रोतों से हासिल राजस्व को छोड़कर बाकी प्राप्तियां एजीआर में शामिल होंगी। जबकि दूरसंचार विभाग किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ और कबाड़ की बिक्री से प्राप्त रकम को भी एजीआर में मानता है। इसी आधार पर वह कंपनियों से बकाया शुल्क की मांग कर रहा है।


पुलवामा हमले के शहीदों को किया नमन

नई दिल्ली। पुलवामा हमले की पहली बरसी पर पीएम मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने बहादुर जवानों की शहादत को कभी नहीं भूलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले वे असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। बता दें कि पिछले साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। सामान्य दिन की तरह ही उस दिन भी सीआरपीएफ के वाहनों का काफिला अपनी धुन में जा रहा था। तभी एक कार ने सड़क की दूसरी तरफ से आकर इस काफिले के साथ चल रहे वाहन में टक्‍कर मार दी। इसके साथ ही एक जबरदस्‍त धमाका हुआ। यह आत्मघाती हमला इतना बड़ा था कि मौके पर ही सीआरपीएफ के करीब 42 जवान शहीद हो गए।


पुलवामा हमले से किसको हुआ फायदा

नई दिल्ली। पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को देश भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है। इस आतंकी घटना की पहली बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने शहीदों को नमन किया है। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हमले को लेकर मोदी सरकार से तीन सवाल पूछा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने तीन सवाल किए, राहुल के इस ट्वीट पर भाजपा के कई नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला भी किया है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि शर्म करो राहुल गांधी। पूछते हो पुलवामा हमले से किसका फायदा हुआ? अगर देश ने पूछ लिया कि इंदिरा राजीव की हत्या से किसका फायदा हुआ, फिर क्या बोलोगे? इतनी घटिया राजनीति मत करो शर्म करो। इस आतंकी घटना की पहली बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि पिछले साल पुलवामा में हुए भीषण हमले में जान गंवाने वाले बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि। वे असाधारण व्यक्ति थे जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।


बैंक धोखाधड़ी में एसबीआई, पीएनबी आगे

नई दिल्ली। वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही नौ महीने में 18 सरकारी बैंकों से 1.17 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है। यह धोखाधड़ी 8,926 मामलों में की गई है। धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा शिकार देश का सबसे बड़ा कर्जदाता बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर को सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से यह जानकारी मिली है। बताया कि दिसंबर 19 तक नौ महीने के दौरान 30,300 करोड़ के धोखाधड़ी के 4,769 मामले एसबीआई ने दर्ज कराए। सरकारी बैंकों में 1.17 लाख करोड़ की धोखाधड़ी के मामलों का यह 26 फीसदी है। पंजाब नेशनल बैंक को 294 मामलों में 14,928.62 करोड़ का चूना लगा। नुकसान में वह एसबीआई के बाद दूसरे नंबर पर रहा है।


वहीं दूसरी ओर बैंक ऑफ बड़ौदा में 250 मामलों में 11,166.19 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। इलाहाबाद बैंक ने 860 मामले दर्ज कराए, जिसमें 6,781.57 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। बैंक ऑफ इंडिया के 161 मामलों में 6,626.12 करोड़, यूनियन बैंक के 292 मामलों में 5,604.55 करोड़ का चूना लगा। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 282 मामले दर्ज कराए, जिससे 4,899.27 करोड़ की धोखाधड़ी हुई। केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब व सिंध बैंक में 1,867 मामले सामने आए, जिसमें कुल 31,600.76 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई।


पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। पिछले साल आज के दिन यानी 14 फरवरी को दोपहर तीन बजे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आत्मघाती हमला किया था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी घटना की पहली बरसी पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीआरपीएफ ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। अमित शाह ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि भारत हमेशा अपने बहादुरों और उनके परिवारों का आभारी रहेगा जिन्होंने मातृभूमि की संप्रभुता और अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैं पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं। भारत हमेशा अपने बहादुरों और उनके परिवारों का आभारी रहेगा जिन्होंने मातृभूमि की संप्रभुता और अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।'


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत उनके बलिदान को कभी नहीं भूल पाएगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, '2019 में आज के दिन पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) में हुए नृशंस हमले के दौरान अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि। भारत उनके बलिदान को कभी भूल नहीं पाएगा। संपूर्ण राष्ट्र आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और हम इस खतरे के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' अपने वीर जवानों को याद करते हुए सीआरपीएफ ने कहा कि हम न भूले हैं और न ही माफ करेंगे। सीआरपीएफ ने ट्वीट करके कहा, 'तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोए नहीं। गर्व इतना था कि हम देर तक रोए नहीं। हम भूले नहीं हैं, हम माफ नहीं करेंगे। हम अपने भाइयों को सलाम करते हैं जिन्होंने पुलवामा में राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। हम अपने बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं।'


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