बुधवार, 25 दिसंबर 2019

आईएएस तुलसी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस

लखनऊ। पूर्व आईएएस अधिकारी तुलसी गौड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस चलेगा। इसके लिए शासन ने विजिलेंस को अनुमति दे दी है। विजिलेंस के एक अधिकारी ने बताया कि 2001 में तुलसी गौड़ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था जिसके बाद तुलसी के खिलाफ लोकायुक्त ने जांच की थी। लोकायुक्त ने अपनी जांच में तुलसी को दोषी पाया था और शासन से किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 2011 में लोकायुक्त की सिफारिश को मानते हुए इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। 1980 बैच के आईएएस रहे तुलसी गौड़ पर निर्यात निगम में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे थे। इसमें से एक मामला अपनी पत्नी के नाम फर्म बनाकर उन्हें सरकारी ठेका दिलाने का था। जबकि एक अन्य मामला विदेश यात्रा के खर्चों में हेर फेर का था। गौड़ पर आरोप था कि सरकारी विदेश यात्रा केखर्च का ब्यौरा उन्होंने बढ़ा चढ़ा कर पेश किया और उसका भुगतान ले लिया। इतना ही नहीं जब शासन ने विदेश खर्च का ब्यौरा मांगा तो उन्होंने विदेशी करंसी और हवाई टिकट चोरी होने की झूठी कहानी गढ़ दी।कई साल तक चली जांच में विजिलेंस ने तुलसी पर लगे आरोपों को सही पाया। विजिलेंस ने 2014 में शासन से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। पांच साल बाद तुलसी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति शासन ने दे दी है।


जल्द दायर की जाएगी चार्जशीट-डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि एक पुराने मामले में तुलसी गौड़ के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है। इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। गौड़ पांच साल पहले ही रिटायर हो चुके हैं। वह अब कहां हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।


'फाइल कल्चर' को खत्म करने की तैयारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब रेल मंत्रालय (Ministry of Railway) से फाइल कल्चर को पूरी तरह से समाप्त करने की तैयारी में हैं। रेल मंत्रालय को पेपर लेस बनाने के लिए रेलवे ने मेगा प्लान बनाया है। इस प्लान से फाइलों का जंजाल खत्म होगा सभी मैनुअल फाइलों को ई फाइलों में तब्दील किया जाएगा। पहले चरण में रेल मंत्रालय ने 72 हजार से ज्यादा ई-फाइल को तैयार किया है। रेलवे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसी भी खबर है कि रेल मंत्रालय के 50,000 से ज्यादा कर्मचारी ई फाइल सिस्टम में काम करने लगे हैं और अब धीरे-धीरे रेल मंत्रालय का वर्क कल्चर बदलने लगा है।


खबर है अब सभी कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जानी है। इसकी ट्रेनिंग का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि डिजिटल तरीके से काम होने पर मैनुअल फ़ाइल नहीं होगी, लिहाजा पेपर की बचत होगी और दूसरा बड़ा फायदा होगा कि फाइल अधिकारियों की टेबल पर पेंडिंग नहीं रहेंगी और जहां फाइल पेंडिंग होगी उसका पता लगाना आसान होगा।


E-फ़ाइल सिस्टम होने से फाइलों को जल्दी निपटाने में मदद मिलेगी पहले चरण में रेलवे ने अपने 58 संस्थानों में ई ऑफिस बनाया है। इसके जरिए भारतीय रेलवे इफेक्टिव तरीके से फाइलों को हैंडल कर पाएगी और फाइलें पेंडिंग नहीं रहेंगी। भारतीय रेलवे के 58 संस्थानों की 6 महीने से कम समय में 72000 से ज्यादा डिजिटल फाइल बनाई गई है और मैनुअल फ़ाइल को e फ़ाइल में बदला गया है।


इस पर रेलवे का काम जोर शोर से चल रहा है रेलवे का इरादा सभी मैनुअल फाइल को डिजिटल फाइल में तब्दील करना है और आगे का वर्क कल्चर पेपरलेस बनाना है। यानी आने वाले वक्त में रेलवे का सभी कामकाज डिजिटल तरीके से होगा। मैनुअल फाइल की कोई जगह नहीं होगी यानी लंबी चौड़ी कागजी कार्रवाई से रेल मंत्रालय को मुक्ति मिलेगी।


रेल मंत्रालय में 1300000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और रेल मंत्रालय पेपरलेस होने से कई टन पेपर की बचत हर दिन होगी इसका बड़ा फायदा यह होगा कि इससे पेड़ों की कटाई कम करने में मदद मिलेगी। रेलवे का पैसा बचेगा अलग से। रेलवे की इस प्रोजेक्ट को रेलवे का ही संस्थान रेलटेल (RAILTEL) लागू कर रहा है।


रेलटेल (RAILTEL) के सीएमडी पुनीत चावला ने ZEE न्यूज़ को बताया कि ई-ऑफिस बनाने और सभी मैनुअल फाइल को ई फाइल में बदलने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रेलवे में काम करने की क्षमता बढ़ेगी, दक्षता आएगी। उन्होंने कहा कि  250000 से ज्यादा ई रिसिप्ट क्रिएट कर लिए गए हैं और इसके पहले फेज का काम पूरा हो गया है। रेलटेल दूसरे फेज में रेल मंत्रालय के 39 संस्थानों में डिजिटल वर्कप्लेस के तहत ऑफिस बनाएगा और सभी मैनुअल फाइलों को डिजिटल फाइल में कन्वर्ट करेगा।


पुनीत चावला ने बताया, 'ये हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी जिसकी हमने शुरुआत की है, रेल मंत्रालय जैसे बड़े मंत्रालय में मैनुअल फाइल को ई फाइल सिस्टम में कन्वर्ट करना एक मुश्किल काम था। लेकिन इस काम की शुरुआत हमने कर दी है, पहला चरण पूरा हो चुका है और जल्द ही रेल मंत्रालय की सभी मैनुअल फाइलों को ई-फाइल में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। इसके चलते आगे रेल मंत्रालय का पेपर लेस बनाने का सपना पूरा हो सकेगा।'


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रेल मंत्रालय ने कहा है कि रेलटेल (RAILTEL) पूरी क्षमता से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और तय टाइम लाइन से पहले ही रेलटेल इस प्रोजेक्ट को पूरा कर देगा। इससे रेलवे में एक नया वर्क कल्चर मिसाल बनेगा। ये भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए क्योंकि रेल मंत्रालय में 1300000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं यह दुनिया के बड़े सरकारी संस्थानों में से एक है।


खाकी वाली पत्नी ने पति से की बेवफाई

अलीगढ़। अलीगढ़ का एक युवक खाकी वाली प्रेमिका से प्रेमविवाह करने की सजा भुगत रहा है। सिपाही बीबी ने 8 साल बाद अब दूसरा विवाह कर लिया है । फिरोजाबाद के थाना दक्षिण में तैनात महिला सिपाही पूजा त्यागी द्वारा 8 साल बाद पति को छोड़ दूसरे युवक से विवाह करने की खबर अलीगढ़ से लेकर फिरोजाबाद तक चर्चाओं में हैं। अब पति ने महिला सिपाही पर कार्यवाही न करने पर डीजीपी आफिस लयकनऊ में आत्महत्या करने का एलान किया है।


एनपीआर को लेकर फैलाई जा रही है अफवाह

नई दिल्ली। यह बात तो हम सभी जानते है कि पिछले कई दिनों से देशभर में एनआरसी और सीएए के विरोध पर बवाल मचा हुआ था। वहीं एनपीआर, एनआरसी, सीएए, पुलिस की बर्बरता और हिरासत केंद्रों की रिपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह इन सारे सवालों के दिए।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में हुए विरोध को लेकर अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर सबसे ज्यादा उत्तर पूर्वी राज्यों में विरोध की उम्मीद थी, लेकिन वहां तुलनात्मक रूप से शांति रही। बाकी जगहों पर राजनीतिक विरोध हुआ है। डिटेंशन सेंटर के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि मेरी जानकारी के हिसाब से एक ही डिटेंशन सेंटर है, कोई और डिंटेशन सेंटर हमने शुरू नहीं किया है। केरल और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लागू करने से मना करने के सवाल पर बोले अमित शाह ने कहा कि मैं राज्यों से बात कर उन्हें समझाऊंगा।


वहीं इस बात का पता चला है कि NPR को लेकर विस्तृत में बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि देश की जनगणना का संवैधानिक प्रोविजन 10 साल में करने का है। 2011 में पिछली जनगणना हुई थी, इसलिए अगली 2021 में होनी है। जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरु होगी लेकिन तब मकानों की मैपिंग शुरु होगी। पूरी जनगणना और एनपीआर 2021 में होगा। जहां इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनपीआर को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये संका लाने का कोई कारण नहीं है और जहां खासकर अल्पसंख्यकों के भाई-बहनों को कि इसका उपयोग एनआरसी बनाने के लिए होगा, इसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। NPR को लेकर कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।


1 किलो प्लास्टिक कचरे के बदले लंच-डिनर

 अब एक किलो प्लास्टिक कचरे के बदले मिलेगा लंच व डिनर, जानिए पूरी खबर
 
नई दिल्ली। क्या आप भी नई दिल्ली के नजफगढ़ जोन में रहते हैं और आपके घर में या आसपास प्लास्टिक का कचरा भी है तो आप इस कचरे के बदले में बेहतर ब्रेकफास्ट और लंच कर सकते हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को स्वच्छ भारत अभियान के तहत नजफगढ़ जोन में ऐसी अनोखी मुहिम शुरू की है कि एक किलो प्लास्टिक कचरे के बदले लंच व डिनर और ढ़ाई सौ ग्राम प्लास्टिक कचरे के बदले ब्रेकफास्ट की सुविधा शुरू की है। वहीं नजफगढ़ जोन में इस योजना के तहत द्वारका के वर्धमान मॉल के एक रेस्टोरेंट में गारबेज कैफे की शुरूआत की गई है। इस कैफै पर लोगों को ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की सुविधा मिलेगी, लेकिन यहां पर खाना खाने के लिए लोगों के प्लास्टिक का कचरा बदले में देना होगा।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में इस तरह का यह पहला गारबेज कैफे है, जिसपर प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन दिया जाएगा। इसके साथ ही इलाकों को प्लास्टिक का कचरा बीनने वाले लोगों के लिए भी यहां पर प्लास्टिक कचरे के बदले में भोजना की व्यवस्था है। वहीं निगम का कहना है कि किसी भी तरह का एक किलो प्लास्टिक कचरा लेकर आने वाले लोगों को एक समय का लंच या डिनर दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर कोई 250 ग्राम प्लास्टिक कचरा लेकर आएगा तो वह यहां नाश्ता कर सकता है। यहां सुबह, दोपहर और रात्रि तीनों समय लोगों के लिए यह गारबेज कैफे खुलेगा। दिल्ली को प्लास्टिक के प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए यह पहल की गई है।


बता दें कि इतना ही नहीं दिल्ली के अन्य इलाकों में भी इस योजना को लागू करके लोगों को गारबेज कैफे की सुविधा दी जा सकती है। हालांकि नजफगढ़ जोन के अन्य वार्डों में यह योजना जल्द ही लागू हो सकती है। गारबेज कैफे का उद्देश्य लोगों को प्लास्टिक कचरे के निष्पादन के बारे में जागरूक करना है।


लापरवाही की इंतहा आज भी जारी

संदीप मिश्रा


रायबरेली। रेप पीड़िता के लिए चाहे जितने भी नियम कानून बन जाए, लेकिन लापरवाही की इंतहा आज भी जारी है । जिला महिला चिकित्सालय रेप पीड़िता अपना महिला पुलिस के साथ चिकित्सीय परीक्षण कराने आई थी।आरोप है कि अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ आरती ने उन्हें टूटी हुई बेंच पर लिटा दिया और उनकी लापरवाही से बेंच टूट भी गई।जिससे उसके दाहिने हाथ का अंगूठा कट गया। इस घटना पर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह दुर्घटना हो सकती है।तत्काल चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। परंतु 3 घंटे तक अस्पताल में उस महिला का इलाज करने कोई भी चिकित्सक नहीं आया और रूटीन चेकअप के दौरान पहुंचे चिकित्सक ने एक्स-रे की एडवाइजरी कर सुबह अंगूठे की गंभीर हालत बताते हुए उसे लखनऊ भेज दिया गया । यहां यह भी बताते चलें महिला ने शंका व्यक्त की है कि डॉक्टर दुष्कर्म आरोपी के साथ मिलकर शायद कोई बड़ी घटना को अंजाम देना चाहती थी। बताते चलें कि महिला जिला चिकित्सालय बिल्डिंग का उद्घाटन हुए भी कुछ ही महीने बीत हैं । लेकिन सामान की क्वालिटी ऐसी कि महिला मरीज के लेटते ही बेंच टूट गयी। जिससे मरीज घायल हो गया। तो इस मामले की भी जांच होनी चाहिये।
मामला जिला महिला अस्पताल का है जहां सलोंन से एक रेप पीड़िता का मेडिकल कराने के लिए पुलिस लेकर आई थी। पीड़िता जैसे ही बेंच पर लेटी बेंच टूट गई और पीड़िता का अंगूठा बुरी तरह से कट गया इस पर पीड़िता ने जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
इस मामले में जब जिला चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इसे दुर्घटना बताया। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है दुर्घटना होने के बाद जब घायल रेप पीड़िता को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया तब 3 घंटे तक कोई भी डॉक्टर उसे देखने नहीं आया और सुबह होते ही रेप पीड़िता को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।इस पूरे घटना में सबसे बड़ी बात यह है कि इतने गंभीर मामले के लिए जिला अस्पताल आई महिला को सावधानी के साथ इलाज क्यों नहीं कराया गया।जबकि पीड़िता का आरोप है की मेडिकल करने वाले डॉक्टर के साथ मिलकर दुराचार का आरोपी उसे मरवाना चाहता है।
सबसे बड़ा संदेह का विषय यह है कि हाल ही में इस बिल्डिंग का उद्घाटन हुआ है और इसमें जो भी सामान चिकित्सा के लिए उपयोग होता है सभी नया है। ऐसे में लोहे की बिंज का टूटना भी कमीशन खोरी की बात को गवाही देता है। फिर हाल महिला इलाज के लिये लखनऊ रिफर कर दी गई है। लेकिन महिला ने इस पर कानूनी कार्यवाही और इंसाफ के लिये लड़ने की भी बात कही है। उसके अनुसार उसका दाहिना हाथ का अंगूठा है।


 


त्यागी समाज की 'प्रतिनिधित्व विस्तार' पर चर्चा

त्यागी समाज के अध्यक्ष बने समाजसेवी राजीव त्यागी          अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी विधानसभा क्षेत्र के विकास कुंज में त्यागी महासभा लोनी की एक कोर कमेटी की बैठक हुई। जिसमें सर्वसम्मति से राजीव त्यागी निवासी लाल बाग को त्यागी महासभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और ओमदत्त त्यागी पुर वाले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। बैठक में महासभा के संरक्षक विजेन्द्र त्यागी,मुनेश त्यागी ,ओमकार त्यागी ,ओमपाल त्यागी,धर्मेन्द्र त्यागी ने सभी नियुक्त अध्यक्ष को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पवन त्यागी प्रधान भनेड़ा ,सतीश त्यागी ,सुनील त्यागी ,अमित त्यागी समेत अनेक लोग उपस्थित रहे और मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी। बैठक में त्यागी समाज के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और अन्य भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों में एक जुटता दिखाई दी। इस पर भाजपा नेता और महासभा के संरक्षक विजेन्द्र त्यागी ने बोलते हुए बताया कि लोनी में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर समाज की बातों से अवगत कराया जाएगा और विश्वास दिलाया कि भाजपा सबका साथ सबका विकास के तहत सबको सम्मान देती है।


हिंदू युवा वाहिनी ने मनाया सुशासन-दिवस

वरुण नागर ने अपने कार्यालय पर मनाया "सुशासन दिवस"


अविनाश श्रीवास्तव


गाजियाबाद। हिंदू युवा वाहिनी के जिला उपाध्यक्ष वरुण नागर ने अपने कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती मनाई । सभी कार्यकर्ताओं ने मूर्ति के समक्ष दीपक जलाकर माल्या व पुष्प अर्पण करते हुए अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धांजलि अर्पित की ।
वरुण नागर ने मौजूद लोगों को बताया सुशासन दिवस भारत में प्रतिवर्ष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के रूप में 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 23 दिसंबर 2014 को, नब्बे वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में घोषित किया गया था।
मौजूद भारतीय जनता पार्टी के मंडल मीडिया प्रभारी पंडित अभिषेक शर्मा ने बताया अटल जी आजीवन अविवाहित रहे। वे एक ओजस्वी एवं पटु वक्ता (ओरेटर) एवं सिद्ध हिन्दी कवि भी थे।
परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की संभावित नाराजगी से विचलित हुए बिना उन्होंने अग्नि-दो और परमाणु परीक्षण कर देश की सुरक्षा के लिये साहसी कदम भी उठाये। हम सभी को उनकी जीवनी को पढ़ना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए । सुशासन दिवस के अवसर पर धीर सिंह नागर, विजय, यतेंद्र गुप्ता, यशपाल, हिंदू युवा वाहिनी जिला अध्यक्ष प्रिंस त्यागी, राजकुमार पांचाल, धर्मेंद्र कुशवाह, अजय पवार, अरविंद गुप्ता, आदित्य नागर, विनय तोमर, आरिफ कसार, सोनू बैंसला, रामू, भूपेंद्र कुशवाहा, कपिल नागर, शीलू, रिशु(लेफ्टि), प्रवेश कसाना, मनीष, संजय गहलोत व स्थानीय लोग और भाजपा कार्यकर्ता आदि मौजूद रहे ।


आज साल का आखरी 'सूर्य ग्रहण'

नई दिल्ली। सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर, 2019 (5 पौष, शक संवत 1941) को लगने जा रहा है। यह इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। जो भारतीय समयानुसार यह ग्रहण सुबह 8 बजे से शुरू होकर 10 बजकर 57 मिनट तक प्रभावी रहेगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा यानी पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यह पूर्ण सूर्यग्रहण भारत समेत अन्य देशों में भी दिखाई देगा। हालांकि यह साल का तीसरा सूर्यग्रहण है, लेकिन पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में यह साल का पहला ग्रहण होगा। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था। भारत में सूर्योदय के बाद इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा।


क्या है इस सूर्य ग्रहण की खास बात


26 दिसंबर को पड़ने जा रहे सूर्यग्रहण की खास बात यह है कि इस बार ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानि 25 दिसंबर की शाम से ही सूतक काल प्रभावी हो जाएगा, जोकि 26 दिसंबर तक जारी रहेगी।


सूर्य ग्रहण का समय?


भारतीय मानक समय अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह आठ बजे आरंभ होगा, जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी। सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी।


भारत में कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?


ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा। भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा।


क्या करें क्या नहीं


ग्रहण काल में खान-पान, शोर, शुभ कार्य, पूजा-पाठ आदि करना निषेध होता है। गुरु मंत्र  का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सूंदर कांड का पाठ, तंत्र सिद्धि ग्रहण काल में कर सकते हैं। ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान, शुद्धिकरण करके दान देना चाहिए। इस समय में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नही निकलना चाहिए। ग्रहण काल में सूर्य से पराबैंगनी किरणे निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं।


कैसा होगा 26 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण?


वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी। आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा।


साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण कब होगा?


अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा। देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा।


सूर्यग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान:


सूर्य ग्रहण के दौरान अक्सर लोग नंगी आंखों के सूरज को देखते हैं। ऐसा न करें। यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।
अगर आपको सूर्यग्रहण देखना है तो इसके लिए सोलर फिल्टर चश्मे का इस्तेमाल करें।
सोलर फिल्टर चश्मे को सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहा जाता है।
चश्मा न होने की स्थिति में सूर्य ग्रहण को न देखें।
सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को पिनहोल, टेलेस्कोप या फिर दूरबीन से भी न देखें।


बुर्किना फासो में आतंकी हमला, 35 की मौत

अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के उत्तरी इलाके के एक कस्बे में मंगलवार को एक आतंकवादी हमले में करीब 35 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। देश के राष्ट्रपति रोच मार्क काबोर ने कहा कि हमले के बाद सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ों में करीब 80 आतंकवादी भी मारे गए हैं।


माली और नाइजर सीमा से लगे बुर्किना फासो में लगातार जिहादी हमले होते रहते हैं। ऐसे हमलों में 2015 की शुरुआत से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।आर्मी चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि आतंकवादियों के एक बड़े गुट ने सैन्य अड्डे और अरबिंदा में आम नागरिकों पर एक साथ हमला किया। बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोश मार्क काबोर ने ट्वीट किया, 'बर्बर हमले में 35 नागरिक मारे गए, जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं।' उन्होंने साथ ही रक्षा एवं सुरक्षा बलों की वारता तथा प्रतिबद्धता की सराहना भी की। संचार मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता रेमीस डंडजिनौ ने बाद में बताया कि 31 महिलाएं मारी गई हैं और करीब 20 सैनिक घायल हुए हैं। राष्ट्रपति ने 48 घंटे के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। सेना ने बताया कि मोटरसाइकिलों पर सवार जिहादियों ने सुबह हमला किया जो कई घंटों तक चला। बाद में, वायु सेना की मदद से सशस्त्र सेना ने आतंकवादियों को खदेड़ दिया। किसी समूह ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह अक्सर यहां जिहादी हमलों को अंजाम देते रहते हैं।


पार्टी रहे ना रहे, देश रहेः अटल

देश आज पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती मना रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा राजनेता रहे हैं जो अपनी पार्टी के साथ ही सभी दलों के प्रिय नेता रहे हैं। भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है। उनके भाषण के सभी कायल रहे हैं। जब वो सदन में बोलते थे तो हर कोई उन्हें सुनना चाहता था।


ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा


अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिक सिद्धांतों का पालन करने वाले नेता रहे। राजनीति में शुचिता के सवाल पर एक बार उन्होंने कहा था कि मैं 40 साल से इस सदन का सदस्य हूं, सदस्यों ने मेरा व्यवहार देखा, मेरा आचरण देखा, लेकिन पार्टी तोड़कर सत्ता के लिए नया गठबंधन करके अगर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा।


31 मई 1996 को संसद में दिया गया 'अमर भाषण'


ऐसा ही सदन में दिया उनका भाषण अमर हो गया। वो भाषण था 31 मई 1996 का। जब अटल प्रधानमंत्री थे और उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तो उन्होंने खुद सदन में पार्टी के संख्या बल कम होने की बात कही थी और राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा था। इस दौरान उन्होंने जो भाषण दिया वह आज भी राजनीति के सर्वश्रेष्ठ भाषणों में से एक गिना जाता है। इसके साथ ही अटल जी ने जो बातें विपक्षी दलों, पत्रकारों आदि के बारे में कही हैं उनसे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। पढ़ें उनकी वो सभी बातें।


-लोग उनके बारे में क्या विचार रखते हैं उस बारे में उन्होंने संसद के पटल से कहा था, 'कई बार यह सुनने में आता है कि वाजपेयी तो अच्छा लेकिन पार्टी खराब….अच्छा तो इस अच्छे बाजपेयी का आप क्या करने का इरादा रखते हैं?'


-अपने इस्तीफे पर उन्होंने कहा था, 'आज प्रधानमंत्री हूं, थोड़ी देर बाद नहीं रहूंगा, प्रधानमंत्री बनते समय कोई मेरा हृदय आनंद से उछलने लगा ऐसा नहीं हुआ, और ऐसा नहीं है कि सब कुछ छोड़छाड़ के जब चला जाऊंगा तो मुझे कोई दुख होगा….'


-पार्टी के संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा था, 'हमारे प्रयासों के पीछे 40 सालों की साधना है, यह कोई आकस्मिक जनादेश नहीं है, कोई चमत्कार नहीं हुआ है, हमने मेहनत की है, हम लोगों के बीच गए हैं, हमने संघर्ष किया है, यह पार्टी 365 दिन चलने वाली पार्टी है। यह कोई चुनाव में कुकरमुत्ते की तरह खड़ी होने वाली पार्टी नहीं है।'-राजनीतिक पारदर्शिता के बारे में वो बोले थे, 'राजनीति में जो कुछ हो पारदर्शी हो, दल अगर साथ आते हैं, तो कार्यक्रम के आधार पर आए हिस्सा बांट के आधार पर नहीं….बैंकों में लाखों रुपये जमा किए जाएं इसके लेकर नहीं।'


आडवाणी पर किया था ये मजाक


अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से करने वाले वाजपेयी का पत्रकारों को लेकर बहुत सरल व्यवहार रहा। उन्होंने एक बार पत्रकारों से कहा था-


'मैं पत्रकार होना चाहता था, बन गया प्रधानमंत्री, आजकल पत्रकार मेरी हालत खराब कर रहे हैं,


मैं बुरा नहीं मानता हूं, क्योंकि मैं पहले यह कर चुका हूं….'


आडवाणी और अटल का रिश्ता बहुत ही गहरा रहा है। इन दोनों का नाम हमेशा साथ में लिया जाता था। एक बार आडवाणी को लेकर मजाकिया लहजे में अटल ने कहा था-


'भारत और पाकिस्तान को साथ-साथ लाने का एक तरीका यह हो सकता है कि दोनों देशों में सिंधी बोलने वाले प्रधानमंत्री हो जाएं, जो मेरी इच्छा थी वह पाकिस्तान में तो पूरी हो गई है लेकिन भारत में यह सपना पूरा होना अभी बाकी है।


पार्टियां रहे या न रहे लेकिन देश रहना चाहिए


वाजपेयी का मानना था कि पार्टियां बनें या बिगड़ें लेकिन देश नहीं बिगड़ना चाहिए। देश में स्वस्थ्य लोकतंत्र की व्यवस्था रहनी चाहिए-


जब जब कभी आवश्यकता पड़ी, संकटों के निराकण में हमने उस समय की सरकार की मदद की है, उस समय के प्रधानमंत्री नरसिंह राव जी ने मुझे विरोधी दल के रूप में जेनेवा भेजा था। पाकिस्तानी मुझे देखकर चकित रह गए थे? वो सोच रहे थे ये कहां से आ गया? क्योंकि उनके यहां विरोधी दल का नेता राष्ट्रीय कार्य में सहयोग देने के लिए तैयार नहीं होता। वह हर जगह अपनी सरकार को गिराने के काम में लगा रहता है, यह हमारी प्रकृति नहीं है, यह हमारी परंपरा नहीं है। मैं चाहता हूं यह परंपरा बनी रहे, यह प्रकृति बनी रहे, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगा-बिगड़ेंगी पर यह देश रहना चाहिए…इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए…


गर्लफ्रेंड के साथ फिल्म,पत्नी का धमाल

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में कुछ ऐसा हुआ, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। पति कथित गर्लफ्रेंड के साथ रानी मुखर्जी की फिल्म 'मर्दानी-2' देखने पहुंचा पत्नी को पता चला तो उसने सिनेमा हॉल में आकर जमकर बवाल काटा। खबर के मुताबिक, उनके एक परिचित का कॉल आया और बताया कि उनके पति सिनेमा हॉल में 'मर्दानी -2' देखने आए हैं।


महिला को पहली बार में बड़ी बात नहीं लगी। लेकिन, जब कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने बताया कि उनके साथ एक 35 वर्षीय महिला है तो पत्नी को तुरंत शक हो गया। उन्होंने खुद जांच करने का फैसला किया और थियेटर में आ गईं। सिनेमा हॉल में उनका पति फिल्म को एन्जॉय कर रहा था।


पत्नी ने पति को मूवी हॉल के कॉर्नर सीट पर बैठा पाया जहां पति के साथ पास में एक महिला बैठी थी और दोनों रोमांस कर रहे थे। महिला ने पति पर अपना गुस्सा निकालने का फैसला किया और जनता की नजरों को खींचने के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया। जब दूसरी महिला ने हस्तक्षेप किया तो पत्नी ने उसके बाल पकड़े और पीटना शुरू कर दिया, जिसके बाद पत्नी ने पुलिस को बुलाया और उन्हें अपने पति की बेवफाई के बारे में बताया।


पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पति ने पहले 'दबंग-3 ' का टिकट खरीदा था। जब उसने देखा कि सिनेमा हॉल भरा हुआ है तो उसने 'मर्दानी-2' की टिकट खरीदी सिनेमा हॉल खाली होने की वजह से उन्होंने इस फिल्म की टिकट खरीदी थी। तीनों को काउंसलिंग के बाद पुलिस ने वापस भेज दिया। क्योंकि महिला ने अपने पति पर कोई मामला दर्ज नहीं करने का फैसला किया।


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