मधुकर कहिन
स्मार्ट सिटी के लिए निगम हेतु ध्यान देने लायक कुछ आवश्यक बातें
मेयर साहब के ही वार्ड 56 में, अना सागर पाल की हालत बहुत खस्ता है । ना साफ सफाई है न ही पाल पूरी तरह से बनी हुई है। बीच-बीच में टूटी हुई है।
एक नाव उस तरफ पानी में औंधी पड़ी हुई है। जो की बुरी तरह सड़न फैला रही है। जिससे संभवत जल प्रदूषण भी हो रहा है । उस तरफ पैदल घूमने वाले लोग उस सड़ांध भरी बदबू को बखूबी महसूस कर सकते हैं।
मित्तल अस्पताल के बाहर लगभग आधी सड़क मित्तल अस्पताल का पार्किंग स्थल बनी हुई है। जिसमें कि उसके बाहर लगाई गई आने जाने वाले लोगों के बैठने के लिए बनी बेंच तक, उस पार्किंग के अंदर ही समा जाती है। *क्या निगम मित्तल अस्पताल से सड़क को पार्किंग स्थल की तरह इस्तेमाल करने हेतु कोई शुल्क ले रहा है ? या बस यूं ही मित्तल अस्पताल प्रशासन सरकारी सड़क पर पार्किंग के मजे फोकट में ले रहा है।
शहर भर में निगम द्वारा पार्किंग की व्यवस्था को सुचारू करने के लिए, नालों को ढकने का कदम उठाया गया है। जबकि पृथ्वीराज मार्ग की वह सड़क जो आगरा गेट से बस स्टैंड की तरफ जाती है। उस सड़क पर विशेष तौर से पूरी तरह से नाला ढकने वाली जगह का जमकर अतिक्रमणकारियों द्वारा दुरुपयोग हो रहा है। इसी प्रकार से क्षेत्रपाल अस्पताल के सामने जो नाला ढककर पार्किंग व्यवस्था की गई है उस पार्किंग व्यवस्था में अक्सर खाद्य सामग्री के ठेले खड़े हुए हैं। जो की पार्किंग की जगह फिर रोक कर खड़े हैं।
शहर भर में 'आवारा पशुओं' का जमावड़ा। जिसकी वजह से आए दिन किसी न किसी को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। विशेष तौर पर गायों को पकड़कर कांजी हाउस में जमा करने वाला दल शायद थोड़ा कम सक्रिय है। आवारा कुत्तों की धरपकड़ तो लगभग न के बराबर है।गौरव पथ पर खड़ी कई विशाल इमारतें विक्रम के कायदे कानून को ठेंगा दिखा रही है। जिसकी वजह से गौरव पथ का गौरव घट रहा है।
नरेश राघानी