स्मार्ट फ़ोन से फ़ायदा और नुक़सान ?
आज के सूचना प्रधौगिकी युग में जहाँ हमे घर बैठे देश दुनिया की जानकारी मिल रही है ,दुनिया आसान सी हो गई है,वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया से कई दुष्प्रभाव भी सामने आ रहे है,आये दिन खबरों में सुनने को मिलता है कि फलाँ युगल को fb पर प्यार हुआ,व्हाट्सअप से आपस में बात चीत होती थी,और आखिर में क्या,लड़की का रेप,अवैध सम्बन्धों के चलते हत्या आदि,ये सब आज की आम खबरे हो रही है,कुछ खबरे इस तरह की भी होती है कि 4 बच्चो की माँ प्रेमी संग फरार,fb पर हुआ था दोनों को प्यार,आखिर हम कहाँ की तरफ जा रहे हैं?आखिर भारतीय संस्कृति को कैसे ये सब देखना पड़ रहा है,इन सबके लिए कहीं न कहीं हम सभी जिम्मेदार है।हम लोग अपने बच्चों,बहू, बेटी,भाई बहन पर ध्यान ही नही दे पा रहे है कि वो किस तरफ जा रहे हैं, आखिर वो कहाँ बिजी है,हमारी बेटी या बहु हर वक्त फोन को हाथ में रखकर किसके साथ बात कर रही है या देर रात तक किसके संग व्यस्त है,जबकि परिवार के सदस्यों से उनका लगाव या उनका व्यवहार एकदम बदल सा रहा है,आखिर हमारा बेटा सोशल मीडिया में किस तरह की गतिविधियों में व्यस्त है,कहीं वो कोई गलत रास्ते की तरफ तो नही?कहीं वो पोर्न साइट्स में ही तो व्यस्त नही?और यदि हमारा बेटा ,बेटी,बहू दिन रात मोबाइल के ही आगोश में है तो घर के बड़ो का दायित्व बनता है उनकी गतिविधियों पर सवाल करने का,बड़े बुजुर्ग अपने बच्चो के मोबाइल चेक कर सकते हैं कि आखिर इनके जीवन में ऐसा क्या परिवर्तन हो रहा है जिससे ये परिवार से तो दूर हो रहे हैं और मोबाइल के पास जा रहे हैं।ऐसे मामलो में पति पत्नी का भी कर्तव्य बनता है कि वो अपने साथी की गतिविधियों को ध्यान दे ताकि उनका घर टूटने से बचे।पति पत्नी जासूसी नही बल्कि खुले मन से एक दूसरे के मोबाइल को देखकर पूछ सकते हैं कि किसी व्यक्ति से उन्हें कोई परेशानी तो नही,कोई उन्हें बेवजह परेशान तो नही कर रहा है,ये पूछने का हक भी पति पत्नी को है ही कि अत्यधिक सोशल साइट्स पर हमारे साथी की क्या गतिविधि रहती है,कहीं उसके सम्पर्क में कोई गलत व्यक्ति तो नही,कहीं वो गलत रास्ते पर या गलत तरह के सोशल साइट्स का आदि तो नही है।यदि हम सब अपने करीबी लोगों या पारिवारिक सदस्यों के साथ खुले मन से बात कर सके और उनकी गतिविधियों पर नजर रखते हुए समय रहते उनकी गलत आदतों को सुधार सकते हैं, अच्छा होगा कि घर की बात घर में ही निपट जाये और न ही हमारे नौनिहाल गलत रास्ते पर जा सके।सभी लोग बच्चो व पारिवारिक सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखें तो कई तरह के अपराध होने से बचाये जा सकते हैं,आजकल सोशल मीडिया के युग में कई तरह के गलत कामों में अपराधों में तेजी आ रही है,इसे रोकने के लिए सभी को अपने घर से ही पहल करनी होगी।आभासी दुनिया के चक्कर में अपने हँसते खेलते परिवार की तिलांजलि न दे|
हरीश असवाल