गुरुवार, 21 जुलाई 2022
सरकार की नीतियों को जन व संविधान विरोधी करार
गाजियाबाद: वरिष्ठ पत्रकार नगरकोटी का निधन हुआ
नगरकोटी लंबे समय तक उत्तराखंड लोकवाहिनी से जुड़े रहे साथ ही सहारा हिंदुस्तान जैसे समाचार पत्रों में बतौर पत्रकार रहे। उन्होंने बाद में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में अपनी सेवाएं दी। नगरकोटी के निधन पर अलमोड़ा सहित प्रदेश भर के पत्रकारों ने दुख व्यक्त किया है।
मृत छात्रा के पिता की याचिका पर विचार से इनकार
मृत छात्रा के पिता की याचिका पर विचार से इनकार
अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी
नई दिल्ली/चेन्नई। उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के एक निजी आवासीय विद्यालय में मृत मिली 17 वर्षीया छात्रा के पिता की उस याचिका पर विचार करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। जिसमें उसने शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम करने वाली विशेषज्ञों की टीम में अपनी पसंद के डॉक्टर को शामिल करने का अनुरोध किया था। तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में 13 जुलाई को आवासीय विद्यालय के परिसर में 12वीं कक्षा की छात्रा की मौत के बाद विभिन्न इलाकों में हिंसा भड़क गई थी।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने छात्रा के पिता को उच्च न्यायालय का रुख करने और उन्हें सारी जानकारी प्रदान करने की अनुमति दे दी। पीठ ने कहा, ”हमें (पोस्टमॉर्टम करने वाले) स्वतंत्र विशेषज्ञों पर संदेह क्यों करना चाहिए?” शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को या तो याचिका वापस लेने या फिर मामला खारिज करने की बात कही। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। गत 19 जुलाई को प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने इस मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
बुधवार, 20 जुलाई 2022
पुष्प वर्षा कर कांवडियों का जोरदार स्वागत: शामली
पुष्प वर्षा कर कांवडियों का जोरदार स्वागत: शामली
भानु प्रताप उपाध्याय
शामली। कांवड मार्ग पर सांप्रदायिक सौहार्द देखने को मिला। जहां हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर जाने वाले शिवभक्तों पर मुस्लिमों ने पुष्प वर्षा करते हुए कांवडियों का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान शिवभक्तों को फलों का वितरण भी किया गया। बुधवार को शहर के कैराना रोड लगाए गए के बाहर रेडक्रोस सोसाएटी द्वारा कांवडियों पर पुष्प वर्षा का कार्यक्रम रखा गया। चैयरमैन कुशांक चैहान के पुष्प वर्षा कार्यक्रम में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम की गई। हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर आने वाले शिवभक्तों पर भारी संख्या में मुस्लिमों ने भाग लेकर पुष्प वर्षा की।
इस दौरान उन्होने शिवभक्तों की सेवा करते हुए फलों का वितरण भी किया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष सतेन्द्र तोमर, अनीस, नदीम, इस्तकार, वाहिद, शाहिद, अनुराग शर्मा आदि मौजूद रहे।
टीकाकरण अभियान की गति और पैमाना वृहद है: पीएम
टीकाकरण अभियान की गति और पैमाना वृहद है: पीएम
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत के कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान की गति और पैमाना वृहद है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने विज्ञान के प्रति उल्लेखनीय विश्वास जताया और समयबद्ध तरीके से टीकों की खुराक ली। मोदी ने यह टिप्पणी माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स की ओर से किए गए एक ट्वीट के जवाब में की। गेट्स ने अपने ट्वीट के माध्यम से टीकों की 200 करोड़ खुराक दिए जाने की भारत की उपलब्धि पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी थी।
गेट्स ने कहा, ‘‘टीकों की 200 करोड़ खुराक देकर एक अन्य मील का पत्थर हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाइयां। कोविड-19 के प्रभाव को समाप्त करने के लिए भारतीय टीका निर्माताओं और भारत सरकार के साथ जारी साझेदारी के लिए हम आभारी हैं।’’ इसके जवाब में मोदी ने कहा कि इस महामारी के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की गति और उसका पैमाना वृहद है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और नर्सों के अलावा कई लोगों के सामूहिक प्रयास से ही यह सफलता हासिल की जा सकी। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही साथ भारत के लोगों ने विज्ञान के प्रति उल्लेखनीय विश्वास प्रदर्शित किया और समयबद्ध तरीके से उन्होंने टीकों की खुराक ली।’’
जुबैर को तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश: एससी
जुबैर को तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश: एससी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को उनके ट्वीट को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज सभी एफआईआर में अंतरिम जमानत देते हुए जमानत की शर्त लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ज़ुबैर को ट्वीट करने से रोका जाए। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल के ऐसी शर्त लगाने के अनुरोध को ठुकरा दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने यूपी एएजी गरिमा प्रसाद से कहा, यह एक वकील से ऐसा कहने जैसा है कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए। हम एक पत्रकार से कैसे कह सकते हैं कि वह एक शब्द भी नहीं लिखेगा या नहीं बोलेगा?
एएजी ने जवाब दिया कि जुबैर “पत्रकार नहीं” है। इसके अलावा एएजी ने प्रस्तुत किया कि सीतापुर एफआईआर में जुबैर को अंतरिम जमानत देते हुए 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ द्वारा पारित आदेश में एक शर्त थी कि वह ट्वीट पोस्ट नहीं करेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर जुबैर कोई आपत्तिजनक ट्वीट करते हैं तो वह कानून के प्रति जवाबदेह होंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि “किसी को बोलने से रोकने वाला अग्रिम आदेश” जारी नहीं किया जा सकता। जज ने पूछा, अगर कानून के खिलाफ कोई ट्वीट होता है, तो वह जवाबदेह होंगे। कोई अग्रिम आदेश कैसे पारित किया जा सकता है कि कोई नहीं बोलेगा? जब एएजी ने कहा कि एक शर्त होनी चाहिए कि जुबैर सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने जवाब दिया, सभी सबूत सार्वजनिक डोमेन में हैं।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने दोहराया, हम यह नहीं कह सकते कि वह दोबारा ट्वीट नहीं करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने आदेश दिया कि जुबैर को बुधवार शाम 6 बजे तक तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया जाना चाहिए, बशर्ते कि वह मामलों के संबंध में जमानत बांड प्रस्तुत कर रहा हो। पीठ ने यूपी पुलिस की 7 एफआईआर को दिल्ली पुलिस की एफआईआर के साथ जोड़ दिया, यह देखते हुए कि मामलों की विषय वस्तु समान हैं और दिल्ली पुलिस ने व्यापक जांच की है। पीठ ने कहा कि ट्वीट के संबंध में जुबैर के खिलाफ दर्ज किसी भी भविष्य की एफआईआर को दिल्ली पुलिस को हस्तांतरित किया जाना चाहिए और स्पष्ट किया कि वह भविष्य में इस तरह की एफआईआर में भी जमानत के हकदार होंगे। पीठ ने उन्हें सभी एफआईआर रद्द करने की मांग के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता भी दी।
कॉन्फ्रेंस: पीएम ने भारतीय दल के साथ बातचीत की
कॉन्फ्रेंस: पीएम ने भारतीय दल के साथ बातचीत की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राष्ट्रमंडल खेल (सीडब्ल्यूजी) 2022 में भाग लेने वाले भारतीय दल के साथ बातचीत की। इस बातचीत में एथलीटों के साथ-साथ उनके कोचों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और खेल सचिव भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस पर राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम) के लिए भारतीय दल को शुभकामनाएं दीं। शतरंज ओलंपियाड भी 28 जुलाई से तमिलनाडु में हो रहा है। उन्होंने उन्हें भारत को गौरवान्वित करने के लिए शुभकामनाएं दी, जैसा कि उनके पूर्ववर्तियों ने पहले किया था। उन्होंने कहा कि जो 65 से ज्यादा एथलीट पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं, मुझे विश्वास है कि वो भी अपनी जबरदस्त छाप छोड़ेंगे। उन्होंने उन्हें सलाह दी, “आप लोगों को क्या करना है, कैसे खेलना है, इसके आप एक्सपर्ट हैं। मैं बस यही कहूंगा कि जी भर के खेलिएगा, जमकर खेलिएगा, पूरी ताकत से खेलिएगा और बिना किसी टेंशन के खेलिएगा।” इस बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के एक एथलीट अविनाश साबले से महाराष्ट्र से आने और सियाचिन में भारतीय सेना में काम करने के उनके जीवन के अनुभव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय सेना में अपने 4 साल के कार्यकाल से बहुत कुछ सीखने को मिला है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना से उन्हें जो अनुशासन और प्रशिक्षण मिला है, उससे वे जिस क्षेत्र में भी जाएंगे, उन्हें चमकने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि उन्होंने सियाचिन में काम करते हुए स्टीपलचेज फील्ड को क्यों चुना। उन्होंने कहा कि स्टीपलचेस बाधाओं को पार करने के बारे में है और उन्होंने सेना में इसी तरह का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री ने इतनी तेजी से वजन कम करने के उनके अनुभव के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि सेना ने उन्हें खेलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उन्हें खुद को प्रशिक्षित करने के लिए अतिरिक्त समय मिला और इससे वजन कम करने में मदद मिली। प्रधानमंत्री ने 73 किलोग्राम वर्ग में पश्चिम बंगाल की भारोत्तोलक अचिंता शुली के साथ बात की और उनसे पूछा कि वह अपने शांतिपूर्ण स्वभाव और अपने खेल में भारोत्तोलन की शक्ति के बीच संतुलन कैसे बनाती हैं। अचिंता ने कहा कि उनकी नियमित योग दिनचर्या है जो उन्हें मन को शांत करने में मदद करती है। प्रधानमंत्री ने उनसे उनके परिवार के बारे में पूछा, जिस पर अचिंता ने जवाब दिया कि उनकी मां और बड़े भाई हैं जो हर उतार-चढ़ाव में उनका साथ देते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि वह खेल के दौरान चोट लगने की समस्या से कैसे निपटती हैं। अचिंता ने जवाब दिया कि चोट लगना खेल का हिस्सा है और वह इसके लिए काफी सावधानी बरतनी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी गलतियों का विश्लेषण करती हैं जिससे चोट लगी है और यह सुनिश्चित करती हैं कि भविष्य में उन्हें दोहराया न जाए। प्रधानमंत्री ने उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके परिवार, विशेष रूप से उनकी मां और भाई की प्रशंसा की, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि अचिंता की सभी जरूरतें पूरी हो, जिससे वह आज यहां हैं।
नरेंद्र मोदी ने केरल की बैडमिंटन खिलाड़ी ट्रीसा जॉली से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पूछा कि उन्होंने बैडमिंटन को कैसे चुना जबकि कन्नूर जहां से वह आती हैं वह फुटबॉल और खेती के लिए लोकप्रिय है। उसने कहा कि उनके पिता ने उसे खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने गायत्री गोपीचंद के साथ उनकी दोस्ती और मैदान पर साझेदारी के बारे में पूछा। जॉली ने बताया कि फील्ड पार्टनर के साथ एक अच्छी दोस्ती का रिश्ता उनके खेल में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने वापस आने के दौरान जश्न मनाने की उनकी योजनाओं के बारे में भी पूछा।प्रधानमंत्री ने झारखंड की हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने हॉकी के क्षेत्र में उनके और उनके पिता के सफर के बारे में पूछा। टेटे ने कहा कि वह अपने पिता को हॉकी खेलते देखकर प्रेरित हुई थी। प्रधानमंत्री ने टोक्यो ओलंपिक में खेलने का अपना अनुभव साझा करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह टोक्यो जाने से पहले प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत से प्रेरित थी।
मोदी ने हरियाणा से शॉटपुट में पैरा एथलीट शर्मिला से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने उनसे 34 साल की उम्र में खेल में करियर शुरू करने और केवल दो साल के समय में स्वर्ण पदक हासिल करने की प्रेरणा के बारे में पूछा। शर्मिला ने कहा कि उनकी बचपन से ही खेलों में रुचि रही है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण उनकी शादी कम उम्र में हो गई थी और उन्हें अपने पति के अत्याचारों का सामना करना पड़ा था। उसे और उसकी दो बेटियों को छह साल के लिए अपने माता-पिता के पास वापस जाना पड़ा। उनके रिश्तेदार टेकचंद भाई, जो एक ध्वजवाहक थे, ने उनका समर्थन किया और उन्हें दिन में आठ घंटे के लिए जोरदार प्रशिक्षण दिया। प्रधानमंत्री ने उनकी बेटियों के बारे में पूछा और कहा कि वह सिर्फ अपनी बेटियों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श हैं। शर्मिला ने आगे कहा कि वह चाहती हैं कि उनकी बेटी खेलों में शामिल हो और राष्ट्र के लिए योगदान दे। प्रधानमंत्री ने उनके कोच टेकचंद जी के बारे में भी पूछा, जो एक पूर्व पैरालिंपियन हैं, जिस पर शर्मिला ने जवाब दिया कि वह अपने पूरे करियर में उनकी प्रेरणा रहे हैं। शर्मिला के प्रशिक्षण के प्रति उनका समर्पण ही उन्हें खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित करता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरों ने उस उम्र में छोड़ दिया होगा जिस उम्र में उन्होंने अपना करियर शुरू किया और फिर उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाई दी और राष्ट्रमंडल खेल के लिए शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने अंडमान-निकोबार के एक साइकिल चालक डेविड बेकहम के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या उन्हें फुटबॉल का शौक है क्योंकि उन्होंने एक दिग्गज फुटबॉलर का नाम साझा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें फुटबॉल का शौक था लेकिन अंडमान में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें खेल को आगे बढ़ाने का मौका नहीं मिला। प्रधानमंत्री ने पूछा कि इतने लंबे समय तक इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए कैसे प्रेरित रहे। उन्होंने कहा कि उनके आसपास के लोगों ने बहुत प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने पूछा कि खेलो इंडिया ने कैसे उनकी मदद की। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा खेलो इंडिया से शुरू हुई और प्रधानमंत्री ने मन की बात में उनके बारे में बात करके उन्हें और प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने सुनामी में उनको अपने पिता को खोने और उसके बाद जल्द ही अपनी मां को खोने के बाद भी प्रेरित रहने के लिए उनकी प्रशंसा की। इस बातचीत के बाद खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहकर भी संसद में व्यस्त रहने के कारण वह उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे वादा किया कि जब वे वापस आएंगे तो उनसे मिलेंगे और उनकी जीत का जश्न एक साथ मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का ये समय भारतीय खेलों के इतिहास का एक तरह से सबसे महत्वपूर्ण कालखंड है। आज आप जैसे खिलाड़ियों का हौसला भी बुलंद है, ट्रेनिंग भी बेहतर हो रही है और खेल के प्रति देश में माहौल भी जबरदस्त है। उन्होंने कहा कि आप सभी नए शिखर चढ़ रहे हैं, नए शिखर गढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो पहली बार बड़े अंतरराष्ट्रीय मैदान पर उतर रहे हैं, उनसे मैं कहूंगा कि मैदान बदला है, आपका मिजाज नहीं, आपकी जिद नहीं। उन्होंने कहा, “लक्ष्य वही है कि तिरंगे को लहराता देखना है, राष्ट्रगान की धुन को बजते सुनना है। इसलिए दबाव नहीं लेना है, अच्छे और दमदार खेल से प्रभाव छोड़ना है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल में एथलीट ऐसे समय में जा रहे हैं जब देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्सव मना रहा है और एथलीट अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे जो देश के लिए एक उपहार होगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विरोधी कौन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी एथलीटों ने अच्छी तरह से और दुनिया में सबसे अच्छी सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण लिया है तथा उनसे प्रशिक्षण को याद रखने व इच्छा शक्ति पर भरोसा करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि एथलीटों ने जो हासिल किया है वह निश्चित रूप से प्रेरणादायक है लेकिन उन्हें अब नए रिकॉर्ड बनाने और देश व देशवासियों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखना चाहिए। प्रधानमंत्री की बातचीत प्रमुख खेल आयोजनों में भाग लेने से पहले एथलीटों को प्रेरित करने के उनके निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है। पिछले साल, प्रधानमंत्री ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों के दल और टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों के लिए भारतीय पैरा-एथलीटों के दल के साथ बातचीत की थी। खेल आयोजनों के दौरान भी, प्रधानमंत्री ने एथलीटों की प्रगति में गहरी दिलचस्पी दिखाई। कई मौकों पर, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से एथलीटों को उनकी सफलता और ईमानदार प्रयासों के लिए बधाई देने के लिए फोन किया, जबकि उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, उनके देश लौटने पर, प्रधानमंत्री ने भी दल के साथ मुलाकात की और बातचीत की। राष्ट्रमंडल खेल (सीडब्ल्यूजी) 2022 बर्मिंघम में 28 जुलाई से 08 अगस्त 2022 तक आयोजित होने वाले हैं। सीडब्ल्यूजी 2022 में खेल की 19 विधाओं में 141 आयोजनों में भाग लेते हुए, कुल 215 एथलीट भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
मनोरंजन: फिल्म 'रामायण' को लेकर चर्चा में निर्देशक
हालांकि, अब तक फिल्म की स्टार कास्ट को लेकर ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है। लेकिन अगले साल के मध्य तक फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी। बता दें कि नितेश तिवारी बॉलीवुड का एक जाना माना नाम है और वे दंगल, चिल्लर पार्टी और भूतनाथ रिटर्न्स जैसी फिल्मों को निर्देशित कर चुके हैं।
कांवड यात्रा को संपन्न कराने के लिए फोर्स तैनात की
कांवड यात्रा को संपन्न कराने के लिए फोर्स तैनात की
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। कांवड यात्रा में सुरक्षा के मद्देनजर एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी भोले के वेश में रहकर निगरानी कर रहे है। एटीएस व एसटीएफ की नजर कांवड यात्रा पर लगा हुई है। सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारी किसी तरह की कोई कौताही बरतना नहीं चाहते है। गंगनहर पटरी पर पुलिस 15 अस्थाई चौकियां बना दी गई है। कांवड यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जनपद में चारों तरफ फोर्स को तैनात किया गया। एसएसपी विनित जायसवाल कांवड मार्ग पर लगने वाले शिविरों में पहुंचकर खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे है।
5 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को कांवड यात्रा में ड्यूटी पर लगाया गया है। सूत्रों की माने तो जनपद में भोले के वेश में रहकर लगभग 1 हजार पुलिसकर्मी कांवड यात्रा में ड्यूटी कर रही है। जनपद में लगने वाले कांवड सेवा शिविरों पर पुलिस की विशेष नजर है ताकि शिवभक्तों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़ा। गंगनहर पटरी पर15 अस्थाई चौकियां बना दी गयी है। चौकियां पर तैनात पुलिसकर्मी दिन व रात में ड्यूटी में लगे हुए है। कांवड यात्रा पर सुरक्षा के मद्देनजर एटीएस व एसटीएफ की भी जनपद में नजर है।
कौशाम्बी: 'किसान दिवस' का आयोजन किया गया
कौशाम्बी: 'किसान दिवस' का आयोजन किया गया किसान दिवस का आयोजन कर कृषकों को दी कृषि संबंधित जानकारी कौशाम्बी। उप कृषि निदेशक सतेन्द्...
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