शुक्रवार, 15 जुलाई 2022

खुलासा: मस्क ने बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे

खुलासा: मस्क ने बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे

सुनील श्रीवास्तव 
लंदन। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के 76 वर्षीय पिता एरोल मस्क ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने अपनी 35 वर्षीय सौतेली बेटी जाना बेजुइडेनहाउट के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। उसने दो बच्चों को भी जन्म दिया है। तीन साल पहले उनकी सौतेली बेटी ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। दोनों बच्चों को गुप्त रखा गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एरोल मस्क ने एक ब्रिटिश टैब्लॉयड को इंटरव्यू दिया है। इसी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कबूल किया है कि उनका एलन मस्क की सौतेली बहन जाना के साथ अफेयर था।साल 2019 में उनकी दूसरी संतान के रूप में एक बेटी का भी जन्म हुआ। एरोल मस्क ने कहा, ‘पृथ्वी पर केवल एक ही चीज है जिसके लिए हम पुनरुत्पादन कर सकते हैं। बता दें कि 76 साल के एरोल मस्क साउथ अफ्रीका के इंजीनियर हैं।
एलन की मां से अलग होने के बाद दूसरी शादी
बता दें कि एरोल मस्क और जाना की पहली संतान 2017 में पैदा हुई थी। वह एक बेटा था। उन्होंने उसका नाम इलियट रश रखा‌। जाना बेजुइडेनहौट एरोल की दूसरी पत्नी की बेटी हैं। उन्होंने 1979 में अपनी दूसरी पत्नी से शादी की। जाना तब 4 साल की थी।
एलन और एरोल मस्क के बीच बढ़ीं दूरियां
बता दें कि एलन मस्क अपने पिता के इस रिश्ते से काफी नाराज थे। उन्होंने कई सालों से बात नहीं की है। रिपोर्ट के मुताबिक एरोल और जाना की मां 18 साल तक साथ रहीं। दोनों के 2 बच्चे भी थे, लेकिन एक रिपोर्ट ये भी है कि जाना की मां से तलाक की वजह एरोल और जाना का रिश्ता था।
कहा जाता है कि एलन मस्क और जाना का भी रिश्ता था, लेकिन न तो एशियानेट न्यूज और न ही अन्य वेबसाइटें इसकी पुष्टि करती हैं। हालांकि, कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलन के रिश्ते एक सौतेली बहन के साथ भी थे। जब एलन को जाना के पिता एरोल मस्क के साथ संबंधों के बारे में पता चला, तो एलन बहुत गुस्से में था। पहले भी कई बार अपने पिता के बारे में बुरी बातें कह चुके हैं, वह कहते रहे हैं कि मेरे पिता बहुत बुरे इंसान हैं। सबसे खराब चीजें जो आप सोच सकते हैं, पिता एरोल मस्क ने किया है।

9 बच्चों के पिता हैं एलन मस्क...
रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में यह बात सामने आई थी कि Elon का अपनी ही कंपनी Neuralink के एक उच्च अधिकारी के साथ संबंध थे। उसने दो बच्चों को भी जन्म दिया है। ऐसे में एलन के कुल नौ बच्चे हैं, जिसकी मां अलग हैं। एरोल मस्क के इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद एलन मस्क ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

454 रुपए सस्‍ता हुआ सोना, चांदी में गिरावट

454 रुपए सस्‍ता हुआ सोना, चांदी में गिरावट 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। ग्‍लोबल मार्केट में चल रहे उतार-चढ़ाव का असर शुक्रवार सुबह भारतीय वायदा बाजार पर भी दिखा। सोने की कीमत में शुक्रवार को बड़ी गिरावट दिखी। सोना 454 रुपए सस्‍ता हो गया। वहीं, चांदी की कीमत दो दिन में करीब 2000 रुपए नीचे आई है। 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने का वायदा भाव 454 रुपए घटकर 50,348 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। इससे पहले सोने का भाव 50,729 रुपए था, लेकिन मांग में नरमी से जल्‍द ही कीमतों में और गिरावट दिखने लगी। सोना अपने पिछले बंद भाव से अभी 0.89 फीसदी की बड़ी गिरावट पर कारोबार कर रहा है।
सोने की तर्ज पर आज चांदी की कीमतों में भी नरमी दिख रही है। चांदी का वायदा भाव सुबह 126 रुपए गिरकर 54,909 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गया। चांदी का भाव पहले 55,174 रुपए था, लेकिन जल्‍द ही इसके भाव 55 हजार से नीचे उतर गए। चांदी अभी अपने पिछले बंद भाव से 0.23 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेडिंग कर रही है। चांदी गुरुवार सुबह वायदा बाजार में 57 हजार के आसपास कारोबार कर रही थी, जो आज घटकर 55 हजार से नीचे चली गई है।

ग्‍लोबल मार्केट में ये है रेट...
भारतीय वायदा बाजार में गिरावट के साथ ही आज ग्‍लोबल मार्केट में भी सोना-चांदी सस्‍ते हुए हैं।अमेरिकी बाजार में गोल्‍ड का हाजिर मूल्‍य 1,708.51 डॉलर प्रति औंस रहा, जो अपने पिछले बंद भाव से 0.22 फीसदी नीचे है। इसी तरह, चांदी का हाजिर मूल्‍य 18.31 डॉलर प्रति औंस रहा, जो अपने पिछले बंद भाव से 0.85 फीसदी नीचे है। ग्‍लोबल मार्केट में चांदी एक समय 27 डॉलर प्रति औंस के भाव पहुंच गई थी।
आगे सोने में रहेगा उतार-चढ़ाव
अमेरिका में इस समय कई बड़ी आर्थिक घटनाएं हो रही हैं‌। एक तो डॉलर 20 साल के शीर्ष पर पहुंच गया है, जिससे सोने की कीमत पर दबाव बढ़ रहा है। दूसरी ओर महंगाई भी 41 साल के चरम पर है और निवेशकों का रुझान सोने से हट गया है। इसके अलावा ब्‍याज दरों में लगातार इजाफा होने से निवेशकों को जमाओं पर बेहतर रिटर्न मिलने लगा है, जिससे उनका ध्‍यान सोने जैसे ऐसेट में पैसे लगाने से हट रहा है। हालांकि, जैसे ही ग्‍लोबल मार्केट में रूस-यूक्रेन युद्ध का दबाव हटेगा, सोने की कीमतों में दोबारा तेजी आएगी।

कनाडाई सिख नेता मलिक की गोली मारकर हत्या

कनाडाई सिख नेता मलिक की गोली मारकर हत्या 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 
ओटावा। साल 1985 के कनिष्क बम विस्फोट मामलें में बरी बिजनेसमैन और पंजाबी मूल के कनाडाई सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की शुक्रवार सुबह कनाडा के सरे इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनकी हत्या उस समय हुई, जब वह अपनी कार में सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में बाइक सवार युवकों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया।
यह घटना सरे शहर के 128 और 82 इंटरसेक्शन के बीच हुई है। हत्यारे एक कार में आए थे। कार को कुछ दूरी पर खड़ी कर फिर बाइक पर सवार हुए थे। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने कार को आग के हवाले कर दिया। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि सुबूत मिटाने के लिए कार में आग लगाई गई। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है।
रिपुदमन सिंह कनाडा के एक सफल कारोबारी के साथ-साथ सिख संस्थाओं के प्रतिनिधि भी थे। उन पर एयर इंडिया के विमान को अगवा कर विस्फोट करने का मामला चला था। यह घटना साल 1985 की है। मांट्रियल से नई दिल्ली आ रहे विमान में विस्फोट हो गया था। इस घटना में 329 यात्रियों की मौत हो गई थी। इस मामले में 2005 तक रिपुदमन सिंह कनाडा की जेल में बंद रहे और बाद में उनको बरी किया गया था। रिपुदमन सिंह पहले खालिस्तान हिमायती थे लेकिन बाद में उनकी विचारधारा बदल गई थी। अंतिम समय तक वह सिख समुदाय के लोगों को अलगावादी नेताओं से दूर रहने के लिए प्रेरित करते थे।
रिपुदमन सिंह की हत्या कट्टरपंथियों द्वारा किए जाने की आशंका है। बताया जा रहा है कि वह खालिस्तान की विचारधारा से दूर होकर भारत सरकार के प्रति कनाडा के कट्टरपंथियों में अलख जगा रहे थे। रिपुदमन सिंह मलिक श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छपाई कर चर्चा में आए थे। रिपुदमन और बलवंत सिंह की ओर से प्रकाशित पावन स्वरूपों के मुद्दे पर कनाडा की सिख संगत में भारी रोष था। मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक भी पहुंचा, इस कारण रिपुदमन सिंह ने छपाई बंद कर दी थी और पावन स्वरूप शिरोमणि कमेटी को सौंप दिए थे।

पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी

पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी 

गीता गोवंडके 
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ा बयान दिया है। बता दें, कि मद्रास हाईकोर्ट ने तलाक के एक मामलें की सुनवाई के दौरान अलग रह रही पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए तलाक (Divorce) की अर्जी को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पति से अलग रह रही पत्नी का तलाक से पहले मंगलसूत्र हटाना पति के लिए मानसिक क्रूरता (Mental Cruelty) के समान है। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ ही पति की तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी।
आपको बता दें कि चेन्नई के इरोड (Erode) में स्थित एक मेडिकल कॉलेज में बतौर प्रोफेसर काम करने वाले सी। शिवकुमार ने लोकल फैमली कोर्ट  के उस आदेश को रद्द किए जाने के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में तलाक की अर्जी लगाई थी, जिसमें उन्हें तलाक देने से इनकार कर दिया गया था।
इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस वी.एम वेलुमणि और जस्टिस एस, सौंथर की खंडपीठ ने कहा कि जब महिला से पूछा गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि पति से अलगाव के समय उसने अपना मंगलसूत्र हटा दिया था। सुनवाई कर रही बेंच ने साफ कहा “यह सामान्य समझ की बात है कि दुनिया के इस हिस्से में होने वाले विवाह समारोह में मंगलसूत्र बांधना एक आवश्यक अनुष्ठान है। महिला ने ये बात भी स्वीकारी है कि उसने मंगलसूत्र को हटा दिया और उसे बैंक लॉकर में रखा था. ये एक ज्ञात तथ्य है कि कोई भी हिंदू विवाहित महिला अपने पति के जीवनकाल में किसी भी हालात में खुद से मंगलसूत्र नहीं हटाएगी।
अदालत ने कहा, किसी भी हिंदू महिला के गले में मंगलसूत्र एक पवित्र चीज है जो विवाहित जीवन की निरंतरता का प्रतीक है और उसे पति की मृत्यु के बाद ही हटाया जाता है। इसलिए पति के जीवित रहते पत्नी का खुद को मंगलसूत्र से अलग करना मानसिक क्रूरता कहलाता है क्योंकि ऐसा करने से पति की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।

गृहमंत्री ने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगाया

गृहमंत्री ने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगाया 

मनोज सिंह ठाकुर 
भोपाल। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगा दिया है। डॉ मिश्रा ने कांग्रेस के एक विधायक के कथित प्रलोभन से जुड़े आरोपों पर संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब भी कमलनाथ कहते थे कि हमारे विधायक खरीदे जा रहे और विपक्ष में भी वे ये ही कह रहे हैं।
उन्होंने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगवा दिया है। 
यहां तक कि कमलनाथ ने ये बात यशवंत सिन्हा से भी कहलवा दी। उन्होंने ये भी कहा कि कमलनाथ अपने विधायकों पर संदेह ना करें, यदि एक भी प्रमाण है तो सामने रखें। उन्होंने कहा कि कमलनाथ फरेब और झूठ की राजनीति कब तक करेंगे।

बंसल ने यूके में समूचे देश व प्रदेश का नाम रोशन किया

बंसल ने यूके में समूचे देश व प्रदेश का नाम रोशन किया 

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड सरकार में अपर सचिव पद पर तैनात आईएएस श्री सविन बंसल ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) में समूचे देश एवं प्रदेश का नाम रोशन किया है। सविन बंसल ने संयुक्त राष्ट् द्वारा आयोजित Climate Resilience Summit-2022 में ‘‘आपदा जोखिम-सुशासन’’ पर भारत एवं यूनिवर्सिटी कालेज लंदन का प्रतिनिधित्व किया।उन्होने नीदरलैण्ड के मास्ट्रीच में आयोजित संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय मेरिट में अतिथि वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। सम्मेलन में उन्होने  और 2013 की केदारनाथ त्रासदी के प्रबन्धन और सामुदायिक स्तर जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार किये जाने वाली रणनीति पर व्याख्यान दिया। उनके संयुक्त राष्ट्र के इस व्याख्यान के साथ एक और उपलब्धि जुड़ गयी है। संयक्त राष्ट्र ने इस सम्मेलन में श्री बंसल की अनिवार्य उपस्थिति note verbale के लिए दूतावास को निर्देशित किया था।
सविन बंसल वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप के माध्यम से लंदन में मास्टर्स स्टडी कर रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम कामनवेल्थ स्कॉलरशिप द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए भारत से अखिल भारतीय सेवा के केवल एकमात्र अधिकारी का चयन किया गया था। सविन बंसल उत्तराखंड कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा और नैनीताल जिले के डीएम रहे चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान जनहित से जुडे़ मामलों को त्वरित समाधान के लिए जनता के बीच वे काफी लोकप्रिय रहे।

पिछले 2 वर्षों में धर्मशाला के बाहर लामा की पहली यात्रा

पिछले 2 वर्षों में धर्मशाला के बाहर लामा की पहली यात्रा 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी/अखिलेश पांडेय

नई दिल्ली/शिमला/बीजिंग। भारत ने चीन की आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि दलाई लामा देश के सम्मानित अतिथि हैं। पिछले दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के बाहर दलाई लामा की यह पहली यात्रा है। पदाधिकारी ने कहा, ‘‘दलाई लामा इससे पहले भी लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। 
उन्होंने तवांग (अरुणाचल प्रदेश) का भी दौरा किया था, लेकिन महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में वह कोई यात्रा नहीं कर सके।’’ तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने बृहस्पतिवार को जम्मू में कहा था कि चीन में अधिक से अधिक लोग यह महसूस करने लगे हैं कि वह ‘‘स्वतंत्रता’’ नहीं बल्कि तिब्बती बौद्ध संस्कृति की सार्थक स्वायत्तता और संरक्षण की मांग कर रहे हैं। दलाई लामा 1959 में तिब्बत से पलायन के बाद से भारत में रह रहे हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-280, (वर्ष-05)
2. शनिवार, जुलाई 16, 2022
3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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गुरुवार, 14 जुलाई 2022

विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए

विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। मण्डलायुक्त संजय गोयल की अध्यक्षता में गुरूवार को गांधी सभागार में महाकुम्भ मेला-2025 के आयोजन हेतु प्रयागराज नगर में अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं दीर्घकालीन परियोजनाओं के सम्बंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मण्डलायुक्त ने विभागवार प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग, प्रयागराज विकास प्राधिकरण, नगर निगम, पर्यटन विभाग, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों से सम्बंधित दीर्घकालीन परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जो भी परियोजनाएं प्रस्तावित है। उसके लिए यदि जमीन की आवश्यकता हो, तो उसकी उपलब्धता के सम्बंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करा ली जाएं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि परियोजनाओं को अंतिम रूप देते समय सभी सम्बंधित विभागों के साथ इंट्रीग्रेटेड रूप से प्रस्ताव तैयार किया जाएं। जिससे कि कार्य के बारे में सभी विभागों को जानकारी रहे और कार्य कराते समय उसमें किसी भी तरह का दूसरे विभाग के द्वारा अनावश्यक व्यवधान न उत्पन्न होने पाएं। 
सेतु निगम के द्वारा एसआरएन से मेडिकल कालेज चौराहें तक बनाएं जाने वाले फ्लाइओवर एवं महाराणा प्रताप चौराहें से लोक सेवा आयोग, पत्रिका चौराहा तक बनाये जाने वाले फ्लाइओवर से सम्बंधित प्रस्ताव के बारे में मण्डलायुक्त ने टीम गठित कर स्थल का निरीक्षण करते हुए योजना से सम्बंधित प्रस्ताव के सम्बंध में दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। मण्डलायुक्त ने सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों से यह भी कहा है कि जो कार्य मेला अवधि के वर्ष में होना है, उसके लिए अलग से एवं जो कार्य दीर्घकालीन परियोजनाओं से सम्बंधित है, उसके लिए अलग से प्र्रस्ताव बना लिया जाये। पर्यटन विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने ओल्ड कर्जन ब्रिज, नागवासुकी मंदिर, तक्क्षेश्वर मंदिर दरियाबाद, माधव सर्किट, भरद्वाज आश्रम में कराये जाने वाले सौन्दर्यीकरण के कार्य, पंचकोशीय परिक्रमा के अन्तर्गत आने वाले मंदिरों के स्थलों के सौन्दर्यीकरण सहित अन्य प्राचीन स्थलों के सौन्दर्यीकरण हेतु योजनाओं से सम्बंधित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करते हुए पर्यटन अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। 
उन्होंने द्वादश माधव सर्किट के पर्यटन विकास हेतु वहां पर पार्किंग स्थल, एप्रोच मार्ग सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं से सम्बंधित कार्यों को भी प्रस्ताव में शामिल किए जाने के लिए कहा है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में तेज बहादुर सप्रू अस्पताल, स्वरूपरानी चिकित्सालय, मोती लाल नेहरू मण्डलीय चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय तथा क्षयरोग चिकित्सालय एवं सीएससी/पीएससी में कराये जाने वाले कार्यों से सम्बंधित प्रस्तावों के बारे में विस्तृत रूप से समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। मण्डलायुक्त ने सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जो भी परियोजनाएं फाइनल हो, उससे सम्बंधित बजट की व्यवस्था के सम्बंध में भी आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया भी सुनिश्चित की जाये। इस अवसर पर जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री, पीडीए उपाध्यक्ष अरविंद चौहान, नगर आयुक्त चन्द्र मोहन गर्ग सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी के करीब पहुंचें, ऋषि

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी के करीब पहुंचें, ऋषि 

अखिलेश पांडेय 
लंदन। ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी के एक कदम करीब पहुंच गए हैं। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के चुनाव के लिए आयोजित दूसरे दौर की वोटिंग में धमाकेदार जीत दर्ज की है। दूसरे दौर में ऋषि सुनक को 101 वोट मिले, जबकि पेनी मोर्डंट 83 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। विदेश मंत्री लिज ट्रूस 64 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थीं। पहले चरण की वोटिंग में पूर्व कैबिनेट मंत्री केमी बडेनोच को 49, बैकबेंचर टॉम तुगेंदत को 32 वोट मिले हैं। पहले राउंड की वोटिंग के दौरान भी ऋषि सुनक 88 वोटों के साथ पहले स्थान पर काबिज रहे थे।
दूसरे राउंड की वोटिंग के बाद क्या होगा ?
दूसरे दौर की वोटिंग के बाद शीर्ष पर काबिज सिर्फ दो उम्मीदवार ही अगले राउंड में जाएंगे। इसके बाद ही कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का ऐलान होगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद पार्टी के नेता को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलवाई जाएगी। तब तक बोरिस जॉनसन कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। नए प्रधानमंत्री 5 सितंबर को अपना पद ग्रहण करेंगे और संसद में 7 सितंबर को विपक्ष के सवालों का सामना करेंगे।

दूसरे राउंड में किस नेता को कितने वोट मिले...

नेता वोट
ऋषि सुनक 101
पेनी मोर्डंट 83
लिज ट्रूस 64
केमी बडेनोच 49
टॉम तुगेंदत 32

कौन हैं ऋषि सुनक...
ऋषि सुनक इन्फोसिस के चेयरमैन रह चुके नारायण मूर्ति के दामाद हैं। वह यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद हैं। 2015 में संसद में कदम रखन वाले ऋषि कन्जर्वेटिव पार्टी के उन नेताओं में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलने के बोरिस जॉनसन के फैसले का समर्थन किया था। उनका मानना था कि ब्रिटेन में छोटे बिजनस ब्रेग्जिट बाहर निकलने के बाद बेहतर परफॉर्म करेंगे। सुनक वित्त मंत्री बनने से पहले राजकोष के चीफ सेक्रटरी रह चुके हैं और वित्त मंत्री के सेकंड इन कमांड भी रह चुके हैं।

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अहम फैसले के अंतर...