सोमवार, 11 जुलाई 2022
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
रविवार, 10 जुलाई 2022
शामली: हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज अदा की
शामली: हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज अदा की
भानु प्रताप उपाध्याय
शामली। उत्तर प्रदेश में ईद-उल-अजहा का त्यौहार आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जिसके चलते शामली जनपद के ईदगाह में हजारों की संख्या में लोगों ने समय से पहुंचकर नमाज अदा की है। वहीं, इस दौरान ईदगाह के प्रांगण के अंदर ही लोगों ने लाउडस्पीकर की धीमी आवाज के साथ नमाज अदा की है। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी काफी सतर्क नजर आया है। वही नमाज के दौरान सभी मुस्लिम भाइयों ने भाईचारे की एकता और चैनो अमन की दुआ मांगी है। आपको बता दें कि ईद उल अजहा की नमाज आज पूरे देश में अदा की जा रही है। वही शामली में ईदगाह स्थल पर लगभग 4 से 5000 लोग नमाज अदा करने पहुंचे। वही ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था के इंतजाम किए हुए थे। पुलिस प्रशासन की सतर्कता के चलते सभी मुस्लिम भाइयों ने ईदगाह प्रांगण के अंदर ही नमाज अदा की है।
वही उत्तर प्रदेश सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार लाउडस्पीकर की आवाज ईदगाह प्रांगण तक ही सीमित रखी गई। वहीं, रविवार सुबह 7:00 बजे 'ईद-उल-अजहा' की नमाज अदा करने के लिए हजारों की संख्या में मुस्लिम भाई एकत्रित हुए। जिन्होंने पूरी दुनिया के लिए चैनो अमन की दुआ मांगी है। जिसके चलते शामली जनपद में बड़े ही शांतिपूर्ण ढंग से ईद उल अजहा की नमाज अदा कराई गई है। नमाज अदा करने पहुंचे मोहम्मद जुनैद ओर मोहम्मद गुलफाम का कहना है कि आज शामली जनपद के ईदगाह स्थल पर हजारों की संख्या में मुस्लिम भाई नमाज अदा करने पहुंचे। जिन्होंने बड़े ही शांतिपूर्ण ढंग से भाईचारे और चैनो अमन की दुआ मांगते हुए नमाज अदा की है। वहीं नमाज अदा कराने में शामली जनपद की पुलिस-प्रशासन का बड़ा सहयोग रहा है।
खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की योजना: यूपी
खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की योजना: यूपी
संदीप मिश्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार दो साल के अंतराल के बाद होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए निर्धारित मार्गो पर खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की योजना बना रही है। 14 जुलाई से शुरू होने वाली और एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे कांवड़ यात्रियों द्वारा ली गई सड़कों को साफ करें और उनके साथ खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने के अलावा प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि कांवड़ यात्रा पूरे राज्य में सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से हो।" अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय, जिला और पुलिस प्रशासन इसे सुनिश्चित करने के लिए मांस व्यापारियों से संपर्क कर रहा है। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा, "हमने मांस व्यापारियों से संपर्क किया है और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुले में मांस की बिक्री न हो। व्यापारियों ने हमें इसका आश्वासन दिया है।" बिजनौर के पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने कहा कि उन्होंने मांस व्यापारियों से भी इसी तरह की अपील की है, जिन्होंने आश्वासन दिया है कि कांवड़ियों के रास्ते में मांस की बिक्री नहीं होगी। भगवान शिव के भक्त 'कांवड़ियां' गंगा नदी के तट पर पानी लाने के लिए जाते हैं, जिसे वे अपने घरों या इलाकों के मंदिरों में चढ़ाते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ यात्रा की व्यवस्था करने का काम जोरों पर है। अधिकारी मार्ग में उचित स्वच्छता व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था और महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित अन्य विवरणों की जांच कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कांवड़ यात्रियों के साथ कीमतों को लेकर किसी भी तरह की बहस से बचने के लिए व्यापारिक प्रतिष्ठानों और भोजनालयों को रेट दर लगाने को कहा है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचने के लिए लाखों श्रद्धालु पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, मेरठ, गाजियाबाद और बागपत जिलों से गुजरते हैं। दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु सहारनपुर, शामली और बागपत जिलों से होकर जाते हैं। मुरादाबाद और बरेली से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिजनौर और अमरोहा होते हुए हरिद्वार पहुंचते हैं। यात्रा 2020 और 2021 में कोविड-19 के प्रकोप के कारण आयोजित नहीं की गई थी। चूंकि पिछले दो वर्षो में यात्रा नहीं हुई है, इसलिए अधिकारी इस बार कांवड़ यात्रियों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। अधिकारियों को व्यवस्था करते समय इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धार्मिक जुलूस में किसी को भी हथियार प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं होगी और कांवड़ यात्रियों को अनुमेय सीमा के भीतर मात्रा रखते हुए संगीत प्रणालियों पर भक्ति गीत बजाने की अनुमति होगी। पुलिस प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों की भी पहचान की है। जहां यात्रा के दौरान अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा।
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