रविवार, 10 जुलाई 2022

राहुल के परिजन और ग्रामीणों ने सीएम से मुलाकात की

राहुल के परिजन और ग्रामीणों ने सीएम से मुलाकात की

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पिहरिद के बोरवेल में लगभग 65 फीट नीचे गिरे राहुल को सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन कर निकालने और उसके इलाज के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए रविवार को राहुल के परिजन और जांजगीर-चांपा के सैकड़ो ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बड़ी घोषणा करते हुए राहुल के स्पीच थैरेपी और उसकी शिक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उठाने की बात कही है। साथ ही राहुल के परिवार की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रूपए की आर्थिक मदद करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजन को रोजगार देने के भी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि 105 घंटे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया था। इसके बाद ग्रीन कारीडोर बनाकार राहुल को उपचार हेतु बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए राहुल की मां गीता देवी ने कहा कि आपने अपना बेटा समझ कर राहुल की जान बचाई है। इसके लिए मैं और मेरा परिवार जीवन भर आपका आभारी रहेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राहुल के बारे में सूचना मिलते ही अधिकारियों को  निर्देश दे दिए थे कि बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था कि उसका नाती सुरक्षित बाहर आएगा। श्री बघेल ने कहा कि जब भी हम सामूहिक प्रयास करते है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है और राहुल को बचाने के लिए तो हर एक ने धैर्यपूर्वक और दिन-रात  मेहनत की। बघेल ने कहा कि 105 घंटे तक पत्थर, चट्टान को काटकर राहुल को बाहर निकालने का कार्य कठिन था लेकिन राहुल को बचाने में लोगों की दुआ और ईश्वर की कृपा भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल में इलाज कराना दूसरी चुनौती थी और इसके लिए उन्होेंने एयर एम्बुलेंस के साथ ही देश के कुशल डॉक्टरों को भी तैयार रखा था। बघेल ने कहा कि राहुल जिंदगी की जंग पहले बोरवेल में लड़ा और फिर अस्पताल में।
इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय परिसर में राहुल के परिजन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया। साथ ही जांजगीर-चांपा से आए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी राहुल के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।

भाई का शव लेकर सड़क किनारे बैठा रहा, मासूम

भाई का शव लेकर सड़क किनारे बैठा रहा, मासूम

मनोज सिंह ठाकुर 
मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में रविवार को अजीबो-गरीब वाकया हुआ। यहां एक 8 साल का मासूम अपनी गोद में दो साल के भाई का शव लेकर सड़क किनारे बड़ी देर तक बैठा रहा। उसे यह इसलिए करना पड़ा। क्योंकि, अस्पताल से भाई के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। उसके पिता एंबुलेंस का इंतजाम करने कहीं और गए थे। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने से से पिता को कई जगह भटकना पड़ा, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। इस बीच कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह जादौन की नजर बच्चे पर पड़ी तो उन्होंने शव को अस्पताल भी भिजवाया और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की।
गौरतलब है कि अंबाह के बड़फरा गांव के रहने वाले पूजाराम जाटव के दो साल के बेटे राजा की तबीयत बिगड़ गई थी। वह पहले उसे अंबाह के अस्पताल ले गए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद राजा को मुरैना के जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां डॉक्टरों ने बच्चे की जांच की तो पता चला कि उसे एनीमिया है और पेट में पानी भर गया है कुछ देर बाद राजा की मौत हो गई। ये देख पिता के होश उड़ गए। उस दौरान उनके साथ 8 साल का बेटा गुलशन भी था। चूंकि, राजा को अंबाह से लेकर आई एंबुलेंस उन्हें छोड़कर तत्काल लौट गई तो पूजाराम को दूसरी एंबुलेंस का इंतजाम करना था।
उन्होंने बेटे के शव को ले जाने के लिए जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से वाहन देने की बात कही। लेकिन, अस्पताल के सभी लोगों ने यह कहकर मना कर दिया कि शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है, बाहर भाड़े से गाड़ी कर लो। पूजाराम ने जब अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के संचालक से पूछा तो उसने डेढ़ हजार रुपये मांगे। ये रकम पूजाराम के लिए बहुत ज्यादा थी। इसलिए वह गुलशन और बेटे का शव लेकर बाहर आ गया। उसे अस्पताल के बाहर भी कोई वाहन नहीं मिला। इसके बाद पूजाराम ने गुलशन को नेहरू पार्क के सामने नाले के पास बैठाया और राजा का शव उसकी गोद में रखकर सस्ती एंबुलेंस तलाशने चला गया।

परीक्षाओं का आयोजन, 15 जुलाई से शुरू होगा

परीक्षाओं का आयोजन, 15 जुलाई से शुरू होगा

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट/सीयूईटी यूजी परीक्षाओं का आयोजन 15 जुलाई, 2022 से शुरू कर दिया जाएगा। परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र भी अब कभी भी जारी हो सकते हैं। ऐसे में अब जब परीक्षा में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं, तो छात्रों को जरूरत है सही दिशा में तैयारी की। सीयूईटी परीक्षा पहली बार आयोजित की जा रही है। सभी छात्रों को अब भी आशंका है कि परीक्षा में किस स्तर के प्रश्न आएंगे। ऐसे में हम लेकर आए हैं छात्रों के लिए परीक्षा से कुछ दिन पहले तैयारी के जरूरी टिप्स, जिनका पालन कर के छात्र सही दिशा में तैयारी कर सकते हैं और परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन भी कर सकेंगे।
सीयूईटी का आयोजन पहली बार किया जा रहा है। इस कारण छात्रों को इसके बीते वर्षों के प्रश्न आदि नहीं मिल पाएंगे। हालांकि, छात्रों की इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने पहले ही सिलेबस की जानकारी दे दी है। छात्र इसे पढ़ें और परीक्षा के बारे में अच्छे से समझ लें।
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में भाग ले रहे छात्रों के लिए आखिरी समय में समय प्रबंधन करना बेहद आवश्यक है। अपनी पढ़ाई को उसी अनुसार करें। सभी विषयों/सेक्शन को बराबर का महत्व देते हुए अपने परीक्षा की तैयारी को आगे बढ़ाएं। सभी सेक्शन के लिए एक समय और गोल तय करें।
चूंकि अब CUET UG 2022 में कुछ ही दिन शेष है। ऐसे में छात्र सभी सेक्शन के रीविजन पर ध्यान दें। अब कोई भी नया टॉपिक शुरू करने से बचें। जो पढ़ा है उसे रिवाइज करने में ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। ताकि परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें।
परीक्षा से पहले कुछ दिनों में छात्रों के लिए सबसे बेहतर विकल्प मॉक टेस्ट या प्रैक्टिस सेट लगाना ही हो सकता है। छात्र रिविजन के साथ-साथ जितना अधिक हो सके मॉक टेस्ट को सॉल्व करने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि परीक्षा में पढ़ाई के साथ-साथ सवालों को सॉल्व करने का तरीका भी बहुत मायने रखता है। मॉक टेस्ट की मदद से आप अपनी तैयारियों को अधिक से अधिक बेहतर बना सकते हैं। एनटीए ने अपनी वेबसाइट पर भी सीयूईटी परीक्षा के मॉडल सेट को अपलोड कर रखा है। छात्र इसे डाउनलोड कर के परीक्षा के पैटर्न को अच्छे से समझ सकते हैं।

लोगों के लिए भारी कठिनाईयां और विपत्ति पैदा की

लोगों के लिए भारी कठिनाईयां और विपत्ति पैदा की 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने श्रीलंका में बदलती राजनीतिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि पार्टी वहां की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। गांधी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि श्रीलंका में आर्थिक चुनौतियों, बढ़ती कीमतों और भोजन, ईंधन तथा आवश्यक वस्तुओं की कमी ने लोगों के लिए भारी कठिनाईयां और विपत्ति पैदा कर दी है।
पार्टी गंभीर संकट की इस घड़ी में श्रीलंका और वहां के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करती है। उम्मीद है कि श्रीलंका इन विपरीत परिस्थितियों से उबरने में सक्षम साबित होगा। उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि भारत, श्रीलंका के लोगों और वहां की सरकार को इन कठिन परिस्थितियों से निपटने में सहायता करना जारी रखेगा। कांग्रेस पार्टी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी श्रीलंका को हर संभव सहायता और समर्थन देने का आग्रह करती है।

सरकार ने लोगों के हितों को चोट पहुंचाई: कांग्रेस

सरकार ने लोगों के हितों को चोट पहुंचाई: कांग्रेस 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार ने आदिवासियों के जल-जंगल पर अधिकारों को संरक्षित तथा सुरक्षित करने वाले नियमों में कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बदलाव करके अनुसूचित जनजाति के लोगों के हितों को चोट पहुंचाई है। लेकिन, पार्टी संसद के मानसून सत्र में सरकार की इस मनमानी को चुनौती देगी।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने यहां जारी एक बयान में कहा कि मोदी सरकार आदिवासी विरोधी है और उसने मनमाने ढंग से अनुसूचित जन जाति के लोगों को निजी और सामुदायिक स्तर पर भूमि और आजीविका के अधिकार प्रदान करने वाले नियम बदल कर उनके अधिकारों को खत्म करने का काम किया है।
रमेश ने कहा कि जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासियों को वन अधिकारों की मान्यता देने वाला अधिनियम 2006 में बना और यह एक ऐतिहासिक और सर्वाधिक प्रगतिशील कानून है जिसे संसद ने सर्वसम्मति से पारित किया था। यह कानून वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी, दलित और अन्य को व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तर पर भूमि एवं आजीविका के अधिकार प्रदान करता है।
अगस्त 2009 में कानून के अक्षरशः अनुपालन के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी किया जिसमें व्यवस्था की गई कि वन भूमि के अन्यत्र उपयोग के लिए मंजूरी पर तब तक नहीं दी जाएगी जब तक वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का सर्वप्रथम निपटान नहीं कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में मोदी सरकार ने इस नियमों में मनमाना बदलाव किया है जिनके तहत केंद्र सरकार द्वारा अंतिम रुप से वन मंजूरी मिलने के बाद वन अधिकारों के निपटारे की अनुमति दी है।
इसका मकसद चुनिंदा लोगों के लिए ‘व्यापार को आसान बनाना’ है। यह निर्णय आदिवासी समुदाय के ‘जीवन की सुगमता’ को समाप्त करने वाला है और इसके जरिये वन भूमि के अन्यत्र उपयोग में तेजी लाने के लिए राज्य सरकारों पर केंद्र की ओर से ज्यादा दबाव बनाया जा सकेगा।
रमेश ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 को वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अनुरूप लागू करना सुनिश्चित करने के संसद द्वारा सौंपे गए उत्तरदायित्व को सरकार ने खत्म करके नए नियमों को संबंधित मंत्रालयों से संबंधी संसद की स्थायी समितियों सहित अन्य संबद्ध हितधारकों से बिना कोई विचार विमर्श किए नियम लागू कर दिए हैं लेकिन इन नियमों को संसद के आगामी सत्र में चुनौती दी जाएगी।

पार्टी की तस्वीरें शेयर, जमकर तारीफ की: पूजा

पार्टी की तस्वीरें शेयर, जमकर तारीफ की: पूजा 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 
नई दिल्ली/मुंबई। टीवी के सबसे पॉपुलर धार्मिक सीरियल में से एक ‘देवो के देव महादेव’ आज भी दर्शकों के दिल के काफी करीब है। इस शो में किरदार निभाने वाले एक्टर्स को फैंस ने फर्श से अर्श पर बिठा दिया था, बात चाहे मौनी रॉय की हो, मोहित रैना या फिर पार्वती का रोल प्ले करने वाली पूजा बनर्जी की। दर्शक आज भी इनकी एक झलक के लिए बेकरार रहते हैं। पर्दे पर हमेशा ही ट्रेडिशनल आउटफिट में नजर आने वाली पूजा रियल लाइफ में काफी बोल्ड हैं। इस बात का अंदाजा उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल से ही हो जाता है। हाल ही में पूजा ने एक पार्टी की तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें वो काफी ग्लैमर्स नजर आ रही हैं।
देवों के देव में माता पार्वती का किरदार निभाने वाली पूजा बनर्जी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस फोटो में उन्होंने एक छोटी सी ड्रेस पहनी, जोकि काफी टाइट फिट है। पूजा के बॉडी कर्व्स साफ नजर आ रहे हैं। खुले बाल और हाई हिल्स में वो बस कयामत लग रही हैं। इसके साथ उन्होंने लाइट पार्टी मेकअप किया है। न्यूड लिप शेड उनकी खूबसूरती में और भी चार चांद लगा रहा है। फैंस अपनी फेवरेट एक्ट्रेस के फोटो पर जमकर रिएक्ट दे रहे हैं।
पूजा की पोस्ट पर उन्होंने कैप्शन में लिखा-  ‘अबाउट लास्ट नाइट’ तो फैंस भी उसने ऐसे ही सवाल पूछ रहे हैं। एक ने लिखा- कुछ ज्यादा ही मस्ती नहीं कर ली आपने। तो दूसरे ने लिखा- ड्रंक हो क्या? एक यूजर जिसके कमेंट ने सबका ध्यान खींच वो था- हाय देवी ये कैसी माया है, प्रभु अत्यंत दुखी होंगे। वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जो पूजा के लुक की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

अफ्रीका: गोलीबारी की घटना में 14 लोगों की मौंत

अफ्रीका: गोलीबारी की घटना में 14 लोगों की मौंत 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 
प्रिटोरिया/जोहान्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीका की पुलिस ने बताया है कि जोहान्सबर्ग में बार के भीतर भीषण गोलीबारी हुई है। जिसमें 14 लोगों की मौंत हो गई, घटना शहर के सोवेटो टाउनशिप में हुई है। दक्षिण अफ्रीका के एक बार में सामूहिक गोलीबारी की घटना में कम से कम 14 लोगों की मौंत हो गई है। हमलावर आधी रात के बाद जोहान्सबर्ग के सोवेटो के एक बार में घुसे और अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे। गोलियां चलाने के बाद बंदूकधारी सफेद रंग की टोयोटा क्वांटम मिनीबस में सवार होकर फरार हो गए।
जानकारी के मुताबिक, 10 अन्य लोग घायल हुए हैं और तीन गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।घायलों में किशोर भी शामिल हैं। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।शुरुआती जांच से पता चलता है कि लोग बार में मस्ती कर रहे थे। हमलावर अंदर आए और उन पर बेतरतीब ढंग से गोली चलाने लगे।’ जांचकर्ता मौके पर पहुंच चुके हैं।
मावेला ने बताया, ‘यह घटना रात करीब 12:30 बजे की है।’ उन्होंने कहा कि 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और अस्पताल पहुंचने पर एक और शख्स की जान चली गई। भर्ती किए जाने के बाद 14वें शख्स की भी मौत हो गई।मरने वालों की उम्र 19 से 35 साल के बीच है।
ऑरलैंडो पुलिस स्टेशन के कमांडर ब्रिगेडियर नॉनहलानहला कुबेका ने कहा कि अधिक जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी। ऑनलाइन पोस्ट की गई भयानक फुटेज में बार में मौज-मस्ती करने वालों के शव फर्श पर पड़े दिख रहे हैं। क्वाज़ुलु-नताल में पीटरमैरिट्सबर्ग बार में एक दिन पहले हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी।
पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका के तटीय शहर ईस्ट लंदन के एक नाइट क्लब में रविवार तड़के कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई थी। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इन किशोरों की मौत किस कारण हुई। ये किशोर कथित तौर पर स्कूल की परीक्षा खत्म होने का जश्न मनाने के लिए क्लब गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, शव मेज तथा कुर्सियों के पास मिले। शवों पर चोट के कोई निशान नहीं थे।

मुलायम की पत्नी साधना का अंतिम दर्शन, श्रद्धांजलि

मुलायम की पत्नी साधना का अंतिम दर्शन, श्रद्धांजलि

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता पहुंचे हैं। मुलायम सिंह के आवास पर साधना का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मुलायम सिंह यादव के आवास पर पहुंचकर उनकी पत्नी साधना का अंतिम दर्शन किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव, डिम्पल यादव और अर्पणा यादव मौजूद रहीं। मुलायम सिंह की पत्नी साधना का निधन शनिवार को गुरूग्राम स्थित मेदांता हास्पिटल में हो गया था। अंतिम संस्कार आज लखनऊ में होगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उ.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना का निधन अत्यंत दु:खद है। प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। अंतिम दर्शन करने पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि साधना गुप्ता का जाना अपूरणीय क्षति है। वह गरीबों की सेवा के लिए तत्पर रहती थीं। मुलायम सिंह यादव की पत्नी के अंतिम दर्शन करने सपा के वरिष्ठ नेता राम गोविन्द चौधरी, पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद,उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पूर्व मंत्री मोहसिन रजा समेत तमाम नेता मुलायम सिंह के आवास पहुंचें थे।

प्राकृतिक खेती पर आयोजित सम्मेलन, संबोधित किया

प्राकृतिक खेती पर आयोजित सम्मेलन, संबोधित किया

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी
नई दिल्ली/सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने संबंधी जन-अभियान आने वाले वर्षों में काफी सफल रहेगा और जितनी जल्दी किसान इस बदलाव से जुड़ेंगे, उतने ही उन्हें उसके फायदे मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने गुजरात के सूरत में प्राकृतिक खेती पर आयोजित एक सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्राकृतिक खेती को अपनाना धरती माता की सेवा करने के समान है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल भारत अभियान की अभूतपूर्व सफलता उन लोगों को देश की ओर से जवाब है जो कहा करते थे कि गांवों में बदलाव लाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्राकृतिक खेती से जुड़ा जन-अभियान आने वाले वर्षों में बेहद सफल होगा।
जितनी जल्दी किसान इससे जुड़ेंगे, उतनी जल्दी ही उन्हें इसके फायदे मिलेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाना, मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादकता की सुरक्षा करके धरती माता की सेवा करने के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप प्राकृतिक कृषि करते हैं तो आप प्रकृति और पर्यावरण की सेवा कर रहे होते हैं।’

प्रतिबंध: डीपीसीसी ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किया

प्रतिबंध: डीपीसीसी ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने 19 चिह्नित एकल-उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं पर प्रतिबंध के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और सोमवार से इसका उल्लंघन करने वाली इकाइयों को बंद करना शुरू कर देगी। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि नियंत्रण कक्ष एसयूपी प्रतिबंध के उल्लंघन से संबंधित सभी शिकायतें प्राप्त करेगा और प्रवर्तन टीमों को कार्रवाई करने का निर्देश देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि डीपीसीसी का अधिदेश एसयूपी वस्तुओं के निर्माण को नियंत्रित रखना है, लेकिन बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें भी हमारे नियंत्रण कक्ष को भेजी जा सकती हैं। हम इसे संबंधित नगर निकायों को भेज देंगे।’’ उल्लंघन के संबंध में शिकायतें दिल्ली सरकार के ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप्लीकेशन या केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के “एसयूपी-सीपीसीबी” एप्लीकेशन के माध्यम से भी दर्ज करायी जा सकती हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सोमवार से प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को बंद करना शुरू कर देंगे। और कोई चेतावनी नहीं दी जाएगी।’’ एक जुलाई को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी) की 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को 10 जुलाई तक चेतावनी नोटिस जारी करेगी और इसके बाद फिर से ऐसा करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा था, ‘‘प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत एक लाख रुपये तक का जुर्माना या पांच साल तक की जेल या दोनों हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा था कि हालांकि, सरकार एसयूपी वस्तुओं के उपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और लोगों को उनके विकल्प प्रदान करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। राजस्व विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्रमशः 33 और 15 टीमों का गठन किया है।
डीपीसीसी को उसके अनुरूप क्षेत्रों में प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करना है, जबकि एमसीडी और अन्य स्थानीय निकाय अनौपचारिक क्षेत्र में इसके कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं। एमसीडी और अन्य शहरी स्थानीय निकाय अपने उपनियमों के अनुसार चूक करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जबकि राजस्व विभाग पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा।
प्रवर्तन अभियान के दौरान जब्त की गयी एसयूपी चीजों को ‘अपशिष्ट से ऊर्जा’ बनाने वाले संयंत्रों में भस्म कर दिया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे लैंडफिल या रुके हुए जल निकायों में नहीं जाएं।

3 सदस्यीय आयोग के गठन का स्वागत किया: इकाई

3 सदस्यीय आयोग के गठन का स्वागत किया: इकाई

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने यहां नगर निगम वार्ड के परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय आयोग के गठन का स्वागत किया और कहा कि वह लोकतांत्रिक राजनीति में विश्वास रखती है। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय राजधानी में वार्ड की संख्या निर्धारित नहीं है तो समिति किस आधार पर काम करेगी।
आम आदमी पार्टी (आप) ने परिसीमन आयोग के गठन को छलावा करार दिया और आरोप लगाया कि यह नगर निकाय चुनाव टालने के लिए भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार का एक और “पैंतरा” है। कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने आप और भाजपा पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव टालने का आरोप लगाया और परिसीमन की प्रक्रिया से असहमति जताई। पार्टी ने कहा कि नगर निकाय के चुनाव होने चाहिए ताकि आम जनता का कामकाज प्रभावित नहीं हो।
दिल्ली नगर निगम की ओर से शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में एमसीडी के वार्ड के लिए नई परिसीमन प्रक्रिया के वास्ते तीन सदस्यीय आयोग गठित किया है। इस प्रक्रिया से दिल्ली में नगर निकाय के चुनाव का मार्ग प्रशस्त होगा। शहर के तीन नगर निगमों को हाल में एकीकृत किये जाने के बाद पहली बार निकाय चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “हमें खुशी है कि केंद्र सरकार ने एमसीडी के वार्ड परिसीमन के लिए समिति का गठन कर दिया।
लेकिन दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया। फिर ये समिति काम कैसे करेगी?” राजेंद्र नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने समिति के गठन को “छलावा” करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “यह आदेश बस एक छलावा है। केंद्र सरकार को सबसे पहले यह तय करना है कि दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, उसके बाद इस आयोग का काम शुरू होगा।
बिना वार्ड की संख्या तय किए यह आयोग काम कैसे करेगा?” वहीं, भाजपा की दिल्ली इकाई ने एक बयान में कहा, “उन्हें झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए और समझदारी से बात करनी चाहिए क्योंकि वह (केजरीवाल) मुख्यमंत्री के पद पर हैं।
भाजपा लोकतांत्रिक राजनीति में विश्वास रखती है और जल्द ही तय प्रक्रिया पूरी करने के बाद निर्वाचित एमसीडी का गठन किया जाएगा।” दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि तीन सदस्यीय आयोग को सभी दलों के साथ नियमों पर चर्चा करनी चाहिए और परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उन्हें विश्वास में लेना चाहिए।

10वीं-12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान

10वीं-12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परिक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है।...