मंगलवार, 5 जुलाई 2022

शुक्ल-पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है, वैवस्वत सप्तमी

शुक्ल-पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है, वैवस्वत सप्तमी

सरस्वती उपाध्याय 
वर्ष 2022 में वैवस्वत सप्तमी 6 जुलाई 2022, बुधवार को पड़ रही है। हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल-पक्ष की सप्तमी तिथि को वैवस्वत सप्तमी मनाई जाती है। सूर्यपुत्र वैवस्वत मनु ही मनु स्‍मृति के रचयिता हैं। यह दिन सूर्य देव की उपासना करने हेतु विशेष महत्व का बताया जाता है। सूर्य पुत्र वैवस्वत मनु की पौराणिक इस प्रकार है- मत्स्य पुराण के अनुसार, सत्यव्रत नाम के राजा एक दिन कृतमाला नदी में जल से तर्पण कर रहे थे। उस समय उनकी अंजुलि में एक छोटी-सी मछली आ गई। सत्यव्रत ने मछली को नदी में डाल दिया तो मछली ने कहा कि इस जल में बड़े जीव-जंतु मुझे खा जाएंगे। 
यह सुनकर राजा ने मछली को फिर जल से निकाल लिया और अपने कमंडल में रख लिया और आश्रम ले आए। रात भर में वह मछली बढ़ गई। तब राजा ने उसे बड़े मटके में डाल दिया। मटके में भी वह बढ़ गई तो उसे तालाब में डाल दिया अंत में सत्यव्रत ने जान लिया कि यह कोई मामूली मछली नहीं, जरूर इसमें कुछ बात है। तब उन्होंने ले जाकर समुद्र में डाल दिया। 
समुद्र में डालते समय मछली ने कहा कि समुद्र में मगर रहते हैं, वहां मत छोड़िए। लेकिन राजा ने हाथ जोड़कर कहा कि आप मुझे कोई मामूली मछली नहीं जान पड़ती है। आपका आकार तो अप्रत्याशित तेजी से बढ़ रहा है, बताएं कि आप कौन हैं ? तब मछली रूप में भगवान विष्णु ने प्रकट होकर कहा कि आज से सातवें दिन प्रलय (अधिक वर्षा से) के कारण पृथ्वी समुद्र में डूब जाएगी।
तब मेरी प्रेरणा से तुम एक बहुत बड़ी नौका बनाओ। जब प्रलय शुरू हो तो तुम सप्त ऋषियों सहित सभी प्राणियों को लेकर उस नौका में बैठ जाना तथा सभी अनाज उसी में रख लेना। अन्य छोटे बड़े बीज भी रख लेना। नाव पर बैठ कर लहराते महासागर में विचरण करना। प्रचंड आंधी के कारण नौका डगमगा जाएगी। तब मैं इसी रूप में आ जाऊंगा। तब वासुकि नाग द्वारा उस नाव को मेरे सींग में बांध लेना। 
जब तक ब्रह्मा की रात रहेगी, मैं नाव समुद्र में खींचता रहूंगा। उस समय जो तुम प्रश्न करोगे मैं उत्तर दूंगा। इतना कह मछली गायब हो गई। राजा तपस्या करने लगे। मछली का बताया हुआ समय आ गया। वर्षा होने लगी। समुद्र उमड़ने लगा। तभी राजा ऋषियों, अन्न, बीजों को लेकर नौका में बैठ गए। और फिर भगवान रूपी वही मछली दिखाई दी। उसके सींग में नाव बांध दी गई और मछली से पृथ्वी और जीवों को बचाने की स्तुति करने लगे। 
मछली रूपी श्री विष्णु ने उसे आत्मतत्व का उपदेश दिया। मछली रूपी विष्णु ने अंत में नौका को हिमालय की चोटी से बांध दिया। नाव में ही बैठे-बैठे प्रलय का अंत हो गया। यही सत्यव्रत वर्तमान में महाकल्प में विवस्वान या वैवस्वत (सूर्य) के पुत्र श्राद्धदेव के नाम से विख्यात हुए तथा वैवस्वत मनु के नाम से भी जाने गए।

भारत: एक दिन में कोरोना के 13,086 नए मामलें

भारत: एक दिन में कोरोना के 13,086 नए मामलें 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 13,086 नए मामलें सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,35,31,650 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,14,475 पर पहुंच गई।
वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,14,475 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में संक्रमण से 19 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,25,242 हो गई। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,14,475 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.26 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 611 की बढ़ोतरी हुई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.53 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक 86.44 करोड़ नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 4,51,312 नमूनों की जांच पिछले 24 घंटे में की गई। दैनिक संक्रमण दर 2.90 प्रतिशत, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 3.81 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।

अमरूद को सुपर फ्रूट कहें जाने के विशेष कारण

अमरूद को सुपर फ्रूट कहें जाने के विशेष कारण 

सरस्वती उपाध्याय 
कभी अमरूद को गरीबों का फल माना जाता था। लेकिन, अब इसके गुणों का लोहा पूरी दुनिया मानती है। यह एक पौष्टिक फल है, जो आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसकी विशेषता यह भी है कि यह स्वास्थ्य को ठीक रखता है। इस विदेशी फल से भारत ने बहुत ही अपनापन दिखाया है।अब तो लगता है कि यह जैसे भारत का ही फल है। पूरी दुनिया में अमरूद की सबसे अधिक उपज वाले देशों में भारत का नाम शुमार है। विशेष बात यह है कि भारत उन देशों को भी अमरूद निर्यात करता है, जहां इसकी उत्पत्ति हुई है।
अमरूद को सुपर फ्रूट कहें जाने के विशेष कारण यह हैं कि इसमें संतरे की तुलना में चार गुणा अधिक विटामिन-सी और तीन गुणा अधिक प्रोटीन होता है। इसके अलावा अनानास से चार गुणा अधिक फाइबर, टमाटर से दो गुणा अधिक लाइकोपीन और केले की तुलना में थोड़ा अधिक पोटेशियम होता है। इसके अलावा इसमें अनेक औषधीय गुण भी हैं। अमरूद का पत्ता तक लाभकारी है। अगर दांतों में कीड़ा लगा है या दांत या मसूड़ों में कोई रोग या दर्द है तो इसके पत्तों को चबाने से आराम मिलता है। भारत में अमरूद को पुर्तगाली सौदागर लेकर आए।
अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी की वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी ने अमरूद के उत्पत्ति केंद्र (भू-भाग) की जानकारी दी है। उनका कहना है कि मैक्सिको व मिजो अमेरिकी सेंटर जैसे दक्षिणी मैक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरास व कोस्टारिका अमरूद के मूल स्थल हैं। उनका यह भी कहना है कि दक्षिण अमेरिका के पेरू, इक्वाडोर व बोलिविया इसके उपकेंद्र है। अगर इसके काल की बात करें तो कहते हैं कि 1520 के आसपास यूरोपीय लोगों ने कैरिबियन में अमरूद की फसलों की खोज की। इसके कुछ साल बाद यह वेस्टइंडीज, बहामास, बरमूडा और दक्षिण फ्लोरिडा तक आ गया। कहा यह भी गया है। कि 2500 ईसा पूर्व में कैरिबियन क्षेत्र में अमरूद दिखने लगा था, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है। भारत में 17वीं शताब्दी में अमरूद को पुर्तगाली सौदागर लेकर आए। उन्होंने पूर्वी एशिया तक भी अमरूद को फैलाया। भारत की जलवायु और मिट्टी अमरूद को पसंद आई, तब से इसकी आज तक सफलतापूर्वक खेती की जा रही है। वैसे एक पक्ष यह भी कहता है कि भारत में अमरूद पहली बार 11वीं शताब्दी में उगाया गया।

भारत में होती है अमरूद की सबसे अधिक खेती...
अमरूद अब गरीबों का फल नहीं रहा। अब यह पूरे भारत वर्ष में पाया जाता है। पहले सामान्य अमरूद हुआ करते थे, अब विशाल अमरूद के अलावा अंदर से लाल व गुलाबी अमरूद भी मिलने लगे हैं। यह विदेशी फल है लेकिन भारत की मिट्टी में यह ऐसे रचा-बसा कि आज दुनिया में अमरूद की सबसे अधिक खेती भारत में होती है। इसके बाद चीन, थाइलैंड, पाकिस्तान आदि देशों में यह उगाया जाता है।भारत में सबसे अधिक इसकी खेती बिहार, आंध्रप्रदेश व उत्तर प्रदेश में होती है।
पूरे विश्व में प्रयागराज का अमरूद मशहूर है।
वैसे हर दो-चार साल में यह नंबर बदलते रहते हैं। प्रयागराज का अमरूद तो पूरे विश्व में मशहूर है।भारत ने अमरूद की क्वॉलिटी को इतना अधिक सुधारा है कि अब यह अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड सहित कई देशों को निर्यात किया जाता है।

गुणों का खजाना है अमरूद...
यह बात कन्फर्म है कि अमरूद भारत का फल नहीं है, क्योंकि देश की किसी भी प्राचीन धार्मिक ग्रंथ या पुरानी आयुर्वेद की किताबों में इसका कोई वर्णन नहीं है। इसके बावजूद यकीन करना मुश्किल है कि यह भारतीय फल नहीं है। जाने-माने आयुर्वेदाचार्य व योगगुरु आचार्य बालकृष्ण तभी दावा करते हैं कि अमरूद का पेड़ भारतवर्ष के कई स्थानों पर जंगलों में होता है। परंतु सच यह है कि जंगली आम, केला आदि के समान इसकी उपज अत्यन्त प्राचीन काल से हमारे यहां होती रही है। वह दावा करते हैं कि अमरूद यहां का ही मूल फल है। उनका यह भी कहना है कि इस फल में गुणों का खजाना है और इसमें सिर दर्द, खांसी-जुकाम, दांत का दर्द, मुंह के रोग रोकने के अलावा दिल के रोगों का भी बचाव करता है। यह हिमोग्लोबीन की कमी को दूर करता है और कब्ज से भी निजात दिलाता है।

दिल की सेहत को रखता है, दुरुस्त...
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि अमरूद को इसलिए भी सुपर फ्रूट कहा जाता है। क्योंकि इसमें विटामिन ए और बी के अलावा लोहा, चूना और फास्फोरस भी पाया जाता है। इसीलिए यह शरीर की हड्डियों को भी पोषण देता है। यह रक्त में शुगर की मात्रा कम करता है। इसमें पाया जाने वाला लाइकोपीन तत्व त्वचा में निखार लाता है। विटामिन ए के कारण यह आंखों के लिए लाभकारी है।इसका नियमित और संतुलित सेवन शरीर का वजन कम करता है साथ ही शरीर का एक्स्ट्रा फैट घटाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे दिल सबंधी बीमारियां दूर रहती हैं।

कई समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर है, कंटोला

कई समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर है, कंटोला

सरस्वती उपाध्याय
सब्जियां सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। इसलिए, हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करना ज़रूरी है‌। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ बने रहने में मदद करते हैं। हरी सब्जियों में शामिल कंटोला एक ऐसी सब्जी है, जिसका सेवन करने से ना सिर्फ पोषक तत्वों की ज़रूरतें पूरी होती हैं, बल्कि यह आपके शरीर को कई गंभीर बीमारियों से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है।
कंटोला एक ऐसी सब्जी है, जिसे आयुर्वेद में औषधि माना गया है। कंटोला शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के साथ पाचन क्रिया भी दुरुस्त करता है। कंटोला का सेवन करने से गैस या कब्ज आदि की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। कंटोला का सेवन अलग-अलग प्रकार से कर सकते हैं। आमतौर पर लोग इसकी सब्जी, अचार या भुजिया बनाकर इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं।

वजन घटाने में लाभकारी कंटोला...
रिपोर्ट के मुताबिक, कंटोला एक ऐसी सब्जी है, जिसका सेवन करने से मोटापे को कम या नियंत्रित किया जा सकता है। कंटोला में मौजूद औषधीय गुण ना केवल बढ़ते वजन को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर को अन्य कई बीमारियों से भी बचाते हैं। डॉक्टर भी सेहतमंद रहने के लिए कंटोला को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। फाइटोकेमिकल्स सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। कंटोला पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें कैलोरी ना के बराबर होती है, इसीलिए वजन घटाते के लिए कंटोला एक बेहतर विकल्प होता है। कंटोला खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होता है। हर रोज इसका सेवन करने से शरीर को ताकत मिलती है और आप डाइटिंग के दौरान भी एनर्जेटिक बने रहते हैं।

कब्ज में लाभकारी कंटोला...
कंटोला की तासीर ठंडी होती है, जो शरीर को ठंडक प्रदान करती है। ऐसे में गर्मी और मानसून के दौरान इसे खाना सेहत के लिए और भी फायदेमंद होता है। यह सब्जी सुपाच्य होती है, इसलिए जिन्हें पेट से जुड़ी समस्याएं हैं, उन्हें भी इसे पचाने में आसानी होती है। कंटोला का गूदा और बीज घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। कंटोला में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।कंटोला का सेवन करने से गैस एटिकल सर बवासीर और कब से जैसी समस्याओं में काफी फायदेमंद साबित होती है।

100 दिन की भाजपा सरकार, यूपी गोरखधंधे से बरबाद

100 दिन की भाजपा सरकार, यूपी गोरखधंधे से बरबाद

संदीप मिश्र 
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन नाकामियों से भरे हुए हैं। सरकार ने प्रदेश में कोई विकास नहीं किया है। अखिलेश ने कहा कि सरकार जहां 100 दिन की उपलब्धि बता रही है उनको 5 साल 100 दिन की उपलब्धि बतानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए। इसको लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन नाकामियों से भरे हुए हैं। सरकार ने प्रदेश में कोई विकास नहीं किया है। अखिलेश ने कहा कि सरकार जहां 100 दिन की उपलब्धि बता रही है उनको 5 साल 100 दिन की उपलब्धि बतानी चाहिए। इनकी उपलब्धि की पोल तब खुली जब उनके उपमुख्यमंत्री लखनऊ वापस आए और उनसे बिना पूछे तबादला कर दिया… भ्रष्टाचार, अन्याय चरम पर है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने योगी 2.0 के 100 दिन पूरे होने पर ट्वीट कर कहा कि 100 दिन की भाजपा सरकार, उत्तर प्रदेश हुआ गोरखधंधे से बरबाद। समाजवादी पार्टी की आधिकारिक हैंडल से एक अन्य ट्वीट में लिखा गया कि सवा 5 साल में यूपी को कर दिया बर्बाद ,सड़कों पे है जलभराव और गड्ढों में गिरकर जा रही नागरिकों की जान, भाजपा सरकार बेपरवाह, झूठे आंकड़ों के सहारे चल रही सरकार, झूठ बोलते हैं मुख्यमंत्री, और झूठी है भाजपा सरकार।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर सरकार की उपलब्धियां गिनाई। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने लखनऊ में अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर एक पुस्तिका का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तंज भी कसा। सीएम योगी ने कहा कि विधानपरिषद चुनाव में बीजेपी ने 33 सीट हासिल की।

सरकार पर घोटालों का आरोप लगाने से भड़की, भाजपा

सरकार पर घोटालों का आरोप लगाने से भड़की, भाजपा

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य द्वारा धामी सरकार पर घोटालों का आरोप लगाने से भाजपा भड़क उठी है। भाजपा अब इस घोटाले के हथियार से आर्य पर हमलाकर रही है। भाजपा का सीधा आरोप है कि सूबे में 500 करोड़ के अधिक के छात्रवृत्ति घोटाला आर्य के समाज कल्याण मंत्री रहते ही हुआ है। भाजपा इसके साक्ष्य एकत्र करके धामी सरकार को देगी और हाईकोर्ट में चल रहे इस घोटाले के मुकदमे में यशपाल आर्य को भी एक पक्ष बनाने की मांग करेगी। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रवीन्द्र जुगरान ने मीडिया को जारी एक विज्ञप्ति में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा है की भाजपा सरकारों में घोटाले ही घोटाले हो रहे हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में भी भर्ती परीक्षाओं में घोटाले हो रहे हैं।

प्रदेश प्रवक्ता ने आर्य़ को नसीहत देते हुए कहा कि शीशे के घरों में रहने वालों को दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं मारने चाहिए। ने कहा कि पिछले पांच सालों तक वे भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं तब वे चुप क्यों रहे। एकाएक उन्हें कैसे याद आया की भाजपा सरकार में घोटाले हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह राजनीतिक दिवालियापन ही है कि उसने भाजपा सरकार में पांच वर्ष कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाया। यह फैसला आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बनने वाला है।

'वृक्ष संरक्षण अधिनियम' में संशोधन करेंगी, सरकार

'वृक्ष संरक्षण अधिनियम' में संशोधन करेंगी, सरकार

पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड सरकार 'वृक्ष संरक्षण अधिनियम' में संशोधन करने जा रही है। यह संशोधन इसलिए किया जा रहा है कि लोगों को अपनी जमीन पर लगे पेड़ों को काटने के लिए संबंधित विभाग और अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं, जिस वजह से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से लोगों की रुचि भी पेड़ लगाने में कम होती जा रही है। इसलिए सरकार अब वृक्ष संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने का मन बना रही है। इस संशोधन के बाद कुछ प्रजातियों को छोड़कर अन्य के लिए लोगों को अपने घर के आसपास और खेतों में लगे पेड़ों को काटने के लिए परमिशन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि सरकार वृक्ष संरक्षण अधिनियम को खत्म नहीं कर रही है। बल्कि इसमें संशोधन करने जा रही है। ताकि, लोगों को अपने खेतों में लगे पेड़ काटने में वन विभाग से परमिशन ना लेनी पड़े लेकिन इसके लिए कुछ प्रजातियों के लिए पूर्व की तरह नियम लागू रहेंगे।

उदयपुर: कर्फ्यू में मंगलवार को 16 घंटे की ढील दी गई

उदयपुर: कर्फ्यू में मंगलवार को 16 घंटे की ढील दी गई 

नरेश राघानी 
उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर शहर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद उत्पन्न तनाव के बाद विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगाएं गए कर्फ्यू में मंगलवार को 16 घंटे की ढील दी गई। शहर के धानमंडी, घंटाघर, हाथीपोल, अंबामाता, सूरजपोल, सविना, भूपालपुरा, गोवर्धनविलास, हिरणमगरी, प्रतापनगर एवं सुखेर धानमंडी, घण्टाघर, अम्बामाता, हाथीपोल, सूरजपोल, भूपालपुरा एवं सवीना में आज सुबह छह बजे से रात्रि आठ बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। 
इन क्षेत्रों में खुली दुकानों पर लोग अपनी जरूरत के सामान की खरीददारी करते नजर आये। सोमवार को सुबह आठ बजे से शाम को आठ बजे तक कर्फ्यू में ढ़ील दी थी। इस दौरान शांति रही थी। 
उल्लेखनीय है कि गत 28 जून को उदयपुर शहर के धानमण्डी थाना क्षेत्र में धारदार हथियारों से कन्हैयालाल की हत्या कर देने के बाद उत्पन्न हालात के मद्देेनजर उस दिन रात आठ बजे से आगामी आदेश तक शहर के इन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था।

हमले की घटनाओं पर भाजपा ने चुप्पी क्यों साधी ?

हमले की घटनाओं पर भाजपा ने चुप्पी क्यों साधी ?

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ दिखावे और चुनावों के वास्ते दलितों एवं आदिवासियों के नाम का इस्तेमाल करती है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि दलितों और आदिवासियों पर हमले की घटनाओं पर भाजपा ने चुप्पी क्यों साध रखी है ?
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘उप्र में एक दलित युवक को दबंगों ने बम से उड़ा दिया। मप्र में एक आदिवासी महिला को दबंगों ने जिंदा जलाया।’’ उन्होंने कहा, दिखावों/चुनावों के वास्ते दलितों-आदिवासियों का नाम इस्तेमाल करने वाली भाजपा ने, दलितों-आदिवासियों पर हमले की इन भयावह घटनाओं को लेकर चुप्पी क्यों साध रखी है।

विरोध: भाजपा विधायकों को सदन से बाहर किया

विरोध: भाजपा विधायकों को सदन से बाहर किया

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की मदद के लिए विधायकों के पत्र लिखने को लेकर जारी चर्चा का विरोध करने पर भाजपा विधायकों को मार्शल ने सदन से बाहर कर दिया। सदन के 10 मिनट के स्थगन के बाद फिर से शुरू होने पर विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने आप विधायकों द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दी।
डीटीसी चालकों की तैनाती के लिए पत्र लिखने के आरोपों के बाद आप विधायकों ने यह मुद्दा उठाया था। आम आदमी पार्टी (आप) विधायक संजीव झा ने यह मुद्दा उठाया था, जिन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि की हैसियत से उन्होंने यह पत्र लिखा। यह देखते हुए कि झा द्वारा उठाया गया मुद्दा गंभीर था, बिड़ला ने इस पर चर्चा की अनुमति दे दी। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने इस मुद्दे पर चर्चा करने का विरोध करते हुए कहा कि चर्चा से पहले एक प्रस्ताव लाने की जरूरत है।
बिड़ला ने कहा कि चर्चा के लिए सदन में आम सहमति थी और वह नियम 293 के तहत चर्चा की अनुमति दे सकती हैं। भाजपा विधायकों के चर्चा के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने पर बिड़ला ने कार्यवाही में बाधा डालने और आदेशों की अवहेलना का हवाला देते हुए सदन से सभी भाजपा विधायकों को बाहर करने के लिए मार्शल को निर्देश दिया।

नूपुर को जान से मारने की धमकी, चिश्ती फरार

नूपुर को जान से मारने की धमकी, चिश्ती फरार

नरेश राघानी
जयपुर। बीजेपी से निष्काषित नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के खादिम ने दी है। दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। सलमान चिश्ती ने खुद बाकायदा एक वीडियो शूट कर उसे वायरल किया है। नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी देने वाला दरगाह का खादिम सलमान चिश्ती फरार है।
गंभीर बात यह भी है कि यह वीडियो ठीक उसी तरह का है, जैसा उदयपुर में मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने बनाया था। लगभग 2 मिनट 50 सेकेंड के इस वीडियो में अपनी धार्मिक भावनाओं का हवाला देत हुए सलमान चिश्ती नूपुर शर्मा को धमकी दे रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद अजमेर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
इस वीडियो में सलमान चिश्ती नूपुर शर्मा को गोली मारने व जान से खत्म करने की बात कह रहा है। साथ ही सलमान चिश्ती ने वीडियो में कहा कि जो भी शख्स नूपुर शर्मा को जान से खत्म करेगा, उसे वह बतौर इनाम में पैसे और मकान देगा। सलमान चिश्ती ने नूपुर शर्मा का गर्दन काटने वाले को अपना मकान देने की बात कही है। सलमान चिश्ती के इस वीडियो के वायरल होने के बाद शहरवासियों में चर्चा गर्म है।
इस वीडियो में सलमान चिश्ती नूपुर शर्मा को गोली मारने व जान से खत्म करने की बात कह रहा है। साथ ही सलमान चिश्ती ने वीडियो में कहा कि जो भी शख्स नूपुर शर्मा को जान से खत्म करेगा, उसे वह बतौर इनाम में पैसे और मकान देगा। सलमान चिश्ती ने नूपुर शर्मा का गर्दन काटने वाले को अपना मकान देने की बात कही है। सलमान चिश्ती के इस वीडियो के वायरल होने के बाद शहरवासियों में चर्चा गर्म है।
वीडियो वायरल होने के बाद सलमान चिश्ती के खिलाफ अजमेर शहर के अलवर गेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिस पर जांच जारी है। एएसपी विकास सांगवान ने बताया कि सलमान चिश्ती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उसकी तलाश की जा रही है।
बताया गया है कि फिलहाल सलमान चिश्ती की लोकेशन कश्मीर आ रही है, जिस पर भी जांच जारी है। वहीं, पुलिस ने इस तरह के वीडियो वायरल होने के बाद कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, सलमान चिश्ती दरगाह पुलिस थाने का एक हिस्ट्रीशीटर भी है, जो नूपुर शर्मा का सिर कलम करने वालों को अपना मकान देने की बात कहता नजर आता है।

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिले के सभी तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया ग...