परिवारवाद-जातिवाद, तुष्टीकरण समाप्त, आवश्यकता
इकबाल अंसारी
हैदराबाद। रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने देश में सांप्रदायिकता और नकारात्मकता की राजनीति को समाप्त करके सुशासन एवं विकास की राजनीति स्थापित करने के लिए परिवारवाद-जातिवाद और तुष्टीकरण को समाप्त करने की आवश्यकता बताई और कहा कि ऐसा करने पर देश की हर समस्या खत्म हो जाएगी। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रविवार को पारित ‘राजनीतिक प्रस्ताव’ में यह बात कही गई।
गृह मंत्री अमित शाह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई एवं असम के मुख्यमंत्री हेमंतविश्व शर्मा ने इसका अनुमोदन किया। प्रस्ताव में गुजरात दंगों को लेकर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए इसकी सराहना की गयी और कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 20 साल से लग रहे आरोपों को भगवान शंकर के विषपान के समान सहन किया और आज तक हर जांच में सोने की तरह चमकते हुए बेदाग निकल कर आये हैं।
असम के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आयोजन स्थल पर संवाददाताओं को राजनीतिक प्रस्ताव एवं गृह मंत्री शाह के भाषण की जानकारी देते हुए कहा कि श्री शाह ने गुजरात दंगों के ऊपर जो उच्चतम न्यायालय का फैसला आया है उसे ऐतिहासिक फैसला कहा है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है, मोदी पर जो भी आरोप लगाया गया, अदालत ने उसे पूरा झूठा करार दिया, इसे राजनीति से प्रेरित बताया।
उन्होंने कहा कि मोदी ने संविधान का पालन करते हुए पूरे बीस साल तक बिना कुछ कहे चुपचाप आरोपों और एसआईटी की जांच का सामना किया। श्री शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने विपक्ष के लिए कहा कि आज विपक्ष बिखरा हुआ है, कांग्रेस में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए उसके ही सदस्य लड़ाई कर रहे हैं, गांधी परिवार डर के कारण अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं कर रहा है। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस को ‘मोदी फोबिया’ हो गया है, कांग्रेस देशहित के हर निर्णय का विरोध करने लगी है।
कांग्रेस पूरी तरह से हताशा और निराशा है। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक का विरोध, अनुच्छेद 370 खत्म करने का विरोध, जीएसटी का विरोध, आयुष्मान भारत का विरोध, वैक्सीन और वैक्सीनेशन का विरोध, सीएए का विरोध, राम मंदिर का विरोध, ऐसे ही हर विषय में कांग्रेस केवल विरोध ही विरोध करते जा रही है। उन्होंने कहा कि शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन काल में दो राष्ट्रपति के चुनाव का अवसर आया। भाजपा ने एक बार दलित को और दूसरी बार एक महिला आदिवासी को चुना जो जमीन से जुड़ी रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बाहरी और आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है। रक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है। अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया है। उन्होंने अग्निपथ योजना की भी सराहना की जो सेना को आधुनिक एवं अधिक दक्ष बनाएगी। देश में तीन हजार से अधिक रक्षा उपकरणों एवं साजोसामान के आयात पर रोक लगाने से मेक इन इंडिया को बल मिला है। शर्मा ने कहा कि असम एवं पूर्वोत्तर में भाजपा का गढ़ बन गया है। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु में भी भाजपा चमत्कार होगा और वहां भी भाजपा आएगी।
उन्होंने कहा कि आने वाले 30 से 40 वर्ष तक भाजपा देश में सत्ता में रहने वाली है और उसी के प्रयास से भारत विश्वगुरू बनेगा। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में भारत स्वास्थ्य ढांचे के क्षेत्र में विश्व के शीर्ष पांच देशों में से एक होगा। देश प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में विश्व नेता बन रहा है। पर्यावरण, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा आदि मुद्दों पर दुनिया श्री मोदी की बात सुन रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तीन प्रमुख अंग हैं -सभी नाम-अनाम आजादी के सिपाहियों का सम्मान होना, सभी सरकारों को अपने कार्यों का लेखा जनता के सामने रखना तथा आजादी के अमृत काल में हम सबका सामूहिक संकल्प कि भारत फिर से विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित हो। उन्होंने कहा कि विपक्ष भले ही हमारा मखौल उड़ाये लेकिन जनता का समर्थन हमें मिल रहा है।
राजनीतिक प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बारे में भी बात की और उनकी संघर्ष यात्रा को देश के सामने प्रमुखता से लाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने कई मर्तबा अपनी बात एवं सुझाव कार्यकारिणी के समक्ष रखे। देश के विभिन्न भागों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं खासकर उदयपुर में दर्जी कन्हैया कुमार की जिहादियों द्वारा हत्या किये जाने को लेकर पार्टी के रुख के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में शर्मा ने कहा कि भाजपा मानती है कि देश में सांप्रदायिकता की राजनीति का खात्मा तुष्टीकरण समाप्त करके हो सकता है।
कार्यकारिणी में तेलंगाना के बारे में एक सवाल पर शर्मा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने तेलंगाना समेत दक्षिण भारत के राज्यों में राजनीति पर चर्चा की और बहुत जल्दी तेलंगाना तमिलनाडु में कोई चमत्कार देखने को मिलेगा और भाजपा वहां सत्ता में आएगी। पूर्वोत्तर के विवादों को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के पहले पूर्वोत्तर के सभी विभाजनकारी मुद्दों एवं विवादों का समाधान करेंगे।
दो साल के पहले पूर्वोत्तर की सारी समस्याएं सुलझ जाएंगीं और भाजपा असम समेत पूर्वोत्तर में लंबे समय तक शासन में रहने वाली है। राजनीतिक प्रस्ताव के मूल तत्व के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि भाजपा मानती है कि सांप्रदायिकता और नकारात्मकता की राजनीति देश में सभी समस्याओं की जड़ है। देश में सुशासन एवं विकास की राजनीति स्थापित करने के लिए परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण को समाप्त करने की आवश्यकता और ऐसा करने पर देश की हर समस्या खत्म हो जाएगी।