शनिवार, 2 जुलाई 2022

यूपी: बड़े पैमाने पर कई जिलों के कप्तानों के तबादलें

यूपी: बड़े पैमाने पर कई जिलों के कप्तानों के तबादलें 

हरिओम उपाध्याय        
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश शासन ने शनिवार को बड़े पैमाने पर कई जिलों के कप्तानों के तबादलें कर दिए हैं। जिन जिलों के पुलिस अधीक्षक बदले गए हैं। उनमें मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मथुरा, गोरखपुर, गोंडा, अयोध्या, प्रयागराज के साथ-साथ गाजीपुर, बिजनौर, मिर्जापुर, कासगंज और अमेठी हैं।
शैलेश कुमार पांडे को अयोध्या से प्रयागराज, अजय कुमार को प्रयागराज से सीबीसीआईडी लखनऊ, रोहन बोत्रे को कासगंज से गाजीपुर, प्रशांत वर्मा को कन्नौज से अयोध्या, सहारनपुर के एसएससी आकाश तोमर को गोंडा का एसपी बनाया गया है। गाज़ीपुर के एसपी राम बदन सिंह को नोएडा कमिश्नरेट में तैनाती दी गई है। राजेश कुमार श्रीवास्तव कन्नौज के नए एसपी होंगे। गोरखपुर के एसएसपी विपिन टाडा सहारनपुर के नए एसपी होंगे। मथुरा के एसपी गौरव ग्रोवर गोरखपुर के एसएसपी होंगे। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव को मथुरा का एसपी बनाया गया है। अमरोहा के एसएसपी विनीत जायसवाल को मुजफ्फरनगर का एसपी बनाया गया है।
अमेठी के एसपी दिनेश सिंगर बिजनौर के एसपी होंगे। इलामारन जी को अमेठी का एसपी बनाया गया है। संतोष कुमार मिश्र गोंडा से मिर्जापुर एसपी के रूप में स्थानांतरित किए गए है। बीबी जीडीएस मूर्ति को कानपुर पुलिस कमिश्नर से कासगंज का एसपी बनाया गया है। आदित्य लाग्हे वाराणसी से अमरोहा के एसपी बनाए गए हैं।
मिर्जापुर के एसपी अजय कुमार सिंह वाराणसी में पीएसी के सेक्टर डीआईजी होंगे। बिजनौर के एसपी धर्मवीर को पीएसी स्थानांतरित किया गया है। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एसपी संजीव त्यागी को अयोध्या में इंटेलिजेंस का एसपी बनाया गया है। डॉ भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद में तैनात एसपी विजय ढुल को कानपुर कमिश्नरेट में डीसीपी के पद पर देहाती दी गई है। सीबीसीआईडी में एसपी राहुल राज को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी बनाया गया है।

'स्वदेशी मानव रहित' विमान की सफल उड़ान, इतिहास

'स्वदेशी मानव रहित' विमान की सफल उड़ान, इतिहास

नई दिल्ली/बेंगलुरु। डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने शनिवार को अपने पहले 'स्वदेशी मानव रहित' विमान की सफल उड़ान से इतिहास रच दिया। कर्नाटक ने चित्रदुर्ग में पूरी तरह से ऑटोनॉमस प्लेन ने सटीकता के साथ उड़ान पूरी की और परफैक्ट तरीके से जमीन पर लैण्ड हुआ। डीआरडीओ के इस मिशन को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत का एक अहम कदम बताया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह उड़ान भविष्य के मानवरहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण तकनीकियों को साबित करने के मामले में एक बड़ी कामयाबी मिली है।

यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्म निर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। बयान में कहा गया है कि इस मानवरहित प्लेन को वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) बेंगलुरू की ओर से डिजाइन और विकसित किया गया है जो डीआरडीओ की एक प्रमुख रिसर्च लैब है। यह विमान एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा ऑपरेट होता है। विमान के लिए उपयोग किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और फ्लाइट कंट्रोल स्वदेशी तौर पर विकसित है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह मानव रहित विमानों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है और इससे सेना में आत्मनिर्भर भारत का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

रूसी मिसाइल हमलों में 1 बच्चे सहित 21 लोगों की मौंत

रूसी मिसाइल हमलों में 1 बच्चे सहित 21 लोगों की मौंत

सुनील श्रीवास्तव 

मॉस्को/कीव। यूक्रेन के दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र में शनिवार की रात रूसी मिसाइल हमलों में एक बच्चे सहित कम से कम 21 लोगों की मौंत हो गई। जबकि छह बच्चों समेत 38 अन्य घायल हो गये। प्रांतीय आपातकालीन सेवा डीएसएनएस ने कहा कि सेरहिवका गांव में नौ मंजिला इमारत में एक मिसाइल के टकराने से 16 लोग मारे गये। वहीं हॉलिडे रिजॉर्ट पर अलग-अलग हमले में एक बच्चे समेत पांच लोगों की मौत हो गयीयूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक काला सागर के ऊपर रूसी युद्धक विमानों से तीन मिसाइलें दागी गयी है।

रूस ने पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन के शहरों पर दर्जनों मिसाइलें दागी हैं। रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने हालांकि इससे इंकार किया है कि हमले नागरिकों को लक्ष्य कर किये जा रहे हैं।

तालिबान का फिर से उभरना, प्रतिक्रियावादी घटना नहीं

तालिबान का फिर से उभरना, प्रतिक्रियावादी घटना नहीं

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान का फिर से उभरना, कोई प्रतिक्रियावादी घटना नहीं है। आंबेकर ने यहां एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में यह बात कही। वरिष्ठ पत्रकार अरुण आनंद द्वारा लिखित दो पुस्तकें - 'द तालिबान- वॉर एंड रिलिजन इन अफगानिस्तान' और 'द फॉरगॉटन हिस्ट्री ऑफ इंडिया' यहां कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में लॉन्च की गईं।
उन्होंने कहा कि भारत में पीएफआई, हमास, आईएसआईएस जैसे संगठनों के रूप में कई देशों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
उन्होंने कहा, इन घटनाओं को किसी ने नहीं भड़काया है, अगर किसी को ऐसा लगता है तो फिर से सोचने की जरूरत है।
अंबेकर ने रेखांकित किया, हर किसी को तालिबान के उदय के प्रकरणों को जानने की जरूरत है, उनकी मानसिकता और विचारधारा सभी को पता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तालिबान से जुड़े मुद्दों को समझना महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह हमारे पड़ोस में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को केवल राजनीतिक नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने कहा, जिस देश को आजादी मिलने के बाद विभाजन के आघात का सामना करना पड़ा और उसके नागरिक तालिबान के फिर से उभरने को कभी भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। यह पता लगाने के लिए मूल स्थान पर जाने की जरूरत है कि क्या हमारे देश से कोई लिंक जुड़ा हुआ है ?
उन्होंने कहा, हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या इन दिनों देश भर में हो रही घटनाएं ऐसी विचारधारा से जुड़ी हुई हैं.. क्या ऐसी विचारधाराएं हमारे देश में प्रवेश कर रही हैं या ऐसी घटनाओं का समर्थन करने वाले कोई संगठन उस विचारधारा से जुड़े हुए हैं? हम सभी को यह जानने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, हमें इसे ढकने से कुछ नहीं मिलेगा। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।
स्वतंत्रता संग्राम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग स्वतंत्रता आंदोलन को अपनी विचारधारा के अनुसार और राजनीतिक उद्देश्य के लिए देखते हैं, वह स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। उन्होंने कहा, इतिहास में आईएनए के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया गया है, यहां तक कि आजादी के बाद के दौर में आरएसएस पर भी ज्यादा ध्यान नहीं जाता है, लेकिन इतिहास को दबाया नहीं जा सकता।
नई पीढ़ी को विनायक दामोदर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस, बिरसा मुंडा के बारे में जानने की जरूरत है जो देश की एकता को मजबूत करेगा। नई पीढ़ी को पता होना चाहिए कि पहला संवैधानिक संशोधन क्यों किया गया था। उन्हें पता होना चाहिए कि भारत क्यों और कैसे विभाजित किया गया था। ताकि भविष्य में इसे दोबारा नहीं दोहराया जा सके।

मंदिर का मूल ढांचा व धार्मिक स्वरूप बदलने का आरोप

मंदिर का मूल ढांचा व धार्मिक स्वरूप बदलने का आरोप 

संदीप मिश्र 

वाराणसी। उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में एक स्थानीय अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंध समिति के सदस्यों पर इस परिसर में स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर का मूल ढांचा एवं धार्मिक स्वरूप बदलने का आरोप लगाते हुए इनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली अर्जी को खारिज कर दिया। वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने गत जितेन्द्र सिंह द्वारा 27 जून काे दायर अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने इस अर्जी को तथ्यों के आधार पर अपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया। इससे पहले एक और निचली अदालत द्वारा इस अर्जी को खारिज करने के फैसले को सही बताया।

गौरतलब है कि गत 14 जून को जिला अदालत में दायर इस अर्जी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का प्रबंधन संभाल रही अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गयी थी। अर्जी में दलील दी गयी है कि मस्जिद परिसर में स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर को मुगलों ने नष्ट कर दिया था। लेकिन मंदिर के मूल भाग को तहस नहस नहीं किया था, लेकिन कमेटी के सदस्यों ने इस मंदिर के मूल भाग का धार्मिक स्वरूप बदलने की काेशिश की है।

ईरान: भूकंप के तेज झटके महसूस, 6.1 तीव्रता मापी

ईरान: भूकंप के तेज झटके महसूस, 6.1 तीव्रता मापी

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत
तेहरान। ईरान में शनिवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रेक्टर स्कैल पर इनकी तीव्रता 6.1 मापी गई। यूएई और चीन तक जलजला महसूस किया गया। ईरानी मीडिया के अनुसार, देश के दक्षिणी हिस्से में में शनिवार तड़के 6.1 तीव्रता के भूकंप से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। ईरान के खाड़ी तट पर होर्मोज़गन प्रांत में आपातकालीन प्रबंधन के प्रमुख महरदाद हसनज़ादेह ने बताया, 'आठ अन्य लोग घायल हो गए हैं।' ईरानी मीडिया ने भूकंप की तीव्रता 6.1 बताई, जबकि यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप केंद्र (ईएमएससी) ने कहा कि इसकी तीव्रता 6.0 थी। ईएमएससी ने कहा कि भूकंप 10 किमी (6.21 मील) की गहराई पर था।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विभिन्न हिस्सों के निवासियों ने भी झटके महसूस किए। अच्छी बात यह है कि अब तक यूएई से किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है। ईरान में राहत तथा बचाव कार्य जारी है। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, चीन के झिंजियांग में आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे 10 किमी की गहराई पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। चीन से किसी नुकसान की खबर नहीं है।

हत्याकांड: आरोपियों के संबंध भाजपा से, खुलासा

हत्याकांड: आरोपियों के संबंध भाजपा से, खुलासा

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है, कि उदयपुर जघन्य हत्याकांड के आरोपियों के संबंध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं से होने का खुलासा हुआ है। इसलिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उदयपुर की विभत्स घटना के संदर्भ में कल एक मीडिया ग्रुप ने बेहद सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि कन्हैयालाल की हत्या के मुख्य आरोपी रियाज़ अटारी के सम्बन्ध भाजपा नेता इरशाद चैनवाला एवं मोहम्मद ताहिर से है और उनके सम्बंधों की तस्वीरें जगजाहिर हैं।

उन्होंने कहा कि इसी खुलासे में यह बात भी सामने आई है कि रियाज़ अटारी अक्सर राजस्थान भाजपा के कद्दावर नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया के कार्यक्रमों में भाग लेता रहा है। रियाज़ की राजस्थान भाजपा अल्पसंख्यक इकाई की बैठकों में शामिल होने की तस्वीरें भी सामने आई है।

महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने की साजिश: राउत

महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने की साजिश: राउत 

कविता गर्ग 
मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता एवं सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री का पद देकर महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने की साजिश रच रही है और वह शिवसेना की ताकत को कमजाेर करना चाहती है। राउत ने शनिवार को यहां संवाददताओं से बातचीत में कहा कि शिवसेना और ठाकरे एक सिक्के के दो पहलू हैं तथा ठाकरे जहां हैं, वहां शिवसेना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने और शिवसेना को हराने के लिए शिंदे के कंधे पर बंदूक रख कर चला रही है।राउत ने विश्वास व्यक्त किया कि शिवसेना का झंडा मुंबई में लहराता रहेगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर बात करते हुए सांसद राउत ने कहा कि श्री फडणवीस के लिए अपने नाम के आगे उपमुख्यमंत्री लिखना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि नयी राज्य सरकार को महाराष्ट्र और मुंबई दोनों के लिए बिना किसी राजनीतिक द्वेष के काम करना चाहिए।

भूस्खलन में 2 सुरक्षाकर्मियों सहित 7 लोगों की मौंत

भूस्खलन में 2 सुरक्षाकर्मियों सहित 7 लोगों की मौंत 

गीता गोवंडके/इकबाल अंसारी
इंफाल/मोरीगांव/दिसपुर। मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर भूस्खलन में दो सुरक्षाकर्मियों सहित असम के सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस हादसे में कम से कम 12 और कर्मचारी अब भी लापता हैं। पड़ोसी राज्य के तुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में बुधवार रात भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। जबकि 38 अन्य अभी भी लापता हैं।
मोरीगांव के उपायुक्त पी. आर. घरफालिया ने बताया कि जिले के चार लोगों के शव शुक्रवार को बरामद किए गए और उनकी पहचान की गई, जबकि एक की पहचान एक दिन पहले की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक मोरीगांव के पांच लोगों के भूस्खलन में मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। 
इस जिले से उसी जगह पर काम कर रहे कई अन्य लोग अब भी लापता हैं।’’ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को मोरीगांव जिले के 22 नामों की एक सूची साझा की थी जो रेलवे निर्माण स्थल पर लगे थे।
इनमें से पांच को बचा लिया गया, पांच की मौत की पुष्टि हो गई है और 12 अन्य का पता लगाया जाना बाकी है। भूस्खलन में मारे गए बजली जिले के रहने वाले सेना के जवान के पार्थिव शरीर को मणिपुर से विशेष विमान से राज्य लाया गया और उसके गांव ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
असम के कैबिनेट मंत्री पीयूष हजारिका, जिन्हें सरमा ने दुर्घटनास्थल पर खोजबीन और बचाव कार्यों की देखरेख के लिए प्रतिनियुक्त किया था, शनिवार को तुपुल पहुंचे। हजारिका ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के निर्देश पर मैंने मणिपुर के तुपुल में क्षेत्रीय सैन्य शिविर का दौरा किया, जो एक बड़े भूस्खलन से तबाह हो गया था।मैंने बचाव अभियान का भी जायजा लिया।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों में राज्य को हर संभव साजो-सामान मुहैया करा रही है। मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं और मैं मृतकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

गला काटकर निर्मम हत्या के मामलें में जांच के निर्देश

गला काटकर निर्मम हत्या के मामलें में जांच के निर्देश

पंकज मिश्रा
अमरावती। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अमरावती में एक 54 वर्षीय व्यक्ति की गला काटकर निर्मम हत्या के मामलें की जांच के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्री के कार्यालय ने शनिवार को एक ट्वीट कर यह जानकारी दी। ट्वीट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र के अमरावती में गत 21 जून को उमेश कोल्हे की निर्मम हत्या से संबंधित मामलें की जांच एनआईए को सौंप दी है।
जांच एजेंसी से इस मामले में किसी संगठन की भूमिका या सम्बन्धित साजिश का अंतरराष्ट्रीय संबंध होने की गहराई से जांच करने को कहा गया है। रिपोर्टों के अनुसार कोल्हे कि गत 21 जून को रात को उस समय चाकू से निर्मम हत्या कर दी गई जब वह अपनी दुकान से घर लौट रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की बात कही जा रही है कि उनकी हत्या भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा के विवादास्पद पोस्ट का समर्थन करने के कारण की गई है।
अमरावती पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि यह हत्या भी राजस्थान के उदयपुर हत्याकांड की तर्ज पर ही की गई है। उल्लेखनीय है कि उदयपुर हत्याकांड की जांच भी एनआईए को ही सौंपी गई है।

अलविदा: अभिनेता दास का 30 साल की उम्र में निधन

अलविदा: अभिनेता दास का 30 साल की उम्र में निधन

कविता गर्ग/इकबाल अंसारी
मुंबई/चेन्नई। अभिनेता किशोर दास ने महज 30 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया। इस खबर के सामने आते ही उनके फैंस और करीबी काफी स्तब्ध है। बीते कई समय से लगातार मनोरंजन जगत से दुखद खबरें सामने आ रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को मनोरंजन जगत से ऐसे ही एक दुख भरी खबर सुनने को मिली। दरअसल, इंडस्ट्री के मशहूर कलाकार किशोर दास का निधन हो गया है। जाने-माने असमिया अभिनेता के निधन से हर कोई सदमे में है। अभिनेता ने महज 30 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया। इस खबर के सामने आते ही उनके फैंस और करीबी काफी स्तब्ध है।
अभिनेता ने शनिवार दो जुलाई को चेन्नई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। जानकारी के मुताबिक वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। इस बीमारी को हराने के लिए वह काफी समय से इलाज भी करा रहे थे, लेकिन लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार शनिवार को वह जिंदगी से जंग हार गए। अभिनेता के निधन की खबर से मनोरंजन जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक नेता किशोर दास चेन्नई से पहले गुवाहाटी में अपना इलाज करा रहे थे। लेकिन हालत में कोई भी सुधार ना होने की वजह से उन्हें चेन्नई रेफर कर दिया गया था। बता दें कि एक्टर को इसी साल मार्च में एडवांस ट्रीटमेंट के लिए चेन्नई भेजा गया था। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर के अलावा किशोर कोरोना वायरस के भी शिकार थे। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि उनकी मौत की वजह कोरोना जैसी खतरनाक महामारी है।
कैंसर के दौरान कोरोना होने की वजह से उनकी सेहत लगातार बिगड़ती चली गई, जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। गौरतलब है कि असमिया अभिनेता किशोर दास एक मशहूर कलाकार थे, जिन्होंने कभी 300 म्यूजिक एल्बम में काम किया था। उनका गाना तुरूत तुरूत असमी इंडस्ट्री का नंबर वन गाना साबित हुआ था। फिल्मों और गानों के अलावा वह टीवी जगत में भी जाने-माने कलाकार थे। साथ ही उन्होंने कई शॉर्ट फिल्मों में भी अहम किरदार निभाए थे।

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिले के सभी तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया ग...