रविवार, 26 जून 2022

G7 की बैठक में शामिल होने के लिए जर्मनी पहुंचे, पीएम

G7 की बैठक में शामिल होने के लिए जर्मनी पहुंचे, पीएम

अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/बर्लिन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जर्मनी पहुंचे हैं। पीएम मोदी यहां G7 की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। इस दौरान उनका एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। आधिकारिक बयान में बताया गया कि वह G7 देशों और अतिथि देशों के साथ पर्यावरण, ऊर्जा, जलवायु, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, आतंकवाद, लैंगिक समानता और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी G7 और अतिथि देशों के साथ बैठक करेंगे और समकालीन मुद्दों पर बातचीत करेंगे। जर्मनी में आयोजित G-7 शिखर सम्मलेन में पीएम मोदी दो सत्रों को संबोधित भी कर सकते हैं। खबर है कि वे जिन सत्रों को संबोधित करेंगे उनमें एक सत्र पर्यावरण, उर्जा और जलवायु से संबंधित होगा। वहीं दूसरा सत्र खाद्य सुरक्षा और लैंगिक सामनता को लेकर होगा। वहीं इस सम्मलेन के दौरान ही वह कई राष्ट्रों के प्रमुखों से साथ बैठकें भी करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने अनुसार जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात में लगभग 60 घंटे के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के समूह G7 की बैठक में भाग लेने के अलावा कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को कहा था कि मोदी शिखर सम्मेलन से इतर G7 और अतिथि देशों के नेताओं साथ द्विपक्षीय मुलाकात और चर्चा करेंगे।G7 शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन संघर्ष, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु सहित महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होगी। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि G-7 शिखर सम्मेलन में विशेष आमंत्रित के रूप में भारत की भागीदारी वैश्विक चुनौतियों के समाधान खोजने में नई दिल्ली की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए विश्व समुदाय द्वारा जुड़े महत्व को दर्शाती है।

तंत्र विद्या का चक्कर, युटेरस-आंत बाहर निकाली

तंत्र विद्या का चक्कर, युटेरस-आंत बाहर निकाली
विमलेश यादव   
गढ़वा। मानवत को शर्मसार कर देने वाला मामला झारखंड के गढ़वा जिले का है। श्रीबंशीधर नगर थाना क्षेत्र के जंगीपुर उरांव टोला टोला निवासी मुन्ना उरांव की 26 वर्षीय पत्नी गुड़िया देवी को भूत-प्रेत के चक्कर में उसकी सगी बहन ललिता देवी और बहनोई दिनेश उरांव ने पति, सास, देवर और देवरानी के सामने बलि चढ़ा दी। तंत्र-मंत्र के दौरान गुड़िया देवी की सबसे पहले जीभ काटी गई। इसके बाद प्राइवेट पार्ट के जरिए उसकी यूटेरस और आंत भी बाहर निकाल ली गई। तड़प-तड़पकर गुड़िया ने दम तोड़ दिया। घटना पिछले मंगलवार की है। मृतका गुड़िया की बहन ललिता देवी और बहनोई दिनेश उरांव मेराल थाना क्षेत्र के दलेली गांव के रहने वाले हैं। घटना के बाद से सभी आरोपित फरार हैं। 
अपनी सगी बहन की बलि चढ़ाने वाली ललिता ने हत्या का विरोध करने पर मृतका गुड़िया की देवरानी उषा देवी पर भी जानलेवा हमला किया। उषा देवी की नजरों के सामने घटित हत्या की घटना से वह काफी डरी सहमी हुई है। उषा ने बताया कि सब कुछ मेरी आंखों के सामने घटित हुआ है। उषा ने बताया कि ‘मैं रामशरण उरांव के घर नहीं जा रही थी, पर जेठानी गुड़िया उसे व उसके पति शंभू उरांव और सास को भी ले गई। वहां जाने पर उसकी जेठानी गुड़िया खेलने-दरशने लगी और उस पर भी खेलने का दबाव बनाया गया। जब उसने कहा कि उसे कोई भूत-प्रेत नहीं लगा है, तो उसे उसकी जेठानी ने बांस के डंडे से मारा। जिससे वह बेहोश हो गई। थोड़ी देर बाद जब होश में आई तो देखा कि उसकी जेठानी के मुंह में हाथ डालकर उसकी बहन ने जीभ बाहर निकाली और काट दी। यूटेरस और आंत भी बाहर निकाल ली। गुड़िया के बहन, बहनोई व अन्य लोग उसे इलाज के बहाने रंका ले गए और वहीं शव को जला दिया।’
पुलिस ने मृतिका के पति मुन्ना उरांव, रामशरण उरांव उर्फ गोटा के दो पुत्र व दो बहू, रंका थाने के खूरा गांव निवासी मृतका के पिता त्रिवेणी उरांव व भाई धनंजय उरांव को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अवैध महुआ शराब कारोबारी रामशरण उरांव की भूमिका संदिग्ध है। हत्या के बाद रामशरण भी अपने घर से फरार है।

निरंतर प्रयास से सफलता मिलती है, सीएम धामी

निरंतर प्रयास से सफलता मिलती है, सीएम धामी

पंकज कपूर   
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम को सुना। मन की बात कार्यक्रम को सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मन की बात कार्यक्रम हम सभी को आगे बढने के लिए प्रेरित करता है। आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी ने आपातकाल का जिक्र कर बताया कि किस तरह से देश की महान जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से आपातकाल को हटा कर फिर से लोकतंत्र स्थापित किया। लोकतंत्र इस देश की संस्कृति का मूल आधार है। 

प्रधानमंत्री जी ने एथलीट नीरज चोपड़ा और क्रिकेटर मिताली राज के बारे में भी बताया। दोनों खिलाडियों ने साधारण पृष्ठभूमि से होते हुए भी अपनी मेहनत, जुनून और योग्यता से देश का मान सम्मान बढ़ाया है। देश के युवाओं को इनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। निरंतर प्रयास करने वालों को निश्चित रूप से सफलता मिलती है। 

रामपुर-आजमगढ़ सीट पर भाजपा की जीत हुई

रामपुर-आजमगढ़ सीट पर भाजपा की जीत हुई

हरिओम उपाध्याय  
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में रामपुर से भाजपा के घनश्याम लोधी ने जीत हासिल कर ली है। वहीं, आजमगढ़ में भी बीजेपी के निरहुआ जीत गए हैं। इस तरह 2019 में दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने वाली सपा रामपुर और आजमगढ़ दोनों सीटों पर हार गई है। रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के बाद आखिरकार समाजवादी पार्टी के आजम खां का किला ढह गया। आजम खां द्वारा छोड़ी गई लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने आजम खां के करीबी सपा प्रत्याशी मौहम्मद आसिम राजा को हरा दिया।

बता दें कि रामपुर को सपा नेता आजम खां का गढ़ माना जाता है। यहां से भाजपा की जीत को बड़ी जीत माना जा रहा है। निर्वाचन आयोग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने आजम खान के अति करीबी माने जाने वाले मौहम्मद असीम राजा को 42048 वोटों से हरा दिया है। भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने जीतने के बाद कहा कि मैं अपनी जीत पार्टी के कार्यकर्ताओं को समर्पित करता हूं। उन्होंने दिन-रात मेहनत की। मैं रामपुर के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। भाजपा हमेशा से जनता के विकास के लिए काम करती रही है। वहीं, दूसरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गढ़ आजमगढ़ में भी भाजपा ने बाजी मारी है। आजमगढ़ लोकसभा सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी भोजपुर फिल्मो के हीरो दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव से 11212 मतों से जीत गए है। सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- परिवादवाद को जनता स्वीकार नहीं करेगी।

योगी परिवारवादी, साम्प्रदायिक, जातिवादी, माफिया ताकतों को जनता ने आज स्पष्ट सन्देश दिया है। जनता ऐसे लोगों को किसी तरह स्वीकार करने को तैयार नहीं है। बीजेपी के नेतृत्व में सकारात्मक सोच और कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढाने के अभियान की विजय है। यूपी में 2024 के चुनाव का ये दूरगामी सन्देश है‌। यूपी में 80 में से 80 सीटें जीतने का संदेश आज जनता ने दिया है। कार्यकर्ताओं ने कठिन चुनौती पर सफलता प्राप्त करने के लिए जो मेहनत की, उसके लिए उन्हें बधाई है।

भूमि अधिकार आंदोलन सम्मेलन, 28 को पेस्टोरल सेंटर

भूमि अधिकार आंदोलन का सम्मेलन 28 को पेस्टोरल सेंटर, रायपुर में ; हन्नान मोल्ला, मेधा पाटकर, सुनीलम होंगे शामिल

दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की कॉरपोरेट लूट तथा इसके खिलाफ लड़ रहे संगठनों और कार्यकर्ताओं पर दमन के खिलाफ भूमि अधिकार आंदोलन का राज्य स्तरीय सम्मेलन 28 जून को पेस्टोरल सेंटर, बैरन बाजार, रायपुर में आयोजित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में भूमि से विस्थापन, पुनर्वास, पर्यावरण संरक्षण, आदिवासियों, दलितों व कमजोर तबकों के अधिकार और आजीविका जैसे मुद्दों पर काम कर रहे अनेक संगठनों और उनके प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इन आंदोलनों से जुड़े हन्नान मोल्ला, मेधा पाटकर, सुनीलम, बादल सरोज, प्रफुल्ल समंत्रा जैसे राष्ट्रीय नेता भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

यह जानकारी एक विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ल और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने दी। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण कानून में मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉरपोरेटपरस्त और किसान विरोधी संशोधनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान भूमि अधिकार आंदोलन का जन्म हुआ था, जिसने पूरे देश में चल रहे भूमि संघर्षों को संगठित और एकजुट करके मोदी सरकार के किसान विरोधी कदमों को मात दी थी। प्रदेश में भूमि संघर्षों को विकसित करने और प्राकृतिक और सामुदायिक संसाधनों की लूट के खिलाफ छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से जुड़े संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय छत्तीसगढ़ में हसदेव, सिलगेर, रावघाट, बेचाघाट, कोरबा, चांपा, रायगढ़, जशपुर व नया रायपुर में किसानों और आदिवासियों के महत्वपूर्ण संघर्ष चल रहे हैं। ये सभी संघर्ष भूमि की रक्षा, विस्थापन, पुनर्वास सुविधा, रोजगार व ग्रामीण समुदायों की आजीविका जैसे मुद्दों पर चल रहे है। भूमि अधिकार आंदोलन के सम्मेलन में इन संघर्षों में शामिल कार्यकर्ता अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे और इन संघर्षों को समन्वित तरीके से चलाने की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे, ताकि इन मुद्दों पर साझा आंदोलन विकसित किया जा सके और उसे मजबूत बनाया जा सके। सम्मेलन में शामिल होने वाले भूमि अधिकार आन्दोलन से जुड़े राष्ट्रीय नेता भी इसके लिए आवश्यक मार्गदर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर चल रहे संघर्षों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए इन आंदोलनों पर राज्य प्रायोजित दमन के खिलाफ भी आवाज बुलंद की जाएगी। ये दमन स्थानीय समुदायों को डराने-धमकाने, संविधान में निहित स्वशासन की अवधारणा को कुचलने तथा कॉरपोरेट लूट को सुगम बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिसके खिलाफ प्रदेश की सभी जनतांत्रिक ताकतों को लामबंद किया जाएगा। प्रदेश की काँग्रेस सरकार ने लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों पर जो गैर-कानूनी प्रतिबंध लगाए हैं, उसके खिलाफ भी आवाज़ बुलंद की जाएगी।

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन: गोयल

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन: गोयल
इकबाल अंसारी 
कोयंबतूर। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भरोसेमंद एवं निर्णायक नेतृत्व के साथ ही लोकतांत्रिक संरचना के चलते हर स्तर पर पारदर्शिता से भी भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन मिला है। वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री ने कहा कि देश ने एक स्थिर नीति ढांचे की घोषणा की है और सभी क्षेत्रों में किए गए प्रत्येक निवेश का सम्मान किया है। गोयल ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सहयोग से आयोजित सीआईआई के सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक में यह बात कही। इस बैठक का आयोजन भारत सरकार और इंवेस्ट इंडिया के साथ मिलकर शनिवार शाम को किया गया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में रविवार को कहा गया कि इस बैठक में कपड़ा, हल्के इंजीनियरिंग और आईसीटी क्षेत्रों के सदस्यों ने भाग लिया। गोयल ने कहा कि डीपीआईआईटी के सुधार वैश्विक वृद्धि के लिए भारतीय उद्योगों को सशक्त बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी नेटवर्क (डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क) की पेशकश से ग्राहक अपनी पसंद के विक्रेताओं के साथ सहजता से जुड़ सकेंगे। मंत्री ने कहा कि मौजूदा ई-कॉमर्स मंच प्रतिबंधात्मक हैं और ये डेवलपर की पसंद के उत्पादों का समर्थन करते हैं, लेकिन ओएनडीसी के जरिए एमएसएमई और स्टार्टअप अपने ग्राहकों के साथ जुड़ने में सक्षम हो सकते हैं।

संगरूर लोकसभा उपचुनाव में शिकस्त दी: मान

संगरूर लोकसभा उपचुनाव में शिकस्त दी: मान 

अमित शर्मा

चंडीगढ़। पंजाब संगरूर लोकसभा का उपचुनाव में सिमरनजीत सिंह मान ने जीता। उन्होंने आम आदमी पार्टी के गुरमेल सिंह को शिकस्त दी। आपको बता दें कि ये वही आम आदमी पार्टी है जिसने अभी विधानसभा चुनाव में 117 में 92 सीटें जीती थीं। आम आदमी पार्टी को संगरूर लोकसभा से उपचुनाव में करारी शिकस्त मिली है। अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान विजेता बने हैं। 

शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने संगरूर लोकसभा उपचुनाव जीत लिया है। यह हमारी पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि हमने इस उपचुनाव में सभी राष्ट्रीय दलों को हराया है। मेरी प्राथमिकता संगरूर की खराब आर्थिक स्थिति सहित कर्ज में डूबे किसानों की स्थिति का मुद्दा उठाना होगा। हम पंजाब सरकार के साथ काम करेंगे।पंजाब के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने वाली आम आदमी पार्टी आज संगरूर लोकसभा के उपचुनाव में अपनी ही जमीन पर शिकस्त खा गई। 

आपको बता दें कि इस सीट से पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान सांसद हुआ करते थे। अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान ने आप के उम्मीदवार को शिकस्त दे दी।इसके पहले भगवंत मान के सीएम बनने के बाद खाली हुआ संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के वोटों की गिनती आज सुबह से जारी हुई थी। आपको बता दें यहां मतदान प्रतिशत काफी कम रहा है। मतगणना से पहले ऐसा लग रहा था कि इस सीट पर आप, कांग्रेस, अकाली और बीजेपी के बीच टक्कर होगी लेकिन मुकाबला शिअद (ए) और आम आदमी पार्टी के बीच रहा जिसमें शिअद (ए) ने बाजी मारी।इस उपचुनाव में सिर्फ 45.30% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में, 72.40% मतदाता मतदान करने के लिए निकले थे। संगरूर संसदीय चुनावों में सबसे कम मतदान 1991 में हुआ था, जब केवल 10.9% लोगों ने मतदान किया था। यह वह समय था, जब पंजाब में आतंकवाद का बोलबाला था।

सबसे अधिक मतदान सीएम भगवंत मान के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ, जो कि 48.26% है। जबकि विधानसभा चुनाव जो सिर्फ चार महीने पहले हुआ था, तब 77.32% मतदान हुआ था। सबसे कम मतदान बरनाला विधानसभा क्षेत्र में हुआ है।आप ने संगरूर जिला प्रभारी गुरमेल सिंह को मैदान में उतारा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व धूरी विधायक दलवीर सिंह गोल्डी, जबकि भाजपा उम्मीदवार बरनाला के पूर्व विधायक केवल ढिल्लों हैं। ये 4 जून को ही पार्टी में शामिल हुए थे।

2014 के आम चुनावों में संगरूर लोकसभा क्षेत्र का मतदान प्रतिशत 77.21% था, जबकि 2009 के संसदीय चुनावों में यह 74.41% था। 2004 में इस संसदीय क्षेत्र से 61.6% मतदाताओं ने मतदान किया था, जबकि 1999 के चुनावों में 56.1% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 1998 के चुनावों में 60.1% मतदान हुआ था, जबकि 1996 के संगरूर लोकसभा चुनाव में यह 62.2% था।

“खरीद-फरोख्त” का आरोप, उच्च जांच की मांग

 “खरीद-फरोख्त” का आरोप, उच्च जांच की मांग 
कविता गर्ग  
मुंबई। शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक संकट को लेकर जम्मू में रविवार को प्रदर्शन किया और भाजपा पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने के वास्ते “खरीद-फरोख्त” में भूमिका होने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। शिवसैनिकों ने जम्मू के बाहरी इलाके चन्नी में पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का पुतला भी फूंका, जो पार्टी के अन्य विधायकों और निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा शासित असम के एक होटल में ठहरे हैं।
जम्मू कश्मीर शिवसेना के प्रमुख मनीष साहनी ने पत्रकारों से कहा, “ हम ठाकरे परिवार के बिना शिवसेना की कल्पना नहीं कर सकते हैं और जिन्होंने नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया है, वे गद्दार हैं जो एक राष्ट्रीय पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं जो महाराष्ट्र में सत्ता में आने के लिए बेताब है।” प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे साहनी ने दावा किया कि गुवाहाटी में शिवसेना के अधिकांश विधायकों को बंधक बनाकर रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा, “जब वे महाराष्ट्र की धरती पर लौटेंगे तो लोगों को असलियत पता चलेगी…प्रभाव, धनबल, ब्लैकमेलिंग और एजेंसियों के दुरुपयोग ने एमवीए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में बड़ी भूमिका निभाई है।” महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के पीछे भाजपा की कथित भूमिका की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि असम में भाजपा सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचने के बजाय ‘गद्दारों की मेजबानी’ कर रही है।

गृहमंत्री: ड्रग्स राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती

गृहमंत्री: ड्रग्स राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नशीली दवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बताते हुए कहा है कि इसके समूल नाश के लिए जन भागीदारी बेहद जरूरी है। शाह ने रविवार को नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ हर वर्ष 26 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर सिलसिलेवार ट्वीट में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ड्रग्स की समस्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। मोदी जी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने इस लड़ाई को समन्वयित और संस्थागत बनाया है। लेकिन इसके समूल नाश के लिए जनभागीदारी आवश्यक है, आइए हम सब मिलकर मोदी जी के ड्रग्स मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान दें।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, मोदी सरकार की ड्रग्स के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग व अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस पर मैं मोदी जी के ड्रग्स मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने में लगे राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के कर्मियों, गैर सरकारी संगठनों व इससे जुड़े वालंटियर्स को उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूँ।

50 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रकोप जारी

50 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रकोप जारी
सुनील श्रीवास्तव 
लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि 50 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप पर करीबी नजर रखी जानी चाहिए, लेकिन फिलहाल इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति घोषित करने की आवश्यकता नहीं है।

डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन समिति ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि प्रकोप के कई पहलू ‘‘असामान्य’’ थे और माना कि मंकीपॉक्स के खतरों पर वर्षों से गौर नहीं किया गया है। हालांकि, समिति ने कहा कि मंकीपॉक्स कुछ अफ्रीकी देशों में अब महामारी नहीं रह गया है।बयान के मुताबिक, ‘‘कुछ सदस्यों ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए हैं। हालांकि, समिति ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक को सर्वसम्मति से यह सुझाव देने का निर्णय लिया है कि मंकीपॉक्स को इस स्तर पर ‘‘वैश्विक आपातकाल की स्थिति’’ नहीं घोषित करना चाहिए।’’

हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने प्रकोप की ‘‘आपातकालीन प्रकृति’’ की तरफ इशारा किया है और कहा है कि इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए ‘‘तेजी से कदम उठाने’’ की जरूरत है।

समिति ने कहा कि प्रकोप पर ‘‘करीबी नजर रखने और कुछ हफ्तों के बाद स्थिति की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।’’

उसने यह भी कहा अगर कुछ नए घटनाक्रम सामने आते हैं-जैसे कि यौनकर्मियों के बीच प्रसार, अन्य देशों में या उन देशों में संक्रमण का फैलना, जहां पहले से ही मंकीपॉक्स के मामले हैं, मामलों की गंभीरता में वृद्धि या प्रसार की बढ़ती दर तो वह फिर से स्थिति का मूल्यांकन करने की सिफारिश करेगी।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधोनोम घेब्रेयेसस ने बृहस्पतिवार को उन देशों में मंकीपॉक्स के प्रसार को लेकर चिंता जताने के बाद आपातकालीन समिति की बैठक बुलाई थी, जहां पहले इस महामारी की सूचना नहीं थी।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘‘वर्तमान प्रकोप विशेष रूप से नए देशों और क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है और संवेदनशील आबादी के बीच इसके प्रसार का जोखिम बढ़ गया है, जिसमें कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।’’

मंकीपॉक्स के कारण मध्य और पश्चिम अफ्रीका में दशकों से लोग संक्रमित हुए हैं, लेकिन पिछले महीने तक एक ही समय में कई देशों में या प्रभावित मुल्कों की यात्रा न करने वाले लोगों में इस संक्रमण के मामले सामने नहीं आए थे।

आपातकाल, ‘लोकतंत्र को कुचलने’ का प्रयास: पीएम

आपातकाल, ‘लोकतंत्र को कुचलने’ का प्रयास: पीएम
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। 26 जून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत में 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान ‘लोकतंत्र को कुचलने’ का प्रयास किया गया था।
उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई और उदाहरण खोजना मुश्किल है, जहां लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से ‘तानाशाही मानसिकता’ को हराया।
रेडियो पर प्रसारित अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दिनों को याद किया और कहा कि उस दौरान सभी अधिकार ‘छीन’ लिए गए थे।
देश में 25 जून 1975 को आपातकाल लागू करने की घोषणा की गई थी, जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। 21 मार्च 1977 को आपातकाल हटा लिया गया था।
मोदी ने कहा, “आपातकाल के दौरान सभी अधिकार छीन लिए गए थे। इन अधिकारों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार शामिल था। उस समय भारत में लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतों, सभी संवैधानिक संस्थाओं, प्रेस, सब को नियंत्रण में ले लिया गया था।
उन्होंने कहा कि सेंसरशिप इतनी सख्त थी कि बिना मंजूरी के कुछ भी प्रकाशित नहीं किया जा सकता था।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे याद है, जब प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की तारीफ करने से इनकार कर दिया था, तब उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था, उन्हें रेडियो पर आने की अनुमति नहीं थी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कई प्रयासों, हजारों गिरफ्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बावजूद लोकतंत्र में भारतीयों का विश्वास नहीं डगमगाया।

मोदी ने कहा, “सदियों से हमारे भीतर बसे लोकतांत्रिक मूल्यों, हमारी रगों में बहने वाली लोकतंत्र की भावना की आखिरकार जीत हुई।
उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से आपातकाल से छुटकारा पाया और लोकतंत्र को बहाल कराया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “लोकतांत्रिक तरीकों से तानाशाही मानसिकता को हराने का दुनिया में ऐसा उदाहरण मिलना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, “आपातकाल के दौरान मुझे भी देशवासियों के संघर्ष का साक्षी बनने और उसमें योगदान देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्षों का जश्न मना रहा है, तब हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए। आने वाली पीढ़ियां भी इसे न भूलें।

सीएम धामी ने 'गुरुद्वारे' में मत्था टेका, प्रार्थना की

सीएम धामी ने 'गुरुद्वारे' में मत्था टेका, प्रार्थना की  पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गुरु नानक ज...