बुधवार, 22 जून 2022

सीमावर्ती सड़कों पर सुविधायें स्थापित करने की मंजूरी

सीमावर्ती सड़कों पर सुविधायें स्थापित करने की मंजूरी 
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सीमावर्ती सड़कों के विभिन्न इलाकों के 75 स्थानों पर सड़क किनारे सुविधायें स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य है पर्यटकों को बुनियादी सुविधायें प्रदान करना और सीमावर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को गति देना। इस कदम से स्थानीय लोगों के लिये रोजगार भी पैदा होंगे। सड़क किनारे स्थित इन सुविधाओं को ‘बीआरओ कैफे’ के नाम से जाना जायेगा।
बीआरओ की पहुंच दूर-दराज के सीमावर्ती इलाकों तक है और उन इलाकों की सामरिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वह उत्तरी और पूर्वी सीमाओं में सामाजिक-आर्थिक उन्नति की दिशा में भी काम करता है। 
इस तरह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थानों पर पर्यटकों की तादाद बढ़ी है। इन स्थानों पर आसानी से पहुंचना कठिन होता है। सख्त जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों वाली इन सड़कों पर पर्यटकों की आवाजाही को आरामदेह बनाने के लिये, सड़कों के किनारे बहुपयोगी सुविधायें तैयार करने की जरूरत है। यह कदम इन क्षेत्रों के प्रमुख पर्यटन सर्किटों को चिह्नित करने के बाद उठाया जा रहा है। चूंकि ये सड़कें दूर-दराज स्थित हैं और वहां तक पहुंचना कठिन है, इसलिये वहां व्यापारिक विकास होना मुश्किल हो जाता है। बीआरओ वहां पहले से कार्यरत है, इसलिये इन दूर-दराज के इलाकों में ऐसी सुविधायें उपलब्ध कराने का बीड़ा उसने खुद उठाया है।
इस योजना के तहत एजेंसियों के साथ मिलकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में सड़क किनारे सुविधायें विकसित तथा संचालित की जायेंगी। एजेंसियों को इसके लिये लाइसेंस दिया जायेगा और वे बीआरओ के दिशा-निर्देश में इन सुविधाओं की डिजाइन, निर्माण और संचालन करेंगी। सुविधाओं में दो पहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग, फूड प्लाजा/रेस्त्रां, महिलाओं, पुरुषों व दिव्यांगों के लिये अलग-अलग प्रसाधन सुविधा, फर्स्ट-एड सुविधा/एमआई कक्ष आदि का प्रस्ताव किया गया है। प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये लाइसेंस देने का कार्य पूरा किया जायेगा। समझौते की अवधि 15 वर्ष होगी और उसे पांच वर्ष की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। नीचे 75 बीआरओ कैफों का विवरण दिया जा रहा है।

राम-हनुमान का विरोध, बर्बादी का पुख्ता निशान

राम-हनुमान का विरोध, बर्बादी का पुख्ता निशान
कविता गर्ग  
मुंबई। महाराष्ट्र में आजकल हर तरफ हलचल है।शिवसेना के सैतीस विधायक बगावत कर गये!कभी बाला साहब ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना हिन्दुत्व का परचम लहराते सारे देश में अपनी पहचान हिन्दू वादी पार्टी का बना लिया था। जब भी शिवसेना का नाम आता उसका खूंखार स्वरूप दहाडते शेर के चेहरे के साथ भगवा ध्वज लिए बीर शिवाजी की गौरवशाली गाथा को अलंकृत करते नजर आता था।
बाला साहब ठाकरे के देहावसान के बाद पार्टी भी अवसान के तरफ घरेलू घमासान के जंग में बिदिर्ण हो गयी। हिन्दुत्व का चेहरा बदल गया। राम मन्दिर का विरोध, हनुमान चालीसा का विरोध, अजान पर घमासान के समर्थन से बर्रबादी का पुख्ता निशान छोड़ दिया। आज हालात बदल गये है। शिवसेना के कट्टर हिन्दूबादी चेहरों में सैंतीस उध्वठाकरे के तालिबानी मोह को देखते हुए बगावत का रास्ता बदल दिए। अब संकट के बादल उद्धव सरकार पर गहराता जा रहा है।
न इधर के हुए न उधर के। सहयोगी दल भी इस दल दल से बाहर निकलना चाहते हैं।बीजेपी की खामोश रणनिति गुल खिला दिया है। हिन्दुत्व का ऐजेन्डा सब पर भारी है।सबको बता दिया। सियासी चपला यूं ही खतरनाक आगाज के साथ नहीं चमक बिखेर रही है इसके लिए माकूल मौसम का इन्तजार था। अब महाराष्ट के सियासी आसमान पर बदलाव के काले बादल भी उमड़ने घुमडने लगे हैं।
अगर मौसम माकूल रहा तो हिन्दुत्व का पानी सुनामी बनकर कहर बरपा सकता है। उद्धव सरकार की जड़ें हिला सकता है। साधुओं की हत्या,पूर्वाचल के हिन्दी भाषी फिल्मी कलाकारों की हत्या,हनुमान चालीसा के पाठ पर सियासी खेल फिर जेल धीरे धीरे बगावत की आग को हवा दे रहा था। उद्धव सरकार के सामने बिकट समस्या है आगे नदी तो पीछे गहरी खाई है।जाए तो जाए कहां। अपने बगावत कर दिए। सहयोगी मिलावट कर दिए। ऐसे हालात महाराष्ट्र सरकार को खुली चुनौती मिल रही है।
हालांकि शिवसेना तथा बीजेपी का मीशन एक ही था फिर शिवसेना ने मूगालता पाल लिया अहम हो गया तालिबानी राज जैसे स्वयंभू बनकर राज चलाने का राम काज से विमुख हो गई पार्टी। नतीजा सामने है बदलाव का आगाज औकात पर आ गई सारी अथार्टी। देखिए आज होता क्या है। शिवसेना बीजेपी से मिलकर सरकार बनाती है। या फिर अपना निर्णय बदलती है।आज जो कुछ होगा ऐतिहासिक होगा। बस थोड़ा इन्तजार करें।

गर्भाशय में शिशु का शीश काट किया प्रसव: संवेदना

गर्भाशय में शिशु का शीश काट किया प्रसव: संवेदना
सुनील श्रीवास्तव  
इस्लामाबाद। भारत में अगर दंगाइयों पर कार्रवाई होने के बाद पता चलता है कि वो एक संप्रदाय विशेष से जुड़े हैं, तो पाकिस्तान पूरे विश्व में शोर मचाना शुरू कर देता है। लेकिन उसके अपने देश में अक्सर ऐसे समाचार आते हैं, जिनसे पता चलता है कि वहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं की क्या स्थिति है।
ताजा मामला पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के थारपारकर जिले का है। यहां एक हिन्दू महिला प्रसव पीड़ा होने पर निकटतम ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र गई। वहां कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं थीं, इसलिए अनुभवहीन लोगों ने ही उसका ऑपरेशन कर डाला या कहें कि ऑपरेशन के नाम पर दर्दनाक मजाक किया। ऑपरेशन करने वाले जब शिशु को निकाल नहीं पाए, तो उन्होंने गर्भाशय में ही शिशु का सर काट कर शेष शरीर बाहर निकाल दिया।
बच्चे का सर पेट में ही बना रहा।
इस कारण पीड़ित महिला की तबीयत बिगड़ गई। उसे पास के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भी कोई विशेषज्ञ नहीं था। इसके बाद किसी तरह उसे पाकिस्तानी हैदराबाद के लियाकत यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में लेकर आया, जहां विशेषज्ञों ने किसी तरह महिला की जान बचाई। सिंध की सरकार ने रविवार का मामला वायरल होने पर जांच के आदेश दे दिए हैं। सिंध स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक डॉ. जुमान बहोतो के अनुसार ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र पर कुछ कर्मचारी पीड़ित महिला की फोटो ले रहे थे और इस दौरान वीडियो भी बनाया गया। यही नहीं, इसको व्हाट्स एप के कई ग्रुपों में भी भेजा गया। अब इसकी भी जांच होगी।
यह सुनने में अच्छा लगता है कि चिकत्सकीय लापरवाही का संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान ने जांच शुरू कर दी है। पर क्या पीड़ित हिन्दू महिला को न्याय मिलेगा। यहां हम पीड़िता को बार-बार हिन्दू महिला इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की कभी कोई सुनवाई नहीं होती। अक्सर हिन्दुओं के मंदिर तोड़ दिए जाते हैं। प्रमुख आरोपियों को आज तक सजा नहीं मिली।इसलिए यह लगातार चल रहा है‌।हिन्दुओं की जनसँख्या उनके धर्मांतरण के कारण लगातार कम हो रही है। इसके लिए भी कभी कोई ठोस कदम पाकिस्तान ने नहीं उठाया।

जलाभिषेक को प्लास्टिक मुक्त रखने का विशेष प्लान

जलाभिषेक को प्लास्टिक मुक्त रखने का विशेष प्लान
सत्येंद्र पंवार 
मेरठ। मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने 14 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलने वाली कांवड़ यात्रा एवं विभिन्न शिव मंदिरों पर महाशिवरात्रि मेले को लेकर बैठक की। इसमें जिलाधिकारी ने कांवड़ यात्रा से लेकर विभिन्न मंदिरों पर जलाभिषेक तक के कार्यक्रमों को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए विशेष प्लान तैयार किया है। डीएम ने कहा कि पूरे कार्यक्रम को प्लास्टिक मुक्त बनाये जाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएं।कांवड यात्रा मार्गों को तत्काल गड्डा मुक्त कराना सुनिश्चित करें। साथ ही स्वच्छ पेयजल, घाटों का निर्माण, साफ-सफाई, शौचालय, गोताखोरों की सूची, प्रकाश व्यवस्था, जर्जर ताल, पोल, अनवरत विद्युत संचालन की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने इस दौरान कहा कि संवेदनशील स्थानों का चिन्हांकन कर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने सुनिश्चित किये जाएं। उन्होंने निर्देशित करते हुये कहा कि संबंधित अधिकारियों का डयूटी चार्ट बनाते हुये रोस्टर के अनुसार डयूटी लगाई जाए तथा कंट्रोल रूम संचालित किया जाए। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी मार्गों पर पूर्व के वर्षों में लगाये गये शिविर का अवलोकन करते हुये संबधित क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट शर्तों के अधीन शिविर लगाये जाने हेतु अनुमति प्रदान करेंगे।
पंडाल और भंडारे के लिए माननी होंगी शर्तें
डीएम ने संबंधित अधिकारियों को पंडाल, शिविर भंडारे लगाने की अनुमति शर्तों के अनुसार देने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाये कि कोई भी पंडाल सड़क के बिल्कुल पास में नहीं लगाये जाएं। जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुये कहा कि संबंधित एसडीएम एवं सीओ अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण करते हुये पूरा रूट चार्ट तैयार कर आवश्यकतानुसार एक्शन लें।संवेदनशील स्थानों का चयन करते हुये अभी से आवश्यक कार्रवाई करें।
मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि सभी संबंधित विभाग विभागवार नोडल नामित कर लें तथा संबंधित सीओ, एसडीएम रूटों का ठीक प्रकार से भ्रमण कर स्थानीय स्तर पर बैठक कर कार्रवाई सुनिश्चित कर लें। कांवड यात्रा वाले मार्गों पर पड़ने वाले होटल, ढाबों के स्वामियों से वार्ता करते हुये खाने की रेट लिस्ट प्रत्येक ढाबे पर निर्धारित स्थान पर लगाने के लिए कार्रवाई समय से कर ली जाए।

'इंडियन पुलिस फोर्स' से शिल्पा की डिजिटल जर्नी

'इंडियन पुलिस फोर्स' से शिल्पा की डिजिटल जर्नी
कविता गर्ग  
मुंबई। शिल्पा शेट्टी अब सिल्वर स्क्रीन के बाद शिल्पा ओटीटी पर छा जाने के लिए तैयार है। वह डायरेक्टर रोहित शेट्टी  की ‘इंडियन पुलिस फोर्स’  से अपनी डिजिटल जर्नी की शुरुआत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसी बीच शिल्पा ने ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ को ज्वाइंन करने का असली कारण बताया है। उन्होंने एक बातचीत में खुलासा है कि उन्हें इस प्रोजेक्ट में काम करने के लिए किसने राजी किया और वह किन वजहों से रोहित शेट्टी के साथ करने कर रही हैं।
आपको बता दें कि ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ एक ऐसी वेब सीरीज है, जिसके जरिए खुद रोहित शेट्टी ओटीटी की दुनिया में कदम रखने जा रहे हैं। पुलिस फोर्स पर आधारित इस वेब शो में शिल्पा के अलावा सिद्धार्थ मल्होत्रा और विवेक ओबेरॉय भी हैं। शिल्पा की तरह सिद्धार्थ-विवेक भी अपना ओटीटी डेब्यू करने जा रहे हैं। इस शो इन सभी का शानदार एक्शन देखने को मिलने वाला है। इस वेब सीरीज में शिल्पा शेट्टी कॉप का रोल निभाते हुए दिखाई देंगी।
रोहित शेट्टी का बड़ा फैन है शिल्पा का बेटा
शिल्पा शेट्टी ने ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ के साथ बातचीत में खुलासा करते हुए बताया कि उनका बेटा वियान डायरेक्टर रोहित शेट्टी का बड़ा फैन है।इसलिए जब उनके बेटे को पता चला कि उनकी मां (शिल्पा) को रोहित शेट्टी की फिल्म में अभिनय करने का प्रस्ताव दिया मिला है तो वह वह खुशी से उछलने लगा।इसके बाद उनके बेटे ने उनसे इस फिल्म को करने लिए कहा।
वियान की वजह हुईं राजी
आगे बातचीत में अदाकारा ने ये भी बताया कि उन्होंने रोहित शेट्टी के इस प्रोजेक्ट को सिर्फ अपने बेटे वियान कुंद्रा की वजह से साइन किया है। शिल्पा के अनुसार, उनके बेटे ने ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ में शामिल होने के लिए उन्हें राजी किया था और यही एकमात्र कारण है कि वह फिल्म कर रही हैं।
आगे शिल्पा शेट्टी ने यह भी याद किया कि जब उन्हें बताया गया कि रोहित उन्हें फिल्म में लेना चाहते हैं तो उन्हें शुरू में लगा कि कोई उनके साथ मजाक कर रहा है। उन्होंने कहा, “जब पहली मुझे किसी के जरिए ये पता चला कि रोहित मुझसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है और चाहता है कि मैं उसके प्रोजेक्ट में एक भूमिका निभाऊं तो मुझे लगा कि वे मजाक कर रहे हैं। जब उन्होंने मुझसे बात की, तो मैंने कहा कि मुझे इसके बारे में सोचने दो और मैंने अंत में इसके के लिए राजी हो गई।

जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के आरोप गलत व बेबुनियाद

जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के आरोप गलत व बेबुनियाद 
संदीप मिश्र  
लखनऊ। 3 और 10 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर और प्रयागराज समेत 9 जिलों में भड़की हिंसा पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में लगाए गए आरोपों को यूपी सरकार ने गलत और बेबुनियाद ठहराया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा गया है कि जो भी कार्रवाई की गई है वह नियमों के मुताबिक है। हलफनामा में जमीयत की याचिका को ख़ारिज करने की मांग भी की गई है‌।
न्यूज़ 18 के हाथ लगे यूपी सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने जो आरोप यूपी सरकार पर लगाये है वह गलत और बेबुनियाद है। सरकार ने कहा कि इस मामले में कोई भी प्रभावित पक्ष कोर्ट में नहीं आया है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों पर कानून के मुताबिक सीआरपीसी और आईपीसी के तहत कार्रवाई की जा रही है, लिहाजा जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की याचिका खारिज की जाए।
दाखिल किया 63 पेज का हलफनामा
उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव गृह राकेश कुमार मालपानी ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत संलग्नक सहित 63 पेज का हलफनामा दाखिल किया है। इसमें इसमें 11 पेज हलफनामे के हैं। हलफनामे के साथ जावेद अहमद के घर पर लगा राजनीतिक दल का साइन बोर्ड, नोटिस सभी चीजें कोर्ट को भेजी गई हैं। हलफनामे में कहा गया है कि बुलडोजर चलाकर अवैध रूप से निर्मित संपत्ति ढहाई गई है। ये प्रक्रिया तो काफी पहले से चल रही है। लिहाजा ये आरोप गलत है कि सरकार और प्रशासन हिंसा के आरोपियों से बदले की कार्रवाई कर रही है।
प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड का घर हुआ था ध्वस्त
गौरतलब है कि 10 जून को प्रयागराज में अटाला क्षेत्र में हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार मास्टरमाइंड जावेद पंप का घर 12 जुलाई को पुलिस प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट मने याचिका दाखिल कर बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम आदेश पारित करने की मांग की गई थी।

महाराष्ट्र के राज्यपाल की तबीयत बिगड़ी, भर्ती

महाराष्ट्र के राज्यपाल की तबीयत बिगड़ी, भर्ती
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को बुधवार को दक्षिण मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। भगत सिंह कोश्यारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी तबियत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को बुधवार को दक्षिण मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। भगत सिंह कोश्यारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी तबियत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। एक अधिकारी ने कहा कि कोश्यारी (80), जिन्हें हमेशा सार्वजनिक कार्यक्रमों में फेस मास्क पहने देखा जाता है, को रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह बताया गया है कि राज्य के 80 वर्षीय राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को परीक्षण के बाद दक्षिण मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राज्यपाल को कथित तौर पर कोविड के उचित व्यवहार का पालन करते हुए सार्वजनिक रूप से मास्क पहने हुए सभी प्रकार की सावधानियां बरतते हुए देखा गया था। इस बीच महाराष्ट्र ने मंगलवार को पिछले चौबीस घंटों में 3,659 नए कोविड -19 मामले दर्ज किए। एक दिन पहले से 55% की वृद्धि दर्ज करते हुए सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 24915 हो गई। मंगलवार के कुल मामलों में मुंबई में ही 1,781 शामिल थे।

गुणवत्ता से समझौता किए बिना काम करने का निर्देश

गुणवत्ता से समझौता किए बिना काम करने का निर्देश
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को शांतिवन क्रॉसिंग से राजघाट तक 500 मीटर की दूरी पर सड़कों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को गुणवत्ता से समझौता किए बिना तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मानकों के अनुसार दिल्ली की सड़कों का सौंदर्यीकरण राष्ट्रीय राजधानी को एक नई पहचान देगा और निवासियों को गौरवान्वित महसूस कराएगा।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पहले चरण में पायलट आधार पर 16 सड़कों को बदल रही है, जबकि बाद में 540 किलोमीटर पीडब्ल्यूडी सड़कों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
बयान में कहा गया, “कार्य की गति का संज्ञान लेते हुए उपमुख्यमंत्री ने इंजीनियरों की खिंचाई की और उन्हें तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया।
सिसोदिया ने उन्हें मानसून के मौसम का लाभ उठाने और इस दौरान खंड पर वृक्षारोपण पूरा करने का भी निर्देश दिया।हमारा उद्देश्य दिल्ली सरकार के तहत सभी सड़कों को पैदल चलने वालों के अनुकूल बनाना और दिल्ली के निवासियों को एक सुखद यात्रा अनुभव प्रदान करना है। स्ट्रीट स्कैपिंग प्रोजेक्ट के तहत, दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में कई सड़कों को कम करने, फिर से डिजाइन करने और सौंदर्यीकरण करने पर काम कर रही है।
सिसोदिया के हवाले से बयान में कहा गया है, “सड़कों को नया स्वरूप देने से अड़चनें खत्म होंगी और सड़क के सौंदर्य में सुधार होगा, जिसमें खुली हवा में बैठने की जगह, बाधा रहित पैदल क्षेत्र, सजावटी वृक्षारोपण, साइकिल ट्रैक जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में 1300 किमी सड़क है, जबकि अन्य सड़कें एमसीडी और डीडीए के अधीन हैं। सड़कों के सौंदर्यीकरण में पैदल चलने वालों के लिए पैदल चलने वालों के अनुकूल फुटपाथ, वृक्षारोपण के माध्यम से हरित मार्ग का विकास, खुली हवा में बैठने की जगह, साइकिल ट्रैक, सेल्फी पॉइंट, पानी के एटीएम, शौचालय और स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सार्वजनिक सुविधाएं शामिल होंगी।
सड़कों के नए सिरे से डिजाइन होने के बाद सड़क के चारों ओर हरियाली काफी बढ़ जाएगी। सड़कों के दोनों ओर हरित पट्टी का रखरखाव किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इससे न सिर्फ सड़कें खूबसूरत होंगी बल्कि सड़कों पर धूल प्रदूषण की समस्या भी खत्म होगी।

C30 सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन: दावा

C30 सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन: दावा
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। रियलमी इंडिया ने अपने नए एंट्री लेवल फोन को भारत में लॉन्च कर दिया है। रियलमी C30 के साथ अल्ट्रा स्लिम वर्टिकल स्ट्रिप डिजाइन है। इसके अलावा रियलमी C30 को लेकर दावा है कि अपनी सेगमेंट में यह सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन है। रियलमी C30 का वजन 182 ग्राम है। रियलमी C30 में यूनीसोक T612 प्रोसेसर के साथ 5000mAh की बैटरी दी गई है जिसे लेकर 45 दिनों के स्टैंडबाय का दावा किया गया है।
रियलमी C30 की कीमत
रियलमी C30 के 2GB रैम के साथ 32GB स्टोरेज की कीमत 7,499 रुपए है, वहीं 3GB रैम के साथ 32GB स्टोरेज की कीमत 8,299 रुपए है। फोन को लेक ब्लू, बंबू ग्रीन और डेनिम ब्लैक कलर में खरीदा जा सकेगा। फोन की पहली सेल 27 जून को दोपहर 12 बजे फ्लिपकार्ट के अलावा ऑफलाइन स्टोर से होगी।
रियलमी C30 में 6.5 इंच की HD+ डिस्प्ले दी गई है। इसके अलावा इस फोन में 3GB तक रैम और 32GB तक की स्टोरेज मिलता है। फोन में यूनिसोक T612 प्रोसेसर है जिसकी क्लॉक स्पीड 1.82GHz है।
कैमरे में 8 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। कैमरे के साथ AI का सपोर्ट है। कनेक्टिविटी ऑप्शन में 3.5mm हेडसेट जैक, माइक्रोUSB, ब्लूटूथ 5.0 और साइड माउंटेड फिंगर प्रिंट सेंसर दिया है।

बगावत: 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग

बगावत: 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग 
कविता गर्ग  
मुंबई। महाराष्ट्र में राकांपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाली पार्टी शिवसेना की सरकार को अपने ही पार्टी के नेताओं के बगावती तेवर का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव सरकार के खिलाफ बगावत कर 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गए हैं। शिवसेना से बगावत करने वाले महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है। बीता दिनों सूरत के ला मेरिडियन होटल पहुंचने वाले एकनाथ शिंदे आज गुवाहाटी पहुंच गए हैं, जहां भाजपा के एक विधायक ने उनका स्वागत  किया।
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं और अस्पताल में एडमिट हैं। मीडिया से गुवाहाटी में बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने इसके संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि हमें 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है और जल्दी ही कुछ और हमारे साथ आ सकते हैं।
एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नेता संजय राउत के उस आरोप भी खारिज किया कि ज्यादातर विधायकों को जबरदस्ती ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि किसी पर भी दबाव नहीं डाला गया। हमारे पास 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि काम के लिए फंड न जारी होने के चलते विधायकों में नाराजगी थी। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे एक अलग गुट बना सकते हैं और इससे विधायकों की सदस्यता भी नहीं जाएगी। इसकी वजह यह है कि उनके पास जरूरी दो तिहाई विधायकों का समर्थन है। पार्टी को तोड़ने के लिए 37 विधायक जरूरी हैं और इतने लोगों की बगावत पर विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा।
सूरत से निकलने से पहले एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के साथ तस्वीरें शेयर कीं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है। हम बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे ले जाने वाले हैं। हम किसी के भी खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे की विचारधारा के लिए काम करना चाहते हैं। यही नहीं उद्धव ठाकरे की सरकार में एक और मंत्री संदीपन भुमरे ने कहा, ‘हम एकनाथ शिंदे के साथ हैं और हम शिवसेना का एक अलग गुट बनाने पर विचार कर रहे हैं। हम महसूस कर रहे हैं कि मौजूदा हालात में काम नहीं हो पा रहे हैं। विधायकों को लगता है कि विकास के लिए फंड का सही आवंटन नहीं किया जा रहा है।’
इस बीच एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के रवैये पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के चीफ ने एक तरफ मिलिंद नार्वेकर को मुझसे बातचीत के लिए भेजा है तो वहीं दूसरी तरफ विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा मेरे पुतले जलाए गए हैं और मुझे बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए विधायक दल के नेता की नियुक्ति नियमों से अलग है। इसके लिए सभी विधायकों की मीटिंग बुलानी चाहिए थी और ज्यादातर तो मेरे ही साथ हैं। बता दें कि शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटाकर अजय चौधरी को यह जिम्मेदारी सौंपी है।

भूकंप आने से 130 से अधिक लोगों की मौत हुई

भूकंप आने से 130 से अधिक लोगों की मौत हुई
अखिलेश पांडेय 
काबुल। अफगानिस्तान में भयानक भूकंप आने से 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। भूकंप की तीव्रता 6.1 मैग्नीट्यूड बताई जा रही है।न्यूज एजेंसी रायटर्स के हवाले से खबर है कि अफगानिस्तान में तीव्र भूकंप आने से 130 लोगों की मौत हो गई है। राहत और बचाव कार्य के लिए एजेंसियां मौके पर पहुंच चुकी है। लोगों को बचाने और घायलों को अस्पताल में पहुंचाने का काम जारी है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने कहा कि बुधवार तड़के 6.1 तीव्रता के भूकंप ने घनी आबादी वाले अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों को हिला दिया। अफगानिस्तान अधिकारियों ने कहा काफी लोगों के हताहत होने की आशंका है।यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप दक्षिणपूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त शहर से लगभग 44 किमी (27 मील) दूर 51 किमी की गहराई पर आया। तालिबान प्रशासन के प्राकृतिक आपदा मंत्रालय के प्रमुख, मोहम्मद नसीम हक्कानी ने कहा कि वे आगे की जांच पूरी करने के बाद एक अपडेट देंगे।
अफगानिस्तान के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यहां भूकंप से 130 से अधिक लोगों के मौत की पुष्टि की है। मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक मौतों का आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि भूकंप से 100 से ज्यादा घर तबाह हो गये हैं। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य में हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। वहीं सहायता के लिए एजेंसियों को आने के लिए कहा है। लेकिन भूकंप प्रभावित क्षेत्र दूरस्थ, इसलिए यहां मदद पहुंचने में थोड़ी देर हो रही है‌।

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिला कांग्रेस कार्यालय में कौशाम्बी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौरव पाण्डे...