शुक्रवार, 10 जून 2022

एक बार फिर सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की

एक बार फिर सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान सभा ने आरोप लगाया है कि खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में मामूली बढ़ोतरी करके मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है तथा एमएसपी के जरिए वादा किए गए उत्पादन लागत से अधिक रिटर्न को लेकर भ्रामक दावे कियें हैं। किसान सभा ने कहा है कि खरीफ 2022-23 के लिए घोषित एमएसपी में चावल, मक्का, अरहर, उड़द और मूंगफली के लिए एमएसपी में सिर्फ 7 फीसदी और बाजरा के लिए सिर्फ 8 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अधिकांश फसलों में यह वृद्धि अर्थव्यवस्था में सामान्य मुद्रास्फीति को मुश्किल से ही कवर करती है। शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में अ. भा. किसान सभा के अध्यक्ष अशोक ढवले तथा महासचिव हन्नान मोल्ला ने कहा है कि एमएसपी में ये मामूली वृद्धि तब की गई है, जब ईंधन और अन्य आदानों की उच्च कीमतों और उर्वरकों की आपूर्ति में भारी कमी और कीमतों में वृद्धि के कारण उत्पादन लागत में तेजी से वृद्धि हुई है। पिछले सीजन में भी, आपूर्ति की कमी के कारण किसानों को उर्वरकों की कालाबाजारी का बड़े पैमाने पर सामना करना पड़ा था। बेलारूस और रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा प्रतिबंधों के कारण हाल के महीनों में स्थिति और खराब हो गई है।

उन्होंने कहा है कि खाद्य तेल और दाल जैसी वस्तुओं के लिए भारत आयात पर निर्भर है, जिनकी वैश्विक कीमतें बहुत अधिक बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में हमारी सरकार को अपने किसानों को लाभकारी मूल्य देकर आयात-निर्भरता कम करनी चाहिए, लेकिन वह ठीक इसके उल्टा चल रही है और विकसित देशों के किसानों को बहुत अधिक कीमत का भुगतान करने के लिए तैयार है। इस प्रकार सरकार हमारे देश के किसानों के साथ ही भेदभाव कर रही है।किसान सभा नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार ने खरीफ 2022-23 के लिए उत्पादन लागत का आकलन सी-2 लागत के बजाय ए-2 लागत पर किया है, जिसमें किसानों के स्वयं के संसाधनों की लागत शामिल नहीं होती है। यह किसानों के साथ धोखा है, क्योंकि ए-2 लागत पर आधारित एमएसपी उत्पादन की कुल लागत को भी पूरी तरह से कवर नहीं करता है। उन्होंने कहा कि चूंकि देश के अधिकांश हिस्सों में कोई सरकारी खरीद नहीं है, इसलिए किसानों का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही इस मामूली एमएसपी का लाभ उठा पाएगा।

किसान सभा ने मांग की है कि सरकार स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% के फार्मूले को गंभीरता से लागू करें, ताकि किसानों को उत्पादन की कुल लागत के 50 प्रतिशत रिटर्न का भुगतान किया जा सके ; दलहन, तिलहन और बाजरा के लिए सार्वजनिक खरीद की व्यवस्था की जाए, ताकि किसानों को इन फसलों को और अधिक उगाने के लिए प्रोत्साहित करके दालों और तिलहन के लिए भारत की आयात-निर्भरता को कम किया जा सके तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्य तेल और दालों को शामिल किया जाये, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी। किसान सभा ने देश भर के किसानों का आह्वान किया है कि वे मोदी सरकार द्वारा एमएसपी पर किये जा रहे धोखाधड़ी का विरोध करें और अपनी फसलों के लिए लाभकारी एमएसपी के वैधानिक अधिकार की मांग के लिए एक बार फिर से एकजुट होकर विरोध कार्यवाहियां आयोजित करें।

तेलांगना प्रमुख कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ

तेलांगना प्रमुख कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ 

इकबाल अंसारी  

हैदराबाद।  हैदराबाद में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, भाजपा के तेलांगना प्रमुख बंडी संजय कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उन्होंने अपमानजनक टिप्पणियों के जरिए राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की आलोचना की थी। तेलंगाना राष्ट्र समिति की सोशल मीडिया विंग ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पार्टी का कहना था कि भाजपा नेताओं ने सीएम पर झूठे आरोप लगाकर सरकारी योजनाओं को बदनाम किया है। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता ने सीएम को 'शराबी और धोखेबाज' कहा था। उनके खिलाफ हयातनगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की 114, 504 समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। 

आरोप है कि तेलांगना स्थापना दिवस के मद्देनजर 2 जून को कुमार की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम का आयोजन किया और मंच का दुरुपयोग किया। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि मंच पर हुई स्किट (नाटक) में एक ऐसे व्यक्ति का अपमान किया, जो संवैधआनिक पद पर है और लोकतांत्रिक तरीके से राज्य के लोगों की तरफ से चुना गया है। लिखित शिकायत के आधार पर बंडी संजय कुमार, जित्ता बालकृष्ण रेड्डी, रानी रुद्रम, बोदू येलाना, दारुवु येलाना और उनकी टीम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपमानजनक टिप्पणियों, व्यक्तिगत हमलों का इस्तेमाल किया। साथ ही यह भी बताया कि राज्य के सीएम को शराबी और धोखेबाज आदि की तरह दिखाया गया।

पॉप सिंगर स्पीयर्स ने 28 साल के मंगेतर सैम से शादी की

पॉप सिंगर स्पीयर्स ने 28 साल के मंगेतर सैम से शादी की

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 
लंदन। हॉलीवुड की पॉप सिंगर ब्रिटनी स्पीयर्स ने अपने 28 साल के मंगेतर सैम असगारी से शादी कर ली है। कपल ने कैलिफोर्निया के लॉस एंजलिस में एक इंटिमेट सेरेमनी में शादी की। अभी इस सेरेमनी के फोटोज सोशल मीडिया पर नहीं आए हैं, लेकिन शादी से जुड़ा ड्रामा जरूर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। बताया जा रहा है कि ब्रिटनी स्पीयर्स के एक्स हसबैंड जेसन एलेग्जेंडर ने उनकी शादी में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की थी। महफिल, किसी ने कहा हॉट तो कोई बोला- उफ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेसन एलेग्जेंडर ने ब्रिटनी और सैम की शादी में जबरदस्ती घुसने की थी। वह शादी की प्रॉपर्टी में घुस में आए थे और एक सिक्योरिटी गार्ड से बचकर निकल गए थे। बताया यह भी जा रहा है कि ब्रिटनी की शादी में अपनी घुसपैठ को जेसन ने इंस्टाग्राम पर लाइव स्ट्रीम किया था। वीडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है कि 'ब्रिटनी कहां है।' इसके अलावा उन्होंने कहा था, 'मैं बताता हूं इस वाहियात शादी में क्या हो रहा है। बतौर गेस्ट किया आमंत्रित एंटरटेनमेंट वेबसाइट टीएमजेड के मुताबिक, पुलिस को मौके पर बुलाया गया था। इस मामले में वेंतूरा काउंटी शेरिफ के ऑफिस ने बताया है कि अफसरों को किसी के घुसपैठ करने की खबरें मिली थीं। इसके बाद उन्हें पता चला कि जेसन एलेग्जेंडर के खिलाफ किसी और मामले में एक वारंट भी निकला हुआ है।ऐसे में उन्हें अरेस्ट कर लिया गया
 ब्रिटनी स्पीयर्स लंबे समय से अपनी कंजर्वेटरशिप को लेकर चर्चा में बनी हुई थीं। लगभग सात महीने पहले ही उनकी कंजर्वेटरशिप का अंत हुआ है।ब्रिटनी और उनके मंगेतर सैम ने सोशल मीडिया पर सितम्बर 2021 में अपनी सगाई का ऐलान किया था। हालांकि दोनों ने शादी की डेट नहीं बताई थी। अप्रैल 2022 में ब्रिटनी ने ऐलान किया था कि वह प्रेग्नेंट हैं। हालांकि एक महीने बाद ही उनका मिसकैरिज हो गया था। सैम असगारी से पहले ब्रिटनी स्पीयर्स ने दो बार शादी की थी। ब्रिटनी ने 2004 में अमेरिकन सिंगर Kevin Federline से शादी की थी। यह शादी साल 2007 में खत्म हो गई थी। इस शादी से उनके दो बेटे  हैं। 2004 में ही कुछ समय के लिए ब्रिटनी और जेसन एलेग्जेंडर की भी शादी हुई थी, जो ज्यादा समय नहीं चली थी।

कांग्रेस के एमएलसी का कार्यकाल 6 को समाप्त होगा

कांग्रेस के एमएलसी का कार्यकाल 6 को समाप्त होगा

संदीप मिश्र
लखनऊ। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के इतिहास में छ: जुलाई के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब प्रदेश के उच्च सदन में राष्ट्रीय राजनीतिक दल कांग्रेस की मौजूदगी समाप्त हाे जाएंगी। प्रदेश में सियासी फलक पर लगातार सिमट रही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में फिलहाल मात्र एक विधायक है। कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह का कार्यकाल आगामी छ: जुलाई को समाप्त होगा।
गौरतलब है कि उप्र विधान मंडल के पिछले 72 साल के इतिहास में इस समय कांग्रेस की दोनों सदनों में सदस्य संख्या अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गयी है। हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के सिर्फ दो उम्मीदवार विधायक बन सके।
विधान सभा में दो सदस्यों के बलबूते कांग्रेस के लिये विधान परिषद की 13 सीटों पर हो रहे चुनाव में अपना उम्मीदवार जिता पाना मुमकिन नहीं है। गौरतलब है कि उप्र में विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 403 को देखते हुए विधान परिषद की एक सीट पाने के लिये 32 विधायकों के समर्थन की दरकार है।
कांग्रेस, चुनाव दर चुनाव दोनों सदनों में हाशिये पर सिमट रही है। विधान सभा के 2012 में हुए चुनाव में कांग्रेस के 28 विधायक थे, जो 2017 में घटकर 07 रह गये और 2022 में यह संख्या 02 पर सिमट गयी। ऐसे में उप्र विधान मंडल का उच्च सदन अगले महीने कांग्रेस मुक्त हो जायेगा।
इसे कांग्रेस के लिये त्रासदपूर्ण स्थिति करार देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने इस स्थिति के लिये पूरी तरह से शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। त्रिपाठी ने यूनीवार्ता से कहा, “एमएलसी बनने के लिये कम से कम 32 विधायकों का समर्थन जरूरी है। स्पष्ट है कि उच्च सदन में अब हमारा कोई सदस्य नहीं होगा। इससे पहले 72 साल ऐसा कभी नहीं हुआ। विधान मंडल ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की इस जर्जर हालत के लिये पार्टी हाईकमान ही जिम्मेदार है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व नौकरशाह पीएल पूनिया ने हालांकि भरोसा जताया है कि जल्द ही इस स्थिति में बदलाव होगा और कांग्रेस की एक बार फिर वापसी होगी। पूनिया ने कहा कि पिछले तीन चुनाव में 28 से 02 पर पहुंचने के सच को नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन अब कानपुर हिंसा सहित अन्य तमाम मामलों के बाद लोगों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तिलिस्म की हकीकत का पता चल रहा है।
पूर्व राज्य सभा सदस्य पूनिया ने कहा कि लोगों के मन में भाजपा के प्रति व्याप्त भ्रम टूटा है और इसके साथ ही जनता कांग्रेस की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। पूनिया ने कहा कि भाजपा भी दो सीट से आज शिखर तक पहुंची है, इसी प्रकार दो सीट पर पहुंच चुकी कांग्रेस भी जल्द वापसी करेगी। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का उदाहरण देते हुए कहा कि क्षेत्रीय दलों का भविष्य क्षणिक होता है। ऐसे में राष्ट्रीय दल के रूप में अब लोग कांग्रेस को ही विकल्प मान रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति का दशकों से विश्लेषण कर रहे वरिष्ठ पत्रकार राजीव श्रीवास्तव ने पूनिया की दलीलों को नकारते हुए कांग्रेस की इस दुर्गति के लिये राजनीति में उसकी प्रयोगधर्मिता को जिम्मेदार ठहराया। श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 1989 से ही प्रयोगधर्मी बनी हुयी है। दुर्भाग्यवश कांग्रेस की ‘कॉस्मेटिक पॉलिटिक्स’ का हर प्रयोग नाकाम रहा। इसमें मायानगरी के चेहरे राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से लेकर निर्मल खत्री और जमीन से जुड़े नेता की पहचान वाले अजय कुमार लल्लू तक, सभी प्रयोग विफल रहे।
उन्होंने दलील दी कि कांग्रेस के तीन दशक से अधिक समय के प्रयोगधर्मी कालखंड में पूरी पार्टी खेमों में बंट गयी। इसके इतर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अब प्रियंका गांधी इस खेमेबाजी के जंजाल से कांग्रेस को मुक्त नहीं कर पाये, नतीजतन प्रदेश का विधान मंडल ही ‘कांग्रेस मुक्त’ होने लगा है।
कांग्रेस के लिये भविष्य की किसी उम्मीद के सवाल पर श्रीवास्तव ने कहा कि देश और प्रदेश में आज भी कांग्रेस के चाहने वालों की कमी नहीं है, कमी उस नेतृत्च की है जो इन्हें पार्टी केडर के रूप में खड़ा करने की क्षमता से युक्त हो। उन्होंने आगाह किया कि मौजूदा नेतृत्व जब तक ‘कॉस्मेटिक पॉलिटिक्स’ कर जनेऊ पहनने से लेकर नवरात्रि के व्रत करने और दुर्गा सप्तशती का पाठ करके लोगों को रिझाने की कोशिश करेगा तब तक, कांग्रेस फर्श पर ही रहेगी।
गौरतलब है कि आगामी 20 जून को विधान परिषद की 13 सीटों के लिये द्विवार्षिक चुनाव हो रहा है। विधान मंडल में कांग्रेस जैसी ही हालत बसपा की भी है। पिछले 15 साल में अर्श से फर्श तक का सफर तय करने वाली बसपा का विधान परिषद में आगामी 06 जुलाई के बाद मात्र एक सदस्य बचेगा। बसपा के तीन एमएलसी दिनेश चंद्रा, अतर सिंह राव और सुरेश कुमार कश्यप का कार्यकाल 06 जुलाई को पूरा हो जायेगा। इसके बाद बसपा के एक मात्र सदस्य भीमराव अंबेडकर रह जायेंगे। साल 2007 में विधान सभा के 206 सदस्यों वाली बसपा के 2012 में 80 और 2017 में 19 विधायक ही जीत पाने के बाद अब पार्टी का मात्र एक नुमांइदा ही निचले सदन में बचा है। ऐसे मेें बसपा के पास भी अगले पांच साल तक विधान परिषद में अपने सदस्यों की संख्या में इजाफा करने का कोई विकल्प नहीं है।
ज्ञात हो कि उप्र के उच्च सदन की 100 में से 66 सीटें इस समय भाजपा के पास हैं, जो कि 20 जून को विधान परिषद चुनाव के बाद बढ़कर 73 पर पहुंचना तय है। इसी प्रकार सपा के अभी 11 एमएलसी हैं, इनमें से 05 सदस्य 06 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे और 20 जून के चुनाव में 04 सदस्य निर्वाचित होने पर पार्टी की कुल सदस्य संख्या 10 होने की संभावना है।

कानून व्यवस्था से खिलवाड़, सख्ती बरती जाएं

कानून व्यवस्था से खिलवाड़, सख्ती बरती जाएं 

संदीप मिश्र  
गोरखपुर। उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के साथ सख्ती बरती जाएं। योगी ने गुरुवार को यहां गोरखनाथ मंदिर में अधिकारियों के साथ विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था सख्त रखने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मस्जिदों के सामने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जायें। किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिये।  मुख्यमंत्री ने गरीब कल्याण मेला की तैयारियों की भी समीक्षा की। 
अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लाभार्थियों को बुलाने की भी व्यवस्था की गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि रामगढ़ताल-तरकुलानी रेग्युलेटर नाला की ड्रेजिंग का काम पूरा कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने देवरिया बाईपास पर जीडीए द्वारा बनवाए जाने वाले नाले के विषय में भी जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि नाले का निर्माण पूरा हो गया है। अफसरों से मांगा संपत्ति का ब्यौरा मुख्यमंत्री ने आयुष विश्वविद्यालय एवं सैनिक स्कूल के काम की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य समय से पूरा किया जाये और गुणवत्ता का ध्यान रखा जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नियमित रूप से निर्माण कार्य की निगरानी करते रहें। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर किए जा रहे उपायों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने चौराहों को अतिक्रमण मुक्त बनाने, चौराहों को चौड़ा करने का निर्देश दिया। 
उन्होंने का कि मंत्रीसमूह का दौरा शुरू हुआ है। मंडल के सभी जिलों में मंत्रियों का निरीक्षण कराया जाये और उन्हें सारी प्रगति से अवगत कराया जाये। मंत्री जिलों में कानून व्यवस्था, विकास कार्यों एवं सड़क सुरक्षा को लेकर बैठक भी करेंगे। बैठक के दौरान एडीजी जोन अखिल कुमार ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा को लेकर बनाई गई कार्ययोजना से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। इस दौरान मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, डीआइजी जे रविन्दर गौड़, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

फतेही का नया गाना 'डर्टी लिटिल सीक्रेट' रिलीज

फतेही का नया गाना 'डर्टी लिटिल सीक्रेट' रिलीज 

कविता गर्ग  
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री नोरा फतेही का नया गाना 'डर्टी लिटिल सीक्रेट' रिलीज हो गया है। नोरा फतेही फिल्मों में अभिनय करने के अलावा डांस की वजह से भी काफी चर्चा में रहती हैं। नोरा फतेही ने अब इंटरनेशनल सिंगर के साथ अपने डांस का दम दिखाया है। नोरा फतेही के नए गाने का नाम 'डर्टी लिटिल सीक्रेट' है। इस गाने में नोरा फतेही न केवल डांस कर रही हैं, बल्कि अपनी शानदार आवाज में गाना भी गा रही हैं।नोरा फतेही के इस म्यूजिक वीडियो सॉन्ग में यूके के कलाकार जैक नाईट नजर आ रहे हैं। नोरा फतेही ने 'डर्टी लिटिल सीक्रेट' गाने को निर्देशित और प्रोड्यूस भी किया है। 
फोरेंसिक का ट्रेलर रिलीज नोरा फतेही ने कहा, "एक कलाकार के रूप में, मैं लगातार एनवेलप को पुश करती हुं और अपने लिए बार रेज करती हूं। डर्टी लिटिल सीक्रेट' वास्तव में मेरे दिल के बहुत करीब है और एक ऐसा ट्रैक है जिसने मुझे कैमरे के पीछे और उसके सामने अपने जुनून को आगे बढ़ाने में मदद की। यह फियरी, फियर्स, बॉल्सी और एक ऐसा ट्रैक है जिससे मैं निजी रूप से एक दर्शक के रूप में इससे जुड़ी हूं।

राज्यसभा की 4 सीटों के लिए मतदान प्रारंभ हुआ

राज्यसभा की 4 सीटों के लिए मतदान प्रारंभ हुआ

नरेश राघानी
जयपुर। राजस्थान से राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतदान शुक्रवार सुबह नौ बजे शुरू हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य विधानसभा परिसर में मतदान शाम चार बजे तक चलेगा और उसके बाद वोटों की गिनती की जाएगी। राजस्थान के 200 विधायक चार सीटों के लिए मतदान करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और कांग्रेस के विधायक अपने-अपने होटलों से बसों के जरिये विधानसभा पहुंचे।
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने तीन सीटों के लिए मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला को मैदान में उतारा है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को अपना आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है, जबकि वह मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा का भी समर्थन कर रही है। संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें और भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है।
इसके बाद कांग्रेस के पास 26 और भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे। कांग्रेस को अपने तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए 15 और वोट (कुल 41) चाहिए। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि निर्दलीय और भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों को मिलाकर उनके पास कुल 126 विधायकों का समर्थन है। वहीं, भाजपा के 30 अधिशेष और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन सदस्यों के मत के साथ निर्दलीय चंद्रा के पास कुल 33 वोट हैं। चंद्रा को राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने के लिए 41 मत चाहिए। यानी वह जीत से आठ मत दूर हैं।

2 दशक में गुजरात का विकास, गर्व की बात हैं

2 दशक में गुजरात का विकास, गर्व की बात हैं 

नरेश राघानी  
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्षी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग लंबे समय तक देश की सत्ता में रहे, उन्होंने कभी आदिवासी इलाकों के विकास में रुचि नहीं दिखाई। क्योंकि, इसके लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है। मोदी ने कहा कि उन्होंने विकास कार्यों की शुरुआत वोट हासिल करने या चुनाव जीतने के लिए नहीं की है, बल्कि वह लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्हें कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीके की खुराक मुफ्त में मिली है या नहीं ? इस पर लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया। मोदी ने कहा कि गत दो दशक में गुजरात का तेजी से विकास, राज्य के लिए गर्व की बात है।
नवसारी जिले के अदिवासी बहुत इलाके खुदवेल में 3,050 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम के बाद ‘गुजरात गौरव अभियान रैली’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जिन्होंने लंबे समय तक देश पर शासन किया, उन्होंने कभी आदिवासी इलाकों के विकास में रुचि नहीं ली। क्योंकि इसके लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले टीकाकरण जैसे अभियानों के वन क्षेत्रों में, जहां आदिवासी रहते हैं, पहुंचने में महीनों लग जाते थे। लेकिन, अब उनके इलाकों में भी शहरी इलाकों के साथ-साथ ये लागू होते हैं। 

साल का 'आखिरी बड़ा मंगल' 14 जून को हैं

साल का 'आखिरी बड़ा मंगल' 14 जून को हैं 

सरस्वती उपाध्याय  
ज्येष्ठ मास का बड़ा मंगल हनुमान की पूजा के लिए खास माना जाता है। इस साल का आखिरी बड़ा मंगल 14 जून को है। बता दें कि हिंदू मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ माह का प्रत्येक मंगलवार बड़ा मंगल होता है। बड़ा मंगल को हनुमान की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कहा जाता है कि जो भक्त ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की विधिवत पूजा उपासना करता है, उन्हें विशेष लाभ प्राप्त होता है। साथ ही उनकी पूजा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह का अंतिम मंगल 14 जून को है। इस दिन हनुमान भक्त बड़े धूम-धाम से उनकी पूजा करेंगे। लोगों में लड्डू, पुड़ी, हलुवा, चना एवं शरबत आदि का वितरण किया जाएगा।

बड़े मंगल पर करें ये उपाय...
कहा जाता है कि बड़ा मंगल को मसूर की दाल को बहते जल में प्रवाहित करने से भक्तों पर हनुमान जी की कृपा अति शीघ्र होती है। इससे भक्तों के जीवन चल रही सारी समस्या से मुक्ति मिल जाती है। घर परिवार में शांति और खुशहाली का माहौल कायम रहता है।
बड़े मंगलवार के दिन हनुमान को गुड़ से बना हुआ पुआ का भोग लगाना चाहिए। इससे भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है. बड़े मंगल को जरुरतमंदों की मदद करने से घर में बरकत रहती है। बड़े मंगल के दिन जरूरतमंद और गरीब लोगों को जल और सर्बत पिलाने से हनुमान की कृपा बनी रहती है।
बड़े मंगल को मीठे पान का भोग लगाना उत्तम माना गया है। ऐसा करने से नौकरी और बिजनेस से जुड़ी सारी समस्या का समाधान हो जाता है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-245, (वर्ष-05)
2. शनिवार, जून 11, 2022
3. शक-1944, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी/द्वादशी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 33 डी.सै., अधिकतम-44+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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गुरुवार, 9 जून 2022

शुक्ल-पक्ष में मनाईं जाएंगी 'निर्जला एकादशी'

शुक्ल-पक्ष में मनाईं जाएंगी 'निर्जला एकादशी' 

सरस्वती उपाध्याय 
निर्जला एकादशी का काफी अधिक महत्व है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल-पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी के अलावा भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। साल में पड़ने वाली 24 एकादशियों में से इसे सबसे कठिन एकादशी माना जाता है। क्योंकि इस एकादशी में बिना जल पिएं व्रत रखा जाता है। एकादशी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। मान्यता है कि इस एकादशी में भगवान विष्णु की विधिवत तरीके से पूजा करने के साथ व्रत रखने से सभी एकादशियों के बराबर फल मिलता है। जानिए निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...
 
निर्जला एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त...

निर्जला एकादशी तिथि- 10 और 11 जून 2022, शुक्रवार।
 
एकादशी तिथि प्रारंभ- 10 जून सुबह 7 बजकर 25 मिनट से शुरू।

एकादशी तिथि समाप्त- 11 जून सुबह 5 बजकर 45 मिनट में समाप्त।

अभिजीत मुहूर्त – 10 जून को सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक।

शिव योग – 11 जून शाम 08 बजकर 46 मिनट से 12 जून शाम 05 बजकर 27 मिनट तक।

स्वाति नक्षत्र – 11 जून सुबह 03 बजकर 37 मिनट से 12 जून सुबह 02 बजकर 05 मिनट तक।

रवि योग- 10 जून को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 11 जून सुबह 3 बजकर 37 मिनट तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग- 11 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 12 जून सुबह 2 बजकर 5 मिनट तक।

पारण का समय- 11 जून सुबह 5 बजकर 49 मिनट’ से 8 बजकर 29 मिनट तक।

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साथ कपड़े धारण कर लें। भगवान विष्णु का मनन करके हुए निर्जला व्रत का संकल्प ले लें।

भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करें।
सबसे पहले एक चौकी या फिर पूजा घर में ही पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर या फिर मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद फूल की मदद से जल अर्पित करके शुद्धि करें।
आसन बिछाकर बैठ जाएं।
अब भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और माला चढ़ाएं। इसके बाद पीले रंग का चंदन, अक्षत आदि लगा दें।
इसके साथ ही भोग और तुलसी दल चढ़ा दें। अब घी का दीपक और धूप जलाकर विष्णु भगवान के मंत्र, चालीसा, स्तुति, स्तोत्र आदि का जाप कर लें।
अंत में विधिवत आरती कर लें और दिनभर निर्जल व्रत रहने के बाद दूसरे दिन सूर्योदय होने के बाद पारण करें। इसके बाद जल ग्रहण करें।

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