सोमवार, 10 मई 2021

विश्व युद्ध जैविक हथियार से लड़ने की भविष्यवाणी

वाशिंगटन डीसी। कोरोना वायरस पर चीन के दावों को स्वीकार करने को कोई तैयार नहीं है। हर ओर एक सवाल है कि जिस चीन में कोरोना वायरस पैदा हुआ है। वो देश इसके असर से इतना सुरक्षित कैसे रहा ? कैसे चीन में 6 से 8 महीने में जिंदगी पटरी पर आ गई। जबकि, भारत समेत दुनिया के कई देश 2 साल से इस बीमारी से संघर्ष कर रहे हैं। अब एक नई रिपोर्ट के खुलासे से कोरोना वायरस को लेकर चीन के इरादों पर शक और भी गहरा जाता है। ये रिपोर्ट 2015 के घटनाक्रम से जुड़ी है। जब दुनिया में कोरोना वायरस के घातक प्रभाव से लोग अनजान थे। लेकिन चीन उसी समय कोरोना वायरस को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के बारे में जांच कर रहा था। यही नहीं, आशंका है कि चीनी सैन्य वैज्ञानिकों ने तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियार से लड़े जाने की भविष्यवाणी की थी। अमेरिकी विदेश विभाग को प्राप्त हुए खुफिया दस्तावेजों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

गाजियाबाद: 24 घंटे में 532 नए संक्रमितों की पहचान

अश्वनी उपाध्याय                     

गाज़ियाबाद। जिलें के किसी भी निजी अथवा सरकारी अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए बिस्तर मिलना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है। चारों ओर ऑक्सिजन सिलेंडरों और जीवन रक्षक दवाइयों के लिए हो मारामारी के बीच यहाँ आश्चर्यजनक रूप से कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार कम हो रही है। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार गाज़ियाबाद में पिछले 24 घंटों की अवधि में केवल 532 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। इस अवधि में 546 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जबकि 4 मरीजों की मौत दर्ज की गई है। जिले में अब कुल सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 5464 रह गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की हेराफेरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस अवधि में नोएडा में 1026 और मेरठ में 2269 नए संक्रमित मिले हैं।

व्यापारियों का उत्पीड़न, प्रशासन पर आरोप लगाया

गोपीचंद                     
बागपत। संयुक्त व्यापार मंडल की वर्चुअल बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष अरुण तोमर बॉबी एवं संचालन व्यापारी सुरक्षा फोरम के जिला महासचिव आकाश बंसल ने किया। बैठक में पुलिस चौकी बड़ौत द्वारा व्यापारियों के साथ उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। आकाश बंसल ने संचालन करते हुए कहा कि बड़ौत बाजार चौकी द्वारा हर रोज व्यापारी का उत्पीड़न किया जा रहा, खुले आम पैसो की उगाही की जा रही। व्यापारियो को फर्जी मामलो में फ़साने का बड़ा खेल यहा चल रहा है। इसके बाद वर्चुअल बैठक में नगर अध्यक्ष मुदित जैन ने कहाँ कि हर रोज पुलिस चौकी बाजार से व्यापारी उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे है। इस सम्बंध में आज पुलिस अधीक्षक बागपत को भी अवगत करा दिया गया है।
व्यापारी सुरक्षा फोरम के जिला अध्यक्ष विनोद गोयल ने कहा कि सभी व्यापारी भाइयो को एकजुट हो रहना होगा तभी बाजार चौकी में कुछ दलालो द्वारा हो रही दलाली और व्यापारी उत्पीड़न को रोका जा सकता है।
अंत मे अरुण तोमर बाबी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए तत्काल ऐसे अधिकारी को बरखास्त करने की मांग करते हुए उच्च अधिकारी से बात कर व्यपारियो की समस्याओं का समाधान करने की बात को कहा। बैठक में नगर महामन्त्री नवनीत जैन, नगर उपाध्यक्ष शारद जैन, अंकित जैन डब्बू महामंत्री ऑल इंडिया मोबाइल एसोसिएशन, मीडिया प्रभारी उत्सव जिन्दल, सचिन जैन आदि ने अपने सुझाव दिए व व्यपारियो ने अपनी समस्या रखी।

सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जनता को दिशा-निर्देश दिया

बृजेश केसरवानी          
प्रयागराज। थाना धूमनगंज द्वारा कोविड-19 एवं लॉक डाउन के सम्बंध में साशन द्वारा जारी किये गये गाइडलाइन के दृष्टिगत सन्दिग्ध वाहन चेकिंग,सोशल डिस्टेंसिंग,व मास्क लगाने को चेक करके मास्क लगाने सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिये जनता को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी द्वारा कोविड-19 एवं लॉक डाउन के सम्बन्ध में शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुपालन के निर्देश के दृष्टिगत प्रभारी निरीक्षक थाना धूमनगंज अनुपम शर्मा द्वारा अपने थाना क्षेत्र में सन्दिग्ध वाहन चेकिंग,सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क न लगाने वाले के जुर्माना करते हुऐ, आपदा महामारी अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत की कार्यवाही करते हुए कहाँ की जान है तो जहांन है। 2 गज की दूरी, मास्क है जरूरी।सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे।

चंडीगढ़: प्रशासन ने बेहद सख्त आदेश जारी किया

राणा ओबराय                 
चंडीगढ़। कोरोना वायरस लगातार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। परिस्थितियां गंभीर और बेहद नाजुक बनी हुई हैं। ये दौर वो है, जब मानो ऐसा लग रहा है। जैसे हर ओर मौत नाच रही है। वो बिलखती चीखें, वो लोगों की मायूसी दिल को अंदर तक झकझोर जाती है, पर ऐसे वक्त में भी कुछ वो लोग भी हैं। जिन्हें इस सबसे तनिक भी फर्क नहीं पड़ता। ये स्थिति को फायदा उठाने में जुटे पड़े हैं। जैसा कि आप देख रहे हैं कि किस तरह से हर रोज ऑक्सीजन और जरुरी दवाइयों की जमाखोरी कर कालाबाजारी करने वाले पकड़े जा रहे हैं। वहीं, बीमार लोगों या किसी डेड बॉडी को लाने-ले जाने में भी कालाबाजारी का खेल खूब चल रहा है। इधर, इस बारे में बात अगर चंडीगढ़ की करें तो यहां इस चीज को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन बेहद सख्त नजर आ रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन ने सख्त आदेश जारी किया है कि जमाखोरों/कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए| इसके लिए फ़ूड एन्ड सप्लाई इंस्पेक्टरों की जिम्मेदारी तय की हैं। जो यह देखेंगे कि कौन जमाखोरी और कालाबाजारी कर रहा है। इसके अलावा प्रशासन ने लोगों की सहूलियत के लिए इस बाबत जानकारी देने के लिए एक नंबर भी जारी किया है। ऐसा होने पर कोई भी 1800-180-2079 पर शिकायत कर सकता है।

हापुड़: 6 इंस्पेक्टर व 4 एसआई के तबादलें किएं

अतुल त्यागी                 
हापुड़। एसपी ने जनपद में कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करनें के लिए जनपद के 6 इंस्पेक्टर व 4 सब इंस्पेक्टर के जनपद में तबादलें किए हैं। एसपी ने बताया, कि धौलाना थाना प्रभारी राजपाल सिंह को बहादुरगढ़, सुबोध सक्सेना को पिलखुवा, बाबूगढ़ थाना प्रभारी सोमवीर सिंह को हापुड़ नगर, इंस्पेक्टर सुरेन्द्र कुमार को हाफिजपुर, इंस्पेक्टर सत्येन्द्र प्रकाश सिंह को बाबूगढ़, इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र सिंह को धौलाना, सब इंस्पेक्टर राजीव कुमार को सिम्भावली को थाना का प्रभारी नियुक्त किया हैं। जबकि, सब इंस्पेक्टर राहुल चौधरी को पीआरओ एसपी, सुरेन्द्र सिह को एसएसआई हापुड़ कोतवाली व  अरूण गिरी को एचपीडीए चौकी इंचार्ज बनाया हैं।

400 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की स्वीकृति दी

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली।​ सशस्त्र बलों के कमांडर और ​​राष्ट्रपति​ रामनाथ कोविंद​ ने ​​देश में ​कोविड संकट के समय डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारतीय सेना ​में 400 पूर्व चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती को मंजूरी दे दी है​। यह भर्तियां 11 महीने के लिए अनुबंध के आधार पर ​'​टूर ऑफ ड्यूटी​'​ योजना के तहत​ की जानी है।51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक रात के समय भी ​खुल सकेंगे। जिससे पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों ​को 24 घंटे चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी​​। ​​  
रक्षा मंत्रालय ने 27 अप्रैल को पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए देश के 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों की अस्थायी भर्ती को मंजूरी दी थी। इस पर मंत्रालय ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ​को सेना चिकित्सा कोर​ से रिटायर हो चुके 400 चिकित्सा अधिकारियों को 'टूर ऑफ ड्यूटी' योजना के तहत भर्ती करने का आदेश दिया था। कोविड संकट से समय डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारतीय सेना ने इसकी मंजूरी के लिए सशस्त्र बलों के कमांडर और राष्ट्रपति​ रामनाथ कोविंद​ के पास प्रस्ताव भेजा था। राष्ट्रपति ने ​​सेना चिकित्सा कोर​ से रिटायर हो चुके ​​400 चिकित्सा अधिकारियों की 11 माह के लिए भर्ती की स्वीकृति दे दी है।

ऑक्सीजन ​की ​निर्भरता को 2-डीजी दवा ने ​कम ​किया

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली।​ ​​कोविड संकट के समय ​देश के पहले ओरल ड्रग को इमरजेंसी इस्तेमाल की ​​ड्रग्स कंट्रोलर ​से ​मंजूरी मिलना डीआरडीओ​ ​के लिए बड़ी उपलब्धि है​। ​साथ ही ​पानी में घोलकर पीने वाली यह 2-डीजी दवा ​देश को ​कोविड ​संकट से उबारने में गेमचेंजर साबित हो सकती है। डॉक्टर रेड्डीज लैब ​के सहयोग से तैयार की इस दवा की ​​​10​ हजार खुराक ​​अगले सप्ताह तक ​मिलने की उम्मीद है।​ इस दवा के इस्तेमाल की शुरुआत देशभर में चल रहे डीआरडीओ के कोविड केयर अस्पतालों से होगी जहां मौजूद सशस्त्र बलों के डॉक्टर अपनी निगरानी में मरीजों को दवा देंगे।  
 ​यह ​कोविड रोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) ​​डीआरडीओ ​ने हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर विकसित की है​। इस दवा ​का नाम ​2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) ​है। जिस​का ​​​क्लीनिकल ट्रायल​ पूरा हो चुका है।​ चिकित्सीय परीक्षण के दौरान 110 कोविड रोगियों ​को यह दवा दी गई, उनमें से अधिकांश की आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। ​​साथ ही अस्पताल में भर्ती ​गंभीर मरीजों में ऑक्सीजन ​की ​निर्भरता को ​भी इस दवा ने ​कम ​किया है।​ ​​इस तरह मेडिकल ट्रायल के दौरान सामने आया कि 2-जी दवा कोविड मरीजों को जल्द स्वस्थ करने में मदद करती है​।​​ इसलिए अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 1 मई को गंभीर कोविड-19 रोगियों के लिए इस दवा के ​इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है​​​​। ​​
 इस दवा के परीक्षण का पहला चरण अप्रैल 2020 में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान​ शुरू हुआ था​​।​ तब परीक्षण में पाया गया कि ​यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में जमा होकर वायरस को शरीर में आगे बढ़ने से रोक देती है।​ ​इन ​परिणामों के आधार पर डीसीजीआई ने मई​,​ 2020 में ​दूसरे चरण यानी ​​​क्लीनिकल​ ​ट्रायल की अनुमति दी थी​​।​ मई से अक्टूबर​,​ 2020 के दौरान किए गए ​अगले ​चरण​ के परीक्षणों में ​भी यह ​दवा ​सुरक्षित पाई गई और ​​कोविड-19 रोगियों की रिकवरी में ​तेजी से सुधार दिखा। ​डीसीजीआई ने ​नवम्बर, ​2020 में ​तीसरे ​चरण​ के ​क्लीनिकल​ ​ट्रायल की अनुमति दी​​। ​इस दौरान ​दिल्ली,​ ​उत्तर प्रदेश,​ ​पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 कोविड अस्पतालों में 220 मरीजों पर ​परीक्षण ​किया गया। ​
​कोविड के इलाज में ​देश के पहले ओरल ड्रग (मुंह से लेने वाली दवा) को इमरजेंसी इस्तेमाल की ​​ड्रग्स कंट्रोलर ​से ​मंजूरी मिलने के बाद ​​​​डीआरडीओ प्रमुख​ डॉ.​ जी. स​तीश रेड्डी ​का कहना है कि ​तीन चरणों में प्रभावी साबित ​होने के बाद अब आसानी से बड़े पैमाने पर​ इस दवा का उत्पादन किया जा सकता है​ जिससे कोविड संकट के समय देश के स्वास्थ्य ढांचे पर ​पड़ ​रहे ​बोझ से राहत ​मिलेगी।​ ​अब इसे आसानी से उत्पादित और देश में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया जा सकता है।​ ​​अगले सप्ताह तक हमारे पास 10​ हजार खुराक तैयार होंगी और ​​​​अगले तीन हफ्तों में एक बड़ा रोलआउट होगा। ​कोविड मरीजों के लिए यह दवा पाउडर के रूप पाउच में उपलब्ध होगी जिसे पानी में घोलकर पिया जा सकेगा​​​।​ इस दवा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए डॉ​.​ रेड्डी की प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम ​किया जा रहा है​​​​​​।
 ​इस दवा को विकसित करने में ​डीआरडीओ के वैज्ञानिक ​​डॉ​.​ अनंत एन. भट​ और डॉ​.​ सुधीर चांदना का अहम योगदान रहा है​। डॉ. चांदना का कहना है कि दवा की कीमत उत्पादन पर निर्भर करेगी​। फिर भी इस ओरल ड्रग के दाम तय करने के लिए उद्योग भागीदार डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं के साथ काम चल रहा है। हमारी कोशिश है कि कुछ दिनों में ही दवा का लागत मूल्य तय कर लिया जाए जिससे यह पता चल सके कि बाजार में उपलब्ध होने पर क्या कीमत होगी​। दूसरे वैज्ञानिक ​डॉ​.​ अनंत एन. भट का कहना है कि एंटी-कोविड दवा 2-डीजी को शुरू में ब्रेन-ट्यूमर और कैंसर के लिए विकसित किया गया था, लेकिन इससे पहले इसका कोरोना पर परीक्षण शुरू कर दिया, जो सफल रहा। अब हम इस दवा का जल्द से जल्द उत्पादन शुरू करने पर विचार कर रहे हैं।

एमपी ने महामारी से निपटने की तैयारियां शुरू की

भोपाल। देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की चिकित्‍सकों की आशंका को देखते हुए मध्‍य प्रदेश ने महामारी से निपटने की अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के 13 शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं उनके कोविड अस्पतालों के चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ मंथन एवं विमर्श कर तीसरी लहर की रोकथाम एवं उपचार के विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा की। 
कोरोना की तीसरी लहर में नवजात शिशुओं एवं बच्चों के संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में 360 बिस्तर के बच्चों के आईसीयू की व्यवस्था की जा रही है। इसी कड़ी में भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 50 बिस्तर का बच्चों का आईसीयू तैयार किया जाएगा।

बायोटेक की 1.50 लाख कोवैक्सीन लखनऊ पहुंचीं

हरीओम उपाध्याय                        
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज करने की प्रक्रिया में भारत बायोटेक की 1.50 लाख कोवैक्सीन रविवार को मुंबई से लखनऊ पहुंची। 8 मई को कोविशील्ड की 03.50 लाख डोज़ लखनऊ पहुंची थी। बता दें कि वैक्सीन निर्माताओं को योगी सरकार ने एडवांस पेमेंट में किया था। वहीं, पूरे प्रदेश में बीते 24 घंटों में 947.27 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, गृह, अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। 
 उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन मुम्बई से लखनऊ एयरपोर्ट लाया गया। यहां से वैक्सीन की खेप स्टेट वैक्सीनेशन सेंटर पहुंची। यहां से राज्य भर में वितरित होगा। उन्होंने बताया कि रिफीलर्स को 571.61 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों 310.19 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है। वहीं, 65.48 मीट्रिक टन ऑक्सीजन निजी चिकित्सालयों को दी गई। 
 उन्होंने बताया कि सेल्फ प्रोडक्शन के तहत एयर सेपरेटर्स यूनिट्स के माध्यम से भी कुल 61.53 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति की गयी है। कानपुर में 80 मीट्रिक टन और वाराणसी में 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आज पहुंचाई गई है।
 उन्होंने यह भी बताया कि जामनगर से रेल द्वारा 5 टैंकर के माध्यम से कुल 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन नोएडा, गाजियाबाद, आगरा व सहारनपुर हेतु भेजी गयी है। इसके अलावा बरेली व मुरादाबाद के लिये भी 2 ऑक्सीजन टैंकर रेल मार्ग से भेजे गये हैं। 
 उन्होंने बताया कि जीवन रक्षक ट्रेन संख्या-3 द्वारा जमशेदपुर से 10 ऑक्सीजन टैंकर के माध्यम से कुल 80 मीट्रिक टन क्षमता के कल लखनऊ पहुंचाया गये, जिनमें प्रत्येक टैंकर की क्षमता 8 मीट्रिक टन है। जीवन रक्षक ट्रेन संख्या-4 द्वारा 8 मीट्रिक क्षमता के 6 टैंकर कुल 48 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कानपुर को कल उपलब्ध करायी गयी है। अब पुनः जमेशदपुर से ऑक्सीजन भर कर कल तक यह ट्रेन लखनऊ आएंगी।

सरकार ने एक सप्ताह के लिए ‘लॉकडाउन’ बढ़ाया

राणा ओबराय                      
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में एक सप्ताह के लिए ‘लॉकडाउन’ बढ़ा दिया है। अब प्रदेश में 17 मई को सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन लागू रहेगा। इस बार सरकार ने इसका नाम ‘लॉकडाउन’ से बदल कर ‘सुरक्षित हरियाणा’ कर दिया है। 
प्रदेश के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रविवार की रात लॉकडाउन अवधि में किए इजाफे की पुष्टि की है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने 30 अप्रैल को ‘वीकेंड लॉकडाउन’ का ऐलान किया है। दो मई को सरकार ने तीन मई की सुबह से नौ मई की रात तक संपूर्ण लाकडाउन का एलान किया था। यह लाकडाउन सोमवार को सुबह 5 बजे तक जारी रहना था। 
इससे पहले ही सरकार ने रविवार की रात नए आदेश जारी करके एक सप्ताह के लिए प्रदेश में लॉकडाउन बढ़ा दिया दिया। वर्तमान में भी औसतन 14 से 15 हजार पॉजिटिव केस रोजाना आ रहे हैं। 
ऐसे में सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को एक और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। विज ने कहा कि सभी जिलों के डीसी और एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे सख्ती के साथ इसकी पालन सुनिश्चित करें। 
घर से बाहर निकलने या मार्केट जाने के लिए मूवमेंट पास अनिवार्य होगा। इस लाकडाउन को सुरक्षित हरियाणा का नाम दिया गया है। मुख्य सचिव को नई गाइड लाइन जारी करने के निर्देश दे दिये गए हैं। 

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिले के सभी तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया ग...