मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

मजदूरों के बैंक खातों में पैसे डालने की अपील की

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में पैसे डालने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी कहा कि गरीबों, श्रमिकों और रेहड़ी-पटरी वालों को नकद मदद दी जानी चाहिए। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रवासी मजदूर एक बार फिर पलायन कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनके बैंक खातों में रुपये डाले जाएं। लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए जनता को दोष देने वाली सरकार क्या ऐसा जन सहायक क़दम उठाएगी ? प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ कोविड महामारी की भयावहता को देखकर यह तो स्पष्ट था कि सरकार को लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाने पड़ेंगे, लेकिन प्रवासी श्रमिकों को एक बार फिर उनके हाल पर छोड़ दिया गया। क्या यही आपकी योजना है, नीतियां ऐसी हों जो सबका ख्याल रखें।’’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया,  गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी वालों को नकद मदद वक्त की मांग है। कृपया यह करिए।

देश में कोरोना मृतकों की संख्या-1,80,530 हुईं

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,59,170 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,53,21,089  हो गई। जिनमें से 20 लाख से अधिक लोग उपचाराधीन हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 1,761 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,80,530 हो गई। देश में संक्रमण के मामलों में लगातार 41वें दिन वृद्धि हुई है और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 20,31,977 हो गई है। जो संक्रमण के कुल मामलों का 13.26 प्रतिशत है। जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर गिरकर 85.56 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,31,08,582 हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1.18 प्रतिशत हो गई है। भारत में कोविड-19 के मामले पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख की संख्या पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे। वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ से अधिक हो गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, 19 अप्रैल तक 26,94,14,035 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 15,19,486 नमूनों की जांच सोमवार को की गई।

तेलांगना में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा

मनोज सिंह ठाकुर           
हैदराबाद। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को राज्य में 30 अप्रैल तक रात नौ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। ये प्रतिबंध 20 अप्रैल से लागू होंगे। राज्य में कोविड-19 को नियंत्रित करने के विभिन्न उपायों की समीक्षा की गई है।मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने एक आदेश में कहा कि कोविड​​-19 के प्रसार को रोकने के लिए एक अतिरिक्त उपाय के तहत 30 अप्रैल 2021 तक रात नौ बजे से सुगह पांच बजे तक राज्य में रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है। राज्य में अभी 42,853 लोगों का इलाज चल रहा है।मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को भी सोमवार को वायरस से संक्रमित पाया गया। कर्फ्यू के दौरान अस्पतालों, जांच प्रयोगशालाओं, दवा दुकानों को छोड़कर सभी कार्यालय, फर्म, दुकानें, प्रतिष्ठान, रेस्तरां आदि रात के आठ बजे बंद हो जाएंगे और मीडिया, ई-कॉमर्स डिलीवरी और पेट्रोल पंप जैसी अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को भी छूट रहेगी।
सरकारी अधिकारियों, चिकित्सा कर्मियों और हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आने-जाने वाले लोगों को छोड़कर रात्रि नौ बजे से सभी लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। आदेश में कहा गया कि अंतर-राज्यीय और राज्य के भीतर आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुओं के परिवहन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और इस तरह की आवाजाही के लिए कोई अलग से अनुमति या पास की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा ऑटो और टैक्सियों सहित सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को रात्रि कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की अनुमति होगी।

पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आएंगे अजय

 कविता गर्ग             
 मुंबई। बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन वेबसीरीज रूद्रा द एज ऑफ डार्कनेस में पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आयेंगे। यह फिल्म हॉलीवुड अभिनेता इद्रिस एल्बा की हिट टीवी सीरीज ‘लूथर’ का हिंदी रीमेक है। सीरीज को बीबीसी वन के साथ मिलकर अप्लाउस एंटरटेनमेंट प्रोड्यूस कर रहा है और ये हॉटस्टार पर रिलीज होगी। बताया जा रहा है कि रूद्रा द एज ऑफ डार्कनेस एक क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज है जिसमें कि एक पुलिसवाला आखिर तक आते-आते एक साइको क्रिमिनल बन जाता है। अजय देवगन ने इस वेब सीरीज का फर्स्ट लुक इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।अजय इस सीरीज़ में एक पुलिस अफ़सर के किरदार में नजर आएंगे, जो उनके अब तक के कॉप अवतारों से अलग होगा। अजय देवगन ने कहा, “मेरी हमेशा से कोशिश यही रही है कि काबिल लोगों के साथ बेहतरीन काम करूं। रूद्रा- द ऐज ऑफ़ डार्कनेस बांधकर रखने वाले कहानी है और इस सफ़र की शुरुआत करने का मुझे बेसब्री से इंतज़ार है। पर्दे पर पुलिस वाले का किरदार निभाना मेरे लिए नया नहीं है, लेकिन इस बार यह किरदार ज़्यादा गहरा, मुश्किल और डार्क है। मुझे इस किरदार की शख़्सियत ने सबसे अधिक प्रभावित किया। सम्भवत: यह मौजूदा दौर में सबसे ग्रे कैरेक्टर है।

अमेरिका ने नागरिकों को भारत ना जाने की सलाह दी

वाशिंगटन डीसी/ नई दिल्ली। अमेरिका ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अत्यधिक फैलने के कारण वहां की यात्रा करने से बचें। रोग रोकथाम एवं नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) ने यात्रा परामर्श जारी किया। अमेरिका, विज्ञान आधारित यात्रा स्वास्थ्य नोटिस जारी करके अपने नागरिकों को विश्वभर में स्वास्थ्य संबंधी खतरों की जानकारी देता है और उन्हें स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए सलाह देता है।
अमेरिका ने कोविड-19 संबंधी यात्रा परामर्श के लिए चार स्तरीय प्रणाली अपनाई है और ताजा यात्रा परामर्श में भारत को ‘स्तर-चार: कोविड-19 के सबसे उच्च स्तर’ में रखा गया है। विभाग ने सोमवार को कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी यात्रियों के लिए अप्रत्याशित खतरा बनी हुई है।’’ सीडीसी से अमेरिकियों से भारत की यात्रा नहीं करने की अपील की है।

एचसी ने चुनाव करवाने के तरीके पर जताईं नाराजगी

बृजेश केसरवानी            
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने राज्य के भीतर कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न हो रही गंभीर स्थिति के बावजूद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करवाने के तरीके पर गहरी नाराजगी जताई है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि जब प्रदेश सरकार को कोरोना की दूसरी लहर के घातक परिणामों का अंदाजा था तो सरकार की तरफ से कोई कारगर योजना क्यों नहीं बनाई गई। जिस तरह से राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करवाए जा रहे हैं और उसमें चुनाव ड्यूटी करने के लिए अध्यापकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों को मजबूर किया जा रहा है, वह तरीका सही नहीं है। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है। कि लोक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हुए पुलिस को चुनाव करवाने के लिए मतदान केंद्रों पर भेज दिया गया। यह किसी भी दशा में ठीक नहीं है। चुनाव कराने वाले अधिकारियों को भी पता है कि लोगों को एक दूसरे से दूर रखने का कोई तरीका नहीं है। ऐसे आयोजकों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा है, कि हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि सरकार के लिए केवल अर्थव्यवस्था ही मायने रखती है। खाने पीने की चीजों से भरी किरयाना की दुकान या बाइक अथवा कार से भरे शोरूम है। लेकिन जीवन रक्षक दवाइयों की दुकानें खाली पड़ी हुई है।जब कोरोना से बचाव की दवा रेमडेसीवर जैसी जीवन रक्षक दवाइयां दवाओं की दुकानों पर नहीं मिल रही है तो किराना के सामान से भरी दुकान व कारों से भरे शोरूम किसी काम के नहीं है। हाईकोर्ट ने प्रदेश में वर्तमान स्वास्थ्य सुविधाओं को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि प्रयागराज और लखनऊ जैसे शहरों में ही रोजाना 500 से 1000 मरीजों को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ रही है। वर्तमान स्वास्थ्य सेवाएं 5 प्रतिशत आबादी की आवश्यकता को ही पूरा कर सकती हैं।

अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या बताएं: एससी

 अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र और आप सरकार को निर्देश दिया कि वे मंगलवार तक हलफनामे देकर कोविड-19 के मरीजों के लिए प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या बताएं। वर्तमान महामारी की दशा का जायजा लेते हुए उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के पहलू पर अत्यावश्यकता के आधार पर गौर किया जाये।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पिल्लै की पीठ ने कहा कि अपने हलफनामों में केंद्र एवं दिल्ली सरकार यह भी बतायेंगे कि अस्पतालों के कितने बेडों के साथ वेंटीलेटर एवं ऑक्सीजन की सुविधा है और कितने में ऐसी सुविधा नहीं है। पीठ ने दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक बंद कर देने वाली कंपनी को तत्काल यह आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय को बताया गया कि यह कंपनी अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है।
पीठ ने यह भी कहा कि 24 घंटे के अंदर कोविड-19 जांच रिपोर्ट नहीं देने पर प्रयोगशालाओं के विरूद्ध कार्रवाई के दिल्ली सरकार के निर्देश को लागू नहीं किया जाएगा। प्रवासी मजदूर संकट पर अदालत ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार पिछले साल लॉकडाउन में विफल रही थी और उससे सबक सीखने की जरूरत है। इस मामले पर अब मंगलवार को फिर सुनवाई होगी।

दवा निर्माता कंपनियों के अधिकारियों के साथ संवाद

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। कोविड-19 रोधी टीका लगाने की उम्र सीमा 18 साल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज टीका उत्पादक कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ संवाद करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, वीडियो कॉन्फ्रेंस से होने वाली यह बैठक शाम छह बजे होगी और इसमें जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से एक प्रस्तुति भी दी जाएगी। टीका उत्पादक कंपनियों के साथ भी यह विभाग समन्वय करेगा। बैठक में भारत के साथ ही विदेशों की भी शीर्ष दवा निर्माता कंपनियों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जिन कंपनियों के टीकों को भारत सरकार की मंजूरी मिली हुई है। उनके भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है। अभी तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्रोजेनेका द्वारा विकसित 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक कंपनी द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ साझेदारी में विकसित 'कोवैक्सीन' टीके भारत में दिए जा रहे हैं।

फिलीपींस ने कोवैक्सीन के उपयोग की अनुमति दीं

मनीला। फिलीपींस ने भारत के बायोटेक कोरोना वायरस कोवैक्सीन टीके को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है। देश के खाद्य एवं औषधी प्रशासन (एफडीए) ने यह जानकारी दी है। एफडीए के महानिदेशक रोलांडो एनरिक डोमिंगो ने मंगलवार को मनीला के रैपलर समाचार सेवा के माध्यम से इस टीके को आपातकालीन उपयोग में लाने की पुष्टि की है। फिलीपींस, पलाऊ और माइक्रोनेशिया में भारत के राजदूत शंभू कुमारन ने इस मंजूरी का स्वागत करते हुए ट्विटर पर कहा यह कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए एक निर्णायक कदम है। कुमारन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा “ईयूए ने कोवैक्सिन की मंजूरी दी है। भारत बायोटेक को बधाई। फिलीपींस की एफडीए का धन्यवाद।” फिलीपींस ने सोमवार को एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के साथ 60 और उससे कम उम्र के नागरिकों के लिए टीकाकरण को फिर से शुरू किया। अप्रैल में फिलीपींस के स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर एस्ट्राजेनेका टीके को लगाने के बाद खून के थक्के बनने और अन्य दुष्प्रभाव की शिकायत के कारण 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों को यह टीका लगाने पर रोक लगा दी थी। फिलीपींस से भारत बायोटेक के टीके के अलावा जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर, रूस के स्पुतनिक-वी और चीन के सिनावैक टीके को भी मंजूरी दे दी है।

आंदोलनकारी किसानों का टेस्ट भी कराएंगी सरकार

राणा ओबराय            
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न हालातों की समीक्षा करने के साथ ही कोरोना से बचाव के लिए बंदोबस्त करने का फैसला किया है। इस दौरान यह भी तय किया गया कि सरकार नये कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करते हुए उनका कोरोना वायरस का टैस्ट कराएगी।
इस दौरान किसानों का कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण भी कराया जाएगा। इस कार्य की शुरुआत अगले एक-दो दिन के भीतर कर दी जाएगी। इसके अलावा आक्सीजन की कालाबाजारी को रोकने के लिए सभी निर्माण प्लांटों पर पुलिस सुरक्षा तैनात की जाएगी। उपयुक्त अधिकारी की जानकारी के बिना प्लांट से ऑक्सीजन का एक भी सिलेंडर बाहर नहीं जा पाएगा।
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी की बैठक में कोरोना संक्रमण से निपटने को लेकर एक दर्जन से भी ज्यादा अहम फैसले लिए गए। माॅनिटरिंगकमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रधान सचिव स्तर के 10 आईएएस अधिकारियों के अलावा पुलिस महानिदेशक और स्वास्थ्य महानिदेशक स्तर के पांच अधिकारी सदस्य हैं। बैठक में प्रत्येक दिन कोरोना के टेस्ट बढ़ाने पर सदस्यों के बीच सहमति बनी। गौरतलब है कि हरियाणा में मौजूदा समय में रोजाना 30,000 टेस्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की जांच के लिए किए जा रहे हैं। लेकिन अब राज्य में कम से कम 40000 टेस्ट रोजाना किए जाएंगे।

इंडिया सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट को स्थगित किया

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। इन दिनों कोरोना के कहर से जूझ रहे हैं। जहां देखिए वहीं कोरोना के आंकड़े बढते ही जा रहे हैं। आलम ये है कि जहां भी जाइए अस्पतालों के बेड भरे हुए हैं। नए मिलने वाले संक्रमितों की संख्या में बिल्कुल भी गिरावट देखने को नहीं मिल रही है। अब इसका असर खेलों पर भी पड़ना शुरू हो चुका है। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इंडिया ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। भारतीय बैडमिंटन संघ बाई के महासचिव अजय कुमार सिंघानिया ने सोमवार को वर्चुअल प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।
सिंघानिया ने कहा कि आप सभी को पता है कि दिल्ली में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगने जा रहा है।  हमें नहीं पता कि आगे स्थिति क्या होगी। ये गंभीर हालात हैं। और सभी साझेदारों से बात करने के बाद हम इस फैसले पर पहुंचे हैं।  कि टूर्नामेंट को आयोजित करना सही नहीं रहेगा। विश्व बैडमिंटन महासंघ ने भी सोमवार को बयान जारी कर कहा है कि टूर्नामेंट के आयोजक बाई ने 11 से 16 मई तक होने वाले इंडिया ओपन 2021 को स्थगित कर दिया है।  उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट को सुरक्षित वातावरण में कराने के सभी प्रयास किए गए लेकिन कोरोना के अचानक बढ़ते मामले और दिल्ली में हालात को देखते हुए टूर्नामेंट को स्थगित करने के अलावा बाई के पास दूसरा विकल्प नहीं बचा। 
गौरतलब है कि इंडिया ओपन टूर्नामेंट का स्थगित होना कई खिलाड़ियों के लिए भी बहुत ज्यादा नुकसानदायक भी है क्योंकि ये टूर्नामेंट टोक्यो ओलंपिक के क्वालीफिकेशन का हिस्सा था। 

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...