कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 17 अप्रैल को होने वाले पांचवें चरण के चुनाव प्रचार के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बंगाल में हैं। बर्दवान में उन्होंने पहली जनसभा को संबोधित की जिसके बाद नदिया जिले के कल्याणी में दूसरी सभा को संबोधित किया है। यहां राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नारे मां, माटी मानुष पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मां पर अत्याचार, माटी की लूट और मानुष को मारने में यकीन करती हैं। मोदी ने बंगाल में असली परिवर्तन का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'चार चरणों में जो बहुत बड़ी संख्या में मतदान हुआ है, वो असल परिवरितन के लिए है। आशोल पोरिबोर्तन यानि बंगाल का विकास, बंगाल के लोगों का विकास। आशोल पॉरिबोरतोन यानि दीदी के कुशासन से मुक्ति, दीदी के सिंडिकेट, तोलाबाजों से मुक्ति।
मोदी ने कहा, 'अपने राजनीतिक हितों के लिए बंगाल के लोगों की हत्या, अपने तोलाबाजों को फायदा पहुंचाने के लिए बंगाल के लोगों से लूट-पाट, अपने सिंडिकेट को ताकतवर बनाने के लिए बंगाल के लोगों से विश्वासघात, दीदी के 10 साल के काम का रिपोर्ट-कार्ड यही है।' उन्होंने कहा- 'बंगाल में सच्चाई आज एक ही है। खैला होए गैछे दीदी (खेल खत्म हो चुका है दीदी)। बंगाल में आधे चुनाव में ही टीएमसी पूरी तरह से साफ हो चुकी है। ' पीएम ने कहा- 'कुछ दिन पहले जब मैं बांग्लादेश गया था, तो ओराकान्दी की पवित्र धरती को चरण स्पर्श करने का अवसर मिला था। दीदी को मेरा ओराकान्दी जाना भी पसंद नहीं आया। दीदी ने इस पर भी सवाल खड़े कर दिए। दीदी 10 साल आपने बंगाल के दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों से कैसे नफरत दिखाई है, ये देश अब देख रहा है।' मोदी ने कहा, 'खुलेआम कहा जा रहा है कि तृणमूल के लोग केंद्रीय वाहिनी का घेराव करेंगे और दीदी के बाकी समर्थक छप्पा वोट डालेंगे। चर्चा है कि कूचबिहार में जो हुआ वो दीदी के इसी छप्पा भोट मास्टर प्लान का हिस्सा था।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'अपनी हार सामने देख दीदी ने अब नई रणनीति बनाई है। दीदी की साजिश है कि एससी, एसटी और ओबीसी किसी को भी वोट डालने नहीं दिया जाए। दीदी की साजिश है, इन वर्ग के लोगों को वोट डालने से रोकना और अपने गुंडों से छप्पा वोट डलवाना।' मोदी ने कहा, 'दीदी, आपके साथी बंगाल के अनुसूचित जाति को भिखारी कहकर अपमान कर सकते हैं लेकिन हमारे लिए, भाजपा के लिए अनुसूचित जाति का मान सम्मान सर्वोपरि है।' पीएम ने कहा, 'दीदी की दुर्नीति ने बंगाल के गरीब और मिडिल क्लास के स्वास्थ्य के साथ बहुत बड़ा खेला किया है। आयुष्मान भारत से यहां के गरीब को पूरे देश में कहीं भी 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलना था। दीदी ने ऐसे होने नहीं दिया।