रविवार, 11 अप्रैल 2021

गर्मियों में ठंडक का अहसास, पाइनएप्पल रायता

मौसम चाहे कोई भी हो भोजन के साथ परोसा गया रायता उसका स्वादा दोगुना कर देता है। अगर आप अपनी रायते की गिनी चुनी रेसिपीज से बोर हो गई हैं तो ट्राई करें समर स्पेशल पाइनएप्पल रायता। इस रायते का खट्टा-मीठा स्वाद आपकी भूख और बढ़ा देगा। तो देर किस बात की आइए जानते हैं, कैसे बनाया जाता है ? यह टेस्टी रायता। गर्मियों में ठंडक का अहसास पाइनएप्पल रायता देगा।

मौसम चाहे कोई भी हो भोजन के साथ परोसा गया रायता उसका स्वादा दोगुना कर देता है। अगर आप अपनी रायते की गिनी चुनी रेसिपीज से बोर हो गई हैं तो ट्राई करें समर स्पेशल पाइनएप्पल रायता। इस रायते का खट्टा-मीठा स्वाद आपकी भूख और बढ़ा देगा। तो देर किस बात की आइए जानते हैं कैसे बनाया जाता है यह टेस्टी रायता।

पाइनएप्पल रायता बनाने के लिए सामग्री...

25 ग्राम पाइनएप्पल
60 ग्राम दही
1 हरी मिर्च
2 टहनी पुदीने की पतियां
स्वादानुसार काला नमक
1/2 टी स्पून चीनी
2 ग्राम काली मिर्च पाउडर

पाइनएप्पल रायता बनाने की वि​धि...
पाइनएप्पल रायता बनाने के लिए सबसे पहले पाइनएप्पल को टुकड़ों में काटकर स्क्यूर में लगाएं और हल्का सा ग्रिल कर लें ताकि यह नरम हो जाएं। अब एक बाउल में दही निकालकर उसे फेंट लें। इसके बाद ठंडे किए हुए पाइनएप्पल के टुकड़ों को दही में मिलाकर बाकी बची हुई सामग्री भी डाल दें। अब बारीक कटे पाइनएप्पल और पुदीने के पत्तों से रायते को गार्निश करके सर्व करें।


24 घंटों में 1 लाख, 52 हजार, 879 नए मामलें

अकांशु उपाध्याय                     
नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या डेढ़ लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के एक लाख 52 हजार 879 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अबतक कोरोना के कुल 1 करोड़ ,33 लाख,58 हजार,805 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना से 839 लोगों की मौत हो गई। इस बीमारी से अब तक मरने वालों की संख्या 1 लाख,69 हजार,275 तक पहुंच गई है। 

रविवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में इस समय 11 लाख,08 हजार,087 एक्टिव मरीज हैं। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 1 करोड़,20 लाख,81 हजार,443 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 90.43 प्रतिशत हो गया है।

कैपिटल्स के हाथों 7 विकेट से हार का सामना हुआ

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन के दूसरे मैच में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम की दिल्ली कैपिटल्स के हाथों 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए इस मैच में कुछ भी अच्छा नहीं घटा और वह बल्लेबाजी में बिना खाता खोले पवेलियन लौटे। इसी बीच, हार के बाद धोनी को अब एक और बड़ा झटका लगा है। सीएसके के कप्तान पर स्लो ओवर रेट के चलते 12 लाख का जुर्माना लगा है। इंडियन प्रीमियर लीग की वेबसाइट के अनुसार, धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स की टीम तय समय के अंदर अपने 20 ओवर नहीं फेंक सकी, जिसके चलते धोनी पर यह जुर्माना लगाया गया है। आईपीएल 2021 में सीएसके पहली टीम है, जिस पर यह जुर्माना लगा है। 

हालांकि, टूर्नामेंट की शुरुआत को देखते हुए धोनी को सिर्फ जुर्माना लगाकर ही छोड़ दिया गया है। चेन्नई की टीम ने टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 188 रन बनाएंं। टीम की तरफ से सुरेश रैना ने 54 और सैम करन ने 34 रनों की आतिशी पारी खेली। 189 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स की टीम को धवन और शॉ ने जबर्दस्त शुरुआत दी और दोनों ने पावरप्ले के अंदर 65 रन बटोरे। शॉ ने अपनी फिफ्टी महज 27 गेंदों में पूरी की और दिल्ली ने अपने 100 रन महज 10.1 ओवर में पूरे किए। शॉ लाजवाब फॉर्म में नजर आए और उन्होंने शुरुआती ओवरों में चौकों की जमकर बरसात की। ड्वेन ब्रावो ने पारी के 14वें ओवर में पृथ्वी शॉ की 72 रनों की पारी का अंत किया। इसके बाद शार्दुल ठाकुर ने 17वें ओवर में शतक की तरफ बढ़ रहे धवन को 85 रनों के स्कोर पर चलता किया। कप्तान पंत ने 12 गेंदों में 15 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई।

पीएम मोदी ने ‘टीका उत्सव’ शुरुआत किया, अपील

अकांशु उपाध्याय                      

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देश में ‘टीका उत्सव’ की शुरुआत की और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जनता से सहयोग की अपील करते हुए अनेक सुझाव दिए। मोदी ने कहा, ‘‘आज 11 अप्रैल यानी ज्योतिबा फुले जयंती से हम देशवासी ‘टीका उत्सव’ की शुरुआत कर रहे हैं। यह ‘टीका उत्सव’ 14 अप्रैल यानी बाबा साहेब आंबेडकर जयंती तक चलेगा।’’ 

प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘ईच वन वैक्सीनेट वन’’ अर्थात जो लोग कम पढ़े-लिखे हैं, बुजुर्ग हैं। जो स्वयं जाकर टीका नहीं लगवा सकते, उनकी मदद करें। उन्होंने कोविड उपचार में, मास्क को बढ़ावा देकर वायरस से बचाव में अन्य लोगों की मदद करने की अपील की और कहा, ‘‘हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की रक्षा करें, हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का बचाव करे।’’ प्रधानमंत्री ने समाज के लोगों, परिवारों से कोविड-19 की स्थिति में छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाने में सहयोग की अपील की।

स्कूलों को 30 तक बंद किएं जाने की घोषणा: यूपी

हरिओम उपाध्याय                     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये राज्य सरकार ने कक्षा एक से 12 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद किएं जाने की आज घोषणा की। इस अवधि में सभी कोचिंग संस्थान भी बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने सरकारी आवास पर बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के लक्ष्य को निरन्तर ध्यान में रखते हुए प्रभावी प्रयास किए जाएं। 

कोविड-19 की टेस्टिंग में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड चिकित्सालयों में चिकित्साकर्मियों, आवश्यक औषधियों, मेडिकल उपकरणों तथा बैकअप सहित ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में वेन्टिलेटर्स तथा हाई फ्लो नेजल कैन्युला (एच.एफ.एन.सी.) की उपलब्धता अवश्य रहे। वेन्टिलेटर्स एवं एच.एफ.एन.सी. की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए लगातार समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने लेवल-2 तथा लेवल-3 के बेड की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश भी दिए।

बरेली में कोरोना के 1007 नए मामलें सामने आएं

संदीप मिश्र                     

बरेली। कोरोना की रफ्तार ने लॉकडाउन के रिकार्ड मार्च में ही तोड़ दिए। अब कोरोना पिछले साल अनलॉक के रिकार्ड तोड़ने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इससे स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है। फैलते कोरोना संक्रमण के बीच 15 अप्रैल को मतदान कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारी भी संक्रमित निकल रहे हैं। शनिवार शाम कोरोना के जो आंकड़े सामने आए। 

उससे शहर के लोग भी डर गए हैं। जहां प्रतिदिन 50 केस निकल रहे थे। इसके बाद संख्या 110 और 130 तक पहुंची। अब एकाएक संख्या 200 पार पहुंच गई। लॉकडाउन लगे बगैर ही कोरोना के आंकड़ों ने लाकडाउन लगने जैसा खौफ महसूस करा दिया है। बरेली में 1007 सक्रिय केस हैं। इसमें सर्वाधिक संक्रमित नगर निगम सीमा क्षेत्र में ही निकले हैं। 828 संक्रमित होम आईसोलेशन में हैं। अन्य संक्रमित 300 बेड हॉस्पिटल समेत अन्य मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में भर्ती हैं।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण   
1. अंक-238 (साल-02)
2. सोमवार, अप्रैल 12, 2021
3. शक-1984,चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि- अमावस्या, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:22, सूर्यास्त 06:48।
5. न्‍यूनतम तापमान -16 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
http://www.universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
संपर्क सूत्र :- +919350302745  
                     (सर्वाधिकार सुरक्षित)

शनिवार, 10 अप्रैल 2021

सरकार किसानों के साथ बातचीत को तैयार: तोमर

राणा ओबराय               
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत हजारों किसानों ने शनिवार सुबह केजीपी-केएमपी एक्सप्रेस-वे पर जाम लगा दिया। जबकि, सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए किसान संगठनों से आंदोलन वापस लेने की पेशकश की है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कोरोना संकट को देखते हुए किसान संगठनों से आंदोलन वापस लेने का शनिवार को अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार उनके साथ बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, किसानों के मन में असंतोष नहीं है। जो किसान संगठन इन बिलों के विरोध में हैं। उनसे सरकार बातचीत के लिए तैयार है। मैं किसान संगठनों से आग्रह करूंगा कि वे अपना आंदोलन स्थगित करें, अगर वे बातचीत के लिए आएंगे तो सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। 

उल्लेखनीय है कि किसान संगठन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर लंबे समय से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। आज से उन्होंने अपना आंदोलन तेज करने का निर्णय किया है। तोमर ने कहा कि जब किसान संगठनों से बातचीत चल रही थी, उस समय भी उन्होंने कोविड संकट को लेकर आंदोलन में शामिल बुजुर्ग और बच्चों को घर भेजे जाने का अनुरोध किया था। आज कोविड का दूसरा दौर है। पूरा देश इसको लेकर चिंतित है और कोरोना प्रोटोकॉल के पालन पर जोर दिया जा रहा है। किसानों की जिंदगी उनके लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में किसानों को आंदोलन स्थगित कर सरकार के साथ बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहिए। उधर, बड़ी संख्या में आंदोलनकारी किसान दोनों एक्सप्रेस-वे के जीरो प्वॉइंट के अलावा दोनों टोल प्लाजा पर दिन भर बैठे रहे। पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार सुबह करीब 7:30 बजे हजारों किसान केएमपी और केजीपी के जीरो पॉइंट पर एकत्रित हो गए। सैकड़ों किसान वहीं धरने पर बैठ गए बाकी हजारों की संख्या में किसान केएमपी और केजीपी के करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित टोल प्लाजा पर पहुंच गए। किसानों ने करीब 250 ट्रैक्टर खड़े कर एक्सप्रेस-वे के बीचों-बीच खड़े कर जाम लगा दिया। इन किसानों के बीच 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगा फहराने के मामले में वांछित एक लाख रुपए का इनामी लक्खा सिधाना भी मौजूद रहा। किसानों ने टोल प्लाजा पर पहुंचकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह तीन कानूनों को वापस करा कर ही अपने घरों को लौटेंगे, इससे कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं। दिनभर अलग-अलग जत्थों में किसान धरना स्थल पर नारेबाजी करते हुए पहुंचते रहे। 

मुख्य मंच से मोर्चा के नेता लगातार शांति बनाए रखने और किसी प्रकार के उपद्रव में शामिल न होने की नसीहत देते रहे। केजीपी-केएमपी पर जाम की सूचना पहले से ही मिलने के कारण बहुत से वाहन चालकों ने अपना मार्ग बदल लिया। लेकिन जो थोड़े बहुत वाहन यहां आए, उन्हें वापस लौटना पड़ा। जाम का सबसे ज्यादा असर राजमार्ग संख्या-44 पर रहा, जहां गन्नौर से लेकर मुरथल और बहालगढ़ से बीसवां मील तक लंबा जाम लगा रहा। जाम का मुख्य कारण भारी वाहनों को पीछे ही न रोक पाना था। पुलिस भारी वाहनों को रोक पाने में नाकाम रही। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किसानों का यह जाम रविवार सुबह आठ बजे तक चलेगा। पुलिस की 13 रिजर्व कंपनियाँ हालाँकि सुरक्षा के लिए तैनात की गईं थी। इनकी कमान छह डीएसपी के हाथ रही। इसके लिए 14 जगह नाकेबंदी की गई थी और राहगीरों की सुविधा के लिए मार्गों में परिवर्तन किया गया था। फिर भी अनेक वाहन चालक संपर्क मार्गों से राजमार्ग पर पहुंच कर जाम में फंस गए। संयुक्त मोर्चा के सदस्य डॉ दर्शनपाल, अभिमन्यु कोहाड़, गुरनाम सिंह चढूनी एवं धर्मेंद्र मलिक ने आदि किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। मगर अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अगले कुछ दिनों में कटाई के कार्य से निवृत्त होने के बाद हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचेंगे।

चीन की चुनौती से राजनीतिक हालात बदल रहे हैं

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका और पश्चिमी देशों के नेतृत्व वाली विश्व व्यवस्था को चीन की चुनौती से भू-राजनीतिक हालात बदल रहे हैं। कोविड-19 महामारी इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है। 2017 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में दुनिया में ऐसी कोई महामारी फैलने की आशंका जताई गई थी। कहा गया था, कि उससे विश्व व्यवस्था को गंभीर चुनौती मिलेगी। कोरोना काल में वैसा ही कुछ हुआ है। यह वायरस चीन से ही फैला है। ग्लोबल ट्रेंड्स 2040 के शीर्षक से न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी देशों के मुश्किल में फंसने का फायदा चीन उठाएंंगा। 

आने वाले समय में अमेरिका और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता का दायरा और विकसित होगा। इससे दुनिया की भू-राजनीतिक स्थितियां प्रभावित होंगी। दोनों देशों में प्रतिद्वंद्विता की स्थिति कई दशकों तक बनी रह सकती है। इस दौरान दुनिया में सहयोग और विरोध के नए मानदंड स्थापित होंगे। साथ ही नए समीकरण और गठबंधन होंगे। इस दौरान क्षेत्रीय शक्तियों और आधिकारिक सत्ता से दूर ताकतों को महत्व मिलेगा। उन्हें महाशक्तियों से सहयोग और प्रश्रय मिलेगा।

नए स्ट्रेन की तबाही के साथ नए लक्षण भी मिलें

बृजेश केसरवानी      
नई दिल्ली। भारत में कोरोना के रोजाना तकरीबन एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। खांसी, बुखार, लॉस ऑफ टेस्ट-स्मैल इस जानलेवा वायरस के कॉमन लक्षण थे। लेकिन, नए स्ट्रेन की तबाही के साथ अब नए लक्षण भी देखने को मिलेंं हैं। आइए, आपको बताते हैं  कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण पुराने वेरिएंट से कितने अलग हैं। और इनकी कैसे पहचान की जा सकती है ? चीन में हुई एक हालिया स्टडी के मुताबिक, नए स्ट्रेन पर गौर करने पर कुछ खास लक्षणों की पहचान की गई है। इंफेक्शन के नए वेरिएंट में इंसान की आंखें हल्की लाल या गुलाबी हो सकती हैं। आंखों में लालपन के अलावा, सूजन और आंख से पानी आने की भी शिकायत हो सकती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑडियोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 का नया स्ट्रेन कानों से जुड़ी दिक्कत को ट्रिगर कर सकता है। स्टडी में करीब 56 प्रतिशतक लोगों में ये परेशानी देखी गई है। अगर आप भी ऐसा कोई लक्षण महसूस कर रहे हैं तो ये कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का संकेत हो सकता है। नए स्ट्रेन में शोधकर्ताओं ने गैस्ट्रोइंटस्टाइनल से जुड़ी शिकायत होने की बात भी कही है। पहले जहां मरीज को सिर्फ अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में शिकायत होती थी। अब पेट से जुड़ी दिक्कतें भी सामने आ रही हैं। 

नए स्ट्रेन में लोगों ने डायरिया, उल्टी, पेट में ऐंठन और डायजेस्टिव डिसकम्फर्ट महसूस किया है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित होने वाले लोगों में न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर की समस्या भी देखने को मिल रही है। लंबे समय तक कोरोना से बीमार रहने वालों में ब्रेन फॉग या मेंटल कंफ्यूज़न की समस्या देखने को मिली है। इस न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर का असर उनकी नींद और मेमोरी लॉस पर भी पड़ रहा है।
अगर आप कुछ दिनों से दिल की असामान्य गति को महसूस कर रहे हैं तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें, मेयो क्लीनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद धड़कन की रफ्तार काफी ज्यादा तेज हो जाती है। जामा में प्रकाशित एक रिपोर्ट में रिकवर हो चुके 78 प्रतिशत लोगों ने कार्डिएक से जुड़ी समस्या होने की बात कही है। 

जबकि, 60 फीसद लोगों ने मेयोकार्डिएल इन्फ्लेमेशन की शिकायत बताई है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट बॉडी पर अलग-अलग तरीके से हमला कर रहा है। नया स्ट्रेन बहुत ज्यादा संक्रामक है और फेफड़ों और श्वसन तंत्र में आसानी से फैल जा रहा है। इसकी वजह से निमोनिया हो रहा है जो कोरोना को और घातक बना रहा है। कोरोना के पुराने वेरिएंट के लक्षण इससे थोड़े अलग थे। सूखी खांसी, बुखार, गले में दर्द और सांस में तकलीफ ज्यादा देखने को मिल रही थी। हालांकि, मौजूदा हालातों में भी इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की भूल नहीं करनी चाहिए। कोरोना के पहले स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद काफी ज्यादा तादाद में मरीजों को लॉस ऑफ टेस्ट और स्मैल की शिकायत हो रही थी। हालांकि, उस वक्त भी कुछ एक्सपर्ट ने ऐसा कहा था कि किसी भी प्रकार के रेस्पिरेटरी डिसीज में इंसान के सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता खत्म हो जाती है। पिछले साल मार्च में इटली के कुछ डर्माटोलॉजिस्ट ने कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के पैरों और उंगलियों में सूजन होने की बात कही थी।उन्होंने ये भी दावा किया था कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनकी स्किन का कलर असामान्य ढंग से बदल रहा था। कुछ लोगों की स्किन पर नीले या बैंगली कलर के धब्बे भी देखे गए थे। अमेरिका के वॉशिंगटन नर्सिंग होम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग एक-तिहाई लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए। लेकिन आधे लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं थे। कुछ मरीजों में सिर्फ बेचैनी और मांसपेशियों में दर्द जैसे असामान्य लक्षण देखने को मिले थे। कोविड-19 के कुछ मरीजों में बंद नाक या बहती नाक के लक्षण भी देखे गए थे। हालांकि, जरूरी नहीं कि नाक बहने की समस्‍या कोरोनो वायरस का ही संकेत हो। आमतौर पर एलर्जी या ठंड लगने की वजह से भी नाक बहने लगती है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के पांच फीसदी से भी कम मरीज इन लक्षणों का अनुभव करते हैं। कोरोना वायरस के कुछ मरीजों में छींक आना और गले में खराश होने जैसी समस्या देखी गई है। हालांकि छींक आने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप कोरोना वायरस से ही पीड़ित हों। एलर्जी या सर्दी लगने पर भी छींक आने और गले में खराश होने जैसी समस्या हो जाती है।

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...