शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021
8 हजार की रिश्वत लेते हुए अधिकारी किया अरेस्ट
पत्नी व ससुरालियों पर लगाया बलात्कार का आरोप
पत्रकार पहचान-पत्र सहित 2 शातिर ठग गिरफ्तार
लॉकडाउन लगाने का फैसला कलेक्टर खुद लें: सीएम
रेल में मिलें 52 लाख, 2 हजार-5 सौ की गड्डियां
वोटिंग मशीन ही शक के दायरे में, बचा क्या: प्रियंका
हरिओम उपाध्याय
दिसपुर। असम में दूसरे चरण के मतदान के खत्म होते ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया। जिसमें पथरकंडी से बीजेपी उम्मीदवार की कार में कथित रूप से ईवीएम मशीनें देखी जा रही हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाकर वीडियो की जांच कराने की मांग की है। यह वीडियो असम के स्थानीय पत्रकार अतानु भूयन ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा पथरकंडी से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार से ईवीएम मिलने के बाद स्थिति तनावपूर्ण है। देखते ही देखते कई कांग्रेस नेताओं ने इसे शेयर करके बीजेपी पर निशाना साधा। हालांकि अभी बीजेपी या चुनाव आयोग की तरफ से कई पर कोई बयान नहीं आया है।वायरल वीडियो में क्या दिख रहा है?
वीडियो में दिख रहा है कि सफेद रंग की जीप (जिसका नंबर AS 10B 0022 है) के अंगर ईवीएम देखी जा रही है। वीडियो में लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि जीप कृष्णेंदु पॉल की है। इसके बाद कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरोदलई से लेकर गौरव गोगोई ने इस पर ट्वीट किया और बीजेपी ने ईवीएम लूटने का आरोप लगाया।
हर बार सामने आते हैं ऐसे वीडियो: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'हर बार ऐसे वीडियो सामने आते हैं जिनमें प्राइवेट गाड़ियों में ईवीएम ले जाते हुए पकड़े जाते हैं। अप्रत्याशित रूप से उनमें कुछ चीजें कॉमन होती है- गाड़ियां बीजेपी उम्मीदवार या उनके साथियों से जुड़ी होती हैं। वीडियो एक घटना के रूप में सामने आते हैं और फिर झूठ बताकर खारिज कर दिया जाता है।'
वीडियो एक्सपोज करने वालों को ही आरोपी बना देती है बीजेपी'
प्रियंका ने आगे लिखा, 'बीजेपी अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल करके उन्हें ही आरोपी ठहरा देती है जिन्होंने वीडियो एक्सपोज किए। फैक्ट यह है कि ऐसे कई सारी घटनाएं रिपोर्ट की जा रही हैं लेकिन इन पर कुछ नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई शुरू करने की आवश्यकता है और सभी राष्ट्रीय दलों को ईवीएम के इस्तेमाल की जरूरतों पर एक गंभीर पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।'
ईवीएम पर ही शक हो जाए तो बचा क्या?'
शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'यह काफी चौंकाने वाला है। भारत की लोकतांत्रिक संस्कृति में आलोचकों का भी मानना है कि कम से कम चुनाव मुक्त और निष्पक्ष हों लेकिन हम चुनावी निरंकुश बन चुके हैं। अगर ईवीएम ही संदिग्ध हो जाए तो बचा क्या? चुनाव आयोग को इस पर तुरंत सार्वजनिक जांच करानी चाहिए।'
सिर्फ ईवीएम लूटकर ही जीत सकती है बीजेपी'
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ट्वीट किया, 'सिर्फ इसी रास्ते से बीजेपी असम जीत सकती है- ईवीएम लूटकर। ईवीएम कैप्चरिंग, जैसे बूथ कैप्चरिंग हुआ करती थी। यह सब चुनाव आयोग की नाक के नीचे हो रहा है। लोकतंत्र के लिए दुखद दिन।'
असम आपको कभी माफ नहीं करेगा'
असम से कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदलोई ने ट्वीट किया, 'बीजेपी अनुशासित रूप से यह स्वीकार क्यों नहीं कर पा रही है कि वे असम चुनाव हार रहे हैं। ईवीएम चोरी करना और रिजल्ट में हेराफेरी आपके लिए अच्छा नहीं है। अगर चुनाव आयोग ने आपको माफ कर भी दिया तो भी असम कभी इसके लिए क्षमा नहीं करेगा।
ननों को रेल से उतारने का मामला, 2 नेता गिरफ्तार
भारत के लंगड़े आम का 300 साल पुराना इतिहास
आम की किस्म की बात करें तो दशहरी,हापुस, चौसा ,केसर तोता, परी सफेदा,सिंदूरी नीलम और लंगड़ा जैसे आमो को खाने का मजा चखा होगा,इनमें से लंगड़ा आम फेमस होने के पीछे 300 साल पुरानी घटना हैं।
आम खाने में मीठा और मुलायम होता है यह हरियाणा,हिमाचल प्रदेश, झारखंड मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान में बहुत ज्यादा उगाया जाता हैं।
लंगड़ा आम बोलने की कहानी बनारस से चालू हुई बता दे कि तकरीबन 300 साल पहले एक व्यक्ति ने आम खाकर उसका बीज अपने घर के आंगन में लगा दिया, कुछ दिनों के बाद में आम का मीठा फल आया, यह व्यक्ति लंगड़ाकर चलता था इसीलिए इस गांव के लोगों ने लंगड़ा आम कहना चालू कर दिया धीरे धीरे यह आम लंगड़ा आम के नाम से फेमस हुआ।
सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू
चेन्नई। गुरुवार से देश में 1 जनवरी, 1977 तक पैदा हुए सभी लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो गया है। देश में बुधवार तक कुल 6.4 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज पड़ चुकी थी। लेकिन, ये वो लोग थे। जो हेल्थ वर्कर हैं या फिर जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। या फिर 45 साल से 60 साल के बीच के उन लोगों को टीका लगाया गया है, जो किसी न किसी रोग से पीड़ित हैं। लेकिन, गुरुवार से 45 साल ऊपर के हर नागरिक को टीका पड़ने का रास्ता साफ हो जाने के बाद, कई लोगों के मन में यह सवाल ज्यादा उठ रहे हैं कि वैक्सीन के बाद उन्हें खाने-पीने में किन चीजों से परहेज करनी पड़ सकती है। मसलन, जो शराब पीते हैं या स्मोकिंग करते हैं या फिर नॉन-वेज खानों के शौकीन हैं, उन्हें कुछ दिनों तक इन सब चीजों से परहेज तो नहीं करना पड़ेगा ?
बिना वैज्ञानिक आधार पर किए जा रहे हैं दावे
एक रिपोर्ट आई है, जिसमें वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में उठ रहे इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की गई है। क्योंकि, इसको लेकर कुछ लोगों के मन में गलतफहमियां भी देखी गई हैं। मसलन, तमिलनाडु के चेंगालपट्टु के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीके का पहला डोज लगवाने वाले 60 वर्षीय किसान राजेंद्रण ने कहा कि उन्हें सेंटर पर सलाह दी गई कि दूसरी डोज से एक हफ्ते पहले शराब ना पीएं। उन्होंने कहा कि,'मुझसे कहा गया कि अगर मैं शराब पीऊंगा तो वैक्सीन काम नहीं करेगी।' इसी तरह चेन्नई के कल्याण में एक पत्रकार ने दावा किया कि नर्स ने उससे कहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद 48 घंटे तक उन्हें शराब पीने, स्मोकिंग करने या मीट खाने से बचना चाहिए। जबकि, एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में उनके दोस्त को सलाह दी गई कि उन्हे एक हफ्ते तक शराब या 'नॉन-वेज खाने' से बचना चाहिए। सवाल है कि क्या ये दावे तथ्यों और किसी शोध पर आधारित हैं ?
सरकार की ओर से नहीं दी गई है ऐसी कोई सलाह
सबसे बड़ी बात है कि वैक्सीन को लेकर सरकार की ओर से अभी तक खाने-पीने पर किसी तरह की पाबंदी की सलाह नहीं दी गई है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन के मुताबिक, 'ऐसा कोई प्रमाणिक वैज्ञानिक अध्ययन नहीं हुआ है, जिसमें बताया गया हो कि नॉन-वेज खाना वैक्सीन को बेअसर बना देता है। इसलिए लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए मीट खाना छोड़ने की जरूरत नहीं है।' इसी तरह से ऐसा कोई वैज्ञानिक अध्ययन उपलब्ध नहीं है कि शराब पीने या स्मोकिंग से वैक्सीनेशन पर कोई असर पड़ता है।
डॉक्टर क्या दे रहे हैं सलाह ?
हालांकि, इसका मतलब ये भी नहीं है कि लोगों को कोरोना का टीका लगवाने के बाद उसकी खुशी में शराब के जाम छलकाने की सलाह दी जाए। इसकी वजह ये है कि टीकाकरण के बाद अक्सर लोगों को नॉर्मल फ्लू या बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देने की आशंका रहती है। ऐसे में शराब पीने पर तबीयत ज्यादा बिगड़ सकती है। सीनियर एपिडमियोलॉजिस्ट और कोविड-19 के खिलाफ प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर पी कुगानांथम के मुताबिक, 'शराब से शरीर के इम्यून सिस्टम पर विपरीत असर पड़ता है और ज्यादा शराब पीने से हो सकता है कि वैक्सीन उतनी अच्छी तरह से काम ना करे।' उन्होंने सलाह दी है कि 'अगर कोई व्यक्ति वैक्सीन लगवाने से एक हफ्ते पहले और बाद में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग ना करे तो वह ज्यादा अच्छा महसूस कर सकता है।'
इन बातों का एहतियात रखना बहुत जरूरी
स्मोकिंग के साथ भी वही बात है। इससे इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है और इसीलिए यह वैक्सीन के प्रभाव को घटा सकता है। हालांकि, इसको लेकर कोई वैज्ञानिक रिसर्च उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह भी कहा जाता रहा है कि स्मोकिंग करने वालों के लिए कोविड-19 का संक्रमण ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है। डॉक्टर कुगानांथम के मुताबिक वैज्ञानिक तौर पर वैक्सीन लेने से पहले और बाद में कुछ एहतियात जरूर लेनी चाहिए। उनका कहना है कि , 'जो लोग स्टेरॉयड और ब्लड थिनर पर हैं, उन्हें ज्यादा साइड-इफेक्ट से बचने के लिए टीका लगाने से दो दिन पहले और बाद में ऐसी दवाइयां लेने से बचना चाहिए। किसी को अगर वैक्सीन से पहले ज्यादा आघात पहुंच चुका है तो उन्हें डॉक्टरों को यह बात बता देनी चाहिए और ज्यादा सावधान रहना चाहिए।' उन्होंने कहा है कि वैक्सीन लगाने के बाद सबसे ज्यादा जरूरी ये है कि मास्क पहनते रहिए, सोशल डिस्टेंसिंग का पहले की तरह पालन कीजिए,सतहों को छूने से बचिए और हैंड हाइजीन का ख्याल रखिए।
दूसरे बच्चें का जन्म, परवरिश पर डालेगा असर
देह व्यापार में 7 ग्राहक, 14 युवतियां हिरासत में लीं
नोएडा जोन के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि शॉप्रिक्स मॉल के प्रथम तल पर निर्वाणा स्पा एंड सैलून में स्पा सेंटर के नाम पर देह व्यापार की खबर मिली थी। नोएडा जोन की एसीपी प्रथम अंकिता शर्मा और एसीपी द्वितीय रजनीश वर्मा के नेतृत्व मे कार्यवाई की गई।
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