अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सुशांत सिंह राजपूत की बहन की उस अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से मना करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गयी है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने सुशांत की बहन प्रियंका सिंह की अपील को खारिज करते हुए कहा कि उसकी इस मामले में विचार करने में दिलचस्पी नहीं है। प्रियंका ने उच्च न्यायालय के 15 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है। इस आदेश में प्रियंका के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गयी थी। प्रार्थी ने कहा कि मीडिया की खबरों के जरिये पुलिस के सामने लाये गये आरोपों पर विचार करके अदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर काम किया है। सुशांत की प्रेमिका रहीं रिया ने पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत में आरोप लगाया था। कि सुशांत की बहनों ने एक चिकित्सक, तरुण कुमार के साथ मिलकर अभिनेता को प्रतिबंधित दवाएं दिलाने के लिए गलत परामर्श प्राप्त करने की साजिश रची थी। इसी शिकायत के आधार पर पिछले साल सात सितंबर को प्रियंका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
प्रियंका सिंह ने अपनी याचिका में कहा जांच एजेंसी सीबीआई, जो यहां प्रतिवादी संख्या 3 है। ने भी विशेष रूप से कहा था। कि प्राथमिकी दर्ज करना स्पष्ट रूप से गलत है। और बिना अधिकार क्षेत्र के है। उच्च न्यायालय के समक्ष प्रतिवादी संख्या तीन का हलफनामा भी कहता है। कि इस अदालत के संज्ञान के मुताबिक महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच पड़ताल को बंद किये जाने के बाद कोई दूसरी प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती।
इसमें कहा गया है। शिकायती और अभियोजन एजेंसी ने स्पष्ट कहा है। कि कोई मामला नहीं बनता, उसके बाद भी उच्च न्यायालय ने बिना कानून के प्रयोग के दर्ज की गयी दूसरी प्राथमिकी को रद्द नहीं किया।
याचिका के अनुसार उच्च न्यायालय ने प्रियंका की बहन मीतू सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी थी। लेकिन मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ रिया चक्रवर्ती का पूरा पक्ष उन खबरों पर आधारित है। जिनकी कोई प्रामाणिकता नहीं है। गौरतलब है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (34) 14 जून, 2020 को मुंबई के बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में फांसी से लटके मिले थे।