गुरुवार, 25 मार्च 2021

किसानों के बैंक खातों में जमा होंगे 18,000 रुपये

मेदिनापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के कांथी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के तहत पिछले तीन साल से लंबित 18,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। उल्‍लेखनीय है, कि प्रधानमंत्री सम्‍मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों के बैंक खाते में एक साल में 6,000 रुपये जमा किए जाते हैं। भारत में पश्चिम बंगाल अकेला ऐसा राज्‍य है। जहां पीएम किसान योजना को लागू नहीं किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम किसान को लागू न कर बंगाल के किसानों से दुश्‍मनी मोल ली है। उन्‍होंने कहा कि 2 मई दीदी गई।  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को संसद में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र की योजना प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना को लागू करने में अपनी रुचि विधान सभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले दिखाई। उन्‍होंने कहा कि पीएम किसान योजना को 1 दिसंबर, 2018 से पूरे देश में सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में यह योजना शुरू नहीं हो पाई क्‍योंकि राज्‍य ने किसानों का प्रमाणित डाटा देने से इनकार कर दिया था। लेकिन जब विधान सभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने वाली थी। उससे ठीक पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने इस योजना को लागू करने का फैसला लिया, लेकिन राज्‍य के स्‍तर पर प्रक्रिया को पूरी तरह से पूरा नहीं किया गया था। पीएम किसान योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को एक वर्ष में केंद्र द्वारा 6000 रुपये की वित्‍तीय सहायता तीन बराबर किस्‍तों में आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे प्रदान की जाती है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार को संसद को बताया कि 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में प्रकाशित मसौदा अधिसूचना पर हितधारकों से कई आपत्तियां और सुझाव मिले हैं। जिन पर विचार करने के लिए जनवरी 2021 में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है। लोकसभा सदस्य शशि थरूर द्वारा पूछ गए एक अतारांकित प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञ समिति सुरक्षा, विषाक्तता, प्रभावकारिता, आवश्यक अध्ययन और आंकड़ों की ताजा स्थिति, तकनीकि और वैज्ञानिक अपेक्षाएं, सुरक्षित विकल्प की उपलब्धता, किसानों के हित, अन्य देशों में प्रतिबंध की स्थिति समेत तमाम मसलों व पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुझावों और आपत्तियों पर विचार कर रही है। कांग्रेस सांसद ने कृषि मंत्री तोमर से से जानना चाहा कि क्या सरकार का उन 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। जो दुनिया में पहले से ही प्रतिबंधित है। फिर भी देश में व्यापक रूप से उनका उपयोग हो रहा है। उन्होंने इससे जुड़े कुछ और सवाल भी किए। लोकसभा सदस्य शशि थरूर के सभी सवालों का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मई 2020 में 27 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में हितधारकों से आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित करने के लिए मसौदा अधिसूचना प्रकाशित की थी। आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित करने के लिए आरंभ में 45 दिनों का समय दिया गया था। जिसे हितधारकों के अनुरोध पर बढ़ाकर 90 दिन कर दिया गया।

भ्रष्टाचार के मामले, सीएम उद्धव ने नहीं दिया बयान

मनोज सिंह ठाकुर   
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडनवीस ने आरोप लगाया है, कि राज्य में भ्रष्टाचार के इतने मामले सामने आने के बावजूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अभी तक एक भी बयान नहीं दिया है। फडनवीस के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। श्री फडनवीस ने ज्ञापन सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र सरकार हफ्ता वसूली वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि वसूली और तबादले का भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारियों का तबादला कर दिया गया और जो लोग इसमें शामिल हैं। उनके खिलाफ श्री ठाकरे ने एक भी शब्द नहीं कहा।
उन्होंने नैतिकता को पैरों तले कुचल दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने दो बार संवाददाताओं से बात की लेकिन वह सिर्फ अपने मंत्रियों को बचाते रहे। उन्होंने कांग्रेस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि क्या उसे वसूली में से हिस्सा मिल रहा है। जिसके कारण वह चुप है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पर बैठे हुए श्री कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें सारी
उन लोगों ने राज्यपाल से मांग की है, कि वह मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब मांगे और उनके जवाब के आधार पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार मनमाने तरीके से सरकार चला रही है। और जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है। यदि यह सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती तो भाषण देने की बजाय कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए काम करती। सरकार के ढीले रवैये के कारण महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना वायरस के मरीज बढ़ रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल में श्री फडनवीस के अलावा सर्वश्री सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रकांत पाटिल, मंगल प्रभात लोढ़ा और राधाकृष्ण पाटिल आदि शामिल थे।

सीएम ने क्षय रोग के प्रति जागरुक रहने की अपील की

भोपाल। विश्व क्षय रोग दिवस पर आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों से इस बीमारी के प्रति जागरुक रहने की अपील की है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने अपनी अपील में कहा कि टीबी रोग के प्रति जागरूक हों और कोताही न बरतते हुए इसका पूरा इलाज लें। टीबी हारेगा देश जीतेगा जन आंदोलन अभियान का हिस्सा बनें और देश-प्रदेश को टीबी मुक्त बनाया जाये। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की पहचान और इलाज बहुत आसान है। दो सप्ताह तक खांसी हो, सीने में दर्द और शाम को बुखार आये, तो चिकित्सक को अवश्य दिखायें। उनके दिशा-निर्देशों का पालन करें। जागरुक रहें, स्वस्थ रहें।

रेलवे इंजीनियर 35 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

नरेश राघानी      
कोटा। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा मंडल रेल प्रबंधक के यूएसएफडी कार्यालय के सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम शर्मा को पैतीस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ब्यूरो के अनुसार, इस मामले में शर्मा को उनके निवास पर मंगलवार देर रात परिवादी से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी ने परिवादी से बकाया बिलों के भुगतान की एवज में खुद के लिए सात प्रतिशत तथा अन्य अधिकारियों के लिए भी कमीशन के रुप में रिश्वत मांगी। परिवादी ने इसकी शिकायत ब्यूरो में करने पर ब्यूरो ने इसके सत्यापन के बाद आरोपी को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया और उसके पास से रिश्वत के रुप में लिए गए रुपए भी बरामद कर लिए गए। परिवादी ने अपनी शिकायत में बताया था। कि उसके मालिक की कार्य में लगी पिकअप गाड़ियों के लंबित बिलों के भुगतान के लिए आरोपी रिश्वत की मांग कर रहा है। इस मामले में अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

शृंगार के पश्चात बाबा विश्वनाथ की उतारी गई आरती

वाराणसी। हर हर महादेव के उद्घोष से गूंजी काशी
रंगभरी एकादशी पर बनारस में बाबा काशी विश्वनाथ के गौने की बारात शाम करीब 5:45 बजे मंदिर परिसर में प्रवेश की। इस दौरान मंदिर प्रशासन द्वारा अबीर गुलाल उड़ाकर और डमरू वादन कर भव्य स्वागत किया गया। माता पार्वती के साथ पहुंची बाबा की चल रजत प्रतिमा का भव्य शृंगार किया गया। शृंगार के पश्चात बाबा की आरती उतारी गई। रंगभरनी एकादशी के दिन काशी की गलियों से होते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पालकी निकलती है। और भक्‍त इन पर अबीर और गुलाल बरसाते हैं।
रंग भरी एकादशी 2021, देंखे विडियो
विवाहित महिलाएं माता पार्वती को गुलाल लगाकर शिवजी जैसे अखंड सौभाग्‍य का वर मांगती हैं। होली की शुरुआत काशी में रंगभरनी एकादशी से मानी जाती है। रंगभरनी एकादशी की यह परंपरा 357 वर्षों से काशी में निभाई जा रही है। माता का गौना लेकर जब भोलेबाबा भक्‍तों के कंधों पर सवार होकर रजत प्रतिमा के रूप में काशी के भ्रमण पर निकलते हैं। तो पूरे नगर में होली के रंग बिखर जाते हैं।

भारत में कोरोना के 53,476 नए मामले दर्ज किए गए

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस फिर से अपना कहर बरपा रहा है। करीब पांच महीने के बाद एक दिन में पचास हजार से अधिक केस रिपोर्ट हुए हैं। सबसे बुरी हालत महाराष्ट्र की है। जहां से 60 फीसदी से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। अब नागपुर से हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। जहां बढ़ते मामलों के बीच अस्पताल में बेड की कमी हो गई है। नागपुर के मेडिकल अधिकारी के मुताबिक, अस्पताल में 600 बेड्स हैं। लेकिन उनमें से 90 बेड्स बेसमेंट में हैं। इन बेड्स को ड्रेनेज की दिक्कत के कारण बंद किया गया है। हम अभी तक हाईकोर्ट की इजाजत का इंतजार कर रहे थे। अब बीते दिन हमें बेड्स मिल पाए हैं। आपको बता दें कि नागपुर देश के उन दस जिलों में शामिल है। जहां सबसे अधिक एक्टिव केस हैं। बीते दिन भी यहां जिले में करीब 3700 नए केस दर्ज किए गए। जो अबतक का सबसे अधिक आंकड़ा है। मौजूदा वक्त में नागपुर में 34 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं। बता दें कि नागपुर में कोरोना संकट के कारण ही 31 मार्च तक लॉकडाउन लगाया गया है। सिर्फ नागपुर ही नहीं बल्कि बीड, नांदेड़ में भी संपूर्ण लॉकडाउन का आदेश जारी हुआ है। इनके अलावा महाराष्ट्र के कई शहरों में लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियां हैं। राजस्थान ने भी अपने यहां बढ़ा दी सख्ती महाराष्ट्र से अलग अगर राजस्थान की बात करें तो यहां पर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बाद सख्ती बढ़ाई गई है। यहां होली, शब ए बारात के किसी भी कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा राजस्थान में अगर किसी दूसरे राज्य से कोई आ रहा है। तो उसे 72 घंटे के भीतर वाली आरटी पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. पहले ये नियम कुछ राज्यों से आने वाले लोगों के लिए लागू था। पांच महीने बाद आए 50 हजार से ज्यादा केस बता दें कि गुरुवार को ही स्वास्थ्य मंत्रालय के जो आंकड़े सामने आए हैं। वो डराने वाले हैं। भारत में गुरुवार को कुल 53,476 नए केस दर्ज किए गए हैं। पिछले साल नवंबर के बाद ये पहली बार है। जब देश में 24 घंटे में कोरोना के मामलों ने पचास हजार का आंकड़ा पार किया है। बीते दिन देश में 251 मौतें कोरोना वायरस के कारण हुईं।

जिले ग्राम प्रधान पद पर 690 आपत्तियां दाखिल हुई

संदीप मिश्र
बस्ती। उत्तर-प्रदेश के बस्ती में जिले ग्राम प्रधान पद पर 690 आपत्तियां दाखिल हुई है। जिसके निस्तारण के लिए टीम गठित की गयी है। बुधवार को यहां यह जानकारी देते हुए आधिकारिक सूत्रों ने बताया है। कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची पर आपत्ति पर ग्राम प्रधान के पद पर 690 आपत्तियां दाखिल हुई है। वहीं जिला पंचायत सदस्य पद पर 53 आपत्ति तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर 78 अपत्तियां आयी है। जिसके निस्तारण के लिए टीम द्वारा विचार किया जायेगा।

आनंदीबेन ने केंद्रों पर वितरित की खेल सामग्री

हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज मोहनलालगंज के शेरपुर आंगनवाड़ी केंद्रों पर खेल और पोषण सामग्री वितरित किया। मोहनलालगंज के शेरपुर में राज्यपाल ने खेल एवं पोषण सामग्री वितरण के पश्चात कहा कि ये बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। इन्हें कुपोषण एवं क्षय रोग से मुक्त कराना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने संभ्रान्त लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं, अधिकारियों का आह्वान किया कि वे अभियान चलाकर क्षय रोग एवं कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल करें ताकि देश को 2025 तक कुपोषण मुक्त किया जा सके। उन्होंने जन सामान्य से भी अपील की कि वे भी अपने राष्ट्र धर्म का पालने करें तथा यदि कहीं पर भी कुपोषित एवं क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को देखे तो तत्काल सूचना दें ताकि उन्हे गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल हो सके। राज्यपाल ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम संस्कार, शिक्षा एवं आरोग्य के लिए समर्पित है। सरकार के द्वारा भी जो गोद भराई के कार्यक्रम कराये जाते हैं। उनका एकमात्र यही उद्देश्य होता कि किसी भी दशा में कुपोषित बच्चा पैदा न हो। उन्होंने जनसमुदाय से अपील की कि गर्भवती महिलाओं के पोषण हेतु जो सरकारी 5,000 की सहायता मिलती है। उसका उपयोग पोषण के लिए ही करें। इसके साथ ही गर्भावास्था के समय से ही अच्छी शिक्षा एवं संस्कार दें। इस अवसर पर उन्होंने महाभारत के चक्रव्यूह तोड़ने के प्रसंग पर चर्चा के दौरान बताया कि अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने की शिक्षा सीख ली थी। इसलिए यदि हम बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहते हैं। तो हमें बचपन से बच्चों को कच्चे घड़े की तरह आकार देना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्रों का मैपिंग करने का निर्देश दिया ताकि उनमें सभी प्रकार की सूचनाएं दर्ज हो जायें। राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में तो सभी स्तर की सुविधाएं होती हैं। लेकिन निचले स्तर पर ऐसा नहीं है। हमें यह खाई पाटनी होगी और हमें अपने आंगनवाड़ी केन्द्रों को रूचिकर एवं बच्चों के लिए सुविधा सम्पन्न बनाना होगा।

'सेक्स एडिक्शन' टर्म पर दुनिया में फिर छिड़ी बहस

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के अटलांटा क्षेत्र में स्पा सेंटर में गोलीबारी करने वाले युवक की गिफ्तारी के बाद 'सेक्स एडिक्शन' टर्म एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल, इस युवक ने अपने बचाव में कहा था। कि इस घटना के पीछे की वजह उसका सेक्स एडिक्शन है। युवक ने कहा कि स्पा सेंटर को देखकर उसका एडिक्शन बढ़ जाता था। और स्पा सेंटर से नफरत की वजह से इस हमले को अंजाम दिया। आरोपी ने बताया कि उसके सेक्स एडिक्शन की वजह से उसे उसके परिवार से बाहर निकाल दिया गया था। वह अपने घर पर घंटों पॉर्न देखता था। इसके बाद से ही ये सवाल उठने लगे हैं। कि क्या सेक्स की लत कोई बीमारी है। जिसकी वजह से व्यक्ति किसी की जान भी ले सकता है। सेक्स की लत की वजह से हिंसात्मक हो जाने पर एक्सपर्ट और मनोवैज्ञानिक एकमत नहीं हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं कि सेक्स एडिक्शन क्या है और इसके क्या लक्षण हैं ? सेक्स एडिक्शन के लक्षण- किसी भी लत की तरह सेक्स की लत भी व्यक्ति के दिमाग पर हावी हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट सेक्स को सेहत के लिए हेल्दी मानते हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा ये शारीरिक और मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचाता है। सेक्स एडिक्शन होने पर व्यक्ति हर समय सिर्फ सेक्स के बारे में ही सोचता है। ऐसे लोग इसके गंभीर नतीजे जानने के बाद भी हमेशा किसी ना किस सेक्सुअल एक्टिविटी में लगे रहते हैं। ये लोग सेक्स की लत की वजह से अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों खराब कर लेते हैं। जिन लोगों को सेक्स की लत होती है। उनके एक साथ कई लोगों से संबंध होते हैं। ये लोग अपने पार्टनर से किसी तरह का भावनात्मक लगाव नहीं रखते हैं। कई सेक्स एडिक्टेड नियमित रूप से सेक्स वर्कर्स के पास भी जाते हैं। अपने रोजमर्रा के काम के साथ ये साइबर सेक्स, पोर्नोग्राफी में भी लिप्त रहते हैं। सेक्स एडिक्शन वाले लोग अनसेफ सेक्स का भी खतरा मोल लेते हैं। ऐसे लोगों को यौन संबंध से भावनात्मक संतुष्टि नहीं मिलती है। और सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद कई बार ये अपराधबोध महसूस करते हैं। सेक्स एडिक्शन के कारण- सेक्स की लत कैसे लग जाती है। इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है। लेकिन कई तरह की मानसिक स्थितियां इसके पीछे जिम्मेदार मानी जाती है। जैसे कि डिप्रेशन, अकेलापन या फिर एक तरह की उदासी कई लोगों को सेक्सुअल बिहेवियर की तरफ ले जाती है। ऐसे लोगों में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने का खतरा ज्यादा होता है। विशेषज्ञों की राय- विश्व स्वास्थ संगठन के इंटरनेशनल स्टैस्टिकल क्लासीफिकेशन ऑफ डिसीज (सीबीआई10) और अमेरिकन साइकेट्रिस्ट एसोसिएशन, कंपल्सिव सेक्शुअल बिहेवियर को कोई बीमारी नहीं मानता है। इसका कारण ये बताया गया है कि हर व्यक्ति की सेक्स ड्राइव अलग-अलग होती है. मई 2019 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में एक प्रेजेंटेशन में कहा गया था कि ऐसे लोगों को कई बार सेक्स में कम या फिर बिल्कुल भी संतुष्टि नहीं मिलती है। हालांकि, 2022 में आने वाले डब्ल्यूएचओ के इंटरनेशनल स्टैस्टिकल क्लासीफिकेशन ऑफ डिसीज ओईसीडी11 में इस विषय पर कई तरह के बदलाव किए जाने हैं। ओईसीडी11 में सेक्स एडिक्शन की नई व्याख्या की गई है। ओईसीडी11 में कहा गया है, 'कंपलसिव सेक्सुअल बिहेवियर एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है। जो एक पैटर्न पर चलता है। इसमें लोग अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं. ये बिहेवियर 6 महीने या फिर इससे ज्यादा समय में बढ़ जाता है। इसका बुरा असर व्यक्ति के निजी, पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक, व्यावसायिक या अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर पड़ता है। हालांकि, सेक्स एडिक्शन को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मनोचिकित्सक प्रोफेसर डॉक्टर जिव कोहेन का कहना है। जब भी हम किसी लत के बारे में सोचते हैं। तो हमें कुछ खास गतिविधियों में लिप्त रहने का ख्याल आता है। जो दिमाग से संकेत मिलने पर अचानक प्रतिक्रिया देता है। यह नशे की लत का न्यूरोबायोलॉजिकल सबूत है। जो शोधकर्ताओं ने ऐसे लोगों में देखा है। जो ड्रग्स, अल्कोहल का सेवन करते हैं। या फिर जुआ खेलते हैं। आमतौर पर ये सेक्स या पोर्न की लत वालों में नहीं देखा गया है.' अधिकतर शोधकर्ताओं का मानना है। कि सेक्स एडिक्शन कोई मानसिक बीमारी नहीं है। कोंलबिया यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर पॉल एपेलबाउम ने सीएनएन को बताया लत का मतलब सिर्फ व्यवहार पर नियंत्रण खो देना, सामाजिक दुर्बलता और खुद को नुकसान पहुंचाने वाला जोखिम लेना है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जिव कोहेन ने कहा, कई लोग ऐसे हैं। जो अपनी सामान्य सेक्सुअलिटी को लेकर ही अपराधबोध महसूस करते हैं। अगर सेक्स एडिक्शन जैसे टर्म को मान्यता दी गई तो एक चिंता ये भी है। कि तमाम लोग अपनी सेक्सुअलिटी को लेकर सवाल करने लग सकते हैं। कई लोगों को लग सकता है कि वे स्वस्थ नहीं हैं। उन्होंने कहा, सेक्स को लेकर कोई लाइन खींचना बहुत मुश्किल है। अगर किसी की सेक्सुअलिटी से दूसरों के अधिकार प्रभावित होते हैं। तो इसे भले बीमारी माना जा सकता है। लेकिन कुछ लोगों की सेक्स ड्राइव ज्यादा है। तो उन्हें इसमें शामिल करना ठीक नहीं होगा। मनोवैज्ञानिक और 'द मिथ ऑफ सेक्स एडिक्शन' के लेखक डेविड जे ले ने 'द वॉशिंगटन पोस्ट' को बताया ऐसा माना जाता है। कि कुछ लोग जब बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाते है तो वो खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। लेकिन शोध के अनुसार सेक्स की लत वाले लोग ऐसी स्थितियों में भी खुद पर नियंत्रण रख सकते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है, कि अपराधी सेक्स एडिक्शन शब्द का इस्तेमाल अपना गुनाह छिपाने के लिए करते हैं।

तेजस्वी ने 26 को बिहार बंद करनें का किया ऐलान

अविनाश श्रीवास्तव  
 पटना। नीतीश सरकार के बिहार विशेष सशस्त्र के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि किसी भी हाल में बिहार सरकार को इस काला कानून को वापस करना पड़ेगा या इसमें संसोधन करना पड़ेगा। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने26 मार्च को बिहार बंद का ऐलान किया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सदन में विधायकों के साथ हुए अत्याचार को लेकर 26 मार्च को महागठबंधन ने बिहार बंद का एलान किया है और पार्टी इस दिन काला दिवस मनाएगी।तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष के बाहर धरना देने की परंपरा पहले भी रही है। उस वक्त नीतीश कुमार जी भी सदन के सदस्य थे और कर्पूरी ठाकुर जी तीन दिन तक धरना पर बैठे रहे थे। लेकिन विधानसभा में हुई घटना पर नीतीश जी सदन में खेद प्रकट करने की जगह अधिकारियों को क्लीन चिट देने में जुटे हैं।

लॉ आर्डर पर सीएम नीतीश ने की हाई लेवल मीटिंग

अविनाश श्रीवास्तव           
पटना। बिहार में बढ़ती अपराधिक घटनाओं और होली को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज लॉ एंड आर्डर पर रिव्यु मीटिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बिहार के डीजीपी के साथ-साथ मुख्य सचिव और अन्य वरीय अधिकारियों के साथ लॉ एंड ऑर्डर को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं। नेक संवाद में सीएम आवास पर वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया है। आपको बता दें कि होली के मद्देनजर मुख्यमंत्री की इस लॉ एंड आर्डर पर रिव्यु मीटिंग को अहम माना जा रहा है। इस बैठक के बाद होली को लेकर कई तरह के गाइडलाइन्स जारी किये जा सकते हैं। साथ ही त्यौहार के समय विधि व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल की भी तैनाती की जा सकती है। 

मुख्यमंत्री के साथ हो रही इस बैठक में डीजीपी एसके सिंघल के साथ-साथ सभी जिले के डीएम और एसपी भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए हैं।

शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  शामली। प्रदेश सरकार के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम संपूर्ण समाधान दिवस का आय...