भारतीय मूल की डॉ. स्वाति मोहन ने मंगल पर नासा का रोवर पहुँचानें में दिया बड़ा योगदान जानिए इनके बारे में
वाशिंगटन डीसी। मंगल ग्रह पर इन दिनों कई शोध होते हुए दिख रहे हैं। वहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का परसेवरेंस रोवर सात महीने बाद शुक्रवार को मंगल ग्रह पर लैंड हो गया है। इस खबर से नासा के सभी वैज्ञानिक बेहद खुश हैं। आपको बता दें कि परसेवरेंस रोवर मंगल ग्रह पर भारतीय समय के अनुसार 2 बजकर 25 मिनट पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ है।
सात महीने बाद परसेवरेंस रोवर मंगल ग्रह पर हुआ लैंड
नासा का परसेवरेंस रोवर धरती से टेकऑफ करने के सात महीने बाद शुक्रवार को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड हो गया है।
इस लैंडिंग पर भारतीय मूल की वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन का सबसे बड़ा योगदान माना जा रहा है। आपको बता दें कि इनके बदौलत ही नासा को इतना बड़ा इतिहास रचने का मौका मिला है।
वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन... भारतीय मूल की वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन ने परसेवरेंस रोवर को मंगल ग्रह पर सफतापूर्वक लैंडिंग के दौरान कहा कि मंगल ग्रह पर अब टचडाउन की पुष्टि हो चुकी है। अब मंगल ग्रह पर जीवन के संकेतों की तलाश करने को तैयार है। आपको बता दें कि जब सारी दुनिया सात महीने से परसेवरेंस रोवर को मंगल ग्रह पर लैंडिंग का इंतजार कर रही थी। उस वक्त यह वैज्ञानिक प्रोजेक्ट टीम के साथ कॉर्डिनेट कर रही थी।
डॉ स्वाति मोहन नासा के विभिन्न मिशनों का हिस्सा रही
भारतीय मूल की वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन ब्रह्मांड में नए और सुंदर स्थान ढूंढना चाहती थी। इन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी इसके साथ इन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की। आपको बता दें की स्वाति मोहन जेट प्रोप्लशन प्रयोगशाला में शुरू से ही मार्स रोवर मिशन की सदस्य रही है। यह अमेरिका की नासा के विभिन्न मिशनों का हिस्सा रही है।