गुरुवार, 7 जनवरी 2021

पुलिस बनीं किडनैपर, फिरौती में मांगें 1 करोड़ रुपए

गुड़गांव। पुलिस के भेष में किडनैपर या किडनैपर पुलिस में भर्ती हुए। यही आरोप लगे हैं, गुड़गांव पुलिस पर.... फरीदाबाद की विजिलेंस टीम ने गुड़गांव पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक इंस्पेक्टर फरार है। मामला है एक शख्स को किडनैप कर 57 लाख रुपए लूटने का.... चलिए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि आखिर गुड़गांव पुलिस के दामन पर किडनैपर होने का दाग कैसे लगा।दिल्ली उत्तम नगर के नवीन भूटानी ने पुलिस को शिकायत की कि वह एक कॉल सेंटर चलाते हैं और यूके व ऑस्ट्रेलिया के लोगों को धार्मिक चीजें बेचते थे।शिकायत के मुताबिक भूटानी के एक जानकार कृष्ण भारद्वाज ने उन्हें करनाल के एक स्कूल संचालक से मिलवाया, जिसके पास payumoney का पेमेंट गेटवे था. दोनो ने मिलकर काम शुरू किया। इस डील में एक करोड़ 20 लाख रुपए की कमाई हुई, जिसमें 80 लाख नवीन भूटानी के हिस्से के थे। भूटानी ने शिकायत में कहा कि जब उन्होंने अपने हिस्से के पैसे मांगे तो उन लोगों ने पैसे लेने के लिए भूटानी को गुड़गांव के अपने घर मे बुलवाया। वहां कुछ वर्दी में और कुछ सादी वर्दी में पुलिसवालों ने उन्हें, उनके साथी और ड्राइवर को घेर लिया और गुड़गांव के खेड़की दौला थाने ले गए।

गैंगरेप के बाद दरिंदों ने शव को क्षत-विक्षत किया

बदायूं। एक महिला के साथ पहले तो बर्बरता हुई। गैंगरेप के बाद दरिंदों ने उसके शव को क्षत-विक्षत कर डाला। हड्डी पसली तोड़ डाली। प्राइवेट पार्ट में रॉड तक डाल दिया। इसके बाद पुलिस ने जो किया, वो तो और भी शर्मनाक था। बताया जा रहा है कि महिला आंगनबाड़ी सेविका थी। उसके बिसरा को फारेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। दिल दहला देने वाला ये निर्भयाकांड बदायूं के उद्यैती थाना क्षेत्र का है। जहां 3 जनवरी की शाम 50 साल की एक आंगनबाड़ी सेविका एक मंदिर में पूजा करने गई थी। उसे क्या पता था कि जिस मंदिर में वो पूजा करने जा रही है, उस मंदिर के महंत और उसके चेलों के रूप में वहां दरिंदे बैठे मिलेंगे।

पिस्टल के बल पर नाबालिग छात्रा से गैंगरेप

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कोचिंग से घर लौट रही 10वीं की छात्रा को अगवा कर पांच युवकों ने पिस्टल के बल पर गैंगरेप जैसी शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है। घटना जिले के सकरा थाना के पिपरी-सहदुल्लापुर रोड में सोमवार शाम की है। घटना में पुलिस की लापरवाही से तीन दिन बाद केस दर्ज हुआ। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार शाम को कोचिंग से घर लौट रही 10वीं की छात्रा को बोलेरो सवार युवकों ने अगवा कर लिया। सुजावलपुर स्थित एक बंद पेट्रोल पंप के जर्जर कमरे में ले जाकर छात्रों को बंधक बनाकर पिस्टल की नोक पर पांच युवकों ने गैंगरेप किया।  किसी तरह पीड़िता ने खिड़की के रास्ते भाग कर अपनी जान बचाने सड़क पर पहुंची। सड़क पर पहुंचते ही एक राहगीर की छात्रा पर नजर पड़ी। राहगीर ने इसकी सूचना परिजन को दी। मौके पर पहुंच कर परिजन छात्रा को घर ले गए। छात्रा ने घर पर सारी बातें परिजनों को बताई। इसके बाद पूरे मामले की सूचना सकरा थाना को दी गई।

20 साल से एक कमरे में कैद जिंदगी, आजाद

 दुष्यंत नीतम   

राजकोट। तीन मंजिला मकान से एक 65 साल की महिला को आखिरकार बाहर निकाला गया। उसकी हालत देख लोग हैरान हो गए। इतना ही नहीं, उसके कमरे से 60 तोला सोना मिला है,जबकि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। वहीं, भतीजे ने उसे अपनाने से मना कर दिया। यह घटना राजकोट शहर की है। जहां आसपास के लोग बताते हैं कि 20 साल से महिला कमरे में बंद थी। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजकोट शहर कंचनबेन नाम की महिला रहती थी। वो शादी नहीं की थी और वह अपने तीन मंजिला मकान के एक छोटे से कमरे में रह रही थीं। पड़ोसी उनके कमरे के बाहर खाना रख देते थे। खाना लेकर कंचनबेन कमरे में चली जाती थीं और बहुत कम ही बाहर निकलती थीं। पड़ोसियों ने इसकी जानकारी राजकोट की सामाजिक कार्यकर्ता जल्पाबेन पटेल को दिया। जिन्होंने अपनी टीम के साथ कंचनबेन के घर पहुंची और उसे कमरे से बाहर निकाला।

टीम के मुताबिक कंचनेन बिना कपड़ों की थीं। उनके बाल भी करीब 8 फीट तक बढ़ गए थे। कमरा पूरी तरह से गंदा था और बदबू आने लगी थी। उनके घर के एक कमरे से 60 तोला सोना भी मिला है। जल्पाबेन ने बताया कि काफी कोशिशों के बाद कंचनबेन के सगे भतीजे का नंबर मिला। उनसे फोन पर बात भी की गई, लेकिन उन्होंने कंचनबेन को अपनाने से मना कर दिया। इसलिए अब उन्हें सूरत के मानव मंदिर वृद्धाश्रम भेज दिया गया।

कॉलोनी को ध्वस्त कर, मुकदमा करने का आदेश

आंदोलन: किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, हलकान

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन का आज 43वां दिन में पहुंच गया है। सरकार के साथ इतनी बार वार्ता करने के बाद भी किसानों की मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं जिसे लेकर किसानों में भारी रोष है। इसी बात से नाराज देशभर के किसान आज दिल्ली की सभी सीमाओं और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रेक्टर मार्च निकाल रहे हैं। आज हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। उनका कहना है कि ये गणतंत्र दिवस की रिहर्सल है। किसानों के इस मार्च को देखते हुए दिल्ली के बॉर्डर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। वहीं आज भी दिल्ली के कई रास्ते बंद रहेंगेगाजीपुर बॉर्डर से किसानों ने ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी है। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू हो गया है। दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे किसान अपने ट्रैक्टर को लेकर एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे हैं।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को आंदोलन कर रहे किसानों से विरोध मार्च को शांतिपूर्ण रखने की अपील की और जोर देकर कहा कि सरकार कल एक प्रस्ताव को लेकर आशान्वित थी। वहीं, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पलवल में ट्रैक्टर रैली की। ‘हम यहां से सिंघू सीमा की ओर बढ़ेंगे।’

वसूली का विडियों वायरल, 4 पुलिस कर्मी सस्पेंड

अविनाश श्रीवास्तव   

पटना। बिहार की राजधानी पटना में पुलिस के चार कर्मियों को अवैध वसूली के मामले में एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी उपेंद्र शर्मा के निर्देश पर चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। दरअसल, मामला ग्रामीण पटना के मसौढ़ी इलाके का है। जहां एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पुलिसकर्मियों के रात के वक्त अवैध वसूली करने की तस्वीरें सामने आई हैं। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि पुलिस वाले रात के वक्त आने जाने वाले वाहनों से अवैध वसूली कर रहे हैं।इस वीडियो को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी अपने टि्वटर हैंडल के जरिए साझा किया और लिखा “बिहार में कोई पुल, जीरो माइल या बायपास रोड नहीं है। जहां से पुलिस द्वारा ट्रक चालकों से अवैध वसूली नहीं होती हो। इस वसूली का हिस्सा, एसपी, डीएसपी से लेकर डीजीपी तक जाता है। इस वसूली में कोताही होने पर पुलिसकर्मियों का तबादला हो जाता है क्योंकि सुशासन बाबू को आरसीपी टैक्स में कमी बर्दाश्त नहीं। आरजेडी द्वारा इस वीडियो के सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के साथ ही यह वीडियो तेजी से वायरल होना शुरू हुआ। जिसके बाद एसएसपी उपेंद्र शर्मा को भी इसकी जानकारी मिली। 

अमेरिका हिंसा: 4 की मौत, 52 लोग गिरफ्तार

वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी लोकतंत्र के इतिहास में जो हुआ वह पहले कभी नहीं हुआ। यह अमेरिका के इतिहास का काला दिन है। डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने व्हहाइ हाउस व कैपिटल में हिंसा की जिसमें अभी तक महिला सहित चार लोगों की मौत हो गई है। प्रदर्शनकारियों को काबू करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अमेरिकी कांग्रेस में जो बाइडन की जीत की पुष्टि की जानी थी। सदस्‍यों में अभी चर्चा चल रही थी, जब ट्रंप समर्थक कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए और अमेरिकी कांग्रेस में इलेक्‍टोरल कॉलेज की गिनती रोक देनी पड़ी। अमेरिका के वाशिंगटन में हिंसा के बाद पब्लिक इमरजेंसी लगा दी गई है।बता दें कि ट्रंप समर्थकों ने व्‍हाइट हाउस और कैपिटल बिल्डिंग के बाहर जबरदस्‍त हंगामा किया। इस दौरान ट्रंप समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई। इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इस घटना के बाद करीब 52 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस हिंसक घटना के बाद से हालात बिगड़ते देख वाशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा को देखते हुए वाशिंगटन में भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। इस हिंसा के बाद ट्रंप के दो सहायकों ने अपने पद से इस्‍तीफा भी दे दिया है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर और इंस्‍टाग्राम ने कुछ समय के लिए राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का अकाउंट सस्‍पेंड कर दिया है। इसकी वजह ट्रंप के उस संबोधन को माना जा रहा है जो उन्होंने अपने समर्थकों को दिया है। इनको वेबसाइट ने आपत्तिजनक माना है। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंटीग्रिटी जी रोसेन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनका मानना है कि ये वीडियो हिंसा को कम करने की बजाए बढ़ाने में योगदान दे रहा था। लिहाजा इस वीडियो को हटा दिया गया है। फेसबुक के अलावा दूसरे सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म से भी ये वीडियो हटा दिया गया है।
अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्‍ल्‍यू बुश औऱ भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की है। पीएम मोदी ने कहा कि वह अमेरिका में हुई हिंसक झड़प की खबर से काफी दुखी हैं। सत्ता का हस्‍तांतरण बेहद शांत और खुशनुमा माहौल में पूरा किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में इस तरह की घटनाओं की कोई जगह नहीं है। वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ने अपने बयान में कहा कि आने वाला समय इस दिन को हमेशा याद रखेगा कि कैसे मौजूदा राष्‍ट्रपति ने झूठ बोलकर चुनाव परिणामों को गलत साबित करने की कोशिश की और गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। उन्‍होंने अपने बयान में इस घटना को अमेरिका के लिए शर्मसार करने वाली बताया है।

कम उम्र में धूम्रपान के विरुद्ध बनेगा कानून

युवाओं में ध्रूमपान की बढ़ती लत से चिंतित केंद्र सरकार उम्र सीमा को बढ़ाने जा रही है। बिल में धूम्रपान और तंबाकू उत्पाद सेवन की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है। इससे पहले, सिगरेट और तंबाकू उत्पाद खरीदने की न्यूनतम सीमा 18 साल थी। इसके अलावा, खुदरा सिगरेट की बिक्री भी बैन होगा। सार्वजनिक स्थानों पर नियमों का उल्लंघन करनेवालों को बढ़ा हुआ जुर्माना देना होगा।
केंद्र सरकार ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य उत्पादन, आपूर्ति एंव वितरण का निषेध विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020 का बिल तैयार कर लिया है। नए संशोधित कानून के मुताबिक, कोई शख्स 21 साल से कम उम्र के लोगों को सिगरेट और तंबाकू उत्पाद नहीं बेच सकेगा। उसे सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री, बिक्री की पेशकश या बिक्री की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों के एक सौ मीटर की परिधि में सिगरेट और तंबाकू की बिक्री गैर कानूनी माना जाएगा। खुले सिगरेट की बिक्री को बैन करने के लिए भी संशोधन किया जा रहा है। उससे खुले में या खुदरा सिगरेट बेचना प्रतिबंधित हो जाएगा। सिगरेट सिर्फ पैकेट में ही बेची जा सकेगी। 21 साल से कम उम्र को तंबाकू उत्पाद बेचने पर सजा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। नियमों का उल्लंघन करनेवाले को सख्त सजा समेत कड़े जुर्माने का सामना करना होगा। जुर्माने की राशि 1 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक रखी गई है जबकि जेल की सजा 2 साल से लेकर 7 साल तक किया गया है। अवैध सिगरेट का विनिर्माण दो साल की जेल और एक लाख जुर्माने की वजह बनेगी। 
इसके अलावा, प्रतिबंधित क्षेत्रों में धूम्रपान करते पकड़े जाने पर जुर्माना की राशि 200 रुपए से बढ़ाकर 2 हजार रुपए की गई है। कानून का मसौदा पिछले साल आई एक रिपोर्ट के आधार पर तैयार हो रहा है। भारत में सभी प्रकार के कैंसर की बीमारी के लिए 27 फीसद तंबाकू की भूमिका है जबकि धूम्रपान के कारण देश का स्वास्थ्य पर खर्च 13 हजार 300 करोड़ रुपए है। एक आंकलन के मुताबिक, भारत के तंबाकू इस्तेमाल करनेवालों की 35 फीसद आबादी 18 साल से पहले शुरू कर देती है जबकि 70 फीसद 21 साल की उम्र के पहुंचने पर शुरू करते हैं। अगर वर्तमान रुजहान जारी रहा, तो आज के 250 मिलियन बच्चों की मौत तंबाकू से जुड़ी बीमारियों की वजह से होगी।

बिहारः जीविका दीदियों ने किया प्रदर्शन-हंगामा

अविनाश श्रीवास्तव  
पूर्णिया। इस वक्त की बड़ी खबर पूर्णिया से आ रही है, जहां सीएम के कार्यक्रम के दौरान जीविका कर्मियों ने जमकर हंगामा किया है। जीविका कर्मियों ने स्थानीय प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया है। 
बता दें कि आज सीएम नीतीश कुमार पूर्णिया के धमदाहा के दमगड़ा पहुंचे हैं जहां जीविका दीदियों के प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे हैं। इस दौरान सीएम जीविका दीदियों से सीधा संवाद भी कर रहे हैं। इसी कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों ने जमकर हंगामा किया है। हंगामा कर रही जीविका कर्मियों का कहना है कि उनके पास एंट्री पास भी है पर इसके बाद भी उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। जीविका कर्मियों ने कहा कि सीएम हमसे संवाद करने आए हैं और हमे ही कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाने दिया जा रहा है।

मांझी ने रखी डिमांड, आरजेडी का समर्थन मिला

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। जीतन राम मांझी ने कार्यकारिणी की बैठक में कहा था कि उनको एक मंत्री पद और एक एमएलसी चाहिए। इस बयान का आरजेडी ने समर्थन किया है। आरजेडी ने कहा कि सत्ता की चाबी मांझी के पास है। ऐसे में उनको तो डिप्टी सीएम का पद मिलना ही चाहिए। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जो दो नंबर की पार्टी है वह दो दो डिप्टी सीएम बना रखे हैं और जो तीन नंबर की पार्टी है वह मुख्यमंत्री के पद पर है। जिस बैसाखी के सहारे एनडीए की सरकार चल रही है उसको एक मंत्री पद पर ही काम चलाया जा रहा है। जीतन राम मांझी को भी अपने बेटे के लिए डिप्टी सीएम की मांग करनी चाहिए।

आरजेडी ने मांझी के बेटे को बनाया एमएलसी

तिवारी ने कहा कि जब जीतन राम मांझी राजद में थे तो यही लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव ने उनके बेटे को एमएलसी बनाया था और उन्हें आज उनको मंत्री पद पर बैठाया गया। तेजस्वी यादव पर हमला बोलने पर तिवारी ने कहा कि जीतन राम मांझी को सत्ता संभालने क्यों मिला हुआ है। सत्ता संभल नहीं रहा बेरोजगार रोजगार के लिए भटक रहे हैं। अपराध पर लगाम नहीं लग रहा है और सवाल खड़े कर रहे हैं।

मांझी ने कल किया था डिमांड

जीतन राम मांझी ने हम कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा था कि उनकी पार्टी को एक और मंत्री का पद चाहिए। इसके अलावे उनको एक एमएमली भी चाहिए। मांझी ने साफ कर दिया दोनों को पाने के लिए वह नीतीश कुमार पर दबाव भी बनाएंगे। फिलहाल में मांझी का बेटा संतोष कुमार सुन मंत्री हैं।

जीतन राम मांझी ने कहा कि जिस पार्टी की नीति ठीक होती है उस पार्टी को जनता का सहयोग मिलता है। हमारे समाज के लोग विधायक, मंत्री बन जाते हैं और समाज की जरूरत भूल जाते हैं। हमारी पार्टी का एजेंडा है कि निजी क्षेत्र में आरक्षण मिलना चाहिए. हमें न्यायपालिका में भी आरक्षण चाहिए।

सीटें जीतते तो सत्ता की चाबी हमारे पास होगी

मांझी ने कहा कि सबको एक समान शिक्षा मिलनी चाहिए। इसको लेकर अगर आने वाले समय में आंदोलन करना पड़ेगा तो जरूर करेंगे। इसी मुद्दे को लेकर हमें आगे चलना होगा। जो लोग इस मुद्दे के साथ पार्टी में रहते हैं, तो रहें। नहीं तो बाहर चले जाए। न्यायपालिका में जिस घटना में एससी-एसटी जुड़े होते हैं। उस केस में सजा होती है। स्वर्ण जाति के लोग पैरवी करते है। मैं अपने सीएम कार्यकाल में एससी-एसटी के लिए काम करके दिखा। अगर हमारी पार्टी के 7 सीट पर जीत जाते तो आज सत्ता की चाबी हमारे पास रहती है। मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें सीएम बनाया. इसका फायदा गरीब को मिलना है।

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...