अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। कोरोना संकट के इस दौर में पढ़ाई को लेकर नया संकट खड़ा हो गया है। मजबूरी में सरकार को स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद करने पड़े। ऐसे में ज्यादातर स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों ने पढ़ाई का एक नया रास्ता निकाला- ऑनलाइन एजुकेशन अर्थात मोबाइल, लैपटॉप अथवा डेस्कटॉप का इस्तेमाल करते हुए ऑनलाइन पढ़ाई।
ऑनलाइन एजुकेशन का सिस्टम लगातार जोर पकड़ता जा रहा है और अब यह तय हो गया है कि आने वाले दिनों में इसका उपयोग और भी ज्यादा बढ़ता जाएगा। ऐसे में अब यह जरूरी हो गया है कि सभी अभिवावक बच्चों को ऑनलाइन मंडरा रहे खतरें के बारे में भी बताए, आगाह करें।
बच्चों को बताएं – ऑनलाइन सुरक्षित कैसे रहना है?
ऑनलाइन की दुनिया, वास्तव में यूजर आईडी और पासवर्ड की दुनिया है। पासवर्ड जितना मजबूत होगा, आप भी उतने ही मजबूत होंगे। पासवर्ड जब तक सेफ रहेगा , आप भी तब तक ही सुरक्षित रहेंगे।
रहना है ऑनलाइन सेफ – पढ़िए, क्या करें और क्या न करें
साइबर बुलिंग को भी जानना है जरूरी
ऑनलाइन किस तरह का खतरा मंडरा रहा है। यह बच्चों के साथ-साथ , हम सबके लिए जानना जरूरी है। हम सबके लिए यह जानना जरूरी है कि यह साइबर बुलिंग होता क्या है ? इसलिए आप भी पढ़िए, समझिए और बच्चों को भी जरूर समझाइए।
साइबर बुलिंग -कैसे रोकें और मुकाबला करें
आपको यह बखूबी समझ आ गया होगा कि यह ऑनलाइन खतरा है क्या ? आखिर यह साइबर बुलिंग है क्या ? खतरें को जान और समझ लेने के बाद यह सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है कि उससे मुकाबला कैसे किया जाए।
कहाँ करे शिकायत
सबकों यह मालूम होना चाहिए कि साइबर अपराध का शिकार होने पर क्या करें। इसके लिए जरूरी है तमाम हेल्पलाइन नंबर्स, मेल आईडी को याद रखना। यह सभी जरूरी जानकारी आपको ऊपर की तस्वीर में नजर आ रही होगी। आपको बता दें कि NCERT और संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के नई दिल्ली स्थित कार्यालय ने मिलकर ऑनलाइन सुरक्षित रहने पर छात्रों और शिक्षकों के बीच में जागरूकता बढ़ाने के लिए उपरोक्त गाइडलाइन्स वाली किताब को तैयार किया है । जिसका शुभारंभ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने किया।