राणा ओबरॉय
जयपुर / चंडीगढ़। अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के दिन से देश के कई राज्यों में मुस्लिम परिवारों ने अपने मूल धर्म की ओर लौटना शुरू कर दिया है। मुस्लिम परिवारों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने मुगलकाल में भय और डर से मुस्लिम धर्म अपनाया था। वास्तव में वे हिन्दू थे। इसलिए वे अब अपने मूल हिन्दू सनातन धर्म में वापसी कर रहे है। राजस्थान और हरियाणा में सैकड़ों मुस्लिम परिवारों ने हिन्दू समुदाय में लौट कर ख़ुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वे बगैर किसी दबाव और लालच के हिन्दू धर्म अपना रहे है। राजस्थान के बाड़मेर जिले की पायला कला पंचायत समिति के मोतीसरा गांव में निवासरत 50 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपना लिया है। इन लोगों का कहना है कि उन पर किसी भी तरीके का कोई दबाव नहीं था।
उनके मुताबिक पिछले कई सालों से वे अपने मूल धर्म में वापसी के लिए प्रयासरत थे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुभ तिथि के बाद उन्होंने मुस्लिम धर्म को त्यागने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि वे हिंदू धर्म अपना रहे हैं और हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से ही अपनी जिंदगी को जी रहे हैं। 50 परिवारों ने अपने पूरे सदस्यों के साथ हिंदू धर्म में वापसी की। इस दौरान उनके घर पर हवन यज्ञ करके जनेऊ पहन कर इन परिवार के ढाई सौ लोगों को फिर से हिंदू धर्म की दीक्षा दी गई। इस दौरान पुरोहित ने अनुष्ठान कराया। इस मौके पर बाड़मेर जिले सहित आसपास के अन्य दर्जनों हिंदू संतों को खासतौर से बुलाया गया था। उनके सानिध्य में ही इन लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी हुई है।
इस मामले में हिंदू धर्म अपनाने वाले बुजुर्ग सुभनराम ने बताया कि मुगल काल में मुस्लिमों ने हमारे पूर्वजों को डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया था। उनका परिवार हिंदू धर्म से ताल्लुक रखता था। उन्होंने आगे बताया कि इतिहास की जानकारी होने के बाद हमने इस तथ्य पर गौर किया। बुजुर्गों से राय ली कि मुस्लिम बने रहे या वापस हिंदू धर्म में लौटे। उन्होंने बताया कि हमारे रीति रिवाज पूरे हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं। इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई। उनके मुताबिक घर पर हवन यज्ञ कराकर जनेऊ पहनकर खानदान के सभी 250 सदस्यों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी कर ली। गांव के हरजीराम के मुताबिक, कंचन ढाढ़ी जाति से ताल्लुक रखने वाला मुस्लिम परिवार पिछले कई सालों से अपने मूल धर्म में वापसी की राह तक रहा था। बुधवार को राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के शिलान्यास के समारोह पर सभी ने हवन पूजा पाठ का प्रोग्राम रखा एवं हिंदू संस्कृति का पालन करते हुए अपनी स्वेच्छा से मूल धर्म में घर वापसी की है। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर कोई दबाव वगैरह नहीं है। वहीं, गांव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी ने बताया कि ढाढ़ी जाति के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। उनके मुताबिक संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है। इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं, बल्कि पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है।
इधर राजस्थान से सटे हरियाणा के दर्जनों गांव में भी मुगलकाल में मुस्लिम धर्म अपना चुके कई परिवारों ने हिन्दू धर्म की दीक्षा ली है। इन इलाकों में पिछले 3 दिनों से मूल धर्म वापसी कार्यक्रम चल रहा है। मुस्लिम समुदाय के ये लोग बगैर किसी लोभ लालच के हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे है।