शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

250 मुस्लिमों ने 'सनातन' धर्म अपनाया

राणा ओबरॉय


जयपुर / चंडीगढ़। अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के दिन से देश के कई राज्यों में मुस्लिम परिवारों ने अपने मूल धर्म की ओर लौटना शुरू कर दिया है। मुस्लिम परिवारों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने मुगलकाल में भय और डर से मुस्लिम धर्म अपनाया था। वास्तव में वे हिन्दू थे। इसलिए वे अब अपने मूल हिन्दू सनातन धर्म में वापसी कर रहे है। राजस्थान और हरियाणा में सैकड़ों मुस्लिम परिवारों ने हिन्दू समुदाय में लौट कर ख़ुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वे बगैर किसी दबाव और लालच के हिन्दू धर्म अपना रहे है। राजस्थान के बाड़मेर जिले की पायला कला पंचायत समिति के मोतीसरा गांव में निवासरत 50 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपना लिया है। इन लोगों का कहना है कि उन पर किसी भी तरीके का कोई दबाव नहीं था।


उनके मुताबिक पिछले कई सालों से वे अपने मूल धर्म में वापसी के लिए प्रयासरत थे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुभ तिथि के बाद उन्होंने मुस्लिम धर्म को त्यागने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि वे हिंदू धर्म अपना रहे हैं और हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से ही अपनी जिंदगी को जी रहे हैं। 50 परिवारों ने अपने पूरे सदस्यों के साथ हिंदू धर्म में वापसी की। इस दौरान उनके घर पर हवन यज्ञ करके जनेऊ पहन कर इन परिवार के ढाई सौ लोगों को फिर से हिंदू धर्म की दीक्षा दी गई। इस दौरान पुरोहित ने अनुष्ठान कराया। इस मौके पर बाड़मेर जिले सहित आसपास के अन्य दर्जनों हिंदू संतों को खासतौर से बुलाया गया था। उनके सानिध्य में ही इन लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी हुई है।


इस मामले में हिंदू धर्म अपनाने वाले बुजुर्ग सुभनराम ने बताया कि मुगल काल में मुस्लिमों ने हमारे पूर्वजों को डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया था। उनका परिवार हिंदू धर्म से ताल्लुक रखता था। उन्होंने आगे बताया कि इतिहास की जानकारी होने के बाद हमने इस तथ्य पर गौर किया। बुजुर्गों से राय ली कि मुस्लिम बने रहे या वापस हिंदू धर्म में लौटे। उन्होंने बताया कि हमारे रीति रिवाज पूरे हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं। इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई। उनके मुताबिक घर पर हवन यज्ञ कराकर जनेऊ पहनकर खानदान के सभी 250 सदस्यों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी कर ली। गांव के हरजीराम के मुताबिक, कंचन ढाढ़ी जाति से ताल्लुक रखने वाला मुस्लिम परिवार पिछले कई सालों से अपने मूल धर्म में वापसी की राह तक रहा था। बुधवार को राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के शिलान्यास के समारोह पर सभी ने हवन पूजा पाठ का प्रोग्राम रखा एवं हिंदू संस्कृति का पालन करते हुए अपनी स्वेच्छा से मूल धर्म में घर वापसी की है। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर कोई दबाव वगैरह नहीं है। वहीं, गांव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी ने बताया कि ढाढ़ी जाति के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। उनके मुताबिक संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है। इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं, बल्कि पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है।


इधर राजस्थान से सटे हरियाणा के दर्जनों गांव में भी मुगलकाल में मुस्लिम धर्म अपना चुके कई परिवारों ने हिन्दू धर्म की दीक्षा ली है। इन इलाकों में पिछले 3 दिनों से मूल धर्म वापसी कार्यक्रम चल रहा है। मुस्लिम समुदाय के ये लोग बगैर किसी लोभ लालच के हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे है।


साइकिल चालकों में 3 गुना इजाफा हुआ

नई दिल्ली। भारतीय प्राद्योगिकी संस्थान-दिल्ली और रुड़की के पूर्व छात्रों द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि लॉकडाउन के कारण दिल्ली में साइकिल उपयोग में लाने वालों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई लेकिन इंफ्रास्टक्च र की कमी के कारण काम और फिटनेस के लिए साइकिल उपयोग में लाने वालों के लिए कई तरह की दुश्वारियां बनी हुई हैं। सर्वे 'लाइवलीहुड साइकिलिस्ट इन दिल्ली' नाम के इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि दिल्ली में 11 लाख साइकिल सवार हैं लेकिन यहां मात्र 100 किमी साइकिल ट्रैक है। ऐसे में अलग-अलग उद्देश्यों के लिए साइकिल का उपयोग करने वालों को रोजाना अनचाहे खतरों का भय सताता रहता है।


इस सर्वे में लगभग 1400 लोगों के शामिल किया गया, जिनमें से 97 प्रतिशत ने रोजाना के आवागमन के माध्यम के रूप में साइकिल का उपयोग करने की इच्छा जतायी लेकिन साथ ही वे कई चीजों को लेकर डरे हुए भी दिखे। इसमें सबसे प्रमुख उनकी सुरक्षा है। इस 'परसेप्शन स्टडी' में यह खुलासा हुआ कि सुरक्षित और सुविधाजनक साइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्च र का अभाव, डेडिकेटेड साइक्लिंग लाइंस का न होना, दूषित वायु और अनियंत्रित ट्रैफिक के चलते दिल्ली के अधिक लोग साइकिल की सवारी नहीं कर पा रहे हैं। इसी कारण कई सामाजिक दिल्ली सरकार के सामने इन मुद्दों को रखने के लिए आगे आई हैं। इन संस्थाओं की मांग है कि दिल्ली सरकार जनता के लिए सुरक्षित साइक्लिंग ढांचा और स्थायी रूप से डेडिकेटेड साइकिल लेन्स स्थानपित करे।


इसके लिए हैशटैगदिल्लीधड़कनेदो कैंपेन शुरू किया गया है। यह दिल्ली में स्वच्छ वायु समाधानों और बेहतर एवं टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन साधन विशेषकर साइक्लिंग को लेकर काम कर रहे नागरिक समाज संगठनों का सामूहिक प्रयास है। यह मुहिम दिल्ली को भारत का पहला साइक्लिंग-फ्रेंड्ली शहर बनाने में सहायता करने के लिए चलाया गया है। इसके तहत दिल्ली सरकार के पास एक याचिका दिया जाना है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट पॉलिसी लाई जाये, जिसमें दो पहलुओं को प्राथमिकता मिले। पहला- साइकिल के लिए लेन बनाने को प्राथमिकता दिया जाना और दूसरा-परिवहन के कोविड-प्रूफ साधन के रूप में हर किसी को साइकिल के उपयोग की अनुमति देना।


दिल्ली में लम्बे समय से पर्यावरण, शिक्षा, सामाजिक उत्थान और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए काम कर रही अग्रणी गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) 'स्वच्छा' के कार्यकारी निदेशक और प्रमुख विमलेंदु झा ने कहा, ''दिल्ली में साइकिलों के माध्यम से आजीविका चलाने वाले 91 प्रतिशत लोग हर रोज साइकिल चलाकर अलग-अलग जगहों पर जाते हैं, लेकिन क्या हमारी सड़कें सुरक्षित तरीके से पैदल और साइकिल से चलने के लिए डिजाइन की गयी हैं? इसका उत्तर है, नहीं। दिल्ली के लगभग 11 लाख साइकिल चालकों के लिए मात्र 100 किमी साइकिल ट्रैक है। यही नहीं, दिल्ली कई वर्षों से वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है। दिल्ली के वायु प्रदूषण की समस्या को परंपरागत साधनों जैसे कि साइकिल इंफ्रास्ट्रक्च र से हल नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसके लिए शहर के कोने-कोने तक कनेक्टिविटी भी बेहद जरूरी है। इसलिए, पैदल चलने वालों की सुरक्षा और दिल्लीं में पैदल व साइकिल से चलने के उनके अधिकार की रक्षा हेतु मजबूत नीतियों की सख्त आवश्यमकता है।''


दिल्ली सरकार के आंकड़े बताते हैं कि शहर में लगभग 11 लाख नियमित साइकिल उपयोगकर्ता हैं। यह आंकड़ा कोविड-19 महामारी से पहले से है और रुझानों से संकेत मिलता है कि संख्या केवल बढ़ेगी। आईआईटी- दिल्ली और रुड़की के पूर्व छात्रों द्वारा किए गए अध्ययन से यह साफ है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में साइकिल चलानों की संख्या चार फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो गई है। दिल्ली में राहगिरी डे की सह-संस्थापक सारिका पांडा मानती हैं कि दिल्ली में अभी भी गतिशीलता के संकट से निपटना जरूरी है और शहर को पैदल चलने और साइकिल चलाने की योजनाओं के कार्यान्वयन की आवश्यकता है।           


बेटी की हत्या कर, अंतिम संस्कार किया

गोपीचंद सैनी


मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक पिता ने अपनी 17 वर्षीय बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी औऱ शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। वहीं, मामला पुलिस के संज्ञाने में आने पर मामले की जांच पड़ताल के बाद पिता योगेश गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पुलिस ने श्मशान घाट से अस्थियों को कब्जे में लिया है, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।


मामला मेरठ जिले के दौराला थाना क्षेत्र के मछली गांव की है। मिली जानकारी के मुताबिक, ज्योति का गांव के ही दीपक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जुलाई में ज्योति और दीपक अपने घर से भाग गए थे। ज्योति के परिजनों ने दीपक के खिलाफ उसे भगा कर ले जाने का केस दर्ज कराया था। दो दिन बाद ज्योति को दिल्ली स्टेशन पर जीआरपी ने बरामद कर परिजनों को सूचना दी थी। दौराला पुलिस ज्योति को ले आई,


जहां पुलिस और कोर्ट के सामने ज्योति ने दीपक पर भगा ले जाने के आरोप झूठे बताते हुए अपनी मर्जी से जाने के बयान दिए थे। जिसके बाद वह केस खत्म हो चुका था और दीपक को बेगुनाह माना था। वहीं, कोर्ट ने ज्योति को उसके परिजनों को सौंपा दिया था। बताया जाता है कि परिजन ज्योति को लगातार समझा रहे थे, मगर वह प्रेमी संग ही रहने की जिद कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, बुधवार रात पिता योगेश ने ज्योति का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और गांव के पास ही श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया।


गुरुवार दोपहर बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस गांव में पहुंची और ज्योति के परिजनों से पूछताछ की। ज्योति के पिता योगेश पहले तो ना-नुकर करता रहा, मगर पुलिस ने सख्ती से पूछा तो वह टूट गया और पूरा प्रकरण बताते हुए हत्या करने की बात स्वीकार की। पुलिस ने आरोपित पिता योगेश को गिरफ्तार कर श्मशान घाट से अवशेष बरामद किए हैं। थानाध्यक्ष करतार सिंह का कहना है कि ऑनर किलिंग में आरोपित पिता योगेश को गिरफ्तार कर लिया है। अभी और पूछताछ की जा रही है।                


रामदेव पर 10 लाख का जुर्माना लगाया

चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा राम देव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य मंदिर योग ट्रस्ट के खिलाफ 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह जुर्माना पतंजलि के उस दावे के लिए लगाया गया है, जिसमें कहा गया था कि उनका आयुर्वेदिक सूत्रीकरण कोरोनिल कोरोना वायरस को ठीक कर सकता है। बता दें इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के उपचार को लेकर पेश की गई कोरोनिल दवा के ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी।


जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की याचिका पर 30 जुलाई तक के लिए यह अंतरिम आदेश जारी किया था। अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने दावा किया था कि सन 1993 से उसके पास 'कोरोनिल' ट्रेडमार्क है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, साल 1993 में ‘कोरोनिल-213 एसपीएल' और ‘कोरोनिल-92 बी' का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। वह तब से उसका रिन्युअल करा रही है।




             



5 दिन से जवान लापता, सर्च ऑपरेशन

सोपियांं। जम्मू-कश्मीर के शोपियां से लापता सेना के एक जवान का पांच दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है।राइफलमैन शाकिर मंज़ूर अपने परिवार के साथ ईद मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे। वह 2 अगस्त की शाम से लापता हैं। शाकिर 162 बटालियन का हिस्सा हैं। जवान की तलाश में शोपियां में आज सुबह सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया गया।


शोपियां इलाके में आज सुबह बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। शोपियां के एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि सैनिकों और पुलिसकर्मियों की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। आशंका है कि आतंकवादियों ने राइफलमैन का अपहरण कर लिया है। कुलगाम के पास उनकी जली हुई कार मिली है। शक है कि आतंकवादियों ने जवान का अपहरण कर लिया है। सिपाही की जली हुई कार दक्षिण कश्मीर में रामभामा इलाके के पास मिली थी। घटना के तुरंत बाद शाकिर मंज़ूर के परिवार ने अपील जारी की कि उसे नुकसान न पहुंचाया जाए। यह पहली बार नहीं है कि कश्मीर में अपने घर गए जवानों को आतंकवादियों ने निशाना बनाया है। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं। मई 2017 में आतंकवादियों ने एक युवा, सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण कर लिया, जब वह शोपियां में एक पारिवारिक शादी में भाग ले रहे थे अगले दिन उनकी लाश मिली थी। इसी तरह एक और सैनिक औरंगजेब को 2018 में उस समय अगवा कर लिया गया था जब वह अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए पुंछ जा रहे थे।फिलहाल, 2 अगस्त से लापता सेना के राइफलमैन शाकिर मंजूर को ढूंढने की कोशिश जारी है। शोपियां के अलावा आस-पास के इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके अलावा सेना आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करके शाकिर मंजूर का लोकेशन पता करने की कोशिश कर रही है।


कड़े नियमों के बाद बैंकों में धोखाधड़ी जारी

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कड़े नियमों के बावजूद, बैंकों में धोखाधड़ी जारी है। ऐसी स्थिति में, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चेक में धोखाधड़ी लेनदेन को रोकने के लिए बैंकिंग प्रणाली में 'पॉजिटिव पे' सुविधा प्रदान की जाएगी। पॉजिटिव पे फीचर के तहत, चेक जारी करने वाला व्यक्ति चेक को किसी और को सौंपने से पहले चेक का फोटो लेता है और उसे बैंक के मोबाइल ऐप पर अपलोड करता है।


सूत्रों के अनुसार, मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा के बाद दास ने कहा, "चेक भुगतान की सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए, 50,000 रुपये या अधिक मूल्य के सभी चेक के लिए 'सकारात्मक भुगतान' सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया गया है।" उन्होंने कहा कि 50,000 रुपये की इस सीमा के तहत, संख्या के संदर्भ में लगभग 20 प्रतिशत और भुगतान मूल्य के अनुसार 80 प्रतिशत लेनदेन आएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संबंध में अन्य दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। यह ज्ञात है कि देश का दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक ICICI बैंक 2016 से अपने ग्राहकों को बिना किसी सीमा के ऐसी सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इस सुविधा के साथ, बैंक चेक के लाभार्थी के सामने जानता है कि उसके ग्राहक ने चेक जारी किया है। इससे बैंक कर्मचारी चेक का भुगतान करने से पहले उसके पास पहले से उपलब्ध जानकारी का मिलान कर सकता है।           


अनेक रोगों का इलाज है गिलोय बैल

गिलोय जो एक मात्र बेल होती है लेकिन क्या आप जानते है गिलोय को भारत में एक औषधि का स्थान मिला है जी हां एक मात्र बेल जो एनेको रोगों को नष्ट करने का काम करती है।  
गिलोय जो एक औषधि के नाम से जानी जाती है। यह बरसात में आधिक मात्रा में पाई जाती है। इसकी एक कलम काट कर भी आप लगते है तो ये एक महीने में विशाल रूप ले लेती है। गिलोय को अनेकों नामों से जाना जाता है इसके पत्ते पान के आकार के होते है। गिलोय के अनेकों फायदे होते है। गिलोय शरीर की क्षमता इम्युनिटी बूस्ट में सबसे फायदेमंद होता है। 
बुखार, खासी, जुखाम, इम्युनिटी बूस्ट, शरीर में थकान होना आदि फायदों में गिलोय जाना जाता है।  
गिलोय के एक तने के छोटे-छोटे पीस करके उसे दो गिलास पानी के साथ जब तक उबालें और जब वह उबल कर एक गिलास हो जाने के बाद उसे ठंडा करके पी ले। गिलोय का काढ़ा बनाने के लिऐ आपको दो गिलास पानी में गिलोय के छोटे-छोटे टुकड़े, लॉन्ग, इलायची, काली मिर्च यह दो दो टुकड़े पानी में डालें और पानी को जब तक उबले जब तक कि वह आधा गिलास ना हो जाए। काढ़ा भरने के बाद उसको थोड़ा गुनगुना होने के बाद पिया जा सकता है। अगर आप रोज एक गिलास पीते हैं तो आपकी शारीरिक क्षमता बढ़ेगी। जैसा कि आप सभी जानते हैं गिलोय हर छोटे-बड़े इलाज के लिए लाभकारी होती है। जिसके लिए गिलोय का तरह तरह से इस्तेमाल किया जाता है। हम आपको बताते हैं कि आप गिलोय की गोलियों को भी बना सकते हैं जिसका आप कहीं भी किसी भी वक्त उपयोग कर सकते हैं गिलोय के टुकड़े या कलम के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसे सुखा लें। सुखाने के बाद इसे आप कभी भी उपयोग में ला सकते हैं। इसे आप सुबह शाम मुंह में रख के खा सकते हैं और यह नाही कड़वा होता है इसका स्वाद बिल्कुल टेस्टी होता है। गिलोय शारीरिक क्षमता में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गिलोय को आयुर्वेद में सबसे उचित स्थान मिला हुआ है।             


सेना प्रमुख ने योगी से मुलाकात की

लखनऊ। लखनऊ स्थित मध्य कमान के दौरे पर आए सैना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश (यूूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की गई मुलाकात बहुत देर तक हुई, लेकिन मुलाकात में कोई जल्दबाजी नहीं की गई मुलाकात आराम से ठंडे दिमाग से बैठ कर हुई। सैन्य प्रमुख नियुक्त होने के बाद जनरल नरवणे का मध्य कमान के लिये यह पहला दौरा है।           


 


पीपीई किट से 2 दिन संक्रमण का खतरा

लखनऊ। कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्यकर्मियों व अन्य के प्रयोग में लाए जा रही पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई किट) की बड़ी भूमिका है। विशेषज्ञों का मानना है कि पीपीई किट यदि ठीक से डिस्पोजल नहीं हुआ तो यह पर्यावरण और संक्रमण को भी बढ़ावा दे सकती है। अस्पतालों, एम्बुलेंस, एयरपोर्ट और यहां तक कि श्मशान घाटों तक पर खुले में फेंकी गई पीपीई किट के बारे में चिकित्सकों का साफ कहना है कि ऐसा करके हम खुद को बचा नहीं रहें हैं, बल्कि अपने साथ ही दूसरों को भी मुश्किल में डालने का काम कर रहे हैं।किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि इस्तेमाल की गयी पीपीई किट से कम से कम दो दिन तक संक्रमण का पूरा खतरा रहता है। इसलिए किट का चाहे मास्क हो या गाउन उसको कदापि इधर-उधर न फेंके, बल्कि उसके लिए निर्धारित ढक्कन बंद पीली डस्टबिन में ही डालें और अस्पतालों को भी चाहिए कि इस बायो मेडिकल वेस्ट (अस्पताल के कचरे) के निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त रखें। उन्होंने बताया कि ऐसा देखने में आया है कि कुछ लोग किट को इस्तेमाल करने के बाद इधर-उधर फेंक देते हैं जो कि बहुत ही गंभीर मामला है। ऐसे लोगों के खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण के साथ पर्यावरण पर भी असर पड़ता है। अस्पतालों ने वैसे इस काम को एजेंसियों के जिम्मे कर रखा है जो कि कचरे को निस्तारित करने के लिए इन्सीनरेटर मशीन लगा रखी हैं, जहां पर इसका समुचित निस्तारण होता है ताकि किसी तरह के प्रदूषण का खतरा न रहे। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एनेस्थीजीआलजी एंड क्रिटिकल केयर विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तन्मय तिवारी का कहना है कि इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बाकायदा गाइड लाइन जारी की है कि पीपीई किट के इस्तेमाल और निस्तारण में किस तरह से सावधानी बरतनी है । उसके मुताबिक ही इसके निस्तारण में सभी की भलाई है। उन्होंने बताया कि देश में इस समय रोजाना लाखों पीपीई किट का इस्तेमाल हो रहा है और यह एक बार ही इस्तेमाल के लिए हैं। इसलिए इस्तेमाल के बाद इसको मशीन के जरिये ही नष्ट किया जाना सबसे उपयुक्त तरीका है।           


सोना-चांदी के भाव में फिर आया उछाल

मुंबई। घरेलू वायदा बाजार में चांदी का भाव शुक्रवार को रिकॉर्ड 77,949 रुपये प्रति किलो पर चला  और सोना ने भी 56,191 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड उंचाई को छुआ। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में तेजी के चलते भारतीय बाजार में महंगी धातुएं लगातार नई ऊंचाई को छू रही हैं। हालांकि ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली का भी दबाव बना हुआ है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी के सितंबर एक्सपायरी अनुबंध में शुक्रवार की सुबह 10.19 बजे पिछले सत्र से 248 रुपये यानी 0.33 फीसदी की तेजी के साथ 76300 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान चांदी का भाव 77,949 रुपये प्रति किलो तक उछला, जो एक नया रिकॉर्ड है। हालांकि शुरूआती कारोबार के दौरान चांदी का भाव 75,063 रुपये प्रति किलो तक फिसला। एमसीएक्स- सोने के अक्टूबर वायदा अनुबंध में आठ रुपये की बढ़त के साथ 55853 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान सोने का भाव 56,191 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। हालांकि आरंभिक कारोबार के दौरान सोने का भाव 55506 रुपये प्रति 10 ग्राम तक फिसला।


एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि सोने और चांदी के भाव काफी उंचे स्तर पर हैं इसलिए मुनाफावसूली का दबाव बना हुआ है। इसके अलावा, डॉलर में मजबूती आने से महंगी धातुओं के दाम टूट सकते हैं, मगर यह ज्यादा समय तक नहीं रहेगा। केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि सोने और चांदी में तेजी के सारे कारक अभी मौजूद हैं, लेकिन उंचे भाव पर मुनाफावसूली का दबाव देखा जा सकता है। इसके अलावा डॉलर में मजबूती और फ्राइडे फैक्टर्स के चलते भी सोने और चांदी के दाम पर दबाव रहेगा।           


जनपद में व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में कथित तौर पर 42 वर्षीय एक व्यक्ति की पीट-पीट कर कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि घटना बुधवार देर रात को जगतवल्लभपुर थानांतर्गत भूपतिपुर गांव में हुई। पुलिस ने कहा कि पपीते के पेड़ को काटने पर हुए पारिवारिक विवाद ने झड़प का रूप ले लिया और अधीर राय को डंडे से सिर पर मारा गया जिससे उसकी मौत हो गई। तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि अधीर उनका कार्यकर्ता था और कथित तौर पर जिन्होंने हमला किया वह भाजपा के कार्यकर्ता थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्षों में पुरानी दुश्मनी थी। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और छानबीन जारी है।           


अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'छठ' पर्व, जानिए

अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'छठ' पर्व, जानिए  सरस्वती उपाध्याय  हर साल कार्तिक मास की शुक्ल-पक्ष की चतुर्थी तिथि को छठ पर्व की शुरुआत ह...