रविवार, 2 अगस्त 2020

ग्रामीणों ने खोल दी घोटाले की पोल

ग्रामीणों ने खोल दिया ग्राम प्रधान की पोल घोटाले का खुला राज


भाजपा सरकार में हो रहे हैं लम्बे लम्बे घोटाले


पूर्व ग्राम प्रधान के कार्यकाल में जो नाली खड़ंजा बना था वह अपना दिखा कर किया घोटाला एडीओ पंचायत के सामने आई सारी सच्चाई सामने


बेरूवा कौशाम्बी। ग्रामीणों ने सारी पोल खोल दिया है ग्राम प्रधान के सारी पोल खुलकर सामने आ गई और ग्राम  कृष्णा डोली मजरा समसपुर में हद तो अब हो गई हैं कि पूर्व ग्राम प्रधान ने नाली व खड़ंजा लगवाया था लेकिन वर्तमान ग्राम प्रधान ने  नाली व  खड़ंजा नही लगवाया हैं और उसी को देखकर सरकारी रकम निकाल कर अपना  बैंक बैलेंस खूब कर लिये हैं और इस तरह में यह लगता हैं कि ग्राम प्रधान व सिंगरेट्री के मिली भगत से हो गये घोटाले लेकिन कोई अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दिया था


जब रेलवे में 60 साल की नौकरी कर के रिटायरी होने के बाद अगर उसे ग्राम प्रधान बना दिया जाए तो यही होता हैं। वह यह सोचता है कि जैसे हमारी रेलवे से पेमेंट आ रही थी वैसे आज ग्राम प्रधान बना कर पैसे आ रहा है और कोई यह नही सोच था कि अगर ग्राम प्रधान बना दिया जाये गा तो कोई काम नहीं कराये गा  सारे का सारा पैसा वह खा जायेगा। प्रधानी का पैसा रेलवे जैसे समझने लगे है प्रधान और अपना जेब भरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ हैं। जब एडीओ पंचायत व सिंगरेट्री ग्राम प्रधान की मौजूदागी में निरीक्षण किया तो सारे का सारे पूर्व प्रधान के कामो को देखकर पैसे का घोटाला कर लिया है।


सूत्रों कि माने तो कृष्णा डोली गांव में वर्तमान में नाली नही बनी हैं। ना खडंजा लगा है ग्राम प्रधान व  सिंगरेट्री मिलकर खूब कस के घोटाला  किये हैं। एडीओ पंचायत ने जैसे ही वह अपने फोरव्हीलर कार मे बैठ कर चले है। वैसे ही ग्राम प्रधान ने कह रहे थे कि पैसे के आगे सब फेल हैं इसका मतलब क्या है यह जांच का विषय है और मुझे जो करना था मैं कर चुका हूँ कालोनी तो योगी आदित्यनाथ दे नरेंद्र मोदी देगे इस तरह में क्या लगता हैं कि ग्राम प्रधान के ऊपर किसी बड़े अधिकारी का हाथ होने के कारण यह ग्राम प्रधान बोल रहा है। इसे किसी बात को डर नही है कृष्णा डोली गांव में न तो किसी को भी कालोनी मिली है और जो शौचालय बनवाया है। वह भी अधूरी है ईट बालू  एक बोरी सीमेंट देकर बोला है कि बनवा लो जो कि पूरी तरह से शौचालय खराब हो चुका है।


ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कुछ महीने पहले एक ट्रैक्टर से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर प्रार्थना पत्र देते हुए गभीरता से आरोप भी लगाये है। अगर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का ध्यान आकर्षित करने की मांग भी कर रहे हैं। अगर कृष्णा डोली मजरा समसपुर की ओर नजर नही टेडी किये तो बहुत लम्बा घोटाला उजागर होगा।


मंजीत सिंह


बिहारः 18,722 संक्रमित, 65.08 रिकवरी

पटना। स्वास्थ्य सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 1,823 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 35,473 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार का रिकवरी रेट 65.08 प्रतिशत है। 31 जुलाई को कोविड-19 के 2,502 नये मामले सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 18,722 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 28,624 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 5,76,796 है।              


अयोध्या की सीमाएं सील, हाईवे बंद

संतलाल मौर्य


अयोध्या। सूचना के अनुसार चार व पांच अगस्त को अयोध्या की सुरक्षा में 3500 पुलिसकर्मी, 40 कंपनी पीएसी, 10 कंपनी आरएएफ, दो डीआईजी व आठ पुलिस अधीक्षक तैनात रहेंगे। सुरक्षा की कमान एडीजी कानून व्यवस्था संभालेंगे।


विदित हो चले कि कोरोना के संक्रमण के कारण सुरक्षा व्यवस्था में 45 साल से कम उम्र के सुरक्षकर्मी ही तैनात किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी के मद्देनजर अयोध्या हाइवे भी चार-पांच अगस्त को बंद किया जा सकता है। वहीं, तैयारियां को परखने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी तीन अगस्त को अयोध्या का दौरा करेंगे जहां वह व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे।          

एप्स के बाद चीनी भाषा पर लगेगा बैन

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत-चीन सीमा विवाद जारी है। कुछ दिनों पहले, भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही, सरकार ने अब पड़ोसी देश की भाषा को अस्वीकार करने का फैसला किया है। हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित नई शिक्षा नीति में, चीनी को उन विदेशी भाषाओं की सूची में नहीं रखा गया है जो माध्यमिक विद्यालय स्तर पर छात्रों को सिखाई जाएंगी। नई शिक्षा नीति की इस सूची में जर्मन, कोरियाई, फ्रेंच, रूसी, स्पेनिश, पुर्तगाली और थाई विकल्प शामिल हैं जिन्हें छात्र चुन सकते हैं। लेकिन खास बात यह है कि पिछले साल जब नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया जा रहा था, जब इसमें फ्रांसीसी, स्पेनिश, जापानी के साथ-साथ चीनी का भी जिक्र था।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा जारी एक नई शिक्षा नीति में चीनी को हटा दिया गया है। कहा जा रहा है कि वर्तमान में चीन के साथ सीमा विवाद के चलते मोदी सरकार ने यह निर्णय लिया है।


यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारत सरकार ने हाल ही में चीन के 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें टिकटलॉक भी शामिल है। सरकार ने इन ऐप्स को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। कुछ ही दिनों बाद, सरकार ने इन ऐप्स के अन्य वेरिएंट और क्लोन के साथ 47 और ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।         


बलिदानियों के परिजन करें 'भूमि-पूजन'

अयोध्या। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद (अहिप) के अध्यक्ष एवं श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़े प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के आंदोलन में जिन लोगों ने बलिदान दिया है उन्हीं के परिवार के लोगों से मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन कराना चाहिये। प्रवीण तोगड़िया ने रविवार को कहा “मंदिर निर्माण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा होने वाले भूमि पूजन को मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार वालों से कराना चाहिये। तोगड़िया ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इससे हमारा जीवन धन्य हो गया है। क्योंकि पूरे देश में घूम-घूमकर संत-धर्माचार्यों के सानिध्य में रह करके मंदिर आंदोलन को कई वर्षों तक चलाता रहा, उसके बाद उच्चतम न्यायालय ने भव्य मंदिर निर्माण के लिये जो आदेश दिया है इससे मेरा जीवन धन्य हो गया है।” उन्होंने कहा “हमने अपना धर्म कर्म अदा किया है, क्योंकि मैं अस्पताल में रह करके करीब एक हजार मरीजों का सेवा करता था परन्तु राम के बुलावे में अयोध्या में आ करके राम आंदोलन से जुड़ गया और आज मंदिर बनने जा रहा है, जिससे मेरा जीवन धन्य हो गया है। मैं रामलला का दर्शन करने अवश्य आऊंगा।” तोगडिय़ा ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन पर 1985, 1990, 1992 में जिन-जिन रामभक्तों ने बलिदान दिया है उनके परिवार के एक-एक सदस्य को बुलाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंह, गिरिराज किशोर के भी परिवार को इस भूमि पूजन में बुलाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो यह ट्रस्ट बना है वह सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर नहीं है। इस ट्रस्ट में पंद्रह ट्रस्टी के बजाय पांच सौ एक लोगों का नाम होना चाहिये जिसमें हिंदू के सभी जातियों को सम्मिलित करना चाहिये था। वर्तमान में जो ट्रस्ट बना है इसमें गिने-चुने लोग ही हैं। एक प्रश्न के उत्तर में तोगड़िया ने कहा “ मुझे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया है, न ही टेलीफोन द्वारा मुझे कोई सूचना दी गयी है। मंदिर बनने से मेरा जीवन धन्य हो गया है और यह मंदिर सभी हिंदुस्तानियों के सहयोग से बन रहा है, क्योंकि इसमें सभी धर्म-जाति के लोगों ने बलिदान दिया है।” उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिये जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया है उन्हीं के परिवार वालों से भूमि पूजन कराना चाहिये।


अहिप अध्यक्ष ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है ना कि केन्द्र सरकार द्वारा कानून बना करके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 1991 का कानून केन्द्र सरकार ने नहीं हटाया तो पांच अगस्त 2020 से अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद मथुरा और काशी के लिये लड़ाई लडऩे के लिये विवश हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या यह झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। देश के बीस हजार स्थानों पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये हो रहे भूमि-पूजन की खुशी तो हम मनायेंगे ही उसके बाद काशी, मथुरा को मुक्त कराने के लिये हमारा संकल्प दोहराया जायेगा।


उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कारसेवा की है उनके परिवार वालों को भी ट्रस्ट में स्थान नहीं दिया गया है। यह बड़ी विडम्बना की बात है, क्योंकि मंदिर निर्माण भी एकता का सबूत है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जिस दिन फैसला आया है उस दिन पूरे देश में कहीं भी कोई घटना नहीं सुनाई पड़ी बल्कि सभी ने इस फैसले को माथों से लगाया है और भव्य मंदिर निर्माण के लिये अपना योगदान दिया है।         


योद्धाओं को राखी बांध की दीर्घायु कामना

योद्धा के रूप में डॉक्टर्स एवं समस्त नर्सिंग स्टाफ को  राखी बांध कर उनके स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की


रतन सिंह चौहान
पलवल। भारत स्काउट्स एंड गाइड्स पलवल की छात्राओं द्वारा जिला संगठन आयुक्त योगेश सौरौत एवं जिला संयोजक विष्णु गौड़ के मार्गदर्शन में रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर नागरिक अस्पताल होडल में कोरोना योद्धा के रूप में डॉक्टर्स एवं समस्त नर्सिंग स्टाफ को  राखी बांध कर उनके स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की।  आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी  सामान्य अस्पताल होडल डॉ चरण गोपाल ,डॉ एच.के. पंकज, डॉ रिंकी, डॉ राहुल, डॉ लक्ष्मी,नर्सिंग स्टाफ में मोहम्मद जुबेर, भरतराम, अनूप सौरौत, हरिओम, विकास, सर्वेश सौरोत आदि को गर्ल्स गाइड्स लीसा,सिमरन,मोनिका, पायल एवं गौरवी द्वारा राखियां बांधी गईं। कार्यक्रम का नेतृत्व एच.जी.एम. विद्यालय प्रबंधन समिति के निदेशक ज्ञानचंद सौरोत एवं प्राचार्य मुकेश वशिष्ट ने किया।  संस्था के जिला संगठन आयुक्त योगेश सौरौत ने बताया की संस्था प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन  पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन करती है। इस बार कोरोना संक्रमण काल में संपूर्ण देश में डॉक्टरों ने योद्धाओं की भांति कार्य करते हुए और अपनी नागरिकों  के जीवन की  रक्षा की है।उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए भी नागरिकों को बचाया है। इस कोरोना संक्रमण से बहुत से चिकित्सकों की मृत्यु भी हुई है। उन्होंने भी देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। इसलिए वे भी योद्धाओं की भांति सम्मान के अधिकारी हैं।वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ चरण सिंह ने कहा कि संकट के समय प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिए।  इस वैश्विक आपदा के समय संपूर्ण विश्व के डॉक्टर्स ने अपनी भूमिकाओं का निर्वहन बहुत ही ईमानदारी से किया है। भारत स्काउट्स एंड गाइड्स  इस आयोजन से उनके साथियों का मनोबल बढ़ाया है इस संकट के समय देश के सभी लोगों की दुआएं उनके साथ हैं। इस अवसर पर गाइड विंग की छात्राओं के द्वारा  कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हस्त निर्मित मास्क अस्पताल के सभी स्टाफ एवं सफाई कर्मचारियों को वितरित किए गए। इस अवसर पर गिरधर रावत, हरीश चन्द, देवेंद्र कुमार, हरकेश सौरोत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।           


आदेशः उत्तरकाशी में बनेगा 'कंजर्वेशन सेंटर'

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी वन प्रभाग क्षेत्र में देश का पहला स्नो लैपर्ड कंजर्वेशन सेंटर बनाया जाएगा। यह संरक्षण केंद्र जिले के भैरों घाटी के लंका क्षेत्र में बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में हिम तेंदुओं की गणना के भी निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए मिले हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और वन विभाग के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की। इस दौरान सीएम रावत ने निर्देश दिए कि राज्य में हिम तेंदुओं की गणना की जाए। हिम तेंदुओं के सरंक्षण और इनकी संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किए जाए। पिछले कुछ वर्षों में जिन क्षेत्रों में हिम तेंदुए देखे गए हैं। स्थानीय लोगों और सैन्य बलों के सहयोग वन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए जाए। ऐसे क्षेत्रों में ग्रिड बनाकर इनकी गणना।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम तेंदुए और अन्य वन्य जीवों के संरक्षण से राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों की अनेक प्रजातियां हैं, जो पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बनती हैं। वन्य जीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। आज वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोग भी जागरूक हैं। उत्तराखंड के प्राकृतिक और नैसर्गिक सौन्दर्य में वन और वन्य जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले में हिम तेंदुए अधिक मात्रा में देखे गए हैं। अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है।


विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस अवसर पर प्रो. एन फिन्स्ट्रा ने हिम तेंदुए के संरक्षण केंद्र पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में प्रमुख सचिव वन और पर्यावरण आनन्द बर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, चीफ कंजरवेटर वाइल्डलाइफ रंजना काला, राजीव भरतरी, जीएस सुहाग और वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।         


शिमलाः मंदिरों के खोलने पर होगा निर्णय

ऊना। देवभूमि के बड़े मंदिरों में दर्शन के लिए अभी श्रद्धालुओं को कुछ और समय इंतजार करना होगा। अभी कुछ समय बाद मंदिरों के खोलनें पर निर्णय चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा। यह बात ऊना दौरे पर पहुंचे प्रधान सचिव राजस्व व आपदा प्रबंधक ओंकार शर्मा ने कही। वहीँ ओंकार शर्मा ने माना कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट में गिरावट आई है, जिसमें जल्द ही सुधार का प्रयास किया जायेगा। ओंकार शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मानसून का सीजन भी चल रहा है ऐसे में कोरोना से निपटने के साथ-साथ मानसून से होने वाले नुक्सान से बचाव को भी प्रयास किये जा रहे है।                             


यूपी की 42 डिस्टीलरी में सैनिटाइजर

लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में सेनिटाइजर की मांग तेजी से बढ़ गई है। आबकारी विभाग की ओर से जारी लाइसेंस पर इस वक्त 93 स्थानों पर सेनिटाइजर का उत्पादन हो रहा है। इसमें से खुद आबकारी विभाग की 42 ऐसे डिस्टीलरी शामिल है जहां पर शराब बनाई जा रही थी। अब यहां पर सेनिटाइजर भी तैयार हो रहा है।


प्रदेश में रोजाना छह लाख लीटर से अधिक सेनिटाइजर का उत्पादन हो रहा है। अब तक लगभग एक करोड़ 90 लाख लीटर सेनिटाइजर का उत्पादन किया जा चुका है। इसे देखते हुए गन्ना एवं आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने सेनिटाइजर का निर्यात करने का निर्देश दिया है। अधिकारी के निर्देश के बाद अब डिस्ट्रीब्यूटर्स से बात की जा रही है। आबकारी विभाग अपनी 42 डिस्टीलरी को छोड़कर 51 निजी लोगों को सेनिटाइजर उत्पाद करने का लाइसेंस जारी कर चुका है। इसमें लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, बिजनौर, गाजियाबाद, गाजीपुर, मेरठ, अलीगढ़, अयोध्या जैसे जिले शामिल हैं। जहां पर सेनिटाइजर का निर्माण किया जा रहा है। आबकारी मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी सभाजीत वर्मा बताते हैं कि सेनिटाइजर का उत्पादन प्रदेश में बहुत ज्यादा है। पहले ही हम देश के दूसरे प्रदेशों में इसे भेज रहे हैं। अगर सब सही रहा तो आने वाले महीने से हमारे प्रदेश में तैयार सेनिटाइजर विदेशों में भी जाएगा।           


बगैर विचार-विमर्श के नई 'शिक्षा नीति'

नई दिल्ली। कांग्रेस ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस पर न संसद में विचार-विमर्श हुआ और ना ही इसके कार्यान्वयन में कोई पारदर्शिता बरती गई है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला, वरिष्ठ नेता एम पल्लम राजू तथा प्रो. राजीव गौड़ा ने रविवार को यहा संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिक्षा नीति 2020 में मानवीय विकास, ज्ञान प्राप्ति, गंभीर चिंतन एवं जिज्ञासा की भावना को दरकिनार कर स्कूल एवं उच्च शिक्षा में बदलाव के लिए बुनियादी सोच विचार की बजाय सिर्फ शब्दों का भ्रमजाल, चमक-दमक, दिखावा एवं आडंबर को ही महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा ” नई शिक्षा नीति लागू करने में न परामर्श, न चर्चा, न विचार विमर्श और न पारदर्शिता, अपने आप में बड़ा सवाल यह है कि शिक्षा नीति 2020 की घोषणा कोरोना महामारी के संकट के बीच क्यों की गई और वह भी तब, जब सभी शैक्षणिक संस्थान बंद पड़े हैं। सिवाय भाजपा-आरएसएस से जुड़े लोगों के पूरे शैक्षणिक समुदाय ने आगे बढ़ विरोध जताया है कि शिक्षा नीति 2020 के बारे कोई व्यापक परामर्श, वार्ता या चर्चा हुई ही नहीं।”


कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि हमारी अगली पीढ़ियों के भविष्य का निर्धारण करने वाली इस महत्वपूर्ण शिक्षा नीति को पारित करने से पहले मोदी सरकार ने संसदीय चर्चा या परामर्श की जरूरत भी नहीं समझी। इसके विपरीत जब कांग्रेस ‘शिक्षा का अधिकार कानून’ लायी थी तो उस समय संसद के अंदर तथा बाहर इसके हर पहलू पर व्यापक चर्चा हुई थी। बजट में शिक्षा पर छह प्रतिशत खर्च करने की सिफारिश की गई है। इसके विपरीत मोदी सरकार में बजट में शिक्षा पर खर्च 2014-15 में 4.14 प्रतिशत से घटाकर 2020-21 में 3.2 प्रतिशत किया है। यहां तक कि चालू वर्ष में कोरोना महामारी के चलते इस बजट की राशि में भी लगभग 40 प्रतिशत की कटौती होगी जिससे शिक्षा पर होने वाला खर्च कुल बजट के दो प्रतिशत के बराबर ही रह जाएगा। यानि शिक्षा नीति 2020 में किए गए वादों एवं उन वादों को पूरा करने के बीच जमीन आसमान का अंतर है।         


अपराधियों को बढ़ावा दे रही है पुलिस

बड़ागांव पुलिस दे रही अपराधियों को बढ़ावा


गोपीचंद सैनी


बागपत। थाना बड़ागाँव में दलाल हुए सक्रिय आय दिन होता रहता है थाने पर दलालो का आना जाना। कल शाम मोहल्ला तारपाठा पुरा मुहल्ले में एक शराब माफिया के द्वारा पूरे मोहल्ले में आतंक किया गया सूत्रों की माने तो उस व्यक्ति ने निर्वस्त्र होकर पूरे मोहल्ले में गाली गलौज की। वही इस शराब माफिया ने आज थाने जाकर कुछ लोगो के खिलाफ थाने में लिखित प्रार्थना पत्र देकर कुछ लोगों के खिलाफ आज थाने में एक तहरीर दी जिसमें बड़ागांव पुलिस द्वारा इन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। हाय रे देश का दुर्भाग्य देखिए ये है उत्तरप्रदेश के योगी जी की पुलिस जो शराब माफियाओं को इतना बढ़ावा दे रही है। सूत्रों की माने तो इस माफिया द्वारा पुलिस को मोटी रकम दी जाती है जिस बजह से पूरे मोहल्ले में आय दिन लड़ाई झगड़े होते रहते है साथ ही शराब माफिया के हौसले बुलंद होते रहते है साथ ही अभी कुछ दिन ही पहले इसी शराब माफ़िया ने कस्वे के एक व्यक्ति की महिला के पैर को तोड़ दिया था और आज वही शराब माफिया ने आज थाना बड़ागाँव में जाके मुकदमा करा दिया है। 
विवेक राजौरिया


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