जयपुर। राजस्थान में राज्यपाल और अशोक गहलोत सरकार के बीच विरोध अभी भी जारी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा भेजे गए विशेष विधानसभा सत्र की अनुमति वाली फाइल को राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को वापस कर दिया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने दूसरी बार कोविड-19 विषय पर चर्चा के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाए जाने के प्रस्ताव पर अनुमति प्राप्त करने के लिए राज्यपाल को फाइल भेजी थी। अधिकारियों ने पुष्टि की कि राजभवन कार्यालय ने राजस्थान सरकार के संसदीय कार्य विभाग को वापस भेजी गई फाइल में सरकार से अधिक जानकारी मांगी है। वहीं फिलहाल विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार को राजभवन द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करानी होगी और उसके बाद ही विधानसभा सत्र बुलाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
इसी बीच राजस्थान कांग्रेस ने राज्य में ‘लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ’ अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन की रणनीति में आखिरी मिनट में बदलाव किया है। अब राजस्थान कांग्रेस ने घोषणा की है कि पार्टी राज्य में सोमवार को प्रस्तावित योजना के तहत राजभवन के बाहर विरोध नहीं करेगी, हालांकि उनके राष्ट्रव्यापी विरोध में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले भी राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल से विशेष विधानसभा सत्र की अनुमति देने का अनुरोध किया था, हालांकि राज्यपाल ने अनुमति नहीं दी। राज्य की कांग्रेस सरकार ने शनिवार देर रात को राज्यपाल को एक संशोधित नोट भेजा था। इसमें कोरोनोवायरस की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 31 जुलाई को एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति मांगी गई थी, न की फ्लोर टेस्ट के लिए।
- इस बीच, राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और डीजीपी भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सोमवार को राज्यपाल के आवास पर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को लेकर की गई थी, जिसमें दोनों अधिकारियों ने विरोध के मद्देनजर प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे सुरक्षा उपायों से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कोविड-19 मामलों में वृद्धि पर भी अपनी चिंता जताई और अधिकारियों से कोविड-19 से निपटने के लिए एक नई रणनीति तैयार करने का आग्रह किया। यह जानकारी रविवार को राजभवन द्वारा जारी एक प्रेस नोट में दी गई।