शनिवार, 6 जून 2020

दावा: महामारी की वैक्सीन खोजी गई

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उनके देश में कोरोना महामारी की वैक्सीन खोज ली गई है। अमेरिका ने 20 लाख वैक्सीन बना ली है और इसके सुरक्षित होने की बात साफ होते ही इसके इस्तेमाल भी शुरू कर दिया जाएगा। ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि गुरुवार को हमने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बैठक की। बैठक में पता चला कि हम लोगों ने इसपर काफी अच्छा काम किया है। हम लोगों ने बीस लाख वैक्सीन तैयार करके रख ली हैं। बस अब इसे लोगों तक पहुंचाने का काम बाकी है।इसके अलावा उन्होंने कोरोना को लेकर चीन पर भी हमला किया। ट्रंप ने कहा कि हम दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थ हैं इसलिए कोरोना से जूझ पाने में कामयाब रहे। उधर चीन सरकार ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक अपनी वैक्सीन बनाकर बाजार में उपलब्ध करा देगी। गौरतलब है कि विश्वभर में कोरोना वायरस से बचने के लिए 100 से ज्‍यादा वैक्‍सीन पर शोध और ट्रायल चल रहे हैं। ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई गई वैक्‍सीन के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे काफी अच्‍छे आए हैं। कंपनी Moderna Inc का कहना है कि उसकी वैक्‍सीन का क्लिनिकल ट्रायल दूसरे दौर में पहुंच गया है।


लॉक डाउन के नए चरण में मिली छूट

नई दिल्ली। भारत में पीएम मोदी ने कोरोना प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च से लॉकडाउन लगाया था। जिसको रोकने के लिए लगभग हर प्रयास विफल होता नजर आ रहा है। क्योकि लॉकडाउन के नए चरण में छूट मिल गई है। जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण में अप्रत्याशित तेजी आ गई है। शुक्रवार को पहली बार एक दिन में 10 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए और 334 लोगों की मौत हो गई है। यह पहला मौका है जब भारत में दुनिया के किसी देश के मुकाबले एक दिन में सबसे अधिक नए केस भी मिले हैं। रूस में पिछले चौबीस घंटे में 8,726, अमेरिका में 8,580, और ब्राजील में 6,007 नए मामले सामने आए हैं।


इसके साथ ही देश में संक्रमित लोगों की संख्या सवा दो लाख को पार कर गई है, जो इटली से कुछ ही कम है। पिछले हफ्ते भर में ही 60 हजार से ज्यादा केस बढ़ चुके हैं। इस मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सुबह आठ बजे जारी बुलेटिन में बताया गया है कि देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,36,770 हो गई है और अब तक 6,348 लोगों की जान गई है।


ज्ञापनः वाणिज्यिक मदद की मांग उठाई



हफ़ीज अहमद खान की रिपोर्ट


कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश। समाजवादी पार्टी व्यापार सभा व उत्तर प्रदेश प्रान्तीय व्यापार मण्डल के संयुक्त तत्वाधान में जिलाधिकारी कानपुर ब्रह्म राम देव तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम सम्बोधित ज्ञापन देकर 20 लाख करोड़ के कर्ज की जगह परेशान व्यापारियों, किसानों,मज़दूरों,अभिभावकों व युवाओं के लिए सीधी मदद की मांग उठाई।नेतृत्व कर रहे व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की प्रधानमंत्री ने देश के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा करी तो देश को लगा कि शायद इससे देश के व्यापारियों,किसानों,मज़दूरों,मध्यमवर्गीय लोगों,अभिभावकों,युवाओं को कुछ मदद मिलेगी,पर ये तो उल्टा देश को नए कर्ज़े में ले जाने वाला पैकेज साबित हुआ। देश को सीधी मदद की ज़रूरत है न की नए कर्ज़े की।कर्ज़े से तनाव व शर्मिंदगी मिलती है तो देश कहीं आत्मनिर्भर बनने की बजाय खुद से शर्मिंदा न बन जाए।अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी गई की 20 लाख करोड़ से सीधी मदद बिजली बिल,जीएसटी,स्कूल फीस में कर दें जिससे की सही मायने में कुछ राहत मिल जाएगी।छोटे व्यापारियों, ठेलेवालों,चायवालों,फेरी वालों,किसानों,मज़दूरों,छात्रों,ढाबे








लून वालों,रिक्शा वालों को सीधी आर्थिक मदद उनके खाते में पहुंचा दी जाए ताकि लगभग 3 माह से आमदनीं के लिए जूझ रहे ताकि ये सब सीधे रूप में कुछ राहत पा पाएंगे।कानपुर में बंद मिलों को शुरू करवा दें व चीन से आयात पर टैक्स बढ़ा दें ताकि देश व कानपुर आत्मनिर्भर बन सके।अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की जनहित में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की गई है।साथ ही ज्ञापन के अलावा प्रान्तीय व्यापार मण्डल की नगर इकाई से जुड़े अभिभावकों ने कानपुर में स्कूलों से फीस जमा करवाने की मोहलत दिलवाने के लिए जिलाधिकारी कानपुर को शाल व सम्मान पत्र देकर उनकी कर्तव्यनिष्ठा के लिए सम्मानित भी किया।संगठन से जुड़े अफीमकोठी व लाटूश रोड के व्यापारियों ने बाजार की अंदर की दुकानें खुलने की प्रार्थना भी जिलाधिकरी से की।अभिमन्यु गुप्ता के अलावा जितेंद्र जायसवाल,हरप्रीत सिंह लवली, पवन जायसवाल ,संतोष कुमार गुप्ता,पियूष गर्ग ,सोनू गुप्ता, रजत, वीरेन्द्र डांग ,मोहम्मद इरफान ,मोहम्मद शाहाब, सोनू कुमार ,आशिफ ,इक़बाल, मोहम्मद शादाब आदि थे।





लॉक डाउन, के स्थान पर ,अनलॉक समझेंं

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच लॉकडाउन का दौर खत्म हो रहा है और उसकी जगह अनलॉक ने ले ली है। इसके तहत केंद्र और राज्यों की सरकार धीरे-धीरे कई क्षेत्रों में छूट दे रही हैं, इससे जन-जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने भी ऐतिहासिक बंदी के बाद यात्री ट्रेनें देश भर में शुरू कर दी हैं। इन ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनेटाइजेशन का सख्ती से पालन कराने का फरमान है। इसके अलावा यात्रियों के लिए रेलवे ने रिजर्वेशन टिकट के लिए कुछ नियमों में भी बदलाव किए हैं।


बिना इस जानकारी के टिकट नहीं मिलेगा


नए आदेश के अनुसार टिकट बुकिंग  के लिए हर यात्री को आरक्षण फॉर्म पर कुछ और जानकारी देनी अनिवार्य होगी. इसके बिना टिकट नहीं मिलेगा। इन जानकारियों में सफर के लिए आप जहां जा रहे हैं? उसका पूरा पता देना होगा. सिर्फ शहर लिखने से काम नहीं चलेगा. इसके अलावा उस जगह का संबंधित पिनकोड भी देना होगा। रेलवे ने कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए यात्री के डेस्टिनेशन सहित अन्य जानकारियों को साझा करना अनिवार्य कर दिया है। अगर आप रिजर्वेशन फॉर्म पर ये जानकारियां नहीं देंगे तो टिकट बुक नहीं होगा। कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम के तहत इन जानकारियों के बाद ही आरक्षित टिकट बनकर मशीन से निकलेगा।


ट्रैवल हिस्ट्री को लेकर कवायद


दरअसल ये सभी जानकारियां इसलिए ली जा रही हैं ताकि ट्रेन में सफर कर चुके किसी यात्री या उसका सहयात्री अगर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसके डेस्टिनेशन के पते पर उससे संपर्क किया जा सके. इसके लिए आरक्षण फॉर्म पर यात्री के डेस्टिनेशन का पता सहित अन्य जानकारियां देना अनिवार्य कर दिया गया है।


सिर्फ़ अपना पता लिखने से नहीं चलेगा काम


पहले रेलवे आरक्षण के लिए यात्रियों को आरक्षण फॉर्म पर सिर्फ अपना आवासीय पता भरना पड़ता था। वह आवासीय पता भी जानकारी के लिए रिकॉर्ड में रखा जाता था। लेकिन अब यात्रियों को पता के साथ-साथ पोस्ट ऑफिस का पिन कोड देना भी अनिवार्य कर दिया गया है।


निर्माण में पत्रकारिता की 'महत्वपूर्ण भूमिका'

स्वस्थ्य समाज के निर्माण में हेल्थ पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका 

 

गुरुग्राम। स्वस्थ्य समाज के निर्माण में हेल्थ पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय लड़ाई में चिकित्सा विज्ञान पर आधारित शोधपूर्ण, विश्लेषणात्मक और खोजपूर्ण पत्रकारिता समय की ज़रूरत है। जन-जागरूकता और सामाजिक चेतना के सहारे किसी भी संकट से बाहर निकला जा सकता है। 

आज गुरुग्राम स्थिर द्रोणाचार्य कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग द्वारा ‘मीडिया और संचार: कोविड -19 और उससे आगे’ विषयक राष्ट्रीय वेबिनार वक्ताओं ने उपरोक्त बातें कहीं। इस कार्यक्रम में पंजाब, हिमाचल, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा सहित अन्य राज्यों छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. पूजा  खुल्लर ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा खंभा है।कोरोना संकट के इस दौर में सरकार ने सराहनीय कार्य किए हैं। मीडिया की भी भूमिका सकारात्मक और सराहनीय रही है। 

प्रोफ़ेसर के.एस. चौहान ने कहा कि मुख्यधारा का मीडिया राष्ट्रीय आपदा के इस घड़ी में लोकप्रिय रिपोर्टिंग करने में असफल रहा है। भूखे-प्यासे मज़दूर और श्रमिकों का सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने की जितनी रिपोर्टिंग सोशल मीडिया द्वारा की गयी, उतनी मुख्यधारा के मीडिया द्वारा नहीं की गयी। 

 

डॉ भार्गवी ने कहा कि मीडिया की भूमिका बहुत सराहनीय नहीं रही है। मुठ्ठीभर पत्रकार ही ज़मीनी रिपोर्टिंग कर रहे हैं। कई पत्रकारों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ नागरिक संस्थानों के साथ जुड़कर छात्र और शिक्षक लोगों का सहयोग कर रहे हैं। 

इग्नू के प्रो.प्रमोद कुमार मेहरा ने कहा कि कोरोनावायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। हमें इस संकट में संतुलन बनाए रखना चाहिए। एक दिन हम ज़रूर इससे बाहर निकल आयेंगे। 

इग्नू स्थित पत्रकारिता विद्यापीठ के शिक्षक डॉ. रमेश यादव ने कहा कि मीडिया का मुख्य कार्य जनता को सूचित और शिक्षित करना है। उपरोक्त दोनों मोर्चे पर मुख्यधारा का मीडिया ईमानदारी से अपनी भूमिका का निर्वाह करने में कमजोर दिखा। कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सा विज्ञान पर केन्द्रित सटीक,, शोधपूर्ण, विश्लेषणात्मक और खोजपूर्ण रिपोर्टिंग की बहुत ज़रूरत है।

 

सहायक प्रोफ़ेसर डॉ सचिन ने ग्रामीण पत्रकारिता की प्रासंगिकता पर ज़ोर दिया। 

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भूप सिंह गोड़ ने सर्वप्रथम वक्ताओं, शिक्षकों और छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोनावायरस के रोकथाम में हरियाणा सरकार ने शिक्षकों और छात्रों का काफ़ी सहयोग लिया।उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षकों, वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर नीति निर्माण करना चाहिए। 

अंत में हुई परिचर्चा प्रो.ओपी मोगा, डॉ महिन्द्रर, डॉ. जयिता चक्रवर्ती, डॉ. दिनेश, डॉ. संजय जोशी, डॉ. हनी कुमार, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. बलविन्दर, डॉ. मीनाक्षी पांडे और कॉलेज के अन्य शिक्षकों ने सक्रिय तौर पर भाग लिया।

कोरोना संक्रमण की 7वीं रैंक में 'भारत'

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। पहले टाॅप 10 संक्रमित देशों में भारत शामिल हुआ और कुछ ही दिनों बाद जर्मनी और फ्रांस को पीछे छोड़कर 7 वें स्थान पर आ गया। लाॅकडाउन 5 के शुरूआत में भारत 7 वें स्थान पर आया और आज भारत ने इटली जैसे कोरोना से संक्रमित देश को पीछे छोड 6 स्थान पर जगह बना ली। आपको बता दें कि ताजा आंकडों के हिसाब से भारत में गुरूवार को 2 लाख 26 हजार कोरोना संक्रमित मामले आये थे। उस दौरान इटली में 2 लाख 32 हजार के करीब कोरोना पाॅजिटिव केस थे। लेकिन शुक्रवार को 10 हजार से अधिक कोरोना पाॅजिटिव मामलों ने भारत को इटली से आगे कर दिया। ताजा आंकडों में भारत में कोरोना संक्रमित 2 लाख 36 हजार केस हो चुके हैं। भारत एक्टिव केस के मामले में दुनियां में चैथे नम्बर पर है।


जम्मूः 3 अगस्त तक होगी अमरनाथ-यात्रा

जम्मू। जम्मू-कश्मीर में इस साल की अमरनाथ यात्रा 21 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त को तक चलेगी। यह 15 दिनों की अवधि की होगी। यह बात अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने कही, जो जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में समुद्र तल से 3,880 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में यात्रा के मामलों का प्रबंधन करता है। यात्रा के लिए ‘प्रथम पूजा’ शुक्रवार को आयोजित की गई थी।


कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार यात्रा की अवधि में कटौती की गई है। साधुओं को छोड़कर अन्य तीर्थयात्रियों में 55 वर्ष से कम उम्र के लोगों को ही अनुमति दी जाएगी। यात्रा करने वाले सभी लोगों के पास कोविड निगेटिव प्रमाणपत्र होने चाहिए। एसएएसबी के एक अधिकारी ने कहा, “तीर्थयात्रियों को जम्मू-कश्मीर में यात्रा शुरू करने की अनुमति देने से पहले उनको वायरस के लिए क्रॉस-चेक किया जाएगा।” साधुओं को छोड़कर सभी तीर्थयात्रियों को यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। यह भी तय किया गया है कि 15 दिनों के दौरान सुबह और शाम गुफा मंदिर में की जाने वाली ‘आरती’ का देश भर के भक्तों के लिए सीधा प्रसारण किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय मजदूरों की अनुपलब्धता और बेस कैंप से गुफा मंदिर तक ट्रैक बनाए रखने में कठिनाइयों के कारण, यात्रा 2020 के लिए गांदरबल जिले में बालटाल बेस कैंप से गुफा तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा। यात्रा 2020 केवल उत्तरी कश्मीर बालटाल मार्ग से होकर निकलेगी। अधिकारियों ने कहा, “इस वर्ष किसी भी तीर्थयात्री को पहलगाम मार्ग के माध्यम से यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी”। यात्रा 2020 का समापन 3 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर होगा जिस दिन रक्षा बंधन का त्योहार होता है।


लोनी विधायक की उपेक्षा करना अनुचित

लोनी विधायक की उपेक्षा करना अनुचित 

अकाशुं उपाध्याय 

गाजियाबाद। उत्तर-प्रदेश विधानसभा में मौजूदा सभी विधायकों में यदि लोकप्रियता की प्रती-स्पर्धा कराई जाए, तो निश्चित रूप से लोनी विधायक नंदकिशोर को संभावित प्रथम स्थान ही प्राप्त होगा। भाजपा पार्टी की योगी सरकार को भ्रष्टाचार के संबंध में आईना दिखाने का कार्य करने का मादा रखना, सबके बस की बात नहीं है। क्षेत्र की समस्याओं पर इतनी पैनी दृष्टि बनाए रखना भी सबके बस की बात नहीं है। जिसके चलते विधायक को पाकिस्तान से फोन पर धमकी भी मिली है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि विरोधी शक्तियां इस लोकप्रियता से खिन्न हो गई है। हालांकि धमकीयां देना एक कायरता पूर्ण कार्य है। जिसकी सभ्य समाज निंदा करता है।

 परंतु इसके विपरीत कोरोना महामारी के कारण 'लॉक डाउन' में उत्पन्न कठोर परिस्थितियों में विधायक और उनके सहयोगियों के द्वारा किया गया राहत कार्य सदैव सराहना पाता रहेगा। इस बीच उन्होंने खुद बढ़-चढ़कर राहत कार्यों में भाग लिया है। विधायक के द्वारा अपने दायित्व का निर्वाह करने में कोई चूक नहीं की गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अपने कार्य में अवश्य चूक की गई है। लोनी विधायक की कोरोना जांच में इतनी देरी करने के पीछे विभाग की क्या मंशा है? यह तो स्पष्ट नहीं है। किंतु जनप्रिय विधायक की उपेक्षा करना पूरी तरह अनुचित है। विभाग और प्रशासन के लिए यह गले की फांस न बन जाए। जन सेवा में रत सभी लोगों की जांच प्राथमिकता से होनी चाहिए थी। किंतु यह व्यवस्था हमारी अक्षमता उसे बाहर है। परंतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों की जांच तो प्राथमिकता से होनी चाहिए थी। उनका जीवन जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि यह जिला प्रशासन की अपनी कार्यप्रणाली पर निर्भर करता है। हो सकता है जिला प्रशासन ऐसा करने की योजना पर कार्य कर रहा हो, समय अनुरूप भविष्य में उसे स्वरूपित करेगा।

प्रभारी निरीक्षक की जांच के दिए आदेश

एडीजी जोन बरेली से शिकायत के बाद प्रभारी निरीक्षक सेहरामऊ उत्तरी पर जांच के निर्देश

पीलीभीत। सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया एवं समाजसेवी संस्थाओं द्वारा मामला संज्ञान में लेने के बाद खबर को लगातार वायरल किया गया जिस पर संज्ञान लेते हुए एडीजी जोन बरेली ने पीलीभीत पुलिस को तलब करते हुए जांच मांगी है पीलीभीत पुलिस ने भी आनन-फानन में क्षेत्राधिकारी पूरनपुर को जांच कर आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

प्रभारी निरीक्षक पर लगाए गए आरोप

1.पीड़ित महिला पुलिसकर्मी को प्रधान की पर्सनल गाड़ी से मेडिकल कराने अकेले क्यों भेजा।

2. मेडिकल कराने गई महिला पुलिसकर्मी पीड़ित महिला को छोड़कर आखिर एटीएम से पैसे निकालने पूर्व प्रधान के साथ अकेले क्यों गई।

3. मेडिकल के दौरान महिला पुलिसकर्मी को वही होना चाहिए था जिससे मेडिकल में गड़बड़ी ना हो सके।

4.उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लेने के बाद ही क्योंकि एफ आई आर दर्ज पहले मामला निपटाने का क्यों किया प्रयास।

5.थाना क्षेत्र में रदबंगों एवं खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, भ्रष्टाचार रोकने में सेहरामऊ उत्तरी पुलिस नाकाम क्यों।

क्या है पूरा मामला

2 दिन पहले थाना क्षेत्र के एक ही परिवार के दो पक्षों में लड़ाई झगड़ा हो गया था जिसमें महिलाओं को भी चोट आई थी जिसमें पूर्व प्रधान पीड़ित पक्ष को लेकर थाने पहुंचे,जख्मी महिलाओं का मेडिकल कराने के लिए प्रभारी निरीक्षक ने पूर्व प्रधान की पर्सनल गाड़ी से जख्मी पीड़ित महिला उसकी बेटी और एक महिला पुलिसकर्मी को जिला मुख्यालय भेज दिया पीड़ित महिला को अस्पताल छोड़ने के बाद महिला पुलिसकर्मी ने एटीएम से पैसे निकालने की बात कही तब पूर्व प्रधान अपनी गाड़ी से एटीएम पर उसे लेकर चला गया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी दौरान पूर्व प्रधान ने महिला के साथ छेड़छाड़ की जिसपर नाराजगी जताते महिला पुलिसकर्मी ने कई खरी-खोटी कही महिला पूर्व प्रधान की गाड़ी से उतर गई और थाने में फोन से सूचना दी पूर्व प्रधान पीड़ित महिला और उसकी बेटी का मेडिकल कराकर थाने पहुंचे तब तक पीछे से महिला पुलिसकर्मी भी पहुंच गई महिला पुलिसकर्मी ने उक्त आरोपी प्रधान पर कार्रवाई करने की बात की जिस पर प्रभारी निरीक्षक ने मामला निपटाने का प्रयास किया जब महिला पुलिसकर्मी नहीं मानी और उसने उच्च अधिकारियों को फोन किया तब सेहरामऊ उत्तरी पुलिस ने मजबूरन पूर्व प्रधान के खिलाफ कई संगीन धाराओं में अभियोग पंजीकृत करने के बाद उसे जेल भेज दिया सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि पूर्व प्रधान प्रभारी निरीक्षक सेहरामऊ उत्तरी का करीबी है जो आए दिन घंटों थाने में प्रभारी निरीक्षक के आवास में बैठता है व साथ में ही नाश्ता पानी करता है।

अलगः झूम कॉल्स ने तेजी से पसारे पैर

मेक्सिको। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया  वो समय देख रही है,  जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। इस वायरस ने दुनिया कई देशों को लॉकडाउन कर दिया। फैक्ट्रीज, दुकानें, ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सब बंद हो गए। ऐसे में वीडियो कॉल ही अब अपने काम को आगे बढ़ाने का विकल्प बन सामने आया। ख़ासतौर पर लॉकडाउन में जूम कॉल्स ने काफी तेजी से अपने कदम जमाए हैं। कई संस्थानों, चाहे ऑफिशियल हो या एजुकेशनल, जूम कॉल से ही मीटिंग्स कर रहे हैं। इस बीच  मेक्सिको में सत्ताधारी सरकार ने जूम कॉल पर अपने नेताओं के साथ मीटिंग की। इसमें सरकार के सभी मंत्री मौजूद थे। लेकिन अचानक एक नेता उठी और अपने कपड़े उतारने लगी। इसे सभी ने देखा तो ऑनलाइन मीटिंग में ही हड़कंप मच गया। दरअसल, एक ग़लतफ़हमी के कारण ऐसा हुआ था। ये किसी के साथ भी हो सकता है। बाद में खुद महिला मंत्री ने इसका खुलासा किया…


मामला 29 मई का है। जब मेक्सिकन गवर्नमेंट ऑनलाइन मीटिंग कर रही थी। इस मीटिंग में सरकार में शामिल सारे नेता, सीनेटर शामिल थे। तभी 66 साल की सीनेटर मार्था लुसिया मीचेर उठी और सबके सामने अपने कपड़े उतरने लगी। ये देख मीटिंग में शामिल सभी लोग हैरान रह गए। इस मीटिंग में नेशनल रिजनरेशन मूवमेंट पॉलिटिकल पार्टी के नेता, बैंक ऑफ़ मेक्सिको के कर्मचारी और कई पत्रकार भी शामिल थे। इनके सामने ही सीनेटर ने कपड़े उतार दिए।


इस मीटिंग के स्क्रीनशॉट्स काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। ये मीटिंग कोरोना के कारण देश के आर्थिक स्थिति पर पड़ रहे असर को लेकर आयोजित थी। इस मीटिंग में शामिल किसी सदस्य ने इसका स्क्रीनशॉट वायरल कर दिया। इस घटना के बाद सीनेटर मार्था ने सबसे माफ़ी मांगी। उन्होंने बताया कि गलती से ऐसा हो गया। उन्होंने कपड़े चेंज करने से पहले वीडियो ऑफ किया था। लेकिन गलती से उन्होंने सिर्फ ऑडियो म्यूट कर दिया  और कपड़े चेंज करने लगी।


तस्वीर के वायरल होने के बाद लोगों ने सीनेटर मार्था पर जमकर निशाना साधा। कई लोगों ने इस हरकत को पब्लिसिटी स्टंट कहा। कई ने सीनेटर का मजाक भी उड़ाया। लेकिन सीनेटर ने आलोचकों को जोरदार जवाब दिया।  उन्होंने कहा कि जो भी हुआ, वो नहीं होना चाहिए था। उनसे एक ग़लतफ़हमी के कारण ऐसा हो गया। लेकिन उन्हें जिस तरह से बुली किया जा रहा है, वो गलत है। उन्हें बॉडी शेम किया जा रहा है, जो गलत है।


उन्होने कहा कि उन्हें अपनी बॉडी पर कोई अफ़सोस नहीं है। वो खूबसूरत हैं और उन्हें इसका मलाल नहीं है। जो हुआ वो दुर्घटना थी। लेकिन अब जिसने भी इसका स्क्रीनशॉट वायरल किया है, उसकी तलाश की जा रही है। साथ ही फोटो वायरल करने वाले पर कार्यवाई की जाएगी।


40 टीवी चैनल बंद होने के कगार पर

नई दिल्ली। कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन ने टीवी उद्योग को बहुत प्रभावित किया है और ऐसा माना जा रहा है कि इस हफ्ते मनोरंजन चैनल एएक्सएन और एएक्सएन एचडी और न्यूज़ चैनल दिल्ली आज तक का प्रसारण बंद हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि यह मामले और बढ़ सकते हैं।


सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने इस महीने घोषणा की कि वह 1 जुलाई 2020 से अपने लोकप्रिय अंग्रेजी मनोरंजन चैनलोंं और axn को बंद कर देगा। उसी दिन, जो इंडिया टूडे समूह का ही एक हिंदी समाचार चैनल है आपकी टेलीविजन स्क्रीन से गायब हो जाएगा। टेलीविज उद्योग में यह विकट स्थिति लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन में रेवेन्यू में कमी और ठप शूटिंग की वजह से लेना पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से टेलीविजन उद्योग पर गहरी मार पड़ी है। हालांकि चैनल ने अपने बयान में चैनल बंद होने का कारण कोविड -19, लॉकडाउन को नहीं बताया है लेकिन इस उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से प्रसारण व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ा है। अप्रैल में बार्क- निलसन रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य मनोरंजन चैनल अकेले जनवरी की तुलना में लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन नहीं मिलने के कारण 26 फीसदी तक घाटे में रहे हैं। समाचार चैनल भी प्रभावित हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान उनकी बढ़ी व्यूअरशिप ने विज्ञापन और रेवेन्यू जेनरेट करने में कोई मदद नहीं की है।


रेटिंग एजेंसी आसीआरए ने गुरुवार को कहा कि कोविड -19 के प्रभाव के कारण फिल्म निर्माण और प्रदर्शनी, प्रिंट मीडिया और टेलीविजन प्रसारण क्षेत्रों का क्रेडिट आउटलुक निगेटिव रहा है। तीन चैनल हो रहे हैं बंद
एएक्सएन और एएक्सएन- इंडिया जिसने भारतीय दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय शो जैसे शेरलॉक एंड सेक्स और दि सिटी जैसे शो दिखाए. कथित तौर पर भारत के शीर्ष अंग्रेजी मनोरंजन चैनलों में इसे रैंक हांसिल हैं। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने उद्योग से जुड़ी खबरों के लिए एक पोर्टल ड्रीमडीटीएच को बताया कि वह इन चैनलों को बंद करने की निर्णय की घोषणा करते हुए कंपनी के ‘विकास रणनीति’ को ध्यान में रखे हुए हैं और ‘चैनल पोर्टफोलियो’को ध्यान में रख कर कर रहे हैं।उन्होंने कहा,’यही वजह है कि हमने AXN और AXN HD को बंद करने का फैसला किया है। इसी बीच इंडिया टूडे बीएसई की अपनी फाइलिंग में बताया है कि दिल्ली-एनसीआर की खबरों पर ध्यान केंद्रित करने वाली दिल्ली आजतक ने 2019-20 में कंपनी के राजस्व में 1 फीसदी से भी कम का योगदान दिया है।


‘डीएटी (Dilli Aaj Tak) का व्यवसाय पिछले कुछ वर्षों में विकसित नहीं हुआ है, इसलिए डीएटी के प्रसारण और संचालन को जारी रखना व्यवहार्य नहीं है, इस चैनल में काम करने वाले कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें 2 जून को यह सूचना दी गई जिसके अनुसार उनके प्रमुख चैनल ‘आजतक’ में उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से काम करने का मौका मिल सकता है।हालांकि, उद्योग जगत से जुड़े अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चैनलों में मौजूदा नौकरियां प्रभावित नहीं होंगी क्योंकि कर्मचारी को दूसरे वर्टिकल में शामिल किया जाएगा।अनुमान है 30-40 चैनल होंगे प्रभावित
पिछले महीने जारी ताजा फिक्की-ईवाई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र – जिसमें समाचार पत्र, समाचार और मनोरंजन टीवी चैनल, रेडियो और सिनेमा शामिल हैं, का मूल्य 1.82 ट्रिलियन रुपये है. इसने 2018 में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। लेकिन यह लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुआ है, जिसने समग्र रूप से अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है। उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि छोटे खिलाड़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 40 टीवी चैनल बंद हो सकते हैं. ‘ हम अनुमान लगा रहे हैं कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो लगभग 30-40 टेलीविजन चैनलों को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ेगा। सूत्र के अनुसार, कई उद्योग निकायों ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कई मामलों में राहत मांगी है, जो इस क्षेत्र की देखरेख करता है। ‘अब तक उद्योग की मांगों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। सरकार को उद्योग को पुनर्जीवित और सुधार के लिए सुझाए गए कदमों पर काम करना बाकी है। तीन चीजों पर तुरंत लेना होगा एक्शन
उद्योग जगत के एक दूसरे शीर्ष सूत्र ने कहा कि सरकार को दिए गए सुझावों में से कम से कम तीन उपायों पर गौर करने की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें भारत के वॉचडॉग टेलीविजन नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा ‘लगातार हस्तक्षेप’ करना शामिल है, जिसमें वो व्यापार मॉडल और निवेश के फैसले को बाधित करने का दावा करते हैं भी शामिल हैं।


‘हस्तक्षेप’ में इस साल जनवरी में जारी किया गया नया टैरिफ ऑर्डर (NTO) शामिल है। एनटीओ प्रति चैनल 12 रुपये की एमआरपी अनिवार्य करता है, जो पहले 19 रुपये थी। यह प्रतिबंध की चैनल के समूह को ऑफर को यह प्रमोट करने से रोकता कि कौन कौन सा चैनल देखना चाहता है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ब्रॉडकास्टरों को इस तरह के प्रतिबंधों से बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। उनका दावा क हैं कि इस से उपभोक्ताओं के लिए खर्च बढ़ेगा और उद्योग भी प्रभावित होगा। सूत्र ने यह भी बताया, सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इसलिए इनकार कर दिया कि यह मामला अदालत में हैं। बता दें कि ब्रॉडकास्टरों ने एनटीओ के खिलाफ केस दायर किया है। अदालत ने मामले में मार्च में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान का हवाला देते हुए, सूत्र ने कहा, मंत्रालय को तुरंत एनटीओ पर रोक लगाना चाहिए। दूसरे, सूत्र ने कहा, प्रसारकों को भी राजस्व में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर, जो कई केबल टेलीविजन सिस्टम चलाते हैं, उन्हें भुगतान नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे खुद लॉकडाउन के कारण ग्राहकों से नकदी एकत्र करने में असमर्थ हैं। सूत्र ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में, सरकार के एक तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ब्रॉडकास्टरों के भुगतान प्रभावित न हों और नकद राशि एकत्र की जा सके। सूत्र ने कहा कि जब छोटे फल व्यापारी और सब्जी बेचने वाले लोग पैसे विभिन्न डिजिटल एप्लीकेशन से एकत्र कर सकते हैं तो समझ नहीं आता कि एमएसओ को ऐसा करने के क्यों रोका जा रहा है।ब्रॉडकास्टर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा है कि या तो वह तत्काल प्रभाव से एडवायजरी जारी कर एक अल्पकालिक उपाय जारी करें या ट्राई को आदेश दें, जिससे कि वितरक डिजिटल भुगतान कलेक्शन कर सकें। यही नहीं उद्योग ने सरकार को अपने 200 करोड़ के विज्ञापनों के ड्यू को जल्दी से जल्दी क्लीयर करने के लिए कई याचिका भी सबमिट की है। ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (BOC),आईबी मंत्रालय के तहत एक इकाई है जो मीडिया रणनीति पर प्रशासन को सलाह देती है, छोटे और मध्यम प्रसारकों का सहारा भी देती है। सूत्र ने कहा कि अभी लिए गए ये कदम प्रसारण के क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने में बड़ा योगदान देंगे। शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर, ‘आईबी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वे प्रसारकों के बकाया को जल्द से जल्द अदा करने को लेकर काम कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि बीओसी के ‘सीमित कर्मचारी’ एक चुनौती साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुझाए गए उपायों को ‘देखा’ जा रहा है।’ सरकार ने अब तक क्या किया है?
जैसा कि देश ने कई चरणों में लॉकडाउन को समाप्त करने की तैयारी की है, और महाराष्ट्र भारत के मनोरंजन उद्योग के ग्राउंड जीरो है ने सावधानियों के साथ फिल्म और टीवी शूट को फिर से शुरू करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रसारण क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं को सुना है। 29 मई को, मंत्रालय ने टीवी धारावाहिकों से जुड़े उत्पादकों और प्रसारकों को कलाकारों के भुगतान को मंजूरी देने के लिए कहा, और कहा कि सरकार मीडिया उद्योग को अपने बकाया का भुगतान करने के लिए काम कर रही है। एक सरकारी बयान के अनुसार, जावड़ेकर ने फिल्म निर्माताओं, थिएटर मालिकों और अन्य फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को बैठक की, जिसमें उन्होंने कोविड -19 लॉकडाउन के कारण आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।


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