शनिवार, 6 जून 2020

वुड व्यापारी ने मशीन से अपनी गर्दन काटी

बागपत/ लखनऊ। बागपत-उत्तर प्रदेश के बागपत में प्लाई वुड व्यापारी ने आरा मशीन से अपनी गर्दन काटकर जीवन लीला समाप्त कर ली। वह दुकान पर बने तह खाने में काम कर रहा था। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच में जुट गई। दरअसल आपको बता दे कि पूरा मामला कस्बा बागपत का है। केशव कालोनी का रहने वाला 23 वर्षिय विशाल पुत्र बिट्टू शानिवार की सुबह अपने ताऊ के साथ राष्ट्र वंदना चौक पर प्लाईवुड की दुकान पर गया था जहा वह काम कर रहा था। जिसके बाद युवक दुकान में बने तहखाने में चला गया और उसका ताऊ ऊपर काम करने लगा। युवक ने तहखाने में जाकर आरा मसीन से अपनी गर्दन काट ली। जिसके नाद उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। गर्दन कटने की आवाज सुनकर ताऊ और दुकानदार नीचे गए। घटना की जानकारी लेने के बाद पुलिस व परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने युवक की हत्या करने का आरोप लगाया है। वही युवक की मौत के बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच में जुट गई। साथ ही पुलिस ने मृतक के ताऊ को हिरासत में ले लिया है। सीओ ने पहुंचकर मामले की जानकारी ली और घटना स्थल का जायजा लिया।


रिपोर्ट- प्रताप गोपेन्द्र


पुलिस अधीक्षक मिश्रा ने संभाला कार्यभार

नवागत पुलिस अधीक्षक यमुनापार चक्रेश मिश्रा ने संभाला कार्यभार

प्रयागराज। हर फरियादी को सही समय पर उचित न्याय दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता आईपीएस चक्रेश मिश्रा

आइपीएस चक्रेश मिश्रा ने संभाला कार्यभार अपराधियों की कुंडली हो रही तैयार यमुनापार से होगा अवैध कारोबार का सफाया

सीएम योगी ने यमुनापार में भेजें आईपीएस अपराध का होगा सफाया

 

प्रयागराज। आज यमुना पार के नवागत पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने अपना कार्यभार संभाला आपको बता दें पुलिस अधीक्षक यमुनापार चक्रेश मिश्रा 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी है। ASP लखनऊ ASP कानपुर एडिशनल एसपी फतेहपुर चौथी पोस्टिंग प्रयागराज यमुनापार में आए हैं। काफी तेज तर्रार पुलिस विभाग में माने जाते है उम्मीद है। यमुनापार में बेलगाम पुलिसिंग पर सुधार आएगा अवैध कारोबार पर अंकुश लगेगा नए पुलिस अधीक्षक से क्षेत्र की जनता उम्मीद करती है कि कानून व्यवस्था मजबूत बनेगी मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि पुलिस और पब्लिक के बीच सामंजस्य बना रहे आम आदमी अपनी समस्या पुलिस से संबंधित बेहिचक पुलिस को बताएं त्वरित कार्रवाई होगी हर पीड़ित को सही समय पर उचित न्याय दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी IPS चक्रेश मिश्रा।

 

रिपोर्ट बृजेश केसरवानी

सबका पेट भरने वाला, दाने-दाने को मोहताज

अतुल त्यागी, रिंंकू सैनी(क्राइम रिपोर्टर)

सबका पेट पालने वाला खुद होने जा रहा दाने-दाने को मोहताज

हापुड़। जनपद हापुड़ में किसानों का आलम यह है कि उसकी प्रत्येक फसल का दाम उसको नहीं मिल पा रहा जहां खेतों में वह रात दिन मेहनत करके  फसल को पैदा करता है सिर्फ इस आस में की फसल बिकेगी तो उसके घर में खुशियां आएंगी खाने के लिए अन्न आएगा वह बच्चों के लिए कपड़े लाएगा लेकिन लॉक डाउन को देखते हुए आज किसान खुद दाने-दाने को मोहताज होने की कगार पर है। किसान अपनी खड़ी फसल जोतने को तैयार हैं तो कहीं किसान अपनी फसलों को यूं ही सड़कों पर फेंक रहा है ऐसा ही एक नजारा आज हापुड़ के मंसूरपुर गांव में देखने को मिला जहां किसानों ने गाजर से भरा एक ट्रक यूं ही फेंकने को मजबूर होना पड़ा किसान संजय यादव ने बताया कि उसने यह गाजर दिल्ली के लिए भेजी थी लेकिन जगह-जगह मंडी बंद होने के कारण उनकी यह गाजर बिग नहीं पाई ऐसे में किसान जाए तो कहां जाए गाजर की खेती 8 माह की होती है यह विलायती गाजर  जिसका भाव 60 रूपये किलो के  हिसाब से बिकती थी वह आज 80 रूपये की बोरी भी नहीं बिक  रही है। ऐसे में किसान बेहाल है। हमारे द्वारा आज जो गाजर दिल्ली भिजवाई गई थी वह यूं ही वापस आ गई मजबूरी में आज उसको हमको फेंकना पड़ा 8 माह की मेहनत यूं ही पानी में बेकार चली गई। किसान प्रेमचंद सैनी का कहना है कि वह पिछले काफी लंबे समय से गाजर की खेती कर रहे हैं तथा गाजर का इतना बुरा हाल उन्होंने कभी नहीं देखा। आज गाजर की खुदाई की लागत भी नहीं आ पा रही ऐसे में वह कहां जाएं सरकार की तरफ आस लगाए बैठे हैं लेकिन सरकार है कि कुछ देखने को तैयार ही नहीं। किसान मोहन लाल सैनी ने बताया कि उसके द्वारा बड़ी मेहनत से टमाटर की फसल बोई गई थी लेकिन टमाटर तो खूब लगे परंतु उनका खरीदार कहीं नहीं मिल रहा। आज टमाटर की 20 किलो की क्रेट मात्र 20 रूपये में जा रही है। ऐसे में किसान को टमाटर के पैसे भी नहीं मिल पा रहे हैं अब किसान खड़ी फसल को जोतने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा टमाटर की खेती उधार पैसा लेकर लगाई गई थी अब कहां से वह उधार का पैसा चुकाये और कहां से खेत में काम करने वाले खेतिहर मजदूरों को पैसे दे। किसान जयभगवान ने बताया कि उसके द्वारा गेंदे की फसल लगाई गई थी लेकिन गेंदा की फसल पर  फूल जैसे ही आया वैसे ही देश के अंदर लॉक डाउन लग गया ऐसे में उसको फूल का खरीदार ही नहीं मिला ना तो उसको बीज के पैसे हाथ लगे और ना ही पानी के और ना ही खेत की जुताई के मजबूर होकर उसको अपनी खड़ी फसल जोतने को मजबूर होना पड़ा उसके साथ भुखमरी की स्थिति पैदा हो रही है सरकार को चाहिए कि किसानों का सर्वे कराया जाए ताकि किसानों की जो फसलों का नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई की जाए क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री द्वारा भी यह कहा गया था कि किसानों के हित में कार्य किए जाएंगे। आज किसान को बचाने का समय है सरकार को आगे आना चाहिए और किसान को बचाना चाहिए।

पत्रकारों को 5 लाख एक्सीडेंट कवर

जबिहारी दुबे


मुंबई। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच अब महाराष्ट्र सरकार ने पत्रकारों को 50 लाख एक्सीडेंट कवर देने का फैसला किया है। इसकी घोषणा राज्य के पब्लिक हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने की है। राज्य में इससे पहले पुलिस, डॉक्टर, होम गार्ड्स, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार द्वारा 50 लाख के एक्सीडेंट कवर में शामिल किया गया है। कोरोना संकट के दौरान जो भी कर्मचारी सर्वे, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं, उन्हें इसमें जोड़ा गया है।
राजेश टोपे ने कहा है कि कोरोना संकट के दौरान प्रिंट और टीवी मीडिया के पत्रकार, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर बेहद रिस्क में अपना काम पूरा कर रहे हैं। सरकार इन्हें भी अपनी व्यापक एक्सीडेंट कवर योजना का हिस्सा बनाएगी। फ्री प्रेस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की स्कीम से उन पत्रकारों या सरकारी कर्मचारियों के परिवारों के मदद मिल सकेगी, जो कोरोना संकट के वक्त अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।


मुंबई में 53 पत्रकार कोरोना से संक्रमित पाए गए थे:
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में देश की आर्थिक राजधानी में मुंबई में 53 पत्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इन सभी को आइसोलेशन के लिए भेज दिया गया था। फील्ड में काम कर रहे 171 पत्रकारों के सैंपल इकट्ठा किए गए थे। इनमें फोटोग्राफर, वीडियो पत्रकार और रिपोर्टर्स शामिल थे। कई संक्रमित लोगों में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे। कोविड-19 की जांच के लिए 16 और 17 अप्रैल को आजाद मैदान में विशेष शिविर लगाया गया था और इस दौरान 171 मीडियाकर्मियों के लार के नमूने लिए गए थे, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकार, फोटोग्राफर और कैमरामैन शामिल थे।



शिकायतः साथियों के खिलाफ मामला दर्ज

नई दिल्ली। टिक टॉक स्टार और बीजेपी नेता सोनाली फोगाट एक अधिकारी को थप्पड़ जड़कर विवादों में आ गईं। मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह की शिकायत पर सोनाली फोगाट व उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं सोनाली ने भी सुल्तान सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल बीजेपी की नेता सोनाली फोगाट ने हिसार मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी सुल्तान सिंह को सरेआम थप्पड़ जड़ने के मामले ने तूड़ पकड़ लिया है। मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह की शिकायत पर सोनाली फोगाट व उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं सोनाली ने भी सुल्तान सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जिले के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। इस थप्पड़ कांड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सोनाली फोगाट ने मार्किट कमेटी के सेक्रेटरी को सिर्फ थप्पड़ ही नहीं मारा बल्कि उनकी चप्पल से पिटाई भी की।


 

 


क्या है मामला :
सोनाली फोगाट हरियाणा के हिसार में अनाज मंडी पहुंची थीं जहां किसी बात पर उनका मार्केट कमिटी के सचिव के साथ वाद-विवाद हो गया। मामला यहां तक बढ़ गया कि सोनाली फोगाट ने उन्हें थप्पड़ लगा दिया और इतने पर ही नहीं रुकीं। उन्होंने मार्केट कमिटी के सेक्रेटरी को चप्पल से भी पीटा। इस पूरी घटना का वहां खड़े लोगों ने वीडियो बना लिया और ये अब वायरल हो गया है। इसमें साफ तौर पर सोनाली फोगाट सचिव को थप्पड़ और चप्पल से मारती दिखाई दे रही हैं। इसके अलावा इस वीडियो में उनकी आवाज भी सुनाई दे रही है और वो कह रही है कि ‘आप किस तरह से ऐसी बात कर सकते हैं’। बताया जा रहा है कि सोनाली फोगाट ने दावा किया है कि मार्केट कमिटी के सेक्रेटरी ने उनके साथ भद्दा व्यव्हार किया था और इसीलिए उन्होंने उनकी पिटाई की।


अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद की वायरस से मौत

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में छिपे अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम के कोरोना वायरस से मौत की अटकलें हैं। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। बता दें कि शुक्रवार को इंटेलिजेंस एजेंसियों के हवाले से रिपोर्ट आई थी कि दाऊद और उसकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, दाऊद और उसकी पत्नी को कराची के आर्मी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। दाऊद के पर्सनल स्टॉफ और गार्ड्स को भी क्वारंटीन किया गया है।


अनीस ने कहा- दाऊद स्वस्थ
हालांकि, दाऊद इब्राहिम के कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट्स को उसके भाई अनीस इब्राहिम ने खारिज कर दिया है। अनीस ने दावा किया कि भाई समेत परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ हैं और कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं है। बता दें कि अनीस इब्राहिम ही दाऊद के डी-कंपनी को चलाता है।


अनीस ही चलाता है दाऊद का बिजनेस
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम ने एक अज्ञात जगह से फोन पर बताया कि दाऊद के परिवार के सभी सदस्य ठीक हैं। उनके परिवार में किसी को भी कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ है। अनीस यूएई के लग्जरी होटल और पाकिस्तान में बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के अलावा ट्रांसपोर्ट का बिजनेस भी चला रहा है।


मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड
बता दें कि दाऊद इब्राहिम 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड था। इस आतंकी घटना में 13 बम धमाके हुए थे जिसमें 350 लोगों की मौत हुई थी और 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 2003 में भारत सरकार ने अमेरिका से मिलकर दाऊद को ग्लोबल टेररिस्ट(वैश्विक आतंकवादी) घोषित करा दिया था।


पाकिस्तानी सेना ने दी शरण
भारतीय खुफिया एजेंसियों के डर से उसने पाकिस्तान में शरण ले रखी है। जहां कराची में पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई उसकी सुरक्षा में तैनात है। भारत के कई बार सबूत पेश किए जाने के बाद भी पाकिस्तान ने हमेशा उसके अपने यहां होने से इनकार किया है।


पाकिस्तान में कोरोना से हालात बेकाबू
पाकिस्तान में कोरोना वायरस के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। संक्रमितों के मामले में पाकिस्तान ने शुक्रवार को चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां कोरोना के मरीजों की कुल संख्या 89249 से ऊपर पहुंच गई है, जबकि 1838 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सिंध प्रांत से सामने आए हैं जहां मरीजों की संख्या 33536 हो गई है।


कमर दर्द 15 मिनट में दूर करेगा 'योगासन'

अगर आप कमर दर्द की समस्या से परेशान हैं तो योग आपकी इसमें काफी मदद कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून के तहत हम योग से जुडी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। इसमें हम आपको कई ऐसे योग और योगासन की जानकारी देंगे, जिनकी मदद से आप कई परेशानियों से आसानी से निजात पा सकते हैं। योग, दिमाग और शरीर दोनों के स्वास्थ्य के लिए थेरेपी की तरह काम करता है। सही योगासन करने से आपको बैक पेन की समस्या से निजात मिल सकता है। याद रहे किसी भी चीज का नतीजा तभी अच्छा मिलता है जब आप उसे रोजाना करें। एक-दो दिन या एक-दो हफ्ते में परिणाम न मिलने पर निराश न हों। लंबे समय तक समस्या से छुटकारा पाने के लिए इन आसनों को अपने रूटीन में फॉलो करें।
अधोमुख श्वानासन: इस योगासन को रोजाना करने से बैक पेन से छुटकारा मिलने एक साथ-साथ आपके शरीर का बैलेंस भी बेहतर होगा और मजबूती भी बढ़ेगी।
इस तरह करें ये आसान:



  • घुटनों के बल बैठ जाएं और दोनों हाथ जमीन पर टिका लें। पीठ को सीधा रखें।

  • अब अपने हाथों पर जोर देते हुए एक-एक करके टांग को पीछे की ओर ले जाएं।

  • दोनों पैर फ्लोर से ऊपर न उठें, इस बात का ध्यान रखें। अब कूल्हों को छत की ओर उठा लें। आपकी एडिय़ां जमीन पर रहनी चाहिए। पहली बार ऐसा न कर पाएं तो कोई बात नहीं। धीरे-धीरे रोजाना यह आसन करने पर शरीर फ्लेक्सिबल होता जाएगा।

  • इस मुद्रा में आपको टांगों में खिंचाव महसूस होगा।

  • अपने हाथों सीधा रखते हुए और पीठ को सीधा रखते हुए छाती को जितना हो सके जमीन की ओर ले जाएं।

  • इस आसन को 30 सेकंड्स से 60 सेकंड्स तक किया जा सकता है। जब आपको इस आसन की आदत हो जाए तो इसे 90 सेकंड्स तक करें।
    कब न करें यह आसन:

  • आपकी पीठ में चोट हो तो यह आसन न करें।

  • गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें।

  • जितना हो उतना ही करें, अपने शरीर पर जोर न डालें।
    बालासन: बाल यानि बच्चे के शब्द पर इस आसन का नाम रखा गया है। बालासन करने से कूल्हों, जांघों ओर टखनों में खिंचाव आता है। यह पीठ और गर्दन के दर्द से छुटकारा दिलाता है और तनाव से निकलने, मन को शांत रखने में भी मदद करता है।
    बालासन करने का तरीका:

  • बालासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाए।

  • ध्यान दें, योग में सांसों के अवलोकन की भी बड़ी भूमिका होती है। इसलिए अपना मन इधर-उधर न भटकाएं और आती-जाती सांसों पर अपना ध्यान केंद्रित करें।

  • सांस को अंदर लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठा लें। आसन करते हुए हाथों को मिलाएं न, बल्कि कंधों की सीध में हाथ ऊपर की ओर रखें।

  • अब सांस को बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। आपको कमर के हिस्से से नहीं, कूल्हों के भाग से नीचे झुकना है।

  • हाथों को जमीन से टिका लें ओर हाथ सीधे ही रखें।

  • अब सिर को भी जमीन से टिका लें। शुरुआत में इसे करने में मुश्किल आ सकती है, इसलिए जितना हो, वहीं तक सिर लेकर जाए। धीरे-धीरे इसमें सुधार आता जाएगा।

  • यह बालासन है, थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर सांसों को लें और छोड़ें, और दिमाग को रिलैक्स होने दें।

  • इस आसन को 30 सेकंड्स से 5 मिनट तक किया जा सकता है।
    कब न करें:

  • दस्त होने पर या घुटने में चोट होने पर बालासन न करें।

  • अपनी क्षमता से अधिक जोर न लगाएं।
    एक पाद राज कपोतासन: यह योगसन रीढ़ की हड्डी मजबूत करने और छाती फुलाने के काम आता है। इसे कबूतर मुद्रा भी कहा जाता है। इस आसन के स्वास्थ्य को लेकर कई फायदे हैं।
    जानते हैं इसे करने का तरीका:

  • इस आसन को करने के लिए एक मैट या दरी पर पेट के बल लेट जाएं।

  • अब दोनों हाथों को फर्श पर रखें ओर उन पर वजन डालते हुए अपने शरीर को ऊपर उठाएं। आपका मुंह सामने की ओर रहना चाहिए।

  • अब एक पैर को आगे करें ओर और मोड़ते हुए छाती तक ले आएं। इसी के साथ हाथ भी मोड़ लें।

  • जांघों को फर्श पर रखें। इसमें दूसरा पैर सीधा ही रहता है।

  • इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी करें।

  • यह कूल्हे के जोड़ को मजबूत करने के साथ-साथ मूत्र विकारों को भी दूर करता है।


यात्रियों से लिया पैसा वापस करने का एलान

बरेली। भारतीय मुसलमानों के लिए एक बड़ी खबर है। अगर आप अब भी हज यात्रा की आस लगाए बैठें हैं तो मुसलमानों के लिए हज इस बार मुमकिन नहीं हो पाएगा। जी हां, हज कमेटी ऑफ इंडिया ने बड़ा फैसला लेते हुए हज पर जाने वाले यात्रियों से लिया गया पैसा वापस करने का एलान किया है। जाहिर है ये खबर हज यात्रा पर जाने की आस लगाए बैठे लोगों को बेहद निराश करने वाली है।


कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तेजी के साथ पूरी दुनिया में फैल रहा उसने धार्मिक यात्राओं और धार्मिक आयोजनों को भी अपनी जद में ले लिया है। पूरी दुनिया के अलावा भारतीय मुसलमान भी हर साल जिल हज के महीने में सऊदी अरब के पवित्र मक्का शहर में हज यात्रा के लिए जाते हैं। लेकिन हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ मकसूद अहमद खान का कहना है कि इस बार कोरोना वायरस महामारी की वजह से हज यात्रा की महज पांच फीसद संभावना थी ऐसे में हज यात्रा को जाने वाले जिन तीर्थ यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था उनका 100 फीसद पैसा वापस किया जाएगा।

कमेटी की तरफ से एक सर्कुलर जारी करके बताया गया है कि हज यात्रा के महज कुछ ही हफ्ते बचे हैं। ऐसे में हज यात्रा से जुड़े सऊदी अरब के अधिकारियों की तरफ से 2020 हज यात्रा को लेकर किसी तरह की सूचना नहीं दी गई है। लिहाजा इस अनिश्चितता की वजह से हज कमेटी ऑफ इंडिया ने ये फैसला लिया है कि बिना किसी डिडक्शन के हज यात्रियों को उनका पैसा लौटा दिया जाएगा। कमेटी की तरफ से हज यात्रियों को एक कैंसिलेशन फॉर्म भरने के लिए कहा गया है। ये फॉर्म हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर भी मौजूद है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल भारत से हज यात्रा पर तकरीबन दो लाख हज यात्रियों के रवाना होने की तैयारी थी। हज यात्रियों के पहले जत्थे को लेकर जाने वाली फ्लाइट 25 जून को रवाना होनी थी। इसके बाद हज यात्रियों के लौटने का सिलसिला दो अगस्त तक चलता मगर इस बार भारतीय मुसलमानों के लिए ये मुमकिन नहीं हो पाएगा। जाहिर है कि हज यात्रा कैंसिल होने से भारतीय हज यात्रियों में खासी निराशा है। इस पूरे मसले पर मौलाना शाहबुद्दीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आपको बता दें कि हज हर मुसलमान के लिए बेहद पवित्र यात्रा तो है ही साथ ही इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन भी माना जाता है। आर्थिक रूप से सक्षम हर मुसलमान के लिए जीवन में एक बार हज यात्रा करना जरूरी है। आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति चाहे तो पुण्य कमाने के लिए किसी दूसरे को भी हज यात्रा पर भेज सकता है। यूं तो हज यात्रा का इतिहास 7वीं शताब्दी के दौरान इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के जीवन से जुड़ा है लेकिन मुसलमानों का मानना है कि ये रस्म इस्लाम के पूर्व पैगंबर इब्राहिम से चली आ रही है।


चालक को पेट्रोल से जिंदा जलाने की कोशिश

बदायूं। बिल्सी में शुक्रवार रात कुछ लोगों ने एक ई-रिक्शा चालक को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की। इससे ई-रिक्शा चालक गंभीर रूप से झुलस गया। सूचना पर पहुंची पुलिस को देखकर हमलावर मौके से भागने में कामयाब रहे। पीड़ित को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।


मोहल्ला नंबर पांच निवासी ओमप्रकाश (40) पुत्र जगन्नाथ कस्बे में ई-रिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा करते हैं। परिवार वालों का आरोप है कि उनके पड़ोसी चरस बेचने का काम करते हैं। वह अक्सर ओमप्रकाश के ई-रिक्शे से आते-जाते थे। इससे आरोपियों पर ओमप्रकाश के किराये के रुपये आ रहे थे। एक दिन पहले यानी गुरुवार को ओमप्रकाश ने आरोपियों से अपने रुपये मांगे थे। आरोपियों ने रुपये तो नहीं दिए लेकिन उसके साथ मारपीट जरूर कर दी। मामले में पुलिस से शिकायत भी की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। शुक्रवार रात करीब नौ बजे ओमप्रकाश ने फिर रुपये मांगे। इससे आरोपी और ज्यादा चिढ़ गए। उन्होंने ई-रिक्शा चालक को घर के बाहर ही पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट करते हुए जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद एक बोतल में पेट्रोल निकालकर लाए और ई-रिक्शा चालक के ऊपर उड़ेलकर आग लगा दी। उसकी चीख पुकार सुनकर परिवार वाले आ गए।

उन्होंने किसी तरह आग बुझाई। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गया। इसके बाद परिवार वाले उसे तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंच गई लेकिन तब तक आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस उन्हें तलाश कर रही है। रात साढ़े दस बजे एसपी देहात डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह भी जिला अस्पताल पहुंच गए और ओमप्रकाश का हाल जाना।


गांजे को लेकर दोनों पक्षों में गुरुवार शाम को विवाद हुआ था। इसके बाद मामला निपट गया था। शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में व्यक्ति झुलसा है। परिवार वाले दूसरे पक्ष पर आरोप लगा रहे हैं। जांच की जाएगी, यदि आरोप सही पाया जाता है तो कार्रवाई होगी।


संजय कुमार रेड्डी, सीओ, बिल्सी


मजदूरो को ₹10 हजार देने की मांगः कांग्रेस

पटना। बिहार युवक कांग्रेस ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर जहां कोरोना संक्रमण काल के दौरान मुख्यमंत्री आवास से नहीं निकलने को लेकर कटाक्ष किया है वहीं प्रवासी मजदूरों को लेकर निशाना भी साधा है। युवक कांग्रेस ने प्रत्येक प्रवासी मजदूर को तत्काल 10 हजार रुपये देने की मांग भी की है।


बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा कि काफी दिनों से आप अपने मुख्यमंत्री आवास के बाहर नहीं निकले हैं। पत्र में कांग्रेसी नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा, “आपकी बैठकों की कई तस्वीरें और चुनिंदा क्वोरंटीन सेंटर के लोगों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत जरूर सार्वजनिक की गई लेकिन उन क्वोरंटीन सेंटर की आपके द्वारा सुधि नहीं ली गई, जिस क्वोरंटीन सेंटर में विषैला सांप निकला था।”

पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में यह भी कहा कि उन क्वोरंटीन सेंटर के लोगों की भी मुख्यमंत्री द्वारा सुधि नहीं ली गई जिसमें सूखा भात खाकर लोग दिन काट रहे। पत्र में आगे लिखा गया, “गया के क्वोरंटीन सेंटर में एक युवक ने आत्महत्या कर ली। बिहार के क्वोरंटीन सेंटर की कहानी तो यहां तक चली की खाने में बिच्छु तक पाया गया। क्या मुख्यमंत्री जी ऐसे क्वोरंटीन सेंटर के लोग खुद को अभागा नहीं मानेंगे?” पत्र में सवालिया लहजे में कहा गया है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक 25-30 लाख से अधिक श्रमिक बाहरी राज्यों से वापस बिहार आये हैं, जबकि अभी तक राज्य में कोरोना की जांच एक लाख लोगों की भी नहीं हुई है। जब जांच ही नहीं हुई है, तो कोरोना फैलाने का आरोप इन प्रवासी मजूदरों पर क्यों लगाया जा रहा है? ललन कुमार ने पत्र में मांग करते हुए लिखा, “बाहर से आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को और राज्य के सभी गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के बैंक खाते में 10 हजार रुपये तत्काल भेजे जाएं तथा जब तक इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार नहीं मिलता, तब तक उन्हें पेंशन या भत्ता के तौर पर प्रतिमाह 2500 रुपये दिया जाए।” उन्होंने कहा कि आखिर यही मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। दुर्भाग्य है कि ये आज पिछली पंक्ति में खड़े हैं।


बिना वर्दी यातायात पुलिस, समझ से परे

बिना ड्यूटी, बिना वर्दी यातायात पुलिस के कुछ कर्मियों की बाँदा-सागर मार्ग में सक्रियता समझ से परे

 

ओवरलोडिंग के खिलाफ प्रशासन की ढ़ील से बेखौफ गुजरते रात-दिन ओवरलोड ट्रक

 

धीरेन्द्र सिंह "राणा"

 

फतेहपुर। जनपद फ़तेहपुर में बाँदा सागर मार्ग से ओवरलोड वाहन बेखौफ होकर गुजरते हैं। इससे ऐसा जान पड़ता है कि उन्हें जिला प्रशासन व कानून का कोई भय नहीं है। हालांकि इसी मार्ग में पुलिस की कई चौकियाँ हैं जहाँ पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं और तो और इसी मार्ग में राधानगर से नौआबाग तक जनपद की यातायात पुलिस सबसे ज्यादा सक्रिय देखी जाती हैं। यातायात पुलिस के कुछ जवानो की सक्रियता तो इतनी अधिक होती है कि ये सरकारी वर्दी तक पहनना भूल जाते हैं। और पता नही ऐसा क्या कारण है कि यातायात पुलिस के कुछ जवान बिना ड्यूटी के ही इस मार्ग में शाम ढलते और भोर पहर होते ही सक्रिय हो जाते है और अक्सर इन्हें ट्रकों को रुकवाते हुए भी देखा जाता है जबकि इनको ओवरलोडिंग पर कार्यवाही करने के लिए अधिकृत नही किया गया है। इस सम्बन्ध में जब जिले के यातायात प्रभारी से पूछा जाता है तो उनका अकसर यही कहना रहता है कि ओवरलोडिंग पर कार्यवाही उनके द्वारा नही की जा सकती इसके लिए जिले के उच्च अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाती है। और वही जब आज फिर यातायात प्राभारी से पूछा गया कि यातायात के कुछ कर्मी बिना वर्दी के ट्रकों को रुकवाते नजर आते हैं क्या इस मार्ग पर उनकी ड्यूटी लगी होती है तो उनका कहना था कि इन यातायात पुलिस कर्मियों की ड्यूटी नही लगी थी फिर ये क्यों जाते है? क्यों ट्रक रुकवाते है? बुलाकर पूछताछ की जाएगी।

खैर जो भी हो जिले में ओवरलोडिंग पर शिकंजा न कस पाना संबंधितों की कार्यशैली पर एक बड़ा प्रश्न है तो वहीं बिना ड्यूटी, बिना वर्दी यातायात पुलिस के कुछ कर्मियों की बाँदासागर मार्ग में सक्रियता भी समझ से परे।

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...