हरियाणा। जैसा कि आप सभी को पता है कि गर्मीयों के मौसम में तरबूज फल बहुत उपयोगी व लाभ दायक होता है। इस गर्मीयों में इस फल के खाने से ठंडक व रहात मिलती है। बाजारो में तरबूज खूब आते है और छोटे से लेकर बड़े साईज जिसका वजन करीब 10 किलो से या अधिक होता है। तरबूज मीठा स्वादिष्ट के साथ आपके स्वास्थ्य के बहुत ही लाभदायक होता है।
वही गर्मीयों इस फल की खुब डिमांड होती है। इस हर कोई पसंद करता है। जिसमें अधिकतर बच्चे तो इसके खाने के दिवाने है। वही इस फल को हरियाणा पानीपत के एक किसान अपने खेत में 500 तरबूज के पौधे लगाए, उसके बाद जब तरबूज पक कर उसे तोड़ा गया तो इस किसान ने इस फल में अजूबे तरिके से इसकी फसल तैयार ये तरबूज पैदा किया। तो आईये इस किसान ने कैसे एक अजूबा तरिका तरबूज की फसल तैयार कीं।पानीपत क्षेत्र में गांव सिवाह के एक किसान ने अपनी मेहनत व लगन से वो कर दिखाया जो आजतक किसी ने नही किया। वैसे आप सभी जातने है कि किसान हमारा अन्नदाता होता है। वही तो आईये सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार पानीपत करनाल में एक किसान रामप्रताप ने अपने खेत में तरबूज के 500 पौधे की खेती कर उन्हें खुब अच्छी तरह देख भाल करके लगाए थे। वही इस बार पहली ऐसा हुआ कि ये सभी के सभी तरबूज के पौधों से अभी उत्पादन शुरू हुआ है। वही जिसमें किसान रामप्रताप ने जानकारी दी कि उनके द्वारा खेत में तरबूज की 500पौधे लगाए जो बिना बीज वाला यह तरबूज शुगर फ्री है।
उन्होनंे बताया कि जबकि ये अन्य तरबूजों की तुलना में इसमें मिठास 13ः अधिक है। और यह पूरी तरह से शुगर फ्री भी है। जिसमें से एक तरबूज का वजन 4 से 6 किलो के बीच वजन का तैयार हुआ है। वही जिसमें सूत्रों के मुताबिक अब इस किसान की अनोखी खेती को देख हरियाण के अन्य किसान भी इस किस्म के तरबूज को उगाएंगे तो उनको बाजार में उनकी डिमांड भी ज्यादा होगी और फिर तरबूज के अच्छे दाम भी मिलेंगे। वही जिसमें आपको बता दे कि वैसे तो किसान हर आदमी का पेट भरने के लिए अनाज, साग सब्जियां और फलो खेती कर देश व दुनिया में पहुंचा ता है। वही जबकि कुछ किसानों की मेहनत उन्हें अन्य किसानो से अलग पहचान बनाती है। तो ऐसे ही एक किसान हरियाणा के पानीपत जिले में देखने को मिलेगें।
वही इस हरियाणा के किसान ने मधुमेह की रोगियों व बच्चों की पसंद को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से बिना बीज वाला तरबूज तैयार किया है। जो अब ये किसी अजूबे से कम नही है। वही इस किसान रामप्रताप ने बताया कि इस तरबूज में बीज नहीं होने के साथ.-साथ अन्य तरबूज की तुलना में पानी की भी मात्रा और मिठास भी 13ः बहुत अधिक है। और साथ ही आपको बता दे कि इस तरह के विशेष किस्म वाले तरबूज उगाने का ट्रायल सिवाह के किसान रामप्रताप के खेत में लिया गया है।
वही जिसमें आपको बता दे कि किसान रामप्रताप शर्मा आर्गेनिक खेती में राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। और फिर इस लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपने खेत के बाहर ही दुकान लगा रखी थी। वही जिसमें इस दौरान रोजाना 40 से 50 ग्राहक सब्जी लेने के लिए खेत में पहुंचते थे। सूत्रों के मुताबिक रामप्रताप का कहना है कि इसकी खेती करने वाले अन्य किसानों को भी विभिन्न माध्यमों से प्रेरित किया जा रहा है। वहीं उन्होंने बताया की विभाग द्वारा समय.समय पर उन्हें जानकारी उपलब्ध करवाई जाती हैए जिससे वह अन्य किसानों से अलग तरह से खेती करते रहते हैं। तरबूज में नहीं होंगे बीज, डायबिटीज वालों के लिए खास तौर पर शुगर फ्री है। और इसकी विशेषता यह भी है कि इसमें मेहनत कम है और उत्पादन ज्यादा है।