कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के खतरे के बीच शुरू बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्र सरकार की तरफ बंगाल में जांच के लिए भेजी गई टीम ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उसे प्रभावित इलाकों में नहीं जाने दे रही हैं। इसके बाद, रात राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने इस पूरे मामले पर ममता सरकार का रुख स्पष्ट किया है। राजीव सिन्हा ने बताया कि प्रदेश सरकार आईएमसीटी का पूरा सहयोग कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे महामारी से निपटने का सारा काम छोड़कर इन दलों के साथ घूम नहीं सकते हैं।
मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने राज्य सचिवालय के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘ हम केंद्रीय टीम की मदद कर रहे हैं। ऐसा नहीं करने का कोई सवाल ही नहीं है। लेकिन हमारा रुखयह है कि हम सभी कोरोना वायरस से निपटने में व्यस्त हैं… उन्हें (केंद्रीय दलों के सदस्यों को) कारों में या गेस्ट हाउस में बैठकर जानकारी नहीं मिल सकती है। हम अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर, वे सभी जानकारी साझा करेंगे जो वे चाहते हैं लेकिन अपना सारा काम छोड़कर केंद्रीय टीम के साथ घूम नहीं सकेंगे।’
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को एक पत्र लिखा था। पत्र के जवाब में राजीव सिन्हा ने केंद्रीय टीम को पूरा सहयोग उपलब्ध कराए जाने की बात कही जिसका गृह मंत्रालय ने स्वागत किया है। गौरतलब है कि दोपहर सेंट्रल टीम के लीडर और रक्षा मंत्रालय में अपर सचिव अपूर्व चंद्रा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए थे। अपूर्व चंद्रा ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने आईएमसीटी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्यों में भी भेजी है यहां उन्हें राज्य सरकारों का पूरा सहयोग मिल रहा है। इन राज्य सरकारों को भी पश्चिम बंगाल जैसा नोटिस भेजा गया था, मगर उन्हें काम शुरू करने के बाद से कोई परेशानी नहीं हुई।’ उन्होंने बताया कि मुझे यहां एक दिन हो गया है मगर राज्य सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।