ईटानगर। देश में चल रहे लॉकडाउन के बीच राज्य कृषि विभाग ने बाजारों में सब्जियों की कमी से निपटने के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को कृषि उत्पादन विपणन समिति ऐपीएमसी कामकाज की समीक्षा करने की सलाह दी है।
उपायुक्तों को लिखे पत्र में कृषि सचिव बिडोल तायेंग ने कहा कि असम से सब्जियों का आयात या तो रोक दिया गया है या परिवहन की कमी के कारण आ नहीं पा रहा है। इसके कारण राज्य में सब्जियों की कमी हो रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से सब्जियां कस्बों के बाजार में आने के कारण अधिकतर जिलों में स्थिति अभी ठीक है लेकिन राजधानी में स्थिति बिगड़ रही है।
रविवार, 19 अप्रैल 2020
सब्जियों की कमी की सलाह, समीक्षा
कहीं-कहीं ओलावृष्टि के साथ भारी बारिश
देहरादून। उत्तराखंड में मौसम शनिवार को भी बदला रहा। सुबह से ही पहाड़ों से लेकर मैदान तक बादलों के बीच धूप की आंख-मिचौनी चलती रही। दोपहर बाद गरज वाले बादल विकसित हुए और पहाड़ी इलाकों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई। जबकि, मैदानों में तेज हवाओं के साथ बौछार पड़ीं। वहीं, चारधाम समेत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में देर शाम हिमपात हुआ।
मौसम के बिगड़े तेवर से तापमान में भी दो से तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को प्रदेश में मौसम साफ रहने से लेकर आंशिक रूप से बादल छाये रह सकते हैं। शनिवार को कुमाऊं के नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के मैदानी क्षेत्रों में बादल घिरे रहे, लेकिन हल्की बूंदाबांदी के बाद मौसम साफ हो गया।पिथौरागढ़ की ऊंची चोटियों पंचाचूली, छिपलाकेदार, राजरंभा, नंदा देवी आदि में हिमपात हुआ। बागेश्वर जिले में भी तेज हवाओं के साथ बौछार पड़ीं। नैनीताल में ओलावृष्टि के साथ तेज बारिश हुई। इधर, चारधाम में भी हल्की धूप खिलने के बाद बादलों का डेरा रहा और हल्की बर्फबारी हुई। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार मौसम के करवट लेने से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट आई है।
झारखंडः संक्रमित 38, 2 लोगों की मौत
कोरोना वायरसः झारखंड में कोरोना के 4 नए मामले, कुल 38 संक्रमितों में दो की मौत
रांची। झारखंड में कोरोना वायरस का मामला बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को राज्य में कोरोना वायरस के 4 नए मामले सामने आए। रविवार को दोपहर तक 93 टेस्ट किए गए। इसमें 89 निगेटिव और चार पॉजिटिव पाए गए। इस तरह से झारखंड में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 38 हो गई है। मिल रही जानकारी के अनुसार एक मामला रांची के हिंदपीढ़ी, एक मेन राेड, एक रांची के बेडो प्रखंड और एक सिमडेगा का है। बता दें कि रांची का हिंदपीढ़ी इलाका कोरोना मरीजों का हब बनता जा रहा है। अधिकतर मामले यहीं से सामने आ रहे हैं।
रविवार को सामने आए कोरोना के चार नए मरीजों में एक 42 वर्षीय शख्स रांची के हैदरी अपार्टमेंट पंजाब स्वीट हाउस, मेन रोड के पीछे रहता है। वहीं 17 वर्षीय युवक खैरिया टोली सिमडेगा का है। तीसरा कोरोना पॉजिटिव 24 वर्षीय युवक हिंदपीढ़ी तथा 58 वर्षीय बुजुर्ग बेड़ो का रहनेवाला है। बेड़ो बुजुर्ग कोरोना मरीज तब्लीगी जमात से जुड़े हैं।
भारतः संक्रमितो की संख्या- 15700
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है। घबराने की जरूरत नहीं है।
लगातार बढ़ रही कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 15700
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के नए संक्रमित मरीजों की हर रोज पुष्टि हो रही है। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन में किसी भी तरह की छूट देने से इनकार किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में कोरोना तेजी से फैल रहा है लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है। घबराने की जरूरत नहीं है।साथ ही फैसला लिया गया है कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हालात को देखते हुए लॉकडाउन जरूरी है। वहीं दिल्ली में शनिवार को मिले कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, 'शनिवार को दिल्ली में मिले सभी 186 मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखे। उन्हें पता ही नहीं था कि उन्हें कोरोना वायरस है। यह ज्यादा चिंताजनक है। बता दें कि देश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। देश में अब तक 15700 से ज्यादा कोरोना मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं दिल्ली में करीब 1900 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। साथ ही दिल्ली में अभी तक 42 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना संकट को देखते हुए देश में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है।
पुणे आश्रम में 1300 लोग हुए एकत्र
पुणे। लॉकडाउन के कारण देश के कई इलाकों में लोग जहां-तहां फंसे हैं। प्रदेश की सरकारें इनके लिए उचित प्रबंध कर रही हैं ताकि कोरोना के संक्रमण का खतरा पैदा न हो। कुछ राज्यों में लोगों को वहीं रोक कर खाने-पीने का इंतजाम किया जा रहा है तो कहीं लोगों को उनके गृह प्रदेश भेजने का भी काम हो रहा है। कुछ ऐसा ही वाकया महाराष्ट्र के लातूर जिले का है। यहां राठोडा गांव में लॉकडाउन में फंसे करीब 1300 लोगों को निजी बस से उनके गांव जाधववाडी भेजा जा रहा है। जाधववाडी पुणे जिले में आता है।
जिन लोगों को निजी बसों से भेजा जा रहा है वे सभी सभी लोग राठोडा गांव में महानुभव पंथ के सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। बता दें, फरवरी महीने से यहां सत्संग चल रहा था। सत्संग के चलते लॉकडाउन की घोषणा की गई तो ये लोग यहीं फंस गए। चार-पांच दिन पहले यहां जोरों से बारिश हुई और बरसात में सत्संग का मंडप उखड़ गया। खाना बनाने का सामान भी खराब हो गया। इसकी वजह से इन महानुभवी साधकों को सिर छुपाने के लिए मंदिर और स्कूलों का सहारा लेना पड़ा।
इनकी स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने निजी बसों से इन सभी लोगों को इनके गांव जाधववाडी आश्रम लौटने की अनुमति दे दी है। इन लोगों को भेजने के लिए 44 सीट वाली एक बस में 22 यात्रियों को बैठाकर पुणे की जाधववाडी भेजा जा रहा है। फिलहाल 32 बसें उपलब्ध हुई हैं। इन बसों से सभी साधकों को वापस भेजने के लिए तीन दिन लगेंगे। इन सभी साधकों पर प्रशासन ध्यान दिए हुए है। इन सभी साधकों के टेस्ट करने के बाद ही उन्हें आगे जाने की अनुमति दी जा रही है।
स्तनपान से कैंसर का खतरा कम
अध्ययन में सामने आया है कि जो महिलाएं स्तनपान करवाती हैं उनमें ओवेरियन कैंसर का खतरा काफी कम रहता है। इसमें हाई-ग्रेड ट्यूमर भी शामिल है। कई अध्ययनों में स्तनपान और ओवेररियन कैंसर के खतरे के बीच संबंध की बात सामने आई है। इनमें से कुछ रिसर्च में पता चला कि स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में अंडाशय के कैंसर का खतरा कम होता है जबकि कुछ रिसर्च में इन दोनों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया।
13 ओवेरियन कैंसर एसोसिएशन कंसोरटियम अध्ययनों के आंकड़ों का इस्तेमाल हुए शोधकर्ताओं ने स्तनपान और ओवेरियन कैंसर के खतरे के बीच संबंध की जांच की। इस पूरी रिसर्च में लगभग 24,000 महिलाओं को शामिल किया गया जिनमें से 57.4 साल की उम्र की 9,973 महिलाएं ओवेरियन कैंसर से ग्रस्त थीं। वहीं 56.4 साल की 13,843 महिलाएं कंट्रोल ग्रुप में थीं।
स्तनपान का प्रसार कंट्रोल ग्रुप के बीच 41त्न से 93त्न तक था और स्तनपान के लिए औसत अवधि 3.4 से 8.7 महीने तक थी।
कंट्रोल ग्रुप की तुलना में ओवेरियन कैंसर से ग्रस्त महिलाओं की उम्र अधिक थी और इनमें से ज्यादा महिलाएं मेनोपॉज से गुजर चुकी थीं, इनका एक बच्चा था और इन महिलाओं ने कभी भी गर्भ निरोधक दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया था और न ही एंडोमेट्रियोसिस या ओवेरियन कैंसर की हिस्ट्री रही थी। शोधकर्ताओं ने जाना कि स्तनपान करवाने से 24 फीसदी ओवेरियन कैंसर और 28 प्रतिशत बॉर्डरलाइन ट्यूमर का खतरा कम हो जाता है। जिन महिलाओं ने अपने जीवन में कभी भी स्तनपान करवाया था उनमें ओवेरियन कैंसर खासतौर पर हाई ग्रेड एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा कम पाया गया।
जिन प्रतिभागियों ने एक से तीन महीने तक स्तनपान करवाया था उनमें 18 फीसदी और एक या इससे ज्यादा समय तक दूध पिलाने वाली महिलाओं में 34 फीसदी ओवेरियन कैंसर का खतरा कम था।
स्तनपान के फायदे
मां के दूध से शिशु को संपूर्ण पोषण मिलता है।
मां के दूध में एंटीबॉडीज भरपूर होते हैं जो कि शिशु को वायरस एवं बैक्टीरिया से बचाने में मदद करते हैं।
स्तनपान करवाने से शिशु में कान में संक्रमण, श्वसन मार्ग में इंफेक्शन, जुकाम और इंफेक्शन, पेट में इंफेक्शन और सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम से बचाता है। कुछ अध्ययनों में सामने आया है कि मां का दूध पीने वाले बच्चों के मस्तिष्क का विकास फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में बेहतर होता है।
इसके अलावा स्तनपान करवाने से मां और शिशु को और भी कई तरह के लाभ होते हैं जिनमें से ओवेरियन कैंसर से बचाव भी शामिल है। हम सभी जानते हैं कि स्तनपान से मां और शिशु की सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं। शिशु को दूध पिलाने से मां को सबसे बड़ा यह फायदा होता है कि उनमें ओवेरियन कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
सिर के दर्द में नींबू का प्रयोग रामबाण
मनोज सिंह ठाकुर
माइग्रेन सिर दर्द की एक ऐसी अवस्था होती है जिससे पीडि़त व्यक्ति को असहनीय दर्द होता है और वह इसे रोकने के लिए या फिर उसके उपचार हेतु हर संभव कोशिश करता है। या दर्द व्यक्ति के आधे सिर में महसूस होता है और कभी-कभी पीडि़त को मतली और कमजोरी भी महसूस होती है। इतना ही नहीं, माइग्रेन से पीडि़त लोगों को तेज रोशनी और तेज आवाज से भी घबराहट महसूस होती है, इसलिए ऐसे लोगों को विशेष तौर पर सावधानी बरतनी चाहिए।
जिन व्यक्तियों को माइग्रेन की समस्या है उनके लिए यहां पर एक ऐसा ही घरेलू उपचार बताया जा रहा है, जिसे अपनाकर लोग काफी हद तक आराम पा सकते हैं।
कौन-सा है घरेलू उपचार
यह घरेलू उपचार बेहद सरल और आसान है और इसका सकारात्मक फायदा भी थोड़ी ही देर में देखने को मिल सकता है। यह ड्रिंक के रूप में पीने के लिए इस्तेमाल भी किया जा सकता है जिसे आप घर पर किसी भी वक्त बना सकते हैं। नींबू से तैयार होने वाली इस ड्रिंक में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो माइग्रेन से राहत दिलाने का प्रभाव दिखा सकते हैं।
रिसर्च में हुआ है दावा
माइग्रेन के इलाज में नींबू का सेवन कितना असरकारी है। इसको लेकर नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन के अनुसार एक अध्ययन किया गया है। इसमें इस बात की पुष्टि भी की गई है कि नींबू रस का सेवन करने से माइग्रेन अटैक में तुरंत राहत दिलाने का गुण पाया जाता है। इसलिए माइग्रेन की स्थिति में अगर आप चाहें तो नींबू रस से तैयार की गई ड्रिंक का भी सेवन कर सकते हैं जिससे आपको कम समय में ही काफी हद तक आराम मिल सकता है
घर पर ऐसे तैयार करें ये ड्रिंक –
सामग्री – 1 गिलास
1 नींबू
1 चुटकी नमक
1 गिलास पानी
कैसे बनाएं
सबसे पहले नींबू को काट लें और स्क्वीजर के जरिए इसका रस निकाल लें।
अब पानी में इस रस को डालें और इसे अच्छी तरह मिक्स कर लें।
अब ऊपर से नमक डालें और चम्मच के सहारे इसे ड्रिंक में मिला लें।
अब माइग्रेन से पीडि़त व्यक्ति को इसका सेवन काराया जा सकता है।
दरअसल, माइग्रेन से बचे रहने के लिए कुछ दवाओं का सेवन आपके शरीर पर दुष्प्रभाव भी छोड़ सकता है। इसलिए बिना किसी डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करने से बचें। इसकी जगह आप चाहें तो प्राथमिक उपचार के तौर पर इस ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं।
संक्रमित टीआई की 19 दिन बाद मौत
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्वास्थ्यकर्मियों के मौत के बाद अब एक पुलिसकर्मी की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। इंदौर के जुनी थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी कोरोना संक्रमण से पीड़ित है। जहाँ उनका इलाज इंदौर के ही अरविंदो अस्पताल में हो रहा था। जिसके बाद शनिवार देर रात टीआई देवेंद्र चंद्रवंशी की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी मृत्यु पर शोक जताया है और उनकी पत्नी को एस आई पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने की बात कही है। इसके अलावा सरकार द्वारा 50 लाख रुपए की सुरक्षा राशि भी दी जाएगी।
इंदौर में 45 वर्षीय थाना प्रभारी की शनिवार रात 2 बजे मौत हुई। इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी जूनी थाने के प्रभारी थे। वे पिछले 19 दिन से अरविंदो अस्पताल में भर्ती थे। टीआई चंद्रवंशी की पहली कोरोना रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी, लेकिन बाद में13 और 15 अप्रैल की रिपोर्ट निगेटिव आईं। अस्पताल प्रबंधन के प्रमुखडॉ. विनोद भंडारी का कहना है किचंद्रवंशी की मौत का मुख्य कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म है। रविवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलनी थी। वहीं, टीआई के साथ तैनात रहा एएसआई भी संक्रमित है। इंदौर में अब तक कोरोना के 890 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं, जबकि 48 लोगों की मौत हुई। इसी बीच पुलिसकर्मियों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए शिवराज सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद पुलिस एवं स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वह कोरोना संक्रमण के बीच स्वयं का खासा ध्यान रखें। राज्य सरकार ने इसके मद्देनजर पुलिस एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पीपीई किट की उपलब्धता के साथ अन्य व्यवस्था पर भी नजर बनाए हुए है।
पुलिस की पिटाई से मजदूर की मौत
प्रदीप कुमार पाठक
टांडा (अम्बेडकरनगर)l टाण्डा कोतवाली अन्तर्गत छज्जापुर दक्षिण निवासी इसराइल पुत्र गरीबउल्लाह टांडा कोतवाली में तहरीर देकर दोषी पुलिस कर्मियो के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने की गुहार लगाई है तहरीर मे पुलिस द्वारा पिटाई का मामला सामने आ रहा हैl
दिए गए प्रार्थना पत्र ने बताया कि उसका पुत्र रिजवान(22 )जो दिहाडी मजदूर था दिनांक 15 अप्रैल को दिन में घरेलू सामान लेने निकला था पोस्ट ऑफिस के पास पहुंचा था कि इतने में पुलिस का एक वाहन आया जिसमें एक महिला दरोगा व अन्य पुलिसकर्मी थे और प्रार्थी के पुत्र को गाड़ी से उतरकर रोककर उसे लाठी से पीटना शुरू कर दिया जिससे उसके पुत्र को काफी चोटें आई हैंंl किसी तरह वह गिडते-पड़ते घर पर पहुंचा लाकडाउन होने के नाते घर पर ही पुत्र का देसी इलाज शुरू कर दिया गया हालत मे सुधार नहीं हुआ तो उसे सामुदायिक स्वास्थ्य टांडा ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यहो गई। क्षेत्राधिकारी अमर बहादुर ने बताया मामले की जांच कराई जा रही है जो भी दोषी होगा बख्शा नही जायेगा । घटना की जानकारी होते ही जिले के आला अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। पीड़ित परिवार को कार्रवाई का आश्वासन दियाl
प्रशासन से बदसलूकी महंगी पड़ेगी
लखनऊ। चीन से निकलने के बाद जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भारत के साथ उत्तर प्रदेश में बेहद तेजी से बढ़े हैं। देश भर में लॉकडाउन के बीच में तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के कारण इसपर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसी बीच लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने वाली पुलिस टीम तथा स्वास्थ्य परीक्षण करने वाली मेडिकल टीम के साथ बदसलूकी भी बढ़ी है। मामला हद से अधिक होने के कारण अब यूपी पुलिस इस तरह के लोगों से दंगाइयों की तरह निपटेगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार प्रदेश की हर गतिविधि पर नजर रखने के साथ ही मामलों का निस्तारण भी कर रहे हैं। मुरादाबाद में हॉटस्पॉट में स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस पर हमले तथा पथराव के बाद मुख्यमंत्री बेहद खफा है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश है कि इस तरह के उपद्रवियों के साथ अब दंगा करने वाले लोगों की तरह ही निपटा जाएगा। अगर कहीं पर भी अभद्रता तथा पथराव या अन्य हिंसा की घटना होने पर पुलिस अब सभी उपद्रवियों के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेगी। प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में भी लॉकडाउन तोडऩे वालों और पुलिस के साथ बदसलूकी करने वाले उपद्रवियों से अब यूपी पुलिस दंगाइयों की तरह निपटेगी। अब प्रदेश पुलिस बॉडी प्रोटेक्टर और दंगा रोकने के पूरे संसाधनों से लैस होगी। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने पुलिस आयुक्तों, एडीजी जोन, आईजी जोन और पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि वह सभी लोग अपनी तैयारी पूरी रखें।
पुलिस को सलाह दी गई है कि तलाशी अभियान या फिर मेडिकल टीम के साथ गली-मोहल्ले में दंगारोधी उपकरणों, बैटन, हेलमेट और बॉडी प्रोटेक्टर पहनकर ड्यूटी दें। पुलिसकर्मियों को सलाह दी गई है कि चाहे गली मोहल्ला हो, या फिर संवेदनशील इलाका, पुलिसकर्मी सभी सुरक्षा उपकरणों के साथ तलाशी और गश्त करे। स्वास्थ्यकर्मियों से बदसलूकी इस एक्शन की बड़ी वजह मानी जा रही है। मुरादाबाद में कोरोना जांच करने गई मेडिकल टीम पर हुए हमले के मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि ड्रोन कैमरों की मदद से पकड़े गए लोगों की पहचान की गई थी। डीजीपी अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोग सामने आ जाएं और मेडिकल टेस्ट करा लें। यह तो समाज के हित में है और उनके स्वयं के भी हित में है। ऐसे सभी लोग अपना मेडिकल टेस्ट करा लें, जिनका लिंक मरकज से है। अगर किसी भी जिले में इसको छुपाने की बात पता चली या फिर किसी ने ऐसे लोगों को आश्रय दिया है तो कानूनी एक्शन होगा।
20 अप्रैल से चालू यूपी की अदालते
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की जिला अदालतें 20 अप्रैल से खुल जाएंगी। केवल वही अदालतें बंद रहेंगी जो कोरोना वायरस के कंटेनमेंट (हॉटस्पॉट) जोन में स्थित हैं। ऐसी अदालतें पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करती रहेंगी। वहां केवल अति आवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई होगी। जो अदालतें कोरोना वायरस हॉटस्पॉट जोन मे नहीं हैं, वे अदालतें कार्य करना शुरू कर देंगी। इन अदालतों में हॉट स्पॉट जोन के भीतर रहने वाले कर्मचारियों को ड्यूटी न करने की छूट रहेगी। शेष भागों के कर्मचारी कार्यालय ज्वाइन करेंगे।
15 अप्रैल, 2020 को केंद्र सरकार और 16 अप्रैल, 2020 को राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, जिसमें कर्मचारियों की उपस्थिति व शारीरिक दूरी की गाइडलाइन दी गयी है। इस आशय की अधिसूचना इलाहाबाद हाई कोर्ट के महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव ने जारी की है। प्रदेश के सभी जिला न्यायाधीशों, पीठासीन अधिकारियों को निर्देश का पालन करने का आदेश दिया गया है। ये आदेश सभी जिला अदालतों, कामर्शियल कोर्ट, वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण, भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास अधिकरण पर लागू होगा। जिला जज, जिलाधिकारी से अदालत की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई करेंगे।
हाई कोर्ट में ई फाइलिंग से अतिआवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई
इलाहाबाद हाई कोर्ट में ई फाइलिंग प्रक्रिया के जरिये अतिआवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई होती रहेगी। किसी भी अधिवक्ता या मुंशी को न्यायालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी, जो अधिवक्ता याचिका दायर करना चाहते हैं उन्हें ई-मेल के जरिये शीघ्र सुनवाई की सकारण अर्जी देनी होगी। पासवर्ड के साथ कार्यालय द्वारा अधिवक्ता के जरूरी सूचना दी जाएगी। यह व्यवस्था अगले आदेश तक अनवरत जारी रहेगी। हाई कोर्ट की ओर से कहा गया है कि इसके लिए न्यायालय परिसर में अधिवक्ता या मुंशी या वादकारी को आने की जरूरत, नहीं होगी। बिना वैध अनुमति के किसी भी अधिवक्ता या अधिवक्ता लिपिक परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह जानकारी निबंधक शिष्टाचार आशीष कुमार श्रीवास्तव ने दी है।
प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों के तबादलेइस वर्ष नहीं होंगे
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस साल न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव की ओर से प्रदेश के सभी जिला जजों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि महामारी के संक्रमण और लॉक डाउन से उत्पन्न स्थिति के कारण राज्य सरकार के सामने आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। इस स्थिति में वर्ष 2020 में प्रदेशभर के न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर रोक लगाई जा रही है।
अब अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग 2021 में ही किए जाएंगे। महानिबंधक ने जिला जजों से इसकी सूचना सभी न्यायिक अधिकारियों, कामर्शियल कोर्ट के पीठासीन अधिकारियों, मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारियों और लैंड एग्जीविशन रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटेलमेंट अधिकारियों को भी देने का निर्देश दिया है।
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