शनिवार, 18 अप्रैल 2020

भारतीय नौसेना में 21 नाविक संक्रमित

नई दिल्ली। कोरोनावायरस ने भारतीय नौसेना को भी अपनी चपेट में ले लिया है। 21 नाविक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी को मुंबई के कोलाबा में स्थित नौसेना अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी में भर्ती कराया गया है। आर्मी के बाद नौसेना में संक्रमण का पहला मामला है। नेवी ने बताया कि ये सभी एक नाविक के संपर्क में आए थे, जिसका 7 अप्रैल को टेस्ट पॉजिटिव आया था।


नौसेना ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, 'मुंबई में नौसेना परिसर में 21 नेवी पर्सनल की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें नौसेना बेस आईएनएस आंग्रे के 20 नाविक शामिल हैं।' ये सभी आईएनएस-आंग्रे में रह रहे थे। नौसेना के अफसर उन लोगों का पता लगा रहे हैं, जो संक्रमित नौसैनिकों के संपर्क में आए हैं। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि संक्रमित नौसैनिक ड्यूटी या फिर अन्य कामों से किन-किन जगहों पर गए थे। आईएनएस आंग्रे को सील किया गयाः आईएनएस आंग्रे को सील कर दिया गया है। सभी आवासीय ब्लॉक के लोगों को क्वारैंटाइन कर दिया और इसे कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई की जा रही है। नेवी का कहना है कि शिप्स और सबमरीन पर कोई संक्रमण का केस सामने नहीं आया है। आर्मी में 8 जवान कोरोना से संक्रमितः आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने 17 अप्रैल को बताया था कि सेना में कोरोना संक्रमण के 8 मामले सामने आए हैं। इनमें दो डॉक्टर और एक नर्स भी शामिल है। वहीं, हमारे जो जवान किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए, उन्हें यूनिट में वापस भेजा जा रहा है। हमने इसके लिए एक बेंगलुरु से जम्मू और दूसरी बेंगलुरु से गुवाहाटी, दो स्पेशल ट्रेनें निर्धारित की हैं। क्यों अहम है आईएनएस आंग्रे? मुंबई के नेवी डॉकयार्ड में मौजूद आईएनएस आंग्रे वेस्टर्न नेवल कमांड का एडमिनिस्ट्रेटिव और लॉजिस्टिक बेस है। समुद्रतट पर बने आईएनएस आंग्रे से कुछ ही मीटर की दूरी पर कई सारे युद्धपोत और पनडुब्बियां रहती हैं। आंग्रे से ही मुंबई में मौजूद नौसेना की यूनिट और फैसिलिटी ऑपरेट की जाती हैं। मुंबई देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर है, महाराष्ट्र मेंअब तक 3323 केस मिल चुके हैं। दुनिया की नौसेनाओं पर कोरोना का असरः फ्रांस में फ्रेंच न्यूक्लियर पावर एयरक्राफ्ट कैरियर युद्धपोत शार्ल द गोल पर मौजूद 1081 क्रू कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अमेरिका के न्यूक्लियर एयरक्राफ्ट कैरियर रूजवेल्ट के 660 क्रू मेंबर का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था।


चीन ने इथोपिया भेजें चिकित्सा विशेषज्ञ

आदीश अबाबा। स्थानीय समयानुसार चीन द्वारा भेजा गया चिकित्सा विशेषज्ञ दल इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में पहुंचा। इस दल में कुल 12 चिकित्सा विशेषज्ञ हैं। जो चीन सरकार द्वारा अफ़्रीका में भेजा गया पहला चिकित्सा विशेषज्ञ दल है। वे इथियोपिया में 15 दिनों तक काम करेंगे। साथ ही चार्टर विमान में इथियोपिया को सहायता देने के लिये रक्षात्मक उपकरण भी शामिल हुए हैं।


बुर्किना फासो सरकार के निमंत्रण पर चीनी विशेषज्ञ दल 16 अप्रैल को बुर्किना फासो की राजधानी औगाडौगौ पहुंचा। दल में कुल 12 सदस्य शामिल हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों को महामारी की रोकथाम से जुड़े चिकित्सा सामान भी दिये हैं।  बुर्किना फासो में कोविड-19 के कुल 546 पुष्ट मामले और 32 मृत मामले दर्ज किये गए हैं। वर्तमान में 257 रोगियों का उपचार चल रहा है। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 16 अप्रैल को जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस देश में उसी दिन कोविड-19 के और दो नये मामलों की पुष्टि की गयी। रोगियों की कुल संख्या 138 तक पहुंच गयी। 60 रोगी उपचार के बाद स्वस्थ हो गये हैं। अब मौजूदा मामलों की संख्या 78 है। चीनी विशेषज्ञों ने इंटरनेट कांफरेंस के माध्यम से रवांडा के चिकित्सकों के साथ अस्पताल के प्रबंध, आपात प्रतिक्रिया, और चिकित्सकों के प्रशिक्षण आदि अनुभव साझा किया। स्थानीय समयानुसार चीन सरकार द्वारा नाइजीरिया को भेजे गये दूसरे खेप वाला चिकित्सा सामान नाइजीरिया की राजधानी अबुजा पहुंचा। उस सामान में चिकित्सा रक्षात्मक कपड़ा, केएन95 मास्क, सामान्य चिकित्सा मास्क आदि आवश्यक चीजें शामिल हुई हैं। राजधानी ब्राजाविल में चीन सरकार ने कांगो(ब्राजाविल) सरकार को महामारी की रोकथाम से जुड़ी सामग्री दान की। कांगो(ब्राजाविल) की स्वास्थ्य मंत्री जैक्वेलिन लिदिया मिकोलो ने इस रस्म में भाग लिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कांगो(ब्राजाविल) में महामारी तेजी से फैल रही है। महामारी की रोकथाम से जुड़े सामान का अभाव है। चीन द्वारा तेजी से दिया गया सामान बहुत आवश्यक है। चीनी सामान का मापदंड बहुत ऊंचा है, और गुणवत्ता भी बहुत अच्छी है। जो महामारी की रोकथाम में सकारात्मक भूमिका अदा करेगा।


चंद्रिमा


रूस में संक्रमितो की संख्या- 32000

मास्को। रूस में संक्रमितों की संख्या 32 हजार के आंकड़े को पार कर गई है। पिछले चौबीस घंटे में 4,070 लोग और संक्रमित हुए हैं। संक्रमितों में आधे मास्को और उसके आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो से तीन हफ्तों में हालात बदतर हो सकते हैं। इस दौरान राजधानी मास्को में संक्रमितों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। कोरोना से अब तक रूस में 273 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले चौबीस घंटे में 41 लोगों की जान गई है।


दुनियाभर में 21.4 लाख चपेट मेंः समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, दुनियाभर में 21.4 लाख से ज्‍यादा लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं जबकि 143,744 लोगों की मौत हो चुकी है। यूरोप के सबसे बड़े शहर मास्को में मार्च से लॉकडाउन है। एक महीने से ज्यादा समय से शहर की 1.20 करोड़ की आबादी ताले में बंद है, लेकिन अधिकारियों ने शिकायत की है कि लोग लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो मैसेज में डिप्टी मेयर अनास्तासिया राकोवा ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो से तीन सप्ताह मुश्किल भरे होंगे।


बांग्लादेशः समुंद्री क्षेत्र में मछलियां खत्म

बांग्लादेश एक ऐसी जगह है जहां की एक बड़ी आबादी मछलियों पर निर्भर है।


ढ़ाका। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश में इसी तेजी से मछलियां पकड़ी जाती रहीं तो आने वाले सालों में बांग्लादेश के समुद्री क्षेत्र में मछलियां ख़त्म हो जाएंगी। बंगाल की खाड़ी पर आधारित एक रिपोर्ट कहती है कि इस क्षेत्र में ज़्यादातर मछलियों की प्रजातियों की आबादी घट रही है, वहीं कुछ मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। थाइलैंड जैसा हाल न हो जाएः इस रिपोर्ट के लेखक सयैदुर रहमान चौधरी बताते हैं, "दुनिया में कुछ समुद्रों में, जैसे थाइलैंड की खाड़ी में मछलियां ख़त्म हो चुकी हैं। हम बंगाल की खाड़ी का यही हश्र होते हुए देखना नहीं चाहते हैं। बांग्लादेश दुनिया के सबसे ज़्यादा आबादी वाले देशों में से एक है।


गोल्फ टूर्नामेंट रद्द, स्कॉटिश ओपन स्थगित

बर्लिन/ पेरिस। कोविड-19 महामारी के कारण जर्मनी में आयोजित होने वाले ‘बीएमडब्ल्यू इंटरनेशनल ओपन’ और फ्रांस में खेले जाने वाले ‘ओपन डी फ्रांस’ गोल्फ टूर्नामेंट को रद्द जबकि स्कॉटिश ओपन को स्थगित कर दिया गया है। 
 


बीएमडब्ल्यू इंटरनेशनल ओपन का आयोजन म्यूनिख में 25 से 28 जून तक होना था जबकि ओपन डी फ्रांस को इसके एक सप्ताह के बाद खेला जाना था। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने 31 अगस्त तक देश में बड़े सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाया है जबकि फांस की सरकार ने जुलाई के मध्य तक ऐसे प्रतिबंध लगाए हैं। 
स्कॉटिश ओपन को 9-12 जुलाई तक खेला जाना था जिसे स्थगित कर नई तारीख पर चर्चा की जा रही है। 


ब्रिटेन-फ्रांसः चीन से पूछा, कैसे फैला वायरस

अमेरिका के बाद ब्रिटेन-फ्रांस ने चीन से पूछा- कैसे फैला कोरोनावायरस?


ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक राब ने कहा कि कोरोना महामारी कोरोना वायरस को लेकर चीन को कड़े सवालों के जवाब देने होंगे।


लॉक डाउनः सड़कों पर भीड़ रोकने को दिल्ली पुलिस ने उतारी बाइकर्स टीम।


लंदन/ पेरिस। दुनिया में कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए एक तरफ दुनिया जूझ रही है तो दूसरी तरफ उसके इलाज और वैक्सीन की भी कोशिशें तेज़ हैं। लेकिन इन सबके बीच कोरोनावायरस को लेकर सवाल अब आरोप बनने लगे हैं।अमेरिका के बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने भी चीन से कोरोनावायरस के बारे में सवाल किया कि वुहान से वायरस दुनिभर में फैलने कैसे दिया गया और उसे रोका क्यों नहीं?
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक राब ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर चीन को कड़े सवालों के जवाब देने होंगे.डॉमिनिक राब ने कहा की चीन को बताना होगा कि कोरोना महामारी कैसे फैली और उसे रोकने की क्या कोशिश हुई? डॉमिनिक राब ने कहा कि अब चीन के साथ पहले की तरह कारोबार सामान्य नहीं हो सकेगा. राब ने कहा कि चीन को इन सवालों का जवाब देना होगा कि कोरोनावायरस आया कैसे और उसे दुनिया में फैलने से रोका क्यों नहीं जा सका। ब्रिटेन ने कहा कि डब्लूएचओ और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर ये पता किया जाएगा कि महामारी फैली कैसे और इसे रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?हालांकि चीन लगातार कोविड19 को लेकर पारदर्शिता न बरतने के आरोपों से इनकार करता रहा है. लेकिन जिस तरह से वुहान में कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़ों में अप्रत्य़ाशित रूप से 1290 मौतों का ट्विस्ट आया है उससे चीन पर यूरोपीय देशों का शक गहरा गया है. वुहान में कोविड 19 से मरने वालों की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि वुहान में जो मौतें घर में हुईं तो क्या उनकी जानकारी चीन ने अपने आधिकारिक आंकड़ों में छुपाई?
फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने कोरोना संकट से निपटने में चीन के दावों पर संदेह जताया. इमैन्युअल मैक्रों ने कहा कि चीन में कोरोना से निपटने में ऐसा बहुत कुछ हुआ है जिसकी जानकारी हमें नहीं है. इससे पहले फ्रांस ने चीन के दूतावास की साइट पर छपे एक आर्टिकल पर आपत्ति दर्ज की थी और चीनी राजदूत को तलब किया था। चीन के साथ फ्रांस के बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने चीन की पारदर्शिता पर सवाल उठाया है।


508 मिलियन डॉलर की आपात मदद

नई दिल्ली/ वाशिंगटन। कोविड 19 से लड़ाई में अमेरिका ने दुनिया भर के तमाम देशों को बड़ी आर्थिक मदद का एलान किया है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/यूएस ऐड ने 508 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इमरजेंसी मदद का एलान किया है।


हालांकि इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका ने भारत से बड़ी आर्थिक मदद पाकिस्तान को दी है। अमेरिकी एलान के मुताबिक कोरोना वायरस से लड़ाई के लिये भारत को 5.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर कि मदद का एलान किया गया है तो वही पाकिस्तान इससे तकरीबन दोगुना 9.4 मिलियन अमेरिकी आर्थिक मदद का एलान किया गया है।


अमेरिका में मृतकों की संख्या-33268

वाशिंगटन। अमेरिका में इस वक्त कोविड-19 संक्रमण के चलते हजारों नागरिकों को खोता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में पहली बार देश में मृतकों का आंकड़ा 4,500 के पार हो गया, जबकि अब तक कुल 33,268 लोग इस संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। यानी दुनिया में हुई कुल मौतों में से 24 फीसदी मौतें अकेले अमेरिका में हो चुकी हैं।


हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप का दावा है कि महामारी का सबसे बुरा दौर बीत चुका है लेकिन जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़े इसकी पुष्टि करते नहीं दिखाई दे रहे हैं। अभी तक दुनिया में अमेरिका के भीतर संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले उजागर होने पर ट्रंप ने देश में होने वाले सर्वाधिक परीक्षणों का हवाला दिया था, लेकिन तेजी से बढ़ रही मौतों पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है। बता दें कि पूरी दुनिया में शुक्रवार तक कुल 21,58,076 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,50,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिका में अब तक कुल 6,71,151 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि मात्र पिछले 24 घंटे में 4,591 मौतों के साथ अब तक कुल मृतकों का आंकड़ा 33,000 पार कर गया है। मौतों का आंकड़ा तब है जब ट्रंप के मुताबिक अमेरिका पूरी दुनिया में सबसे तेज व सटीक जांच प्रणाली विकसित कर चुका है।


मोदी ने फ्रांस राष्ट्रपति से फोन पर की चर्चा

नई दिल्ली/ पेरिस। कोरोना महामारी ने फिलहाल पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इसी बीच लगभग सभी देश एक दूसरे को सहयोग करने के लिए तैयार हैं। वहीं, 31 मार्च को फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन और पीएम मोदी ने एक लंबी टेलीफोनिक बैठक की। उन्होंने सहयोग के क्षेत्रों को तय किया, सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा की, नवीनतम जानकारी साझा की, विशेष रूप से एक वैक्सीन पर शोध पर, और उनकी अंतरराष्ट्रीय पहलों का समन्वय किया। भारत के लिए फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने जानकारी देते हुए या बताया कि भारत आने वाले फ्रांसीसी नागरिकों को वापस उनके देश भेजने पर भी चर्चा की गई। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन के बाद से, 2,200 से अधिक यात्री इस प्रकार फ्रांस लौटने में सक्षम हो गए हैं।


जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार को जब चीन ने अपने मौतों के आंकड़ें में फेल बदल कर इसे बढ़ाया तो फ्रांस के राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस से निपटने में चीन के प्रयासों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी सवाल उठाए थे। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी चीजें घटित हुई हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं है। इस बीच, कोरोना से मुकाबले के मोर्चे पर फ्रांस को कुछ अच्छे संकेत मिले हैं।


कोरोना चुनौती ही नहीं, मौका भीः राहुल

नई दिल्ली। देश भर में कोविड-19 से हाहाकार मचा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 14,000 के आंकड़े को पार कर गई है। कोरोना वायरस से देश और दुनिया की लड़ाई के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने भारत को एक मौका दिया है कि वह अपने विशेषज्ञों की मदद इनोवेशन के जरिए इस महामारी का हल ढूंढ़े।राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'कोविड-19 महामारी एक बड़ी चुनौती तो है ही, लेकिन यह एक मौका भी है। इस समय जरूरत है कि हम अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियर्स और डेटा एक्सपर्ट्स को इनोवेटिव तरीकों से काम कर के इस महामारी का हल ढूंढने के लिए अवसर दें।'


व्यापारियों को खत्म करने की साजिश

नई दिल्ली। लॉकडाउन में ऑनलाइन कारोबार की अनुमति देना छोटे व्यापारियों को खत्म करने की साजिश है। यह बर्दाश्त बाहर है। इसे लेकर देश भर में असहयोग आंदोलन किया जाएगा। यह कहना है कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का। कैट के राष्ट्री उपाध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि सरकार ने 20 अप्रैल के बाद ऑनलाइन और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पाद बेचने की छूट दे दी है, वहीं व्यापारियों को सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की दुकान खोलने की छूट दी है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल यह सब बेच सकती है। यह बहुत ही भेदभाव पूर्ण रवैया है। व्यापारियों को बांध के रखा गया है और ई कॉमर्स को खुली छूट देना देश के 7 करोड़ और राज्य के 6 लाख कारोबारियों के साथ अन्याय है। सरकार के इस फैसले को लेकर देशभर के व्यापारियों में बहुत जबरदस्त आक्रोश है। आज देशभर के व्यापारी नेताओं के बीच में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई। एक बात सामने आ रही है कि अगर सरकार ने व्यापारी हित में निर्णय नहीं लिया तो हम महात्मा गांधी की तर्ज पर असहयोग आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। महात्मा गांधी ने विदेशी व्यापार के देश में अनुचित तरीके से कब्जे के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका था, वहीं अब कैट के नेतृत्व में देशभर के व्यापारी असहयोग आंदोलन करेंगे. कैट ने इस मामले में देशभर के व्यापारी संगठनों से राय आमंत्रित किया है।


उन्होंने कहा कि कैट ने सरकार के हर मुद्दों पर सकारात्मक रूख दिखाते हुए सोशल डिस्टेसिंग और अन्य फैसलों का समर्थन किया है। व्यापारियों ने इस महामारी में जान जोखिम में डालते हुए लोगों को आवश्यक व जरूरत के सामान उपलब्ध करवाने के लिए अभूतपूर्ण भूमिका निभाई। अब जब व्यापारियों की हितों की बात होनी चाहिए तब सरकार ने पक्षपात पूर्ण रवैये अपनाते हुए ऑनलाइन और ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनियों को छूट दे दी। जबकि यह बात सरकार जानती है कि ऑनलाइन कंपनियों से राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। दुकानें खुलने पर ही सरकार को वास्तविक जीएसटी और राजस्व की प्राप्ति होगी, वहीं इससे व्यापारी इस चुनौतीपूर्ण विपदा से लड़ते हुए अपनी आर्थिक हालत भी सुधार सकते हैं। ऑनलाइन और ई-कॉमर्स व्यवसाय में उत्पादों की कोई मॉनिटरिंग नहीं की जा सकती है, वहीं इसे वायरस के फैलने का भी खतरा रहेगा। हमारी मांग यह है कि यदि ऑनलाइन और ई-कॉमर्स को 20 अप्रैल के बाद अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलता है तो देशभर के रिटेल और होलसेल दुकानों को भी यह छूट मिलनी चाहिए। दुकानों में सोशल डिस्टेसिंग के लिए व्यापारी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। केंद्र सरकार को इस निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए, वहीं राज्य सरकारों से भी अपील है कि वे ऑनलाइन कंपनियों और ई-कामर्स कंपनियों के पक्ष में दिए गए फैसले पर एकबारगी फिर से विचार करें, ताकि छोटे दुकानदारों को इस आपदा से बाहर निकाला जा सके। CAIT ने केंद्र सरकार से यह मांग करती है की जो मल्टीनेशनल कम्पनी पीछे दरवाज़े से एंट्री दे रही है उसका पूरे प्रदेश और देश के व्यापारी विरोध करते है। और यदि चोर दरवाज़ा बंद न हुआ तो मजबूरी में व्यापारी पूरे देश में असहयोग आंदोलन करेंगे ।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...