शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 18, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-251 (साल-01)
2. शनिवार, अप्रैल 18, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- एकादशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:02,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-37+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

बढ़ती जा रही है अंचल वन की आग

शिवम सिंह राजपूत



रतनपुरी। एक तरफ अंचल के लोग लॉक डाउन के कारण घरों में दुबके हुए हैं तो वहीं इसी बीच जंगलों में आग फैलती जा रही है और वन विभाग भी इस ओर से पूरी तरह लापरवाह नजर आ रहा है। हर साल गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लग जाती है। इस बार भी रतनपुर के पास खैरा के सागौन प्लांटेशन में आग लगी हुई है और यह आग लगातार बढ़ती जा रही है , जिसने बहुत बड़े इलाके को अपनी जद में ले लिया है।


आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने वन विकास निगम और डिप्टी रेंजर पी एन चौरे को भी इसकी सूचना दे दी है, लेकिन उन्होंने यहां झांकना तक जरूरी नहीं समझा । इस कारण यहां बेशकीमती सागौन के पेड़ जलकर नष्ट हो रहे हैं। वहीं आसपास के ग्रामीणों का आरोप है कि इस क्षेत्र में वन माफिया सक्रिय हैं, जिनके द्वारा भी सागौन की अवैध कटाई की जाती है और सबूत मिटाने इसी तरह जंगल में आग लगा दी जाती है। इससे जहां क्षेत्र का वन बर्बाद हो रहा है वही वन्य जीवन पर भी बुरा असर पड़ रहा है। शुरुआत में स्थिति नियंत्रण में नहीं की गई तो यह आग बेकाबू भी हो सकती है, लेकिन लॉक डाउन का बहाना कर अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।


 


चीन ने भेजी 5 लाख चिकित्सा किट

बीजिंग। चीन ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने में मदद के लिए भारत को बृहस्पतिवार को 5,00,000 कोरोना वायरस चिकित्सा किट्स भेजी। बीजिंग में भारत के दूत विक्रम मिस्री ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया कि चीन से खरीदी जा रही 20 लाख से अधिक जांच किटों को अगले 15 दिनों में भारत भेजा जाएगा। मिस्री ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ”रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट्स और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट्स समेत कुल 500,000 किटों को आज तड़के ग्वांग्झू हवाईअड्डे से भारत के लिए भेजा गया।


कोरोना वायरस से करीब ढाई महीने तक जूझने के बाद चीन में कारखानों ने एक बार फिर काम शुरू कर दिया है और वह भारत समेत दुनियाभर में वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) समेत चिकित्सा सामान की भारी मांग को एक बड़े कारोबारी अवसर के तौर पर देख रहा है। चीन से इन सामान के आयात के लिये निजी और सरकारी कंपनियां दोनों ही ऑर्डर दे रही हैं। ऐसी जानकारी है कि चीन ने भारत में मौजूदा लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में जांच बढ़ाने के उसके प्रयास के तौर पर पहले चिकित्सा किट्स की दो बड़ी खेप भेजीं।
भारत ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बंद की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी है। देश में इस बीमारी से 414 लोगों की मौत हुई है और 12,380 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।


मिस्री ने कहा कि भारतीय दूतावास, भारत में इन सामान को समय से पहुंचाने के लिए विमानों के समन्वय पर काम करने के अलावा वाणिज्यिक खरीद में सहयोग भी कर रहा है। मंगलवार को उन्होंने यहां मीडिया को बताया था कि भारत ने 30 लाख जांच किटों के अलावा कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मियों के लिए चीन से 1.5 करोड़ निजी सुरक्षा उपकरण खरीदने का ऑर्डर दिया है। मिस्री ने कहा, ”मुझे लगता है कि हमारी जरूरतों को समय पर और सुचारू तरीके से तथा अनुमानित कीमत पर पूरा करना भारत-चीन संबंध के लिए सबसे अच्छा संकेत होगा। दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के फैलने के कारण चीनी चिकित्सा सामान की मांग बढ़ने पर चीन ने बुधवार को सभी देशेां से सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त चीन की प्रतिष्ठित कंपनियों से इन सामान का आयात करने के लिए कहा तथा जालसाजी में शामिल लोगों को सजा देने की बात कही।


उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में कई देशों के चिंता जताए जाने के बारे में सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन सरकार व्यवस्थित निर्यात को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा, ”हम आशा करते हैं कि विदेशी खरीददार उन कंपनियों के उत्पादों को चुनेंगे जिन्हें अच्छे उत्पाद की विश्वसनीयता के लिये चीनी नियामक से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा, ”हाल ही में कई देशों ने चीन से मेडिकल सामग्री खरीदी है। अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करते हुए हम विश्वसनीयता वाली कंपनियों और उत्पादों के निर्यात के मामले में प्रतिष्ठित कंपनियों की सहायता कर रहे हैं।


पुलिस पर हमले के 17 आरोपी अरेस्ट

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के परिवार को क्वारंटीन करने के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला करने के आरोप में 17 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।


मुरादाबाद कोरोना टीम हमला
इन 17 लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 188, 269, 270, 332, 353, 307 और दूसरी अन्य कई धाराओं के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। यह हमला तब हुआ जब स्वास्थ विभाग की टीम संक्रमित शख़्स के परिवार को क्वारंटीन करने के लिए पहुंची थी। हमले में डॉक्टर, एंबुलेंस चालक समेत कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया, “नागफनी थाना क्षेत्र के हॉटस्पॉट में बुधवार दोपहर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर महिलाओं और कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। स्वास्थ्य टीम पुलिस को साथ लेकर दो दिन पहले हुई कोरोना पॉजिटिव कारोबारी की मौत के बाद उसके परिवार और आस-पड़ोस के सदस्यों को क्वारंटीन करने गई थी। घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी पहुंच गए। हालांकि हमले उसके बाद भी होते रहे. फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है।”


बताया जा रहा है कि हमले में घायल डॉक्टर और एंबुलेंस चालक की हालत गंभीर बनी हुई है। नागफनी थाना प्रभारी और उनके साथियों को भी कई पत्थर लगे हैं। पथराव में एबुलेंस और पुलिस जीप भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। घायलों को ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए दोषियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


बताया जा रहा है कि नागफनी थाना क्षेत्र के नवाबपुरा निवासी एक पीतल कारोबारी की दो दिन पहले तीर्थंकर मेडिकल विश्वविद्यालय अस्पताल में मौत हो गई थी। मृत व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने परिवार और आस-पास के 53 लोगों की सैंपलिंग की जिसमें से 17 लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। इसके बाद इस क्षेत्र को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही थी। इसी बीच मृतक के भाई की भी अचानक हालत बिगड़ गई जिसे होम क्वारंटीन किया गया था।बुधवार दोपहर करीब 12 बजे डॉक्टर एससी अग्रवाल के नेतृत्व में पांच सदस्यों की टीम पुलिस को साथ लेकर नवाबपुरा इलाके में पहुंची थी।


मुरादाबाद कोरोना टीम हमला
एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम न छापने की शर्त पर बीबीसी को बताया, “कुछ लोगों ने यह ख़बर फैलाई कि मेडिकल टीम कारोबारी के परिवार के साथ-साथ पड़ोस के लोगों को भी क्वारंटीन करने के लिए लेने आई है। टीम को देखकर महिलाएं भड़क गईं और उन्होंने एक भी सदस्य को टीम के साथ जाने नहीं दिया। इसी बीच नागफनी थाना प्रभारी सुनील कुमार भी अपनी टीम के साथ पहुंच गए। इस पर वहां मौजूद महिलाओं ने पथराव शुरू कर दिया।”


घटना की सूचना मिलने पर डीएम राकेश कुमार सिंह और एसएसपी अमित पाठक, एसपी सिटी अमित आनंद समेत शहर के तमाम आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और घायलों को अस्पताल भिजवाया। पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में भी काफ़ी देर तक रुक-रुक कर पत्थरबाज़ी होती रही। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि हमलावरों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है कि और जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनसे पूछताछ की जा रही है। इलाक़े में भारी मात्रा में पुलिस बल और पीएसी को तैनात किया गया है।


9 दिनों में मौतों का आंकड़ा '30 हजार'

न्यूयॉर्क। दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में महज नौ दिनों में मरने वालों का आंकड़ा दस हजार से बढ़कर तीस हजार हो गया है। देश में संक्रमित लोगों की संख्या भी साढ़े छह लाख के करीब पहुंच गई है। इसके बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका में महामारी का सबसे बुरा दौर बीत चुका है और जल्द ही वह राज्यों के गवर्नरों के साथ चर्चा कर अर्थव्यवस्था को दोबारा खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे।


हालांकि लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बढ़चढ़ कर हिस्‍सा ले रहे हैं। अमेरिका में कोरोना संक्रमण से उबर चुके हजारों लोग प्लाज्मा दान करने के लिए कतारों में देखे जा रहे हैं। 68 हजार से ज्यादा मौतों का अनुमानः समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, अमेरिका में बुधवार को कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 30 हजार 400 हो गई। देश में इस महामारी से पहली मौत 29 फरवरी को हुई थी और दस हजार के आंकड़े तक पहुंचने में 38 दिन लगे थे। लेकिन महज नौ दिनों में ही यह आंकड़ा दस से तीस हजार के स्तर पर पहुंच गया। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के मॉडल के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका में अगस्त की शुरुआत तक 68 हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ सकते हैं। ह्वाइट हाउस भी कई बार इस मॉडल का हवाला दे चुका है।


40 करोड़ के सामने बेरोजगारी संकट

कोरोना वायरस आज नहीं तो कल दुनियाभर में खत्म हो ही जाएगा लेकिन उसके असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर इतना भयानक पड़ेगा जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक भारत में करीब 40 करोड़ लोग इस महामारी के चलते बेरोजगार हो सकते हैं। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की दूसरी तिमाही में देशभर में करीब 19 करोड़ लोगों की नौकरियां जाएगी।


नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण ने भले ही आज दुनिया को हिला रखा हो लेकिन दुनिया को इसका असर कई सालों तक देखने को मिलेगा। खास तौर पर गरीब और मध्यम वर्ग पर कई सालों तक कोरोना की मार पड़ने वाली है। सभवत: आने वाले दिनों में कोरोना के मुकाबले दुनियाभर में गरीबी और भुखमरी से कहीं ज्यादा मौत होगी। क्योंकि भारत में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है, ऐसे में भारत में बड़ी संख्या में भुखमरी की आशंका जताई गई है। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से भारत में अंसगठित क्षेत्रों में काम करने वाले करीब 40 करोड़ लोग गरीबी और भुखमरी के शिकार होने की संभावना है। यही नहीं अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक 2020 की दूसरी तिमाही में देशभर में करीब 19 करोड़ लोगों की नौकरियां जाएगी।


आईओएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद कोरोना दुनिया के सामने सबसे बड़ी मुसीबत बनकर आई है। आईएलओ के डायरेक्टर गाय रायडर के मुताबिक मंदी का दौर विकसित और विकासशील दोनों देशों में एकसमान देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामंदी को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयासों की जरूरत है और अगर वो नहीं लिए गए तो दुनियाभर में महामंदी आएगी। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पूरी दुनिया में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब दो अरब लोग हैं जिनके सामने कोरोना के बाद जीविका की समस्या पैदा हो जाएगी।


आईएलओ की रिपोर्ट में जिन देशों का नाम खास तौर पर लिया गया है उनमें भारत का भी नाम शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से भारत, नाईजीरिया, ब्राजील जैसे देशों में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों की हालत बेहद खराब और चिंताजनक होने वाली है। रिपोर्ट में भारत को लेकर कहा गया है कि भारत की 90 फीसदी आबादी अंसगठित क्षेत्र से जुड़ी हुई है और ऐसे में इनमें से करीब 40 करोड़ लोगों को गरीबी और बेरोजगारी का सामना करना पड़ सकता है।


गाजियाबादः हॉटस्पॉट केंद्रों का निरीक्षण

डीएम व एसएसपी द्वारा किया गया जनपद के विभिन्न हाॅटस्पाट केन्द्रों का निरीक्षण


अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। कोविड-19 कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के सफल क्रियान्वयन हेतु श्रीमान जिलाधिकारी महोदय व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री कलानिधि नैथानी द्वारा जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भ्रमण कर लाॅकडाउन  की स्थिति व हॉटस्पॉट केंद्रों का निरीक्षण कर  जायजा लिया गया ।
  
विभिन्न थाना क्षेत्रों में हाॅटस्पाट केंद्रों पर ड्यूटी में मौजूद मिले पुलिसकर्मियों व अन्य लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखने,मास्क आवश्यक रूप से लगाने तथा ग्लब्स, सैनेटाइजर यूज़ करने हेतु  बताया गया।  एसएसपी द्वारा ड्यूटी पर लगे सभी पुलिसकर्मियों से हॉटस्पॉट क्षेत्रांतर्गत रहने वाले व्यक्तियों की दैनिक आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखने हेतु कहा गया। एसएसपी द्वारा सभी क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी व पुलिसकर्मियों से लाॅकडाउन  का पूर्णरूपेण पालन कराने तथा उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही* करने हेतु निर्देशित किया गया।


शक्ति भवन में ऊर्जा विभाग की समीक्षा

संजय सोनकर                                                              लखनऊ। ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा ने शक्ति भवन स्थित कार्यालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की।निबध्य्य विद्युत आपूर्ति के लिए हुई बैठक।सीएमडी, एमडी और डायरेक्टर्स बैठक में मौजूद थे।उवभोक्ताओं को इस संकट की घड़ी में बिजली मिलती रहे, इसको सुनिश्चित किया जाएगा। प्रकाश पर्व के दौरान हमारे सभी इंजीनियरों ने काम किया।अपनी प्लानिंग से काम किया, जो अफवाह फैला रहे थे कि ग्रिड फेल हो जाएगा, उन्हें अपने काम से जवाब दिया -ऊर्जा परिवार के सभी कार्मिक अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं, सभी को मेरा सालम।


कार्मिकों की मुस्तैदी के बल पर हम बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं, किसी को दिक्कत नही हो रही है।1912 पर मिलने वाली शिकायतों का तुरंत निस्तारण किया जा रहा है। उप केंद्रों का काम जो रुका हुआ है, 20 अप्रैल के बाद से काम शरू हो जाएगा। प्रदेश में रहने वाले लोगों को क्वालिटी की बिजली मिलती रहे, इसके लिए हम तत्पर हैं और अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।


गाजियाबादः महिला के थूकने पर बवाल

मनीष


गाजियाबाद। मोदीनगर क्षेत्र के तेल मिल गेट पर एक महिला जो बुर्के में थी उस पर कोल्ड ड्रिंक में थूकने एवं नोटों पर थूक लगा कर देने का मामला सामने आने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बताते चलें एक महिला तेल मिल गेट पर दुकानदार से सामान लेने पहुंची। पर क्षेत्रवासियों के अनुसार उसने नोटों पर थूक लगाकर दुकानदार को देने की कोशिश करी विरोध करने पर महिला वहां से भाग खड़ी हुई। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी पुलिस ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए महिला को पकड़ने की कोशिश करी लेकिन महिला लगातार भागती रही।


जब महिला साहब नगर चौकी के पास पहुंच गई तो बड़ी मुश्किलों से मशक्कत करने के पश्चात महिला को पुलिस द्वारा एंबुलेंस में बैठाकर आइसोलेट करने के लिए अस्पताल के लिए रवाना कर दिया। सूत्रों की माने यदि महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है तो क्षेत्र में कोरा के मरीज मिलने की भी संभावना बनी रहेगी। महिला की पहचान दिल्ली निवासी के रूप में की गई। चौकी प्रभारी रामवीर सिंह एवं उनकी टीम एवं साध नगर चौकी सह प्रभारी अमित शर्मा व उनकी टीम द्वारा इस महिला को काफी मेहनत मशक्कत के बाद काबू में लाकर एंबुलेंस में बिठाया गया।


उपभोक्ताओं के लिए सीएम को लिखा पत्र

राणा ओबराय
विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, बिजली उपभोक्ताओं के लिए मांगी राहत

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता ने वैश्विक महामारी कोविड 19 के प्रकोप के मद्देनजर प्रदेश सरकार से बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का अनुरोध किया है। गुप्ता ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड 19 संक्रमण के चलते प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं। ऐसे में घरेलू उपभोक्ताओं और औद्यौगिक इकाइयों को बिजली बिलों के भुगतान में रियायत देना समय की जरूरत बन गई है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ प्रदेश सरकार ने भी जनता की आवाजाही और कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों आदि को खोलने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। निकट भविष्य में भी इस अभूतपूर्व स्थिति के जारी रहने की आशंका है। इन परिस्थितियों के चलते उपभोक्ताओं को समय पर अपने बिजली बिलों का भुगतान करने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने भाषण में कंपनियों को अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने और उनके प्रति सहानुभूति दिखाने के लिए कहा है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ज्ञानचन्द गुप्ता ने सुझाव दिया कि उद्योगों और घरेलु उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के भुगतान में कुछ रियायतें देनी चाहिए। उन्होंने प्रमुख रूप से तीन सुझाव मुख्यमंत्री को लिखे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों के भुगतान की नियत तारीख का विस्तार करना चाहिए और उपभोक्ताओं से बिलों के भुगतान पर विलंब शुल्क नहीं लेना चाहिए। दूसरा, उन उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में छूट मिलनी चाहिए जिन्होंने अप्रैल के महीने में मूल देय तारीखों पर या इससे पहले अपने वर्तमान बिल का भुगतान किया है। तीसरा, भविष्य में कुछ विशिष्ट अवधि के लिए लघु, मध्यम और भारी औद्योगिक इकाइयों को निर्धारित शुल्क में छूट देनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इन सुझावों को अमल में लाने के लिए बिजली विभाग द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत निर्देश जारी किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब आदि राज्यों ने भी बिजली उपभोक्ताओं को इस प्रकार की छूट देने की प्रकिया शुरू कर दी है।


लॉक डाउन पालन हेतु सड़क पर सेना

भैरहवां नेपाल: लॉक डाउन का पालन कराने के लिए सड़क पर उतरी सेना
महाराजगंज। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के भैरहवां कस्बे में लकडाउन को कड़ाई के साथ पालन कराने के लिए सेना लगा दी गई है। बता दें कि भारत नेपाल सीमा से सटे नेपाल रूपंदेही जिले के प्रमुख कस्बा भैरहवां में लॉक डाउन पालन कराने में पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लोग सड़क पर निकलने लगे थे यहां तक कि दुकाने भी खोलने लगे थे। जिसको देखते हुए नेपाल सरकार ने भैरहवा कस्बे में नेपाली सेना को उतार दिया। सेना के जवान सड़क पर गस्त कर रहे हैं और लाक डाउन का पूरी तरह से पालन करा रहे हैं।
इस संबंध में रूपंदेही जिले के जिलाधिकारी महादेव पन्थले ने बताया है कि लाकडाउन का पूरी तरह से पालन कराने के लिए नेपाली सेना का सहयोग लेना पड़ा है और अब लाक डाउन का पूरी तरह से पालन हो रहा।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...