लंदन। कभी अरबपतियों की लिस्ट में रहने वाले अनिल अंबानी दुनियाभर के अमीरों की लिस्ट में छठे नंबर पर थे। आज वह कंगाल हो गए हैं। उन्होंने ब्रिटेन की एक अदालत से कहा कि उनकी नेटवर्थ जीरो है और वह दिवालिया हो चुके हैं। चीन के बैंकों के 68 करोड़ डॉलर (4,760 करोड़ रुपये) के कर्ज के मामले की सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी के वकील ने कहा कि एक समय था जब वह बेहद अमीर कारोबारी थे, लेकिन भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में मची उथल-पुथल के बाद सब बर्बाद हो गया और वह अब अमीर नहीं रहे। तीनों बैंकों ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स को 925.20 मिलियन डॉलर (करीब 6,475 करोड़ रुपये) का लोन दिया था। उस समय अनिल अंबानी ने कहा था कि वह इस लोन की पर्सनल गारंटी देते हैं, लेकिन फरवरी 2017 के बाद कंपनी लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो गई।
कारों की लाइन, प्राइवेट जेट भी : अदालत में बैंकों के वकीलों ने कहा कि अंबानी के पास 11 या उससे ज्यादा लग्जरी कारें, एक प्राइवेट जेट, एक याट और दक्षिण मुंबई में एक विशिष्ट सीविंड पेंटहाउस है। जज डेविड वाक्समैन ने सवाल किया, ‘श्री अंबानी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह व्यक्तिगत रूप से दिवालिया हो चुके हैं। क्या उन्होंने भारत में दिवालिया आवेदन किया है।Ó अंबानी के वकीलों की टीम में शामिल देश के प्रमुख अधिवक्ता हरीश साल्वे ने इसका जवाब ‘नहींÓ में दिया। इसके बाद अदालत में भारत की इनसॉल्वेंसी व बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) पर उल्लेख हुआ। वकील ने कहा, ‘कुल मिलाकर हालात ऐसे हैं कि अंबानी 70 करोड़ डॉलर अदा करने की स्थिति में भी नहीं हैं।
संकट में मदद नहीं करेगा परिवार : बैंकों के वकीलों ने कई ऐसे उदाहरण दिए जब उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें संकट से बाहर निकलने में मदद की। वहीं, बचाव पक्ष के वकीलों से यह स्थापित करने करने की कोशिश की कि अंबानी के पास अपनी मां कोकिला, पत्नी टीना अंबानी और बेटों अनमोल और अंशुल की संपत्तियों और शेयरों तक कोई पहुंच नहीं है। इस पर वकीलों ने कहा कि क्या हम गंभीरता से यह मान सकते हैं कि संकट के समय उनकी मां, पत्नी और पुत्र उनकी मदद नहीं करेंगे। भाई मुकेश अंबानी एशिया में सबसे अमीर : बैंकों के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर शख्स हैं और वह फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया के 13वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी नेटवर्थ 55 से 57 अरब डॉलर के करीब है।
निवेश वैल्यू ऐसे हुई खत्म : अंबानी के वकील रॉबर्ट होवे ने कहा, अंबानी के निवेश की वैल्यू 2012 के बाद खत्म हो गई थी। भारत सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम देने की पॉलिसी में बदलाव का भारतीय टेलिकॉम सेक्टर पर गहरा असर पड़ा था। साल 2012 में अंबानी के निवेश की कीमत 7 अरब डॉलर से अधिक थी, लेकिन अब वह 8.9 करोड़ डॉलर (623 करोड़ रुपये) रह गई है और अगर एक बार जब उनकी देनदारी पर विचार किया जाता है तो उनकी कुल संपत्ति जीरो हो जाती है। साधारण सी बात है, वह एक अमीर कारोबारी थे, लेकिन अब नहीं हैं।
93 हजार करोड़ का कर्ज
अनिल अंबानी रिलायंस कम्युनिकेशन्स के चेयरमैन हैं और उनका ग्रुप पिछले कुछ समय से कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है। ग्रुप पर कर्ज का बहुत बड़ा बोझ है, जिसकी वजह से वह परेशानी में हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर तक ग्रुप पर 13.2 अरब डॉलर (करीब 93 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज है।
…तब बड़े भाई मुकेश ने की मदद
एरिक्शन के साथ भी इसी तरह का विवाद सामने आया था। रिलायंस कम्युनिकेशन्स को एरिक्शन को 550 करोड़ रुपये चुकाने थे। सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद अनिल अंबानी कर्ज चुकाने के लिए तैयार हुए और इसमें मुकेश अंबानी ने उनकी मदद की।