राणा ओबराय
मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहरलाल के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती
चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री और करनाल से विधायक मनोहर लाल खट्टर की मुश्किलें बढ़ सकती है। यहां से चुनाव जीतने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में निर्दलीय प्रत्याशी रहे मा. रमेश खत्री ने माननीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
निर्दलीय प्रत्याशी रहे मा. रमेश खत्री ने अपनी याचिका में कहा है कि मुख्यमंत्री ने चुनाव के दौरान प्रशासनिक अमले का दुरुपयोग किया था। इस मामले में हरियाणा सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने जबाव देने के लिए समय की मांग की।
इस मामले में दोनों पक्षों की बात सुनने के लिए अब माननीय कोर्ट ने 27 मार्च की तारीख निर्धारित की है। अब दोनों तरफ से 27 मार्च को कोर्ट के सामने जबाव पेश करना होगा।
मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020
सीएम मनोहर लाल को हाईकोर्ट में चुनौती
आईडीबीआई की हिस्सेदारी भी बेंंचेगी सरकार
एलआईसी के बाद अब आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी भी बेचेगी सरकार
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी निजी कंपनियों को बेचेगी, लेकिन नियंत्रण सरकार के पास ही रहेगा। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया कि सरकार के पास कितनी हिस्सेदारी रहेगी। बजट 2020 में केंद्र सरकार ने एलान किया है कि वो आईपीओ के माध्यम से सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा सरकार ने आईडीबीआई बैंक में भी मौजूद अपनी हिस्सेदारी को निजी निवेशकों को बेचने की घोषणा की है। आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 46.46 फीसदी हिस्सेदारी है। वित्त मंत्री की हिस्सेदारी बेचने की घोषणा के बाद आईडीबीआई बैंक के शेयर में बढ़त आई है। दोपहर 2:05 बजे एलआईसी का शेयर 3.75 अंक यानी 11.01 फीसदी की बढ़त के बाद 37.80 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। शुरुआती कारोबार में यह 34.35 के स्तर पर खुला था। जबकि पिछले कारोबारी दिन आईडीबीआई बैंक का शेयर 34.05 के स्तर पर बंद हुआ था। एलआईसी ने हाल ही में आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर उसे संकट से बाहर निकाला। 2018 में बढ़ते एनपीए की वजह से आईडीबीआई को आरबीआई ने पीसीए की सूची में डाल दिया था। जिसके बाद एलआईसी ने आईडीबीआई के लिए संकटमोचक का काम किया।
एक बार फिर ट्रैक्टर-टेंपो में जबरदस्त टक्कर
ट्रेक्टर और टैंपो में जबरदस्त टक्कर, एक की गई जान, दूसरा पहुंचा अस्पताल
ऊना। पुलिस थाना हरोली के तहत छतरपुर टाडा रोड पर ट्रै और टैंपो की टक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान चरणदास पुत्र रुलिया राम निवासी बाथू हरोली के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पौस्टिक ऊना भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हादसे में टैंपो चाल मोहन लाल भी घायल हुआ है जिसे अस्पताल में उपचाराधीन करवाया गया है। जानकारी के अनुसार छतरपुर टाडा में देर रात एक टैंपो और ट्रैक्टर में जबरदस्त टक्कर हो गई जिसमें ट्रैक्टर चालक चरणदास गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि हादसा इतना जबरदस्त था कि चरण दास ने हादसे के तुरंत बाद दम तोड़ दिया जबकि टैंपो चालक मोहन लाल निवासी मैहतपुर को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। उधर, डीएसपी अशोक वर्मा ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। घायल के बयान कलमबद्ध किए जा रहे हैं।
विकास को दिशा देने वाली सरकार, दिल्ली ?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में द्वारका की चुनावी रैली को संबोधित किया। इसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला। मोदी ने कहा कि दिल्ली को दोष देने वाली नहीं, दिशा देने वाली सरकार चाहिए। उन्होंने कहा कि वोटिंग से 4 दिन पहले बीजेपी के पक्ष में ऐसा माहौल कई लोगों की नींद उड़ा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने जहां अपनी सरकार की उपलब्धियों का जमकर बखान किया। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली के विकास की राह में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया। पीएम ने अरविंद केजरीवाल बयानों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि दिल्ली को ऐसी राजनीति नहीं चाहिए जो आतंकी हमले के समय भारत के पक्ष को कमजोर करे, जो अपने बयानों से दुश्मन को भारत पर वार करने का मौका दे दे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'कल पूर्वी दिल्ली में और आज यहां द्वारका में यह साफ हो गया है कि 11 फरवरी को क्या परिणाम आने वाले हैं। दिल्ली को बढ़ाने के लिए, राष्ट्रहित के भाव को बुलंद रखने के लिए आपके इस जोश और जुनून को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। उन्होंने कहा, 'दिल्ली को दोष देने वाली नहीं, दिशा देने वाली सरकार चाहिए। दिल्ली को रोड़े अटकाने वाली और नफरत फैलाने वाली राजनीति से मुक्ति चाहिए। दिल्ली को उलझाने वाली नहीं, सुलझाने वाली राजनीति चाहिए। दिल्ली को विकास की योजनाएं रोकने वाली नहीं, सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास वाला नेतृत्व चाहिए।' पीएम ने कहा कि गरीबों की भलाई वाली योजनाओं की राह में दिल्ली में रोड़े अटकाए गए। उन्होंने कहा, 'आप सोचिए, जो गरीब का हित चाहेगा, जिसके दिल में गरीब के लिए दर्द होगा, क्या वह गरीब को सरकार की योजनाओं से वंचित करेगा क्या? कितना भी राजनीतिक विरोध हो लेकिन गरीबों की भलाई में कोई रोड़े अटकाएगा क्या? लेकिन दिल्ली में पिछले 5 साल से गरीबों की भलाई की राह में रोड़े अटकाना ही चल रहा है। केंद्र की योजनाओं को लागू होने से पहले ही यहां मना कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'दिल्ली के गरीबों का क्या गुनाह है कि उन्हें 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिलता। आयुष्मान भारत योजना में एक विशेषता है। मुद्दा 5 लाख का नहीं है। अगर दिल्ली का कोई नागरिक जो इस योजना का लाभार्थी है वह किसी काम से ग्वालियर गया, भोपाल गया, सूरत, नागपुर, हैदराबाद, चेन्नै गया और अचानक वहां बीमार हो गया तो यह मोहल्ला क्लिनिक वहां जाएगा क्या? लेकिन यह आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू होती और दिल्ली का कोई लाभार्थी वहां किसी काम से गया होता, वहां गंभीर से गंभीर स्वास्थ्य समस्या से परेशान होता तो 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज होता। दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है जिसे आपके जान की परवाह नहीं है।
रेप पीड़िता पर एसिड अटैक का मामला
अतुल त्यागी जिला प्रभारी
रेप पीड़िता पर घर में घुस कर एसिड अटैक डालने का मामला
हापुड़। कोतवाली बाबूगढ़ पुलिस ने घटना में शामिल मुख्य अभियुक्त तारिक निवासी गांव सरावनी को किया गिरफ़्तार दूसरा आरोपी मुनीर भागने में रहा कामयाब दोनों आरोपी भागने की थे फिराक़ में पुलिस ने मात्र 24 घंटे में की तारिक की गिरफ़्तारी कुचेसर रोड रेलवे फाटक के पास से तारिक को किया गिरफ़्तार।
दृष्टिहीन पति-पत्नी ने किया विरोध प्रदर्शन
जीत गए तो वतन मुबारक,
मर गए तो कफन मुबारक।
प्रयागराज। मंसूर अली पार्क में चौबिस दिन से एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ चल रहे धरने मे, आज युवतियों ने हाँथो मे 'नो सीएए एनआरसी और एनपीर' के साथ आज़ादी लिखे टैटू बनवा कर, विरोध प्रदर्शन मे हिस्सा लिया। वहीं कालिन्दीपुरम कांशीराम आवास योजना मे रह रहे दोनो आँखों से माज़ूर पति-पत्नी, अपने दो बच्चों के साथ मंसूर अली पार्क में चल रहे विरोध प्रदर्शन मे आगे की पंक्ति में बैठ कर काले क़ानून को वापिस लेने की मांग की। तुफैल अहमद और रिज़वाना बेगम ने बताया की हम पति पत्नी दोनो की आँखो से नहीं दिखता दो छोटे छोटे बच्चे हैं पाँच सौ रुप्ये पेन्शिन मिलती है हम अपने परिवार का जैसे-तैसे गुज़ारा कर रहे हैं। अब जब यह काला क़ानून आ जाएगा तो न तो हम अपना काग़ज़ दिखा सकते है और न ही हम कहीं जा सकते.हैं।सरकार को हमारे जैसे देश के हज़ारो आँख पैर दिमाग़ से कमज़ोर लोगों के बारे में सोचना चाहिये।प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं ने काले क़ानून की वापसी न होने तक धरना चालू रखने की बात कहते हुए हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद,संविधान ज़िन्दाबाद,मंसूर पार्क की महिलाएँ ज़िन्दाबाद का नारा बुलन्द किया।इस मौक़े पर सायरा अहमद,अब्दुल्ला तेहामी,ज़ीशान रफत,इरशाद उल्ला,मो०ज़ाहिद आदि मौजूद रहे।
बृजेश केसरवानी
पतित-पावन उपन्यास'
पतित पावन 'उपन्यास'
गतांक से...
स्वराज दरवाजा खोल कर दलान में होता हुआ, पढ़ने वाले कमरे में चला आता है। जहां पहले से ही जया और कल्पना मौजूद थे। कुछ ही समय पश्चात आश्चर्य भी आ गए। सभी ने सादर सहित नमस्कार किया और अब अपने स्थान पर बैठ गए। अध्यापक के सिर पर 'नेहरू वाली टोपी' थी। थोड़ा ढीला-सा पायजामा, गले में जनेऊ और रुद्राक्ष की माला, बड़े से सीसो का चश्मा और बड़ी-बड़ी मूछों के साथ, भौंहे भी एक दूसरे में लिपट रही थी। उस पर खन्ना कट कुर्ता, भले ही खादी का था। अध्यापक की गरिमा का एहसास होता था।
हरीश चंद्र शर्मा ने अज्ञानता से कहा- यह कौन है?
जया ने स्थिति के अनुसार स्वयं ही उत्तर देना उचित समझा- गुरु जी, यह रतिराम की लड़की है सबसे बड़ी है। पढ़ने की इच्छा इसे यहां खींच लाई है।
हरीश चंद्र शर्मा ने भौंहें सिकोड कर जया की तरफ देखा और नाक बनाते हुए कहा- नहीं यह शिक्षा कैसे प्राप्त कर सकती है? यह इसके योग्य नहीं है। इस का रहन-सहन, सामाजिक परिवेश। देख रहे हो तुम, इसके वस्त्रों से दुर्गंध आ रही है।
स्वराज ने विनम्रता पूर्वक कहा- गुरुदेव यह इसलिए इस के योग्य नहीं है कि एक गरीब मजदूर की पुत्री है। आप इसे नीच जाति की समझते हैं। इसके वस्त्रों से बदबू आ रही है। इसलिए गुरुदेव! बुरा ना मानिए, बदबू तो आपके भी कपड़ों से आ जाएगी। आपको कुछ दिन तक इनके जैसे जीवन का आभाष करना चाहिए। जब मनुष्य के सामने आर्थिक परेशानी होती है तो इस प्रकार के पात्र-अपात्र से जुड़े हुए प्रश्न स्वयं प्रकट हो जाते हैं। मेरे विचार से तो शिक्षा पर जितना अधिकार मेरा है, उतना ही कल्पना का भी है। बल्कि शिक्षा सबके लिए है,उसको प्राप्त करने का सबको अधिकार होना भी चाहिए और आप तो विद्वान अध्यापक है। आपके नाम की ख्याति तो दूर-दूर तक फैली हुई है। आपके जैसे आचार्य तो सैकड़ों आचार्य में एक होते हैं। आचार्य हरिश्चंद्र के भीतर अल्प अहंकार जागृत हो गया और आवेशित मुद्रा में स्वराज से कहा- तुम हमसे बहस कर रहे हो, तुम्हारे मन में हमारे प्रति कोई आदर नहीं है, कोई सम्मान की भावना नहीं है। तुम विवेकपूर्ण निर्णय करने में समर्थ नहीं हो। शायद तुम्हें इस बात की भनक नहीं है, जिस मनुष्य के पास खाने की उचित व्यवस्था ना हो, पहनने को पर्याप्त वस्त्र ना हो, वह शिक्षा कैसे ग्रहण कर पाएगा?
स्वराज ने विनम्रता से ही उत्तर दिया- गुरुदेव आपने कल्पना की भावनाओं को समझने का प्रयास नहीं किया है। भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा, गुरुदेव मैं आपसे बहस नहीं कर रहा हूं और मैं इस योग्य भी नहीं हूं। मैं केवल आपसे यही कहना चाहता हूं आप तो आचार्य है। अध्यापक हैं आप शिक्षा का अनुदान कर रहे हैं। इसमें उचित-अनुचित का क्या भेद है। हम तीनों में से कौन आपकी शिक्षा आपकी विचारों के अनुसार ग्रहण करता है और कौन विचारों के विपरीत ग्रहण करता है। इसका अनुसरण कैसे कर सकते हैं आप? यह तो केवल विद्यार्थी पर निर्भर होता है कि वे शिक्षक के द्वारा दिए विज्ञान को किस प्रकार ग्रहण करता है और किस प्रकार जीवन में उसका उपयोग करता है। यदि आचार्य अध्यापक गुरु भी द्वेष भाव को बढ़ावा देंगे तो क्या शिक्षा के प्रति शिष्य भटक नहीं जाएगा। जहां द्वेष है वहां शिक्षा का क्या संबंध है। यदि शिक्षा है तो फिर द्वैष का क्या अर्थ होता है? इन दोनों में तो विरोध प्रकट होता है। यदि आप द्वैष पूर्ण इस प्रकार की बात कर रहे हैं तो फिर आप से किसी को शिक्षा ग्रहण करना ही नहीं चाहिए। इसके लिए मैं तो पूरी तरह अपात्र हूं। किंतु आचार्य जी जिस प्रकार अध्यापक में हीन भावना व्याप्त रहती है। वह शिक्षक शिक्षा के मर्म को नहीं जानता है। शिक्षा अध्ययन है, अध्ययन का भौतिक अनावरण एक शिक्षक का कार्य होता है। वेशभूषा अथवा रहन-सहन से किसी व्यक्ति के ज्ञान का आकलन नहीं किया जा सकता है। जहां श्वेत वस्त्रों में अस्त व्यस्त अध्यापक हीन भावना से ग्रस्त है। वहां वेदना के मर्म का कोई मोल नहीं है।
जया उदारता पूर्वक बोली- गुरुदेव आप इसे पढ़ाना नहीं चाहते हैं और हमें लगता है कि हमें आपसे ही नहीं पढ़ना चाहिए। यदि आपके मन में विद्यार्थियों के प्रति हीन भावना व्याप्त है। तब आप हमें शिक्षा नहीं दे सकते हैं। आचार्य हरिश्चंद्र स्वराज की तरफ एकटक देखता रहा किंतु कुछ कहा नहीं। जया की उद्दंडता पर उन्होंने थोड़ी सी आंख जरूर तेरेरी। लेकिन जया को भी कुछ नहीं कहा।
जया ने स्वराज से कहा- आचार्य से बहस करना अनुचित है।
कल्पना ने हाथों से सभी को रुकने का इशारा किया और कहा- आचार्य जी, अगर आपकी आज्ञा हो तो मैं भी कुछ कहूं?
आचार्य हरिश्चंद्र लज्जित मुद्रा में बोले- कहो।
कल्पना पूर्ण शालीनता से बोली- आचार्य जी जितना भी ज्ञानदान आप के पल्ले था। आपके दिमाग में था सबका सब आप सिखा चुके हैं। अबके आपके पास अब अज्ञान ही अज्ञान है। आपने जो भी कहा, वह आप की मनोदशा है। आपने बता दिया है कि आपके विचार कितने उन्मुक्त है? आचार्य जी, पढ़ाई में मान-सम्मान नहीं होता है और आप एक आचार्य है। आप शिक्षा के संवाहक नहीं शत्रु है। आपको अपनी परिभाषा का पूर्ण ज्ञान नहीं है। पूरी जानकारी नहीं है आपके पास।
आचार्य कल्पना की तरफ क्रोधित मुद्रा में देखने लगा। कल्पना भी आचार्य को वैसे ही ताड़ रही थी। स्वराज और जया की नजरें भी आचार्य पर ही गडी रह गई थी।
विशेषः 'अंतर्राष्ट्रीय कैंसर दिवस'
4 फरवरी हर साल विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य जनसामान्य में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना और कैंसर की रोकथाम, जांच और इलाज में नई खोजो को बढ़ावा देना होता है। साथ ही कैंसर को लेकर लोगो मे फैले मिथको को दूर करना भी इस दिन का लक्ष्य है। आज हम इसी बीमारी के बारे में कुछ चर्चा करते है। सबसे पहले जानते है कैंसर क्या है और कैसे होता है- कैंसर शरीर मे किसी भी कोशिका का अनियंत्रित बिभाजन होता है, जो अपने असामान्य विभाजन से बाकी कोशिकाओं का पोषण भी खींच लेता है और इस प्रकार विभिन्न परेशानिया पैदा करता है। कैंसर के कारण- सामान्य कारणों में तम्बाकू,प्रदूषण, रेडियेसन ( पराबैगनी किरणे और अन्य) के साथ साथ मोटापा, अनियमित खानपान और जीवनशैली कैंसर को बढ़ावा देते है, वही कुछ इन्फेक्शन जैसे ह्यूमन पैपिलोमा वायरस, हेपटाइटिस बी और सी, HIV, और H पाइलोरी भी कैंसर का कारण पाए गए है।
लक्षण और पहचान – कैंसर अगर शुरुआती अवस्था मे पहचान लिया जाए तो उसका उचित इलाज उपलब्ध है। इसके सामान्य लक्षणों में वजन में असामान्य कमी, किसी घाव का न भरना, असामान्य रक्त स्त्राव, किसी मस्से का आकर बढ़ना या शरीर मे कोई गांठ का होना शामिल है। जिसकी जांच करवानी चाहिए। बार बार पीलिया होना,सांस लेने में दिक्कत होना ,लगातार बुखार आना या पाचन की समस्या भी प्राथमिक लक्षण हो सकते है। इसके अलावा डॉक्टरों द्वारा बड़ी आंत, बच्चेदानी और स्तन कैंसर के लिए समय समय मे कुछ जांचे करवाने की सलाह दी जाती है।
बचाव कैसे करे- इन्फेक्शन से होने वाले कुछ कैंसर की संभावना को आप उनका सही इलाज से कम कर सकते है। एच पी वी वैक्सीन 9 से 25 साल की महिलाओं को लगवाने से उनको बच्चेदानी और स्तन कैंसर की संभावना काफी कम हो जाती है। इसके अलावा स्वस्थ जीवनशैली भी कैंसर की संभावना कम करती है।
कैंसर बीमारी छूत की बीमारी नही है, यह एक व्यक्ति से दूसरे में नही फैलती, परंतु कुछ कैंसर अनुवांशिकता से जुड़े होते है. कैंसर से पीड़ित व्यक्ति और उसका परिवार न केवल आर्थिक रूप से अपितु मानसिक और सामाजिक रूप से भी टूट जाता है, जहाँ उन्हें आर्थिक सहायता के लिए बहुत की शासकीय और अशासकीय योजनाए और संस्थाएं मौजूद है, उनके मानसिक और सामाजिक मजबूती हमारे हाथ मे है। हमे ऐसी गंभीर बीमारीयो से पीड़ित मरीज़ों के लिए एक संवेदनशील समाज का निर्माण करना चाहिए, जो ऐसी विषम परिस्थितियों में पीड़ित का साथ दे।
डॉ. अनिमेष
राहुल गांधी ने वित्त मंत्री को दी चुनौती
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खुली चुनौती देते हुए कहा कि मेरे सवालों से डरे बिना उनको मेरे सवालों का जवाब देना चाहिए।
राहुल गांधी ने बकायदा ट्वीट कर कहा कि वित्त मंत्री जी, मेरे सवालों से मत डरिए। मैं यह सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं जिनका जवाब देना आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने दावा किया कि देश के युवाओं को रोजगार की जरूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोजगार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है।
दरअसल, राहुल गांधी ने वित्त मंत्री के उस बयान पर चुनौती दे डाली जिसमें उन्होंने नौकरियों से जुड़े सवाल पर कहा कि वह कोई आंकड़ा नहीं देना चाहती क्योंकि बाद में राहुल गांधी पूछेंगे कि एक करोड़ नौकरियों का क्या हुआ। उनके उसी सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने निर्मला को खुली चुनौती दे डाली।
ओवैसी भी पढ़ेगा हनुमान चालीसाः योगी
लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव करीब आ चुके है वही लगातार ताबतोड़ प्रचार का सिलसिला चल रहा है। वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ मंगलवार को दिल्ली के किरारी में रैली की। इस दौरान सीएम योगी ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है। आज मंगलवार है वही इस रैली में सीएम योगी ने कहा की एक दिन ओवैसी भी हनुमान चालीसा पड़ता नजर आएगा।
वही सीएम योगी ने रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल को भी निशाने पर लिया। सीएम योगी ने कहा कि केजरीवाल शाहीन बाग में बिरयानी खिलाते हैं और हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। ये सिर्फ इसलिए की वह बताना चाहते हैं की मैं हिन्दू हूं। इसी के साथ उन्होंने ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लेते हुए कहा एक बार वे चुनाव प्रचार के दौरान पर गुजरात के एक मन्दिर में पूजा कराने गए थे, लेकिन उनको पूजा करते समय सही से बैठने का सलीका भी नहीं पता था। उस दौरान पंडित को कहना पड़ा की यह मंदिर है मस्जिद नहीं। इसके आगे उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो एक दिन ओवैसी भी हनुमान चालीसा पड़ता नजर आएगा और आप लोग अभियान को आगे बढाते रहिए।
झांसा-दर-झांसा भाजपा का एजेंडा
लखनऊ। झांसा-दर-झांसा भाजपा का एजेण्डा है। आखिर रोजगार देने के भाजपाई दावों का क्या हो रहा है? नौजवान कब तक रोजगार के झांसे में रहेंगे? पहले बैंकिंग सेक्टर को संकट में फंसा दिया अब उसको उबारने की घोषणा निरर्थक एक्सरसाईज नहीं तो क्या है? दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और गौमाता को संरक्षण देने की स्थिति यह है कि सरकारी संरक्षण में रोज गायों की मौत हो रही है। जीवन बीमा निगम, एयर इण्डिया और रेलवे से सरकार हाथ खींच रही है। भाजपा सरकार की नीतियों के कारण अन्नदाता को ऊर्जाविहीन बनाया जा रहा है। ये बातें सपा प्रमुख व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सोमवार को जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि मंहगाई पर कोई नियंत्रण नहीं है। उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं। बाहरी निवेश आ नहीं रहा है। नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर सृजित नहीं हो रहे हैं। भारत में एक प्रतिशत अमीरों के पास 70 प्रतिशत आबादी की चार गुना दौलत बंधक है। देश के 63 अरबपतियों की सम्पत्ति तो भारत के एक साल के बजट से भी अधिक है। देश में एक टाप सीईओ साल में जितना कमाता है उतना हासिल करने में घर की मेड को 22,277 साल लग सकते हैं। स्पष्ट है, भाजपा राज में अमीर ही और अमीर हो रहे हैं। गरीबी हटाओं का अर्थ गरीब को हटाओं हो गया है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में कौन सी अर्थव्यवस्था है जिससे आम नागरिक का कोई भला नहीं हुआ है। किसान, गरीब, गांव-खेती, छोटा कारोबारी, छात्र-छात्राएं सभी तो भाजपा के धोखे के शिकार हैं। आयुष्मान योजना का क्या हुआ? अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं, जिन दवाओं के दाम घटाने के वादे हुए वे भी वादे लागू नहीं हुए। योजनाओं के विचित्र नाम रखकर जनता को भ्रमित करने का काम ही यह भाजपा सरकार कर रही है तभी किसान उड़ान, विजन, डिजिटल क्रांति जैसी शब्दावाली चल रही हैं। जनसाधारण को सस्ती, सुविधाजनक यात्रा की सुविधा देने की परवाह नहीं,तेजस जैसी मंहगी 150 ट्रेने चलाने जा रहे हैं।
राहुल ने मंदिर पहुंचकर 'हनुमान' के दर्शन किए
राहुल ने मंदिर पहुंचकर 'हनुमान' के दर्शन किए संदीप मिश्र लखनऊ। रायबरेली के दौरे पर पहुंचे लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने...
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80 वर्षीय बुजुर्ग ने 34 साल की महिला से मैरिज की मनोज सिंह ठाकुर आगर मालवा। अजब मध्य प्रदेश में एक बार फिर से गजब हो गया है। आगर मालवा जिले...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...