रविवार, 2 फ़रवरी 2020

पुलिस अफसर बनना चाहते हैं रितिक

मुंबई। बॉलीवुड के माचो हीरो ऋतिक रोशन सिल्वर स्क्रीन पर पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाना चाहते हैं। ऋ तिक रोशन ने हाल ही में उमंग 2020 इवेंट में शिरकत की थी जहां उन्होंने पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाने की इच्छा जाहिर की है। ऋतिक रोशन ने अपने अब तक के करियर के दौरान विविधतापूर्ण किरदार निभाये हैं लेकिन उन्होंने अभी तक पुलिस ऑफिसर की भूमिका नहीं निभायी है। ऋतिक के फैन्स चाहते हैं कि वह उन्हें पर्दे पर पुलिस ऑफिसर की भूमिका में देखें। ऋ तिक रोशन ने फैन्स की बात का मान रखते हुए फिल्म निर्माताओं से निकट भविष्य में उनके लिए सिल्वर स्क्रीन पर निभाने के लिए एक शानदार पुलिस वाले की भूमिका लिखने के लिए कहा है।


ऋतिक ने कहा , मैंने अपने फिल्मी करियर में सभी प्रकार की भूमिकाएं निभाई हैं। हालांकि मुझे पुलिसवाले की भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला। मैं फिल्म निर्माताओं से आग्रह करूंगा कि वे मेरे लिए एक पुलिस अफसर की भूमिका लिखें। यह मेरे जीवन की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिका होगी। मुझे विश्वास है कि मैं इसे अपने फि़ल्मी करियर की सर्वश्रेष्ठ भूमिका बनाऊंगा।


टाइगर-दिशा के संबंधों की चर्चा

मुंबई। फिल्म स्टार टाइगर श्रॉफ और दिशा पाटनी अपने रिलेशनशिप की खबरों को लेकर चर्चा में रहते हैं। सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहने वाले टाइगर श्रॉफ और दिशा पाटनी अक्सर एक साथ स्पॉट हो जाते हैं। वहीं, दोनों एक-दूसरे के पोस्ट पर कॉमेंट करने का मौका नहीं छोड़ते हैं। टाइगर ने अब दिशा के फिल्म मलंग के गाने हमराह की तारीफ की है।
दिशा पाटनी की फिल्म मलंग इसी महीने रिलीज होने वाली है। फिल्म का ट्रेलर आ चुका और लोगों ने इसे काफी पसंद किया है। अब फिल्ममेकर्स ने मलंग का एक और गाना हमराह रिलीज कर दिया है। दिशा पाटनी ने गाने को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन दिया, लव+अडवेंचर=हमराह। दिशा पाटनी के इस पोस्ट पर टाइगर श्रॉफ ने कॉमेंट किया है। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम अकाउंट की स्टोरी में लिखा, गाना पसंद आया, इसके साथ ही टाइगर ने दिशा को टैग करते हुए फायर और हार्ट इमोजी बनाए।


डायरेक्टर मोहित सूरी की मलंग की इस फिल्म में दिशा पाटनी के अलावा आदित्य रॉय कपूर, कुनाल खेमू , अनिल कपूर, एली अवराम मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म 7 फरवरी को रिलीज होगी।
वर्कफ्रंट की बात करें तो टाइगर श्रॉफ इस समय बागी 3 की शूटिंग कर रहे हैं। इस फिल्म में उनके साथ श्रद्धा कपूर नजर आएंगी। वहीं दिशा पाटनी मलंग के अलावा राधे: योर मोस्ट वॉन्टेड भाई में काम कर रही हैं। प्रभुदेवा के निर्देशन में बन रही इस फिल्म में सलमान खान लीड रोल में हैं।


तमंचा फैक्ट्री में छापा, असलहा बरामद

कैराना। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने गांव नंगलाराई में एक मकान पर छापेमारी की। पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए भारी मात्रा में अवैध असलहा बरामद किया है। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
    रविवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे कोतवाली कैराना पुलिस ने निकटवर्ती गांव नंगलाराई में एक मकान पर छापेमारी की। यहां पुलिस को अवैध तमंचा फैक्ट्री के संचालित होने की सूचना मिली थी। पुलिस की छापेमारी के दौरान मकान से 8 तमंचे 315 बोर, दो राइफल, एक पौना बंदूक 12 बोर, 26 कारतूस के अलावा कुछ अधबने हथियार तथा उपकरण बरामद हुए। पुलिस की मानें तो मौके नाजिम व अफसरून नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो गांव के ही रहने वाले हैं और सगे भाई हैं। फिलहाल पुलिस आरोपियों से गहनता के साथ पूछताछ करने में जुटी हुई है।


दिल्ली में भाजपा का महाजनसंपर्क

नई दिल्ली। मतदान की तारीख जैसे-जैसे पास आ रही है, राजनीतिक पार्टियों के नेता लोगों तक पहुंचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। रैलियों और नुक्कड़ सभा के बाद अब बीजेपी रविवार से महा जनसंपर्क अभियान शुरू कर रही है। दिल्ली कैंट विधानसभा क्षेत्र में इस अभियान की कमान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, ग्रेटर कैलाश में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आदर्श नगर विधानसभा में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर संभालेंगे। दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि महा जनसंपर्क अभियान का मकसद है कि बीजेपी दिल्ली में अपने विकास मॉडल से लोगों को घर-घर जाकर रूबरू कराए।


इसबार कुल 1.46 करोड़ वोटर


इसबार कुल 1.46 करोड़ (1,46,92,136) वोटर्स हैं। इसमें 66.35 महिला और 80.55 लाख पुरुष वोटर हैं। 2 लाख 08 हजार 883 लोग ऐसे हैं जो पहली बार वोट डालेंगे।


70 में से 12 सीट 


रिजर्वरिजर्वः चुनाव आयोग ने बताया कि दिल्ली में कुल 70 सीटों में से 58 सीट जनरल, 12 सीट एससी के लिए रिजर्व हैं।


QR कोड स्कैन होगा, तभी डाल पाएंगे वोटः सभी वोटरों को QR कोड वाली पर्ची दी जाएगी। चुनाव कर्मी उसे स्कैन करके नंबर देंगे, तभी वोट डालने की अनुमति होगी। अगर कोई QR कोड वाली पर्ची लेकर नहीं आया होगा तो वह अपने मोबाइल पर वोटर हेल्पलाइन से डिजिटल क्यूआर कोड भी जनरेट कर सकेगा।


घर बैठे वोटिंग कर सकेंगे बुजुर्गः 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वोट डालने के लिए बूथ तक नहीं जाना होगा। वह इस बार घर बैठे पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकेंगे। दिव्यांग मतदाताओं को भी यह सुविधा मिलेगी। इस अभियान के तहत बीजेपी के करीब एक लाख कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता 70 विधानसभा क्षेत्रों के करीब 13,750 पोलिंग स्टेशन के आसपास रहने वाले लोगों से संपर्क कर उन्हें विकास मॉडल की जानकारी देंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा किए गए जनकल्याण कार्यों के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी दिल्ली में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने शुक्रवार को जो संकल्प पत्र जारी किया है, उसके बारे में भी लोगों को विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा पिछले पांच सालों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों से जो झूठ और फरेब की राजनीति की है, उसका पर्दाफाश किया जाएगा।


अंतर्राष्ट्रीय हिंदू महासभा अध्यक्ष की हत्या

लखनऊ। आज सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले अंतर्राष्ट्रीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष रंजीत बच्चन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके साथ घूम रहे उनके भाई भी घायल हुए हैं। जिन अस्पताल में भर्ती कराया गया इस हत्या से सनसनी फैल गई है। रंजीत बच्चन पहले समाजवादी नेता भी रहे हैं और उन्होंने खुद ही अपना हिंदूवादी संगठन बनाया था। हिंदूवादी नेता की ऐसे समय में हत्या बहुत गंभीर सवाल खड़े कर रही है और संभवत यह मामला अब राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है। रंजीत बच्चन की हत्या उत्तर प्रदेश पुलिस भी सवालों के दायरे में आ गई है, लेकिन शाहीन बाग में गोली चलाने पर सारे देश को सर पर उठा लेने वाले लोग एक हिंदूवादी नेता की हत्या पर खामोश क्यों हैं? यह एक बड़ा सवाल है। इस पर अभी तक कथित धर्मनिरपेक्ष वादियों इनाम लौट आओ गैंग और असहिष्णु लोगों की प्रतिक्रिया आना बाकी है। बहरहाल शाहीन बाग के आंदोलन के दौर में हिंदूवादी नेता की हत्या बहुत गंभीर सवाल खड़े करती है।


तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है संतरा

संतरा एक स्वास्थ्यवर्धक फल है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। लोहा और पोटेशियम भी काफी होता है। संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विद्यमान फ्रुक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा देना प्रारंभ कर देते हैं। संतरे के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, चुस्ती-फुर्ती बढ़ती है, त्वचा में निखार आता है तथा सौंदर्य में वृद्धि होती है। प्रस्तुत है इसके कुछ प्रयोग-


संतरे का एक गिलास रस तन-मन को शीतलता प्रदान कर थकान एवं तनाव दूर करता है, हृदय तथा मस्तिष्क को नई शक्ति व ताजगी से भर देता है।
पेचिश की शिकायत होने पर संतरे के रस में बकरी का दूध मिलाकर लेने से काफी फायदा मिलता है।
संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। रक्तस्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता है।
तेज बुखार में संतरे के रस का सेवन करने से तापमान कम हो जाता है। इसमें उपस्थित साइट्रिक अम्ल मूत्र रोगों और गुर्दा रोगों को दूर करता है।
दिल के मरीज को संतरे का रस शहद मिलाकर देने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है।
संतरे के सेवन से दाँतों और मसूड़ों के रोग भी दूर होते हैं।
छोटे बच्चों के लिए तो संतरे का रस अमृततुल्य है। उन्हें स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए दूध में चौथाई भाग मीठे संतरे का रस मिलाकर पिलाने से यह एक आदर्श टॉनिक का काम करता है।
जब बच्चों के दाँत निकलते हैं, तब उन्हें उल्टी होती है और हरे-पीले दस्त लगते हैं। उस समय संतरे का रस देने से उनकी बेचैनी दूर होती है तथा पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है।
पेट में गैस, अपच, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, गठिया, बेरी-बेरी रोग में भी संतरे का सेवन बहुत कुछ लाभकारी होता है।
गर्भवती महिलाओं तथा यकृत रोग से ग्रसित महिलाओं के लिए संतरे का रस बहुत लाभकारी होता है। इसके सेवन से जहाँ प्रसव के समय होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है, वहीं प्रसव पीड़ा भी कम होती है। बच्चा स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट पैदा होता है।
संतरे का सेवन जहाँ जुकाम में राहत पहुँचाता है, वहीं सूखी खाँसी में भी फायदा करता है। यह कफ को पतला करके बाहर निकालता है।
संतरे के सूखे छिलकों का महीन चूर्ण गुलाब जल या कच्चे दूध में मिलाकर पीसकर आधे घंटे तक लेप लगाने से कुछ ही दिनों में चेहरा साफ, सुंदर और कांतिमान हो जाता है। कील मुँहासे-झाइयों व साँवलापन दूर होता है।
संतरे के ताजे फूल को पीसकर उसका रस सिर में लगाने से बालों की चमक बढ़ती है। बाल जल्दी बढ़ते हैं और उसका कालापन बढ़ता है।
संतरे के छिलकों से तेल निकाला जाता है। शरीर पर इस तेल की मालिश करने से मच्छर आदि नहीं काटते।
बच्चे, बूढ़े, रोगी और दुर्बल लोगों को अपनी दुर्बलता दूर करने के लिए संतरे का सेवन अवश्य करना चाहिए।
संतरे के मौसम में इसका नियमित सेवन करते रहने से मोटापा कम होता है और बिना डायटिंग किए ही आप अपना वजन कम कर सकते हैं।
इस तरह संतरा सेहत को ही नहीं, खूबसूरती को भी संवारता है। हमेशा पके व मीठे संतरे का ही सेवन करना चाहिए। गर्मियों में संतरे की फसल अपने पूरे जोर पर होती है।



प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 03, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-177 (साल-01)
2. सोमवार, फरवरी 03, 2020
3. शक-1941, माघ - शुक्ल पक्ष, तिथि- नवमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:07,सूर्यास्त 05:58
5. न्‍यूनतम तापमान 8+ डी.सै.,अधिकतम-21+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


शनिवार, 1 फ़रवरी 2020

सावधानः कौवों-कुत्तों का मास रहे परोस

रामेश्वर। यदि आप सड़क किनारे ठेलों पर सस्ता चिकन खाते हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि कई शहरों में चिकन के नाम पर कौवे और कुत्तों का मांस बिक रहा है। ताजा मामला तमिलनाडु के रामेश्वरम से सामने आया है, यहां सड़क किनारे एक ठेले पर जब खाद्य विभाग ने छापा मारा तो अफसर हैरान रह गए। ठेले पर सस्ते में जो चिकन बिक रहा था वह असल में कौवे का मांस था। कौवे का मांस चिकन के नाम पर बेचने के आरोप में पुलिस ने यहां दो लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से करीब 150 मरे हुए कौवे बरामद हुए हैं।


पुलिस के मुताबिक, कौवे के नाम पर चिकन बेचने का खुलासा रामेश्वरम के मंदिर मे आए श्रद्धालुओं के शक पर हुआ। दरअसल, श्रद्धालु यहां कौवों को रोज दाना डालते हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों से उन्हें कई कौवे मरे हुए मिल रहे थे।


श्रद्धालुओं ने कौवों के मरने की शिकायत पुलिस को की। जब पुलिस ने तहकीकात की तो उन्हें पता लगा कि कुछ लोग जहरीले चावल देकर कौवों का शिकार कर रहे हैं। जब पुलिस ने कौवों का मांस बेच रहे लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि हम कौवों का शिकार करके छोटे दुकानदारों को बेच रहे थे। दुकानदार कौवों के मांस को चिकन लॉलीपॉप और चिकन बिरयानी कहकर बेच रहे थे जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही थी।


मालूम हो कि यह पहला मौका नहीं है जब चिकन और मटन के नाम पर कुत्ते-बिल्ली और कौवों का मांस बेचा जा रहा था। इसके पहले मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में 2018 में खाद्य विभाग ने छापे मारकर कुत्ते-बिल्ली का मांस बेचने वालों को गिरफ्तार किया था।


बजटः क्या महंगा, क्या सस्ता ?

बजट 2020 क्या महंगा, क्या सस्ता


प्रयागराज। 1. पंखे महंगे, कस्टम ड्यूटी 10 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद हुई।
2. स्टेशनरी होगी महंगी, कस्टम ड्यूटी 10 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद की गई। 
3. मोबाइल फोन होंगे महंगे
4. विदेशी फर्नीचर पर कस्टम ड्यूटी बढ़कर 25 फीसद हुई। 
5. घरेलू उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़कर हुई 20 फीसदी हुई।
6. सिगरेट और तंबाकू पर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी, होंगे महंगे।
7. ऑटो और ऑटो पार्ट पर बढ़ी कस्टम ड्यूटी, होंगे महंगे।
8. इंपोर्टेड मेडिकल डिवाइस होंगे महंगे।
9. आयातित फुटवेयर और फर्नीचर पर बढ़ेगी कस्टम ड्यूटी।
10. फुटवेयर पर सरकार ने बढ़ाया टैक्स, जूते होंगे महंगे।
11. अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का दायरा एक साल बढ़ा।
12. विदेशी निवेश को 9 फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद किया गया।
13. कॉर्पोरेट बॉंड में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई गई
14. मंत्रालय ने फर्नीचर पर आयात शुल्क 20 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि कोटेड पेपर, पेपर बोर्ड और हैंड मेड पेपर पर आयात शुल्क दोगुना बढ़ाकर 20 फीसदी करने पर विचार करने को कहा गया है। 
15. फुटवेयर यानी जूते-चप्पल पर आयात शुल्क बढ़ाने से देश में सस्ते जूते-चप्पल का आयात बढ़ने पर रोक लगेगी। 
क्या होगा महंगा


बाद  पेट्रोल-डीजल, सोना, काजू, ऑटो पार्ट्स, सिंथेटिक रबर, पीवीसी, टाइल्‍स महंगी हो जाएंगी। तंबाकू उत्‍पाद भी इस बजट के बाद महंगे हो सकते हैं। पंखे, स्टेशनरी, मोबाइल फोन, विदेशी फर्नीचर, सिगरेट और तंबाकू, ऑटो और ऑटो पार्ट, इंपोर्टेड मेडिकल डिवाइस, फुटवेयर इत्यादि महंगे होंगे।क्या होगा सस्ता
बजट के बाद होम लोन लेना भी सस्‍ता हो सकता है। बजट के बाद इलेक्ट्रिक कारें सस्‍ती हो सकती है।


रिपोर्ट- बृजेश केसरवानी


पतित-पावन 'उपन्यास-4'

पतित-पावन      'उपन्यास' 
गतांक से...
माधुरी की वाणी से निकले शब्द स्वयं माधुरी को भी पीड़ा पहुंचा रहे थे, चुभ रहे थे, गलूरी भी अक्समात दुख से द्रवित हो उठा था। कुछ समय पश्चात सभी ने ठंडी सांस ली। किंतु सभी आश्चर्यचकित और परेशान थे कि कहीं यह शब्द सच न हो जाए। किंतु सत्य तो अटल होता है उसे बदलना संभव नहीं होता है। इसी बात का डर सबको सता रहा था, अनायास ही चिंता की लकीरें माथे पर खिंच गई थी। इसके विपरीत एक बात बहुत महत्वपूर्ण थी। परिवार के सभी लोग शिक्षित थे और इतने अधिक अंधविश्वासी नहीं थे कि अकारण ही किसी भी बात को स्वीकार करें या उस पर विश्वास करें। सभी ने एक दूसरे की आंखों में देखकर एक दूसरे को समझने का प्रयास किया। बिना कुछ कहे ही सब लोग चुपचाप इस बात को भूल जाना चाहते थे और हुआ भी यही, सब लोग इस बात को भूल गए या यूं कहिए इस बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। पास ही के प्राथमिक विद्यालय में पड़ोस में रहने वाले मास्टर रामपाल भूगोल के अध्यापक थे। विद्यालय केवल आठवीं कक्षा का ही था तथा जया ने वही सातवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। जया होनहार, हूनरबाज बुद्धिमान होने के साथ-साथ कक्षा में सबसे अधिक प्रभाव रखती थी। उसके सहपाठियों मे यदि कोई उसको संतुष्ट करने वाला था वह केवल स्वराज ही था और उन दोनों की पटती भी थी। इसके पीछे सबसे महत्वपूर्ण बात थी कि दोनों ही पढ़ाई के प्रति समर्पित और अनुशासित थे। इसी कारण उन दोनों के बीच अच्छी-खासी मित्रता भी हो गई थी। जया की तीव्रबुद्धि को देखकर आचार्य भी चकित रहते थे। वह एक बार में ही किसी पद,गध, काव्य को कंठस्थ कर लेती थी और उसके भावार्थ को बार-बार अध्ययनरत करती रहती थी। जिसके कारण वह सामान्य तौर पर वास्तविक अवलोकन कर रही थी। प्रत्येक प्रश्न का सर्वप्रथम उत्तर देना उसकी स्वभाविकता हो गई थी। दुर्लभ-दुर्लभ प्रश्नों का कठिन परिश्रम करके हल करना, उसका स्वभाव बन गया था। मिजाज मे आज भी व्यग्रता और लगन दोनों ही बनी रहती थी। यह बच्ची आने वाले समय में शिक्षा पद्धति में विद्वान पद ग्रहण करेगी। क्योंकि उसकी कार्यप्रणाली ही इतनी स्वच्छ और सुंदर थी। जया अभी तक अपनी हवेली में घूम रही थी। प्रातकाल विद्यालय जाना, फिर अध्यापक घर पर पढ़ाते थे, ढेर-सी पढ़ाई करने के कारण उसे बाहरी दुनिया का अनुमान भी नहीं था। किताबों में उलझे रहना, हवेली के चक्कर काटना, यही उसका दिनचर्या बन गया था। हालांकि इसके विपरीत उसको बाहरी सामाजिक ढांचे की किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं थी। अब अंतिम परीक्षा-पत्र हल करने के बाद जया अपने घर आई। किताबे एक और रख दी क्योंकि अब ग्रीष्म काल का अवकाश प्रस्तावित हो गया था। अब 40 दिन तक किताबों से मोह रखना मूर्खता से अधिक और कुछ भी नहीं था।
 वैसे तो कई कुप्रथा समाज में आज भी प्रचलित है। यदा-कदा उनका विरोध होता रहता है। जिसमें से एक प्रथा तलाक़ पर वर्तमान सरकार ने अधिनियम पारित करने के बाद तलाक प्रथा को खत्म करने का कार्य किया है। हालांकि अभी भी इस्लामिक धर्म के मानने वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। परंतु वह सभी स्त्री के प्रति अत्याचार और पीड़ा को समझने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। किसी भी धर्म अथवा मजहब में क्या किसी को पीड़ित करने का कोई अधिकार दिया गया है या किसी के शोषण का कोई अधिकार दिया गया है? नहीं दिया गया है। इस प्रकार का कोई भी उदाहरण किसी भी धर्म में नहीं है। बावजूद इसके भी इस प्रकार की कुप्रथा आज भी समाज में प्रचलित है और विरोध के बाद भी उनका संचालन हो रहा है। इसी प्रकार से उस काल में और भी बहुत सारी ऐसी ही प्रथा थी। परंतु उस समय के अनुसार कम थी। क्योंकि कुप्रथाओं का भी एक दायरा था उसकी सीमा थी। अशिक्षित और सामाजिक ज्ञान न होने के कारण अल्प ज्ञान में लोग इस प्रकार के निर्णय कर लिया करते थे। लेकिन आधुनिकता के 'शहतीर पर खड़े' लोग अब इस प्रकार का निर्णय नहीं करते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म या मजहब से जुड़े हो। उस समय लड़कियों को पढ़ाना भी एक अपराध था। यदि कोई बहुत पढ़ा-लिखा चिट्ठी भी पढ़ ले तो यह भी गनीमत थी। 
लेकिन माधुरी ने ऐसी कुप्रथा को गांव के और समाज के विपरीत रखकर जया को पढ़ने के लिए स्वतंत्रता प्रदान कर दी थी। उसने जया को पोस्ट ग्रेजुएट कराने की सोच रखी थी। साथ-साथ चतुरसिंह भी छठी कक्षा में उत्तीर्ण हो गया था। सो जया की बाधाएं भी हटती जा रही थी, किंतु गर्मियों की छुट्टी कैसे बीते 2 दिन मामा के यहां भी रहे। अब मामा के यहां इतनी सुख सुविधाएं देखकर 2 दिन में ही "पेट मुंह में आ गया"। अभी तो बहुत सारा समय बाकी था। उस समय को किस प्रकार व्यतीत किया जाए? इस पर विचार ने की क्षमता है नहीं थी।
 प्रातः काल में उठकर जाने वहीं सामान्य तौर पर पाया। घर में मां चतुर और अघोरी सभी खेत में मां का रोजमर्रा का कार्य था खाना बनाना, खेत में ले जाना। इस प्रकार के कार्यों से जया का मन ऊब गया था। जया ने आज पीले पीले रंग के वस्त्र पहने थे और किसी 'अधखिले फूल की तरह' उसका रंग-रूप उस चोले में खिलखिला उठा था। जया कौर ने अपनी मां से धीरे से कहा- मैं भी खेत में चलूं! माधुरी ने जया को अनसुना कर दिया- क्या करोगी? निवेदन के साथ कहा- मुझे देखने दो, तुम्हारे साथ ही चली जाऊंगी, तुम्हारे साथ ही आ जाऊंगी। माधुरी ने कहा- ठीक है।
 कुछ समय पश्चात दोनों खेत में चले गए। माधुरी ने घूघंट मे ही कहा, क्योंकि घूंघट एक पारंपरिक संस्कार था, जिसकी मान्यता बहुत अधिक थी, उस मान्यता के आधार पर ही माधुरी घर से निकलने के बाद हमेशा घूंघट में रहती थी। उसने बड़े शांत स्वर से कहा- हां यही से हमारे खेत की सीमा शुरू होती है, सामने चौराहा है वहां तक सब हमारे खेत है। जया ने पूर्व मुद्रा में पूछा- मां!ये लड़की कौन है, हमारे खेत में क्या कर रही है? माधुरी कोर ने घूंघट उठाकर दृश्य का अवलोकन करने के पश्चात कहा- यह लड़की हमारे खेतों में ही काम करती है, हमारे एक मजदूर रतिराम की लड़की है। यंही खेलती है यंहीं खाती है यंही रहती है। बहुत सुंदर, बहुत अच्छी लड़की है।
 जया ने मुंह चुराकर कहा- यह पढ़ती नहीं है तभी तो?
 माधुरी कौर ने उत्तर दिया- पहली बात तो यह लोग लड़कियों को पढ़ाते नहीं है और दूसरी बात इनके पास इतना धन भी नहीं है कि लोग अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा सके। जया ने उदारता से पूछा- जब तुम चतुर को पढ़ाती हो। माधुरी मैं तो चाहती हूं लेकिन तेरे ताऊ की तरह खेती करेगा और चतुर कहीं नौकरी करेगा। जया ने अज्ञानता वश पूछा- यह नौकरी क्या होता है? माधुरी ने रूखे पन से ही उत्तर दिया- जब बच्चे बड़े हो जाते हैं या कोई भी व्यक्ति जब बड़ा हो जाता है, तो उसको कोई ना कोई काम तो करना ही होता है। जिससे घर परिवार का संचालन हो,पालन-पोषण रस्में रिवाज, इन सब को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। धन उपार्जन करने के लिए कुछ ना कुछ काम करना होता है। जिसे हम साधारण भाषा में नौकरी कहते हैं। जया ने हतप्रभ होकर पूछा-शादी क्यों होती है? माधुरी ने कहा- परिवार को आगे बढ़ाने के लिए, वंश के संचालन के लिए, जीवन-यात्रा में प्रत्येक मनुष्य को एक साथी की आवश्यकता होती है। इसी कारण समाज में यह एक तरीका, इस यात्रा को पूर्ण करने के लिए उपयोग किया है। जिसे हम विवाह भी कह सकते हैं। जया ने विनम्रता के साथ निवेदन पूर्ण कहा- कृपया करके उस लड़की से मिल सकती हूं। माधुरी- ठीक है लेकिन संभल कर जाना और कहीं मत जाना। 
जया, कल्पना की ओर बढ़ने लगती है। कल्पना हाथों में एक तितली को पकड़ लेती है। उसके रंगों को निहारती है, उसके पंखों को खोल कर, उसके रंग गिनती है।तभी उसकी नजर उसकी तरफ आ रही जया पर पड़ती है। एक क्षण के लिए कल्पना स्तब्ध हो गई। उसकी नजरें जया पर ठहर गई। उसने तितली को अपने हाथों की कैद से आजाद कर दिया और बेचैनी से अपनी ओर आने वाली जया को एकटक देखने लगी। कुछ तो ऐसा था जो इस दृश्य में आकर्षण पैदा कर रहा था। जया और कल्पना एक दूसरे के प्रति इस प्रकार आकर्षित हो रही थी। जैसे जमीन और आसमान एक दूसरे से मिलने के लिए लालायित रहते हैं। लेकिन फिर भी उनका कोई छोर नहीं होता है।....


कृतः- चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भय-पुत्र'


एसटीएफ ने पकड़ी अरबों रुपए की हैरोइन

अमृतसर में एसटीएफ को बड़ी सफलता, अरबों रुपए की हैरोइन पकड़ी, अब तक की ये सबसे बड़ी रिकवरी


अमित शर्मा


अमृतसर। पंजाब के अमृतसर से इस समय की सबसे बड़ी खबर आ रही है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने सफलता हासिल करते हुए सुल्तानविंड एरिया से अरबों रुपए की हैरोइन बरामद की है। ये रिकवरी अमृतसर की पहली सबसे बड़ी रिकवरी है। टीम ने इस मामले में अफ्रीकी नागरिक समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुल्तानविंड एरिया में एक फैक्ट्री थी, जिसके अंदर ही ये हैरोइन तैयार की जाती थी। एसटीएफ ने गुप्त सूचना के बाद वहां देर रात रेड करके आरोपियों को गिरफ्तार किया और वहां से 150 किलो से ज्यादा हैरोइन बरामद की है। इस हैरोइन का इंटरनेशनल मार्किट में कीमत अरबों रुपए है। मार्किट के अनुसार 1 किलो हैरोइन की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है।


शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  शामली। प्रदेश सरकार के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम संपूर्ण समाधान दिवस का आय...