शुक्रवार, 28 जून 2024

रोहित की कप्तानी का काफी योगदान रहा: गांगुली

रोहित की कप्तानी का काफी योगदान रहा: गांगुली 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मुकाबले से पहले भारतीय टीम को एक अहम सलाह दी और साथ ही बताया, कि टीम को आईसीसी ट्रॉफी का सूखा समाप्त करने के लिए क्या करने की जरूरत है ?
अपनी कप्तानी में भारत को 2003 वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वाले गांगुली ने भारतीय टीम से बेखौफ क्रिकेट खेलने के लिए कहा। उन्होंने साथ ही कहा, कि इस मुकाम तक पहुंचाने में रोहित शर्मा की कप्तानी का काफी योगदान रहा है।

रोहित के लिए खुश हैं गांगुली

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष ने गांगुली ने खुलासा किया, कि विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद रोहित इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार नहीं थे। गांगुली ने कहा, मैं रोहित शर्मा के लिए बहुत खुश हूं। यही जीवन का चक्र है कि जो छह महीने पहले मुंबई इंडियंस का कप्तान भी नहीं था अब उसकी अगुआई में भारत विश्व कप के फाइनल में खेलेगा। रोहित दो विश्व कप फाइनल खेले हैं। यहां अब तक टीम का अभियान अजेय रहा है। यह उनकी नेतृत्व के गुणों को दर्शाता है। मुझे उनकी सफलता पर आश्चर्य नहीं है। क्योंकि, वह तब कप्तान बने जब मैं बीसीसीआई अध्यक्ष था। उस समय विराट कोहली कप्तानी नहीं करना चाहते थे। उन्हें कप्तान की जिम्मेदारी लेने के लिए मनाने में बहुत समय लगा क्योंकि वह इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्हें कप्तान बनाने में हम सभी को बहुत मेहनत करनी पड़ी और मैं उनके नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट की प्रगति को देखकर बहुत खुश हूं।

'आईपीएल जीतना अधिक चुनौतीपूर्ण'

गांगुली ने कहा कि कई बार आईपीएल खिताब जीतना बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि यह टूर्नामेंट काफी लंबा चलता है। गांगुली ने कहा, रोहित के नाम पांच आईपीएल खिताब जीतने का रिकॉर्ड है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। आईपीएल जीतना कभी-कभी अधिक कठिन होता है। मुझे गलत मत समझिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आईपीएल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बेहतर है। आपको आईपीएल जीतने के लिए कई मैच जीतने होते हैं। यहां आपको विश्व कप जीतने के लिए आठ-नौ मैच जीतने होंगे। विश्व कप जीतने पर अधिक सम्मान मिलता है और मुझे उम्मीद है कि रोहित ऐसा करेंगे। मुझे नहीं लगता कि वह सात महीने के अंदर विश्व कप के दो फाइनल हारेंगे। अगर वह सात महीने में अपनी कप्तानी में दो फाइनल हार जाते हैं तो वह शायद बारबाडोस महासागर में कूद जाएंगे। उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, शानदार बल्लेबाजी की और मुझे उम्मीद है कि यह जारी रहेगा। आशा है कि भारत खिताब के साथ अभियान खत्म करेगा। टीम को बेखौफ होकर खेलना चाहिए।

कोहली के ओपनिंग में उतरने का गांगुली ने किया समर्थन

स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने इस विश्व कप में सलामी बल्लेबाज के तौर प्रभावी प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन गांगुली की मानना है कि उन्हें यह जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा, कोहली को पारी का आगाज करना जारी रखनी चाहिए। उन्होंने सात महीने पहले ही विश्व कप में 700 रन बनाए थे। वह इंसान हैं, कभी-कभी असफल भी होगा। आपको इसे स्वीकार करना होगा। विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ जैसे लोग भारतीय क्रिकेट के लिए संस्थान हैं। तीन-चार मैच उन्हें कमजोर खिलाड़ी नहीं बनाते। आज फाइनल में वह कमाल कर सकते हैं।

यान 'अभ्यास' का 6 बार परीक्षण किया: डीआरडीओ

यान 'अभ्यास' का 6 बार परीक्षण किया: डीआरडीओ 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने मिसाइलों का टारगेट बनने वाले यान 'अभ्यास' का छ: बार लगातार परीक्षण किया। पिछले एक साल में इस यान के 10 डेवलपमेंटल उड़ानें हो चुकी हैं। इन टेस्टिंग में परीक्षण उन्नत रडार क्रॉस सेक्शन, विजुअल और इन्फ्रारेड वृद्धि प्रणालियों की जांच की गई।
'अभ्यास' को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरु ने डिजाइन किया है। इसका उत्पादन एजेंसियों - हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने किया है। इसे लैपटॉप से उड़ाया जा सकता है। यही वो यान है, जो मिसाइल टेस्टिंग के दौरान उनका टारगेट बनता है।
HEAT-अभ्यास का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में होता है। टेस्ट में इस विमान की निगरानी टेलीमेट्री, रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर की जांच की गई।
इस विमान के सारे हिस्सों ने तय लक्ष्य हासिल किए। वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत की गई है। यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित होने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए HEAT की जरूरतों को पूरा करेगा।
एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर से लॉन्च होता है। यहां से लॉन्चिंग के बाद इसके बूस्टर फिर इसे सबसोनिक गति से उड़ने में मदद करते हैं। इसकी सभी उड़ानें पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती हैं। इसकी सटीकता और प्रभावशीलता को देखते हुए इसे फ़ोर्स मल्टीप्लायर करार दिया।
अभ्यास 180 मीटर प्रति सेकेंड की गति उड़ान भरता है। यानी एक सेकेंड में इतनी दूरी तय कर लेता है। यह अधिकतम 5 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल कर लेता है। इसकी लगातार उड़ान होती रहती है। ताकि मिसाइलों की टेस्टिंग की जा सके। इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट वारफेयर प्रैक्टिस, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जैमर प्लेटफॉर्म, डिकॉय, पोस्ट लॉन्च रिकवरी मोड जैसे मिशन में होता है।

बजट: पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने का ऐलान

बजट: पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने का ऐलान 

कविता गर्ग 
मुंबई। महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले शिंदे सरकार ने राज्य के लोगों के लिए अपना खजाना खोल दिया। डिप्टी सीएम अजीत पवार ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाने का ऐलान किया।
साथ ही महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे। महिलाओं को ये पैसे जुलाई से मिलने लगेंगे।

पेट्रोल-डीजल की कीमत हुई कम

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए कहा कि मुंबई में डीजल पर टैक्स 24 प्रतिशत से घटाकर 21 प्रतिशत किया जा रहा है, जिससे डीजल की कीमत में प्रभावी रूप से 2 रुपये प्रति लीटर की कमी आएगी। वहीं, पेट्रोल पर टैक्स 26 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया, जिससे पेट्रोल के दाम 65 पैसे प्रति लीटर कम हो जाएंगे।

महिलाओं को मिलेंगे 1500 रुपये

डिप्टी सीएम अजित पवार ने मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना की घोषणा की। इस स्कीम के तहत सभी महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। यह योजना जुलाई 2024 से लागू होगी। यानी अगले महीने से लाभार्थियों को 1500 रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे। इस योजना का लाभ 21 से 60 साल तक की उम्र की महिलाओं को मिलेगा।

किसानों के लिए भी खोला खजाना

सरकार ने किसानों को कपास और सोयाबीन की फसलों के लिए 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस देने का फैसला किया। 1 जुलाई 2024 के बाद दूध उत्पादक किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर बोनस मिलेंगे। सरकार ने मवेशियों के हमले से होने वाली मौतों पर आर्थिक मदद बढ़ा दी। अब मृतकों के परिजनों को 20 लाख की जगह 25 लाख रुपये मिलेंगे।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभूराजे देसाई ने कहा कि आज का बजट महाराष्ट्र के सभी वर्गों को न्याय देने वाला बजट है। महिलाओं, किसानों सभी को इस बजट में जगह मिली है। 21-60 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने का निर्णय लिया गया है।

जमीन से टकराया जहाज, 132 पैसेंजर्स मारें गए

जमीन से टकराया जहाज, 132 पैसेंजर्स मारें गए

अखिलेश पांडेय 
मीन्स्क। फ्लाइट ने 124 पैसेंजर्स और 8 क्रू मेंबर्स के साथ उड़ान भरी। लेकिन, लैंडिंग के समय खराब सिग्नल के कारण ATC अधिकारियों से संपर्क टूट गया। मौसम खराब होने की सूचना नहीं मिल पाई।
जब जहाज ने एयरपोर्ट के कंट्रोल एरिया में एंट्री की तो कैप्टन ने ऑटो पायलट ऑन कर दिया, लेकिन वह कुछ ही देर में ऑफ हो गया। कैप्टन ने जहाज को कंट्रोल करने के लिए योक को झटके के साथ खींचा तो वह बाहर निकल गया और जेकस्क्रू फेल हो गया।
जेकस्क्रू फेल होने से इमरजेंसी ब्रेक नहीं लग पाए और जहाज 810 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 19000 फीट की ऊंचाई से पलटियां खाते हुए जमीन पर आ गिरा। जमीन से टकराने के कारण जहाज क्रैश हुआ। आग लगने से टुकड़ों में बंट गया और उसमें सवार सभी 132 पैसेंजर्स मारें गए। हादसा होने का कारण खराब कम्यूनिकेशन, जेकस्क्रू फेल होना और जहाज के डिजाइन में कमी होना माना गया। हादसे को बेलारूस के इतिहास का सबसे घातक विमान हादसा कहा गया।

तेज हवा के दबाव से एक ओर झुक गया जहाज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज से 42 साल पहले 28 जून 1982 को एअरोफ्लोट फ्लाइट 8641 ने सेंट पीटर्सबर्ग एयरपोर्ट से कीव एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी। प्लेन याकोवलेव याक-42 एयरलाइनर था, लेकिन बेलारूस में जहाज हादसे का शिकार हो गया। जहाज में 124 पैसेंजर्स थे, जिनमें 11 बच्चे शामिल थे। कॉकपिट क्रू कैप्टन व्याचेस्लाव निकोलाविच मुसिंस्की, सह-पायलट एलेक्जेंडर सर्गेइविच स्टिगारेव, नेविगेटर ट्रेनी विक्टर इवानोविच केद्रोव और फ्लाइट इंजीनियर निकोलाई सेमेनोविच विनोग्रादोव शामिल थे।
एक पैसेजर के लेट आने के कारण फ्लाइट देरी से टेकऑफ हुई। करीब डेढ़ घंटे के सफर के बाद पायलट ने लगभग 25,500 फीट (7,800 मीटर) की ऊंचाई पर उतरने की परमिशन मांगी, लेकिन ATC अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया। खराब मौसम के कारण तेज हवा के दबाव में जहाज एक ओर झुक गया। कैप्टन ने हादसा होने की आशंका जताते हुए ऑटो पायलट ऑन कर दिया।

कंट्रोल करते समय जेकस्क्रू बाहर निकल गया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हवा का झटका लगने से ऑटो पायलट ऑफ हो गया। पायलटों ने जहाज को कंट्रोल करने की कोशिश में योक को पीछे खींचा, लेकिन यह तेजी से बाहर निकल गया। इससे जहाज 35 डिग्री के कोण पर बाईं ओर लुढ़क गया और 50 डिग्री के एंगल पर पलटियां खाने लगा। इसके बाद जहाज 5,700 मीटर (18,700 फीट) की ऊंचाई से 810 किलोमीटर प्रति घंटे (440 नॉट; 500 मील प्रति घंटे) की स्पीड से जमीन पर आ गिरा।
जहाज का मलबा और सवारियों की लाशें वर्बाविची गांव के बाहरी इलाके में मिलीं, जो जिला नारूलिया से 10 किलोमीटर (6.2 मील) दूर दक्षिण-पूर्व में है। हादसे का कारण जहाज के जेकस्क्रू के फेलियर को माना गया। जेकस्क्रू के डिजाइन पर हस्ताक्षर करने वाले 3 इंजीनियरों को दोषी ठहराया गया। हादसे से सबक लेते हुए कंपनी ने जेकस्क्रू का डिजाइन बदलने तक याक-42 के जहाजों को पैसेंजर सर्विस से हटा लिया।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-252, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, जून 29, 2024

3. शक-1945, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 35 डी.सै., अधिकतम- 22+ डी.सै.।

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'भारत' ने रूस से बेहद सस्ता तेल खरीदा

'भारत' ने रूस से बेहद सस्ता तेल खरीदा

सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/मॉस्को। कोविड के दौरान और उसके बाद भी रूस से भारत ने बेहद सस्ता तेल खरीदा। जिससे इंडियन इकोनॉमी को काफी फायदा पहुंचा। जहां पूरी दुनिया तेल के कारण नुकसान झेल रही थी, ऐसे में रूस ने भारत को काफी कम कीमत पर तेल मुहैया कराकर नैया पार लगाई। अब भारत-रूस के बीच एक स्पेशल ट्रेन चलने की बात हो रही है।
आइए जानते हैं कि कैसे इस स्पेशल ट्रेन से भारत-रूस की दोस्ती और इकोनॉमी में चार चांद लगेंगे ?
दरअसल, भारत और रूस के बीच बने उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर ने इतिहास रच दिया है। इस कॉरिडोर के रास्ते पहली बार भारत की ओर जाने वाली दो ट्रेनें रवाना हुई हैं। कुजबास से भारत की ओर जाने वाली दोनों ट्रेनें उत्तर-दक्षिण अंतरराष्ट्रीय परिवहन कॉरिडोर के रास्ते यात्रा पर निकली हैं। रूसी रेलवे ने दोनों ट्रेनों के रवाना होने की पुष्टि की है।

दोस्त भारत के लिए पुतिन ने भेजा खास गिफ्ट

अब हम पुतिन की उस ट्रेन की बात करेंगे, जो रूस से सीधे भारत आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा से पहले दोस्त रूस ने भारत के लिए गिफ्ट भेजा है। 
जी हां, रूस से कोयले लेकर 2 ट्रेनें भारत आ रही हैं। रूस के साइबेरिया इलाके से ईरान होते हुए दो ट्रेनें मुंबई के लिये आ रही हैं। ये पहला मौका है, जब इतनी लंबी यात्रा करके रूस से कोई ट्रेन भारत पहुंचेगी। ये जिस रूट का इस्तेमाल करेंगी उसका नाम है इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरीडोर यानी INSTC। अब आपको इस रास्ते का अंतरराष्ट्रीय महत्व बताते हैं और इससे दोनों देशों की इकोनॉमी की शान कैसे बढ़ेगी ? ये भी जानते हैं।

क्या है INSTC ?

INSTC करीब 7200 किलोमीटर लंबा एक मल्टी मोड नेटवर्क है यानी इसमें रेल, रोड और समुद्री रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है। ये भारत को सेंट्रल एशिया होते हुए सीधे रूस से कनेक्ट करता है। रूस से चली ट्रेनें कजाखिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ईरान के चाबहार बंदरगाह से समुद्री रास्ते से होते हुए मुंबई पहुंचेंगी। यानी जहां रेलवे ट्रैक होगा वहां ट्रेन चलेगी और जहां समुद्री रास्ता होगा। वहां समुद्री जहाजों के जरिये माल पहुंचाया जाएगा‌

कैसे बढ़ेगी इकोनॉमी की शान ?

आईएनएसटीसी ईरान के चाबहार बंदरगाह के माध्यम से रूस को भारत से जोड़ता है। ये भारत के व्यापार के लिए बहुत मायने रखता है। यूक्रेन युद्ध के कारण रूस को समुद्री व्यापार पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में इस गलियारे का आर्थिक और रणनीतिक महत्व और भी बढ़ जाता है। वहीं, भारत के लिए इसकी अहमियत इसलिए है। क्योंकि, भारत इसे चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के विकल्प के रूप में देखता है। 
पिछले महीने भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह का प्रबंधन 10 साल की शुरुआती अवधि के लिए अपने हाथ में ले लिया। यह सौदा आईएनएसटीसी के लिए एक बढ़ावा है। क्योंकि, बंदरगाह आईएनएसटीसी में एक प्रमुख नोड के रूप में काम करेगा। यह क्षेत्रीय संपर्क, मध्य एशिया और अफ़गानिस्तान के भूमि से घिरे देशों के साथ व्यापार की सूरत बदल देगा और एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा, जो इस क्षेत्र को रूस और फिर यूरोप से जोड़ता है। आईएनएसटीसी भारतीय व्यापारियों को मध्य एशिया तक अधिक आसानी से और अधिक लागत प्रभावी तरीके से पहुंचने में सक्षम बनाएगा। एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे भारत की ईरान, रूस, अज़रबैजान और बाल्टिक और नॉर्डिक जैसे देशों तक पहुंच बढ़ेगी। पिछले महीने भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह का प्रबंधन 10 साल की शुरुआती अवधि के लिए अपने हाथ में ले लिया। यह सौदा आईएनएसटीसी के लिए एक बढ़ावा है। क्योंकि बंदरगाह आईएनएसटीसी में एक प्रमुख नोड के रूप में काम करेगा। यह क्षेत्रीय संपर्क, मध्य एशिया और अफ़गानिस्तान के भूमि से घिरे देशों के साथ व्यापार की सूरत बदल देगा और एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा जो इस क्षेत्र को रूस और फिर यूरोप से जोड़ता है‌। आईएनएसटीसी भारतीय व्यापारियों को मध्य एशिया तक अधिक आसानी से और अधिक लागत प्रभावी तरीके से पहुंचने में सक्षम बनाएगा। एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे भारत की ईरान, रूस, अज़रबैजान और बाल्टिक और नॉर्डिक जैसे देशों तक पहुंच बढ़ेगी।

इस रूट का विकल्प बनेगा INSTC

आईएनएसटीसी को स्वेज नहर व्यापार मार्ग के विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक व्यापार का लगभग 12 प्रतिशत, एक मिलियन बैरल तेल और 8 नेचुरल गैस हर दिन नहर से होकर गुजरती है। इजरायल-हमास युद्ध ने इस रूट को असुरक्षित बना दिया है। ऐसे में आईएनएसटीसी कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण रूट हो सकता है, जिसकी भारत को मध्य एशिया में अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए आवश्यकता है। अगर भारत आईएनएसटीसी मार्ग के लिए चाबहार बंदरगाह का लाभ उठाना शुरू कर देता है, तो ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, कृषि, कपड़ा और रत्न और आभूषण को बहुत लाभ होगा‌।

10 देश कॉरिडोर नेटवर्क में शामिल

इस कॉरीडोर के नेटवर्क में दुनिया के 10 देश शामिल हैं। इसका इस्तेमाल दूसरे रास्तों के मुकाबले ज्यादा होगा। उसकी वजह है कि ये स्वेज नहर वाले रास्ते के मुकाबले 30 फीसदी सस्ता होगा और 40 फीसदी छोटा रास्ता होगा. यानी अगर स्वेज नहर के रास्ते पहुंचने में 10 दिन लगते हैं, तो इस रास्ते से सिर्फ 6 दिन लगेंगे। 
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से रूस इस रास्ते का इस्तेमाल बढ़ाना चाहता है। इसकी मदद से भारत सीधे सेंट्रल एशिया से कनेक्ट हो जाएगा। साथ ही इससे चाबहार का इस्तेमाल भी बढ़ेगा, जिसका मैनेजमेंट इस समय भारत के जिम्मे है।

हेड कोच सिल्वरवुड ने अपने पद से इस्तीफा दिया

हेड कोच सिल्वरवुड ने अपने पद से इस्तीफा दिया 

अखिलेश पांडेय 
कोलंबो। टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में श्रीलंकाई टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। श्रीलंकाई टीम ग्रुप स्टेज में सिर्फ एक मैच जीत सकी थी और सुपर-8 में जगह बनाने में नाकाम रही थी। इसके बाद टीम पर कई सवाल उठने लगे थे। जिसके बाद महेला जयवर्धने ने श्रीलंकाई टीम के सलाहकार कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था। अब श्रीलंकाई टीम के हेड कोच क्रिस सिल्वरवुड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 

सिल्वरवुड ने निजी कारणों से हेड कोच के पद से दिया इस्तीफा

क्रिस सिल्वरवुड 2022 से मुख्य कोच थे। लेकिन, अब उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी घोषणा खुद श्रीलंकाई टीम बोर्ड के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की गई है।
अपने इस्तीफे के बारे में सिल्वरवुड ने कहा, "एक अंतरराष्ट्रीय कोच होने के नाते मुझे अपने परिवार से काफी दूर रहना पड़ता है। अपने परिवार के साथ लंबी चर्चा के बाद, अब मुझे लगता है कि घर वापस जाने और उनके साथ समय बिताने का समय आ गया है।''
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) के साथ बिताए गए समय के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मैं खिलाड़ियों, कोचों, सहायक स्टाफ और श्रीलंका क्रिकेट प्रबंधन को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। आपके समर्थन के बिना, कोई भी सफलता संभव नहीं थी।''
उन्होंने आगे कहा, "श्रीलंका क्रिकेट का हिस्सा बनना मेरे लिए सचमुच गर्व की बात थी और मैं कई मीठी यादें अपने साथ ले जा रहा हूं।"

श्रीलंकाई टीम के लिए सफल कोच साबित हुए सिल्वरवुड

आपको बता दें कि क्रिस सिल्वरवुड के कार्यकाल में श्रीलंकाई टीम ने 2022 में एशिया टी20 कप जीता और 2023 में एशिया वनडे कप के फाइनल में भी पहुंची। इसके अलावा टीम ने घरेलू और विदेशी धरती पर कई द्विपक्षीय सीरीज भी जीतीं। इनमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज जीतना और बांग्लादेश के खिलाफ दो बार विदेशी टेस्ट सीरीज जीतना शामिल है।

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  हिंदू धर्म में, चंद्रघंटा देवी महादेवी का तीसरा नवदुर्गा रूप है।...